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October 7, 2024

सैलानियों के लिए पसंदीदा ‘होली डेस्टिनेशन’ के रूप में स्थापित हुआ नैनीताल…

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holi touristsनवीन समाचार, नैनीताल, 9 मार्च 2023। पर्वतीय पर्यटन नगरी सरोवरनगरी में रंगों का पर्व होली हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान नगर वासी तो रंगों के साथ ही होली गीतो को गुनगुनाते हुए जोश में नजर आए ही, नगर में पहुंचे सैलानी भी होली के रंगों में रंगे नजर आए। बताया गया कि बीते कुछ वर्षों में नैनीताल सैलानियों के लिए ‘होली डेस्टिनेशन’ यानी होली का त्योहार मनाने के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में स्थापित होता भी नजर आ रहा है। ऐसा इसलिए कि यहां आकर सैलानी स्वच्छंदता के साथ ही शांति एवं सुरक्षा के साथ होली का आनंद ले पाते हैं। लिहाजा नगर में जगह-जगह सैलानी एक-दूसरे को रंग लगाते और बधाई देते नजर आए। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी: होली पर दो सगे भाइयों की मौत से परिवार पर टूटा दुःख का पहाड़, एक की मौत-दूसरे की मौत के सदमे में हुई…

Holi2वहीं नगर में पूर्व सांसद डॉ. महेंद्र पाल, विधायक सरिता आर्य, पूर्व विधायक डॉ. नारायण सिंह जंतवाल, नैनीताल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट सहित हर खास-ओ-आम होली के रंगों में रंगा और एक-दूसरे को होली की बधाई-शुभकामनाएं देते नजर आये। नगर में फागोत्सव व होली महोत्सव का आयोजन कर रही श्रीराम सेवक सभा एवं युममंच संस्थाओं से जुड़े एवं सर्वधर्म के लोग भी होली में पूरे उत्साह के साथ होली मनाते नजर आए। युवाओं में भी होली के प्रति काफी आकर्षण देखा गया। यह भी पढ़ें : भारी पड़ा होली का जश्न, बीटेक के दो छात्र सहित चार युवक नहाते हुए पानी में गायब…

Foolon ki holiइस अवसर पर नगर के मल्लीताल स्थित चीना बाबा क्षेत्र में प्रतिष्ठित सांस्कृतिक संस्था समर्पण वूमन वेलफेयर सोसायटी के द्वारा संस्कृति विभाग देहरादून के सहयोग से होली महोत्सव का आयोजन किया। आयोजन में संस्था की निदेशक नेहा आर्य और तनुजा मिश्रा और अनुष्का अग्रवाल के प्रयासों से संस्था के कलाकारों ने उत्तराखंड के लोक गीत और लोक नृत्य और महिला होली के साथ तरह-तरह के स्वांगों की प्रस्तुतियां दी गईं। आयोजन में चित्रा, लता, सुनीता, निकिता, अनामिका, पुष्पा, लीला भट्ट बसंती, रश्मि व तनुजा ने भी योगदान दिया। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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सदियों पुरानी सांस्कृतिक विरासत है कुमाउनी शास्त्रीय होली

  • पौष माह के पहले रविवार से ही शुरू हो जाती हैं शास्त्रीय रागों में होलियों की बैठकें और सर्वाधिक लंबे समय चलती हैं होलियां
  • प्रथम पूज्य गणेश से लेकर पशुपतिनाथ शिव की आराधना और राधा-कृष्ण की हंसी-ठिठोली से लेकर स्वाधीनता संग्राम व उत्तराखंड आंदोलन की झलक भी दिखती है

23NTL-2डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 18 मार्च 2022। देश भर में जहां रंगों से भरी और मौज-मस्ती के त्यौहार पर होली फाल्गुन माह में गाई व खेली जाती है, वहीं कुमाऊं की परंपरागत कुमाउनी होली की एक विशिष्टता बैठकी होली यानी अर्ध शास्त्रीय गायकी युक्त होली है, जिसकी शुरुआत पौष माह के पहले रविवार से ही विष्णुपदी होली गीतों के साथ हो जाती है। पौष मास दसवां मास है जिसमें चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में होता है । पौष मासपूजा पाठ जप तप ,दान के लिए शुभ है । सूर्य की आराधना आरोग्य तथा सौभाग्य देता है। पौष के प्रथम रविवार से निर्वाण की होली बैठक के रूप में प्रारंभ होती है जो भक्ति पर आधारित होती है। विश्व की उत्पत्ति का जीवन की ऊर्जा का स्त्रोत्र है। बसत पंचमी से श्रृंगार होली प्रारंभ होगी। होली ऋतु परिवर्तन दरसाता है। शास्त्रीयता का अधिक महत्व होने के कारण शास्त्रीय होली भी कही जाने वाली कुमाऊं की शास्त्रीय होली की शुरुआत करीब 10वीं शताब्दी में चंद शासनकाल से मानी जाती है।

कुछ विद्वानों के अनुसार चंद शासनकाल में बाहर से ब्याह कर आयीं राजकुमारियां अपनी परंपराओं व रीति-रिवाजों के साथ होली को भी यहां साथ लेकर आयीं। वहीं अन्य विद्वानों के अनुसार प्राचीनकाल में यहां के राजदरबारों में बाहर के गायकों के आने से यह परंपरा आई है। कुमाऊं के प्रसिद्ध जनकवि स्वर्गीय गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ के अनुसार कुमाऊं की शास्त्रीय गायकी होली में बृज व अवध से लेकर दरभंगा तक की परंपराओं की छाप स्पष्ट रूप से नजर आती है तो नृत्य के पद संचालन में ठेठ पहाड़ी ठसक भी मौजूद रहती है। इस प्रकार कुमाउनी होली कमोबेश शास्त्र व लोक की कड़ी तथा एक-दूसरे से गले मिलने में ईद जैसे आपसी प्रेम बढ़ाने वाले त्यौहारों की झलक भी दिखाती है। साथ ही कुमाउनी होली में प्रथम पूज्य गणेश से लेकर गोरखा शासनकाल से पड़ोसी देश नेपाल के पशुपतिनाथ शिव की आराधना और ब्रज के राधा-कृष्ण की हंसी-ठिठोली से लेकर स्वतंत्रता संग्राम और उत्तराखंड आंदोलन की झलक भी दिखती है, यानी यह अपने साथ तत्कालीन इतिहास की सांस्कृतिक विरासत को भी साथ लेकर चली हुई है।

कुमाउनीं होली में चीर व निशान की विशिष्ट परम्परायें

15ntl1कुमाऊं में चीर व निशान बंधन की भी अलग विशिष्ट परंपरायें हैं। इनका कुमाउनीं होली में विशेश महत्व माना जाता है। होलिकाष्टमी के दिन ही कुमाऊं में कहीं कहीं मन्दिरों में ‘चीर बंधन’ का प्रचलन है। पर अधिकांशतया गांवों, शहरों में सार्वजनिक स्थानों में एकादशी को मुहूर्त देखकर चीर बंधन किया जाता है। इसके लिए गांव के प्रत्येक घर से एक एक नऐ कपड़े के रंग बिरंगे टुकड़े ‘चीर’ के रूप में लंबे लटठे पर बांधे जाते हैं। इस अवसर पर ‘कैलै बांधी चीर हो रघुनन्दन राजा’, ’सिद्धि को दाता गणपति बांधी चीर हो’ जैसी होलियां गाई जाती हैं।

इस होली में गणपति के साथ सभी देवताओं के नाम लिऐ जाते हैं। कुमाऊं में ‘चीर हरण’ का भी प्रचलन है। गांव में चीर को दूसरे गांव वालों की पहुंच से बचाने के लिए दिन-रात पहरा दिया जाता है। चीर चोरी चले जाने पर अगली होली से गांव की चीर बांधने की परंपरा समाप्त हो जाती है। कुछ गांवों में चीर की जगह लाल रंग के झण्डे ‘निशान’ का भी प्रचलन है, जो यहां की शादियों में प्रयोग होने वाले लाल सफेद ‘निशानों’ की तरह कुमाऊं में प्राचीन समय में रही राजशाही की निशानी माना जाता है। बताते हैं कि कुछ गांवों को तत्कालीन राजाओं से यह ‘निशान’ मिले हैं, वह ही परंपरागत रूप से होलियों में ‘निशान’ का प्रयोग करते हैं। सभी घरों में होली गायन के पश्चात घर के सबसे सयाने सदस्य से शुरू कर सबसे छोटे पुरुष सदस्य का नाम लेकर ‘घर के मालिक जीवें लाख सौ बरीस…हो हो होलक रे’ कह आशीष देने की भी यहां अनूठी परंपरा है।

Holi1कुमाउनी होली के समापन अवसर पर दी जाने वाली आशीषें

kumaoni baithaki holiगावैं ,खेलैं ,देवैं असीस, हो हो हो लख रे। 
बरस दिवाली बरसै फ़ाग, हो हो हो लख रे। 
जो नर जीवैं, खेलें फ़ाग, हो हो हो लख रे। 
आज को बसंत कृष्ण महाराज का घरा, हो हो हो लख रे। 
श्री कृष्ण जीरों लाख सौ बरीस, हो हो हो लख रे। 
यो गौं को भूमिया जीरों लाख सौ बरीस, हो हो हो लख रे।
यो घर की घरणी जीरों लाख सौ बरीस, हो हो हो लख रे।
गोठ की घस्यारी जीरों लाख सौ बरीस, हो हो हो लख रे।
पानै की रस्यारी जीरों लाख सौ बरीस, हो हो हो लख रे।
गावैं होली देवैं असीस, हो हो हो लख रे॥

अपनी परंपरा को न छोड़ने का दर्शन भी कराती है कुमाउनी होली

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7ntl5100_4773कभी सोचा है कि देश-दुनिया में अपने अनूठी ठसक व प्रस्तुतीकरण के अंदाज के लिये प्रसिद्ध और करीब 400 वर्ष पुरानी बताई जाने वाली कुमाउनी होली में कुमाउनी की जगह ब्रज व अवधी के शब्दों की प्रचुरता क्यों मिलती है। इस सवाल का जवाब काली कुमाऊं यानी मूल कुमाऊं अंचल चंपावत की संस्था संस्कृति संगठन पाटी के प्रमुख होल्यार राजेंद्र गहतोड़ी देते हैं। गहतोड़ी के अनुसार कुमाऊं में अधिकांश लोग मूलतः मैदानी क्षेत्रों से साथ में वहां की संस्कृति को भी लेकर आये। उदाहरण के लिये काली कुमाऊं अंचल के लोगों को यूपी के झूसी इलाहाबाद क्षेत्र का मूल निवासी माना जाता है।

गहतोड़ी कहते हैं इसलिये कुमाउनी होली में शब्द तो ब्रज व अवध की परंपरागत होलियों के मिलते हैं, किंतु इसमें पुरुषों व महिला होल्यारों का एक खास अंदाज में हाथों में हाथ डालकर और कुमाऊं के परंपरागत झोड़ा नृत्य से मिलते-जुलते अंदाज में कदमों से कदम मिलाते हुये उठना-बैठना आदि मिलाकर एक अलग तरह का अंदाज उत्पन्न करता है। इस प्रकार कुमाउनी होली में शब्द तो मूल ब्रज व अवधी संस्कृतियों के हैं, किंतु अंदाज ठेठ कुमाउनी संस्कृति का है। इस प्रकार दो से अधिक संस्कृतियों के समावेश की यह खाशियतें भी कुमाउनी होली को अन्य से अलग और खास बनाती हैं।

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इसके साथ ही श्री गहतोड़ी होली को ईद की तरह मिलन का पर्व भी मानते हैं। इसके साथ ही वह कहते हैं कि होली में ताल प्रमुख बात है। ‘ताल’ में ‘ता’ से कायनात के स्वामी शिव और ‘ल’ से शक्ति का बोध होता है। इस प्रकार होली में महिला-पुरुष एक साथ शिव-शक्ति के अर्धनारीश्वर स्वरूप को भी सार्थक करते हैं। साथ ही होली होश में रहते हुये जोश प्रकट करने का माध्यम भी है। वहीं श्रीकृष्ण के होली पर महारास मनाने को लेकर गहतोड़ी कहते हैं कि इस तरह से स्वयं को कृष्ण के सर्वाधिक करीब बताने वाली गोपियों को श्रीकृष्ण ने सबके साथ प्रकट होकर उनके अहंकार का शमन किया था। होली सब लोगों को एक रंग में रंगकर सबमें भगवान को देखने का त्योहार भी है। होली को मदनोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।

-कुमाउनी होली में होते रहे हैं नये प्रयोग भी, तत्कालीन परिस्थितियों पर कड़े तंज भी कसती रही है होली
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 18 मार्च 2022। अपने शास्त्रीय गायन के लिए ब्रज एवं मथुरा की होली के साथ देश-दुनिया में विख्यात कुमाउनी होली के एक विशेषता यह भी है कि यह स्वयं को वर्तमान के साथ जोड़ती हुई चलती रही है। साथ ही इसमें समय-समय पर नये-नये प्रयोग भी होते रहे हैं। यहां की पारंपरिक चांचरी व गीतों में ‘जोड़’ डालने की परंपरा भी हर वर्ष और वर्ष दर वर्ष समृद्ध करती रही है, और यहां के लोककवि भी होली पर नए प्रासंगिक रचनाएँ देते रहे हैं।

कुमाउनी होली के पुराने जानकार बताते हैं कि 1919 में जलियावालां बाग में हुऐ नरसंहार पर कुमाऊं में गौर्दा ने 1920 की होलियों में ‘होली जलियांवालान बाग मची…’ के रूप में नऐ होली गीत से अभिव्यक्ति दी। इसी प्रकार गुलामी के दौर में ‘होली खेलनू कसी यास हालन में, छन भारत लाल बेहालन में….’ तथा ‘कैसे हो इरविन ऐतवार तुम्हार….’ तथा आजादी के आन्दोलन के दौर में तत्कालीन शासन व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुये  ‘अपना गुलामी से नाम कटा दो बलम, स्वदेशी में नाम लिखा दो बलम, मैं भी स्वदेशी प्रचार करूंगी, मोहे परदे से अब तो हटा दो बलम, देश की अपनी बैरागन बनूंगी, सब चीर विदेशी जला दो बलम, अपना गुलामी से नाम कटा दो बलम’ और विदेशी फैशन के खिलाफ ‘छोड़ो कुबाण नवल रसिया’ जैसी होलियों का सृजन हुआ तो आजाद भारत में आजादी के नाम पर उत्श्रृंखलता और गरीबी की स्थितियों पर भी कुमाउनी होली इन बोलों के साथ कटाक्ष किये बिना नहीं रही ‘कां हरला यां चीर कन्हैया, स्यैंणिन अंग उधडि़यै छू, खीर भद्याली चाटणा हूं नैं, भूखैल पेट चिमड़ियै छू, गूड़ चांणा लै हमू थैं न्हैंतन, आङन लागी भिदडि़यै छू’ यानी कन्हैया यहां किसकी चीर हरोगे, यहां तो स्त्रियों के पहले से उघड़े हुये हैं। इधर उत्तराखंड राज्य बनने के बाद गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ ने इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए 2001 की होलियों में ‘अली बेर की होली उनरै नाम, करि लिया उनरि लै फाम, खटीमा मंसूरी रंगै ग्येईं जो हंसी हंसी दी गयीं ज्यान, होली की बधै छू सबू कैं…’ जैसी अभिव्यक्ति दी। इसी कड़ी में आगे चुनावों के दौर में भी गिर्दा ‘ये रंग चुनावी रंग ठहरा…’ जैसी होलियों का सृजन किया।

लेकिन इधर कुमाउनी होली पर नये दौर में अंग्रेजी और सूफियान कलाम के रंग भी चढ़ते नजर आये हैं।जहां एक ओर ‘डॉन्ट टच माइ अंचलिया मोहन रसिया, आई एम ए लेडी श्रीवृंदावन की, यू आर द लॉर्ड ऑफ गोकुल रसिया’ के साथ ही 2016 की नैनीताल समाचार की होली में ‘आज रंग है मेरे ख्वाजा के घर में, मेरे महबूब के घर में, मोहे रंग दे ख्वाजा अपने ही रंग में, तुम्हारे हाथ हैं सुहाग मेरा, मैं तो जोबन तुम पै लुटा बैठी’ और ‘छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके, मोहे सुहागन कीन्ही रे मोसे नैना मिलाइके’ जैसे सूफियाना कलाम भी होली के रूप में पेश किये गये।

Holi 1‘कुछ काम अब तो कर लो बलम,

बंद करा क्यूं ग्यूं चावल हमरा, गुझिया हुंणी चीनी दिला दो बलम,

खाली खजाना जेब भी खाली-करने वाले जेल चलें,

मुख पे मलो उनके कालो डीजल, भ्रष्टाचार की होरी जलें,

औरों पर तो बहुत चलाई, कुछ खुद पर भी तो चला दो कलम, कुछ काम अब तो कर लो बलम’ जैसी होली रचना सामने आई है।

कुछ कुमाउनी होली गीत (साभार)holi Holi

प्रभात साह गंगोला
प्रभात साह गंगोला

सामान्यतया कुमाउनी होली को भी कुमाउनी रामलीला की तरह ही करीब 150-200 वर्ष पुराना बताया जाता है, लेकिन जहां कई विद्वान इसे चंद शासन काल की परंपरा की संवाहक बताते हैं, वहीं प्रख्यात होली गायक और बॉलीवुड में भी प्रदेश के लोक संगीत को पहचान दिलाने वाले प्रभात साह गंगोला सहित अनेक विशेषज्ञों का मानना है कि इसका इतिहास प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी अल्मोड़ा की स्थापना से भी पूर्व से चार शताब्दियों से भी अधिक समय पुराना है। इनके अनुसार कुमाउनी होली का मूल स्वरूप काली कुमाऊं से खड़ी होली के स्वरूप में आया होगा, लेकिन चंद वंशीय शासकों की राजधानी अल्मोड़ा में उस दौर के प्रख्यात शास्त्रीय गायक अमानत अली खां और गम्मन खां की शागिर्द ठुमरी गायिका राम प्यारी जैसी गायिकाएं यर्हां आइं, और स्थानीय शास्त्रीय संगीत के अच्छे जानकार शिव लाल वर्मा आदि उनसे संगीत सीखने लगे। वह 14 मात्रा में पूरी राग-रागिनियों के साथ होली गाते थे।

ऐसे ही अन्य बाहरी लोगों के साथ कुमाउनी होली में ब्रज, अवध व मगध के अष्टछाप कवियों के ईश्वर के प्रेम में लिखे गीत आए। कालांतर में होलियों का मूल शास्त्रीय स्वरूप वाचक परंपरा में एक से दूसरी पीढ़ी में आते हुए और शास्त्रीय संगीत की अधिक गहरी समझ न होने के साथ लोक यानी स्थानीय पुट से भी जुड़ता चला गया, और कुमाउनी होली कमोबेश शास्त्र व लोक की कड़ी सी बन गई। कुमाउनी होली की एक और खासियत यह भी है कि यह पौष माह के पहले रविवार से ही शुरू होकर फाल्गुन माह की पूर्णिमा तक सर्वाधिक लंबे अंतराल तक चलती है। इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि (प्राचीन काल में) शीतकाल में पहाड़ों में कृषि व अन्य कार्य सीमित होते थे। ऐसे में लंबी रातों में मनोरंजन के साधन के तौर पर भी होली गायकी के रात-रात लंबे दौर चलते थे। यह परंपरा आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में देखी जाती है। कुमाउनी होली में विभिन्न प्रहरों में अलग अलग शास्त्रीय रागों पर आधारित होलियां गाई जाती हैं। शुरुआत बहुधा धमार राग से होती है, और फिर सर्वाधिक काफी व पीलू राग में तथा जंगला काफी, सहाना, बिहाग, जैजैवन्ती, जोगिया, झिंझोटी, भीम पलासी, खमाज व बागेश्वरी सहित अनेक रागों में भी बैठकी होलियां विभिन्न पारंपरिक वाद्य यंत्रो के साथ गाई जाती हैं।

कुमाऊं में है अनूठी बैठकी, खड़ी, धूम व महिला होलियों की परंपरा

Hoil+Baithaki
अपने आवास पर बैठकी होली की बैठक में बॉलीवुड अभिनेता हेमंत पांडे

देवभूमि उत्तराखंड प्रदेश के कुमाऊं अंचल में रामलीलाओं की तरह राग व फाग का त्योहार होली भी अलग वैशिष्ट्य के साथ मनाई जाती हैं। यूं कुमाऊं में होली के दो प्रमुख रूप मिलते हैं, बैठकी व खड़ी होली, परन्तु अब दोनों के मिश्रण के रूप में तीसरा रूप भी उभर कर आ रहा है। इसे धूम की होली कहा जाता है। इनके साथ ही महिला होलियां भी अपना अलग स्वरूप बनाऐ हुऐ हैं।
0810e 100 4782कुमाऊं में बैठकी होली की शुरुआत होली के पूर्वाभ्यास के रूप में पौष माह के पहले रविवार से विष्णुपदी होली गीतों से होती है। माना जाता है कि प्राचीनकाल में यहां के राजदरबारों में बाहर के गायकों के आने से यह होली गीत यहां आऐ हैं। इनमें शास्त्रीयता का अधिक महत्व होने के कारण इन्हें शास्त्रीय होली भी कहा जाता है। इसके अन्तर्गत विभिन्न प्रहरों में अलग अलग शास्त्रीय रागों पर आधारित होलियां गाई जाती हैं। शुरुआत बहुधा धमार राग से होती है, और फिर सर्वाधिक काफी व पीलू राग में तथा जंगला काफी, सहाना, बिहाग, जैजैवन्ती, जोगिया, झिंझोटी, भीमपलासी, खमाज व बागेश्वरी सहित अनेक रागों में भी बैठकी होलियां विभिन्न पारंपरिक वाद्य यंत्रो के साथ गाई जाती हैं।

बैठकी होली पौष माह के पहले रविवार से ही शुरू हो जाती हैं, और फाल्गुन तक गाई जाती है। पौष से बसंत पंचमी तक अध्यात्मिक, बसंत पंचमी से शिवरात्रि तक अर्ध श्रृंगारिक और उसके बाद श्रृंगार रस में डूबी होलियाँ गाई जाती हैं। इनमें भक्ति, वैराग्य, विरह, कृष्ण-गोपियों की हंसी-ठिठोली, प्रेमी प्रेमिका की अनबन, देवर-भाभी की छेड़छाड़ के साथ ही वात्सल्य, श्रृंगार, भक्ति जैसे सभी रस मिलते हैं। बैठकी होली अपने समृद्ध लोक संगीत की वजह से यहाँ की संस्कृति में रच बस गई है, खास बात यह भी है कि कुछ को छोड़कर अधिकांश होलियों की भाषा कुमाऊंनी न होकर ब्रज है। सभी बंदिशें राग-रागनियों में गाई जाती है, और यह काफी हद तक शास्त्रीय गायन है। इनमें एकल और समूह गायन का भी निराला अंदाज दिखाई देता है। लेकिन यह न तो सामूहिक गायन है, और न ही शास्त्रीय होली की तरह एकल गायन। महफिल में मौजूद कोई भी व्यक्ति बंदिश का मुखड़ा गा सकता है, जिसे स्थानीय भाषा में ‘भाग लगाना’ कहते हैं। वहीं खड़ी होली में होल्यार दिन में ढोल-मंजीरों के साथ गोल घेरे में पग संचालन और भाव प्रदर्शन के साथ होली गाते हैं, और रात में यही होली बैठकर गाई जाती है।

कुमाउनी होली में रंगों नहीं, रागों में उड़ते हैं होली के ‘रंग’

 

100_4792कुमाउनी होली में दिन व रात के अलग-अलग प्रहरों तथा अलग-अलग समय में अलग-अलग राग-रागिनियों में होलियां गाने का प्राविधान है। हमेशा पहली होलियां प्रथम पूज्य भगवान गणेश की गाई जाती हैं। पौष माह के पहले रविवार से शुरू होने वाली निर्वाण की होलियां कही जाने वाली होलियां भी भगवान गणेश, शिव और कृष्ण की भक्ति युक्त होती हैं। यह सिलसिला शिवरात्रि तक चलता है। इनमें ‘दैंण होया सबूं हुं हो गणेश, बांणी गावै को दुब धरण लागि रयां, त्यार निभाया बिघ्नेश’, राग काफी में ‘गणपति को भज लीजै’ जैसी होलियों से शुरू करते हुए आगे ‘क्यों मेरे मुख पै आवे रे भंवरा, नाही कमल यह श्याम सुंदर की सांवरी सूरत को क्यों मोहे याद दिलाए’, श्याम कल्याण राग में ‘माई के मंदिरवा में दीपक बारूं’ जंगला काफी में ‘होली खेलें पशुपतिनाथ नगर नेपाल में’ जैसी होलियां प्रमुख रूप से गायी जाती हैं।

वहीं शिवरात्रि से शिव की होलियां अधिक गाई जाती हैं। अलबत्ता, शिवरात्रि से होलिका अष्टमी तक बिना रंग के ही होलियां गाई जाती हैं। आगे बसंत पंचमी से होली गीतों में श्रृंगार रस चढ़ने लगता है, जबकि फाल्गुन माह में पुरुषों के द्वारा रंग युक्त खड़ी व महिलाओं के द्वारा बैठकी होलियां गाई जाती हैं। होलिका अष्टमी को मंदिरों में आंवला एकादशी को गाँव-मोहल्ले के निर्धारित स्थान पर चीर बंधन होता है और रंग डाला जाता है, और होली गायन की शुरुआत बसन्त के स्वागत के गीतों से होती है, जिसमें प्रथम पूज्य गणेश, राम, कृष्ण व शिव सहित कई देवी देवताओं की स्तुतियां व उन पर आधारित होली गीत गाऐ जाते हैं। बसन्त पंचमी के आते आते होली गायकी में क्षृंगारिकता बढ़ने लगती है यथा :

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‘आयो नवल बसन्त सखी ऋतुराज कहायो, पुष्प कली सब फूलन लागी, फूल ही फूल सुहायो’
के अलावा जंगला काफी राग में ‘राधे नन्द कुंवर समझाय रही, होरी खेलो फागुन ऋतु आइ रही’
व झिंझोटी राग में ‘आहो मोहन क्षृंगार करूं में तेरा, मोतियन मांग भरूं’ तथा राग बागेश्वरी में
‘अजरा पकड़ लीन्हो नन्द के छैयलवा अबके होरिन में…’ आदि होलियां गाई जाती हैं। इसके साथ ही महाशिवरात्रि पर्व तक के लिए होली बैठकों का आयोजन शुरू हो जाता है। शिवरात्रि के अवसर पर शिव के भजन जैसे ‘जय जय जय शिव शंकर योगी’ होली के रूप में गाऐ जाते हैं। इसके पश्चात कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्रों में होलिका एकादशी से लेकर पूर्णमासी तक खड़ी होली गीत जैसे ‘शिव के मन मांहि बसे काशी’, ‘जल कैसे भरूं जमुना गहरी’ व ‘सिद्धि को दाता विघ्न विनाशन, होरी खेलें गिरिजापति नन्दन’ आदि होलियां गाई जाती हैं।
62aee 100 4777100_4793सामान्यतया खड़ी होलियां कुमाऊं की लोक परंपरा के अधिक निकट मानी जाती हैं और यहां की पारंपरिक होलियां कही जाती हैं। यह होलियां ढोल व मंजीरों के साथ बैठकर व विशिष्ट तरीके से पद संचालन करते हुऐ खड़े होकर प्रायः पीलू राग में गाई जाती हैं। इन दिनों होली में राधा-कृष्ण की छेड़छाड़ के साथ क्षृंगार की प्रधानता हो जाती है।
इधर कुमाउनीं होली में बैठकी व खड़ी होली के मिश्रण के रूप में तीसरा रूप भी उभर रहा है, इसे धूम की होली कहा जाता है। यह ‘छलड़ी’ के आस पास गाई जाती है। इसमें कई जगह कुछ वर्जनाऐं भी टूट जाती हैं, तथा ‘स्वांग’ का प्रयोग भी किया जाता है। महिलाओं में स्वांग अधिक प्रचलित है। इसमें महिलाएं खासकर घर के पुरुषों तथा सास, ससुर आदि के मर्दाना कपड़े, मूंछ व चस्मा आदि पहनकर उनकी नकल उतारती हैं, तथा कई बार इस बहाने सामाजिक बुराइयों पर भी चुटीले कटाक्ष करती हैं।
100 4746Holiहोलियों के दौरान युवक, युवतियों और वृद्ध सभी उम्र के होल्यारों को होली के गीतों में सराबोर देखा जा सकता है। खासकर ग्रामीण अंचलों में तबले, मंजीरे और हारमोनियम के सुर में होलियां गाई जाती हैं, इस दौरान ऐसा लगता है मानो हर होल्यार शास्त्रीय गायक हो गया हो। नैनीताल, अल्मोड़ा और चंपावत की होलियां खास मानी जाती हैं, जबकि बागेश्वर, गंगोलीहाट, लोहाघाट व पिथौरागढ़ में तबले की थाप, मंजीरे की छन-छन और हारमोनियम के मधुर सुरों पर जब ‘ऐसे चटक रंग डारो कन्हैया’ जैसी होलियां गाते हैं। इधर शहरी क्षेत्रों में हर त्योहार की तरह होली में भी कमी आने लगी है। लोग केवल छलड़ी के दिन ही रंग लेकर निकलते हैं, और एक-दूसरे को रंग लगाते हुए गुजिया और भुने हुए आलू के गुटके खिलाते हैं। गांवों में भांग का प्रचलन भी दिखता है।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 25 फरवरी 2023। सरोवरनगरी में हालांकि पौष माह के पहले रविवार से ही होली की बैठकें शुरू हो गई थीं, लेकिन अब आज रविवार से ही होली गायन के साथ राग-फाग की महफिलें भी सजनी शुरू हो रही हैं। आज नगर की महिलाओं के संगठन लेक सिटी वेलफेयर क्लब की ओर से रविवार को अपराह्न 1 बजे से नगर के होटल सेंट्रल में होली गायन का आयोजन किया जाएगा। अध्यक्ष रानी साह ने बताया कि इस अवसर पर अल्मोड़ा की महिला होलियार लता पांडे के साथ नगर की 5 होल्यारों को सम्मानित किया जाएगा। यह भी पढ़ें : किराये के घर में पति-पत्नी द्वारा चलाये जा रहे जिस्मफरोशी के धंधे का भंडाफोड़…

साथ ही हंस फाउंडेशन के उत्तराखंड प्रभारी पदमेंद्र बिष्ट की ओर से 5 निर्धन महिलाओं को सिलाई मशीन तथा बुजुर्ग महिलाओं को छड़ी तथा कान की मशीनें दी जाएंगी। कार्यक्रम संयोजक अमिता साह ने नगर की सभी महिलाओं से इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करने की अपील की है। कार्यक्रम की तैयारियों में सह संयोजक विनीता पांडेय, जीवंती भट्ट, दीपा पांडेय, दीपिका बिनवाल, प्रेमा अधिकारी, हेमा भट्ट, कविता त्रिपाठी, कविता गंगोला, दीपा रौतेला, सोनू साह, ज्योति ढोंढियाल, गीता साह, कंचन जोशी व लीला राज आदि महिलाएं जुटी हुई है। यह भी पढ़ें : पांचवी कक्षा के छात्र ने की आत्महत्या, कारण से लोग डर रहे….

उधर, नगर की सबसे पुरानी धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा की ओर से 27वें फागोत्सव का आयोजन भी 27 फरवरी यानी कल से सोमवार 8 मार्च तक होने जा रहा है। फागोत्सव का उद्घाटन दोपहर 2 बजे श्रीराम सेवक सभा प्रांगण में विधायक सरिता आर्य एवं पुलिस महानिरीक्षक डॉ. नीलेश आनंद भरणे करेंगे। इस अवसर पर महिला होल्यारों की 10. स्थानीय तथा 13 बाहरी यानी कुल 23 दलों द्वारा द्वारा तल्लीताल धर्मशाला से प्रातः 11 बजे मल्लीताल राम सेवक सभा प्रांगण तक होली जुलूस निकाला जाएगा। तल्लीताल व्यापार मंडल द्वारा वैष्णो देवी मंदिर समिति द्वारा होल्यारों का विशेष स्वागत किया जाएगा। उद्घाटन के बाद महिला होल्यारों द्वारा होली की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। यह भी पढ़ें : अंकिता हत्याकांड में एसआईटी ने दी आतंकी कसाब और दिल्ली के श्रद्धा हत्याकांड की नजीर, जानें क्यों ?

अगले दिन 28 फरवरी को भी यह आयोजन जारी रहेगा। आगे 1 मार्च को महिला बैठकी होली दोपहर 2 बजे से, 2 मार्च को चीर बंधन व रंग धारण दोपहर 1 बजे से, 3 मार्च को आमल एकादशी पूजन सुबह 11 बजे से तथा स्कूली बच्चों की प्रस्तुतियां दोपहर 2 बजे से होंगी। शनिवार 4 मार्च को एकल होली गायन दोपहर 2 बजे से तथा 5 मार्च को श्रीराम सेवक सभा के कलाकारों द्वारा 2 बजे से होली की प्रस्तुतियां और 3 बजे से कवि सम्मेलन का आयोजन होगा। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी की महिला ने नाबालिग किशोर के साथ बनाया पोर्न वीडियो, सोशल मीडिया पर डाला, मामला दर्ज..

