बीएड कॉलेजों की याचिका पर हाईकोर्ट का बड़ा व महत्वपूर्ण फैसला, खाली सीटों को भरने का रास्ता साफ

नवीन समाचार, नैनीताल, 10 जुलाई 2025 (High Court Cleared for Entrance in BEd colleges)। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने राज्य के निजी बीएड कॉलेजों को राहत देते हुए बीएड पाठ्यक्रम में खाली रह गई सीटों को भरने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने गुरुवार को इंस्पिरेशन कॉलेज ऑफ टीचर्स एजुकेशन, पीआईटीएस उत्तरकाशी व पीडीजी कॉलेज ऑफ एजुकेशन की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के 2 फरवरी 2025 के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें खाली सीटों को क्वालीफाइंग परीक्षा के आधार पर भरने की अनुमति से इनकार किया गया था। 👉👉आगे पूरा समाचार पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें👈👈
Read more: बीएड कॉलेजों की याचिका पर हाईकोर्ट का बड़ा व महत्वपूर्ण फैसला, खाली सीटों को भरने का रास्ता साफ‘कॉमन एंट्रेंस’ परीक्षा के बाद भी खाली रह गई थीं सीटें
मामले के अनुसार बीएड पाठ्यक्रम की कुल 7,500 सीटों के लिए 2024-25 सत्र में श्रीनगर गढ़वाल विश्वविद्यालय द्वारा कॉमन एंट्रेंस परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें केवल 5,600 अभ्यर्थी ही सफल हुए। इस प्रकार लगभग 1,900 सीटें रिक्त रह गई थीं। याचिकाकर्ता संस्थानों ने 2006 के अधिनियम की धारा-10 के तहत क्वालीफाइंग परीक्षा यानी स्नातक में प्राप्त अंकों के आधार पर शेष सीटें भरने की अनुमति मांगी थी, जिसे राज्य सरकार ने खारिज कर दिया था। यह भी पढ़ें : हद है, कुमाऊं विवि की अनुमति के बिना कई महाविद्यालयों व संस्थानों ने अपने स्तर से दे दिये बीएड में प्रवेश
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया प्रवेश का चरणबद्ध तरीका
न्यायालय ने कहा कि प्रवेश की प्राथमिकता कॉमन एंट्रेंस परीक्षा और उसके बाद कॉमन काउंसलिंग से होनी चाहिए। यदि इसके बावजूद सीटें खाली रह जाएं तो वेटिंग सूची से भरी जाएं। और तब भी रिक्तता बनी रहती है, तो अधिनियम की धारा-10 के अंतर्गत शैक्षणिक योग्यता (क्वालीफाइंग परीक्षा) के आधार पर उसी श्रेणी के अभ्यर्थियों से आवेदन मांगकर प्रवेश दिए जा सकते हैं। यह भी पढ़ें : बीएड व पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू, परीक्षा परिणाम भी घोषित
एनसीटीई के नियमों की भी दी व्याख्या (High Court Cleared for Entrance in BEd colleges)
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कॉमन एंट्रेंस और क्वालीफाइंग परीक्षा समान नहीं हैं। एनसीटीई के 2014 विनियमों के अनुसार बीएड में प्रवेश के लिए पात्रता स्नातक में न्यूनतम 50% अंक है, और यही क्वालीफाइंग परीक्षा मानी जाएगी। हालांकि कोर्ट ने यह भी माना कि मौजूदा सत्र 2024-26 में दाखिला प्रक्रिया अधिसूचित समयसीमा से बाहर हो चुकी है, इसलिए इस सत्र में दाखिले की अनुमति देना उचित नहीं होगा। यह भी पढ़ें : राज्य के विश्वविद्यालयों में नये सत्र में स्नातक पाठ्यक्रमों एवं बीएड पाठ्यक्रमों तथा इग्नू में प्रवेश की प्रक्रिया पर महत्वपूर्ण जानकारियां…
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डॉ.नवीन जोशी, पिछले 20 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय, ‘कुमाऊँ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पीएचडी की डिग्री प्राप्त पहले और वर्ष 2015 से उत्तराखंड सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं। 15 लाख से अधिक नए उपयोक्ताओं के द्वारा 150 मिलियन यानी 1.5 करोड़ से अधिक बार पढी गई आपकी अपनी पसंदीदा व भरोसेमंद समाचार वेबसाइट ‘नवीन समाचार’ के संपादक हैं, साथ ही राष्ट्रीय सहारा, हिन्दुस्थान समाचार आदि समाचार पत्र एवं समाचार एजेंसियों से भी जुड़े हैं। देश के पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) उत्तराखंड’ के उत्तराखंड प्रदेश के प्रदेश महामंत्री भी हैं और उत्तराखंड के मान्यता प्राप्त राज्य आंदोलनकारी भी हैं।











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