एक वन प्रभाग में अधिकारियों की संपत्ति के अचानक अत्यधिक बढ़ने और वन सीमा स्तंभों पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उठाए गंभीर प्रश्न, कई संस्थानों से जवाब तलब…

नवीन समाचार, नैनीताल, 24 दिसंबर 2025 (HC on Mussorie Forest Division)। उत्तराखंड के नैनीताल में स्थित उच्च न्यायालय ने मसूरी वन प्रभाग से जुड़े एक गंभीर मामले में प्रशासनिक पारदर्शिता और पर्यावरण संरक्षण को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। न्यायालय ने सवाल उठाया है कि एक ही वन प्रभाग में तैनात कुछ वन अधिकारी कम समय में इतनी अधिक संपत्ति कैसे अर्जित कर पाए। यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे वन भूमि, अतिक्रमण, पर्यावरण संतुलन और प्रशासनिक जवाबदेही जैसे विषय सीधे जुड़े हैं, जिनका असर समाज और प्राकृतिक संसाधनों पर पड़ता है।
मसूरी वन प्रभाग से जुड़ा मामला और न्यायालय की टिप्पणी
मामले की सुनवाई कर रही उत्तराखंड उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति मनोज तिवारी और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने सीबीआई, केंद्र सरकार, उत्तराखंड सरकार, सर्वे ऑफ इंडिया और उच्चतम न्यायालय की सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी को नोटिस जारी किए हैं। इन सभी से छह सप्ताह के भीतर अपना पक्ष और जवाब दाखिल करने को कहा गया है। मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को निर्धारित की गई है। न्यायालय का यह रुख यह संकेत देता है कि प्रकरण को गंभीरता से लिया जा रहा है।
आंतरिक रिपोर्ट और संपत्ति को लेकर सवाल
न्यायालय ने सुनवाई के दौरान आंतरिक रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि एक ही वन प्रभाग में लंबे समय तक तैनाती के दौरान इतनी बड़ी मात्रा में संपत्ति का अर्जन संदेह पैदा करता है। न्यायालय ने स्पष्ट रूप से पूछा कि क्या यह सब नियमों और सेवा शर्तों के अनुरूप हुआ। इस टिप्पणी ने प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता और निगरानी व्यवस्था पर भी प्रश्न खड़े किए हैं। क्या भविष्य में ऐसी तैनातियों और संपत्ति विवरण की निगरानी और सख्त होगी। यह प्रश्न अब सार्वजनिक चर्चा का विषय बन गया है।
वन सीमा स्तंभों के गायब होने से बढ़ी चिंता
इस याचिका में 7,375 वन सीमा स्तंभों के गायब होने को भी गंभीर चिंता का विषय बताया गया है। वन सीमा स्तंभों का उद्देश्य वन भूमि की स्पष्ट पहचान करना और अतिक्रमण को रोकना होता है। न्यायालय ने माना कि इतने बड़े पैमाने पर स्तंभों का गायब होना केवल लापरवाही नहीं, बल्कि संभावित व्यावसायिक शोषण की ओर इशारा करता है। मसूरी और रायपुर रेंज में बढ़ते रियल एस्टेट दबाव के बीच यह स्थिति पर्यावरण संतुलन के लिए खतरा बन सकती है।
याचिका की पृष्ठभूमि और आगे की प्रक्रिया
यह याचिका पर्यावरण कार्यकर्ता नरेश चौधरी द्वारा दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से मसूरी वन प्रभाग की सभी वन सीमाओं का वैज्ञानिक और जियो संदर्भित सर्वे कराया जाए। इसके साथ ही यह भी आग्रह किया गया है कि राजस्व अधिकारियों के पास मौजूद या उनके नियंत्रण में रहने वाली वन भूमि को एक निश्चित समय सीमा में वन विभाग को सौंपा जाए।
वर्ष 2023 में मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी के निर्देश पर हुए भौतिक सत्यापन में सामने आया था कि कुल 12,321 वन सीमा स्तंभों में से 7,375 गायब हैं। न्यायालय के समक्ष अब यह प्रश्न है कि इन स्तंभों के लुप्त होने से किसे लाभ हुआ और जिम्मेदारी किसकी है।