6 मार्च को दोपहर 1 बजे बच्चों का स्वांग तथा होली रंग जुलूस निकाला जाएगा तथा सायं साढ़े चार बजे से पुरुष बैठकी होली होगी। साथ ही पिछले वर्षो की तरह इस वर्ष भी महोत्सव के दौरान कूर्मांचल बैंक के सहयोग से 27 फरवरी से ही फोटोग्राफी प्रतियोगिता भी चलती रहेगी। इस प्रतियोगिता में प्रथम आने वाले प्रतिभागी को 7500 हजार, द्वितीय स्थान को 5000 तथा तीसरे स्थान पर रहने वाले प्रतिभागी को साढ 27 साढ़े तीन हजार तथा एक-एक हजार के चार सांत्वना पुरस्कार भी दिए जाऐंगे। यह भी पढ़ें : घरेलू उपभोक्ताओं को वाणिज्यिक उपभोक्ताओं से भी अधिक महंगी मिल रही है बिजली

युगमंच का फागोत्सव
उधर, पिछले 26 वर्षों से लुप्त होती होली को बचाने के प्रयासों के तहत फागोत्सव का आयोजन कर रही नगर की रंगमंच का समर्पित संस्था युगमंच के तत्वावधान में 27वें फागोत्सव की शुरुवात 2 मार्च की दोपहर 1 बजे नयना देवी मंदिर में खड़ी होली से होगी। इसके बाद 3 बजे से रामलीला के मंच पर फागोत्सव का उद्घाटन समारोह होगा, जिसमें खड़ी होली, महिला होली, बाल होली व महिला होल्यार रजनी चौधरी का सम्मान किया जाएगा। यह भी पढ़ें : नैनीताल : तीक्ष्ण ढाल वाले सीसी मार्ग पर दंपति की कार पलटी

3 मार्च को भी दोपहर 12 बजे से नयना देवी मंदिर में खड़ी होगी। साथ ही भोटिया मार्केट व फव्वारे के पास भी खड़ी होली और शाम 6 बजे शारदा संघ में बैठ होली होगी व अनिल सनवाल को सम्मानित किया जाएगा। 4 मार्च को शाम 7 बजे शारदा संघ में बैठ होली, 5 मार्च को 1 बजे से नैनीताल समाचार में बैठ होली व इस दौरान पंकज उप्रेती का सम्मान, 6 मार्च को श्रीराम सेवक सभा व अन्य संगठनों के साथ सामूहिक होली जुलूस तथा 7 मार्च को खल्लड़ एवं 8 मार्च को आशीष होली जुलूस शारदा संघ से निकाला जाएगा। यह भी पढ़ें : नैनीताल पुलिस ने 15 मिनट में ढूंढ निकाली गुमशुदा लड़की, योगी की पुलिस भी नैनीताल पुलिस की तेजी देखकर रह गई दंग…

एनयूजे-आई भी होली बैठक के आयोजन में जुटी
नैनीताल। देश के पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन एनयूजे-आई यानी नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया की नैनीताल इकाई के द्वारा भी होली बैठक की तैयारी की जा रही है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 12 फरवरी 2023। सरोवरनगरी में हालांकि परंपरागत तौर पर कुमाउनी होली की शुरुआत काफी पहले ही पौष माह के पहले रविवार 18 दिसंबर 2022 से हो चुकी है, लेकिन अब आगामी 27 फरवरी से रंगारंग होली की शुरुआत भी होने जा रही है। रविवार को नगर की सबसे पुरानी धार्मिक-सांस्कृतिक संस्था श्री राम सेवक सभा के अध्यक्ष मनोज साह की अध्यक्षता एवं महासचिव जगदीश बावड़ी व डॉ. ललित तिवारी के संचालन में आयोजित हुई बैठक में फागोत्सव के कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया गया। यह भी पढ़ें : धनी बनना चाहते हैं तो जानें बाबा नीब करौरी द्वारा बताए धनी बनने के तीन उपाय

बैठक के दौरान बताया गया कि इस वर्ष के फागोत्सव शुरुआत 27 फरवरी को प्रातः 11 बजे तल्लीताल धर्मशाला से होली जलूस के साथ होगी। बताया गया कि फागोत्सव के दौरान खींचे गए चित्रों की फोटोग्राफी प्रतियोगिता भी आयोजित होगी। इस दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं के सर्वश्रेष्ठ होलियार को सम्मानित भी किया जायेगा। होली जुलूस में नगर की महिलाओं के होली दल, स्कूली बच्चे व गणमान्य लोग शामिल होंगे। इसके बाद महोत्सव का औपचारिक शुभारंभ इसी दिन अपराह्न 2 बजे सभा भवन में होगा। यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र सहित 13 राज्यों के राज्यपाल बदले, भगत सिंह कोश्यारी ने दिया इस्तीफा, यह क्या, इस्तीफे पर खुशी भी जता दी गई….

इस दौरान महिला दल होली प्रस्तुत करेंगे। आगे 28 फरवरी और एक मार्च को भी अपराह्न 2 बजे से महिला दलों की होली प्रस्तुतियां होंगी। 2 मार्च को रंगधारण तथा चीर बंधन होगा। 3 को आमल एकादशी मनाई जाएगी। 4 मार्च को महिलाओं व पुरुषों का एकल होली गायन, 5 को बाल कलाकारों की प्रस्तुतियां तथा कवि सम्मेलन, 6 को बच्चो का स्वांग तथा 8 मार्च को छलड़ी होगी। यह भी पढ़ें : उत्तराखंड: उद्योगपति के घर में ‘स्पेशल-26’ स्टाइल में फर्जी इन्कम टैक्स की रेड में 20 लाख की लूट…

बैठक में सभा के पूर्व अध्यक्ष मुकेश जोशी, रंगकर्मी मिथिलेश पांडे, अशोक साह, राजेंद्र लाल साह, आलोक साह, भीम सिंह कार्की, डॉ. मोहित सनवाल, विजयलक्ष्मी थापा, अदिति खुराना, सभासद प्रेमा अधिकारी, दीपिका बिनवाल, मीनाक्षी कीर्ति, रानी साह, कमला, कांता, निर्मला, हिमांशु, रेनू, विनीता, नीमा, गोविंदी, ममता, तनूजा, ज्योति, पुष्पा, दीपा, कमला, विनीता, दीप्ति, विमला, सुमन, लता, नीमा, योगिता, सुमन साह, हीरा, विश्वकेतु वैद्य व मनोज साह आदि लोग मौजूद रहे। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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IMG 20221218 WA0014नवीन समाचार, नैनीताल, 18 दिसंबर 2022। पौष मास के रविवार के अवसर पर आज श्री रामसेवक सभा में बैठकी होली का शुभारंभ हुआ। पूर्व विधायक डॉक्टर नारायण सिंह जानती नए दीप प्रजावल कर कार्यक्रम की शुरुआत की । महासचिव जगदीश बावड़ी ने सभी का स्वागत किया तथा अध्यक्षता मनोज साह तथा संचालन प्रो ललित तिवारी ने किया।

श्री राम सेवक सभा उत्तराखंड की संस्कृति संरक्षण एवं विरासत को आगे बढ़ाने में ध्वज वाहक का कार्य कर रही है। आज होली के शुभारंभ में सतीश पांडे ,नरेश चमियाल ,राजा सह ,मिथिलेश पांडे ,मनोज पांडे , नरेंद्र बिष्ट , अजय कुमार ,रक्षित सह ,बीरेंद्र , पारस जोशी ,वंश जोशी ने होली के धूम।प्रारंभ की । नवीन बेगाना तथा गिरीश भट्ट ने तबले तथा लोटा संगीत दिया।

होल्यारो ने माई के मदिर में दीपक वारु में सजन ,गणपति को भज लीजे राशि मोरा ,शंकर सुमन भवानी के नंदन गाइए गबपती नंदन ,आदि कहा है , ऊंचे भवन पर्वत पर बस रही है तेरी अंत नही है , भव भंजन को गाऊ में अपने श्याम को मनाऊं आदि होली प्रस्तुत की ।इस अवसर पर अशोक साह ,राजेंद्र बिष्ट , मुकेश जोशी ,बिमल साह ,घनश्याम लाल साह ,भुवन बिष्ट राजेंद्र लाल साह ,हरीश राणा , ,डॉक्टर मनोज बिष्ट गुड्डू ,कुंदन नेगी ,एडवोकेट मनोज साह ,अमर साह ,रोहित हीरा सिंह ,नीरज बिष्ट ने सहभागिता की। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 15 दिसंबर 2022। नगर की सबसे पुरानी धार्मिक-सामाजिक संस्थाओं में शामिल श्री रामसेवक सभा की गुरुवार को हुई बैठक में आगामी कार्यक्रम तय किए गए। सभा के उपाध्यक्ष अशोक साह की अध्यक्षता तथा प्रो. ललित तिवारी के संचालन में आयोजित हुई बैठक में सभा के महासचिव जगदीश बावड़ी ने बताया कि आगामी 18 दिसंबर यानी पौष मास के प्रथम रविवार को अपरान्ह 3 बजे होली गायन कर बैठकी होली की शुरुआत की जाएगी। यह भी पढ़ें : प्राधिकरण के नैनीताल में ध्वस्तीकरण अभियान पर मिली 15 दिन की मोहलत….

इसके अलावा आगे 26 जनवरी 2023 को सभा द्वारा सामूहिक उपनयन संस्कार आयोजित होगा, जिसमें प्रतिभाग करने वाले बटुकों का 15 जनवरी 2023 तक श्रीराम सेवक सभा में पंजीकरण कराना होगा। यह भी तय हुआ कि इस दौरान कुसुम लता सनवाल के द्वारा शकुनाखर तथा डॉ. किरण तिवारी द्वारा जनेऊ चौकी बनाई जाएगी। बैठक में होली महोत्सव 2023 पर भी चर्चा हुई तथा फरुवरी 2023 के दूसरे हफ्ते में होली महोत्सव हेतु बैठक आयोजित करने की बात भी तय हुई। यह भी पढ़ें : चर्चा में हल्द्वानी का ‘इंजीनियर चायवाला’, दिलचस्प है कहानी…

बैठक में सभा के पूर्व अध्यक्ष मुकेश जोशी, विमल चौधरी, भुवन बिष्ट, मोहित साह, हरीश राणा, हीरा सिंह, मीनाक्षी कीर्ति, रानी साह, दीपिका बिनवाल, दीपा रौतेला, बबली, सुमन साह, डॉ. किरण तिवारी, चंचला बिष्ट, तारा बोरा, मधु बिष्ट, रेखा जोशी, संगीता अग्रवाल, लता बिष्ट व कुसुमलता आदि लोग उपस्थित रहे। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 17 मार्च 2022। सरोवरनगरी में नगर की सबसे पुरानी 1916 में स्थापित धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में गुरुवार को हर्बल रंगों-अबीर गुलाल से जमकर होली खेली गई। सभा के सदस्यों व आम लोगों ने एक-दूसरे पर रंग लगाते व उड़ाते हुए पूरे मल्लीताल बाजार क्षेत्र में हर वर्ष की तरह होलियां गाते हुए सांस्कृतिक जुलूस निकाला और लोगों को होली की बधाइयां देते हुए पूरे विश्व में शांति एवं खुशहाली की कामना की गई।

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सरोवरगनरी में गुरुवार को सांस्कृतिक होली जुलूस में हर्बल रंगों से रंगे होल्यार।

जुलूस में होल्यार-मलत मलत नैना भये लाल, झनकारो झनकारो, बड़ो प्यारो लगो तेरो झनकारो, तुम क्यों नहीं आये गणेश होलिन में, बुरूंशी का फूलों का कुमकुम मारो आदि होलियां गा रहे थे। इतनी होली खेली गई कि बाजार की सड़कें भी विभिन्न रंगों से रंग गईं। होली जुलूस में बच्चों ने स्वांग की सुंदर प्रस्तुतिया भी दीं।

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सरोवरगनरी में गुरुवार को सांस्कृतिक होली जुलूस में हर्बल रंगों से रंगे होल्यार।

जुलूस में गिरीश जोशी, गिरीश भट्ट, कमलेश ढोंढियाल, भुवन नेगी, चंदन जोशी नृत्य शैली में अबीर-गुलाल को हवा में उड़ा रहे थे। होली जुलूस में सभा के अध्यक्ष मनोज साह, महासचिव जगदीश बवाड़ी, विमल साह, राजेंद्र बजेठा, डॉ. ललित तिवारी, मुकुल जोशी, भीम सिंह कार्की, विमल चौधरी, चंदन जोशी, किशन नेगी, दीप गुरुरानी, किशन गुरुरानी, मुकेश जोशी, सुरेश बिनवाल, भुवन बिष्ट, मीनाक्षी कीर्ति, दिव्या साह, रानी साह, भारती साह, मोहित साह, प्रेमा अधिकारी आदि भी मौजूद रहे। पुरुषों की होली भी आयोजित की गई, जिसमें सतीष पांडे सहित कई होल्यारों ने शास्त्रीय रागों पर आधारित होलियां प्रस्तुत कीं। 

नगर में घर-घर भी होली खेली जा रही है। जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ज्योति प्रकाश के घर पर तारा बोरा, जान्हवी पालीवाल, डॉ. नीता बोरा शर्मा, कमला जोशी, दीपा शर्मा, प्रो, चन्द्रकला रावत, माया साह, किरन मेर, देवकी बिष्ट, विनीता बोरा, वर्षा बिष्ट, मंजु कोटलिया व वंदना पांडे सहित बड़ी संख्या में पहुंची महिलाओं ने होली खेली। आगे बताया गया है कि आज ही रात्रि में होलिका दहन हो जाएगा, जबकि छलड़ी 19 मार्च को होगी। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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-नैनीताल समाचार की होली में रंगकर्मी जहूर आलम हुए सम्मानित

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होली के रंगों से रंगी नगर की मल्लीताल बाजार का नजारा।

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 16 मार्च 2022। सरोवरनगरी में होली के रंग बुधवार को गहरे हो गए। नगर में आज उत्तराखंड उच्च न्यायालय, जिला बार, नैनीताल समाचार, रामलीला मैदान एवं नैनी महिला एवं बाल विकास समिति के तत्वावधान में होली कार्यक्रम हुए। उच्च न्यायालय परिसर में होईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित हुई होली में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा सहित कई न्यायाधीश एवं हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं वरिष्ठ अधिवक्ता मौजूद रहे।

इधर जिला बार एसोसिएशन ने प्रताप भैया सभागार में होली मिलन समारोह आयोजित किया। इस दौरान न्यायधीशों व अधिवक्ताओं ने एक दूसरे को अबीर गुलाल लगा कर होली की शुभकामनायें दीं। इससे पहले सांस्कृतिक सचिव राजेश त्रिपाठी ने हारमोनियम पर गणेश वंदना बृज नार ऐसो चटक रंग डालो सहित कई अन्य होली गीतों से कार्यक्रम का समा बांध दिया।

आयोजन में जिला न्यायाधीश राजेन्द्र जोशी, सिविल जज व न्यायिक मजिस्ट्रेट बुशरा कमाल, लक्ष्मण सिंह रावत, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज साह, जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता डीके मुनगली, राम सिंह रौतेला, हरिशंकर कंसल, राजेंद्र पाठक, संजय सुयाल, सोहन तिवारी, तरुण चंद्रा, उमेश कांडपाल, मनीष कांडपाल, हेमा शर्मा, स्वाति परिहार, प्रदीप परगाई, राजू परगाई, रवि आर्य, ज्योति प्रकाश, ओमकार गोस्वामी, अरुण बिष्ट, मनीष जोशी, कैलाश जोशी, हरीश भट्ट, कैलाश बल्यूटिया, अखिलेश साह, दीपक तिवारी, पंकज कुलौरा, बीके सांगुड़ी, राजेश चंदोला, पूरन चन्द्र जोशी, संजय त्रिपाठी, प्रमोद बहुगुणा, पंकज कुमार, प्रमोद कुमार, शिवांशु जोशी, पंकज बिष्ट, प्रमोद तिवाड़ी, दीपक दानू, शंकर चौहान, दयाकिशन पोखरिया, नवीन पंत, पवन सिंह, अशोक मौलेखी, भुवन जोशी, पूरन जोशी, पंकज बोरा, मो. दानिश, प्रमोद, गौरव भट्ट, मो. खुर्शीद, अनिल बिष्ट, मुकेश कुमार, सुंदर मेहरा व संतोष आगरी आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।

Nainital samacharइधर नैनीताल समाचार की होली में वरिष्ठ रंगकर्मी जहूर आलम को सम्मानित किया गया। यहां आयोजित शास्त्रीय बैठकी होली में सीआरएसटी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य मनोज पांडे ने राग काफी में राजा दशरथ के चार कुंवर हैं, एक से एक हैं, देखन दे… तथा रक्षित साह ने गाओ सुहागिन होली अलबेली रस की भरी आदि होली गीत सुनाकर शमां बांध दिया। इससे पहले होली गायन की शुरुआत सिद्धि के दाता बिघ्न विनाशन से हुई। आयोजन में पंकज उप्रेती, निधि जोशी, राजा साह जी, हेम पांडे आदि वरिष्ठ होल्यारों ने होलियां प्रस्तुत किए।

उधर श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में स्वर्गीय लेफ्टिनेंट अंशुमन नयाल की स्मृति में एकल होली गायन आयोजन किया गया। इस दौरान नरेश चमियाल, कैलाश जोशी, अवंतिका जोशी, वंदना पांडे, हेमा कांडपाल, पारस जोशी, वीरेंद्र, सोनी जंतवाल, रक्षित साह, हिमांशु, गुंजन जोशी, संगीता बिष्ट, अजय कुमार, चेतना, मंजू रौतेला, लवण्या साह, अंजना अग्रवाल, संजन कुमार व कीर्ति देवी ने खेले मसाने में होली, मिथिला में राम खेलें होली, नैनन में पिचकारी, धीरे फेंको गुलाल, सबको मुबारक होली, छोड़ो ना प्रीत की नाजुक डोरी, फागुन के चार दिन, रंग डालो चुनरिया में, रंग डारो ना नंद के लाल, कन्हैया रंग डारि गयो आदि होलियों से रंग-बिरंगे रंग बिखेरे।

इस दौरान हेमंत बिष्ट, डॉ. ललित तिवारी, मीनाक्षी कीर्ति व नवीन पांडे आदि उद्घोषकों के साथ सभी प्रतिभागियों को सीएस नयाल व डॉ. मधु नयाल ने प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानिक किया गया। बताया गया है कि कल गुरुवार को अपराह्न एक बजे से होली जुलूस एवं शाम साढ़े चार बजे से फूलों की होली खेली जाएगी, तथा रात्रि सवा नौ बजे होलिका दहन किया जाएगा।

जबकि सूखाताल में नैनी महिला एवं बाल विकास समिति के द्वारा संस्कृति निदेशालय देहरादून के सहयोग से आयोजित होली में सिद्धि के दाता, तुम बिघ्न हरो महाराज, जल कैसे भरूं जमुना गहरी, मुझे मिल गया नंद का लाल, बखत बखत की बात कलयुग ऐ रौ छौ, अबीर उड़ता गुलाल उड़ता आदि कई होलियां गाई गईं।

आयोजन में संस्था की प्रमुख विजय लक्ष्मी थापा, सुनीता आर्या, रेनू कोहली, रूपा कोहली, कमला देवी, आनंदी बगडवाल, मोहनी देवी, भावना बगडवाल, ललिता देवी, पार्वती उप्रेती, हंसी रावत, मुन्नी, संगीता, हेमा, मीनाक्षी व सोनी आदि शामिल रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नैनीताल में होली के रंग मिले अमीर खुसरो की कव्वाली के संग…

-स्कूली बच्चों के होली गायन में सैनिक स्कूल रहा प्रथम
kavvaliडॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 14 मार्च 2022। सरोवरनगरी में नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में मनाये जा रहे फागोत्सव के तहत सोमवार को रंग भरी कव्वाली के साथ स्कूली बच्चों की होली प्रस्तुतियां आयोजित की गईं। नगर के आवागढ़ कंपाउंड के शाहिद अली वारसी की टीम ने ‘होली के रंग अमीर खुसरो के संग’ नाम से कव्वालियों का आयाजन किया।

साथ ही सरस्वती शिशु मंदिर, राष्ट्रीय शहीद सैनिक स्मारक विद्यापीठ निशांत, भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय, मोहन लाल साह बाल विद्या मंदिर, अमेरिकन किड्स, रामा मांटेसरी, नैनी पब्लिक स्कूल, सीआरएसटी इंटर कॉलेज, मल्लिका कला केंद्र ने आकर्षक होलियां प्रस्तुत कीं। 

प्रदर्शन के आधार पर स्वर्गीय नवीन चंद्र साह के पुत्र राजेश साह द्वारा पिता की स्मृति में मोहन लाल साह बाल विद्या मंदिर को प्रथम, भारतीय शहीद सैनिक को द्वितीय, नैनी पब्लिक स्कूल को तृतीय तथा अमेरिकन किड्स को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। मिथिलेश पांडे व सोनी जंतवाल ने निर्णायक के रूप में योगदान दिया। 

उधर, कोतवाली मल्लीताल में पुलिस ने तल्लीताल व मल्लीताल क्षेत्र के व्यवसायियों व अन्य लोगों के साथ बैठक कर होली को शांतिपूर्वक मनाने की अपील की। इस दौरान भाजपा से जुड़ी महिला नेत्रियों ने पुलिस कर्मियों को होली का टीका लगाकर होली की बधाइयां दीं।

वैष्णवी देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष भी सम्मानित किया गया। बताया गया है कि आगे मंगलवार को सभा भवन में अपराह्न दो बजे से कुमाउनी भाषा पर आधारित ‘अपुण भाषा अपुण बोलि’ कार्यक्रम आयोजित होगा। आयोजन में हास्य कलाकार राजेंद्र जोशी उर्फ पनवा, हेमंत बिष्ट, वीना भट्ट वर्सीलिया व डॉ. प्रदीप जोशी आदि प्रतिभाग करेंगे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : चीरबंधन व रंगधारण के साथ बढ़ी होली की मस्ती, नयना देवी मंदिर में खड़ी होली हुई तथा निकला होली जुलूस

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 13 मार्च 2022। सरोवरनगरी में रविवार को चीरबंधन व रंगधारण के साथ होली का रंग व मस्ती बढ़ने लगी है। मुख्यालय में जगह-जगह होली के कई सार्वजनिक कार्यक्रम हो रहे हैं। वहीं घरों में भी लोग ढोल मंजीरों के साथ होली का गायन कर रहे हैं। इसी कड़ी में रविवार को दिन में एक बजे से रामलीला मैदान में एक ओर फागोत्सव के तहत सुबह मुहूर्त के अनुसार पयां यानी पद्म वृक्ष की टहनी पर चीरबंधन तथा रंगधारण किया गया वहीं इस दौरान की गई रंगोली भी दर्शनीय रही। आंवल पूजन भी कराया गया। उपस्थित लोगों ने सिद्धि को दाता बिघ्न विनाषन व कैलै बांधी चीर आदि होली गीत प्रस्तुत किए।

उधर, अपराह्न में नगर की प्रतिष्ठित रंगमंच संस्था युगमंच के तत्वावधान में 26वां होली महोत्सव प्रारंभ हो गया। इसकी शुरुआत परंपरागत तौर पर नगर की आराध्य देवी माता नयना देवी के मंदिर से होली गायन से हुई। नगर के दिवंगत शिक्षाविद् नवीन चंद्र साह, अनिल पंत व तुषार कांत त्रिपाठी को समर्पित होली महोत्सव के तहत नयना देवी मंदिर में काली कुमाऊं अंचल के बाराकोट चंपावत के लड़ीधूरा शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मंच के नागेंद्र जोशी की अगुवाई में आए बसंतोत्सव समिति के वरिष्ठ होल्यार बसंत बल्लभ जोशी, लोकमान अधिकारी, रजनीश जोशी, उमेश जोशी, राजेश अधिकारी, केदार जोशी, नवल जोशी व जगदीश अधिकारी आदि के दल ने खड़ी होली गायन की शुरुआत की।

Holi1इस दौरान वरिष्ठ होल्यार बसंत जोशी को संस्था की ओर से सम्मानित भी किया गया। मंदिर में स्थानीय महिलाओं की बैठकी होली भी आयोजित हुई, जिसमें महिलाओं ने थिरकने के साथ स्वांग का प्रदर्शन भी किया। खड़ी होली के उपरांत नयना देवी मंदिर से होली जुलूस भी निकाला गया। आगे रामलीला मैदान में जया पालीवाल की मेविला माउंट रोज महिला समिति, विजय लक्ष्मी थापा की नैनी महिला एवं बाल विकास समिति, संगीता अग्रवाल की समर्पण वूमन, वेलफेयर सोसायटी, संगीता बिष्ट के रंगीलो कुमाऊं, चंद्रा जोशी के नैनीताल क्लब कंपाउंड, मंजू रौतेला की जागृति संस्था व पाषाण देवी महिला समिति की महिला होल्यारों ने होली की प्रस्तुतियां दीं। सभी संस्था प्रमुखों को सम्मानित भी किया गया।

आयोजन में संस्था के प्रमुख जहूर आलम, डॉ. शेखर पाठक, मिथिलेश पांडे, राजीव लोचन साह, चंद्रलाल साह, राजा साह, डॉ. देवेंद्र बिष्ट, भाष्कर बिष्ट, मनोज कुमार, नवीन बेगाना, जितेंद्र बिष्ट, डीके शर्मा, पवन कुमार, अमित साह व अदिति खुराना आदि का सहयोग रहा। 

उधर ज्योलीकोट के समीपवर्ती ग्राम गांजा में धार्मिक अनुष्ठान के साथ चीर बंधन और होली महोत्सव का श्री गणेश किया गया। इस मौके पर गौरांग रघु महाराज, उदय अधिकारी, पुष्कर जोशी, हरीश साह, इंदर नेगी, बनारसी, हीरा लाल साह, चंदन भट्ट, राजेन्द्र कोटलिया, राजन चौहान व प्रकाश भट्ट सहित बड़ी संख्या में युवाओं ने चीर बंधन और होली गायन किया। ग्राम भलयूटी में भी देवी मंदिर प्रांगण में महिलाओं ने होली गायन किया और सुख शांति की कामना के साथ देवी-देवताओं का आह्वान किया। मंजू कांडपाल, गुड्डी, पुष्पा जोशी, गीता, नमिता, ग्रामपधान रजनी रावत, पुष्पा बिष्ट व निशा सहित अन्य महिलाएं उपस्थित रहीं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : आज रंगों की आई है बहार सखी रे मोरे अंगना में… सरोवरनगरी में फागोत्सव की धूम

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 9 मार्च 2022। सरोवरनगरी में फागोत्सव की धूम जारी है। नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में मल्लीताल रामलीला मैदान में आयोजित हो रहे 26वें फागोत्सव में गुरुवार को स्थानीय महिलाओं के समूहों की होली गायन व स्वांग की प्रस्तुतियां हुईं। देखें विडियो :

इस दौरान नगर के संपूर्ण वूमन वैलफेयर सोसायटी, पाषाण देवी महिला ग्रुप, नैनीताल महिला जागृति संस्था, नैनी महिला एवं बाल विकास समिति सूखाताल, महिला होली दल कृष्णापुर, रंगीलो कुमाऊं, सिद्धेश्वर मंदिर, हिमालयन ग्रुप भूमियाधार, मां नयना ग्रुप भूमियाधार व महिला होली समिति गेठिया संस्थाओं की महिलाओं ने आज रंगों की आई है बहार सखी रे मोरे अंगना में, होलिन में चुनर रंगा रे बलम, होली खेलन आए कैलाशपति, आज बिरज में होली रे रसिया-होली भई रंगजोली रे रसिया व भागा रे भागा नंदलाल-राधा ने पकड़ा रंग डाला आदि होली गीतों की प्रस्तुतियां दीं एवं स्वांग विधा से चुटीले कटाक्ष किए।

आयोजन में आयोजक संस्था के अध्यक्ष मनोज साह, महासचिव जगदीश बवाड़ी, मुकेश जोशी व डॉ. ललित तिवारी सहित अनेक पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में नगर के गणमान्य एवं आमजन मौजूद रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : हैलो, मैं बंशीधर बोल रहा हूं, हरी तुम ‘कुर्सी-कुर्सी मंत्र जपो’, ‘हम तो थाली केे बैगन ठैरे…’ महिलाओं ने चुनाव पर किए जोरदार कटाक्ष

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 9 मार्च 2022। कुमाउनी होली अपने आप में अनूठी है। यहां केवल उत्श्रृंखलता नहीं, वरन सामाजिक मुद्दों पर गहरे कटाक्ष किए जाते हैं। नैनीताल में चल रहे फागोत्सव में भी यह परंपरा आगे बढ़ी है। खासकर इस दौरान हो रहे चुनाव को लेकर यहां महिला होल्यारों ने कुमाउनी होली की सुप्रसिद्ध ‘स्वांग’ विधा के जरिए जो प्रदर्शित किया, उससे यह भी पता चला कि भले समाज कई मामलों में सामने से मौन दिखता हो, लेकिन उसकी गहरी प्रतिक्रिया उसके अंतर्मन तक होती है, और जब कुमाउनी होली मौका देती है तो वह चुटीले अंदाज में झकझोर देती है।

ऐसा ही हुआ मंगलवार को नगर के रामलीला मैदान में श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में चल रहे 26वें फागोत्सव-2022 के दौरान। यहां महिलाओं ने समाज में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति सहित अनेक सामाजिक मुद्दों को चुटीले अंदाज में प्रस्तुत करने के साथ कुछ राजनेताओं के बीच स्वांग प्रस्तुत करते हुए कहा, वह दल-बदलू हैं, थाली के बैगन हैं, किसी भी ओर पलट सकते हैं। उल्लेखनीय है कि इस बार नैनीताल विधानसभा से तीन प्रमुख दलों के प्रत्याशी अपनी पार्टी बदलकर चुनाव लड़े थे।

वहीं एक अन्य स्वांग में महिलाएं जगरिए के रूप में ‘हरी’ नाम के व्यक्ति को उसके दाने/चावल की जगह खीले देखते हुए सलाह देने लगी कि वह ‘कुर्सी-कुर्सी’ मंत्र जपे। उल्लेखनीय है कि चुनाव के दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत एवं पूर्व मंत्री हरीश दुर्गापाल के साथ किसी ओझा को चावल दिखाते हुए फोटो वायरल हुआ था, और हरीश रावत ने एक तरह से ‘कुर्सी न मिली तो घर बैठूंगा’ जैसा बयान भी दिया था।

इसके अलावा सर्वाधिक चुटीला व्यंग्य वह रहा, जिसमें स्वांग करता हुआ व्यक्ति फोन पर खास अंदाज में कहता सुना गया, ‘मैं बंशीधर बोल रहा हूं….’ उल्लेखनीय है कि चुनाव में इसी वाक्य के साथ एक नेता का एक महिला से अश्लील बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ था। इस प्रकार साफ दिखता है कि जनता में किन नेताओं ने किस तरह से जनता को छुवा है। अब देखने वाली बात होगी कि कल 10 मार्च को आने वाले चुनाव परिणामों में जनता के दिल को लगी यह बातें परिणामों में किस तरह नजर आती हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : सरोवरनगरी में पहली बार खास अंदाज में होली जुलूस के साथ हुआ रंगों के पर्व होली का आगाज

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीातल, 8 मार्च 2022। सरोवरनगरी में 26वें फागोत्सव का भव्य आगाज हो गया है। दो वर्ष से चल रही कोरोना काल की पाबंदियों के बाद हो रहे इस फागोत्सव में होल्यार नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक-सांस्कृतिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में भारी जोश के बीच होल्यार नगर में पहली बार शुरुआत में होली जुलूस निकाल रहे हैं। जुलूस पर अबीर-गुलाल की फुहार हो रही है। लोग, खासकर महिला होल्यारों का होली गीत गाते हुए और होली के पारंपरिक वस्त्रों के साथ कुमाउनी होली की अनूठी स्वांग विधा के साथ निकलते जोश देखते ही बन रहा है।

तल्लीताल धर्मशाला से शुरू हुए और तल्लीताल बाजार से होते हुए मॉल रोड होकर मल्लीताल की ओर बढ़ते जुलूस के आगे चल रहे बैंड की धुन पर होल्यार होली गीतों पर थिरक रहे हैं। अबीर-गुलाल की पिचकारियां माहौल में अलग-अलग रंग भर रही हैं। सैलानी भी इस आयोजन का आनंद लेते देखे जा रहे हैं।

आयोजन में आयोजक संस्था के महासचिव जगदीश बवाड़ी, प्रो. ललित तिवारी, वैष्णो देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष मनोज साह, तल्लीताल व्यापार मंडल अध्यक्ष मारुति नंदन साह, मुकेश जोशी, विमल चौधरी, हिमांशु जोशी, देवेंद्र लाल साह, मिथिलेश पांडे, हरीश राणा व उमेश जोशी सहित कई सदस्य सदस्य भी शामिल हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नैनीताल के फागोत्सव में इस बार मेले जैसा रहेगा माहौल, कुमाउनी लोक संस्कृति के साथ कव्वाली भी

