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April 2, 2025

उत्तराखंड में पारंपरिक बाखली शैली को सरकार देगी बढ़ावा, तीन लाख रुपये प्रति आवास का मिलेगा आर्थिक सहयोग

Kumati-Bakhli-Ramgarh-Nainital

नवीन समाचार, देहरादून, 26 फरवरी 2025 (Government will Promote Traditional Bakhli Style)। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में किफायती आवासीय भवनों के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार स्थानीय पारंपरिक बाखली शैली को बढ़ावा देगी। इस योजना के तहत भवन निर्माण करने वाले लाभार्थियों को सरकार की ओर से तीन लाख रुपये प्रति आवास का आर्थिक सहयोग दिया जाएगा। इसके साथ ही, भवन निर्माण नियमों में भी आवश्यक संशोधन किए जाएंगे।

औद्योगिक परियोजनाओं की भांति मिलेगा नीतिगत एवं वित्तीय प्रोत्साहन

(Government will Promote Traditional Bakhli Style)उत्तराखंड में पहली बार आवासीय परियोजनाओं को औद्योगिक परियोजनाओं की तरह नीतिगत एवं वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। सरकार द्वारा उत्तराखंड आवास नियमावली-2025 को लागू कर दिया गया है, जो राज्य के सभी विकास प्राधिकरणों और उत्तराखंड आवास एवं विकास परिषद के अंतर्गत प्रभावी होगी। इस नीति का उद्देश्य पर्वतीय क्षेत्रों में आधुनिक, सुलभ और पारंपरिक शैली के अनुरूप किफायती आवास उपलब्ध कराना है।

भू-उपयोग परिवर्तन होगा सरल

उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण द्वारा तैयार की गई इस नियमावली को राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है। इसके तहत भू-उपयोग परिवर्तन को सरल किया गया है, जिससे आवासीय निर्माण प्रक्रिया में तेजी आएगी। साथ ही, मानचित्र स्वीकृति शुल्क में भी छूट प्रदान की गई है। सरकार ने दुर्बल वर्ग के लोगों की आय सीमा को तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया है, जिससे अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकें।

महिला सदस्यों को मिलेगी प्राथमिकता

इस नियमावली को प्रधानमंत्री आवास योजना की नियमावली के अनुरूप तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा आर्थिक रूप से दुर्बल वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए दो लाख रुपये का अनुदान प्रत्येक लाभार्थी को प्रदान किया जाएगा। साथ ही परिवार की महिला सदस्य को प्राथमिकता के आधार पर आवास आवंटित किया जाएगा।

स्टाम्प और पंजीकरण शुल्क में रियायत

सरकार ने इस योजना के तहत स्टाम्प शुल्क में भी छूट प्रदान की है। आर्थिक रूप से दुर्बल वर्ग के लिए स्टाम्प शुल्क एक हजार रुपये, निम्न आय वर्ग के लिए पांच हजार रुपये और निम्न मध्यम आय वर्ग के लिए 10 हजार रुपये निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार, पंजीकरण शुल्क को 500 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक सीमित किया गया है।

डेवलपर की मनमानी पर लगेगी रोक

नई आवास नीति के तहत किफायती आवास निर्माण की लागत को नियंत्रित करने के लिए अधिकतम मूल्य और प्रति वर्ग मीटर कारपेट एरिया की दर निर्धारित की गई है। आर्थिक रूप से दुर्बल वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए अधिकतम आवास मूल्य नौ लाख रुपये या 30 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर, निम्न आय वर्ग (एलआईजी) के लिए 15 लाख रुपये या 33 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर और निम्न मध्यम आय वर्ग (एलएमआईजी) के लिए 24 लाख रुपये या 40 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर तय किया गया है। इससे निजी डेवलपरों द्वारा अधिक कीमत वसूलने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगेगा।

जिला स्तरीय विकास प्राधिकरणों से प्रस्ताव आमंत्रित (Government will Promote Traditional Bakhli Style)

अपर आवास आयुक्त प्रकाश चंद्र दुम्का ने बताया कि शीघ्र ही जिला स्तरीय विकास प्राधिकरणों के साथ बैठक कर इस योजना के अनुसार प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस नीति के लागू होने से राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में किफायती आवास निर्माण को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को आधुनिक सुविधाओं के साथ सुलभ आवास मिल सकेंगे। (Government will Promote Traditional Bakhli Style)

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