यह प्रकरण न केवल मसूरी क्षेत्र, बल्कि पूरे उत्तराखंड में वन संरक्षण, भूमि प्रबंधन और प्रशासनिक ईमानदारी से जुड़े मामलों के लिए एक मिसाल बन सकता है। पाठकों से आग्रह है कि इस समाचार से संबंधित अपनी राय और विचार नीचे दिए गए कमेन्ट बॉक्स में अवश्य साझा करें।
नैनीताल जनपद में हाल के दिनों में हुई अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़ी पूरी रिपोर्ट यहाँ क्लिक करके पढ़ी जा सकती है। इसी तरह पिथौरागढ़ के समाचारों के लिए यहाँ👉, अल्मोड़ा के समाचारों के लिए यहाँ👉, बागेश्वर के समाचारों के लिए यहाँ👉, चंपावत के समाचारों के लिए यहाँ👉, ऊधमसिंह नगर के समाचारों के लिए यहाँ👉, देहरादून के समाचारों के लिए यहाँ👉, उत्तरकाशी के समाचारों के लिए यहाँ👉, पौड़ी के समाचारों के लिए यहाँ👉, टिहरी जनपद के समाचारों के लिए यहाँ👉, चमोली के समाचारों के लिए यहाँ👉, रुद्रप्रयाग के समाचारों के लिए यहाँ👉, हरिद्वार के समाचारों के लिए यहाँ👉और उत्तराखंड से संबंधित अन्य समाचार पढ़ने के लिये यहां👉 क्लिक करें।
आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे उत्तराखंड के नवीनतम अपडेट्स-‘नवीन समाचार’ पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यहां क्लिक कर हमारे व्हाट्सएप चैनल से, फेसबुक ग्रुप से, गूगल न्यूज से यहाँ, एक्स से, थ्रेड्स चैनल से, टेलीग्राम से, कुटुंब एप से और डेलीहंट से जुड़ें। अमेजॉन पर सर्वाधिक छूटों के साथ खरीददारी करने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें यहाँ क्लिक करके सहयोग करें..।
Tags (HC on Mussorie Forest Division) :
HC on Mussorie Forest Division, Uttarakhand High Court Forest Case, Mussoorie Forest Division Inquiry, Missing Forest Boundary Pillars Case, Forest Officer Assets Investigation, Environmental Protection Uttarakhand Court, Forest Land Encroachment Mussoorie, Survey Of India Forest Survey Case, Uttarakhand Forest Department Accountability, High Court Notice To Government Agencies, Forest Boundary Dispute Uttarakhand, Environmental Activist Petition High Court, Mussoorie Real Estate And Forest Land,
Uttarakhand Judiciary Environment Case, Forest Conservation Law India, Nainital High Court Latest Order, #UttarakhandNews #NainitalNews #HighCourtObservation #ForestLandProtection #HindiNews
डॉ.नवीन जोशी, पिछले 20 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय, ‘कुमाऊँ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पीएचडी की डिग्री प्राप्त पहले और वर्ष 2015 से उत्तराखंड सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं। 15 लाख से अधिक नए उपयोक्ताओं के द्वारा 150 मिलियन यानी 1.5 करोड़ से अधिक बार पढी गई आपकी अपनी पसंदीदा व भरोसेमंद समाचार वेबसाइट ‘नवीन समाचार’ के संपादक हैं, साथ ही राष्ट्रीय सहारा, हिन्दुस्थान समाचार आदि समाचार पत्र एवं समाचार एजेंसियों से भी जुड़े हैं। देश के पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन ‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) उत्तराखंड’ के उत्तराखंड प्रदेश के प्रदेश महामंत्री भी हैं और उत्तराखंड के मान्यता प्राप्त राज्य आंदोलनकारी भी हैं।












सोचिए जरा ! जब समाचारों के लिए भरोसा ‘नवीन समाचार’ पर है, तो विज्ञापन कहीं और क्यों ? यदि चाहते हैं कि ‘नवीन समाचार’ आपका भरोसा लगातार बनाए रहे, तो विज्ञापन भी ‘नवीन समाचार’ को देकर हमें आर्थिक तौर पर मजबूत करें। संपर्क करें : 8077566792, 9412037779 पर।