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 7 मार्च 2022। सरोवरनगरी में 1918 में स्थापित श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में मंगलवार से शुरू होने जा रहे 26वें फागोत्सव में इस वर्ष नंदा देवी मेले जैसा माहौल रहेगा। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में अबीर गुलाल वाले पटाखे चलाए जाएगें, साथ ही दो से चार कुंतल तक हर्बल रंग भी उड़ेंगे। साथ ही पहली बार होली में स्थानीय कुमाउनी लोक भाषा व लोक संस्कृति के साथ अमीर खुसरो की कव्वाली के रंग भी मिलेंगे।

सोमवार को आयोजक संस्था श्रीराम सेवक सभा के महासचिव जगदीश बवाड़ी ने आयोजन की जानकारी देते हुए बताया कि आज मार्च को महोत्सव की शुरुआत नगर एवं बाहर की 10-10 यानी कुल 20 महिला होल्यारों की टीमों के साथ आम नगरवासियों की नंदा देवी मेले जैसी शोभायात्रा-होली जुलूस से होगी। सुबह 11 बजे से अपराह्न एक बजे तक तल्लीताल धर्मशाला से तल्लीताल बाजार, मॉल रोड होते हुए मल्लीताल बाजार तक चलने वाले होली जुलूस में अबीर गुलाल वाले पटाखे छोड़े जाएंगे।

इसके बाद 10-10 महिला टीमों की मंगल व बुधवार को रामलीला मैदान में होली की प्रस्तुतियां होंगी। 14 मार्च को स्कूली बच्चों की होली प्रस्तुतियां दिवंगत शिक्षाविद् नवीन चंद्र साह की एवं 16 को एकल होली गायन स्वर्गीय लेफ्टिनेंट अंशुमन नयाल की स्मृति में होगा। इससे पहले 15 मार्च को अपुण भाषा अपुण बोलि कार्यक्रम में कुमाउनी कवि सम्मेलन व वार्ता तथा अमीर खुसरो के रंग नाम से कव्वाली का आयोजन भी किया जाएगा।

आगे 17 मार्च को करीब 2 से 4 कुंतल हर्बल रंगों से बच्चों के स्वांग व होली जुलूस आयोजित होगा। इस दौरान सभा के अध्यक्ष मनोज साह, डॉ. ललित तिवारी, मुकेश जोशी, देवेंद्र लाल साह, किशन नेगी, मिथिलेश पांडे, वैष्णो देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष मनोज साह, विमल चौधरी व राजेंद्र बजेठा आदि मौजूद रहे।

फोटोग्राफी प्रतियोगिता भी होगी
नैनीताल। फागोत्सव के दौरान 8 से 17 मार्च तक फोटोग्राफी प्रतियोगिता आयोजित होगी। इसमें शामिल होने के लिए 17 की शाम छह बजे तक 200 रुपए शुल्क के साथ पंजीकरण कराना होगा। प्रतिभागी 20 मार्च तक अपनी चार फोटो ऑनलाइन भेज सकते हैं। विजेताओं को 7.5, 5 व 3.5 हजार के तीन पुरस्कार एवं चार सांत्वना पुरस्कार दिए जाएंगे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : होली महोत्सव पर सरोवरनगरी में छाएगी रंगों की बौछार के साथ, कुमाउनी होली के विविध रूपों की बहार, कार्यक्रम तय

holi2डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 28 फरवरी 2022। नगर की प्रसिद्ध सांस्कृतिक संस्था युगमंच के 26वें होली महोत्सव के कार्यक्रम तय कर लिए गए हैं। सोमवार को नयना देवी मंदिर के सभाकक्ष में राजीव लोचन साह की अध्यक्षता में हुई युगमंच, शारदा संघ, नयना देवी मंदिर प्रबंधन अमर उदय ट्रस्ट, नैनीताल समाचार, नैनी महिला जागृति संस्था के पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक में तय किया गया कि होली महोत्सव 13 मार्च से 19 मार्च तक चलेगा।

इस दौरान रंगों की बौछार के साथ पर्वतीय कुमाउनी होली के खड़ी होली, बैठ होली व महिला होली के अनेक आयोजन होंगे। 13 मार्च को रंग्वाली एकादशी पर नयना देवी मंदिर के प्रांगण में अपराह्न एक बजे से परंपरागत खड़ी होली तथा अपराह्न 3 बजे से रामलीला मंच मल्लीताल में विधिवत् उद्घाटन होगा, और खड़ी व महिला होली का आयोजन व वरिष्ठ होल्यारों का सम्मान किया जाएगा।

आगे 14 व 15 मार्च को शाम 6 बजे से शारदा संघ में कुमाऊं की परंपरागत बैठ होली में मूर्धन्य होल्यारों की प्रस्तुतियां, 16 मार्च को नैनीताल समाचार के प्रांगण में दोपहर 12 बजे से बैठ होली व सम्मान समारोह तथा 19 मार्च को छलड़ी के दिन शारदा संघ से सुबह 10 बजे से आशीष होली जुलूस निकाला जाएगा। बैठक में चंद्र लाल साह, डॉ. देवेंद्र बिष्ट, मंजू रौतेला, दिनेश उपाध्याय, भाष्कर बिष्ट, नवीन बेगाना, मनोज कुमार, राजेंद्र लाल साह, डीके शर्मा, जितेंद्र बिष्ट, पवन कुमार, हिमांशु पांडे व जहूर आलम आदि उपस्थित रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : 8 से 19 मार्च तक फागोत्सव के रंग में रंगेगी सरोवरनगरी, पहली बार नंदा देवी महोत्सव की तरह होगी शुरुआत

-नगर के साथ बाहरी नगरो के महिला जुलूस भी शामिल होंगे
holi taiyariडॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 20 फरवरी 2022। पौष माह के पहले रविवार से ही कुमाउनी होली गायन की परंपरा का निर्वाह कर रही सरोवरनगरी आगामी 8 मार्च से पूरी तरह से रंगों के पर्व-फागोत्सव के रंग में सराबोर रहेगी। नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक व सांस्कृतिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में नगर में 8 से 19 तक फागोत्सव-2022 का आयोजन किया जाएगा।

रविवार को फागोत्सव के कार्यकमों को अंतिम रूप देने के लिए मनोज साह की अध्यक्षता एवं जगदीश बवाड़ी के संचालन में आयोजित हुई सभा की बैठक में तय किया गया कि फागोत्सव में नगर के साथ ही हल्द्वानी, भवाली, भीमताल, ज्योलीकोट व नौकुचियाताल आदि स्थानों के महिला होल्यारों के दल शामिल होंगे। 8 मार्च को नगर में तल्लीताल वैष्णो देवी मंदिर से नंदा देवी महोत्सव के दौरान कदली दलों के साथ निकलने वाले पारंपरिक सांस्कृतिक जुलूस की तर्ज पर होली जुलूस का आयोजन किया जाएगा।

आगे सभा के प्रांगण में नगर के साथ ही बाहरी होली दलों की प्रस्तुतियां होंगी, जिसमें दलों को 15-15 मिनट में दो होली एवं एक स्वांग की प्रस्तुतियां देनी होंगी। आगे 12 मार्च को बैठकी होली, 13 को चीर बंधन एवं रंग धारण, 14 को आंवल एकादशी, 15 को श्रीराम सेवक सभा के कलाकारों की होलियां, 16 को एकल महिला एवं पुष्प होली, 17 को पुरुष बैठकी होली, 18 को बच्चों के स्वांग एवं रंगों की होली का जुलूस तथा 19 को सभा भवन में छलड़ी का आयोजन किया जाएगा।

बैठक में मुकेश जोशी, राजेंद्र लाल साह, किशन नेगी, डॉ. ललित तिवारी, मिथिलेश पांडे, विमल चौधरी, सतीश पांडे, हरीश राणा, प्रेमा अधिकारी, मीनाक्षी कीर्ति, दिव्या साह, रानी साह दीपिका बिनवाल, रेखा जोशी, रमा भट्ट, हेमा जोशी, रुचि बिनवाल, संगीता बिष्ट, तारा बोरा, दिनेश गुरुरानी, कलावती असवाल, मीनू बुधलाकोटी, दीपा, मंजू रौतेला, विजयलक्ष्मी थापा, सुमन साह, हेमा कांडपाल, वंदना पांडे व हेमा सुयाल आदि उपस्थित रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नैनीताल में शुरू हुआ ऐतिहासिक कुमाउनी होली का गायन…

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पहली कुमाउनी होली बैठक में होली गीतों में मगन होल्यार।

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 20 दिसंबर 2021। देश भर में जहां होली का त्योहार बसंत ऋतु में फाल्गुन के माह में मनाया जाता है, लेकिन उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में अनेक खाशियतों के लिए देश भर में प्रसिद्ध कुमाउनी होली की शुरुआत पौष माह के पहले सोमवार से हो जाती है।

इसी कड़ी पौष माह के पहले रविवार की रात्रि नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा में पूर्व विधायक डॉ. नारायण सिंह जंतवाल, पूर्व शिक्षाधिकारी नवीन चंद्र साह, जहूर आलम तथा सभा के अध्यक्ष मनोज साह, महामंत्री जगदीश बवाड़ी, पूर्व पालिकाध्यक्ष मुकेश जोशी, विमल चौधरी ने पहली कुमाउनी बैठकी होली का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। इस मौके पर सतीश पांडे, राजा साह, प्रभात साह गंगोला, अजय, सानू, अमर साह व वीरेंद्र आदि होल्यारों ने राग यवन, काफी व धमार आदि पर आधारित गणपति गाइये नंदन, भव भंजन गुण गाऊं, जित देखूं उत श्याम व होली खेलत कहां जाऊं आदि भक्ति रस के होली गीतों का गायन कर रंग जमाया।

तबले पर राहुल जोशी, कमल जोशी व अजय महाजन ने संगत दी। संचालन डॉ. ललित तिवारी ने किया। इस अवसर पर प्रकाश पांडे, वंदना पांडे, समर साह, राजेंद्र बमेठा, सुनील साह, मुकेश धस्माना, भुवन बिष्ट, मनोज जोशी, चंद्र प्रकाश साह, किशन गुरुरानी व चंदन जोशी सहित अनेक अन्य संस्कृति प्रेमी जन भी मौजूद रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : सरोवरनगरी में खेली गई राग-फाग व रंगों के साथ ही फूलों की होली, सैलानियों ने उन्मुक्त होकर खेली होली

नवीन समाचार, नैनीताल, 28 मार्च 2021। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच सरोवरनगरी में इस बार राग-फाग व रंगों के साथ ही फूलों की होली भी होली खेली गई। वहीं सैलानी भी उन्मुक्त हो होली खेलते दिखे। लोगों ने मास्क का प्रयोग भी किया और कुछ हद तक सामाजिक दूरी भी बनाई लेकिन फिर भी होली का उत्साह कोरोना पर भारी पड़ता दिखा। खासकर महिलाओं ने होली के पारंपरिक उत्साह को बने रहने दिया।

 

 

अनेक जगह घर-घर महिलाओं की टोलियां सीमित संख्या में ही सही पर होली गायन व ‘द्वि ढाइ लटक’ शैली में झोड़े की तरह नृत्य करती भी नजर आईं। वहीं पुरुषों ने अपने परिचितों-रिश्तेदारों के घर जाकर होली की बधाइयां दीं व अबीर-गुलाल लगाया। होली गायन व होली की बधाइयां देने आने वालों को गुझिया, आलू के गुटके व चिप्स आदि खिलाए गए। लोग सोशल मीडिया पर लोगों को बधाइयां देने और दूसरों की बधाइयों का प्रतिउत्तर देने में भी व्यस्त रहे। नगर में आए सैलानी भी कई जगह उन्मुक्त होकर होली मनाते नजर आए। नगर के होटलों में पर्यटकों के लिए होली मनाने का विशेष प्रबंध भी किया गया था। नैनी रिट्रीट होटल में सैलानियों ने किए गए प्रबंधों से अबीर-गुलाल के साथ ही फूलों की होली भी खेली।

यह भी पढ़ें : सरोवरनगरी में जमकर उड़े हर्बल अबीर-गुलाल, मलत-मलत नैना भए लाल..

नवीन समाचार, नैनीताल, 28 मार्च 2021। सरोवरनगरी में नगर की सबसे पुरानी 1916 में स्थापित धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में शनिवार को हर्बल रंगों-अबीर गुलाल से जमकर होली खेली गई। सभा के सदस्यों व आम लोगों ने एक-दूसरे पर रंग लगाते व उड़ाते हुए पूरे मल्लीताल बाजार क्षेत्र में हर वर्ष की तरह होलियां गाते हुए सांस्कृतिक जुलूस निकाला और लोगों को होली की बधाइयां देते हुए पूरे विश्व में शांति एवं खुशहाली की कामना की गई। इस मौके पर सभा भवन के प्रांगण में चीर बंधन के पास भीम सिंह कार्की, हीरा सिंह व गोधन सिंह ने सुंदर रंगोली बनाई। कैलाश जोशी, विमल चौधरी, गिरीश जोशी व भुवन नेगी आदि ने गणपति की होली-गणपति आयो, मारो ना पिचकारी नयना लाल भये, शहर में आयो व्यौपारी, झनकारो, झनकारो, बुरूंशी को फूलो, कृष्ण खेलें होली राधा के साथ तथा आशीष होली जुग-जुग जीवें मित्र हमारे बारादरी में रंग बनो है आदि होली गीत प्रस्तुत किए और पूरे विश्व की समृद्धि व स्वस्थ रहने की कामना की।

जुलूस की शुरुआत अबीर-गुलाल उड़ाने से हुई और आगे मल्लीताल बाजार से होते हुए निकले होली जुलूस में लगातार होली गायन व अबीर-गुलाल का उड़ना जारी रहा। इस दौरान इतनी होली खेली गई कि बाजार की सड़कें भी विभिन्न रंगों से रंग गईं। जुलूस में कैलाश जोशी, गिरीश जोशी, चंद्रशेखर जोशी, कमलेश ढोंढियाल, भुवन नेगी, चंदन जोशी नृत्य शैली में अबीर-गुलाल को हवा में उड़ा रहे थे। होली जुलूस में सभा के अध्यक्ष मनोज जोशी, महासचिव जगदीश बवाड़ी, विमल साह, राजेंद्र बजेठा, किशन गुरुरानी, सुरेश बिनवाल, भुवन बिष्ट सहित बड़ी संख्या में होल्यार शामिल रहे। पहली बार नगर के पत्रकार भी होली जुलूस में होली के रंगों में सराबोर नजर आए। इधर शाम को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश भी फागोत्सव में शामिल हुए।Holi 5 1 Holi

 

यह भी पढ़ें : लाल रंग डालो, गुलाबी रंग डालो, रंग केसर छिड़काओ री होली आई रे रसिया….

नवीन समाचार, नैनीताल, 27 मार्च 2021। सरोवननगरी में होली की बैठकें पूरे शबाब में हैं। इसी कड़ी में शनिवार को श्रीराम सेवक सभा एवं नैनीताल समाचार में पुरुषों की बैठकी होली का आयोजन किया गया। इस दौरान नैनीताल समाचार की होली में वरिष्ठ होल्यार अतुल साह को सम्मानित किया गया। अतुल ने आयो नवल वसंत सखी ऋतुराज कहायो होली गाकर शमां बांधा। इसी तरह राजू त्रिपाठी ने जोशीले अंदाज में लाल रंग डालो, गुलाबी रंग डालो, रंग केसर छिड़काओ री होली आई रे रसिया…. और निधि जोशी ने सजन मोरे अंगना में आना रे पहन वसंती बाना की प्रस्तुतियां दीं। इनके अलावा अल्मोड़ा से आए प्रभात गंगोला, राजा साह, मनोज पांडे, मनोज चनियाल आदि ने भी होली की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दीं। आयोजन में नवीन बेगाना, जहूर आलम, राजीव लोचन साह, मनोज कुमार, हिमांशु पांडे ‘मित्र’, लता कांडपाल, हेमलता तिवारी, विनीता यशस्वी, डा. मोहित सनवाल व चंदन जोशी सहित बड़ी संख्या में शास्त्रीय राग-रागिनियों में बंधी-सजी पारंपरिक कुमाउनी होली के रसिक मौजूद रहे।

देखें आज की नैनीताल समाचार की होली का विडियो :

यह भी पढ़ें : सरोवरनगरी में होली पर सर्वधर्म सम्भाव की मिसाल, पिछले 25 वर्षों से जहूर करा रहे हैं होली

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 25 मार्च 2021। सर्वधर्म की नगरी सरोवरनगरी की अनेक खाशियतें हैं, और इनमें से एक है यहां पिछले 25 वर्षों से हो रहे फागोत्सव व होली महोत्सव। 1976 में इन महोत्सवों की नैनीताल से शुरुआत से होने के बाद वर्तमान में प्रदेश के अनेक स्थानों पर ऐसे महोत्सव आयोजित हो रहे हैं, इस तरह नैनीताल पूरे प्रदेश के ऐसे आयोजनों का प्रणेता भी है। इसके अलावा भी नैनीताल के होली महोत्सव की एक और खाशियत यह भी है कि यहां होने वाले होली महोत्सव के पीछे जहूर आलम नाम के रंगकर्मी हैं, जो सरोवरनगरी की होली में सर्वधर्म सम्भाव का रंग भी भर देते हैं।
Jahoor Alam

जहूर बताते हैं 70 के दशक में नैनीताल सहित पहाड़ों की होली में मैदानी क्षेत्रों की होली के कपड़े फाड़ने, कीचड़ फैंकने व मुंह पर जले तेल आदि की कालिख पोतने जैसे दुर्गुण आ गए थे। इस पर उनके साथ ही उनकी नाट्य संस्था युगमंच के वरिष्ठ सदस्य स्वर्गीय गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’, विश्वंभर नाथ साह ‘सखा’, राजीव लोचन साह, डॉ. विजय कृष्ण आदि के साथ श्रीराम सेवक सभा व शारदा संघ आदि संस्थाओं के लोग जुटे और कुमाउनी होली को उसके पारंपरिक स्वरूप में बचाने के लिए 1976 से फागोत्सव-होली महोत्सव की शुरुआत हुई।

इसके तलत पहली बार गांवों में अपने घरों व पटांगणों तक सीमित महिलाओं व पुरुष होल्यारों की खड़ी व बैठकी होलियां आयोजित हुईं। बाहर से आने वाले होल्यारों के दलों को कलाकारों के रूप में पहली बार न केवल प्रतिष्ठा दी गई, बल्कि उन्हें इसका पारिश्रमिक भी दिया गया। कुमाऊं विश्वविद्यालय के संगीत विभाग में कुमाउनी होली को विषय में रूप में शामिल किया गया। साथ ही कुमाउनी होली को प्रतिष्ठित करने के लिए दो-तीन वर्ष संगोष्ठियां भी आयोजित हुईं और नई पीढ़ी को पारंपरिक कुमाउनी होली पहुंचाने के लिए कार्यशालियां भी लगातार आयोजित की जाने लगीं, जोकि अब भी होती हैं। जहूर कहते हैं उनकी इस पहल का ही प्रभाव है कि आज यहां पारंपरिक तरीके से ही होली का आयोजन होता है, और उसमें मैदानी क्षेत्रों से आए दुर्गुण नहीं दिखाई देते हैं।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 24 मार्च 2021। सरोवरनगरी में बुधवार को चीरबंधन व रंगधारण के साथ होली का रंग व मस्ती बढ़ने लगी है। मुख्यालय में जगह-जगह होली के कई सार्वजनिक कार्यक्रम हो रहे हैं। वहीं घरों में भी लोग ढोल मंजीरों के साथ होली का गायन कर रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को नगर की प्रतिष्ठित रंगमंच संस्था युगमंच के तत्वावधान में 25वां होली महोत्सव प्रारंभ हो गया। इसकी शुरुआत काली कुमाऊं अंचल के खेतीखान के डॉ. देवेंद्र ओली की अगुवाई में आए बसंतोत्सव समिति के ललित मोहन, महेश जोशी, बद्रीदत्त भट्ट, विजय मनराल, किशोर जुकरिया, आलोक वर्मा, मुकुल मनराल, प्रदीप ओली, किशन देव सहित 40 सदस्यीय होल्यारों के दल द्वारा नगर की आराध्य देवी माता नयना देवी के मंदिर में ‘हो रही जै जैकार कालिका, कलियुग में अवतार भयी, तुम तो भयी तपवान कालिका कलियुग में अवतार भये’ व ‘जय बोलो यशोदा नन्दन की, विनती करत हूं पइयां पड़त हूं, सुखदायक दुखभंजन की, जय बोलो यशोदा नन्दन की’ के होली गायन से हुई। उल्लेखनीय है कि सर्वप्रथम होली मंदिरों में ही गाये जाने की परंपरा है।

इसके अलावा नगर की महिलाओं ने भी नयना देवी मंदिर में होली गायन किया। साथ ही कुमाउनी होली की एक अन्य विशिष्टता ‘स्वांग’ का भी प्रदर्शन किया। उल्लेखनीय है कि स्वांग के जरिए समाज की विदू्रपताओं पर कटाक्ष किए जाते हैं, किंतु अब कहीं-कहीं यह एक तरह से ‘फैंसी ड्रेस’ प्रतियोगिता जैसा भी नजर आने लगा है। फिर भी कई बार स्वांग के जरिए समाज को उपयोगी संदेश भी दिए जाते हैं।

PURUSH KHADI HOLI
बुधवार को नयना देवी मंदिर में होली गायन करते खेतीखान चंपावत के होल्यार।

इधर बुधवार को रामलीला मैदान में एक ओर फागोत्सव के तहत सुबह मुहूर्त के अनुसार पयां यानी पद्म वृक्ष की टहनी पर सुबह 10 बजकर 24 मिनट पर चीरबंधन तथा रंगधारण किया गया वहीं इस दौरान बृज मोहन जोशी, भीम सिंह कार्की व हीरा सिंह द्वारा बनाई गई रंगोली भी दर्शनीय रही। आचार्य भगवती प्रसाद जोशी ने मनोज साह, जगदीश बवाड़ी व विमल साह के माध्यम से पूजन संपन्न कराया। सोनी जंतवाल, प्रियंका कांडपाल, अनुष्का कोहली, कुणाल एवं बृजमोहन जोशी आदि ने सिद्धि को दाता बिघ्न विनाषन व कैलै बांधी चीर आदि होली गीत प्रस्तुत किए। वहीं अपराह्न में वरिष्ठ होल्यार नवीन चंद्र साह, श्याम नारायण, मुकेश जोशी ‘मंटू’, अरविंद पडियार, राजीव लोचन साह, मनोज जोशी, डा. नारायण सिंह जंतवाल, राजा साह, जहूर आलम व डीके शर्मा आदि गणमान्यों की उपस्थिति में चम्पावत के होल्यार देवेंद्र ओली, गोपाल मनराल, तथा महिला होली के लिए नैनीताल की रजनी चौधरी को सम्मानित किया गया।

इस दौरान धूम मची ब्रजमंडल में, सखी धूम मची ब्रजमंडल में तथा संगीत शिक्षिका डिम्पल जोशी द्वारा सिद्धि करो महाराज होलिन के दिन में व कृति जोशी के साथ रंग देख जिया ललचाये, देखो कान्हा ब्रज में होली मचाए की प्रस्तुति की। इस दौरान भारतीय शहीद सैनिक स्कूल के शिक्षकों प्रेमा त्रिपाठी, मुक्ता व नेहा आर्या के नेतृत्व में हेमा बिष्ट, किरन जोशी, गीता भट्ट, भूमिका आर्या, हर्षिता, अंजली कोमल, काजल, बबिता, निकिता, भास्कर, कैफ, हर्षित आदि बाल कलाकारों की टीम ने भी पैलागों कर जोरी कन्हैया मो संग खेलो ना होरी, होली आई रे आई रे होली आई रे, कान्हां तेरी बांकी चितवनिया ओ रे सांवरिया काहे मारे नैनों से नजरिया ओ सावरिया, आदि होलियां गायीं। कार्यक्रम का संचालन हेमन्त बिष्ट ने किया। आयोजन में भास्कर बिष्ट, नवीन बेगाना, मनोज कुमार, पंकज बिष्ट, व हिमांशु पांडे आदि द्वारा भी योगदान दिया गया।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 21 मार्च 2021। नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में रविवार को दूसरे दिन 25वें फागोत्सव के तहत बाल होल्यारों ने होली की प्रस्तुतियां दी। इस दौरान पारस जोशी, रक्षित साह, अनुभव जोशी, अभय कुमार, कुणाल तिवारी, राहुल जोशी, भावेश चम्याल, अनुष्का कोहली, सोनी जंतवाल, लता तिवारी, श्रुति कोहली, प्रियंका कांडपाल व प्रियंका जोशी आदि बाल होल्यारों ने नरेश चम्याल के निर्देशन एवं गिरीश भट्ट के लोटे के संगीत व राहुल जोशी के तबले की थाप पर मेरी चुनरी पर ऐसो चटक रंग, होली खेलत अपने श्याम, रंग डारूंगी व धमार राग में होली मोपे करत इतरार मुरार आदि होलियां प्रस्तुत कीं। लवण्या साह ‘परी’ ने फागुन रे फागुन होली प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकत्री डा. सरस्वती खेतवाल ने बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहीं। संचालन प्रो. ललित तिवारी ने किया। इस मौके पर सभा के अध्यक्ष मनोज साह, महासचिव जगदीश बवाड़ी, मनोज जोशी, विमल चौधरी, विमल साह, अशोक साह सहित अनेक अन्य लोग मौजूद रहे।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 20 मार्च 2021। नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के माध्यम से नगर में पिछले 25 वर्षों से आयोजित हो रहे फागोत्सव का शनिवार को शुभारंभ हो गया। विधायक संजीव आर्य ने फागोत्सव का औपचारिक शुभारंभ करते अपने संबोधन में होलिका की कथा सुनाते हुए होली में जीवन की सारी नकारात्मकताओं को होम करने की बात कही। इस मौके पर नगर की 6, हल्द्वानी की 4, भवाली की 2 व भीमताल की 1 महिला होल्यारों के कुल 12 महिला होली दलों ने अपनी प्रस्तुतियांे से जहां कुमाउनी होली की मंचीय प्रस्तुतियां दीं वहीं स्वांग के माध्यम से मौजूदा स्थितियों पर भी अलग अंदाज में संदेश दिए एवं कटाक्ष किए।

जैसे नगर के होली दल की ओर से कहा गया कि कोरोना पहाड़ में नहीं आ सकता था। पर्वतीय लोक देवताओं की इसे आने देने के पीछे मंशा रही कि इससे पहाड़ छोड़ कर प्रवास पर रह रहे लोग अपनी जड़ों की ओर लौटें और यहीं रोजगार करें। कार्यक्रम में सांसद अजय भट्ट की धर्मपत्नी पुष्पा भट्ट, आयोजक संस्था के अध्यक्ष मनोज साह, महामंत्री जगदीश बवाड़ी, पूर्व अध्यक्ष गिरीश जोशी व विमल चौधरी सहित अनेक पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में आमजन व खासकर महिलाएं मौजूद रहीं। संचालन डॉ. ललित तिवारी व मीनाक्षी कीर्ति ने किया।

देखें आज की होली का विडियो :

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Mahila holi
ऑल इंडिया वीमन कांफ्रेंस की होली में मस्ती में झूमती महिलाएं।

नवीन समाचार, नैनीताल, 19 मार्च 2021। सरोवरनगरी में रंगों के पर्व होली के रंग सजने लगे हैं। पुरुषों की होली की बैठकों के बाद अब महिलाओं की होली, हंसी-ठिठोली, मस्ती भी नजर आने लगी है। बीती शाम के बाद शुक्रवार दोपहर नगर के शारदा संघ सभागार में महिला होल्यारों की मस्ती देखी गई। ऑल इंडिया वीमन कांफ्रेंस में नगर की भाजपा-कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों एवं सर्वधर्म से जुड़ी महिलाएं एक मंच पर होली की मस्ती में झूमती थिरकती नजर आईं। यहां संस्था की अध्यक्ष मुन्नी तिवारी, सचिव गौरा देवी देव की अगुवाई में सावित्री सनवाल, तारा बोरा, सभासद गजाला कमाज, रेखा आर्या व निर्मला चंद्रा, भाजपा की पूर्व दायित्वधारी शांति मेहरा, ममता पांडे, डॉ. सरस्वती खेतवाल, दया बिष्ट, रेखा त्रिवेदी, विनीता पांडे, हेमा कांडपाल, दीपा जोशी, अश्की व आफरीन आदि महिलाएं ‘कामिनी भर-भर मारत, मलत-मलत नैना भये लाल, जल भरन चलीं दोनों बहना व भर पिचकारी मारी कुंज गलिन में…’ आदि होली गीतों की मस्ती में झूमती व नाचती नजर आईं।

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-महिला, पुरुष व बाल होल्यारों की खड़ी व बैठकी होलियों के साथ स्वांग एवं हर्बल रंगों का जुलूस भी होगा

नवीन समाचार, नैनीताल, 17 मार्च 2021। जिला व मंडल मुख्यालय में नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक-सांस्कृतिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में वर्ष 1996 से लगातार मनाए जा रहे फागोत्सव का 25वां संस्करण आगामी 20 से 30 मार्च तक हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। बुधवार को आयोजकों ने आयोजन से संबंधित जानकारियां पत्रकार वार्ता में साझा कीं।

सभा के महासचिव ने बताया कि फागोत्सव की शुरुआत 20 मार्च को महिला होली जुलूस व स्वांग प्रतियोगिता के साथ होगी। इसी दिन गत वर्ष की आठ के मुकाबले 4 अधिक यानी 12 महिला होली दल भी अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इनमें नगर की 6, हल्द्वानी की 4, भवाली की 2 व भीमताल की 1 महिला होल्यारों के दल शामिल हैं। वहीं 21 को आयोजक संस्था के बाल कलाकारों की प्रस्तुतियां, 22 को महिला बैठकी होली, 23 को नगर के विद्यालयों के बच्चों की छह टीमों की होली प्रस्तुतियां, 24 को चीर बंधन व रंगधारण तथा इस दौरान पहली बार पुरुषों की खड़ी होली, 25 को आमल एकादशी पूजन, 26 को महिला-पुरुष होल्यारों का एकल होली गायन, 27 को पुरुषों की बैठकी होली, 28 को बच्चों के स्वांग व हर्बल रंगों से रंगारंग होली जुलूस तथा चीर दहन, 29 को छलड़ी एवं 30 को टीके का आयोजन किया जाएगा।

सभा के हिमांशु जोशी ने बताया कि इस दौरान लिये जाने वाले चित्रों की फोटो प्रतियोगिता भी आयोजित होगी, जिसमें सर्वश्रेष्ठ चित्रों को आठ, पांच व तीन हजार के एक-एक तथा एक-एक हजार के तीन पुरस्कार दिए जाएंगे। पहली बार सर्वश्रेष्ठ चित्रों का निर्णय बाहरी विशेषज्ञ छायाकारों द्वारा ऑनलाइन कराया जाएगा। पत्रकार वार्ता में सभा के अध्यक्ष मनोज साह, पूर्व अध्यक्ष मुकेश जोशी, प्रो. ललित तिवारी, किशन नेगी, विमल चौधरी व राजेंद्र बजेठा आदि सदस्य भी मौजूद रहे।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 20 दिसम्बर 2020। कुमाऊं में परंपरागत तौर पर राग-रागनियों पर आधारिक कुमाउनी बैठकी होली की शुरुआत पूस यानी पौष माह के पहले रविवार से हो जाती है, और यह आज से हो गई है। रविवार को नैनीताल में नगर की सबसे पुरानी धार्मिक-सामाजिक संस्थाओं में से एक श्रीराम सेवक सभा भवन में इस वर्ष की पहली होली बैठक का आयोजन हुआ। इस मौके पर होल्यार रमेश चम्याल ने राग काफी पर आधारित ‘सज रही नगरी सुहानी जानकी सिय हरसानी’ ने होली गायन की शुरुआत की। पूर्व विधायक डा. नारायण सिंह जंतवाल ने कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।

baithaki holiहोल्यार राजा साह ने ‘माई के मंदिर में श्याम कल्याण..’, वीरेंद्र ने ‘मां रंगदे करतार…’, सतीष पांडे ने ‘शिव शंकर को ध्यान धरो..’, पारस जोशी ने ‘भव भजन गुण गाओ…’, नरेश चम्याल ने ‘सुनो मेरे संग राम रची’ तथा राग जैजैवंती पर आधारित ‘सोच समझ मन…’ होलियां प्रस्तुत कर बिना प्राकृतिक रंगों के भी होली में अनेक सांस्कृतिक रंग भर दिए। कार्यक्रम में श्रीराम सेवक सभा के अध्यक्ष मनोज साह, महामंत्री जगदीश बवाड़ी, विमल चौधरी, विमल साह, राजेंद्र बजेठा, पूर्व अध्यक्ष मुकेश जोशी, हिमांशु जोशी, नवीन चंद्र साह सहित संगीतकार नवीन बेगाना, राहुल, गिरीश भट्ट, गिरीश कांडपाल व आलोक चौधरी आदि शामिल रहे। संचालन प्रो. ललित तिवारी ने किया।

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यह भी पढ़ें : यहां विदेशियों ने भी जमकर खेली होली, दिलों के साथ बंद घरों के ताले भी खुले…

