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March 31, 2025

पिथौरागढ़ : बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा और मुखाग्नि देकर निभाई बेटों की जिम्मेदारी, बेटा फौज से नहीं आ पाया..

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नवीन समाचार, पिथौरागढ़, 17 फरवरी 2025 (2 Daughters Carried Bier of Father-Lighted Pyre) उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में दो बेटियों ने परंपराओं को तोड़कर समाज के लिए मिसाल पेश की है। बुंगाछीना के तोक खुलेती गांव में 54 वर्षीय रवींद्र लाल के आकस्मिक निधन के बाद उनकी बेटियों प्रियंका और एकता ने पुत्र धर्म निभाते हुए पिता के अंतिम संस्कार की क्रियाओं को पूरा किया।

पुत्र के न होने पर बेटियों ने संभाली जिम्मेदारी

Daughters cremated their father, (2 Daughters Carried Bier of Father-Lighted Pyre)संबंधितों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रवींद्र लाल का 15 फरवरी की देर रात हृदय गति रुकने से निधन हो गया। उनके परिवार में पत्नी, बेटा सचिन कुमार और बेटियां प्रियंका (21) और एकता (20) हैं। सचिन कुमार इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) में अरुणाचल प्रदेश की सीमा में तैनात हैं और घर लौटने में तीन दिन का समय लग रहा था।

परिवार को अंतिम संस्कार में दिक्कतें आने लगीं, ऐसे में बड़ी बेटी प्रियंका और छोटी बेटी एकता आगे आईं और पारंपरिक रूढ़ियों को तोड़ते हुए पिता की अर्थी को कंधा देने और मुखाग्नि देने का संकल्प लिया।

गमगीन माहौल में निभाया अंतिम संस्कार (2 Daughters Carried Bier of Father-Lighted Pyre)

इसके बाद रामगंगा और कोकिला नदी के संगम घाट पर प्रियंका और एकता ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी और सामाजिक धारणाओं को चुनौती देते हुए अपनी जिम्मेदारी निभाई। समाज में बेटियों के इस साहसिक कदम की हर ओर प्रशंसा हो रही है।

बेटियों के इस फैसले ने एक बार फिर साबित किया कि संतान का कर्तव्य केवल बेटों का नहीं है, बल्कि बेटियां भी हर जिम्मेदारी निभाने में सक्षम हैं। (2 Daughters Carried Bier of Father-Lighted Pyre)

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