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November 21, 2024

कैसे बनाएं अपना ब्लॉग या वेबसाइट, कैसे करें ब्लॉगिंग और कैसे इंटरनेट से कमायें

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Blogging 1
फ्री में अपना ब्लॉग कैसे बनाये?

अपना ब्लॉग शुरू करने से पहले स्वयं से सवाल पूछें कि आप ब्लोगिंग क्यों करना चाहते है ?

ब्लॉग निम्न कारणों से बनाये जाते हैं : 

  • अपने ब्लॉग से पैसा कमाने के लिए
  • अपना खुद के लेखों को ऑनलाइन करने के लिए
  • अपने उत्पादों की बिक्री या अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए
  • अपने लिखने का शौक पूरा करने या अपना लिखा हुआ सुरक्षित-संग्रहीत करने के लिए

अपना ब्लॉग बनाने के लिये प्रमुख चरण : 

  • सबसे पहले अपने ब्लॉग का विषय यह सोचते हुए चुनें कि आपके पाठक कौन लोग होंगे, और वे क्या पढ़ना पसंद करेंगे और आप उन्हें कैसी पाठ्य सामग्री उपलब्ध करा सकते हैं। सोच लें कि आपका चुना हुआ विषय आपके मन व पसंद का भी हो, और आप उसमें लंबा कार्य कर सकते हों।
  • ब्लॉग बनाने के लिए शुरू में WordPress.Com, Blogger.Com, Livejournal.Com, Tumblr.Com, Blog.Com, Weebly.Com और Squarespace.com आदि में से एक फ्री वेब होस्टिंग ब्लॉगिंग प्लेटफार्म चुनें, इनमें सीमित सुविधाएँ मिलती हैं। इस प्लेटफोर्म पर ही आपका ब्लॉग बनेगा।

निम्न चित्र यह तय करने में मदद कर सकता है कि किस प्लेटफोर्म पर ब्लॉग बनाएं :

  • इसके बाद एक ऐसा डोमेन नाम (आपके ब्लॉग को इन्टरनेट पर उपलब्ध कराने वाला URL पता) सोचें, जो उपलब्ध हो, और आपके ब्लॉग के विषय को सबसे बेहतर तरीके से प्रतिबिंबित करता हो, एवं विशिष्ट तथा छोटा हो। FREE वेबसाइटों पर अपना आपका ब्लॉग डोमेन (www.yourname.wordpress.com) या (www.yourname.blogger.com) जैसा कुछ ऐसा होगा। पर यदि आप पेशेवर तरीके से ब्लॉग या वेबसाइट बनाने का पूरा मन बना चुके हैं तो ‘गोडैडी डॉट कम्पनी’ जैसी किसी भरोसेमंद कंपनी से डोमेन नेम खरीद कर ले लें। इन साइटों पर आप का Domain Name अपनी पसंद का “yourname.com” या “yourcompanyname.com” या  .in, .org, .net जैसा हो सकता है।
  • कोशिश करें कि आप जिस पेशे में हैं, उसी से सम्बंधित ब्लॉग या वेबसाइट बनायें। उदाहरण के लिए यदि व्यवसायी हैं तो अपने उत्पादों से
  • सम्बंधित, कवि-लेखक, कहानीकार या पत्रकार-छायाकार हैं, तो कविताओं, कहानियों से सम्बंधित ब्लॉग और न्यूज़ वेबसाइट बना सकते हैं।

तीसरा कदम सर्वर पर ‘स्पेस’ (यानीआपकी ब्लॉग की सामग्री के लिए जगह) लेने का है । होस्टिंग कम्पनी आपको अपने सर्वर पर जगह उपलब्ध कराती है। शुरू में आप WordPress.Com, Blogger.Com, Livejournal.Com, Tumblr.Com, Blog.Com, Weebly.Com आदि कंपनियों से ‘फ्री होस्टिंग’ विकल्प भी चुन सकते हैं, पर यदि आप पेशेवर तरीके से ब्लॉग या वेबसाइट बनाने का पूरा मन बना चुके हैं तो डोमेन नेम के साथ किसी होस्टिंग कंपनी से आवश्यक स्पेस भी ले लें।