Holi 1नवीन समाचार, नैनीताल, 10 मार्च 2020। देश भर के साथ सरोवरनगरी नैनीताल में रंगों का पर्व होली हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। यहां सुबह से ही होल्यारों की टोलियां होली मनाने निकल पड़ी। वहीं खासकर महिलाओं ने नगर की आराध्य माता नयना देवी के मंदिर से होलिकोत्सव मनाने की शुरुआत की। दिन चढ़ने के साथ होली का उत्साह बढ़ता गया। पर्यटन नगर होने के नाते यहां बड़ी संख्या में सैलानी भी होली मनाते देखे गए, जबकि होली मनाते हुए एक-दूसरे को रंगों में रंगते विदेशी सैलानी आकर्षण का केंद्र रहे।
अलबत्ता होली में कुछ हद तक कोरोना के खौफ का सकारात्मक असर भी देखा गया। लोग बुरे रासायनिक रंगों से बचते दिखाई दिए और इसकी जगह लोगांे ने सूखे रंगों, अबीर-गुलाल का अधिक प्रयोग किया। हर्बल रंगों के प्रति लोगों का रुझान दिखाई दिया। कई लोगों ने इस बार प्राकृतिक या खाने के रंगों से स्वयं रंग तैयार कर होली मनाने की बात भी कही।

दिलों को जोड़ने के साथ बंद पड़े घरों के दर खोलने का माध्यम भी बनी होली

नैनीताल। होली के दिन दिल मिल जाते हैं, रंगों में रंग मिल जाते हैं। यह बात तो होली में दिखती ही है। आज के आपाधापी के दौर में अनेक लोग पूरे वर्ष में केवल इसी दिन आपस में मिल पाते हैं। वहीं होली पलायन की मार झेल रहे पहाड़ों के बंद-वीरान पड़े घरों के दरवाजे खोलने का मौका-माध्यम भी साबित हो रही है। पलायन पर प्रवास में रह रहे अनेक लोग होली के मौके पर ही वर्ष में एक बार अपने घर लौटते हैं और अपने बंद पड़े घरों के ताले खोलते हैं, जबकि कई वीरान घरों में भी इस मौके पर रौनक लौट आती है। इस बार भी गांव-गांव में ऐसे मौके दिखाई दिये, जबकि शहरों के कई प्रवासी भी इस दौरान घर लौटे हैं। कालजयी महाभारत धारावाहिक में संजय का किरदार निभाने वाले नगर के कलाकार ललित तिवारी भी इस मौके पर नगर में अपने परिजनों के साथ होली मनाने लौटे हैं। उन्होंने कहा कि होली-दिवाली जैसे त्योहार अपनी मिट्टी में लौटने का मौका बनते हैं।

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Holi
सरोवरगनरी में सोमवार को सांस्कृतिक होली जुलूस में हर्बल रंगों से रंगे होल्यार।

नवीन समाचार, नैनीताल, 9 मार्च 2020। सरोवरनगरी में नगर की सबसे पुरानी 1916 में स्थापित धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में सोमवार को हर्बल रंगों-अबीर गुलाल से जमकर होली खेली गई। सभा के सदस्यों व आम लोगों ने एक-दूसरे पर रंग लगाते व उड़ाते हुए पूरे मल्लीताल बाजार क्षेत्र में हर वर्ष की तरह होलियां गाते हुए सांस्कृतिक जुलूस निकाला और लोगों को होली की बधाइयां देते हुए पूरे विश्व में शांति एवं खुशहाली की कामना की गई। इस मौके पर सभा भवन के प्रांगण में बृजमोहन जोशी कैलाश जोशी हीरा सिंह रावत, विमल चौधरी, भीम सिंह कार्की व भुवन बिष्ट आदि के द्वारा लाल, हरा, पीला, सिंदूरी व सफेद रंगों से खूबसूरत रंगोली भी बनाई गई। जुलूस में होल्यार-मलत मलत नैना भये लाल, झनकारो झनकारो, बड़ो प्यारो लगो तेरो झनकारो, तुम क्यों नहीं आये गणेश होलिन में, बुरूंशी का फूलों का कुमकुम मारो आदि होलियां गा रहे थे। इतनी होली खेली गई कि बाजार की सड़कें भी विभिन्न रंगों से रंग गईं।होली जुलूस में बच्चों ने स्वांग की सुंदर प्रस्तुतिया भी दीं।
जुलूस में गिरीश जोशी, गिरीश भट्ट, कमलेश ढोंढियाल, भुवन नेगी, चंदन जोशी नृत्य शैली में अबीर-गुलाल को हवा में उड़ा रहे थे। होली जुलूस में सभा के अध्यक्ष मनोज जोशी, महासचिव जगदीश बवाड़ी, विमल साह, राजेंद्र बजेठा, किशन नेगी, दीप गुरुरानी, किशन गुरुरानी, मुकेश जोशी, सुरेश बिनवाल, भुवन बिष्ट, मीनाक्षी कीर्ति, दिव्या साह, रानी साह, भारती साह, मोहित साह आदि भी मौजूद रहे।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 17 मार्च 2019। रविवार को होली में रंगों का आगाज हो गया। इसके साथ ही सरोवरगनरी में होल्यार होली के रंगों में झूमे और सराबोर हो गये। महिलाओं व पुरुष होल्यारों में होली का जोश देखते ही बन रहा था। शुरुआत सुबह श्रीराम सेवक सभा प्रांगण में रंग्वाली-आंवला एकादशी पर चीर बंधन व रंगधारण से हुई। धार्मिक विधि-विधान व होली गायन के साथ हुए इस कार्यक्रम में आयोजक संस्था श्रीराम सेवक सभा के अध्यक्ष मनोज साह, अनूप शाही, डा. मोहित सनवाल, मोहित साह, देवेंद्र लाल साह, राजेंद्र लाल साह व विमल चौधरी आदि लोग भी शामिल रहे।

इधर, युगमंच संस्था के तत्वावधान में आयोजित 23वें नैनीताल होली महोत्सव के तहत नयना देवी मंदिर में रंगधारण व होली गायन से महोत्सव का शुभारंभ हुआ। इस दौरान पाटी चंपावत से आये संस्कृति संस्था के होल्यारों टीका राम सोराड़ी, सुरेंद्र राज सिंह, कमल जोशी, कमल मेहता, सुरेश भट्ट सहित 30 होल्यारों के दल ने राजेंद्र गहतोड़ी की अगुवाई में हुड़के की थाप पर गिरिजा सुत गणपति विघ्न हरो-घर घर मंगल काज करो से होली गायन की शुरुआत कर आगे वीर हुए रणधीर जगत में लव-कुश दोनों वीर हुए, तुम तो भई तपवान कालिका कलयुग में अवतार भई, जनम लियो हरि बृज में अली-सखियां दरशन करन चली सहित कई होली गाकर शमां बांध दिया। होली जुलूस में मंजू रौतेला, विजय लक्ष्मी थापा की अगुवाई में महिला होल्यार दलों ने स्वांग विधा का प्रदर्शन करते हुए होली में अलग रंग भरे। मंदिर से श्रीराम सेवक सभा प्रांगण तक होली जुलूस निकाला गया, जिसमें युगमंच के जहूर आलम, नवीन बेगाना, मनोज कुमार, विनोद पांडे  सहित सूखाताल, मेविला माउंट रोज व पाषाण देवी आदि की महिला होल्यारों के दलों में अनेक होल्यार मौजूद रहे।

कुमाउनी होली में इस वर्ष आ रहे राष्ट्रभक्ति के रंग

-हर वर्ष स्वयं के साथ तत्कालीन देश-समाज की चर्चित गतिविधियों को भी शामिल करती चलती है कुमाउनी होली
नैनीताल। शायद इसीलिये कुमाउनी होली को केवल एक त्योहार नहीं बल्कि सांस्कृतिक विरासत कही जाती है। परंपरा है कि हर वर्ष कुमाउनी होली गीतों में उस वर्ष में देश व समाज में घटी बड़ी घटनाएं भी समाहित होती जाती हैं। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री मोदी के सफाई अभियान कुमाउनी होली गीतों में शामिल हुए थे तो इस वर्ष देश के सैनिक, पुलवामा की आतंकी घटना और पाकिस्तान पर हुई एयर स्ट्राइक की झलक सरोवरनगरी में आयोजित हो रहे फागोत्सव में नजर आ रही है।
शनिवार को श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में मल्लीताल रामलीला मैदान में आयोजित हुई महिलाओं के होली प्रस्तुतीकरण में सैनिक और युवा जोश दिखाई दिया। पाषाण देवी महिला संस्था की होली में सैनिक बनी महिला ने कहा, आप सब को होली की बधाई, किंतु उसे तो सीमा पर देश की सेवा के लिए जाना है। क्योंकि देश के लिए जान देने का मौका आया है। मुख्यालय से उसे बुलावा आया है। समस्या यह है उसकी पत्नी व मां व उसे होली तक रुकने को कहती हैं, किंतु होली तो बार-बार आती रहेंगी। ऐसे मौके तो कम ही आएंगे। वैसे भी जब देश सुरक्षित होगा तभी तो देश के लोग सुरक्षित रंगों की होली खेल पाएंगे। इसके बाद महिला होल्यारों ने उसकी पत्नी के दर्द को स्वर देते हुए होली गायी-म्यार स्वामी तुम नि जाओ बॉडरा। हालांकि वे बाद में यह भी बोलीं-म्यारा स्वामी तुम जाओ बॉडरो-घर की न करो फिकरा। यानी मेरे स्वामी आप बॉडर्र पर आओ और घर की चिंता न करो।
इसके अलावा भी फागोत्सव में नगर की मेविला माउंट रोज, नैनी महिला एवं बाल विकास समिति सूखाताल, नैनी महिला जागृति संस्था व मैलरोज कंपाउंड के साथ ही अल्मोड़ा की धारानौला धुश्वेश्वर मंदिर समिति एवं हल्द्वानी के जज फार्म की महिलाओं ने भी ‘जगदंबा पधारो खेलो होली’ से होली गायकी की शुरुआत की। आगे हरि धरे मुकुट खेले होली, कान्हा रे कान्हा तूने ये क्या किया मेरा धड़के जिया, रंग में भिगोया मेरा चीर कन्हैया तोको गाली मैं दूंगी, झूम रहे सब आज पीकर मीठी भंग, होली पर्व में तन-मन के कलस तो उतार व चारों ओर फाग का डेरा लाल-गुलाल हुआ मन मेरा जैसी तरह-तरह की रसीली, भक्तिभावपूर्व आदि होलियां गाकर और उन पर झूमकर शमां बांध दिया। साथ ही महिलाओं ने स्वांग विधा के कई सुंदर व रोचक दृश्य प्रस्तुत किये। इस मौके पर डा. सरस्वती खेतवाल, ममता रावत, सुमन साह, इंदु साह, मंजू रौतेला, हेमा कांडपाल, वंदना पांडे, सावित्री सनवाल, प्रीति डंगवाल व कमला कुंजवाल सहित आयोजक संस्था के लोग भी मौजूद रहे।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 12 मार्च 2019। जी हां, नैनीताल की होली में देश के हीरो बन चुके ‘विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान’ दिखाई दिये। ऐसा हुआ किंतु कुमाउनी होली की ‘स्वांग’ विधा के तहत, जिसमें खासकर महिला होल्यार अपने आसपास के अथवा चर्चित व्यक्तित्वों के भेष बदलकर आते हैं। लेक सिटी वेलफेयर क्लब की होली में क्लब की पूर्व अध्यक्ष 68 वर्षीया गीता साह विंग कमांडर अभिनंदन के रूप में पहुंची। इस मौके पर उन्होंने कहा कि अभिनंदन देश की शान हैं। उनका कुमाउनी होली में स्वागत है। उन्होंने देश का सीना चौड़ा कर दिया है। इसलिए उन्हें सम्मान देने के लिए वे उनके वेष में आई हैं।Geeta Sah as Abhinandand

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इस वर्ष होली का शुभ पर्व 21 मार्च 2019 को है और शास्त्रानुसार इससे आठ दिन पूर्व होलाष्टक प्रारंभ हो जाते हैं। इस बार होलाष्टक 13 मार्च से शुरू होगा। हिंदू शास्‍त्रों के अनुसार इस समय आठ दिन तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किये जाते। ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार इस बार होलाष्टक रात्रि 12.02 बजे से लग रहे हैं जो कि 20 मार्च होलिका दहन तक चलेगा। इस वर्ष होली का त्‍योहार फाल्‍गुन मास में पूर्ण‍िमा के दिन मनाया जाता है. इस वर्ष यह 21 मार्च 2019 को मनाया जाएगा।यानी 20 मार्च को होलाष्टक खत्‍म होने के साथ होलिका दहन होगा और 21 मार्च को रंगों के साथ त्योहार मनाया जाएगा। होलिका दहन को लोग छोटी होली भी कहते हैं।

इस अवधि में शुभ कार्य- गर्भाधान, विवाह, नामकरण, विद्यारम्भ, गृह प्रवेश और नव निर्माण आदि नहीं करना चाहिए। फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से ही होलिका दहन करने वाले स्थान का चयन भी किया जाता है। पूर्णिमा के दिन सायंकाल शुभ मुहूर्त में अग्निदेव से स्वयं की रक्षा के लिए उनकी पूजा करके होलिका दहन किया जाता है।

पण्डित दयानन्द शास्त्री बताते हैं कि इन आठ दिनों किसी भी व्‍यक्‍ति को ना तो भूमि-भवन खरीदना चाहिये और ना ही वैवाह आदि करना चाहिये। ऐसा माना जाता है कि इन दिनों में शुरू किया गया कार्य कभी भी सफल नहीं होता। ज्‍योतिष के अनुसार इन 8 दिनों में ग्रह अपना स्थान बदलते हैं।

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धर्मशास्त्रों में वर्णित 16 संस्कार जैसे- गर्भाधान, विवाह, पुंसवन (गर्भाधान के तीसरे माह किया जाने वाला संस्कार), नामकरण, चूड़ाकरण, विद्यारंभ, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, गृह शांति, हवन-यज्ञ कर्म आदि नहीं किए जाते। पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार इन दिनों शुरु किए गए कार्यों से कष्ट की प्राप्ति होती है। इन दिनों हुए विवाह से रिश्तों में अस्थिरता आजीवन बनी रहती है अथवा टूट जाती है. घर में नकारात्मकता, अशांति, दुःख एवं क्लेष का वातावरण रहता है।

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इस अवधि में भोग से दूर रह कर तप करना ही अच्छा माना जाता है। इसे भक्त प्रह्लाद का प्रतीक माना जाता है। सत्ययुग में हिरण्यकशिपु ने घोर तपस्या करके ब्रह्मा जी से वरदान पा लिया। वह पहले विष्णु का जय नाम का पार्षद था, लेकिन शाप की वजह से दैत्य के रूप में उसका जन्म हुआ था। वरदान के अहंकार में डूबे हिरण्यकशिपु ने देवताओं सहित सबको हरा दिया। उधर भगवान विष्णु ने अपने भक्त के उद्धार के लिये अपना अंश उसकी पत्नी कयाधू के गर्भ में पहले ही स्थापित कर दिया था, जो प्रह्लाद के रूप में पैदा हुए।

प्रह्लाद का विष्णु भक्त होना पिता हिरण्यकशिपु को अच्छा नहीं लगता था। दूसरे बच्चों पर प्रह्लाद की विष्णु भक्ति का प्रभाव पड़ता देख पहले तो पिता हिरण्यकशिपु ने उसे समझाया। फिर न मानने पर उसे भक्ति से रोकने के लिए फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी को बंदी बना लिया। जान से मारने के लिए यातनाएं दीं, पर प्रह्लाद विष्णु भक्ति के कारण भयभीत नहीं हुए और विष्णु कृपा से हर बार बच गए। इसी प्रकार सात दिन बीत गए। आठवें दिन अपने भाई हिरण्यकशिपु की परेशानी देख उसकी बहन होलिका, जिसे ब्रह्मा जी ने अग्नि से न जलने का वरदान दिया था, प्रह्लाद को अपनी गोद में बिठाकर अग्नि में प्रवेश कर गई, पर हुआ उल्टा। देवकृपा से वह स्वयं जल मरी, प्रह्लाद को कुछ नहीं हुआ। नृसिंह भगवान ने हिरण्यकशिपु का वध किया। तभी से भक्ति पर आए इस *संकट के कारण इन आठ दिनों को होलाष्टक के रूप में मनाया जाता है।

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क्यों होते हैं ये अशुभ दिन?

पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलाष्टक के प्रथम दिन अर्थात फाल्गुन शुक्लपक्ष की अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल तथा पूर्णिमा को राहु का उग्र रूप रहता है। इस वजह से इन आठों दिन मानव मस्तिष्क तमाम विकारों, शंकाओं और दुविधाओं आदि से घिरा रहता है, जिसकी वजह से शुरु किए गए कार्य के बनने के बजाय बिगड़ने की संभावना ज्यादा रहती है। चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को इन आठों ग्रहों की नकारात्मक शक्तियों के कमजोर होने की खुशी में लोग अबीर-गुलाल आदि छिड़ककर खुशियां मनाते हैं। जिसे होली कहते हैं।
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जानिए होलाष्टक के इन 8 दिनों में कौन से कार्य करने अशुभ हैं–

होलाष्टक में भूलकर भी ना करें शुभ कार्य

गर्भवती स्त्री को इन दिनों नदी-नाले पार करके यात्रा नहीं करनी चाहिये। ऐसा करने से पेट में पल रहे शिशु को कष्ट होता है।
होलाष्टक के दौरान विवाह नहीं करना चाहिये क्‍योंकि तब विवाह का मुहूर्त नहीं होता। इसके अलावा सगाई भी नहीं करनी चाहिये।
इन दिनों नये घर में प्रवेश भी नहीं करना चाहिये।
होलाष्टक के दौरान ना ही नया घर खरीदना चाहिये और ना ही भूमि पूजन करवाना चाहिये।
नवविवाहिताओं को इन दिनों में मायके में रहने की सलाह दी जाती है।
होलाष्टक में भले ही शुभ कार्यों के करने की मनाही है लेकिन इन दिनों में अपने देवी देवता की पूजा करना अनिवार्य हो जाता है। यही नहीं उपवास करने और दान करने से भी लाभ मिलता है।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 4 मार्च 2020। सरोवरनगरी में खासकर महिलाओं में फागोत्सव का जबर्दस्त उत्साह देखा जा रहा है। नगर की सबसे पुरानी, 1916 में स्थापित धार्मिक-सांस्कृतिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में राग व फाग के पर्व होली के फागोत्सव के 24वें संस्करण के तहत बुधवार को महिलाओं की बैठ होली का आयोजन किया गया। इस मौके पर सभा भवन में सुमन साह, मंजू रौतेला, भारती साह, वंदना पांडे, सुषमा डंडरियाल व प्रीति डंगवाल की अगुवाई में होली गीतों की धूम रही। इस दौरान परंपरागत तौर पर बनने वाले चटनी युक्त आलू के गुटकों का भी अपना अलग आकर्षण रहा।
इस मौके पर महिलाओं ने बाजों-गाजों के साथ सिद्धि को दाता बिघ्न विनाशन से शुरू कर आगे आज बिरज में होली रे रसिया, रंग डारि दियो हो अलबेलिन में, अम्बा के भवन विराजे होली सहित अनेकानेक होली गीत गाये गए। फागोत्सव में मुन्नी भट्ट, मंजू नेगी, लीला बिष्ट, बबली, हेमा कांडपाल सहित बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद रहीं, जबकि आयोजक संस्था की ओर से पूर्व अध्यक्ष मुकेश जोशी, महासचिव जगदीश बवाड़ी व विमल चौधरी आदि व्यवस्थाओं में जुटे रहे।

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Holi Swangनवीन समाचार, नैनीताल, 1 मार्च 2020। सरोवरनगरी में रविवार को नगर की महिलाओं के संगठन-लेक सिटी वेलफेयर क्लब द्वारा आयोजित की गई होली में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अभी हाल में भारत आए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और अमेरिका की प्रथम महिला मेलोनिया ट्रम्प भी नजर आईं। उन्होंने भारत व अमेरिका की दोस्ती के दीर्घजीवी होने की कामना भी की।
Holi Swang1ऐसा महिलाओं द्वारा प्रदर्शित कुमाउनी होली की अनूठी-स्वांग विधा के तहत हुआ, जिसमें खासकर महिलाएं महिलाओं के साथ पुरुषों का रूप, वेषभूषा धारण करना उनका स्वांग करती हैं। इस विधा में वर्ष की महत्वपूर्ण गतिविधियों को शामिल करने की परंपरा भी रही है। इसके तहत ही रविवार को नगर के आर्य समाज मंदिर में आयोजित कुमाउनी होली मंे क्लब की पूर्व अध्यक्ष विनीता पांडे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गीता साह डोनाल्ड ट्रम्प और ज्योति साह मेलोनिया के रूप में नजर आईं, और सर्वाधिक आकर्षण का केंद्र रहीं। कार्यक्रम में पहुंचे क्षेत्रीय विधायक संजीव आर्य ने भी इस दौरान मोदी, डोनाल्ड ट्रम्प और मेलोनिया से हाथ मिलाए। उनके साथ ही चेतना मीरा बाई और बबली जोकर के रूप में नजर आईं। इस दौरान क्लब की अध्यक्ष ज्योति वर्मा, सचिव दिव्या साह व सोशल मीडिया प्रभारी पिंकी मुंडे की अगुवाई में नगर की 10 प्रमुख महिला होल्यार-गुंजन जोशी, ज्योति साह, भावना जोशी, नीमा पांडे, पिंकी अरोड़ा, हेमा जोशी, विजय लक्ष्मी थापा, निशा साह, चंपा कर्नाटक व हेमा चिलवाल को सम्मानित भी किया गया।

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-नगर की सबसे पुरानी धार्मिक-सांस्कृतिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में तीन से 11 मार्च तक मनाया जाएगा 24वां फागोत्सव

नवीन समाचार, नैनीताल, 29 फरवरी 2020। यूं कुमाऊं में परंपरागत तौर पर मनाई जाने वाली कुमाउनी होली पौष माह के पहले रविवार से लेकर फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की प्रथमा तिथि यानी होली के टीके तक यानी करीब तीन माह तक मनाई जाती है। लेकिन बीते दशकों में परंपरागत कुमाउनी होली में आए ह्रास को देखते हुए सरोवरनगरी में 24 वर्ष पूर्व 1996 में इसके संरक्षण के प्रयासों के तहत नगर की सबसे पुरानी-1916 में स्थापित धार्मिक-सांस्कृतिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के द्वारा नगर की नाट्य संस्था युगमंच आदि के साथ फागोत्सव मनाने की शुरुआत हुई। इधर इस वर्ष फागोत्सव के 24वें संस्करण को अधिक भव्य तरीके से मनाने का निर्णय हुआ है। तय हुआ है कि फागोत्सव 2020 तीन से 11 मार्च तक यानी नौ दिन तक मनाया जाएगा। आयोजन में दिवंगत हो चुके होल्यारों से लेकर उदीयमान बाल होल्यारों तक की सहभागिता होगी और रंगों का यह उत्सव इस बार हर्बल रंगों से मनाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि परंपरागत कुमाउनी होली रंगों से अधिक रागों युक्त गायकी के लिए प्रसिद्ध है। आयोजक संस्था के पूर्व अध्यक्ष मुकेश जोशी एवं महासचिव जगदीश बवाड़ी ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि इसी आधार पर इस वर्ष होने वाले फागोत्सव की शुरुआत आगामी तीन मार्च को महिला होली जुलूस व स्वांग प्रतियोगिता एवं महिला होली गायन के साथ होगी। 4 मार्च को महिला बैठकी होली होगी। पांच को शुभ मुहूर्त के अनुसार दोपहर एक बजकर 19 मिनट पर चीरबंधन एवं रंगधारण होगा। 6 मार्च को आमल एकादशी का पूजन व महिला-पुरुष होल्यारों का एकल गायन, सात को स्कूली बच्चों की होली गायन प्रतियोगिता, आठ को सांस्कृतिक दलों का कार्यक्रम एवं पुरुष बैठकी होली, नौ मार्च को बच्चों के स्वांग एवं होली जुलूस व मुहूर्त के अनुसार शाम 6 बजकर 15 मिनट से आठ बजकर 41 मिनट के बीच चीर दहन, 10 मार्च को छलड़ी एवं 11 मार्च को टीका के आयोजन होंगे। बताया कि महिला होली में शहर के साथ ही हल्द्वानी, नौकुचियाताल, ज्योलीकोट व अल्मोड़ा की 11 से अधिक टीमें प्रतिभाग करेंगी। फागोत्सव की पूरी अवधि में कूर्मांचल बैंक के सहयोग से 20 हजार रुपए के पुरस्कार वाली ऑनलाइन फोटो प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। इस दौरान नगर के प्रसिद्ध दिवंगत होल्यारों द्वारा पूर्व में गाई गई होलियों को प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया जाएगा, वहीं बाल होल्यारों, स्कूली छात्र-छात्राओं की होली प्रस्तुतियों से लेकर छोटे स्कूल भी न जाने वाले बच्चों के स्वांग जैसे कार्यक्रमों के जरिये परंपरागत कुमाउनी होली को नई भावी पीढ़ी तक पहुंचाने के प्रयास भी किये जाएंगे। इस मौके पर आयोजक संस्था के राजेंद्र लाल साह, अशोक साह, किशन गुरुरानी, किशन नेगी, राजेंद्र बजेठा, भीम सिंह कार्की, विमल चौधरी, डा. ललित तिवारी, हिमांशु जोशी व ललित साह आदि पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

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Eco Friendly Colors
होली के लिए ईको फ्रेंडली रंग तैयार करती महिलाएं।

नवीन समाचार, नैनीताल, 24 फरवरी 2020। चीन में फैले कोरोना वायरस के दृष्टिगत आगामी होली के त्योहार के लिए सोशल मीडिया पर चीन के रंगों का प्रयोग न करने के संदेश आशंकित कर रहे हैं। ऐसे में सरोवरनगरी से होली पर रंगों से खेलने वालों के लिए बेहद सुखद समाचार है। नगर की महिलाओं के स्वयं सहायता समूह-चेली आर्ट्स से जुड़ी महिलाओं ने आगामी होली के त्योहार के लिए घर पर गुलाबी, पीला, हरा व नारंगी रंग के हल्के व गहरे ईको-फ्रेंडली यानी पर्यावरण अनुकूल रंग तैयार किये हैं। बताया गया है कि फलों, फूलों और सब्जियों से बने इन रंगों में शुद्धता का पूर्ण ध्यान रखा गया है। ये रंग सुगंधित भी हैं। इनमें सुगंध के लिए इत्र का प्रयोग किया गया है। यह रंग शहर के मल्लीताल बाजार के साथ ही ऑनलाइन भी संस्था की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। बताया गया है कि इन रंगों की दिल्ली, मुंबई, देहरादून व रुद्रपुर से काफी मांग आ रही है।

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-मुख्य फागोत्सव तीन से नौ तक होगा, 11 मार्च तक भी होंगे आयोजन

नवीन समाचार, नैनीताल, 16 फरवरी 2020। परंपराओं को सहेजने के नेक उद्देश्य के साथ सरोवरनगरी नैनीताल में आगामी 3 से 11 मार्च के बीच नगर की सबसे पुरानी धार्मिक व सामाजिक संस्था श्री राम सेवक सभा के तत्वावधान में फागोत्सव 2020 का आयोजन किया जाएगा। रविवार को आयोजक संस्था की बैठक में इस पर सहमति बनी एवं कार्यक्रम तय किये गए। तय हुआ कि तीन मार्च को महिला होली जुलूस व स्वांग प्रतियोगिता एवं विभिन्न महिला होली दलों की होली प्रस्तुतियां, चार को महिला बैठकी होली, पांच को चीर बंधन, छह को आमल एकादशी एवं स्कूली बच्चों की होली गायन प्रतियोगिता, सात को महिला व पुरुष एकल होली गायन, आठ को पुरुषों की बैठकी होली एवं नौ मार्च को बच्चों के स्वांग तथा होली जुलूस, 10 को छलड़ी एवं 11 मार्च को होली का टीका आयोजित किया जाएगा।
बताया गया कि इस वर्ष महिला होली प्रतियोगिता में शहर के अलावा अल्मोड़ा, हल्द्वानी, भवाली व ज्योलीकोट की टीमें भी प्रतिभाग करेंगी। तीन से नौ मार्च के बीच के आयोजनों के दौरान खीचे जाने वाले चित्रों की कूर्मांचल बैंक के तत्वावधान में फोटो प्रतियोगिता भी आयोजित होगी। बैठक में संस्था के अध्यक्ष मनोज साह, पूर्व अध्यक्ष मुकेश जोशी, महासचिव जगदीश बवाड़ी, डा. मोहित सनवाल, प्रो. ललित तिवारी, अशोक साह, किशन नेगी, विमल चौधरी, कविता गंगोला, दिव्या साह, मुन्नी तिवारी, जया पालीवाल, मीनाक्षी कीर्ति, कलावती असवाल, गीता साह, भारती साह, चंचला, सुनीता, लीला बिष्ट, ज्योति, दीपिका, कविता, डा. रेखा, गुंजन, किरन, कमला, दीपा व रीता सहित अनय सदस्य मौजूद रहे।

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देश-प्रदेश में जहां लोग अपने परिजनों, सगे संबंधियों व मित्रों के साथ होली के रंग खेलते हैं, वहीं देवभूमि उत्तराखंड के लोग अपने देवी-देवताओं के साथ भी होली खेलते हैं। यहां हर त्योहार, पारिवारिक शुभ-आयोजनों पर ईष्ट-मित्रों को शामिल करने व बधाइयां देने की परंपरा है। बृहस्पतिवार व शुक्रवार को सरोवरनगरी सहित समस्त पर्वतीय क्षेत्रों में इस परंपरा के तहत ईष्ट यानी देवी-देवताओं के साथ भी होली खेलने की परंपरा का निर्वाह किया गया।

नगर में होली की छलड़ी के मौके पर होल्यारों की टोलियां अपने घरों में देवी-देवताओं को रंग चढ़ाने के बाद अपने मोहल्लों में लोगों को होली की बधाइयां देते हुए देव मंदिरों तक निकले। खासकर मल्लीताल क्षेत्र के लोग मल्लीताल के बाजारों एवं तल्लीताल के लोग तल्लीताल के बाजारों से होते हुए ठंडी सड़क के मंदिरों से होते हुए नगर की आराध्य देवी नयना देवी मंदिर के मंदिर में पहुंचे और यहां मंदिर के द्वार पर स्थित हनुमान जी की मूर्ति पर रंग चढ़ाये। यहां परंपरागत तौर पर हनुमान जी की विशाल मूर्ति एवं शिव लिंग को भी विशाल सफेद वस्त्र किसी होल्यार की तरह ही पहनाये गये थे जिसे श्रद्धालु होल्यारों ने रंग-बिरंगा कर दिया। साथ ही मंदिर में स्थित शिवलिंग एवं अन्य देवी देवताओं की मूर्तियों पर भी होल्यारों खासकर बच्चों ने होली गीत गाते हुए जमकर रंग लगाये। उधर महिलाओं व पुरुषों की अलग-अलग टोलियां भी होलियां गाते हुए निकल रहे थे। वहीं इधर शुक्रवार को होली के टीके के मौके पर परंपरागत तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में होल्यार अपने ग्राम देवताओं के मंदिरों में पहुंचे और गांव के सभी घरों से एकत्र आटे से तैयार किये गये हलवे का प्रसाद ग्रहण किया। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 13 मार्च 2022। सरोवरनगरी में रविवार को चीरबंधन व रंगधारण के साथ होली का रंग व मस्ती बढ़ने लगी है। मुख्यालय में जगह-जगह होली के कई सार्वजनिक कार्यक्रम हो रहे हैं। वहीं घरों में भी लोग ढोल मंजीरों के साथ होली का गायन कर रहे हैं। इसी कड़ी में रविवार को दिन में एक बजे से रामलीला मैदान में एक ओर फागोत्सव के तहत सुबह मुहूर्त के अनुसार पयां यानी पद्म वृक्ष की टहनी पर चीरबंधन तथा रंगधारण किया गया वहीं इस दौरान की गई रंगोली भी दर्शनीय रही। आंवल पूजन भी कराया गया। उपस्थित लोगों ने सिद्धि को दाता बिघ्न विनाषन व कैलै बांधी चीर आदि होली गीत प्रस्तुत किए।

Holi 1उधर, अपराह्न में नगर की प्रतिष्ठित रंगमंच संस्था युगमंच के तत्वावधान में 26वां होली महोत्सव प्रारंभ हो गया। इसकी शुरुआत परंपरागत तौर पर नगर की आराध्य देवी माता नयना देवी के मंदिर से होली गायन से हुई। नगर के दिवंगत शिक्षाविद् नवीन चंद्र साह, अनिल पंत व तुषार कांत त्रिपाठी को समर्पित होली महोत्सव के तहत नयना देवी मंदिर में काली कुमाऊं अंचल के बाराकोट चंपावत के लड़ीधूरा शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मंच के नागेंद्र जोशी की अगुवाई में आए बसंतोत्सव समिति के वरिष्ठ होल्यार बसंत बल्लभ जोशी, लोकमान अधिकारी, रजनीश जोशी, उमेश जोशी, राजेश अधिकारी, केदार जोशी, नवल जोशी व जगदीश अधिकारी आदि के दल ने खड़ी होली गायन की शुरुआत की।

