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November 22, 2024

नैनीताल के पूर्व जिलाधिकारी के विरुद्ध खनन कारोबारियों के 50 करोड़ रुपये का जुर्माना नियम विरुद्ध माफ करने का आरोप

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Allegation against Former Nainital DM

-उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई के बाद सरकार से 2 सप्ताह में जवाब तलब, 1 अप्रेल को होगी अगली सुनवाई
नवीन समाचार, नैनीताल, 5 मार्च 2024 (Allegation against Former Nainital DM)। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने नैनीताल जनपद में वर्ष 2016-17 के दौरान कार्यरत रहे जिलाधिकारी द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न स्टोन क्रेशरों पर अवैध खनन एवं भंडारण के लिये लगाये गए करीब 50 करोड़ रुपये जुर्माने को माफ कर देने के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 1 अप्रैल को होगी।

Allegation against Former Nainital DMमामले के अनुसार नैनीताल जनपद के चोरगलिया निवासी भुवन पोखरिया ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि वर्ष 2016-17 में नैनीताल के तत्कालीन जिलाधिकारी ने कई स्टोन क्रेशरों का अवैध खनन व भंडारण करने पर लगाया गया करीब 50 करोड़ रुपये का जुर्माना माफ कर दिया था। यह भी कहा कि जिला अधिकारी ने उन्हीं स्टोन क्रेशरों का जुर्माना माफ किया जिन पर जुर्माना करोड़ों में था। जिनका जुर्माना कम था उनका जुर्माना माफ नहीं किया।

जब याचिकाकर्ता ने इसकी शिकायत मुख्य सचिव, सचिव खनन से की तो उस पर कोई कार्यवाही नही हुई। बल्कि कहा गया कि यह जिलाधिकारी का विशेषाधिकार है। वहीं जब याचिकाकर्ता ने शासन से इसका लिखित रूप में जवाब मांगा तो आज की तिथि तक उन्हें इसका लिखित जवाब नही दिया गया। (Allegation against Former Nainital DM)

डीएम को जुर्माना शून्य या समाप्त करने का अधिकार लेकिन संबंधित नियमावली या शासनादेश की सूचना औद्योगिक विकास अनुभाग-1 के लोक प्राधिकार में धारित नहीं (Allegation against Former Nainital DM)

इसके बाद याचिकाकर्ता ने सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी मांगी गयी तो लोक सूचना अधिकारी औद्योगिक विभाग उत्तराखंड की ओर से बताया गया कि जिलाधिकारी को अवैध खनन, भंडारण व अवैध खनन के मामलों में जुर्माना राशि को कम करने, शून्य करने या समाप्त करने का अधिकार प्राप्त है। परंतु इससे संबंधित नियमावली या शासनादेश की प्रति मांगने पर कहा गया कि यह सूचना औद्योगिक विकास अनुभाग-1 के लोक प्राधिकार में धारित नहीं है। (Allegation against Former Nainital DM)

लिहाजा उन्होंने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि जब लोक प्राधिकार में संबंधित नियम धारित नहीं है तो जिलाधिकारी के द्वारा कैसे स्टोन क्रेशरों पर लगे 50 करोड़ रुपये का जुर्माना माफ कर दिया गया। जबकि औद्योगिक विभाग के द्वारा 21 अक्टूबर 2020 को इस पर आख्या प्रस्तुत करने को कहा था जो प्रस्तुत नही किया गया। जनहित याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि इस पर कार्यवाही की जाये, क्योंकि यह प्रदेश राजस्व की हानि है।
इधर, जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2014 से मार्च 2017 तक वर्तमान मंडलायुक्त दीपक रावत एवं इसके बाद मार्च 2018 तक दीपेंद्र चौधरी नैनीताल के जिलाधिकारी रहे।

किस स्टोन क्रेशर का कितना जुर्माना किया गया माफ (Allegation against Former Nainital DM)

सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार पाल स्टोन इंडस्ट्रीज का 12.42 लाख, विरेंद्र बिष्ट, जून स्टेट भीमताल का 78.73 लाख, जमाल अहमद, इंद्रानगर हल्द्वानी का 145.79 लाख, नईम अहमद, गौजाजाली बिचली का 124.1 लाख, उत्तराखंड स्टोन क्रेशर, गौजाजाली का 721.24 लाख, देशराज निवासी ग्राम देवलचौड़ का 252.96 लाख, बाजपुर स्टोन क्रेशर गैबुआ का 10.36 लाख, लालकुआं स्टोन क्रेशर का 43.85 लाख, ढिल्लन स्टोन क्रेशर के 136.94 लाख, पूरेवाल स्टोन क्रेशर की 156.39 लाख, बदेशा स्टोन क्रेशर का 146.63 लाख व तारा दत्त पलड़िया का 17.81 लाख जुर्माना माफ किया गया। (Allegation against Former Nainital DM)

इसके अलावा पुष्कर मेहरा ने 3.86 लाख, एसएस गड़िया के 3.66 लाख, वंश इंटर प्राइजेज के 6.7 लाख, मो. तैयब ग्राम चिल्किया के 4.56 लाख, ढिल्लन स्टोन क्रेशर ग्राम मढैया के 10.13 लाख, हिमालया ट्रेडिंग कंपनी उदयपुरी के 5.53 लाख, एकता ट्रेडर्स उदयपुरी बंदोबस्ती के 5.98 लाख, आनंद सिंह दरम्वाल के 2.56 लाख, विनय मेहरा ग्राम डहरा के 60.75 लाख, तारा दत्त ग्राम भौर्सा के 414. 97 लाख, देवभूमि स्टोन रौसिल के 25.66 लाख, प्रवीण चौधरी के 70.99 लाख व केएमवीएन ग्राम अमिया के 105.75 लाख आदि शामिल हैं। (Allegation against Former Nainital DM)

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