December 24, 2025

⚖️ पंचायत चुनाव में नामांकन निरस्त करने की अवैध कार्यवाही पर हाईकोर्ट की सख्ती, प्रत्याशी सीता देवी को दी राहत

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-टिहरी जनपद के भुत्सी गांव की जिला पंचायत प्रत्याशी सीता देवी को चुनाव लड़ने की अंतरिम अनुमति
नवीन समाचार, नैनीताल, 13 जुलाई 2025 (High Court Gave Relief on Illegal Cancellation)। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने टिहरी जनपद के भुत्सी गांव की वार्ड संख्या-5 से जिला पंचायत सदस्य पद की प्रत्याशी सीता देवी के नामांकन निरस्त करने के निर्णय पर अंतरिम रोक लगाते हुए उन्हें वर्तमान पंचायत चुनाव में भाग लेने की अनुमति प्रदान कर दी है।

अनापत्ति प्रमाण पत्र को फर्जी बताकर किया था नामांकन निरस्त

High Court Gave Relief on Illegal Cancellation High Court of Uttarakhand | at Nainital | Indiaप्राप्त जानकारी के अनुसार, सीता देवी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर बताया कि उन्होंने सहकारी बैंक से ‘नो ड्यूज सर्टिफिकेट’ यानी अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर नामांकन दाखिल किया था, लेकिन विपक्षी प्रत्याशी की आपत्ति के आधार पर निर्वाचन अधिकारी ने प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए बिना किसी विशेषज्ञ की राय लिए या बैंक से पुष्टि किए उनका नामांकन निरस्त कर दिया। अदालत ने इस प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से अवैध और एकतरफा बताते हुए नामांकन सूची से नाम हटाने पर भी गंभीर टिप्पणी की है।

निर्वाचन अधिकारी की कार्यप्रणाली पर कोर्ट की तीखी टिप्पणी

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक माहरा की खंडपीठ ने बुधवार को हुई सुनवाई में कहा कि निर्वाचन अधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र को मनमाने ढंग से फर्जी ठहराना चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता के विपरीत है। पीठ ने कहा कि प्रत्याशी द्वारा दूसरा प्रमाण पत्र बैंक सचिव से प्राप्त कर प्रस्तुत किए जाने के बावजूद भी नामांकन अस्वीकार किया जाना दर्शाता है कि यह कार्यवाही पूर्व नियोजित व दुर्भावनापूर्ण प्रतीत होती है।

चुनाव चिन्ह आवंटित कर चुनाव लड़ने का आदेश

पीठ ने निर्वाचन अधिकारी को निर्देशित किया है कि सीता देवी को एक वैध प्रत्याशी मानते हुए उन्हें चुनाव चिह्न आवंटित किया जाए और उनका नाम मतपत्र में छापा जाए ताकि वह भुत्सी ग्राम पंचायत के वार्ड संख्या-5 से चुनाव लड़ सकें।

राज्य निर्वाचन आयोग से हस्तक्षेप की मांग

उच्च न्यायालय ने राज्य निर्वाचन आयुक्त से ऐसे मामलों में भविष्य में पारदर्शिता व निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए रिटर्निंग अधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने को भी कहा है, जिससे आगे किसी प्रत्याशी के साथ इस प्रकार की अवैध व अनुचित कार्यवाही न हो सके।

संवैधानिक प्रावधानों का उल्लेख कर न्यायालय का निर्देश (High Court Gave Relief on Illegal Cancellation)

कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 243-ओ(बी) का उल्लेख करते हुए कहा कि यह याचिका प्रत्याशी के नामांकन निरस्त करने की अवैधता पर केंद्रित है न कि चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने हेतु। यह रिट याचिका केवल चुनाव में निष्पक्ष भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दायर की गई है।

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