Holi1इस दौरान वरिष्ठ होल्यार बसंत जोशी को संस्था की ओर से सम्मानित भी किया गया। मंदिर में स्थानीय महिलाओं की बैठकी होली भी आयोजित हुई, जिसमें महिलाओं ने थिरकने के साथ स्वांग का प्रदर्शन भी किया। खड़ी होली के उपरांत नयना देवी मंदिर से होली जुलूस भी निकाला गया। आगे रामलीला मैदान में जया पालीवाल की मेविला माउंट रोज महिला समिति, विजय लक्ष्मी थापा की नैनी महिला एवं बाल विकास समिति, संगीता अग्रवाल की समर्पण वूमन, वेलफेयर सोसायटी, संगीता बिष्ट के रंगीलो कुमाऊं, चंद्रा जोशी के नैनीताल क्लब कंपाउंड, मंजू रौतेला की जागृति संस्था व पाषाण देवी महिला समिति की महिला होल्यारों ने होली की प्रस्तुतियां दीं। सभी संस्था प्रमुखों को सम्मानित भी किया गया।

आयोजन में संस्था के प्रमुख जहूर आलम, डॉ. शेखर पाठक, मिथिलेश पांडे, राजीव लोचन साह, चंद्रलाल साह, राजा साह, डॉ. देवेंद्र बिष्ट, भाष्कर बिष्ट, मनोज कुमार, नवीन बेगाना, जितेंद्र बिष्ट, डीके शर्मा, पवन कुमार, अमित साह व अदिति खुराना आदि का सहयोग रहा। 

उधर ज्योलीकोट के समीपवर्ती ग्राम गांजा में धार्मिक अनुष्ठान के साथ चीर बंधन और होली महोत्सव का श्री गणेश किया गया। इस मौके पर गौरांग रघु महाराज, उदय अधिकारी, पुष्कर जोशी, हरीश साह, इंदर नेगी, बनारसी, हीरा लाल साह, चंदन भट्ट, राजेन्द्र कोटलिया, राजन चौहान व प्रकाश भट्ट सहित बड़ी संख्या में युवाओं ने चीर बंधन और होली गायन किया। ग्राम भलयूटी में भी देवी मंदिर प्रांगण में महिलाओं ने होली गायन किया और सुख शांति की कामना के साथ देवी-देवताओं का आह्वान किया। मंजू कांडपाल, गुड्डी, पुष्पा जोशी, गीता, नमिता, ग्रामपधान रजनी रावत, पुष्पा बिष्ट व निशा सहित अन्य महिलाएं उपस्थित रहीं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : आज रंगों की आई है बहार सखी रे मोरे अंगना में… सरोवरनगरी में फागोत्सव की धूम

Holiडॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 9 मार्च 2022। सरोवरनगरी में फागोत्सव की धूम जारी है। नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में मल्लीताल रामलीला मैदान में आयोजित हो रहे 26वें फागोत्सव में गुरुवार को स्थानीय महिलाओं के समूहों की होली गायन व स्वांग की प्रस्तुतियां हुईं। देखें विडियो :

इस दौरान नगर के संपूर्ण वूमन वैलफेयर सोसायटी, पाषाण देवी महिला ग्रुप, नैनीताल महिला जागृति संस्था, नैनी महिला एवं बाल विकास समिति सूखाताल, महिला होली दल कृष्णापुर, रंगीलो कुमाऊं, सिद्धेश्वर मंदिर, हिमालयन ग्रुप भूमियाधार, मां नयना ग्रुप भूमियाधार व महिला होली समिति गेठिया संस्थाओं की महिलाओं ने आज रंगों की आई है बहार सखी रे मोरे अंगना में, होलिन में चुनर रंगा रे बलम, होली खेलन आए कैलाशपति, आज बिरज में होली रे रसिया-होली भई रंगजोली रे रसिया व भागा रे भागा नंदलाल-राधा ने पकड़ा रंग डाला आदि होली गीतों की प्रस्तुतियां दीं एवं स्वांग विधा से चुटीले कटाक्ष किए।

आयोजन में आयोजक संस्था के अध्यक्ष मनोज साह, महासचिव जगदीश बवाड़ी, मुकेश जोशी व डॉ. ललित तिवारी सहित अनेक पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में नगर के गणमान्य एवं आमजन मौजूद रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : हैलो, मैं बंशीधर बोल रहा हूं, हरी तुम ‘कुर्सी-कुर्सी मंत्र जपो’, ‘हम तो थाली केे बैगन ठैरे…’ महिलाओं ने चुनाव पर किए जोरदार कटाक्ष

holi swangडॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 9 मार्च 2022। कुमाउनी होली अपने आप में अनूठी है। यहां केवल उत्श्रृंखलता नहीं, वरन सामाजिक मुद्दों पर गहरे कटाक्ष किए जाते हैं। नैनीताल में चल रहे फागोत्सव में भी यह परंपरा आगे बढ़ी है। खासकर इस दौरान हो रहे चुनाव को लेकर यहां महिला होल्यारों ने कुमाउनी होली की सुप्रसिद्ध ‘स्वांग’ विधा के जरिए जो प्रदर्शित किया, उससे यह भी पता चला कि भले समाज कई मामलों में सामने से मौन दिखता हो, लेकिन उसकी गहरी प्रतिक्रिया उसके अंतर्मन तक होती है, और जब कुमाउनी होली मौका देती है तो वह चुटीले अंदाज में झकझोर देती है।

ऐसा ही हुआ मंगलवार को नगर के रामलीला मैदान में श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में चल रहे 26वें फागोत्सव-2022 के दौरान। यहां महिलाओं ने समाज में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति सहित अनेक सामाजिक मुद्दों को चुटीले अंदाज में प्रस्तुत करने के साथ कुछ राजनेताओं के बीच स्वांग प्रस्तुत करते हुए कहा, वह दल-बदलू हैं, थाली के बैगन हैं, किसी भी ओर पलट सकते हैं। उल्लेखनीय है कि इस बार नैनीताल विधानसभा से तीन प्रमुख दलों के प्रत्याशी अपनी पार्टी बदलकर चुनाव लड़े थे।

वहीं एक अन्य स्वांग में महिलाएं जगरिए के रूप में ‘हरी’ नाम के व्यक्ति को उसके दाने/चावल की जगह खीले देखते हुए सलाह देने लगी कि वह ‘कुर्सी-कुर्सी’ मंत्र जपे। उल्लेखनीय है कि चुनाव के दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत एवं पूर्व मंत्री हरीश दुर्गापाल के साथ किसी ओझा को चावल दिखाते हुए फोटो वायरल हुआ था, और हरीश रावत ने एक तरह से ‘कुर्सी न मिली तो घर बैठूंगा’ जैसा बयान भी दिया था।

इसके अलावा सर्वाधिक चुटीला व्यंग्य वह रहा, जिसमें स्वांग करता हुआ व्यक्ति फोन पर खास अंदाज में कहता सुना गया, ‘मैं बंशीधर बोल रहा हूं….’ उल्लेखनीय है कि चुनाव में इसी वाक्य के साथ एक नेता का एक महिला से अश्लील बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ था। इस प्रकार साफ दिखता है कि जनता में किन नेताओं ने किस तरह से जनता को छुवा है। अब देखने वाली बात होगी कि कल 10 मार्च को आने वाले चुनाव परिणामों में जनता के दिल को लगी यह बातें परिणामों में किस तरह नजर आती हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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Holi Julusडॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीातल, 8 मार्च 2022। सरोवरनगरी में 26वें फागोत्सव का भव्य आगाज हो गया है। दो वर्ष से चल रही कोरोना काल की पाबंदियों के बाद हो रहे इस फागोत्सव में होल्यार नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक-सांस्कृतिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में भारी जोश के बीच होल्यार नगर में पहली बार शुरुआत में होली जुलूस निकाल रहे हैं। जुलूस पर अबीर-गुलाल की फुहार हो रही है। लोग, खासकर महिला होल्यारों का होली गीत गाते हुए और होली के पारंपरिक वस्त्रों के साथ कुमाउनी होली की अनूठी स्वांग विधा के साथ निकलते जोश देखते ही बन रहा है।

तल्लीताल धर्मशाला से शुरू हुए और तल्लीताल बाजार से होते हुए मॉल रोड होकर मल्लीताल की ओर बढ़ते जुलूस के आगे चल रहे बैंड की धुन पर होल्यार होली गीतों पर थिरक रहे हैं। अबीर-गुलाल की पिचकारियां माहौल में अलग-अलग रंग भर रही हैं। सैलानी भी इस आयोजन का आनंद लेते देखे जा रहे हैं।

आयोजन में आयोजक संस्था के महासचिव जगदीश बवाड़ी, प्रो. ललित तिवारी, वैष्णो देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष मनोज साह, तल्लीताल व्यापार मंडल अध्यक्ष मारुति नंदन साह, मुकेश जोशी, विमल चौधरी, हिमांशु जोशी, देवेंद्र लाल साह, मिथिलेश पांडे, हरीश राणा व उमेश जोशी सहित कई सदस्य सदस्य भी शामिल हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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Shri Ram sevak sabha
पत्रकार वार्ता में शामिल श्रीराम सेवक सभा के पदाधिकारी।

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 7 मार्च 2022। सरोवरनगरी में 1918 में स्थापित श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में मंगलवार से शुरू होने जा रहे 26वें फागोत्सव में इस वर्ष नंदा देवी मेले जैसा माहौल रहेगा। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में अबीर गुलाल वाले पटाखे चलाए जाएगें, साथ ही दो से चार कुंतल तक हर्बल रंग भी उड़ेंगे। साथ ही पहली बार होली में स्थानीय कुमाउनी लोक भाषा व लोक संस्कृति के साथ अमीर खुसरो की कव्वाली के रंग भी मिलेंगे।

सोमवार को आयोजक संस्था श्रीराम सेवक सभा के महासचिव जगदीश बवाड़ी ने आयोजन की जानकारी देते हुए बताया कि आज मार्च को महोत्सव की शुरुआत नगर एवं बाहर की 10-10 यानी कुल 20 महिला होल्यारों की टीमों के साथ आम नगरवासियों की नंदा देवी मेले जैसी शोभायात्रा-होली जुलूस से होगी। सुबह 11 बजे से अपराह्न एक बजे तक तल्लीताल धर्मशाला से तल्लीताल बाजार, मॉल रोड होते हुए मल्लीताल बाजार तक चलने वाले होली जुलूस में अबीर गुलाल वाले पटाखे छोड़े जाएंगे।

इसके बाद 10-10 महिला टीमों की मंगल व बुधवार को रामलीला मैदान में होली की प्रस्तुतियां होंगी। 14 मार्च को स्कूली बच्चों की होली प्रस्तुतियां दिवंगत शिक्षाविद् नवीन चंद्र साह की एवं 16 को एकल होली गायन स्वर्गीय लेफ्टिनेंट अंशुमन नयाल की स्मृति में होगा। इससे पहले 15 मार्च को अपुण भाषा अपुण बोलि कार्यक्रम में कुमाउनी कवि सम्मेलन व वार्ता तथा अमीर खुसरो के रंग नाम से कव्वाली का आयोजन भी किया जाएगा।

आगे 17 मार्च को करीब 2 से 4 कुंतल हर्बल रंगों से बच्चों के स्वांग व होली जुलूस आयोजित होगा। इस दौरान सभा के अध्यक्ष मनोज साह, डॉ. ललित तिवारी, मुकेश जोशी, देवेंद्र लाल साह, किशन नेगी, मिथिलेश पांडे, वैष्णो देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष मनोज साह, विमल चौधरी व राजेंद्र बजेठा आदि मौजूद रहे।

फोटोग्राफी प्रतियोगिता भी होगी
नैनीताल। फागोत्सव के दौरान 8 से 17 मार्च तक फोटोग्राफी प्रतियोगिता आयोजित होगी। इसमें शामिल होने के लिए 17 की शाम छह बजे तक 200 रुपए शुल्क के साथ पंजीकरण कराना होगा। प्रतिभागी 20 मार्च तक अपनी चार फोटो ऑनलाइन भेज सकते हैं। विजेताओं को 7.5, 5 व 3.5 हजार के तीन पुरस्कार एवं चार सांत्वना पुरस्कार दिए जाएंगे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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holi2डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 28 फरवरी 2022। नगर की प्रसिद्ध सांस्कृतिक संस्था युगमंच के 26वें होली महोत्सव के कार्यक्रम तय कर लिए गए हैं। सोमवार को नयना देवी मंदिर के सभाकक्ष में राजीव लोचन साह की अध्यक्षता में हुई युगमंच, शारदा संघ, नयना देवी मंदिर प्रबंधन अमर उदय ट्रस्ट, नैनीताल समाचार, नैनी महिला जागृति संस्था के पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक में तय किया गया कि होली महोत्सव 13 मार्च से 19 मार्च तक चलेगा।

इस दौरान रंगों की बौछार के साथ पर्वतीय कुमाउनी होली के खड़ी होली, बैठ होली व महिला होली के अनेक आयोजन होंगे। 13 मार्च को रंग्वाली एकादशी पर नयना देवी मंदिर के प्रांगण में अपराह्न एक बजे से परंपरागत खड़ी होली तथा अपराह्न 3 बजे से रामलीला मंच मल्लीताल में विधिवत् उद्घाटन होगा, और खड़ी व महिला होली का आयोजन व वरिष्ठ होल्यारों का सम्मान किया जाएगा।

आगे 14 व 15 मार्च को शाम 6 बजे से शारदा संघ में कुमाऊं की परंपरागत बैठ होली में मूर्धन्य होल्यारों की प्रस्तुतियां, 16 मार्च को नैनीताल समाचार के प्रांगण में दोपहर 12 बजे से बैठ होली व सम्मान समारोह तथा 19 मार्च को छलड़ी के दिन शारदा संघ से सुबह 10 बजे से आशीष होली जुलूस निकाला जाएगा। बैठक में चंद्र लाल साह, डॉ. देवेंद्र बिष्ट, मंजू रौतेला, दिनेश उपाध्याय, भाष्कर बिष्ट, नवीन बेगाना, मनोज कुमार, राजेंद्र लाल साह, डीके शर्मा, जितेंद्र बिष्ट, पवन कुमार, हिमांशु पांडे व जहूर आलम आदि उपस्थित रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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-नगर के साथ बाहरी नगरो के महिला जुलूस भी शामिल होंगे
holi taiyariडॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 20 फरवरी 2022। पौष माह के पहले रविवार से ही कुमाउनी होली गायन की परंपरा का निर्वाह कर रही सरोवरनगरी आगामी 8 मार्च से पूरी तरह से रंगों के पर्व-फागोत्सव के रंग में सराबोर रहेगी। नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक व सांस्कृतिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में नगर में 8 से 19 तक फागोत्सव-2022 का आयोजन किया जाएगा।

रविवार को फागोत्सव के कार्यकमों को अंतिम रूप देने के लिए मनोज साह की अध्यक्षता एवं जगदीश बवाड़ी के संचालन में आयोजित हुई सभा की बैठक में तय किया गया कि फागोत्सव में नगर के साथ ही हल्द्वानी, भवाली, भीमताल, ज्योलीकोट व नौकुचियाताल आदि स्थानों के महिला होल्यारों के दल शामिल होंगे। 8 मार्च को नगर में तल्लीताल वैष्णो देवी मंदिर से नंदा देवी महोत्सव के दौरान कदली दलों के साथ निकलने वाले पारंपरिक सांस्कृतिक जुलूस की तर्ज पर होली जुलूस का आयोजन किया जाएगा।

आगे सभा के प्रांगण में नगर के साथ ही बाहरी होली दलों की प्रस्तुतियां होंगी, जिसमें दलों को 15-15 मिनट में दो होली एवं एक स्वांग की प्रस्तुतियां देनी होंगी। आगे 12 मार्च को बैठकी होली, 13 को चीर बंधन एवं रंग धारण, 14 को आंवल एकादशी, 15 को श्रीराम सेवक सभा के कलाकारों की होलियां, 16 को एकल महिला एवं पुष्प होली, 17 को पुरुष बैठकी होली, 18 को बच्चों के स्वांग एवं रंगों की होली का जुलूस तथा 19 को सभा भवन में छलड़ी का आयोजन किया जाएगा।

बैठक में मुकेश जोशी, राजेंद्र लाल साह, किशन नेगी, डॉ. ललित तिवारी, मिथिलेश पांडे, विमल चौधरी, सतीश पांडे, हरीश राणा, प्रेमा अधिकारी, मीनाक्षी कीर्ति, दिव्या साह, रानी साह दीपिका बिनवाल, रेखा जोशी, रमा भट्ट, हेमा जोशी, रुचि बिनवाल, संगीता बिष्ट, तारा बोरा, दिनेश गुरुरानी, कलावती असवाल, मीनू बुधलाकोटी, दीपा, मंजू रौतेला, विजयलक्ष्मी थापा, सुमन साह, हेमा कांडपाल, वंदना पांडे व हेमा सुयाल आदि उपस्थित रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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पहली कुमाउनी होली बैठक में होली गीतों में मगन होल्यार।

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 20 दिसंबर 2021। देश भर में जहां होली का त्योहार बसंत ऋतु में फाल्गुन के माह में मनाया जाता है, लेकिन उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में अनेक खाशियतों के लिए देश भर में प्रसिद्ध कुमाउनी होली की शुरुआत पौष माह के पहले सोमवार से हो जाती है।

इसी कड़ी पौष माह के पहले रविवार की रात्रि नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा में पूर्व विधायक डॉ. नारायण सिंह जंतवाल, पूर्व शिक्षाधिकारी नवीन चंद्र साह, जहूर आलम तथा सभा के अध्यक्ष मनोज साह, महामंत्री जगदीश बवाड़ी, पूर्व पालिकाध्यक्ष मुकेश जोशी, विमल चौधरी ने पहली कुमाउनी बैठकी होली का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। इस मौके पर सतीश पांडे, राजा साह, प्रभात साह गंगोला, अजय, सानू, अमर साह व वीरेंद्र आदि होल्यारों ने राग यवन, काफी व धमार आदि पर आधारित गणपति गाइये नंदन, भव भंजन गुण गाऊं, जित देखूं उत श्याम व होली खेलत कहां जाऊं आदि भक्ति रस के होली गीतों का गायन कर रंग जमाया।

तबले पर राहुल जोशी, कमल जोशी व अजय महाजन ने संगत दी। संचालन डॉ. ललित तिवारी ने किया। इस अवसर पर प्रकाश पांडे, वंदना पांडे, समर साह, राजेंद्र बमेठा, सुनील साह, मुकेश धस्माना, भुवन बिष्ट, मनोज जोशी, चंद्र प्रकाश साह, किशन गुरुरानी व चंदन जोशी सहित अनेक अन्य संस्कृति प्रेमी जन भी मौजूद रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : सरोवरनगरी में खेली गई राग-फाग व रंगों के साथ ही फूलों की होली, सैलानियों ने उन्मुक्त होकर खेली होली

नवीन समाचार, नैनीताल, 28 मार्च 2021। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच सरोवरनगरी में इस बार राग-फाग व रंगों के साथ ही फूलों की होली भी होली खेली गई। वहीं सैलानी भी उन्मुक्त हो होली खेलते दिखे। लोगों ने मास्क का प्रयोग भी किया और कुछ हद तक सामाजिक दूरी भी बनाई लेकिन फिर भी होली का उत्साह कोरोना पर भारी पड़ता दिखा। खासकर महिलाओं ने होली के पारंपरिक उत्साह को बने रहने दिया।

Foolon ki holi holi gulal

holi tourists

अनेक जगह घर-घर महिलाओं की टोलियां सीमित संख्या में ही सही पर होली गायन व ‘द्वि ढाइ लटक’ शैली में झोड़े की तरह नृत्य करती भी नजर आईं। वहीं पुरुषों ने अपने परिचितों-रिश्तेदारों के घर जाकर होली की बधाइयां दीं व अबीर-गुलाल लगाया। होली गायन व होली की बधाइयां देने आने वालों को गुझिया, आलू के गुटके व चिप्स आदि खिलाए गए। लोग सोशल मीडिया पर लोगों को बधाइयां देने और दूसरों की बधाइयों का प्रतिउत्तर देने में भी व्यस्त रहे। नगर में आए सैलानी भी कई जगह उन्मुक्त होकर होली मनाते नजर आए। नगर के होटलों में पर्यटकों के लिए होली मनाने का विशेष प्रबंध भी किया गया था। नैनी रिट्रीट होटल में सैलानियों ने किए गए प्रबंधों से अबीर-गुलाल के साथ ही फूलों की होली भी खेली।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 28 मार्च 2021। सरोवरनगरी में नगर की सबसे पुरानी 1916 में स्थापित धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में शनिवार को हर्बल रंगों-अबीर गुलाल से जमकर होली खेली गई। सभा के सदस्यों व आम लोगों ने एक-दूसरे पर रंग लगाते व उड़ाते हुए पूरे मल्लीताल बाजार क्षेत्र में हर वर्ष की तरह होलियां गाते हुए सांस्कृतिक जुलूस निकाला और लोगों को होली की बधाइयां देते हुए पूरे विश्व में शांति एवं खुशहाली की कामना की गई। इस मौके पर सभा भवन के प्रांगण में चीर बंधन के पास भीम सिंह कार्की, हीरा सिंह व गोधन सिंह ने सुंदर रंगोली बनाई। कैलाश जोशी, विमल चौधरी, गिरीश जोशी व भुवन नेगी आदि ने गणपति की होली-गणपति आयो, मारो ना पिचकारी नयना लाल भये, शहर में आयो व्यौपारी, झनकारो, झनकारो, बुरूंशी को फूलो, कृष्ण खेलें होली राधा के साथ तथा आशीष होली जुग-जुग जीवें मित्र हमारे बारादरी में रंग बनो है आदि होली गीत प्रस्तुत किए और पूरे विश्व की समृद्धि व स्वस्थ रहने की कामना की।

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शनिवार को नगर में निकले होली जुलूस में शमिल होल्यार।

जुलूस की शुरुआत अबीर-गुलाल उड़ाने से हुई और आगे मल्लीताल बाजार से होते हुए निकले होली जुलूस में लगातार होली गायन व अबीर-गुलाल का उड़ना जारी रहा। इस दौरान इतनी होली खेली गई कि बाजार की सड़कें भी विभिन्न रंगों से रंग गईं। जुलूस में कैलाश जोशी, गिरीश जोशी, चंद्रशेखर जोशी, कमलेश ढोंढियाल, भुवन नेगी, चंदन जोशी नृत्य शैली में अबीर-गुलाल को हवा में उड़ा रहे थे। होली जुलूस में सभा के अध्यक्ष मनोज जोशी, महासचिव जगदीश बवाड़ी, विमल साह, राजेंद्र बजेठा, किशन गुरुरानी, सुरेश बिनवाल, भुवन बिष्ट सहित बड़ी संख्या में होल्यार शामिल रहे। पहली बार नगर के पत्रकार भी होली जुलूस में होली के रंगों में सराबोर नजर आए। इधर शाम को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश भी फागोत्सव में शामिल हुए।Holi 5 1 Holi

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-हर वर्ष कुछ न कुछ नया रचता-बसता जाता है कुमाउनी होली है
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 28 मार्च 2021।  कुमाउनी होली रंगों से अधिक रागों के लिए प्रसिद्ध है। इसकी और भी कई खाशियतें हैं। एक पहलू यह भी है कि कुमाउनी होली हर वर्ष तत्कालीन परिस्थितियों से लेकर कुछ नया-अनूठा रचते हुए और स्वयं में बसाती हुई भी चलती है। यह सिलसिला अंग्रेजी दौर से चलता रहा है। इस कड़ी में अंग्रेजी दौर में ‘कैसे हो इरविन ऐतवार तुम्हार…’ से लेकर गुलामी के दौर में ‘होली जलियांवाला बाग मची..’‘होली खेलनू कसी यास हालन में, छन भारत लाल बेहालन में…’‘अपना गुलामी से नाम कटा दो बलम, स्वदेशी में नाम लिखा दो बलम, मैं भी स्वदेशी प्रचार करूंगी, मोहे परदे से अब तो हटा दो बलम, देश की अपनी बैरागन बनूंगी, सब चीर विदेशी जला दो बलम, अपना गुलामी से नाम कटा दो बलम’ जैसी होलियां रची गईं।
वहीं आजाद भारत में विदेशी फैशन के खिलाफ ‘छोड़ो कुबाण नवल रसिया’ तो आजादी के नाम पर उत्श्रृंखलता और गरीबी की स्थितियों पर ‘कां हरला यां चीर कन्हैया, स्यैंणिन अंग उधड़ियै छू, खीर भद्याली चाटणा हूं नैं, भूखैल पेट चिमड़ियै छू, गूड़ चांणा लै हमू थैं न्हैंतन, आङन लागी भिदड़ियै छू’ जैसी होलियां गायी जाती रही हैं। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ ने इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए 2001 की होलियों में ‘अली बेर की होली उनरै नाम, करि लिया उनरि लै फाम, खटीमा मंसूरी रंगै ग्येईं जो हंसी हंसी दी गयीं ज्यान, होली की बधै छू सबू कैं..’ और आगे चुनावों के दौर में ‘ये रंग चुनावी रंग ठहरा…’ जैसी होलियों का सृजन किया। इसी कड़ी में मौजूदा नए दौर में कुमाउनी होली अंग्रेजी में ‘डॉन्ट टच माइ अंचलिया मोहन रसिया, आई एम ए लेडी श्रीवृंदावन की, यू आर द लॉर्ड ऑफ गोकुल रसिया’‘आज रंग है मेरे ख्वाजा के घर में, मेरे महबूब के घर में, मोहे रंग दे ख्वाजा अपने ही रंग में, तुम्हारे हाथ हैं सुहाग मेरा, मैं तो जोबन तुम पै लुटा बैठी’ और ‘छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके, मोहे सुहागन कीन्ही रे मोसे नैना मिलाइके’ जैसे सूफियाना कलाम भी होली के रूप में पेश किये गये। इसी कड़ी में बीते वर्षों में ‘कुछ काम अब तो कर लो बलम, बंद करा क्यूं ग्यूं चावल हमरा, गुझिया हुंणी चीनी दिला दो बलम, खाली खजाना जेब भी खाली-करने वाले जेल चलें, मुख पे मलो उनके कालो डीजल, भ्रष्टाचार की होरी जलें, औरों पर तो बहुत चलाई, कुछ खुद पर भी तो चला दो कलम, कुछ काम अब तो कर लो बलम’ होली सुनाई दी, जबकि इस वर्ष यह होली काफी पसंद की जा रही है:
बखत-बखत की बात कलयुग ऐरौछौ, तीस बरस में चेली को ब्याह रचूंनी, फिर कूंनी कन्यादान, कलयुग ऐरौछौ, मैसै हुंणी भान मजूंनीं, फिर कूंनी पतिव्रता नार, कलयुग ऐरौछौ, फलफूल खानी, आलू खानीं फिर कूनीं करि रौ उपवास, कलयुग ऐरौछौ। गाड़ी-रेल में जांनी, ऑनलाइन जांनी, फिर कूनीं करणई चारों धाम, कलयुग ऐरौछौ, जैसी होली रचना सामने आई है।

यह भी पढ़ें : लाल रंग डालो, गुलाबी रंग डालो, रंग केसर छिड़काओ री होली आई रे रसिया….

नवीन समाचार, नैनीताल, 27 मार्च 2021। सरोवननगरी में होली की बैठकें पूरे शबाब में हैं। इसी कड़ी में शनिवार को श्रीराम सेवक सभा एवं नैनीताल समाचार में पुरुषों की बैठकी होली का आयोजन किया गया। इस दौरान नैनीताल समाचार की होली में वरिष्ठ होल्यार अतुल साह को सम्मानित किया गया। अतुल ने आयो नवल वसंत सखी ऋतुराज कहायो होली गाकर शमां बांधा। इसी तरह राजू त्रिपाठी ने जोशीले अंदाज में लाल रंग डालो, गुलाबी रंग डालो, रंग केसर छिड़काओ री होली आई रे रसिया…. और निधि जोशी ने सजन मोरे अंगना में आना रे पहन वसंती बाना की प्रस्तुतियां दीं। इनके अलावा अल्मोड़ा से आए प्रभात गंगोला, राजा साह, मनोज पांडे, मनोज चनियाल आदि ने भी होली की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दीं। आयोजन में नवीन बेगाना, जहूर आलम, राजीव लोचन साह, मनोज कुमार, हिमांशु पांडे ‘मित्र’, लता कांडपाल, हेमलता तिवारी, विनीता यशस्वी, डा. मोहित सनवाल व चंदन जोशी सहित बड़ी संख्या में शास्त्रीय राग-रागिनियों में बंधी-सजी पारंपरिक कुमाउनी होली के रसिक मौजूद रहे।

देखें आज की नैनीताल समाचार की होली का विडियो :

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डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 25 मार्च 2021। सर्वधर्म की नगरी सरोवरनगरी की अनेक खाशियतें हैं, और इनमें से एक है यहां पिछले 25 वर्षों से हो रहे फागोत्सव व होली महोत्सव। 1976 में इन महोत्सवों की नैनीताल से शुरुआत से होने के बाद वर्तमान में प्रदेश के अनेक स्थानों पर ऐसे महोत्सव आयोजित हो रहे हैं, इस तरह नैनीताल पूरे प्रदेश के ऐसे आयोजनों का प्रणेता भी है। इसके अलावा भी नैनीताल के होली महोत्सव की एक और खाशियत यह भी है कि यहां होने वाले होली महोत्सव के पीछे जहूर आलम नाम के रंगकर्मी हैं, जो सरोवरनगरी की होली में सर्वधर्म सम्भाव का रंग भी भर देते हैं।
Jahoor Alamजहूर बताते हैं 70 के दशक में नैनीताल सहित पहाड़ों की होली में मैदानी क्षेत्रों की होली के कपड़े फाड़ने, कीचड़ फैंकने व मुंह पर जले तेल आदि की कालिख पोतने जैसे दुर्गुण आ गए थे। इस पर उनके साथ ही उनकी नाट्य संस्था युगमंच के वरिष्ठ सदस्य स्वर्गीय गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’, विश्वंभर नाथ साह ‘सखा’, राजीव लोचन साह, डॉ. विजय कृष्ण आदि के साथ श्रीराम सेवक सभा व शारदा संघ आदि संस्थाओं के लोग जुटे और कुमाउनी होली को उसके पारंपरिक स्वरूप में बचाने के लिए 1976 से फागोत्सव-होली महोत्सव की शुरुआत हुई। इसके तलत पहली बार गांवों में अपने घरों व पटांगणों तक सीमित महिलाओं व पुरुष होल्यारों की खड़ी व बैठकी होलियां आयोजित हुईं। बाहर से आने वाले होल्यारों के दलों को कलाकारों के रूप में पहली बार न केवल प्रतिष्ठा दी गई, बल्कि उन्हें इसका पारिश्रमिक भी दिया गया। कुमाऊं विश्वविद्यालय के संगीत विभाग में कुमाउनी होली को विषय में रूप में शामिल किया गया। साथ ही कुमाउनी होली को प्रतिष्ठित करने के लिए दो-तीन वर्ष संगोष्ठियां भी आयोजित हुईं और नई पीढ़ी को पारंपरिक कुमाउनी होली पहुंचाने के लिए कार्यशालियां भी लगातार आयोजित की जाने लगीं, जोकि अब भी होती हैं। जहूर कहते हैं उनकी इस पहल का ही प्रभाव है कि आज यहां पारंपरिक तरीके से ही होली का आयोजन होता है, और उसमें मैदानी क्षेत्रों से आए दुर्गुण नहीं दिखाई देते हैं।

यह भी पढ़ें : चीरबंधन व रंगधारण के साथ बढ़ी होली की मस्ती

नवीन समाचार, नैनीताल, 24 मार्च 2021। सरोवरनगरी में बुधवार को चीरबंधन व रंगधारण के साथ होली का रंग व मस्ती बढ़ने लगी है। मुख्यालय में जगह-जगह होली के कई सार्वजनिक कार्यक्रम हो रहे हैं। वहीं घरों में भी लोग ढोल मंजीरों के साथ होली का गायन कर रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को नगर की प्रतिष्ठित रंगमंच संस्था युगमंच के तत्वावधान में 25वां होली महोत्सव प्रारंभ हो गया। इसकी शुरुआत काली कुमाऊं अंचल के खेतीखान के डॉ. देवेंद्र ओली की अगुवाई में आए बसंतोत्सव समिति के ललित मोहन, महेश जोशी, बद्रीदत्त भट्ट, विजय मनराल, किशोर जुकरिया, आलोक वर्मा, मुकुल मनराल, प्रदीप ओली, किशन देव सहित 40 सदस्यीय होल्यारों के दल द्वारा नगर की आराध्य देवी माता नयना देवी के मंदिर में ‘हो रही जै जैकार कालिका, कलियुग में अवतार भयी, तुम तो भयी तपवान कालिका कलियुग में अवतार भये’ व ‘जय बोलो यशोदा नन्दन की, विनती करत हूं पइयां पड़त हूं, सुखदायक दुखभंजन की, जय बोलो यशोदा नन्दन की’ के होली गायन से हुई। उल्लेखनीय है कि सर्वप्रथम होली मंदिरों में ही गाये जाने की परंपरा है।

