December 15, 2025

हाई कोर्ट की सख्ती के बाद कुमाऊं विवि में बड़ी कार्रवाई, गलत अभ्यर्थी को मिली नियुक्ति पर प्रोफेसर निलंबित

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(Kumaon University Chhatra Mahasangh Chunav-29th)
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नवीन समाचार, नैनीताल, 26 जुलाई 2025 (Kumaun University Action of Fake Professor)उत्तराखंड के नैनीताल जनपद स्थित कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर में भौतिकी विभाग में प्राध्यापक पद पर वर्ष 2005 में गलत अभ्यर्थी को नियुक्ति देने के मामले में हाई कोर्ट के सख्त रुख के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। विवि प्रशासन ने इस प्रकरण में वर्तमान में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत प्रमोद कुमार मिश्रा को निलंबित कर दिया है। साथ ही उन्हें डीन कला संकाय से संबद्ध कर दिया गया है।

भौतिकी विभाग में चयन के नाम पर हुई गड़बड़ी

Kumaun University Action of Fake Professorप्राप्त जानकारी के अनुसार यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। याचिकाकर्ता इंदिरापुरम गाजियाबाद निवासी पवन कुमार मिश्रा पुत्र इंद्रजीत मिश्रा का कहना है कि जनवरी 2005 में उनका चयन भौतिकी विभाग में प्राध्यापक पद के लिए हुआ था, किंतु उनके नाम से मिलते-जुलते नाम वाले अभ्यर्थी प्रमोद कुमार मिश्रा पुत्र लक्ष्मी शंकर मिश्रा को नियुक्ति दे दी गई। उनका आरोप है कि तत्कालीन कुलसचिव, संकायाध्यक्ष व विभागाध्यक्ष सहित कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से यह नियुक्ति पत्र जारी किया गया।

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20 वर्षों बाद चला पता, उच्च न्यायालय ने माना गंभीर मामला

पवन मिश्रा के अनुसार उन्हें इस गड़बड़ी की जानकारी नवंबर 2024 में मिली। इसके बाद उन्होंने कुलपति व मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई, किंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंततः उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विवि से मूल अभिलेख तलब कर लिए। प्रथम दृष्टया धांधली सामने आने पर कोर्ट ने सीबीसीआईडी हल्द्वानी के पुलिस अधीक्षक को गहराई से जांच के निर्देश दिये हैं।

सीबीसीआईडी की जांच में गहराई से उठे सवाल

पुलिस व संबंधितों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सीबीसीआईडी इस मामले में अब तक करीब 90 सेवारत व सेवानिवृत्त कर्मचारियों से पूछताछ कर चुकी है। सूत्रों की मानें तो जांच एजेंसी को गड़बड़ी के पुख्ता प्रमाण भी प्राप्त हुए हैं। इन्हीं प्रमाणों के आधार पर विवि ने प्रो. प्रमोद कुमार मिश्रा को निलंबित किया है।

नियुक्ति के बाद पदोन्नति पर भी उठे सवाल

विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि जांच पूरी होने पर दोष सिद्ध होने पर प्रो. प्रमोद मिश्रा की नियुक्ति रद्द की जा सकती है और अन्य दोषियों पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई संभव है। इस प्रकरण में शिकायत मिलने के बावजूद तत्कालीन कुलपति के कार्यकाल में प्रो. मिश्रा को पदोन्नति देना भी जांच के दायरे में आ गया है।

कुलसचिव डॉ. मंगल सिंह मंद्रवाल ने स्पष्ट किया है कि प्रमोद मिश्रा की पदोन्नति उनके कार्यकाल में नहीं हुई और विवि इस पूरे मामले की जांच में सीबीसीआईडी को पूरा सहयोग कर रहा है।

अब तक ये हुए प्रभावित (Kumaun University Action of Fake Professor)

उल्लेखनीय है कि इस मामले में प्रमोद कुमार मिश्रा को नियुक्ति देने वाले तत्कालीन कुलपति प्रो. आरसी पंत व कुलसचिव सुरेश जोशी अब दिवंगत हो चुके हैं, जबकि विभागाध्यक्ष सेवानिवृत्त हो चुके हैं। ऐसे में जांच की आंच पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों तक भी पहुंचने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं।

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