  • जान लें कि होस्टिंग कम्पनी वे होती है जहाँ आपकी वेबसाइट को इन्टरनेट पर डाला जाता है ताकि हर कोई उसे देख सके। आप जब चाहे यहाँ से अपनी वेबसाइट या ब्लॉग को अपडेट कर सकते है। होस्टिंग कम्पनी हमारे कम्पूटर में हार्ड डिस्क की तरह होती है, जिसमे हम अपनी फाइलों को ‘सेव’ करके रखते हैं।
  • फ्री वाली सुविधाओं से किसी तरह के Monetization यानी कमाने की उमींद नहीं की जा सकती है। साथ ही ऐसे ब्लोगों को सम्बंधित कम्पनी कभी हटा भी सकती है।

जबकि दूसरी Self Hosted ब्लॉग या वेबसाइटों के आप ही मालिक होंगे। अलबत्ता, तय समय पर आपको अपना डोमेन नेम या स्पेस अपडेट करना होगा।

होस्टिंग कम्पनी CPanel उपलब्ध कराती हैं,डोमेन नेम और स्पेस खरीदने के बाद कंपनी द्वारा उपलब्ध कराये जाने वाले CPanel पर जाकर  आपको WordPress को install करना होता है। जिसके बाद आप अपनी मनपसंद Themes और Plugins चुन सकते हैं, और अपनी पहली ब्लॉग पोस्ट के साथ ब्लॉग्गिंग शुरू कर सकते हैं।

मॉनीटाइजेशन:
इस तरह आप अपना ब्लॉग या वेबसाइट बना लेंगे, किंतु यह भी जान लें कि ब्लॉग बना लेने के साथ ही कार्य पूरा नहीं हो जाता। वास्तव में असली कार्य तो इसके बाद शुरू होता है। क्योंकि किसी भी कार्य का अभीष्ट तब तक पूरा नहीं होता है, जब तक उससे कोई आर्थिक लाभ न मिलने लगे। एक लाभ तो ब्लॉग या वेबसाइट के जरिए अपने उत्पादों को बेचकर प्राप्त किया जाता है। दूसरे, ब्लॉग या वेबसाइट पर आने वाले ‘ट्रेफिक’ यानी वेबसाइट पर क्लिक करने वाले लोगों की संख्या के जरिए भी आय प्राप्त की जा सकती है। इस प्रक्रिया को Monitization कहते हैं। वेबसाइट या ब्लॉग को मॉनीटाइज्ड यानी धन कमाने के लिए उपयुक्त बनाने के लिए कई चरणों से गुजरना पड़ता है।

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इन लिंक को क्लिक करके भी इंटरनेट से विज्ञापन लगाकर आय प्राप्त की जा सकती है :
  1. गूगल एडसेंस @ https://www.google.com/adsense/new/u/0/pub-5887776798906288/home
  2. एडजेब्रा @ https://login.adgebra.in/AdgebraUI/login.do
  3. एडनाउ @ adnow.com/?referral=327478
  4. Popads @ https://www.popads.net/users/dashboard/publisher
  5. https://dashboard.mgid.com/publisher
  6. रेवकंटेंट @ http://www.revcontent.com/?RCinsiderinvitation=D6-11QW1H
  7. एड्ज़ मार्किट @ https://www.adzmarket.net/?rid=1173
  8. ज़ेडो @ https://www.zedo.com/get-started-with-zedo/#sf_form_salesforce_w2l_lead_2
  9. स्टैलियन मीडिया.नेट  
  10. मैनहट्टन @ http://www.mymanhattancom.com/
  11. कोमली @ http://www.komli.com/index.html
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सबसे पहले वेबसाइट को मुख्यतः ‘गूगल एडसेंस’ अथवा ऐसे अन्य कई मॉनटाइजेशन उपलब्ध कराने वाली वेबसाइटों से जोड़ना होता है। इसकी प्रक्रिया गूगल एडसेंस या संबंधित साइट से जानी जा सकती है, और वहां से मिलने वाले निर्देशों का पालन करना होता है। गूगल एडसेंस से जुड़ने के लिए वेबसाइट में एक तय मात्रा में ‘ट्रेफिक’ होना जरूरी होता है। गूगल एडसेंस से जुड़ने के बाद वेबसाइट पर विज्ञापन दिखने लगते हैं, और वेबसाइट पर आने वाले ‘ट्रेफिक’ और यहां दिखने वाले विज्ञापनों को मिलने वाले ‘क्लिक्स’ के आधार पर कमाई होने लगती है। यूरोप व अमेरिका जैसे देशों से मिलने वाले ‘क्लिक्स’ व ‘व्यूज’ पर अधिक कमाई होती है।

