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January 9, 2025

हृदयाघात : कारण, बचाव एवं उपचार की आधुनिक एवं पारंपरिक विधियां… लौकी हो सकती है बेहद उपयोगी…

Hridayaghat Hriday rog Heart Attack

डॉ. नवीन जोशी, नवीन समाचार, नैनीताल, 8 जनवरी 2025 (Heart Attack-Causes Precaution-Treatment Methods)हृदयाघात, जिसे आमतौर पर हार्ट अटैक कहा जाता है, एक गंभीर चिकित्सीय स्थिति है। यह तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों तक रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है, जिससे मांसपेशियों को ऑक्सीजन की कमी होती है और वे क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। यह जीवन पर गंभीर खतरे की स्थिति होती है, लेकिन समय पर पहचान, बचाव और उपचार से जीवन को बचाया जा सकता है।

हृदयाघात के मुख्य कारण हार्ट अटैक के लक्षण, कारण और बचाव कैसे करे? | Heart Attack Symptoms Hindi

  1. धमनियों में रुकावट: कोरोनरी धमनियों में कोलेस्ट्रॉल और अन्य वसायुक्त पदार्थ जमा होने से ब्लॉकेज होता है, जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं। यह हृदयाघात का सबसे सामान्य कारण है।

  2. रक्त का थक्का बनना: किसी ब्लॉकेज के कारण रक्त प्रवाह बाधित होने पर रक्त का थक्का बन सकता है, जिससे हृदय तक ऑक्सीजन की आपूर्ति रुक जाती है।

  3. आकस्मिक संकुचन (स्पाज्म): कुछ मामलों में धमनियों में संकुचन हो सकता है, जो रक्त प्रवाह को रोक देता है। यह अक्सर ड्रग्स के दुरुपयोग या अत्यधिक तनाव के कारण होता है।

  4. अनियंत्रित उच्च रक्तचाप: लगातार उच्च रक्तचाप हृदय पर दबाव डालता है और धमनियों को क्षति पहुंचा सकता है।

  5. मधुमेह और मोटापा: ये दोनों स्थितियां हृदयाघात के जोखिम को कई गुना बढ़ा देती हैं।

  6. पारिवारिक इतिहास: जिन लोगों के परिवार में दिल की बीमारियां होती हैं, उन्हें भी यह समस्या हो सकती है। अन्य कारण : 

  7. धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन।

  8. उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर।

  9. शारीरिक निष्क्रियता।

  10. मानसिक तनाव।

हृदयाघात के लक्षण

  • सीने में दर्द या दबाव

  • बांह, पीठ, गर्दन, या जबड़े में दर्द का फैलाव

  • सांस लेने में कठिनाई

  • अत्यधिक पसीना आना

  • मितली और उल्टी

  • बेहोशी या चक्कर आना

  • अत्यधिक थकान

बचाव के उपाय

  1. स्वस्थ-संतुलित आहार का पालन: संतुलित आहार जिसमें फाइबर, फल, सब्जियां, और कम वसा वाले प्रोटीन शामिल हों, हृदय को स्वस्थ रखता है। तले हुए और वसायुक्त भोजन से बचें।

  2. नियमित व्यायाम: हृदय को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करें। योग और ध्यान तनाव को कम करने में सहायक होते हैं।

  3. धूम्रपान और शराब से बचाव: धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन हृदयाघात के जोखिम को बढ़ाता है। इन्हें तुरंत छोड़ना चाहिए।

  4. रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल का प्रबंधन: नियमित जांच करवाएं और चिकित्सक द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन करें।

  5. तनाव प्रबंधन: तनाव हृदय पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसे योग, ध्यान और अन्य गतिविधियों के माध्यम से नियंत्रित करें।

  6. वजन नियंत्रण: स्वस्थ वजन बनाए रखना हृदयाघात के जोखिम को कम करता है।

  7. नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराएं।

उपचार की आधुनिक विधियां

  1. दवाएं: रक्त पतला करने वाली और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करने वाली दवाएं।
  2. एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग: यह प्रक्रिया अवरुद्ध धमनियों को खोलने के लिए की जाती है। एक छोटी ट्यूब (स्टेंट) लगाई जाती है, जो रक्त प्रवाह को पुनर्स्थापित करती है।
  3. बाईपास सर्जरी: यदि ब्लॉकेज गंभीर है, तो बाईपास सर्जरी की जाती है, जिसमें स्वस्थ धमनियों का उपयोग कर नई रक्त प्रवाह मार्ग बनाए जाते हैं।

  4. थ्रोम्बोलाइटिक थेरेपी: रक्त के थक्कों को घोलने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है। यह समय पर किया जाए तो बहुत प्रभावी होता है।