इसके अलावा नगर की महिलाओं ने भी नयना देवी मंदिर में होली गायन किया। साथ ही कुमाउनी होली की एक अन्य विशिष्टता ‘स्वांग’ का भी प्रदर्शन किया। उल्लेखनीय है कि स्वांग के जरिए समाज की विदू्रपताओं पर कटाक्ष किए जाते हैं, किंतु अब कहीं-कहीं यह एक तरह से ‘फैंसी ड्रेस’ प्रतियोगिता जैसा भी नजर आने लगा है। फिर भी कई बार स्वांग के जरिए समाज को उपयोगी संदेश भी दिए जाते हैं।

PURUSH KHADI HOLI
बुधवार को नयना देवी मंदिर में होली गायन करते खेतीखान चंपावत के होल्यार।

इधर बुधवार को रामलीला मैदान में एक ओर फागोत्सव के तहत सुबह मुहूर्त के अनुसार पयां यानी पद्म वृक्ष की टहनी पर सुबह 10 बजकर 24 मिनट पर चीरबंधन तथा रंगधारण किया गया वहीं इस दौरान बृज मोहन जोशी, भीम सिंह कार्की व हीरा सिंह द्वारा बनाई गई रंगोली भी दर्शनीय रही। आचार्य भगवती प्रसाद जोशी ने मनोज साह, जगदीश बवाड़ी व विमल साह के माध्यम से पूजन संपन्न कराया। सोनी जंतवाल, प्रियंका कांडपाल, अनुष्का कोहली, कुणाल एवं बृजमोहन जोशी आदि ने सिद्धि को दाता बिघ्न विनाषन व कैलै बांधी चीर आदि होली गीत प्रस्तुत किए। वहीं अपराह्न में वरिष्ठ होल्यार नवीन चंद्र साह, श्याम नारायण, मुकेश जोशी ‘मंटू’, अरविंद पडियार, राजीव लोचन साह, मनोज जोशी, डा. नारायण सिंह जंतवाल, राजा साह, जहूर आलम व डीके शर्मा आदि गणमान्यों की उपस्थिति में चम्पावत के होल्यार देवेंद्र ओली, गोपाल मनराल, तथा महिला होली के लिए नैनीताल की रजनी चौधरी को सम्मानित किया गया। इस दौरान धूम मची ब्रजमंडल में, सखी धूम मची ब्रजमंडल में तथा संगीत शिक्षिका डिम्पल जोशी द्वारा सिद्धि करो महाराज होलिन के दिन में व कृति जोशी के साथ रंग देख जिया ललचाये, देखो कान्हा ब्रज में होली मचाए की प्रस्तुति की। इस दौरान भारतीय शहीद सैनिक स्कूल के शिक्षकों प्रेमा त्रिपाठी, मुक्ता व नेहा आर्या के नेतृत्व में हेमा बिष्ट, किरन जोशी, गीता भट्ट, भूमिका आर्या, हर्षिता, अंजली कोमल, काजल, बबिता, निकिता, भास्कर, कैफ, हर्षित आदि बाल कलाकारों की टीम ने भी पैलागों कर जोरी कन्हैया मो संग खेलो ना होरी, होली आई रे आई रे होली आई रे, कान्हां तेरी बांकी चितवनिया ओ रे सांवरिया काहे मारे नैनों से नजरिया ओ सावरिया, आदि होलियां गायीं। कार्यक्रम का संचालन हेमन्त बिष्ट ने किया। आयोजन में भास्कर बिष्ट, नवीन बेगाना, मनोज कुमार, पंकज बिष्ट, व हिमांशु पांडे आदि द्वारा भी योगदान दिया गया।

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21NTL 3नवीन समाचार, नैनीताल, 21 मार्च 2021। नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में रविवार को दूसरे दिन 25वें फागोत्सव के तहत बाल होल्यारों ने होली की प्रस्तुतियां दी। इस दौरान पारस जोशी, रक्षित साह, अनुभव जोशी, अभय कुमार, कुणाल तिवारी, राहुल जोशी, भावेश चम्याल, अनुष्का कोहली, सोनी जंतवाल, लता तिवारी, श्रुति कोहली, प्रियंका कांडपाल व प्रियंका जोशी आदि बाल होल्यारों ने नरेश चम्याल के निर्देशन एवं गिरीश भट्ट के लोटे के संगीत व राहुल जोशी के तबले की थाप पर मेरी चुनरी पर ऐसो चटक रंग, होली खेलत अपने श्याम, रंग डारूंगी व धमार राग में होली मोपे करत इतरार मुरार आदि होलियां प्रस्तुत कीं। लवण्या साह ‘परी’ ने फागुन रे फागुन होली प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकत्री डा. सरस्वती खेतवाल ने बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहीं। संचालन प्रो. ललित तिवारी ने किया। इस मौके पर सभा के अध्यक्ष मनोज साह, महासचिव जगदीश बवाड़ी, मनोज जोशी, विमल चौधरी, विमल साह, अशोक साह सहित अनेक अन्य लोग मौजूद रहे।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 20 मार्च 2021। नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के माध्यम से नगर में पिछले 25 वर्षों से आयोजित हो रहे फागोत्सव का शनिवार को शुभारंभ हो गया। विधायक संजीव आर्य ने फागोत्सव का औपचारिक शुभारंभ करते अपने संबोधन में होलिका की कथा सुनाते हुए होली में जीवन की सारी नकारात्मकताओं को होम करने की बात कही। इस मौके पर नगर की 6, हल्द्वानी की 4, भवाली की 2 व भीमताल की 1 महिला होल्यारों के कुल 12 महिला होली दलों ने अपनी प्रस्तुतियांे से जहां कुमाउनी होली की मंचीय प्रस्तुतियां दीं वहीं स्वांग के माध्यम से मौजूदा स्थितियों पर भी अलग अंदाज में संदेश दिए एवं कटाक्ष किए।

जैसे नगर के होली दल की ओर से कहा गया कि कोरोना पहाड़ में नहीं आ सकता था। पर्वतीय लोक देवताओं की इसे आने देने के पीछे मंशा रही कि इससे पहाड़ छोड़ कर प्रवास पर रह रहे लोग अपनी जड़ों की ओर लौटें और यहीं रोजगार करें। कार्यक्रम में सांसद अजय भट्ट की धर्मपत्नी पुष्पा भट्ट, आयोजक संस्था के अध्यक्ष मनोज साह, महामंत्री जगदीश बवाड़ी, पूर्व अध्यक्ष गिरीश जोशी व विमल चौधरी सहित अनेक पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में आमजन व खासकर महिलाएं मौजूद रहीं। संचालन डॉ. ललित तिवारी व मीनाक्षी कीर्ति ने किया।

देखें आज की होली का विडियो :

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Mahila holi
ऑल इंडिया वीमन कांफ्रेंस की होली में मस्ती में झूमती महिलाएं।

नवीन समाचार, नैनीताल, 19 मार्च 2021। सरोवरनगरी में रंगों के पर्व होली के रंग सजने लगे हैं। पुरुषों की होली की बैठकों के बाद अब महिलाओं की होली, हंसी-ठिठोली, मस्ती भी नजर आने लगी है। बीती शाम के बाद शुक्रवार दोपहर नगर के शारदा संघ सभागार में महिला होल्यारों की मस्ती देखी गई। ऑल इंडिया वीमन कांफ्रेंस में नगर की भाजपा-कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों एवं सर्वधर्म से जुड़ी महिलाएं एक मंच पर होली की मस्ती में झूमती थिरकती नजर आईं। यहां संस्था की अध्यक्ष मुन्नी तिवारी, सचिव गौरा देवी देव की अगुवाई में सावित्री सनवाल, तारा बोरा, सभासद गजाला कमाज, रेखा आर्या व निर्मला चंद्रा, भाजपा की पूर्व दायित्वधारी शांति मेहरा, ममता पांडे, डॉ. सरस्वती खेतवाल, दया बिष्ट, रेखा त्रिवेदी, विनीता पांडे, हेमा कांडपाल, दीपा जोशी, अश्की व आफरीन आदि महिलाएं ‘कामिनी भर-भर मारत, मलत-मलत नैना भये लाल, जल भरन चलीं दोनों बहना व भर पिचकारी मारी कुंज गलिन में…’ आदि होली गीतों की मस्ती में झूमती व नाचती नजर आईं।

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-महिला, पुरुष व बाल होल्यारों की खड़ी व बैठकी होलियों के साथ स्वांग एवं हर्बल रंगों का जुलूस भी होगा

Shri Ram Sevak Sabha
बुधवार को 25वें फागोत्सव की जानकारी देते आयोजक।

नवीन समाचार, नैनीताल, 17 मार्च 2021। जिला व मंडल मुख्यालय में नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक-सांस्कृतिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में वर्ष 1996 से लगातार मनाए जा रहे फागोत्सव का 25वां संस्करण आगामी 20 से 30 मार्च तक हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। बुधवार को आयोजकों ने आयोजन से संबंधित जानकारियां पत्रकार वार्ता में साझा कीं।
सभा के महासचिव ने बताया कि फागोत्सव की शुरुआत 20 मार्च को महिला होली जुलूस व स्वांग प्रतियोगिता के साथ होगी। इसी दिन गत वर्ष की आठ के मुकाबले 4 अधिक यानी 12 महिला होली दल भी अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इनमें नगर की 6, हल्द्वानी की 4, भवाली की 2 व भीमताल की 1 महिला होल्यारों के दल शामिल हैं। वहीं 21 को आयोजक संस्था के बाल कलाकारों की प्रस्तुतियां, 22 को महिला बैठकी होली, 23 को नगर के विद्यालयों के बच्चों की छह टीमों की होली प्रस्तुतियां, 24 को चीर बंधन व रंगधारण तथा इस दौरान पहली बार पुरुषों की खड़ी होली, 25 को आमल एकादशी पूजन, 26 को महिला-पुरुष होल्यारों का एकल होली गायन, 27 को पुरुषों की बैठकी होली, 28 को बच्चों के स्वांग व हर्बल रंगों से रंगारंग होली जुलूस तथा चीर दहन, 29 को छलड़ी एवं 30 को टीके का आयोजन किया जाएगा। सभा के हिमांशु जोशी ने बताया कि इस दौरान लिये जाने वाले चित्रों की फोटो प्रतियोगिता भी आयोजित होगी, जिसमें सर्वश्रेष्ठ चित्रों को आठ, पांच व तीन हजार के एक-एक तथा एक-एक हजार के तीन पुरस्कार दिए जाएंगे। पहली बार सर्वश्रेष्ठ चित्रों का निर्णय बाहरी विशेषज्ञ छायाकारों द्वारा ऑनलाइन कराया जाएगा। पत्रकार वार्ता में सभा के अध्यक्ष मनोज साह, पूर्व अध्यक्ष मुकेश जोशी, प्रो. ललित तिवारी, किशन नेगी, विमल चौधरी व राजेंद्र बजेठा आदि सदस्य भी मौजूद रहे।

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Holi 1नवीन समाचार, नैनीताल, 10 मार्च 2020। देश भर के साथ सरोवरनगरी नैनीताल में रंगों का पर्व होली हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। यहां सुबह से ही होल्यारों की टोलियां होली मनाने निकल पड़ी। वहीं खासकर महिलाओं ने नगर की आराध्य माता नयना देवी के मंदिर से होलिकोत्सव मनाने की शुरुआत की। दिन चढ़ने के साथ होली का उत्साह बढ़ता गया। पर्यटन नगर होने के नाते यहां बड़ी संख्या में सैलानी भी होली मनाते देखे गए, जबकि होली मनाते हुए एक-दूसरे को रंगों में रंगते विदेशी सैलानी आकर्षण का केंद्र रहे।
अलबत्ता होली में कुछ हद तक कोरोना के खौफ का सकारात्मक असर भी देखा गया। लोग बुरे रासायनिक रंगों से बचते दिखाई दिए और इसकी जगह लोगांे ने सूखे रंगों, अबीर-गुलाल का अधिक प्रयोग किया। हर्बल रंगों के प्रति लोगों का रुझान दिखाई दिया। कई लोगों ने इस बार प्राकृतिक या खाने के रंगों से स्वयं रंग तैयार कर होली मनाने की बात भी कही।

दिलों को जोड़ने के साथ बंद पड़े घरों के दर खोलने का माध्यम भी बनी होली

नैनीताल। होली के दिन दिल मिल जाते हैं, रंगों में रंग मिल जाते हैं। यह बात तो होली में दिखती ही है। आज के आपाधापी के दौर में अनेक लोग पूरे वर्ष में केवल इसी दिन आपस में मिल पाते हैं। वहीं होली पलायन की मार झेल रहे पहाड़ों के बंद-वीरान पड़े घरों के दरवाजे खोलने का मौका-माध्यम भी साबित हो रही है। पलायन पर प्रवास में रह रहे अनेक लोग होली के मौके पर ही वर्ष में एक बार अपने घर लौटते हैं और अपने बंद पड़े घरों के ताले खोलते हैं, जबकि कई वीरान घरों में भी इस मौके पर रौनक लौट आती है। इस बार भी गांव-गांव में ऐसे मौके दिखाई दिये, जबकि शहरों के कई प्रवासी भी इस दौरान घर लौटे हैं। कालजयी महाभारत धारावाहिक में संजय का किरदार निभाने वाले नगर के कलाकार ललित तिवारी भी इस मौके पर नगर में अपने परिजनों के साथ होली मनाने लौटे हैं। उन्होंने कहा कि होली-दिवाली जैसे त्योहार अपनी मिट्टी में लौटने का मौका बनते हैं।

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Holi
सरोवरगनरी में सोमवार को सांस्कृतिक होली जुलूस में हर्बल रंगों से रंगे होल्यार।

नवीन समाचार, नैनीताल, 9 मार्च 2020। सरोवरनगरी में नगर की सबसे पुरानी 1916 में स्थापित धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में सोमवार को हर्बल रंगों-अबीर गुलाल से जमकर होली खेली गई। सभा के सदस्यों व आम लोगों ने एक-दूसरे पर रंग लगाते व उड़ाते हुए पूरे मल्लीताल बाजार क्षेत्र में हर वर्ष की तरह होलियां गाते हुए सांस्कृतिक जुलूस निकाला और लोगों को होली की बधाइयां देते हुए पूरे विश्व में शांति एवं खुशहाली की कामना की गई। इस मौके पर सभा भवन के प्रांगण में बृजमोहन जोशी कैलाश जोशी हीरा सिंह रावत, विमल चौधरी, भीम सिंह कार्की व भुवन बिष्ट आदि के द्वारा लाल, हरा, पीला, सिंदूरी व सफेद रंगों से खूबसूरत रंगोली भी बनाई गई। जुलूस में होल्यार-मलत मलत नैना भये लाल, झनकारो झनकारो, बड़ो प्यारो लगो तेरो झनकारो, तुम क्यों नहीं आये गणेश होलिन में, बुरूंशी का फूलों का कुमकुम मारो आदि होलियां गा रहे थे। इतनी होली खेली गई कि बाजार की सड़कें भी विभिन्न रंगों से रंग गईं।होली जुलूस में बच्चों ने स्वांग की सुंदर प्रस्तुतिया भी दीं।
जुलूस में गिरीश जोशी, गिरीश भट्ट, कमलेश ढोंढियाल, भुवन नेगी, चंदन जोशी नृत्य शैली में अबीर-गुलाल को हवा में उड़ा रहे थे। होली जुलूस में सभा के अध्यक्ष मनोज जोशी, महासचिव जगदीश बवाड़ी, विमल साह, राजेंद्र बजेठा, किशन नेगी, दीप गुरुरानी, किशन गुरुरानी, मुकेश जोशी, सुरेश बिनवाल, भुवन बिष्ट, मीनाक्षी कीर्ति, दिव्या साह, रानी साह, भारती साह, मोहित साह आदि भी मौजूद रहे।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 17 मार्च 2019। रविवार को होली में रंगों का आगाज हो गया। इसके साथ ही सरोवरगनरी में होल्यार होली के रंगों में झूमे और सराबोर हो गये। महिलाओं व पुरुष होल्यारों में होली का जोश देखते ही बन रहा था। शुरुआत सुबह श्रीराम सेवक सभा प्रांगण में रंग्वाली-आंवला एकादशी पर चीर बंधन व रंगधारण से हुई। धार्मिक विधि-विधान व होली गायन के साथ हुए इस कार्यक्रम में आयोजक संस्था श्रीराम सेवक सभा के अध्यक्ष मनोज साह, अनूप शाही, डा. मोहित सनवाल, मोहित साह, देवेंद्र लाल साह, राजेंद्र लाल साह व विमल चौधरी आदि लोग भी शामिल रहे।

इधर, युगमंच संस्था के तत्वावधान में आयोजित 23वें नैनीताल होली महोत्सव के तहत नयना देवी मंदिर में रंगधारण व होली गायन से महोत्सव का शुभारंभ हुआ। इस दौरान पाटी चंपावत से आये संस्कृति संस्था के होल्यारों टीका राम सोराड़ी, सुरेंद्र राज सिंह, कमल जोशी, कमल मेहता, सुरेश भट्ट सहित 30 होल्यारों के दल ने राजेंद्र गहतोड़ी की अगुवाई में हुड़के की थाप पर गिरिजा सुत गणपति विघ्न हरो-घर घर मंगल काज करो से होली गायन की शुरुआत कर आगे वीर हुए रणधीर जगत में लव-कुश दोनों वीर हुए, तुम तो भई तपवान कालिका कलयुग में अवतार भई, जनम लियो हरि बृज में अली-सखियां दरशन करन चली सहित कई होली गाकर शमां बांध दिया। होली जुलूस में मंजू रौतेला, विजय लक्ष्मी थापा की अगुवाई में महिला होल्यार दलों ने स्वांग विधा का प्रदर्शन करते हुए होली में अलग रंग भरे। मंदिर से श्रीराम सेवक सभा प्रांगण तक होली जुलूस निकाला गया, जिसमें युगमंच के जहूर आलम, नवीन बेगाना, मनोज कुमार, विनोद पांडे  सहित सूखाताल, मेविला माउंट रोज व पाषाण देवी आदि की महिला होल्यारों के दलों में अनेक होल्यार मौजूद रहे।

कुमाउनी होली में इस वर्ष आ रहे राष्ट्रभक्ति के रंग

-हर वर्ष स्वयं के साथ तत्कालीन देश-समाज की चर्चित गतिविधियों को भी शामिल करती चलती है कुमाउनी होली
नैनीताल। शायद इसीलिये कुमाउनी होली को केवल एक त्योहार नहीं बल्कि सांस्कृतिक विरासत कही जाती है। परंपरा है कि हर वर्ष कुमाउनी होली गीतों में उस वर्ष में देश व समाज में घटी बड़ी घटनाएं भी समाहित होती जाती हैं। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री मोदी के सफाई अभियान कुमाउनी होली गीतों में शामिल हुए थे तो इस वर्ष देश के सैनिक, पुलवामा की आतंकी घटना और पाकिस्तान पर हुई एयर स्ट्राइक की झलक सरोवरनगरी में आयोजित हो रहे फागोत्सव में नजर आ रही है।
शनिवार को श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में मल्लीताल रामलीला मैदान में आयोजित हुई महिलाओं के होली प्रस्तुतीकरण में सैनिक और युवा जोश दिखाई दिया। पाषाण देवी महिला संस्था की होली में सैनिक बनी महिला ने कहा, आप सब को होली की बधाई, किंतु उसे तो सीमा पर देश की सेवा के लिए जाना है। क्योंकि देश के लिए जान देने का मौका आया है। मुख्यालय से उसे बुलावा आया है। समस्या यह है उसकी पत्नी व मां व उसे होली तक रुकने को कहती हैं, किंतु होली तो बार-बार आती रहेंगी। ऐसे मौके तो कम ही आएंगे। वैसे भी जब देश सुरक्षित होगा तभी तो देश के लोग सुरक्षित रंगों की होली खेल पाएंगे। इसके बाद महिला होल्यारों ने उसकी पत्नी के दर्द को स्वर देते हुए होली गायी-म्यार स्वामी तुम नि जाओ बॉडरा। हालांकि वे बाद में यह भी बोलीं-म्यारा स्वामी तुम जाओ बॉडरो-घर की न करो फिकरा। यानी मेरे स्वामी आप बॉडर्र पर आओ और घर की चिंता न करो।
इसके अलावा भी फागोत्सव में नगर की मेविला माउंट रोज, नैनी महिला एवं बाल विकास समिति सूखाताल, नैनी महिला जागृति संस्था व मैलरोज कंपाउंड के साथ ही अल्मोड़ा की धारानौला धुश्वेश्वर मंदिर समिति एवं हल्द्वानी के जज फार्म की महिलाओं ने भी ‘जगदंबा पधारो खेलो होली’ से होली गायकी की शुरुआत की। आगे हरि धरे मुकुट खेले होली, कान्हा रे कान्हा तूने ये क्या किया मेरा धड़के जिया, रंग में भिगोया मेरा चीर कन्हैया तोको गाली मैं दूंगी, झूम रहे सब आज पीकर मीठी भंग, होली पर्व में तन-मन के कलस तो उतार व चारों ओर फाग का डेरा लाल-गुलाल हुआ मन मेरा जैसी तरह-तरह की रसीली, भक्तिभावपूर्व आदि होलियां गाकर और उन पर झूमकर शमां बांध दिया। साथ ही महिलाओं ने स्वांग विधा के कई सुंदर व रोचक दृश्य प्रस्तुत किये। इस मौके पर डा. सरस्वती खेतवाल, ममता रावत, सुमन साह, इंदु साह, मंजू रौतेला, हेमा कांडपाल, वंदना पांडे, सावित्री सनवाल, प्रीति डंगवाल व कमला कुंजवाल सहित आयोजक संस्था के लोग भी मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें : नैनीताल की होली में पहुंचे ‘विंग कमांडर अभिनंदन’ !

नवीन समाचार, नैनीताल, 12 मार्च 2019। जी हां, नैनीताल की होली में देश के हीरो बन चुके ‘विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान’ दिखाई दिये। ऐसा हुआ किंतु कुमाउनी होली की ‘स्वांग’ विधा के तहत, जिसमें खासकर महिला होल्यार अपने आसपास के अथवा चर्चित व्यक्तित्वों के भेष बदलकर आते हैं। लेक सिटी वेलफेयर क्लब की होली में क्लब की पूर्व अध्यक्ष 68 वर्षीया गीता साह विंग कमांडर अभिनंदन के रूप में पहुंची। इस मौके पर उन्होंने कहा कि अभिनंदन देश की शान हैं। उनका कुमाउनी होली में स्वागत है। उन्होंने देश का सीना चौड़ा कर दिया है। इसलिए उन्हें सम्मान देने के लिए वे उनके वेष में आई हैं।Geeta Sah as Abhinandand

यह भी पढ़ें : होलाष्टक न करें इस बीच कोई शुभ कार्य, जानें क्यों

इस वर्ष होली का शुभ पर्व 21 मार्च 2019 को है और शास्त्रानुसार इससे आठ दिन पूर्व होलाष्टक प्रारंभ हो जाते हैं। हिंदू शास्‍त्रों के अनुसार इस समय आठ दिन तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किये जाते। ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार होली का त्‍योहार फाल्‍गुन मास में पूर्ण‍िमा के दिन मनाया जाता है. होलिका दहन को लोग छोटी होली भी कहते हैं।

इस अवधि में शुभ कार्य- गर्भाधान, विवाह, नामकरण, विद्यारम्भ, गृह प्रवेश और नव निर्माण आदि नहीं करना चाहिए। फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से ही होलिका दहन करने वाले स्थान का चयन भी किया जाता है। पूर्णिमा के दिन सायंकाल शुभ मुहूर्त में अग्निदेव से स्वयं की रक्षा के लिए उनकी पूजा करके होलिका दहन किया जाता है।

पण्डित दयानन्द शास्त्री बताते हैं कि इन आठ दिनों किसी भी व्‍यक्‍ति को ना तो भूमि-भवन खरीदना चाहिये और ना ही वैवाह आदि करना चाहिये। ऐसा माना जाता है कि इन दिनों में शुरू किया गया कार्य कभी भी सफल नहीं होता। ज्‍योतिष के अनुसार इन 8 दिनों में ग्रह अपना स्थान बदलते हैं।

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धर्मशास्त्रों में वर्णित 16 संस्कार जैसे- गर्भाधान, विवाह, पुंसवन (गर्भाधान के तीसरे माह किया जाने वाला संस्कार), नामकरण, चूड़ाकरण, विद्यारंभ, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, गृह शांति, हवन-यज्ञ कर्म आदि नहीं किए जाते। पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार इन दिनों शुरु किए गए कार्यों से कष्ट की प्राप्ति होती है। इन दिनों हुए विवाह से रिश्तों में अस्थिरता आजीवन बनी रहती है अथवा टूट जाती है. घर में नकारात्मकता, अशांति, दुःख एवं क्लेष का वातावरण रहता है।

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इस अवधि में भोग से दूर रह कर तप करना ही अच्छा माना जाता है। इसे भक्त प्रह्लाद का प्रतीक माना जाता है। सत्ययुग में हिरण्यकशिपु ने घोर तपस्या करके ब्रह्मा जी से वरदान पा लिया। वह पहले विष्णु का जय नाम का पार्षद था, लेकिन शाप की वजह से दैत्य के रूप में उसका जन्म हुआ था। वरदान के अहंकार में डूबे हिरण्यकशिपु ने देवताओं सहित सबको हरा दिया। उधर भगवान विष्णु ने अपने भक्त के उद्धार के लिये अपना अंश उसकी पत्नी कयाधू के गर्भ में पहले ही स्थापित कर दिया था, जो प्रह्लाद के रूप में पैदा हुए।

प्रह्लाद का विष्णु भक्त होना पिता हिरण्यकशिपु को अच्छा नहीं लगता था। दूसरे बच्चों पर प्रह्लाद की विष्णु भक्ति का प्रभाव पड़ता देख पहले तो पिता हिरण्यकशिपु ने उसे समझाया। फिर न मानने पर उसे भक्ति से रोकने के लिए फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी को बंदी बना लिया। जान से मारने के लिए यातनाएं दीं, पर प्रह्लाद विष्णु भक्ति के कारण भयभीत नहीं हुए और विष्णु कृपा से हर बार बच गए। इसी प्रकार सात दिन बीत गए। आठवें दिन अपने भाई हिरण्यकशिपु की परेशानी देख उसकी बहन होलिका, जिसे ब्रह्मा जी ने अग्नि से न जलने का वरदान दिया था, प्रह्लाद को अपनी गोद में बिठाकर अग्नि में प्रवेश कर गई, पर हुआ उल्टा। देवकृपा से वह स्वयं जल मरी, प्रह्लाद को कुछ नहीं हुआ। नृसिंह भगवान ने हिरण्यकशिपु का वध किया। तभी से भक्ति पर आए इस *संकट के कारण इन आठ दिनों को होलाष्टक के रूप में मनाया जाता है।

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क्यों होते हैं ये अशुभ दिन?

पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलाष्टक के प्रथम दिन अर्थात फाल्गुन शुक्लपक्ष की अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल तथा पूर्णिमा को राहु का उग्र रूप रहता है। इस वजह से इन आठों दिन मानव मस्तिष्क तमाम विकारों, शंकाओं और दुविधाओं आदि से घिरा रहता है, जिसकी वजह से शुरु किए गए कार्य के बनने के बजाय बिगड़ने की संभावना ज्यादा रहती है। चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को इन आठों ग्रहों की नकारात्मक शक्तियों के कमजोर होने की खुशी में लोग अबीर-गुलाल आदि छिड़ककर खुशियां मनाते हैं। जिसे होली कहते हैं।
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जानिए होलाष्टक के इन 8 दिनों में कौन से कार्य करने अशुभ हैं–

होलाष्टक में भूलकर भी ना करें शुभ कार्य

गर्भवती स्त्री को इन दिनों नदी-नाले पार करके यात्रा नहीं करनी चाहिये। ऐसा करने से पेट में पल रहे शिशु को कष्ट होता है।
होलाष्टक के दौरान विवाह नहीं करना चाहिये क्‍योंकि तब विवाह का मुहूर्त नहीं होता। इसके अलावा सगाई भी नहीं करनी चाहिये।
इन दिनों नये घर में प्रवेश भी नहीं करना चाहिये।
होलाष्टक के दौरान ना ही नया घर खरीदना चाहिये और ना ही भूमि पूजन करवाना चाहिये।
नवविवाहिताओं को इन दिनों में मायके में रहने की सलाह दी जाती है।
होलाष्टक में भले ही शुभ कार्यों के करने की मनाही है लेकिन इन दिनों में अपने देवी देवता की पूजा करना अनिवार्य हो जाता है। यही नहीं उपवास करने और दान करने से भी लाभ मिलता है।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 4 मार्च 2020। सरोवरनगरी में खासकर महिलाओं में फागोत्सव का जबर्दस्त उत्साह देखा जा रहा है। नगर की सबसे पुरानी, 1916 में स्थापित धार्मिक-सांस्कृतिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में राग व फाग के पर्व होली के फागोत्सव के 24वें संस्करण के तहत बुधवार को महिलाओं की बैठ होली का आयोजन किया गया। इस मौके पर सभा भवन में सुमन साह, मंजू रौतेला, भारती साह, वंदना पांडे, सुषमा डंडरियाल व प्रीति डंगवाल की अगुवाई में होली गीतों की धूम रही। इस दौरान परंपरागत तौर पर बनने वाले चटनी युक्त आलू के गुटकों का भी अपना अलग आकर्षण रहा।
इस मौके पर महिलाओं ने बाजों-गाजों के साथ सिद्धि को दाता बिघ्न विनाशन से शुरू कर आगे आज बिरज में होली रे रसिया, रंग डारि दियो हो अलबेलिन में, अम्बा के भवन विराजे होली सहित अनेकानेक होली गीत गाये गए। फागोत्सव में मुन्नी भट्ट, मंजू नेगी, लीला बिष्ट, बबली, हेमा कांडपाल सहित बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद रहीं, जबकि आयोजक संस्था की ओर से पूर्व अध्यक्ष मुकेश जोशी, महासचिव जगदीश बवाड़ी व विमल चौधरी आदि व्यवस्थाओं में जुटे रहे।

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Holi Swangनवीन समाचार, नैनीताल, 1 मार्च 2020। सरोवरनगरी में रविवार को नगर की महिलाओं के संगठन-लेक सिटी वेलफेयर क्लब द्वारा आयोजित की गई होली में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अभी हाल में भारत आए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और अमेरिका की प्रथम महिला मेलोनिया ट्रम्प भी नजर आईं। उन्होंने भारत व अमेरिका की दोस्ती के दीर्घजीवी होने की कामना भी की।
Holi Swang1ऐसा महिलाओं द्वारा प्रदर्शित कुमाउनी होली की अनूठी-स्वांग विधा के तहत हुआ, जिसमें खासकर महिलाएं महिलाओं के साथ पुरुषों का रूप, वेषभूषा धारण करना उनका स्वांग करती हैं। इस विधा में वर्ष की महत्वपूर्ण गतिविधियों को शामिल करने की परंपरा भी रही है। इसके तहत ही रविवार को नगर के आर्य समाज मंदिर में आयोजित कुमाउनी होली मंे क्लब की पूर्व अध्यक्ष विनीता पांडे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गीता साह डोनाल्ड ट्रम्प और ज्योति साह मेलोनिया के रूप में नजर आईं, और सर्वाधिक आकर्षण का केंद्र रहीं। कार्यक्रम में पहुंचे क्षेत्रीय विधायक संजीव आर्य ने भी इस दौरान मोदी, डोनाल्ड ट्रम्प और मेलोनिया से हाथ मिलाए। उनके साथ ही चेतना मीरा बाई और बबली जोकर के रूप में नजर आईं। इस दौरान क्लब की अध्यक्ष ज्योति वर्मा, सचिव दिव्या साह व सोशल मीडिया प्रभारी पिंकी मुंडे की अगुवाई में नगर की 10 प्रमुख महिला होल्यार-गुंजन जोशी, ज्योति साह, भावना जोशी, नीमा पांडे, पिंकी अरोड़ा, हेमा जोशी, विजय लक्ष्मी थापा, निशा साह, चंपा कर्नाटक व हेमा चिलवाल को सम्मानित भी किया गया।

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-नगर की सबसे पुरानी धार्मिक-सांस्कृतिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में तीन से 11 मार्च तक मनाया जाएगा 24वां फागोत्सव

