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December 22, 2024

पक्षी-तितली प्रेमियों का सर्वश्रेष्ठ गंतव्य है पवलगढ़ रिजर्व

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yello bird

उत्तराखंड का नैनीताल जनपद में रामनगर वन प्रभाग स्थित पवलगढ़ रिजर्व पक्षी प्रेमियों के लिए बेहतरीन गंतव्य है। दिल्ली से सड़क और रेल मार्ग से करीब 260 किमी तथा नजदीकी हवाई अड्डे पंतनगर से करीब 87 किमी दूर रामनगर के जिम कार्बेट नेशनल पार्क से कोसी नदी के दूसरी-पूर्वी छोर से सटा 5824 हैक्टेयर में फैला प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधिता से लबरेज पवलगढ रिजर्व, पक्षियों को देखने यानी बर्ड वाचिंग के शौकीनों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त स्थान है। यहां अब तक करीब 365 प्रजातियों के पक्षी देखे और पहचाने जा चुके हैं। साथ ही यहां मिलती करीब 83 तरह की तितलियां और 100 प्रकार के मॉथ यानी तितलियों की ही दूसरी प्रजातियां भी मिलती हैं।

पवलगढ़ में दिख सकते हैं ये खूबसूरत परिंदे :

जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान से सटे पवलगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व रिजर्व में सैलानियों को तन-बदन में रोमांच का नया जोश भर देने वाले शानदार बाघ-रॉयल बंगाल टाइगर, भारतीय हाथी और बूटेदार गुलदार के रोमांचक दीदार अमूमन हो जाते हैं, इसके साथ ही कार्बेट पार्क की तरह यहां भी इन तथा ऐसे ही अन्य अनेकों सैकड़ों प्रजातियों के वन्य जीवों की काफी संख्या मौजूद है।

201507011706532193 Pvlgdh Conservation Reserve showing white reindeer SECVPF

और यदि यहां आने वाले सैलानी खुशकिस्मत हुए तो उन्हें यहां एक सफेद खूबसूरत हिरन के भी दीदार हो सकते हैं, जिसे अभी जून 2015 में यहां के क्यारी गांव के रहने वाले विनोद बुधानी नाम के व्यक्ति ने देखकर वन विभाग के अधिकारियों को भी हैरत में डाल दिया है। इसके अलावा यहां इंटरनेशनल यूनियन ऑफ कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) द्वारा भारत में खतरे में बताई गई, दुनिया की सबसे तेज उड़ने वाली पैरीग्रिराइन फाल्कन चिड़िया के साथ ही ग्रेट स्लेटी वुड पीकर चिड़िया की भी अच्छी-खासी संख्या मौजूद है। अपनी इन्ही खासियतों की वजह से बीती चार से आठ फरवरी 2015 के बीच यहां स्प्रिंग बर्ड फेस्टिवल आयोजित किया गया, जिसमें पहुंचे पक्षी विशेषज्ञों के समूहों ने यहां सैकड़ों प्रजातियों के पक्षियों, तितलियों और मॉथ के दीदार किए। यहां की सीतावनी-क्यारी की ट्रेल में एक ही जगह पर ग्रेट स्लेटी वुड पीकर के साथ खतरे में पड़ी कॉमन क्रैस्ट्रल, स्टीपी ईगल और ब्लैक शोल्डर्ड के साथ ही अनेकों प्रजातियों के शिकारी परिंदों के दीदार भी हो सकते हैं। आगे, उत्तराखंड का वन विभाग यहां 85 लाख रुपये से बर्ड वाचिंग ट्रेल विकसित कर रहा है, जिसमें ग्रामीणों की भी बराबरी की सहभागिता से लगातार सुविधाएं बढ़ाने का प्रयास किये जा रहे हैं, जिनके माध्यम से सैलानियों को ग्रामीणों के बीच रहकर उनके जन-जीवन को समझने और उनके व्यंजनों का लजीज जायके भी मिल सकेंगे। साथ ही पवलगढ़ रिजर्व के चुनिंदा स्थानों पर सैलानियों को पैदल बर्ड वाचिंग ट्रेल की सुविधा, ठीक-ठाक स्थिति में वन मार्ग व आवासीय तथा अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं, जिससे सैलानी यहां का भरपूर आनंद ले पाते हैं।

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