  5. पेसमेकर और आईसीडी: अनियमित हृदय धड़कनों को नियंत्रित करने के लिए पेसमेकर या इम्प्लांटेबल कार्डियक डिफिब्रिलेटर (आईसीडी) लगाए जाते हैं।

  6. हृदय पुनर्वास कार्यक्रम: यह एक व्यापक योजना है जिसमें व्यायाम, पोषण, और जीवनशैली सुधार के उपाय शामिल होते हैं।

  7. कृत्रिम हृदय और हृदय प्रत्यारोपण : गंभीर मामलों में जहां हृदय पूरी तरह से काम नहीं करता, आर्टिफिशियल हार्ट या ट्रांसप्लांट का सहारा लिया जाता है। 

  8. कार्डियक रिहैबिलिटेशन: पुनर्वास कार्यक्रम जो व्यायाम, पोषण और जीवनशैली में बदलाव को प्रोत्साहित करता है।

आपातकालीन स्थिति में क्या करें

  • यदि किसी व्यक्ति को हृदयाघात के लक्षण दिखाई दें, तो उसे तुरंत आराम की स्थिति में रखें।

  • आपातकालीन सहायता (एम्बुलेंस) बुलाएं।

  • यदि उपलब्ध हो, तो एस्पिरिन की एक गोली चबाने के लिए दें।

  • सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) शुरू करें यदि व्यक्ति बेहोश है और सांस नहीं ले रहा।

हृदयाघात से बचाव के संबंध में भारतीय ज्ञान : महाऋषि वागभट के सिद्धांत

(Heart Attack-Causes Precaution-Treatment Methods  जितेन्द्र बाणोत - #वाग्भट अष्टांगहृदय, अष्टांगसंग्रह के रचयिता वाग्भट नाम  से कई महापुरुष हुए हैं। इनका वर्णन इस प्रकार है: #वाग्भट (१ ...भारत में 3000 वर्ष पूर्व महान महाऋषि वागभट ने ‘अष्टांग हृदयम’ नामक पुस्तक लिखी थी, जिसमें 7000 सूत्रों के माध्यम से बीमारियों के उपचार बताए गए हैं। वागभट जी ने हृदयाघात (हार्ट अटैक) को रक्त में अम्लता (blood acidity) की वृद्धि से जोड़ा। उनके अनुसार, अम्लता दो प्रकार की होती है:

  1. पेट की अम्लता (gastric acidity)

  2. रक्त की अम्लता (blood acidity)

जब रक्त में अम्लता बढ़ जाती है, तो यह रक्तवाहिनियों में अवरोध (blockage) उत्पन्न करती है, जिससे हृदयाघात की संभावना होती है।

वागभट जी का समाधान

वागभट जी ने बताया कि अम्लता को क्षारीय (alkaline) खाद्य पदार्थों के सेवन से संतुलित किया जा सकता है। उन्होंने लौकी (bottle gourd) को सबसे प्रभावी क्षारीय पदार्थ बताया।

लौकी का रस कैसे सेवन करें:

  1. मात्रा: रोज 200 से 300 मिलीग्राम।

  2. समय: सुबह खाली पेट या नाश्ते के आधे घंटे बाद।

  3. अधिक प्रभावी बनाने के लिए: इसमें 7 से 10 तुलसी के पत्ते, 7 से 10 पुदीने के पत्ते और काला या सेंधा नमक (आयोडीन युक्त नमक न लें) मिलाकर पियें।

निष्कर्ष (Heart Attack-Causes Precaution-Treatment Methods)

हृदयाघात एक गंभीर स्थिति है, लेकिन इसे रोकने और इसके प्रभाव को कम करने के लिए सही जानकारी, जीवनशैली में बदलाव, और समय पर चिकित्सा सहायता बेहद महत्वपूर्ण है। जागरूकता और समय पर कदम उठाने से हृदयाघात के खतरे को कम किया जा सकता है और कई जीवन बचाए जा सकते हैं। (Heart Attack-Causes Precaution-Treatment Methods, Heart Attack, Health Problems, Heart attack, Causes,)

आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा दोनों ही हृदयाघात की रोकथाम और उपचार में महत्वपूर्ण हैं। वागभट जी के सिद्धांत प्राकृतिक और सरल हैं, जो हृदयाघात के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकते हैं। वहीं, आधुनिक चिकित्सा आपातकालीन स्थितियों में जीवन रक्षा में कारगर है। (Heart Attack-Causes Precaution-Treatment Methods, Heart Attack, Health Problems, Heart attack, Causes,)

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