नवीन समाचार, नैनीताल, 29 फरवरी 2020। यूं कुमाऊं में परंपरागत तौर पर मनाई जाने वाली कुमाउनी होली पौष माह के पहले रविवार से लेकर फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की प्रथमा तिथि यानी होली के टीके तक यानी करीब तीन माह तक मनाई जाती है। लेकिन बीते दशकों में परंपरागत कुमाउनी होली में आए ह्रास को देखते हुए सरोवरनगरी में 24 वर्ष पूर्व 1996 में इसके संरक्षण के प्रयासों के तहत नगर की सबसे पुरानी-1916 में स्थापित धार्मिक-सांस्कृतिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के द्वारा नगर की नाट्य संस्था युगमंच आदि के साथ फागोत्सव मनाने की शुरुआत हुई। इधर इस वर्ष फागोत्सव के 24वें संस्करण को अधिक भव्य तरीके से मनाने का निर्णय हुआ है। तय हुआ है कि फागोत्सव 2020 तीन से 11 मार्च तक यानी नौ दिन तक मनाया जाएगा। आयोजन में दिवंगत हो चुके होल्यारों से लेकर उदीयमान बाल होल्यारों तक की सहभागिता होगी और रंगों का यह उत्सव इस बार हर्बल रंगों से मनाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि परंपरागत कुमाउनी होली रंगों से अधिक रागों युक्त गायकी के लिए प्रसिद्ध है। आयोजक संस्था के पूर्व अध्यक्ष मुकेश जोशी एवं महासचिव जगदीश बवाड़ी ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि इसी आधार पर इस वर्ष होने वाले फागोत्सव की शुरुआत आगामी तीन मार्च को महिला होली जुलूस व स्वांग प्रतियोगिता एवं महिला होली गायन के साथ होगी। 4 मार्च को महिला बैठकी होली होगी। पांच को शुभ मुहूर्त के अनुसार दोपहर एक बजकर 19 मिनट पर चीरबंधन एवं रंगधारण होगा। 6 मार्च को आमल एकादशी का पूजन व महिला-पुरुष होल्यारों का एकल गायन, सात को स्कूली बच्चों की होली गायन प्रतियोगिता, आठ को सांस्कृतिक दलों का कार्यक्रम एवं पुरुष बैठकी होली, नौ मार्च को बच्चों के स्वांग एवं होली जुलूस व मुहूर्त के अनुसार शाम 6 बजकर 15 मिनट से आठ बजकर 41 मिनट के बीच चीर दहन, 10 मार्च को छलड़ी एवं 11 मार्च को टीका के आयोजन होंगे। बताया कि महिला होली में शहर के साथ ही हल्द्वानी, नौकुचियाताल, ज्योलीकोट व अल्मोड़ा की 11 से अधिक टीमें प्रतिभाग करेंगी। फागोत्सव की पूरी अवधि में कूर्मांचल बैंक के सहयोग से 20 हजार रुपए के पुरस्कार वाली ऑनलाइन फोटो प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। इस दौरान नगर के प्रसिद्ध दिवंगत होल्यारों द्वारा पूर्व में गाई गई होलियों को प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया जाएगा, वहीं बाल होल्यारों, स्कूली छात्र-छात्राओं की होली प्रस्तुतियों से लेकर छोटे स्कूल भी न जाने वाले बच्चों के स्वांग जैसे कार्यक्रमों के जरिये परंपरागत कुमाउनी होली को नई भावी पीढ़ी तक पहुंचाने के प्रयास भी किये जाएंगे। इस मौके पर आयोजक संस्था के राजेंद्र लाल साह, अशोक साह, किशन गुरुरानी, किशन नेगी, राजेंद्र बजेठा, भीम सिंह कार्की, विमल चौधरी, डा. ललित तिवारी, हिमांशु जोशी व ललित साह आदि पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

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Eco Friendly Colors
होली के लिए ईको फ्रेंडली रंग तैयार करती महिलाएं।

नवीन समाचार, नैनीताल, 24 फरवरी 2020। चीन में फैले कोरोना वायरस के दृष्टिगत आगामी होली के त्योहार के लिए सोशल मीडिया पर चीन के रंगों का प्रयोग न करने के संदेश आशंकित कर रहे हैं। ऐसे में सरोवरनगरी से होली पर रंगों से खेलने वालों के लिए बेहद सुखद समाचार है। नगर की महिलाओं के स्वयं सहायता समूह-चेली आर्ट्स से जुड़ी महिलाओं ने आगामी होली के त्योहार के लिए घर पर गुलाबी, पीला, हरा व नारंगी रंग के हल्के व गहरे ईको-फ्रेंडली यानी पर्यावरण अनुकूल रंग तैयार किये हैं। बताया गया है कि फलों, फूलों और सब्जियों से बने इन रंगों में शुद्धता का पूर्ण ध्यान रखा गया है। ये रंग सुगंधित भी हैं। इनमें सुगंध के लिए इत्र का प्रयोग किया गया है। यह रंग शहर के मल्लीताल बाजार के साथ ही ऑनलाइन भी संस्था की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। बताया गया है कि इन रंगों की दिल्ली, मुंबई, देहरादून व रुद्रपुर से काफी मांग आ रही है।

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-मुख्य फागोत्सव तीन से नौ तक होगा, 11 मार्च तक भी होंगे आयोजन

नवीन समाचार, नैनीताल, 16 फरवरी 2020। परंपराओं को सहेजने के नेक उद्देश्य के साथ सरोवरनगरी नैनीताल में आगामी 3 से 11 मार्च के बीच नगर की सबसे पुरानी धार्मिक व सामाजिक संस्था श्री राम सेवक सभा के तत्वावधान में फागोत्सव 2020 का आयोजन किया जाएगा। रविवार को आयोजक संस्था की बैठक में इस पर सहमति बनी एवं कार्यक्रम तय किये गए। तय हुआ कि तीन मार्च को महिला होली जुलूस व स्वांग प्रतियोगिता एवं विभिन्न महिला होली दलों की होली प्रस्तुतियां, चार को महिला बैठकी होली, पांच को चीर बंधन, छह को आमल एकादशी एवं स्कूली बच्चों की होली गायन प्रतियोगिता, सात को महिला व पुरुष एकल होली गायन, आठ को पुरुषों की बैठकी होली एवं नौ मार्च को बच्चों के स्वांग तथा होली जुलूस, 10 को छलड़ी एवं 11 मार्च को होली का टीका आयोजित किया जाएगा।
बताया गया कि इस वर्ष महिला होली प्रतियोगिता में शहर के अलावा अल्मोड़ा, हल्द्वानी, भवाली व ज्योलीकोट की टीमें भी प्रतिभाग करेंगी। तीन से नौ मार्च के बीच के आयोजनों के दौरान खीचे जाने वाले चित्रों की कूर्मांचल बैंक के तत्वावधान में फोटो प्रतियोगिता भी आयोजित होगी। बैठक में संस्था के अध्यक्ष मनोज साह, पूर्व अध्यक्ष मुकेश जोशी, महासचिव जगदीश बवाड़ी, डा. मोहित सनवाल, प्रो. ललित तिवारी, अशोक साह, किशन नेगी, विमल चौधरी, कविता गंगोला, दिव्या साह, मुन्नी तिवारी, जया पालीवाल, मीनाक्षी कीर्ति, कलावती असवाल, गीता साह, भारती साह, चंचला, सुनीता, लीला बिष्ट, ज्योति, दीपिका, कविता, डा. रेखा, गुंजन, किरन, कमला, दीपा व रीता सहित अनय सदस्य मौजूद रहे।

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देश-प्रदेश में जहां लोग अपने परिजनों, सगे संबंधियों व मित्रों के साथ होली के रंग खेलते हैं, वहीं देवभूमि उत्तराखंड के लोग अपने देवी-देवताओं के साथ भी होली खेलते हैं। यहां हर त्योहार, पारिवारिक शुभ-आयोजनों पर ईष्ट-मित्रों को शामिल करने व बधाइयां देने की परंपरा है। बृहस्पतिवार व शुक्रवार को सरोवरनगरी सहित समस्त पर्वतीय क्षेत्रों में इस परंपरा के तहत ईष्ट यानी देवी-देवताओं के साथ भी होली खेलने की परंपरा का निर्वाह किया गया।

नगर में होली की छलड़ी के मौके पर होल्यारों की टोलियां अपने घरों में देवी-देवताओं को रंग चढ़ाने के बाद अपने मोहल्लों में लोगों को होली की बधाइयां देते हुए देव मंदिरों तक निकले। खासकर मल्लीताल क्षेत्र के लोग मल्लीताल के बाजारों एवं तल्लीताल के लोग तल्लीताल के बाजारों से होते हुए ठंडी सड़क के मंदिरों से होते हुए नगर की आराध्य देवी नयना देवी मंदिर के मंदिर में पहुंचे और यहां मंदिर के द्वार पर स्थित हनुमान जी की मूर्ति पर रंग चढ़ाये। यहां परंपरागत तौर पर हनुमान जी की विशाल मूर्ति एवं शिव लिंग को भी विशाल सफेद वस्त्र किसी होल्यार की तरह ही पहनाये गये थे जिसे श्रद्धालु होल्यारों ने रंग-बिरंगा कर दिया। साथ ही मंदिर में स्थित शिवलिंग एवं अन्य देवी देवताओं की मूर्तियों पर भी होल्यारों खासकर बच्चों ने होली गीत गाते हुए जमकर रंग लगाये। उधर महिलाओं व पुरुषों की अलग-अलग टोलियां भी होलियां गाते हुए निकल रहे थे। वहीं इधर शुक्रवार को होली के टीके के मौके पर परंपरागत तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में होल्यार अपने ग्राम देवताओं के मंदिरों में पहुंचे और गांव के सभी घरों से एकत्र आटे से तैयार किये गये हलवे का प्रसाद ग्रहण किया।

 

  • पौष माह के पहले रविवार से ही शुरू हो जाती हैं शास्त्रीय रागों में होलियों की बैठकें और सर्वाधिक लंबे समय चलती हैं होलियां
  • प्रथम पूज्य गणेश से लेकर पशुपतिनाथ शिव की आराधना और राधा-कृष्ण की हंसी-ठिठोली से लेकर स्वाधीनता संग्राम व उत्तराखंड आंदोलन की झलक भी दिखती है

kumaoni baithaki holiडॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 18 मार्च 2022। देश भर में जहां रंगों से भरी और मौज-मस्ती के त्यौहार पर होली फाल्गुन माह में गाई व खेली जाती है, वहीं कुमाऊं की परंपरागत कुमाउनी होली की एक विशिष्टता बैठकी होली यानी अर्ध शास्त्रीय गायकी युक्त होली है, जिसकी शुरुआत पौष माह के पहले रविवार से ही विष्णुपदी होली गीतों के साथ हो जाती है। शास्त्रीयता का अधिक महत्व होने के कारण शास्त्रीय होली भी कही जाने वाली कुमाऊं की शास्त्रीय होली की शुरुआत करीब 10वीं शताब्दी में चंद शासनकाल से मानी जाती है।

कुछ विद्वानों के अनुसार चंद शासनकाल में बाहर से ब्याह कर आयीं राजकुमारियां अपनी परंपराओं व रीति-रिवाजों के साथ होली को भी यहां साथ लेकर आयीं। वहीं अन्य विद्वानों के अनुसार प्राचीनकाल में यहां के राजदरबारों में बाहर के गायकों के आने से यह परंपरा आई है। कुमाऊं के प्रसिद्ध जनकवि स्वर्गीय गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ के अनुसार कुमाऊं की शास्त्रीय गायकी होली में बृज व अवध से लेकर दरभंगा तक की परंपराओं की छाप स्पष्ट रूप से नजर आती है तो नृत्य के पद संचालन में ठेठ पहाड़ी ठसक भी मौजूद रहती है। इस प्रकार कुमाउनी होली कमोबेश शास्त्र व लोक की कड़ी तथा एक-दूसरे से गले मिलने में ईद जैसे आपसी प्रेम बढ़ाने वाले त्यौहारों की झलक भी दिखाती है। साथ ही कुमाउनी होली में प्रथम पूज्य गणेश से लेकर गोरखा शासनकाल से पड़ोसी देश नेपाल के पशुपतिनाथ शिव की आराधना और ब्रज के राधा-कृष्ण की हंसी-ठिठोली से लेकर स्वतंत्रता संग्राम और उत्तराखंड आंदोलन की झलक भी दिखती है, यानी यह अपने साथ तत्कालीन इतिहास की सांस्कृतिक विरासत को भी साथ लेकर चली हुई है।

कुमाउनीं होली में चीर व निशान की विशिष्ट परम्परायें

23NTL-215ntl1कुमाऊं में चीर व निशान बंधन की भी अलग विशिष्ट परंपरायें हैं। इनका कुमाउनीं होली में विशेश महत्व माना जाता है। होलिकाष्टमी के दिन ही कुमाऊं में कहीं कहीं मन्दिरों में ‘चीर बंधन’ का प्रचलन है। पर अधिकांशतया गांवों, शहरों में सार्वजनिक स्थानों में एकादशी को मुहूर्त देखकर चीर बंधन किया जाता है। इसके लिए गांव के प्रत्येक घर से एक एक नऐ कपड़े के रंग बिरंगे टुकड़े ‘चीर’ के रूप में लंबे लटठे पर बांधे जाते हैं। इस अवसर पर ‘कैलै बांधी चीर हो रघुनन्दन राजा’, ’सिद्धि को दाता गणपति बांधी चीर हो’ जैसी होलियां गाई जाती हैं। इस होली में गणपति के साथ सभी देवताओं के नाम लिऐ जाते हैं। कुमाऊं में ‘चीर हरण’ का भी प्रचलन है। गांव में चीर को दूसरे गांव वालों की पहुंच से बचाने के लिए दिन-रात पहरा दिया जाता है। चीर चोरी चले जाने पर अगली होली से गांव की चीर बांधने की परंपरा समाप्त हो जाती है। कुछ गांवों में चीर की जगह लाल रंग के झण्डे ‘निशान’ का भी प्रचलन है, जो यहां की शादियों में प्रयोग होने वाले लाल सफेद ‘निशानों’ की तरह कुमाऊं में प्राचीन समय में रही राजशाही की निशानी माना जाता है। बताते हैं कि कुछ गांवों को तत्कालीन राजाओं से यह ‘निशान’ मिले हैं, वह ही परंपरागत रूप से होलियों में ‘निशान’ का प्रयोग करते हैं। सभी घरों में होली गायन के पश्चात घर के सबसे सयाने सदस्य से शुरू कर सबसे छोटे पुरुष सदस्य का नाम लेकर ‘घर के मालिक जीवें लाख सौ बरीस…हो हो होलक रे’ कह आशीष देने की भी यहां अनूठी परंपरा है।

Holi1कुमाउनी होली के समापन अवसर पर दी जाने वाली आशीषें

गावैं ,खेलैं ,देवैं असीस, हो हो हो लख रे। 
बरस दिवाली बरसै फ़ाग, हो हो हो लख रे। 
जो नर जीवैं, खेलें फ़ाग, हो हो हो लख रे। 
आज को बसंत कृष्ण महाराज का घरा, हो हो हो लख रे। 
श्री कृष्ण जीरों लाख सौ बरीस, हो हो हो लख रे। 
यो गौं को भूमिया जीरों लाख सौ बरीस, हो हो हो लख रे।
यो घर की घरणी जीरों लाख सौ बरीस, हो हो हो लख रे।
गोठ की घस्यारी जीरों लाख सौ बरीस, हो हो हो लख रे।
पानै की रस्यारी जीरों लाख सौ बरीस, हो हो हो लख रे।
गावैं होली देवैं असीस, हो हो हो लख रे॥

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इस वर्ष होली का शुभ पर्व 21 मार्च 2019 को है और शास्त्रानुसार इससे आठ दिन पूर्व होलाष्टक प्रारंभ हो जाते हैं। हिंदू शास्‍त्रों के अनुसार इस समय आठ दिन तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किये जाते। ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार होली का त्‍योहार फाल्‍गुन मास में पूर्ण‍िमा के दिन मनाया जाता है. होलिका दहन को लोग छोटी होली भी कहते हैं।

इस अवधि में शुभ कार्य- गर्भाधान, विवाह, नामकरण, विद्यारम्भ, गृह प्रवेश और नव निर्माण आदि नहीं करना चाहिए। फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से ही होलिका दहन करने वाले स्थान का चयन भी किया जाता है। पूर्णिमा के दिन सायंकाल शुभ मुहूर्त में अग्निदेव से स्वयं की रक्षा के लिए उनकी पूजा करके होलिका दहन किया जाता है।

पण्डित दयानन्द शास्त्री बताते हैं कि इन आठ दिनों किसी भी व्‍यक्‍ति को ना तो भूमि-भवन खरीदना चाहिये और ना ही वैवाह आदि करना चाहिये। ऐसा माना जाता है कि इन दिनों में शुरू किया गया कार्य कभी भी सफल नहीं होता। ज्‍योतिष के अनुसार इन 8 दिनों में ग्रह अपना स्थान बदलते हैं।

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धर्मशास्त्रों में वर्णित 16 संस्कार जैसे- गर्भाधान, विवाह, पुंसवन (गर्भाधान के तीसरे माह किया जाने वाला संस्कार), नामकरण, चूड़ाकरण, विद्यारंभ, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, गृह शांति, हवन-यज्ञ कर्म आदि नहीं किए जाते। पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार इन दिनों शुरु किए गए कार्यों से कष्ट की प्राप्ति होती है। इन दिनों हुए विवाह से रिश्तों में अस्थिरता आजीवन बनी रहती है अथवा टूट जाती है. घर में नकारात्मकता, अशांति, दुःख एवं क्लेष का वातावरण रहता है।

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इस अवधि में भोग से दूर रह कर तप करना ही अच्छा माना जाता है। इसे भक्त प्रह्लाद का प्रतीक माना जाता है। सत्ययुग में हिरण्यकशिपु ने घोर तपस्या करके ब्रह्मा जी से वरदान पा लिया। वह पहले विष्णु का जय नाम का पार्षद था, लेकिन शाप की वजह से दैत्य के रूप में उसका जन्म हुआ था। वरदान के अहंकार में डूबे हिरण्यकशिपु ने देवताओं सहित सबको हरा दिया। उधर भगवान विष्णु ने अपने भक्त के उद्धार के लिये अपना अंश उसकी पत्नी कयाधू के गर्भ में पहले ही स्थापित कर दिया था, जो प्रह्लाद के रूप में पैदा हुए।

प्रह्लाद का विष्णु भक्त होना पिता हिरण्यकशिपु को अच्छा नहीं लगता था। दूसरे बच्चों पर प्रह्लाद की विष्णु भक्ति का प्रभाव पड़ता देख पहले तो पिता हिरण्यकशिपु ने उसे समझाया। फिर न मानने पर उसे भक्ति से रोकने के लिए फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी को बंदी बना लिया। जान से मारने के लिए यातनाएं दीं, पर प्रह्लाद विष्णु भक्ति के कारण भयभीत नहीं हुए और विष्णु कृपा से हर बार बच गए। इसी प्रकार सात दिन बीत गए। आठवें दिन अपने भाई हिरण्यकशिपु की परेशानी देख उसकी बहन होलिका, जिसे ब्रह्मा जी ने अग्नि से न जलने का वरदान दिया था, प्रह्लाद को अपनी गोद में बिठाकर अग्नि में प्रवेश कर गई, पर हुआ उल्टा। देवकृपा से वह स्वयं जल मरी, प्रह्लाद को कुछ नहीं हुआ। नृसिंह भगवान ने हिरण्यकशिपु का वध किया। तभी से भक्ति पर आए इस *संकट के कारण इन आठ दिनों को होलाष्टक के रूप में मनाया जाता है।

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क्यों होते हैं ये अशुभ दिन?

पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलाष्टक के प्रथम दिन अर्थात फाल्गुन शुक्लपक्ष की अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल तथा पूर्णिमा को राहु का उग्र रूप रहता है। इस वजह से इन आठों दिन मानव मस्तिष्क तमाम विकारों, शंकाओं और दुविधाओं आदि से घिरा रहता है, जिसकी वजह से शुरु किए गए कार्य के बनने के बजाय बिगड़ने की संभावना ज्यादा रहती है। चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को इन आठों ग्रहों की नकारात्मक शक्तियों के कमजोर होने की खुशी में लोग अबीर-गुलाल आदि छिड़ककर खुशियां मनाते हैं। जिसे होली कहते हैं।
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जानिए होलाष्टक के इन 8 दिनों में कौन से कार्य करने अशुभ हैं–

होलाष्टक में भूलकर भी ना करें शुभ कार्य

गर्भवती स्त्री को इन दिनों नदी-नाले पार करके यात्रा नहीं करनी चाहिये। ऐसा करने से पेट में पल रहे शिशु को कष्ट होता है।
होलाष्टक के दौरान विवाह नहीं करना चाहिये क्‍योंकि तब विवाह का मुहूर्त नहीं होता। इसके अलावा सगाई भी नहीं करनी चाहिये।
इन दिनों नये घर में प्रवेश भी नहीं करना चाहिये।
होलाष्टक के दौरान ना ही नया घर खरीदना चाहिये और ना ही भूमि पूजन करवाना चाहिये।
नवविवाहिताओं को इन दिनों में मायके में रहने की सलाह दी जाती है।
होलाष्टक में भले ही शुभ कार्यों के करने की मनाही है लेकिन इन दिनों में अपने देवी देवता की पूजा करना अनिवार्य हो जाता है। यही नहीं उपवास करने और दान करने से भी लाभ मिलता है।

अपनी परंपरा को न छोड़ने का दर्शन भी कराती है कुमाउनी होली

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7ntl5100_4773कभी सोचा है कि देश-दुनिया में अपने अनूठी ठसक व प्रस्तुतीकरण के अंदाज के लिये प्रसिद्ध और करीब 400 वर्ष पुरानी बताई जाने वाली कुमाउनी होली में कुमाउनी की जगह ब्रज व अवधी के शब्दों की प्रचुरता क्यों मिलती है। इस सवाल का जवाब काली कुमाऊं यानी मूल कुमाऊं अंचल चंपावत की संस्था संस्कृति संगठन पाटी के प्रमुख होल्यार राजेंद्र गहतोड़ी देते हैं। गहतोड़ी के अनुसार कुमाऊं में अधिकांश लोग मूलतः मैदानी क्षेत्रों से साथ में वहां की संस्कृति को भी लेकर आये। उदाहरण के लिये काली कुमाऊं अंचल के लोगों को यूपी के झूसी इलाहाबाद क्षेत्र का मूल निवासी माना जाता है।

गहतोड़ी कहते हैं इसलिये कुमाउनी होली में शब्द तो ब्रज व अवध की परंपरागत होलियों के मिलते हैं, किंतु इसमें पुरुषों व महिला होल्यारों का एक खास अंदाज में हाथों में हाथ डालकर और कुमाऊं के परंपरागत झोड़ा नृत्य से मिलते-जुलते अंदाज में कदमों से कदम मिलाते हुये उठना-बैठना आदि मिलाकर एक अलग तरह का अंदाज उत्पन्न करता है। इस प्रकार कुमाउनी होली में शब्द तो मूल ब्रज व अवधी संस्कृतियों के हैं, किंतु अंदाज ठेठ कुमाउनी संस्कृति का है। इस प्रकार दो से अधिक संस्कृतियों के समावेश की यह खाशियतें भी कुमाउनी होली को अन्य से अलग और खास बनाती हैं।

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इसके साथ ही श्री गहतोड़ी होली को ईद की तरह मिलन का पर्व भी मानते हैं। इसके साथ ही वह कहते हैं कि होली में ताल प्रमुख बात है। ‘ताल’ में ‘ता’ से कायनात के स्वामी शिव और ‘ल’ से शक्ति का बोध होता है। इस प्रकार होली में महिला-पुरुष एक साथ शिव-शक्ति के अर्धनारीश्वर स्वरूप को भी सार्थक करते हैं। साथ ही होली होश में रहते हुये जोश प्रकट करने का माध्यम भी है। वहीं श्रीकृष्ण के होली पर महारास मनाने को लेकर गहतोड़ी कहते हैं कि इस तरह से स्वयं को कृष्ण के सर्वाधिक करीब बताने वाली गोपियों को श्रीकृष्ण ने सबके साथ प्रकट होकर उनके अहंकार का शमन किया था। होली सब लोगों को एक रंग में रंगकर सबमें भगवान को देखने का त्योहार भी है। होली को मदनोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।

-कुमाउनी होली में होते रहे हैं नये प्रयोग भी, तत्कालीन परिस्थितियों पर कड़े तंज भी कसती रही है होली
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 18 मार्च 2022। अपने शास्त्रीय गायन के लिए ब्रज एवं मथुरा की होली के साथ देश-दुनिया में विख्यात कुमाउनी होली के एक विशेषता यह भी है कि यह स्वयं को वर्तमान के साथ जोड़ती हुई चलती रही है। साथ ही इसमें समय-समय पर नये-नये प्रयोग भी होते रहे हैं। यहां की पारंपरिक चांचरी व गीतों में ‘जोड़’ डालने की परंपरा भी हर वर्ष और वर्ष दर वर्ष समृद्ध करती रही है, और यहां के लोककवि भी होली पर नए प्रासंगिक रचनाएँ देते रहे हैं।

कुमाउनी होली के पुराने जानकार बताते हैं कि 1919 में जलियावालां बाग में हुऐ नरसंहार पर कुमाऊं में गौर्दा ने 1920 की होलियों में ‘होली जलियांवालान बाग मची…’ के रूप में नऐ होली गीत से अभिव्यक्ति दी। इसी प्रकार गुलामी के दौर में ‘होली खेलनू कसी यास हालन में, छन भारत लाल बेहालन में….’ तथा ‘कैसे हो इरविन ऐतवार तुम्हार….’ तथा आजादी के आन्दोलन के दौर में तत्कालीन शासन व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुये  ‘अपना गुलामी से नाम कटा दो बलम, स्वदेशी में नाम लिखा दो बलम, मैं भी स्वदेशी प्रचार करूंगी, मोहे परदे से अब तो हटा दो बलम, देश की अपनी बैरागन बनूंगी, सब चीर विदेशी जला दो बलम, अपना गुलामी से नाम कटा दो बलम’ और विदेशी फैशन के खिलाफ ‘छोड़ो कुबाण नवल रसिया’ जैसी होलियों का सृजन हुआ तो आजाद भारत में आजादी के नाम पर उत्श्रृंखलता और गरीबी की स्थितियों पर भी कुमाउनी होली इन बोलों के साथ कटाक्ष किये बिना नहीं रही ‘कां हरला यां चीर कन्हैया, स्यैंणिन अंग उधडि़यै छू, खीर भद्याली चाटणा हूं नैं, भूखैल पेट चिमड़ियै छू, गूड़ चांणा लै हमू थैं न्हैंतन, आङन लागी भिदडि़यै छू’ यानी कन्हैया यहां किसकी चीर हरोगे, यहां तो स्त्रियों के पहले से उघड़े हुये हैं। इधर उत्तराखंड राज्य बनने के बाद गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ ने इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए 2001 की होलियों में ‘अली बेर की होली उनरै नाम, करि लिया उनरि लै फाम, खटीमा मंसूरी रंगै ग्येईं जो हंसी हंसी दी गयीं ज्यान, होली की बधै छू सबू कैं…’ जैसी अभिव्यक्ति दी। इसी कड़ी में आगे चुनावों के दौर में भी गिर्दा ‘ये रंग चुनावी रंग ठहरा…’ जैसी होलियों का सृजन किया।

लेकिन इधर कुमाउनी होली पर नये दौर में अंग्रेजी और सूफियान कलाम के रंग भी चढ़ते नजर आये हैं।जहां एक ओर ‘डॉन्ट टच माइ अंचलिया मोहन रसिया, आई एम ए लेडी श्रीवृंदावन की, यू आर द लॉर्ड ऑफ गोकुल रसिया’ के साथ ही 2016 की नैनीताल समाचार की होली में ‘आज रंग है मेरे ख्वाजा के घर में, मेरे महबूब के घर में, मोहे रंग दे ख्वाजा अपने ही रंग में, तुम्हारे हाथ हैं सुहाग मेरा, मैं तो जोबन तुम पै लुटा बैठी’ और ‘छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके, मोहे सुहागन कीन्ही रे मोसे नैना मिलाइके’ जैसे सूफियाना कलाम भी होली के रूप में पेश किये गये।

Holi 1‘कुछ काम अब तो कर लो बलम,

बंद करा क्यूं ग्यूं चावल हमरा, गुझिया हुंणी चीनी दिला दो बलम,

खाली खजाना जेब भी खाली-करने वाले जेल चलें,

मुख पे मलो उनके कालो डीजल, भ्रष्टाचार की होरी जलें,

औरों पर तो बहुत चलाई, कुछ खुद पर भी तो चला दो कलम,

कुछ काम अब तो कर लो बलम’

जैसी होली रचना सामने आई है।

कुछ कुमाउनी होली गीत (साभार)holi Holi

प्रभात साह गंगोला
प्रभात साह गंगोला

सामान्यतया कुमाउनी होली को भी कुमाउनी रामलीला की तरह ही करीब 150-200 वर्ष पुराना बताया जाता है, लेकिन जहां कई विद्वान इसे चंद शासन काल की परंपरा की संवाहक बताते हैं, वहीं प्रख्यात होली गायक और बॉलीवुड में भी प्रदेश के लोक संगीत को पहचान दिलाने वाले प्रभात साह गंगोला सहित अनेक विशेषज्ञों का मानना है कि इसका इतिहास प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी अल्मोड़ा की स्थापना से भी पूर्व से चार शताब्दियों से भी अधिक समय पुराना है। इनके अनुसार कुमाउनी होली का मूल स्वरूप काली कुमाऊं से खड़ी होली के स्वरूप में आया होगा, लेकिन चंद वंशीय शासकों की राजधानी अल्मोड़ा में उस दौर के प्रख्यात शास्त्रीय गायक अमानत अली खां और गम्मन खां की शागिर्द ठुमरी गायिका राम प्यारी जैसी गायिकाएं यर्हां आइं, और स्थानीय शास्त्रीय संगीत के अच्छे जानकार शिव लाल वर्मा आदि उनसे संगीत सीखने लगे। वह 14 मात्रा में पूरी राग-रागिनियों के साथ होली गाते थे।

ऐसे ही अन्य बाहरी लोगों के साथ कुमाउनी होली में ब्रज, अवध व मगध के अष्टछाप कवियों के ईश्वर के प्रेम में लिखे गीत आए। कालांतर में होलियों का मूल शास्त्रीय स्वरूप वाचक परंपरा में एक से दूसरी पीढ़ी में आते हुए और शास्त्रीय संगीत की अधिक गहरी समझ न होने के साथ लोक यानी स्थानीय पुट से भी जुड़ता चला गया, और कुमाउनी होली कमोबेश शास्त्र व लोक की कड़ी सी बन गई। कुमाउनी होली की एक और खासियत यह भी है कि यह पौष माह के पहले रविवार से ही शुरू होकर फाल्गुन माह की पूर्णिमा तक सर्वाधिक लंबे अंतराल तक चलती है। इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि (प्राचीन काल में) शीतकाल में पहाड़ों में कृषि व अन्य कार्य सीमित होते थे। ऐसे में लंबी रातों में मनोरंजन के साधन के तौर पर भी होली गायकी के रात-रात लंबे दौर चलते थे। यह परंपरा आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में देखी जाती है। कुमाउनी होली में विभिन्न प्रहरों में अलग अलग शास्त्रीय रागों पर आधारित होलियां गाई जाती हैं। शुरुआत बहुधा धमार राग से होती है, और फिर सर्वाधिक काफी व पीलू राग में तथा जंगला काफी, सहाना, बिहाग, जैजैवन्ती, जोगिया, झिंझोटी, भीम पलासी, खमाज व बागेश्वरी सहित अनेक रागों में भी बैठकी होलियां विभिन्न पारंपरिक वाद्य यंत्रो के साथ गाई जाती हैं।

कुमाऊं में है अनूठी बैठकी, खड़ी, धूम व महिला होलियों की परंपरा

Hoil+Baithaki
अपने आवास पर बैठकी होली की बैठक में बॉलीवुड अभिनेता हेमंत पांडे

देवभूमि उत्तराखंड प्रदेश के कुमाऊं अंचल में रामलीलाओं की तरह राग व फाग का त्योहार होली भी अलग वैशिष्ट्य के साथ मनाई जाती हैं। यूं कुमाऊं में होली के दो प्रमुख रूप मिलते हैं, बैठकी व खड़ी होली, परन्तु अब दोनों के मिश्रण के रूप में तीसरा रूप भी उभर कर आ रहा है। इसे धूम की होली कहा जाता है। इनके साथ ही महिला होलियां भी अपना अलग स्वरूप बनाऐ हुऐ हैं।
0810e 100 4782कुमाऊं में बैठकी होली की शुरुआत होली के पूर्वाभ्यास के रूप में पौष माह के पहले रविवार से विष्णुपदी होली गीतों से होती है। माना जाता है कि प्राचीनकाल में यहां के राजदरबारों में बाहर के गायकों के आने से यह होली गीत यहां आऐ हैं। इनमें शास्त्रीयता का अधिक महत्व होने के कारण इन्हें शास्त्रीय होली भी कहा जाता है। इसके अन्तर्गत विभिन्न प्रहरों में अलग अलग शास्त्रीय रागों पर आधारित होलियां गाई जाती हैं। शुरुआत बहुधा धमार राग से होती है, और फिर सर्वाधिक काफी व पीलू राग में तथा जंगला काफी, सहाना, बिहाग, जैजैवन्ती, जोगिया, झिंझोटी, भीमपलासी, खमाज व बागेश्वरी सहित अनेक रागों में भी बैठकी होलियां विभिन्न पारंपरिक वाद्य यंत्रो के साथ गाई जाती हैं।

