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April 1, 2025

स्कूली बच्चों पर एआई का दुष्प्रभाव : शिक्षिकाओं की फोटो एडिट-दूषित कर कर रहे सोशल मीडिया पर वायरल

Beautiful Teacher Sundar Shikshika Navin Samachar

नवीन समाचार, हल्द्वानी, 24 फरवरी 2025 (Adverse Effects of AI on School Children-Editing)स्कूली विद्यार्थियों के शरारती कारनामों में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का प्रभाव भी दिखने लगा है। पहले शिक्षक-शिक्षिकाओं के नाम बिगाड़ने और उपनाम रखने तक सीमित यह हरकतें अब नई तकनीक के उपयोग से एक नए स्तर पर पहुंच गई हैं। हल्द्वानी साइबर पुलिस को ऐसे दस मामले प्राप्त हुए हैं, जिनमें विद्यालयों के कुछ विद्यार्थियों ने शिक्षिकाओं की तस्वीरों को एडिट-दूषित कर उन्हें सोशल मीडिया पर प्रसारित कर दिया है। विद्यार्थियों की इन हरकतों से शिक्षिकाएं मानसिक रूप से परेशान हो रही हैं, और उन्हें पुलिस की शरण लेनी पड़ी है।

12 से 17 वर्ष के विद्यार्थियों की शरारत

(Adverse Effects of AI on School Children-Editing) Why should I care? The question all educators are asking about AI! | by  Jim&MaurieBeasley | Mediumपुलिस व संबंधितों से प्राप्त जानकारी के अनुसार हल्द्वानी के सरकारी व निजी विद्यालयों के 12 से 17 वर्ष के कुछ विद्यार्थियों ने शिक्षिकाओं को मानसिक रूप से परेशान करने के लिए एआई का सहारा लिया है। साइबर पुलिस के अनुसार कक्षा आठ से बारहवीं तक के कुछ विद्यार्थी उन शिक्षिकाओं को निशाना बना रहे हैं जो उन्हें कक्षा में अनुशासन का पालन करने के लिए डांटती-टोकती हैं या अधिक गृहकार्य देती हैं।

एआई का दुरुपयोग कर रहे विद्यार्थी

विद्यार्थी एआई एप्लीकेशनों की सहायता से शिक्षिकाओं की तस्वीरों में अनधिकृत बदलाव कर उन्हें दूषित कर रहे हैं। इन तस्वीरों को किसी अभिनेत्री की छवि से मिलाकर नया स्वरूप देने के बाद उनके मीम्स बनाए जा रहे हैं। इसके पश्चात इन्हें इंस्टाग्राम व अन्य सोशल मीडिया मंचों पर विभिन्न समूहों में साझा कर दिया जाता है।

शिक्षिकाएं मानसिक तनाव में, विद्यालय प्रशासन चिंतित

विद्यार्थियों की इन हरकतों से शिक्षिकाएं मानसिक रूप से परेशान हो रही हैं। विद्यालय प्रबंधन भी विद्यार्थियों की इस प्रवृत्ति से चिंतित है। अब तक हल्द्वानी की दस शिक्षिकाएं इस प्रकार की शिकायत लेकर साइबर पुलिस के पास पहुंच चुकी हैं। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और संबंधित विद्यार्थियों की पहचान की जा रही है।

पुलिस कर रही काउंसलिंग

हल्द्वानी साइबर पुलिस के क्षेत्राधिकारी सुमित पांडे ने बताया कि अब तक दस मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें विद्यार्थियों ने शिक्षिकाओं की तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें सोशल मीडिया पर प्रसारित कर दिया। पुलिस ने कुछ मामलों में विद्यार्थियों की काउंसलिंग कर समाधान निकाला है।

अनजाने में उठा रहे गैरकानूनी कदम

साइबर पुलिस का कहना है कि कई विद्यार्थी, शिक्षिकाओं की फटकार से आक्रोशित होकर अनजाने में ही गलत दिशा में कदम उठा रहे हैं, जिससे वे साइबर अपराध में फंस सकते हैं। इस प्रक्रिया में वे इंटरनेट से कुछ सशुल्क सेवाएं भी प्राप्त कर रहे हैं, जो आगे चलकर कानूनी समस्याएं उत्पन्न कर सकती हैं।

अभिभावकों की भूमिका महत्वपूर्ण

इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए अभिभावकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। विद्यार्थियों के ऑनलाइन क्रियाकलापों पर नजर रखना और उन्हें साइबर अपराधों के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी देना आवश्यक है। साइबर पुलिस ने विद्यालय प्रशासन और अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों को नैतिक शिक्षा दें और उन्हें सही मार्गदर्शन प्रदान करें। (Adverse Effects of AI on School Children-Editing)

समस्या के समाधान हेतु सुझाव (Adverse Effects of AI on School Children-Editing)

  1. विद्यालयों में साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया जाए।

  2. विद्यार्थियों को एआई और डिजिटल मीडिया के सही उपयोग के बारे में शिक्षित किया जाए।

  3. अभिभावक बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर ध्यान दें और अनुचित कार्यों को रोकें।

  4. ऐसे मामलों में पुलिस को तत्काल सूचना दी जाए।

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