नैनीताल के पौनी सराय की फ्री होल्ड नजूल भूमि प्रकरण: उच्च न्यायालय ने नगर पालिका से कर्मचारियों की सूची पेश करने के दिए निर्देश, SSP हुए न्यायालय में पेश

नवीन समाचार, नैनीताल, 28 मार्च 2025 (Nainital-Freehold Nazul land case of Pauni Sarai)। नैनीताल के मल्लीताल स्थित अंडा मार्केट के पास पौनी सराय की फ्री होल्ड नजूल भूमि को पूर्व में जिलाधिकारी द्वारा निरस्त किए जाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ में सुनवाई हुई। मामले में उच्च न्यायालय ने नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को निर्देश दिया कि पालिका में कार्यरत उन कर्मचारियों की सूची न्यायालय में पेश करें, जिनके नाम पर नजूल भूमि फ्री होल्ड की गई है।
एसएसपी ने न्यायालय में पेश होकर दी जानकारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार उच्च न्यायालय ने पौनी सराय (घोड़ा स्टैंड) की नजूल भूमि प्रकरण में वर्ष 2004 और 2013 में नैनीताल के जिलाधिकारी द्वारा जारी आदेशों का रिकॉर्ड न मिलने और नजूल भूमि के कागजात में छेड़छाड़ की जांच वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा को सौंपी थी। न्यायालय के पूर्व आदेश के अनुपालन में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शुक्रवार को न्यायालय में पेश हुए।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने न्यायालय को बताया कि मामले में तत्कालीन नजूल लिपिक प्रकाश सहदेव के विरुद्ध मल्लीताल कोतवाली में अभियोग दर्ज किया गया है। साथ ही पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है। इस दौरान मामले की सुनवाई की।
याचिकाकर्ता का दावा: भूमि के रिकॉर्ड में छेड़छाड़
याचिकाकर्ता प्रमोद सहदेव पुत्र स्व. रामस्वरूप सहदेव ने याचिका में कहा कि पौनी सराय की नजूल भूमि वर्ष 1996 में उनके पिता के नाम फ्री होल्ड की गई थी। वर्ष 2004 और 2013 में तत्कालीन जिलाधिकारियों ने इस भूमि को व्यवसायिक दरों पर फ्री होल्ड करने का आदेश दिया था। हालांकि, यह आदेश नगर पालिका के रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है और न ही फ्री होल्ड धारक को इसकी प्रति दी गई।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि प्रशासन ने एक आदेश में फ्री होल्ड भूमि का क्षेत्रफल 222 वर्ग मीटर बताया, जबकि अन्य रिकॉर्ड में इसका क्षेत्रफल 450 वर्ग मीटर दर्शाया गया है। आरोप है कि तत्कालीन नजूल क्लर्क प्रकाश सहदेव ने भूमि के रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की है। प्रकाश सहदेव, याचिकाकर्ता प्रमोद सहदेव के बड़े भाई हैं। उनके विरुद्ध मल्लीताल कोतवाली में अभियोग दर्ज किया गया है।
जनहित याचिका के बाद हुआ प्रकरण का अनावरण
बता दें कि प्रो. अजय रावत की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान तत्कालीन नगर पालिका अधिशासी अधिकारी ने न्यायालय में शपथ पत्र देकर बताया था कि पौनी सराय की नजूल भूमि, जो सार्वजनिक उपयोग के लिए थी, नियमविरुद्ध फ्री होल्ड कर दी गई थी। इस पर उच्च न्यायालय ने भूमि को फ्री होल्ड किए जाने के आदेश को निरस्त कर दिया था।
न्यायालय ने मामले में जिलाधिकारी नैनीताल को निर्देश दिया था कि भूमि का फ्री होल्ड निरस्त करने की प्रक्रिया पूरी करें। इस आदेश को चुनौती देते हुए प्रमोद सहदेव ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
फ्री होल्ड भूमि का सत्यापन और कार्रवाई (Nainital-Freehold Nazul land case of Pauni Sarai)
न्यायालय ने नैनीताल नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को निर्देश दिया है कि पालिका में कार्यरत जिन कर्मचारियों के नाम नजूल भूमि फ्री होल्ड की गई है, उनकी सूची न्यायालय में पेश करें। साथ ही, भूमि के वास्तविक क्षेत्रफल का सत्यापन कर रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
न्यायालय ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया कि मामले में चल रही जांच की प्रगति रिपोर्ट अगली सुनवाई में न्यायालय को सौंपी जाए। मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल 2025 को निर्धारित की गई है। (Nainital-Freehold Nazul land case of Pauni Sarai)
क्या होती है नजूल भूमि ?
नजूल भूमि वह भूमि होती है, जो सरकार के स्वामित्व में होती है और सार्वजनिक उपयोग या सरकारी कार्यों के लिए सुरक्षित होती है। आमतौर पर यह भूमि ऐसे क्षेत्र में होती है, जो पहले किसी शासक या जागीरदार के अधीन थी, लेकिन आज़ादी के बाद सरकार के नियंत्रण में आ गई। नजूल भूमि का उपयोग सार्वजनिक हित के कार्यों जैसे सड़क, पार्क, चिकित्सालय, विद्यालय, सरकारी कार्यालय या अन्य विकास परियोजनाओं के लिए किया जाता है।
कई बार सरकार नजूल भूमि को फ्री होल्ड में बदलकर व्यक्तिगत स्वामित्व के लिए हस्तांतरित कर देती है। फ्री होल्ड होने पर व्यक्ति को उस भूमि का पूर्ण स्वामित्व मिल जाता है, और वह उसे बेच या स्थानांतरित कर सकता है। लेकिन नियमों के विरुद्ध नजूल भूमि का फ्री होल्ड होना या उस पर अवैध कब्जा विवाद का कारण बन जाता है।
नजूल भूमि से जुड़े विवाद अक्सर सरकारी रिकॉर्ड में गड़बड़ी, फर्जी दस्तावेज या अनियमित फ्री होल्ड प्रक्रिया के कारण उत्पन्न होते हैं। कई बार राजनीतिक दबाव या अधिकारियों की मिलीभगत से नजूल भूमि का गलत तरीके से व्यक्तिगत स्वामित्व में हस्तांतरण कर दिया जाता है, जिससे कानूनी विवाद खड़े हो जाते हैं।
आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे उत्तराखंड के नवीनतम अपडेट्स-‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यहां क्लिक कर हमारे थ्रेड्स चैनल से, व्हाट्सएप चैनल से, फेसबुक ग्रुप से, गूगल न्यूज से, टेलीग्राम से, एक्स से, कुटुंब एप से और डेलीहंट से जुड़ें। अमेजॉन पर सर्वाधिक छूटों के साथ खरीददारी करने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें यहाँ क्लिक करके सहयोग करें..।
(Nainital-Freehold Nazul land case of Pauni Sarai, Nainital News, Nazul Freehold land case, Nainital, Nazool Land, Freehold, High Court, Police Investigation, Nainital Municipal Corporation, Land Dispute, Court Hearing, Illegal Land Deal, Land Record Tampering, Pramod Sahdev, Prakasha Sahdev, SSP Prahlad Narayan Meena, Judicial Review, Public Interest Litigation, Land Ownership Dispute, Legal Proceedings, Uttarakhand News, Property Scam, Freehold Nazul land case of Pauni Sarai of Nainital. High Court directed the municipality to submit the list of employees, SSP appeared in the court,)