उठा सवाल: एनसीईआरटी की एक ही पुस्तक दिल्ली में ₹65 व उत्तराखंड में ₹94.20 में क्यों ? जिला कलक्ट्रेट-राजभवन पर जाम, शासन-प्रशासन की छवि और कार्यशैली पर प्रश्न

उठा सवाल: एनसीईआरटी की एक ही पुस्तक दिल्ली में ₹65 व उत्तराखंड में ₹94.20 में क्यों ?
नवीन समाचार, नैनीताल, 27 अप्रैल 2025 (Questions on NCERT Book Rates-Jam on Raj Bhavan)। नैनीताल में रविवार को स्थानीय नागरिकों ने शिक्षा के क्षेत्र में जारी शोषण के विरुद्ध जन-जागरूकता अभियान चलाकर विरोध दर्ज कराया। नगर के तल्लीताल स्थित नैनीताल समाचार के प्रांगण में आयोजित इस प्रदर्शन में प्रतिभागियों ने ‘ये कैसा न्याय?’ का सवाल उठाते हुए कहा कि जब देश में समान शिक्षा नीति लागू करने की बातें की जा रही हैं, तो फिर एनसीईआरटी की एक ही कक्षा की एक जैसी पाठ्य पुस्तक के अलग-अलग राज्यों में अलग मूल्य क्यों निर्धारित किए जा रहे हैं।
प्रदर्शन में शामिल दीप पांडे ने उदाहरण देते हुए दावा किया कि कक्षा 1 की नयी हिंदी की एनसीईआरटी पुस्तक दिल्ली में ₹65 में जबकि उत्तराखंड में ₹94.20 में उपलब्ध है, जो प्रति पुस्तक ₹29.20 का अंतर है। यदि सभी कक्षाओं की पुस्तकों के मूल्य और विद्यार्थियों की संख्या को जोड़कर देखा जाए, तो यह अंतर हजारों-लाखों रुपये में पहुँचता है, जिससे अभिभावकों पर अनावश्यक आर्थिक भार पड़ रहा है। उन्होंने इसे शिक्षा के अधिकार का हनन और विद्यार्थियों व अभिभावकों का आर्थिक शोषण बताया।
बताया कि लगातार 9वें रविवार को यह विरोध-प्रदर्शन आयोजित किया जा रहा है। आंदोलन में भाग लेने वालों ने ‘एक देश, एक पाठ्यक्रम, एक कीमत’ की मांग करते हुए शिक्षा के व्यवसायीकरण पर रोक लगाने की आवश्यकता जताई। मांग की कि पूरे देश में एक जैसी एनसीईआरटी पुस्तकें एक समान मूल्य पर उपलब्ध कराई जाएं। प्रदर्शन में अनेक अभिभावकों, शिक्षकों, विद्यार्थियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और सरकार से शीघ्र निर्णय लेने की मांग की।
जिला कलक्ट्रेट होते हुए राजभवन पर जाम, शासन-प्रशासन की छवि और कार्यशैली पर प्रश्न (Questions on NCERT Book Rates-Jam on Raj Bhavan)
नैनीताल। जिला नैनीताल की फांसी गधेरा से एसएसपी कार्यालय, जिला कलक्ट्रेट होते हुए राजभवन तक का मार्ग खासकर विद्यालयों की छुट्टी के समय वाहनों के जबर्दस्त जाम की समस्या से लगातार जूझ रहा है। कहने को इस बेहद संकरे और तीक्ष्ण चढ़ाई वाले मार्ग पर वन-वे यानी एकल मार्ग व्यवस्था लागू है, लेकिन धरातल पर यह व्यवस्था लागू नहीं है। इसलिये खासकर यहां मौजूद विद्यालयों की छुट्टी के दौरान यहां दोनों ओर से वाहन आने के कारण वाहनों का जाम लग जाता है और दोपहिया वाहन भी जाम में फंस जाते हैं।
जनपद व मंडल मुख्यालय के कुमाऊं कमिश्नरी, जिला न्यायालय, रिजर्व पुलिस लाइन, जिला विकास प्राधिकरण, लोनिवि के प्रांतीय व निर्माण खंड, एसएसपी कार्यालय, जिला कलक्ट्रेट व राजभवन जैसे महत्वपूर्ण कार्यालय व संस्थान होने के बावजूद इस मार्ग पर यह स्थिति शासन-प्रशासन की छवि को भी प्रभावित करती और कार्यशैली पर प्रश्न खड़े करती है। (Questions on NCERT Book Rates-Jam on Raj Bhavan)
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डॉ.नवीन जोशी, पिछले 20 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय, ‘कुमाऊँ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पीएचडी की डिग्री प्राप्त पहले और वर्ष 2015 से उत्तराखंड सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं। 15 लाख से अधिक नए उपयोक्ताओं के द्वारा 150 मिलियन यानी 1.5 करोड़ से अधिक बार पढी गई आपकी अपनी पसंदीदा व भरोसेमंद समाचार वेबसाइट ‘नवीन समाचार’ के संपादक हैं, साथ ही राष्ट्रीय सहारा, हिन्दुस्थान समाचार आदि समाचार पत्र एवं समाचार एजेंसियों से भी जुड़े हैं। देश के पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) उत्तराखंड’ के उत्तराखंड प्रदेश के प्रदेश महामंत्री भी हैं और उत्तराखंड के मान्यता प्राप्त राज्य आंदोलनकारी भी हैं।











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