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March 29, 2025

एनडीपीएस एक्ट के मामलों में आरोपित जिन अन्य का नाम बताए, जिसका वाहन प्रयुक्त हो तथा संबंधित चिकित्सक के विरुद्ध भी दर्ज होगी नामजद रिपोर्ट

Nashe men Vahan Nasha Gadi Car

-उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय के नये निर्देश, पुलिस को इस अनुसार करनी होगी कार्रवाई
नवीन समाचार, नैनीताल, 21 फरवरी 2025 (Instructions by DGC for Police in NDPS Act Cases) एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत मामलों की कार्रवाई में उत्तराखंड उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुपालन के लिए जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) नैनीताल सुशील कुमार शर्मा ने जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर समस्त थानाध्यक्षों को उचित निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है।

पत्र में दिए गए हैं यह निर्देश

(Instructions by DGC for Police in NDPS Act Cases)पत्र में कहा गया है कि एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार किए जाने वाले आरोपित को मौके पर ही स्पष्ट रूप से अवगत कराया जाना चाहिए कि उसके पास से बरामद माल इस अधिनियम के तहत प्रतिबंधित है। साथ ही उसे गिरफ्तार किए जाने का कारण स्पष्ट करते हुए बरामदगी फर्द की प्रति पढ़कर सुनाई जानी चाहिए और उस पर आरोपित के हस्ताक्षर कराए जाने चाहिए। आरोपित को दी गई प्रति को संतर झाड़ा के समय उसके पास से बरामद करने पर उसकी भी फर्द बनाकर जीडी में इंद्राज किया जाना आवश्यक बताया गया है।

यदि आरोपित बरामद माल के बारे में किसी अन्य व्यक्ति का नाम बताता है तो…

पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि बरामदगी की फर्द के साथ-साथ अलग से गिरफ्तारी फर्द तैयार कर आरोपित से हस्ताक्षर कराना अति आवश्यक है। यदि आरोपित बरामद माल के बारे में किसी अन्य व्यक्ति का नाम बताता है तो उसका पूरा विवरण दर्ज कर धारा 29 के तहत उस व्यक्ति के विरुद्ध भी नामजद रिपोर्ट दर्ज की जानी चाहिए। मौके पर तैयार सभी दस्तावेजों में उपस्थित व्यक्तियों के हस्ताक्षर अनिवार्य रूप से होने चाहिए।

माल वाहन में बरामद होता है तो…

पत्र में स्पष्ट किया गया है कि एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत जब कोई माल वाहन में बरामद होता है और वह वाहन आरोपित या उसके परिजनों का होता है, तो उन्हें भी आरोपित बनाया जाना आवश्यक होगा। विवेचना के दौरान प्राप्त तथ्यों के आधार पर उनके विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया जा सकता है या नहीं, इस पर निर्णय लिया जा सकता है। इसके अतिरिक्त आरोपित की गिरफ्तारी की सूचना लिखित रूप में परिवारजनों को देना भी अनिवार्य बताया गया है, जिसमें बरामद माल की मात्रा और गिरफ्तारी का कारण स्पष्ट रूप से दर्ज होना चाहिए।

यदि आरोपित किसी चिकित्सक द्वारा दी गई पर्ची दिखाता है तो….

एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रतिबंधित इंजेक्शन या दवाइयों की बरामदगी की स्थिति में आरोपित से उनका लाइसेंस भी पूछा जाना चाहिए। यदि आरोपित किसी चिकित्सक द्वारा दी गई पर्ची दिखाता है तो चिकित्सक का पूरा विवरण दर्ज किया जाना चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर संबंधित चिकित्सक के विरुद्ध भी जांच कर अपराध प्रमाणित होने पर अभियोग पंजीकृत किया जाना चाहिए। पत्र में पर्वतीय क्षेत्रों में चरस के व्यापार पर रोक लगाने के लिए भांग की खेती पर कड़ी नजर रखने और उसे मौके पर ही नष्ट करने की सिफारिश की गई है, जिससे अवैध नशीले पदार्थों के उत्पादन और व्यापार पर अंकुश लगाया जा सके।

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हाल ही में दिए गए आदेशों का हवाला (Instructions by DGC for Police in NDPS Act Cases)

जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा भेजे गए इस पत्र में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हाल ही में दिए गए आदेशों का हवाला देते हुए कहा गया है कि विहान कुमार बनाम स्टेट ऑफ हरियाणा (एसएलपी संख्या 13320/24) और विश्वजीत डे बनाम स्टेट ऑफ असम (एसएलपी संख्या 13370/24) मामलों में दिए गए निर्देशों के अनुसार एनडीपीएस एक्ट की धाराओं का कड़ाई से अनुपालन किया जाना आवश्यक है।

इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से अनुरोध किया है कि समस्त थानाध्यक्षों को इस विषय में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं, जिससे एनडीपीएस एक्ट के मामलों में न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित न हो और किसी भी प्रकार की विधिक त्रुटि से बचा जा सके। (Instructions by DGC for Police in NDPS Act Cases)

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