  • एसईओ:
    यह सब कुछ हो जाने के बाद भी आय प्राप्त करना आसान नहीं होता है। इसके लिए वेबसाइट पर अधिकाधिक ‘ट्रेफिक’, ‘क्लिक्स’ व ‘व्यूज’ की जरूरत पड़ती है। यह तभी संभव होता है, जब अधिक से अधिक लोग वेबसाइट पर आएं। ऐसा तब ही हो सकता है जब गूगल व अन्य सर्च इंजन्स पर आपकी वेबसाइट शीर्ष स्थानों पर आए। वेबसाइट को सर्च इंजन्स पर शीर्ष स्थानों पर लाने के लिए ‘एसईओ’ यानी ‘सर्च इंजन ऑप्टीमाइजेशन’ का प्रयोग किया जाता है। कई एसईओ कंपनियां पैंसे लेकर किसी साइट को सर्च इंजन पर ऊपर करती हैं। किंतु यदि एक ब्लॉगर कुछ बिंदुओं का खयाल अपनी वेबसाईट और उसकी पोस्ट्स लिखने में करे तो उसकी साइट बिना एसईओ कंपनियों को कुछ दिए स्वयं भी सर्च इंजन्स पर ऊपर आ सकती है।
    वेबसाइट के एसईओ फ्रेंडली होने के लिए निम्न बिंदुओं पर ध्यान दिये जाने की जरूरत होती है:
  • वेबसाइट ट्रेफिक: अधिक होना चाहिए। साथ ही ‘higher pages per session’ भी हो, यानी प्रयोक्ता वेबसाइट पर अधिक पेज देखने को प्रेरित हों ।
  • की वर्ड्स, टैग्स, ‘ट्रेंड्स: वेबसाइट की सामग्री से संबंधित तथा लोगों की सर्च की जरूरतों के अनुरूप की वर्ड्स या टैग्स लगाना अपने आप में बड़ा कार्य है। इंटरनेट सर्च इंजनों पर चल रहे ‘ट्रेंड्स’ को देखते हुए की वर्ड्स, टैग्स लगाने में बहुत होशियारी की जरूरत होती है। ‘ट्रेंड्स’ के अनुरूप, परंतु वेबसाइट की सामग्री से इतर गलत टैग्स लगाने से भी नुकसान होता है। वेबसाइट को तब बेहतर माना जाता है, जब लोग उस पर आएं और उन्हें इच्छित सामग्री मिले, ना कि वे सामग्री न मिलने पर जल्दी वहां से लौट जाएं। प्रयोक्ता क्या देखना चाह रहे हैं, इस पर नजर रखकर भी उन्हें उनकी इच्छित सामग्री उपलब्ध कराई जा सकती है।
  • लिंक्स: वेबसाइट की सामग्री में विस्तृत जानकारी देने के लिए अपने ही किसी अन्य पेज के लिंक्स दिए जाते हैं। इससे पाठक वेबसाइट के ही विभिन्न पेजों व पोस्ट्स में अटके रहते हैं। इससे स्वाभाविक तौर पर वेबसाइट को अधिक ‘व्यूज’ मिलते हैं, व मॉनीटाइजेशन में भी लाभ मिलता है। यह वेबसाइट पर प्रयोक्ताओं का अधिक भरोसा भी स्थापित करता है, जिससे वे बार-बार यहां आते हैं।
  • वेबसाइट को सुरक्षित बनाना: वेब होस्टिंग कंपनियां कुछ अतिरिक्त पैंसे लेकर किसी वेबसाइट को सुरक्षित बना देती हैं। जिसके बाद वेबसाइट का यूआरएल पता http://से https://में बदल जाता है।
  • मोबाइल/एप्स फ्रेंडली: आज के दौर में जबकि मोबाइल-स्मार्ट फोनों का प्रयोग इंटरनेट के प्रयोग में बढ़ता जा रहा है, ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि कोई वेबसाइट मोबाइल पर भी उतनी ही बेहतर चले, जितनी व कम्प्यूटर या लेपटॉप पर चलती है। बल्कि वेबसाइट का अपना एप भी बना लें और अधिक लाभदायक हो सकता है।
  • गूगल एनालिटिक्सवेबसाइट पर कितना ट्रेफिक है, और कहां से है, इस पर नजर रखने के लिए हालांकि वेबसाइट में भी ‘स्टैट्स’ देखने की व्यवस्था होती है, पर इस कार्य के लिए वेबसाइट को ‘गूगल एनालिटिक्स’ से जोडकर भरोसेमंद आंकड़े प्राप्त किए जाते हैं। यह आंकड़े अन्य माध्यमों से भी विज्ञापन प्राप्त करने में सहायक होते हैं।

