रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए आइएसबीटी चौकी प्रभारी की अलमारी से साढ़े तीन लाख रुपये नकद भी बरामद, कोतवाली प्रभारी पर भी हुई कार्रवाई

नवीन समाचार, देहरादून, 17 मई 2025 (Cash Recovered from Cupboard of Police Officer)। उत्तराखंड के देहरादून जनपद में आइएसबीटी पुलिस चौकी प्रभारी देवेश खुगशाल को विजिलेंस ने गत दिवस जमीन विवाद में गैंगस्टर अधिनियम के तहत गिरफ्तारी का भय दिखाकर एक लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। अब पता चला है कि तलाशी के दौरान उनकी अलमारी से साढ़े तीन लाख रुपये नकद और कुछ दस्तावेज भी बरामद हुए, जिनके स्रोत के बारे में वह कोई स्पष्टीकरण नहीं दे सके। विजिलेंस ने नकद और दस्तावेज जब्त कर लिए हैं। इस घटना ने पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है।
रिश्वत प्रकरण में कोतवाली प्रभारी पर कार्रवाई, चौकी प्रभारी के पूर्व कार्यकाल की भी जांच शुरू
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र राजीव स्वरूप ने पटेलनगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक हरिओम चौहान को तत्काल प्रभाव से पुलिस कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि यह कार्रवाई लापरवाही और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए की गई। खुगशाल की गिरफ्तारी के बाद उनके पूर्व कार्यकाल की भी जांच शुरू हो गई है। वह पहले नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र की बाईपास और लालटप्पड़ चौकी में तैनात रहे, जहां डेढ़ वर्ष पहले उन्हें आइएसबीटी चौकी प्रभारी बनाया गया। उनके कार्यकाल में डग्गामार बसों और अवैध टैक्सी-मैक्सी संचालन पर कार्रवाई न करने के आरोप भी लगे।
विवादित दारोगा हर्ष अरोड़ा की तैनाती पर सवाल
खुगशाल की गिरफ्तारी के बाद आइएसबीटी चौकी प्रभारी के पद पर हर्ष अरोड़ा की नियुक्ति ने नए विवाद को जन्म दिया। अरोड़ा को 25 दिन पहले एक प्रशासनिक अधिकारी से हुए जमीन विवाद में झाझरा चौकी प्रभारी के पद से लाइन हाजिर किया गया था। इसके बावजूद, उन्हें गुपचुप तरीके से झाझरा चौकी में पुनः तैनात किया गया और अब आइएसबीटी चौकी का प्रभारी बनाया गया।
अरोड़ा पहले भी एक पत्रकार के साथ अभद्रता के कारण निलंबित हो चुके हैं। उनकी बार-बार विवादास्पद तैनाती पर पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता रजनीश बत्रा ने कहा कि ऐसे अधिकारियों की नियुक्ति से जनता का विश्वास कमजोर होता है।
पुलिस सुधार और जनविश्वास की चुनौती (Cash Recovered from Cupboard of Police Officer)
खुगशाल का रिश्वत प्रकरण और अरोड़ा की विवादास्पद तैनाती पुलिस विभाग में सुशासन और पारदर्शिता की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं। विजिलेंस ने मामले की गहन जांच शुरू की है, जिसमें खुगशाल के अन्य संदिग्ध गतिविधियों की भी पड़ताल होगी। विशेषज्ञों के अनुसार, पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण और नियुक्ति प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही की जरूरत है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि भ्रष्टाचार और विवादों में लिप्त अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों से दूर रखा जाए, ताकि जनता का विश्वास बना रहे। यह मामला उत्तराखंड पुलिस के लिए आत्ममंथन का अवसर है। (Cash Recovered from Cupboard of Police Officer)
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डॉ.नवीन जोशी, पिछले 20 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय, ‘कुमाऊँ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पीएचडी की डिग्री प्राप्त पहले और वर्ष 2015 से उत्तराखंड सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं। 15 लाख से अधिक नए उपयोक्ताओं के द्वारा 150 मिलियन यानी 1.5 करोड़ से अधिक बार पढी गई आपकी अपनी पसंदीदा व भरोसेमंद समाचार वेबसाइट ‘नवीन समाचार’ के संपादक हैं, साथ ही राष्ट्रीय सहारा, हिन्दुस्थान समाचार आदि समाचार पत्र एवं समाचार एजेंसियों से भी जुड़े हैं। देश के पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) उत्तराखंड’ के उत्तराखंड प्रदेश के प्रदेश महामंत्री भी हैं और उत्तराखंड के मान्यता प्राप्त राज्य आंदोलनकारी भी हैं।











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