‘नवीन समाचार’ के पाठकों के ‘2.11 करोड़ यानी 21.1 मिलियन से अधिक बार मिले प्यार’ युक्त परिवार में आपका स्वागत है। आप पिछले 10 वर्षों से मान्यता प्राप्त- पत्रकारिता में पीएचडी डॉ. नवीन जोशी द्वारा संचालित, उत्तराखंड के सबसे पुराने, जनवरी 2010 से स्थापित, डिजिटल मीडिया परिवार का हिस्सा हैं, जिसके प्रत्येक समाचार एक लाख से अधिक लोगों तक और हर दिन लगभग 10 लाख बार पहुंचते हैं। हिंदी में विशिष्ट लेखन शैली हमारी पहचान है। आप भी हमारे माध्यम से हमारे इस परिवार तक अपना संदेश पहुंचा सकते हैं ₹500 से ₹20,000 प्रतिमाह की दरों में। यह दरें आधी भी हो सकती हैं। अपना विज्ञापन संदेश ह्वाट्सएप पर हमें भेजें 8077566792 पर। अपने शुभकामना संदेश-विज्ञापन उपलब्ध कराएं। स्वयं भी दें, अपने मित्रों से भी दिलाएं, ताकि हम आपको निरन्तर-बेहतर 'निःशुल्क' 'नवीन समाचार' उपलब्ध कराते रह सकें...

November 21, 2024

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार

‘डॉ.नवीन जोशी, वर्ष 2015 से उत्तराखंड सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार, 'कुमाऊँ विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पीएचडी की डिग्री प्राप्त पहले पत्रकार' एवं मान्यता प्राप्त राज्य आंदोलनकारी हैं। 15 लाख से अधिक नए उपयोक्ताओं के द्वारा 140 मिलियन यानी 1.40 करोड़ से अधिक बार पढी गई आपकी अपनी पसंदीदा व भरोसेमंद समाचार वेबसाइट ‘नवीन समाचार’ के संपादक हैं, साथ ही राष्ट्रीय सहारा, हिन्दुस्थान समाचार आदि समाचार पत्र एवं समाचार एजेंसियों से भी जुड़े हैं। नवीन समाचार’ विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी नैनीताल से ‘मन कही’ के रूप में जनवरी 2010 से इंटरननेट-वेब मीडिया पर सक्रिय, उत्तराखंड का सबसे पुराना ऑनलाइन पत्रकारिता में सक्रिय समूह है। यह उत्तराखंड शासन से मान्यता प्राप्त रहा, अलेक्सा रैंकिंग के अनुसार उत्तराखंड के समाचार पोर्टलों में अग्रणी, गूगल सर्च पर उत्तराखंड के सर्वश्रेष्ठ, भरोसेमंद समाचार पोर्टल के रूप में अग्रणी, समाचारों को नवीन दृष्टिकोण से प्रस्तुत करने वाला ऑनलाइन समाचार पोर्टल भी है।

177 साल के नैनीताल में कुमाउनी रेस्टोरेंट की कमी हुई पूरी

-पूरी तरह कुमाउनी थीम पर स्थापित किया गया है 1938 में स्थापित अनुपम रेस्टोरेंट -अब यहां लीजिये कुमाउनी थाली के...

हाईकोर्ट ने सही ठहराया एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू करने का फैसला, पर प्रकाशकों को भी दी यह राहत 

नैनीताल,13 अप्रैल 2018। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एनसीईआरटी की पुस्तकों को लेकर चले आ रहे विवाद में राज्य सरकार को फिलहाल...

बिना सूचना राजभवन रोड पर दोपहिया वाहनों के लिए वन-वे व्यवस्था लागू कर माल रोड पर स्वयं दबाव बढ़वा रही नैनीताल पुलिस, नाराजगी…

पुलिस के समक्ष विरोध जताते दोपहिया वाहन चालक नैनीताल, 27 अगस्त 2018। नैनीताल पुलिस ने सोमवार सुबह 8 बजे से...

मोदी के इस ‘दिवास्वप्न’ को साकार करने में जुटा यह ‘नरेंद्र’

मोदी के आह्वान पर खोजा 'सहखेती' का ‘नरेंद्र पैटर्न’ नरेंद्र मेहरा के खेत में किसानों व विभागीय अधिकारियों के साथ...

किसानों की आय दोगुनी करने को देश के हर जिले में बनेंगी कृषि परिषदें 

आईसीएसए की निदेशक ममता जैन। यूपी के लखीमपुर से हुई है शुरुआत, शीघ्र नैनीताल जनपद के हल्द्वानी में खुल सकती...

अलविदा भारतीय फिल्मोद्योग की ‘नगीना’ पाँच फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त पहली सुपरस्टार अदाकारा ‘जूली’, ‘चांदनी’, ‘चालबाज’..

अलविदा भारतीय फिल्मोद्योग की ‘नगीना’ पाँच फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त पहली सुपरस्टार अदाकारा ‘जूली’, ‘चांदनी’, ‘चालबाज’, ‘चांद का टुकड़ा’, ‘चंद्रमुखी’, ‘रूप की रानी’, ‘अक्लमंद’,...

एडीएम हरबीर सिंह ने संभाला जिला विकास प्राधिकरण सचिव पद का अतिरिक्त कार्यभार

नैनीताल, 9 2018। जनपद के अपर जिलाधिकारी हरबीर सिंह ने शुक्रवार को नैनीताल जिला विकास प्राधिकरण के सचिव पद का...

कुमाऊं के ब्लॉग व न्यूज पोर्टलों का इतिहास

(इस पोस्ट में यदि कुछ तथ्यात्मक सुधार अपेक्षित हों तो जरूर टिप्पणी के माध्यम से या ईमेल saharanavinjoshi@gmail.com के जरिये...

12 फरवरी को महर्षि दयानंद के जन्म दिवस पर विशेषः उत्तराखंड में यहाँ है महर्षि दयानंद के आर्य समाज का देश का पहला मंदिर

आर्य समाज की 1875 में स्थापना से पूर्व 1874 में महर्षि दयानंद से प्रभावित नगर के लोगों ने नगर में...

पद्मावत समीक्षा : बेउसूल, बेईमान, वहशी और बदज़ात मुस्लिम किरदार के लिए देखें फिल्म

जायसी के पद्मावत से संबंध सिर्फ किरदारों के नाम तक जौहर फिल्म में आखिर तक नहीं है राजपूतों के संघर्ष...

नये वर्ष में ठंड कम, बारिश अधिक कराएगा अल नीनो !

पिछले वर्षों में अतिवृष्टि के रूप में अपना प्रभाव दिखा चुके अल-नीनो के बाबत यूजीसी के दीर्घकालीन मौसम विशेषज्ञ डा....

चंद राजाओं की विरासत है कुमाऊं का प्रसिद्ध छोलिया नृत्य

https://youtu.be/Bxv75587ODA नवीन जोशी, नैनीताल। आधुनिक भौतिकवादी युग के मानव जीवन में सैकड़ों-हजारों वर्ष पुरानी कम ही सांस्कृतिक परंपराएं शेष रह पाई हैं।...

आप यह भी पढ़ना चाहेंगे :

You cannot copy content of this page