Website या blog की page speed को कैसे बढ़ाएं

1. HTTP Requests को कम करें – Reduce HTTP Requests

वेबसाइट की गति में सुधार करने के लिए, http Requests को कम से कम करें. प्रत्येक प्रकार की सामग्री वेबसाइट पर आकार के अनुसार जगह को रोकती है। जितनी अधिक सामग्री या फ़ाइल, उतनी अधिक जगह लेता है। एक वेबसाइट पेज में भारी स्वरूपित सामग्री का अर्थ है कि यह इंटरनेट पर लोड होने में ज्यादा समय लेगा। इसलिए, वेबसाइट गति को बेहतर बनाने के लिए कम से कमWidgets and outgoing links आदि होने चाहिए।

2. Reduce Server Response Time

खोज करने के लिए एक वेबसाइट के लिए कितना समय लगता है वेबसाइट का server response time क्या है यदि server response time 200 एमएस (मिलीसेकंड) से अधिक ले रहा है तो अपने SEO experts या होस्टिंग कंपनी की मदद से इसे सही करे |Slow loading होने के कारण बहुत से readers आपके वेबसाइट या ब्लॉग पर विजिट नहीं करेंगे |

3. Page optimization

हर एक heavy loaded page को पूरी तरह से खोलने के लिए समय लगता है। और अगर उपयोगकर्ता की इंटरनेट की गति कम है तो कभी कभी पेज भी ओपन नहीं होता |इस समस्या का समाधान पृष्ठों की संपीड़न है compression of pages. Compressed pages कम bandwidth के साथ खुलते है | जिसे आपकी blog की page speed बढ़ती है |
आज के समय में अधिकांश वेब सर्वर उपयोगकर्ताओं को Gzip टेक्नोलॉजी की सहायता से फाइलों को compress करके डाउनलोड offer करते है |

4. Redirects कम करें

Redirects की संख्या कम करें, क्योंकि सभी redirects एक HTTP request भेजते हैं और हर request वेबसाइट की गति को कम करने में एक भूमिका निभाती है।

5. प्लगइन्स कम करें

wp plugins को कम करें क्योंकि वेबसाइट से जुड़े प्रत्येक wordpress plugins bandwith का उपयोग करता है। इसलिए वेबसाइट की गति में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण प्लग-इन रखें।

6. Optimize Images and Videos

image का size सही रखें big size images को reduce करें और अपलोड करने के बाद आकार को कम करें। जरूरत के बिना वीडियो और अन्य बड़ी फ़ाइलों को अपलोड न करें आज  ऐसे कई प्लगइन्स हैं जो छवियों और वीडियो को optimize कर सकते हैं … और वेबसाइट की गति बढ़ा सकते हैं।

7. सर्वश्रेष्ठ होस्टिंग चुनें – Best Hosting

अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण बिंदु जो वेबसाइट की गति में सुधार करने के लिए,सर्वश्रेष्ठ होस्टिंग चुनें अर्थात् Best Hosting. यह उन ग्राहकों के लिए एक आम समस्या है जो सस्ते होस्टिंग योजना खरीदते हैं।इसलिए यदि वेबसाइट धीमी गति से लोड हो रही है, तो Your hosting companies can be responsive…..!

इसलिए, आपको अच्छी कंपनियों (bluehost और hostgator) की वेबसाइट होस्ट खरीदना चाहिए … ..!

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