बैठकी होली पौष माह के पहले रविवार से ही शुरू हो जाती हैं, और फाल्गुन तक गाई जाती है। पौष से बसंत पंचमी तक अध्यात्मिक, बसंत पंचमी से शिवरात्रि तक अर्ध श्रृंगारिक और उसके बाद श्रृंगार रस में डूबी होलियाँ गाई जाती हैं। इनमें भक्ति, वैराग्य, विरह, कृष्ण-गोपियों की हंसी-ठिठोली, प्रेमी प्रेमिका की अनबन, देवर-भाभी की छेड़छाड़ के साथ ही वात्सल्य, श्रृंगार, भक्ति जैसे सभी रस मिलते हैं। बैठकी होली अपने समृद्ध लोक संगीत की वजह से यहाँ की संस्कृति में रच बस गई है, खास बात यह भी है कि कुछ को छोड़कर अधिकांश होलियों की भाषा कुमाऊंनी न होकर ब्रज है। सभी बंदिशें राग-रागनियों में गाई जाती है, और यह काफी हद तक शास्त्रीय गायन है। इनमें एकल और समूह गायन का भी निराला अंदाज दिखाई देता है। लेकिन यह न तो सामूहिक गायन है, और न ही शास्त्रीय होली की तरह एकल गायन। महफिल में मौजूद कोई भी व्यक्ति बंदिश का मुखड़ा गा सकता है, जिसे स्थानीय भाषा में ‘भाग लगाना’ कहते हैं। वहीं खड़ी होली में होल्यार दिन में ढोल-मंजीरों के साथ गोल घेरे में पग संचालन और भाव प्रदर्शन के साथ होली गाते हैं, और रात में यही होली बैठकर गाई जाती है।

कुमाउनी होली में रंगों नहीं, रागों में उड़ते हैं होली के ‘रंग’

 

100_4792कुमाउनी होली में दिन व रात के अलग-अलग प्रहरों तथा अलग-अलग समय में अलग-अलग राग-रागिनियों में होलियां गाने का प्राविधान है। हमेशा पहली होलियां प्रथम पूज्य भगवान गणेश की गाई जाती हैं। पौष माह के पहले रविवार से शुरू होने वाली निर्वाण की होलियां कही जाने वाली होलियां भी भगवान गणेश, शिव और कृष्ण की भक्ति युक्त होती हैं। यह सिलसिला शिवरात्रि तक चलता है। इनमें ‘दैंण होया सबूं हुं हो गणेश, बांणी गावै को दुब धरण लागि रयां, त्यार निभाया बिघ्नेश’, राग काफी में ‘गणपति को भज लीजै’ जैसी होलियों से शुरू करते हुए आगे ‘क्यों मेरे मुख पै आवे रे भंवरा, नाही कमल यह श्याम सुंदर की सांवरी सूरत को क्यों मोहे याद दिलाए’, श्याम कल्याण राग में ‘माई के मंदिरवा में दीपक बारूं’ जंगला काफी में ‘होली खेलें पशुपतिनाथ नगर नेपाल में’ जैसी होलियां प्रमुख रूप से गायी जाती हैं।

वहीं शिवरात्रि से शिव की होलियां अधिक गाई जाती हैं। अलबत्ता, शिवरात्रि से होलिका अष्टमी तक बिना रंग के ही होलियां गाई जाती हैं। आगे बसंत पंचमी से होली गीतों में श्रृंगार रस चढ़ने लगता है, जबकि फाल्गुन माह में पुरुषों के द्वारा रंग युक्त खड़ी व महिलाओं के द्वारा बैठकी होलियां गाई जाती हैं। होलिका अष्टमी को मंदिरों में आंवला एकादशी को गाँव-मोहल्ले के निर्धारित स्थान पर चीर बंधन होता है और रंग डाला जाता है, और होली गायन की शुरुआत बसन्त के स्वागत के गीतों से होती है, जिसमें प्रथम पूज्य गणेश, राम, कृष्ण व शिव सहित कई देवी देवताओं की स्तुतियां व उन पर आधारित होली गीत गाऐ जाते हैं। बसन्त पंचमी के आते आते होली गायकी में क्षृंगारिकता बढ़ने लगती है यथा :

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‘आयो नवल बसन्त सखी ऋतुराज कहायो, पुष्प कली सब फूलन लागी, फूल ही फूल सुहायो’
के अलावा जंगला काफी राग में
‘राधे नन्द कुंवर समझाय रही, होरी खेलो फागुन ऋतु आइ रही’
व झिंझोटी राग में
‘आहो मोहन क्षृंगार करूं में तेरा, मोतियन मांग भरूं’
तथा राग बागेश्वरी में
‘अजरा पकड़ लीन्हो नन्द के छैयलवा अबके होरिन में…’
आदि होलियां गाई जाती हैं। इसके साथ ही महाशिवरात्रि पर्व तक के लिए होली बैठकों का आयोजन शुरू हो जाता है। शिवरात्रि के अवसर पर शिव के भजन जैसे
‘जय जय जय शिव शंकर योगी’
होली के रूप में गाऐ जाते हैं। इसके पश्चात कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्रों में होलिका एकादशी से लेकर पूर्णमासी तक खड़ी होली गीत जैसे
‘शिव के मन मांहि बसे काशी’, ‘जल कैसे भरूं जमुना गहरी’ व ‘सिद्धि को दाता विघ्न विनाशन, होरी खेलें गिरिजापति नन्दन’ आदि होलियां गाई जाती हैं।
62aee 100 4777100_4793सामान्यतया खड़ी होलियां कुमाऊं की लोक परंपरा के अधिक निकट मानी जाती हैं और यहां की पारंपरिक होलियां कही जाती हैं। यह होलियां ढोल व मंजीरों के साथ बैठकर व विशिष्ट तरीके से पद संचालन करते हुऐ खड़े होकर प्रायः पीलू राग में गाई जाती हैं। इन दिनों होली में राधा-कृष्ण की छेड़छाड़ के साथ क्षृंगार की प्रधानता हो जाती है।
इधर कुमाउनीं होली में बैठकी व खड़ी होली के मिश्रण के रूप में तीसरा रूप भी उभर रहा है, इसे धूम की होली कहा जाता है। यह ‘छलड़ी’ के आस पास गाई जाती है। इसमें कई जगह कुछ वर्जनाऐं भी टूट जाती हैं, तथा ‘स्वांग’ का प्रयोग भी किया जाता है। महिलाओं में स्वांग अधिक प्रचलित है। इसमें महिलाएं खासकर घर के पुरुषों तथा सास, ससुर आदि के मर्दाना कपड़े, मूंछ व चस्मा आदि पहनकर उनकी नकल उतारती हैं, तथा कई बार इस बहाने सामाजिक बुराइयों पर भी चुटीले कटाक्ष करती हैं।
100 4746Holiहोलियों के दौरान युवक, युवतियों और वृद्ध सभी उम्र के होल्यारों को होली के गीतों में सराबोर देखा जा सकता है। खासकर ग्रामीण अंचलों में तबले, मंजीरे और हारमोनियम के सुर में होलियां गाई जाती हैं, इस दौरान ऐसा लगता है मानो हर होल्यार शास्त्रीय गायक हो गया हो। नैनीताल, अल्मोड़ा और चंपावत की होलियां खास मानी जाती हैं, जबकि बागेश्वर, गंगोलीहाट, लोहाघाट व पिथौरागढ़ में तबले की थाप, मंजीरे की छन-छन और हारमोनियम के मधुर सुरों पर जब ‘ऐसे चटक रंग डारो कन्हैया’ जैसी होलियां गाते हैं। इधर शहरी क्षेत्रों में हर त्योहार की तरह होली में भी कमी आने लगी है। लोग केवल छलड़ी के दिन ही रंग लेकर निकलते हैं, और एक-दूसरे को रंग लगाते हुए गुजिया और भुने हुए आलू के गुटके खिलाते हैं। गांवों में भांग का प्रचलन भी दिखता है।

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Holi2नवीन समाचार, नैनीताल, 25 फरवरी 2023। सरोवरनगरी में हालांकि पौष माह के पहले रविवार से ही होली की बैठकें शुरू हो गई थीं, लेकिन अब आज रविवार से ही होली गायन के साथ राग-फाग की महफिलें भी सजनी शुरू हो रही हैं। आज नगर की महिलाओं के संगठन लेक सिटी वेलफेयर क्लब की ओर से रविवार को अपराह्न 1 बजे से नगर के होटल सेंट्रल में होली गायन का आयोजन किया जाएगा। अध्यक्ष रानी साह ने बताया कि इस अवसर पर अल्मोड़ा की महिला होलियार लता पांडे के साथ नगर की 5 होल्यारों को सम्मानित किया जाएगा। यह भी पढ़ें : किराये के घर में पति-पत्नी द्वारा चलाये जा रहे जिस्मफरोशी के धंधे का भंडाफोड़…

साथ ही हंस फाउंडेशन के उत्तराखंड प्रभारी पदमेंद्र बिष्ट की ओर से 5 निर्धन महिलाओं को सिलाई मशीन तथा बुजुर्ग महिलाओं को छड़ी तथा कान की मशीनें दी जाएंगी। कार्यक्रम संयोजक अमिता साह ने नगर की सभी महिलाओं से इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करने की अपील की है। कार्यक्रम की तैयारियों में सह संयोजक विनीता पांडेय, जीवंती भट्ट, दीपा पांडेय, दीपिका बिनवाल, प्रेमा अधिकारी, हेमा भट्ट, कविता त्रिपाठी, कविता गंगोला, दीपा रौतेला, सोनू साह, ज्योति ढोंढियाल, गीता साह, कंचन जोशी व लीला राज आदि महिलाएं जुटी हुई है। यह भी पढ़ें : पांचवी कक्षा के छात्र ने की आत्महत्या, कारण से लोग डर रहे….

उधर, नगर की सबसे पुरानी धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा की ओर से 27वें फागोत्सव का आयोजन भी 27 फरवरी यानी कल से सोमवार 8 मार्च तक होने जा रहा है। फागोत्सव का उद्घाटन दोपहर 2 बजे श्रीराम सेवक सभा प्रांगण में विधायक सरिता आर्य एवं पुलिस महानिरीक्षक डॉ. नीलेश आनंद भरणे करेंगे। इस अवसर पर महिला होल्यारों की 10. स्थानीय तथा 13 बाहरी यानी कुल 23 दलों द्वारा द्वारा तल्लीताल धर्मशाला से प्रातः 11 बजे मल्लीताल राम सेवक सभा प्रांगण तक होली जुलूस निकाला जाएगा। तल्लीताल व्यापार मंडल द्वारा वैष्णो देवी मंदिर समिति द्वारा होल्यारों का विशेष स्वागत किया जाएगा। उद्घाटन के बाद महिला होल्यारों द्वारा होली की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। यह भी पढ़ें : अंकिता हत्याकांड में एसआईटी ने दी आतंकी कसाब और दिल्ली के श्रद्धा हत्याकांड की नजीर, जानें क्यों ?

अगले दिन 28 फरवरी को भी यह आयोजन जारी रहेगा। आगे 1 मार्च को महिला बैठकी होली दोपहर 2 बजे से, 2 मार्च को चीर बंधन व रंग धारण दोपहर 1 बजे से, 3 मार्च को आमल एकादशी पूजन सुबह 11 बजे से तथा स्कूली बच्चों की प्रस्तुतियां दोपहर 2 बजे से होंगी। शनिवार 4 मार्च को एकल होली गायन दोपहर 2 बजे से तथा 5 मार्च को श्रीराम सेवक सभा के कलाकारों द्वारा 2 बजे से होली की प्रस्तुतियां और 3 बजे से कवि सम्मेलन का आयोजन होगा। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी की महिला ने नाबालिग किशोर के साथ बनाया पोर्न वीडियो, सोशल मीडिया पर डाला, मामला दर्ज..

6 मार्च को दोपहर 1 बजे बच्चों का स्वांग तथा होली रंग जुलूस निकाला जाएगा तथा सायं साढ़े चार बजे से पुरुष बैठकी होली होगी। साथ ही पिछले वर्षो की तरह इस वर्ष भी महोत्सव के दौरान कूर्मांचल बैंक के सहयोग से 27 फरवरी से ही फोटोग्राफी प्रतियोगिता भी चलती रहेगी। इस प्रतियोगिता में प्रथम आने वाले प्रतिभागी को 7500 हजार, द्वितीय स्थान को 5000 तथा तीसरे स्थान पर रहने वाले प्रतिभागी को साढ 27 साढ़े तीन हजार तथा एक-एक हजार के चार सांत्वना पुरस्कार भी दिए जाऐंगे। यह भी पढ़ें : घरेलू उपभोक्ताओं को वाणिज्यिक उपभोक्ताओं से भी अधिक महंगी मिल रही है बिजली

युगमंच का फागोत्सव
उधर, पिछले 26 वर्षों से लुप्त होती होली को बचाने के प्रयासों के तहत फागोत्सव का आयोजन कर रही नगर की रंगमंच का समर्पित संस्था युगमंच के तत्वावधान में 27वें फागोत्सव की शुरुवात 2 मार्च की दोपहर 1 बजे नयना देवी मंदिर में खड़ी होली से होगी। इसके बाद 3 बजे से रामलीला के मंच पर फागोत्सव का उद्घाटन समारोह होगा, जिसमें खड़ी होली, महिला होली, बाल होली व महिला होल्यार रजनी चौधरी का सम्मान किया जाएगा। यह भी पढ़ें : नैनीताल : तीक्ष्ण ढाल वाले सीसी मार्ग पर दंपति की कार पलटी

3 मार्च को भी दोपहर 12 बजे से नयना देवी मंदिर में खड़ी होगी। साथ ही भोटिया मार्केट व फव्वारे के पास भी खड़ी होली और शाम 6 बजे शारदा संघ में बैठ होली होगी व अनिल सनवाल को सम्मानित किया जाएगा। 4 मार्च को शाम 7 बजे शारदा संघ में बैठ होली, 5 मार्च को 1 बजे से नैनीताल समाचार में बैठ होली व इस दौरान पंकज उप्रेती का सम्मान, 6 मार्च को श्रीराम सेवक सभा व अन्य संगठनों के साथ सामूहिक होली जुलूस तथा 7 मार्च को खल्लड़ एवं 8 मार्च को आशीष होली जुलूस शारदा संघ से निकाला जाएगा। यह भी पढ़ें : नैनीताल पुलिस ने 15 मिनट में ढूंढ निकाली गुमशुदा लड़की, योगी की पुलिस भी नैनीताल पुलिस की तेजी देखकर रह गई दंग…

एनयूजे-आई भी होली बैठक के आयोजन में जुटी
नैनीताल। देश के पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन एनयूजे-आई यानी नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया की नैनीताल इकाई के द्वारा भी होली बैठक की तैयारी की जा रही है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नैनीताल में फागोत्सव-2023 के कार्यक्रम तय, 27 से शुरू हो जाएगी होली की धूम…

नवीन समाचार, नैनीताल, 12 फरवरी 2023। सरोवरनगरी में हालांकि परंपरागत तौर पर कुमाउनी होली की शुरुआत काफी पहले ही पौष माह के पहले रविवार 18 दिसंबर 2022 से हो चुकी है, लेकिन अब आगामी 27 फरवरी से रंगारंग होली की शुरुआत भी होने जा रही है। रविवार को नगर की सबसे पुरानी धार्मिक-सांस्कृतिक संस्था श्री राम सेवक सभा के अध्यक्ष मनोज साह की अध्यक्षता एवं महासचिव जगदीश बावड़ी व डॉ. ललित तिवारी के संचालन में आयोजित हुई बैठक में फागोत्सव के कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया गया। यह भी पढ़ें : धनी बनना चाहते हैं तो जानें बाबा नीब करौरी द्वारा बताए धनी बनने के तीन उपाय

बैठक के दौरान बताया गया कि इस वर्ष के फागोत्सव शुरुआत 27 फरवरी को प्रातः 11 बजे तल्लीताल धर्मशाला से होली जलूस के साथ होगी। बताया गया कि फागोत्सव के दौरान खींचे गए चित्रों की फोटोग्राफी प्रतियोगिता भी आयोजित होगी। इस दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं के सर्वश्रेष्ठ होलियार को सम्मानित भी किया जायेगा। होली जुलूस में नगर की महिलाओं के होली दल, स्कूली बच्चे व गणमान्य लोग शामिल होंगे। इसके बाद महोत्सव का औपचारिक शुभारंभ इसी दिन अपराह्न 2 बजे सभा भवन में होगा। यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र सहित 13 राज्यों के राज्यपाल बदले, भगत सिंह कोश्यारी ने दिया इस्तीफा, यह क्या, इस्तीफे पर खुशी भी जता दी गई….

इस दौरान महिला दल होली प्रस्तुत करेंगे। आगे 28 फरवरी और एक मार्च को भी अपराह्न 2 बजे से महिला दलों की होली प्रस्तुतियां होंगी। 2 मार्च को रंगधारण तथा चीर बंधन होगा। 3 को आमल एकादशी मनाई जाएगी। 4 मार्च को महिलाओं व पुरुषों का एकल होली गायन, 5 को बाल कलाकारों की प्रस्तुतियां तथा कवि सम्मेलन, 6 को बच्चो का स्वांग तथा 8 मार्च को छलड़ी होगी। यह भी पढ़ें : उत्तराखंड: उद्योगपति के घर में ‘स्पेशल-26’ स्टाइल में फर्जी इन्कम टैक्स की रेड में 20 लाख की लूट…

बैठक में सभा के पूर्व अध्यक्ष मुकेश जोशी, रंगकर्मी मिथिलेश पांडे, अशोक साह, राजेंद्र लाल साह, आलोक साह, भीम सिंह कार्की, डॉ. मोहित सनवाल, विजयलक्ष्मी थापा, अदिति खुराना, सभासद प्रेमा अधिकारी, दीपिका बिनवाल, मीनाक्षी कीर्ति, रानी साह, कमला, कांता, निर्मला, हिमांशु, रेनू, विनीता, नीमा, गोविंदी, ममता, तनूजा, ज्योति, पुष्पा, दीपा, कमला, विनीता, दीप्ति, विमला, सुमन, लता, नीमा, योगिता, सुमन साह, हीरा, विश्वकेतु वैद्य व मनोज साह आदि लोग मौजूद रहे। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नैनीताल में आज ही हो गई देश में सबसे पहले होली की शुरुआत…

IMG 20221218 WA0014नवीन समाचार, नैनीताल, 18 दिसंबर 2022। पौष मास के रविवार के अवसर पर आज श्री रामसेवक सभा में बैठकी होली का शुभारंभ हुआ। पूर्व विधायक डॉक्टर नारायण सिंह जानती नए दीप प्रजावल कर कार्यक्रम की शुरुआत की । महासचिव जगदीश बावड़ी ने सभी का स्वागत किया तथा अध्यक्षता मनोज साह तथा संचालन प्रो ललित तिवारी ने किया।

श्री राम सेवक सभा उत्तराखंड की संस्कृति संरक्षण एवं विरासत को आगे बढ़ाने में ध्वज वाहक का कार्य कर रही है। आज होली के शुभारंभ में सतीश पांडे ,नरेश चमियाल ,राजा सह ,मिथिलेश पांडे ,मनोज पांडे , नरेंद्र बिष्ट , अजय कुमार ,रक्षित सह ,बीरेंद्र , पारस जोशी ,वंश जोशी ने होली के धूम।प्रारंभ की । नवीन बेगाना तथा गिरीश भट्ट ने तबले तथा लोटा संगीत दिया।

होल्यारो ने माई के मदिर में दीपक वारु में सजन ,गणपति को भज लीजे राशि मोरा ,शंकर सुमन भवानी के नंदन गाइए गबपती नंदन ,आदि कहा है , ऊंचे भवन पर्वत पर बस रही है तेरी अंत नही है , भव भंजन को गाऊ में अपने श्याम को मनाऊं आदि होली प्रस्तुत की ।इस अवसर पर अशोक साह ,राजेंद्र बिष्ट , मुकेश जोशी ,बिमल साह ,घनश्याम लाल साह ,भुवन बिष्ट राजेंद्र लाल साह ,हरीश राणा , ,डॉक्टर मनोज बिष्ट गुड्डू ,कुंदन नेगी ,एडवोकेट मनोज साह ,अमर साह ,रोहित हीरा सिंह ,नीरज बिष्ट ने सहभागिता की(डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 15 दिसंबर 2022। नगर की सबसे पुरानी धार्मिक-सामाजिक संस्थाओं में शामिल श्री रामसेवक सभा की गुरुवार को हुई बैठक में आगामी कार्यक्रम तय किए गए। सभा के उपाध्यक्ष अशोक साह की अध्यक्षता तथा प्रो. ललित तिवारी के संचालन में आयोजित हुई बैठक में सभा के महासचिव जगदीश बावड़ी ने बताया कि आगामी 18 दिसंबर यानी पौष मास के प्रथम रविवार को अपरान्ह 3 बजे होली गायन कर बैठकी होली की शुरुआत की जाएगी। यह भी पढ़ें : प्राधिकरण के नैनीताल में ध्वस्तीकरण अभियान पर मिली 15 दिन की मोहलत….

इसके अलावा आगे 26 जनवरी 2023 को सभा द्वारा सामूहिक उपनयन संस्कार आयोजित होगा, जिसमें प्रतिभाग करने वाले बटुकों का 15 जनवरी 2023 तक श्रीराम सेवक सभा में पंजीकरण कराना होगा। यह भी तय हुआ कि इस दौरान कुसुम लता सनवाल के द्वारा शकुनाखर तथा डॉ. किरण तिवारी द्वारा जनेऊ चौकी बनाई जाएगी। बैठक में होली महोत्सव 2023 पर भी चर्चा हुई तथा फरुवरी 2023 के दूसरे हफ्ते में होली महोत्सव हेतु बैठक आयोजित करने की बात भी तय हुई। यह भी पढ़ें : चर्चा में हल्द्वानी का ‘इंजीनियर चायवाला’, दिलचस्प है कहानी…

बैठक में सभा के पूर्व अध्यक्ष मुकेश जोशी, विमल चौधरी, भुवन बिष्ट, मोहित साह, हरीश राणा, हीरा सिंह, मीनाक्षी कीर्ति, रानी साह, दीपिका बिनवाल, दीपा रौतेला, बबली, सुमन साह, डॉ. किरण तिवारी, चंचला बिष्ट, तारा बोरा, मधु बिष्ट, रेखा जोशी, संगीता अग्रवाल, लता बिष्ट व कुसुमलता आदि लोग उपस्थित रहे। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 17 मार्च 2022। सरोवरनगरी में नगर की सबसे पुरानी 1916 में स्थापित धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में गुरुवार को हर्बल रंगों-अबीर गुलाल से जमकर होली खेली गई। सभा के सदस्यों व आम लोगों ने एक-दूसरे पर रंग लगाते व उड़ाते हुए पूरे मल्लीताल बाजार क्षेत्र में हर वर्ष की तरह होलियां गाते हुए सांस्कृतिक जुलूस निकाला और लोगों को होली की बधाइयां देते हुए पूरे विश्व में शांति एवं खुशहाली की कामना की गई।

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सरोवरगनरी में गुरुवार को सांस्कृतिक होली जुलूस में हर्बल रंगों से रंगे होल्यार।

जुलूस में होल्यार-मलत मलत नैना भये लाल, झनकारो झनकारो, बड़ो प्यारो लगो तेरो झनकारो, तुम क्यों नहीं आये गणेश होलिन में, बुरूंशी का फूलों का कुमकुम मारो आदि होलियां गा रहे थे। इतनी होली खेली गई कि बाजार की सड़कें भी विभिन्न रंगों से रंग गईं। होली जुलूस में बच्चों ने स्वांग की सुंदर प्रस्तुतिया भी दीं।

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सरोवरगनरी में गुरुवार को सांस्कृतिक होली जुलूस में हर्बल रंगों से रंगे होल्यार।

जुलूस में गिरीश जोशी, गिरीश भट्ट, कमलेश ढोंढियाल, भुवन नेगी, चंदन जोशी नृत्य शैली में अबीर-गुलाल को हवा में उड़ा रहे थे। होली जुलूस में सभा के अध्यक्ष मनोज साह, महासचिव जगदीश बवाड़ी, विमल साह, राजेंद्र बजेठा, डॉ. ललित तिवारी, मुकुल जोशी, भीम सिंह कार्की, विमल चौधरी, चंदन जोशी, किशन नेगी, दीप गुरुरानी, किशन गुरुरानी, मुकेश जोशी, सुरेश बिनवाल, भुवन बिष्ट, मीनाक्षी कीर्ति, दिव्या साह, रानी साह, भारती साह, मोहित साह, प्रेमा अधिकारी आदि भी मौजूद रहे। पुरुषों की होली भी आयोजित की गई, जिसमें सतीष पांडे सहित कई होल्यारों ने शास्त्रीय रागों पर आधारित होलियां प्रस्तुत कीं। 

नगर में घर-घर भी होली खेली जा रही है। जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ज्योति प्रकाश के घर पर तारा बोरा, जान्हवी पालीवाल, डॉ. नीता बोरा शर्मा, कमला जोशी, दीपा शर्मा, प्रो, चन्द्रकला रावत, माया साह, किरन मेर, देवकी बिष्ट, विनीता बोरा, वर्षा बिष्ट, मंजु कोटलिया व वंदना पांडे सहित बड़ी संख्या में पहुंची महिलाओं ने होली खेली। आगे बताया गया है कि आज ही रात्रि में होलिका दहन हो जाएगा, जबकि छलड़ी 19 मार्च को होगी। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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-नैनीताल समाचार की होली में रंगकर्मी जहूर आलम हुए सम्मानित

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होली के रंगों से रंगी नगर की मल्लीताल बाजार का नजारा।

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 16 मार्च 2022। सरोवरनगरी में होली के रंग बुधवार को गहरे हो गए। नगर में आज उत्तराखंड उच्च न्यायालय, जिला बार, नैनीताल समाचार, रामलीला मैदान एवं नैनी महिला एवं बाल विकास समिति के तत्वावधान में होली कार्यक्रम हुए। उच्च न्यायालय परिसर में होईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित हुई होली में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा सहित कई न्यायाधीश एवं हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं वरिष्ठ अधिवक्ता मौजूद रहे।

इधर जिला बार एसोसिएशन ने प्रताप भैया सभागार में होली मिलन समारोह आयोजित किया। इस दौरान न्यायधीशों व अधिवक्ताओं ने एक दूसरे को अबीर गुलाल लगा कर होली की शुभकामनायें दीं। इससे पहले सांस्कृतिक सचिव राजेश त्रिपाठी ने हारमोनियम पर गणेश वंदना बृज नार ऐसो चटक रंग डालो सहित कई अन्य होली गीतों से कार्यक्रम का समा बांध दिया।

आयोजन में जिला न्यायाधीश राजेन्द्र जोशी, सिविल जज व न्यायिक मजिस्ट्रेट बुशरा कमाल, लक्ष्मण सिंह रावत, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज साह, जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता डीके मुनगली, राम सिंह रौतेला, हरिशंकर कंसल, राजेंद्र पाठक, संजय सुयाल, सोहन तिवारी, तरुण चंद्रा, उमेश कांडपाल, मनीष कांडपाल, हेमा शर्मा, स्वाति परिहार, प्रदीप परगाई, राजू परगाई, रवि आर्य, ज्योति प्रकाश, ओमकार गोस्वामी, अरुण बिष्ट, मनीष जोशी, कैलाश जोशी, हरीश भट्ट, कैलाश बल्यूटिया, अखिलेश साह, दीपक तिवारी, पंकज कुलौरा, बीके सांगुड़ी, राजेश चंदोला, पूरन चन्द्र जोशी, संजय त्रिपाठी, प्रमोद बहुगुणा, पंकज कुमार, प्रमोद कुमार, शिवांशु जोशी, पंकज बिष्ट, प्रमोद तिवाड़ी, दीपक दानू, शंकर चौहान, दयाकिशन पोखरिया, नवीन पंत, पवन सिंह, अशोक मौलेखी, भुवन जोशी, पूरन जोशी, पंकज बोरा, मो. दानिश, प्रमोद, गौरव भट्ट, मो. खुर्शीद, अनिल बिष्ट, मुकेश कुमार, सुंदर मेहरा व संतोष आगरी आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।

Nainital samacharइधर नैनीताल समाचार की होली में वरिष्ठ रंगकर्मी जहूर आलम को सम्मानित किया गया। यहां आयोजित शास्त्रीय बैठकी होली में सीआरएसटी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य मनोज पांडे ने राग काफी में राजा दशरथ के चार कुंवर हैं, एक से एक हैं, देखन दे… तथा रक्षित साह ने गाओ सुहागिन होली अलबेली रस की भरी आदि होली गीत सुनाकर शमां बांध दिया। इससे पहले होली गायन की शुरुआत सिद्धि के दाता बिघ्न विनाशन से हुई। आयोजन में पंकज उप्रेती, निधि जोशी, राजा साह जी, हेम पांडे आदि वरिष्ठ होल्यारों ने होलियां प्रस्तुत किए।

उधर श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में स्वर्गीय लेफ्टिनेंट अंशुमन नयाल की स्मृति में एकल होली गायन आयोजन किया गया। इस दौरान नरेश चमियाल, कैलाश जोशी, अवंतिका जोशी, वंदना पांडे, हेमा कांडपाल, पारस जोशी, वीरेंद्र, सोनी जंतवाल, रक्षित साह, हिमांशु, गुंजन जोशी, संगीता बिष्ट, अजय कुमार, चेतना, मंजू रौतेला, लवण्या साह, अंजना अग्रवाल, संजन कुमार व कीर्ति देवी ने खेले मसाने में होली, मिथिला में राम खेलें होली, नैनन में पिचकारी, धीरे फेंको गुलाल, सबको मुबारक होली, छोड़ो ना प्रीत की नाजुक डोरी, फागुन के चार दिन, रंग डालो चुनरिया में, रंग डारो ना नंद के लाल, कन्हैया रंग डारि गयो आदि होलियों से रंग-बिरंगे रंग बिखेरे।

इस दौरान हेमंत बिष्ट, डॉ. ललित तिवारी, मीनाक्षी कीर्ति व नवीन पांडे आदि उद्घोषकों के साथ सभी प्रतिभागियों को सीएस नयाल व डॉ. मधु नयाल ने प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानिक किया गया। बताया गया है कि कल गुरुवार को अपराह्न एक बजे से होली जुलूस एवं शाम साढ़े चार बजे से फूलों की होली खेली जाएगी, तथा रात्रि सवा नौ बजे होलिका दहन किया जाएगा।

जबकि सूखाताल में नैनी महिला एवं बाल विकास समिति के द्वारा संस्कृति निदेशालय देहरादून के सहयोग से आयोजित होली में सिद्धि के दाता, तुम बिघ्न हरो महाराज, जल कैसे भरूं जमुना गहरी, मुझे मिल गया नंद का लाल, बखत बखत की बात कलयुग ऐ रौ छौ, अबीर उड़ता गुलाल उड़ता आदि कई होलियां गाई गईं।

आयोजन में संस्था की प्रमुख विजय लक्ष्मी थापा, सुनीता आर्या, रेनू कोहली, रूपा कोहली, कमला देवी, आनंदी बगडवाल, मोहनी देवी, भावना बगडवाल, ललिता देवी, पार्वती उप्रेती, हंसी रावत, मुन्नी, संगीता, हेमा, मीनाक्षी व सोनी आदि शामिल रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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-स्कूली बच्चों के होली गायन में सैनिक स्कूल रहा प्रथम
kavvaliडॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 14 मार्च 2022। सरोवरनगरी में नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में मनाये जा रहे फागोत्सव के तहत सोमवार को रंग भरी कव्वाली के साथ स्कूली बच्चों की होली प्रस्तुतियां आयोजित की गईं। नगर के आवागढ़ कंपाउंड के शाहिद अली वारसी की टीम ने ‘होली के रंग अमीर खुसरो के संग’ नाम से कव्वालियों का आयाजन किया।

साथ ही सरस्वती शिशु मंदिर, राष्ट्रीय शहीद सैनिक स्मारक विद्यापीठ निशांत, भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय, मोहन लाल साह बाल विद्या मंदिर, अमेरिकन किड्स, रामा मांटेसरी, नैनी पब्लिक स्कूल, सीआरएसटी इंटर कॉलेज, मल्लिका कला केंद्र ने आकर्षक होलियां प्रस्तुत कीं। 

प्रदर्शन के आधार पर स्वर्गीय नवीन चंद्र साह के पुत्र राजेश साह द्वारा पिता की स्मृति में मोहन लाल साह बाल विद्या मंदिर को प्रथम, भारतीय शहीद सैनिक को द्वितीय, नैनी पब्लिक स्कूल को तृतीय तथा अमेरिकन किड्स को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। मिथिलेश पांडे व सोनी जंतवाल ने निर्णायक के रूप में योगदान दिया। 

उधर, कोतवाली मल्लीताल में पुलिस ने तल्लीताल व मल्लीताल क्षेत्र के व्यवसायियों व अन्य लोगों के साथ बैठक कर होली को शांतिपूर्वक मनाने की अपील की। इस दौरान भाजपा से जुड़ी महिला नेत्रियों ने पुलिस कर्मियों को होली का टीका लगाकर होली की बधाइयां दीं।

वैष्णवी देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष भी सम्मानित किया गया। बताया गया है कि आगे मंगलवार को सभा भवन में अपराह्न दो बजे से कुमाउनी भाषा पर आधारित ‘अपुण भाषा अपुण बोलि’ कार्यक्रम आयोजित होगा। आयोजन में हास्य कलाकार राजेंद्र जोशी उर्फ पनवा, हेमंत बिष्ट, वीना भट्ट वर्सीलिया व डॉ. प्रदीप जोशी आदि प्रतिभाग करेंगे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : चीरबंधन व रंगधारण के साथ बढ़ी होली की मस्ती, नयना देवी मंदिर में खड़ी होली हुई तथा निकला होली जुलूस

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 13 मार्च 2022। सरोवरनगरी में रविवार को चीरबंधन व रंगधारण के साथ होली का रंग व मस्ती बढ़ने लगी है। मुख्यालय में जगह-जगह होली के कई सार्वजनिक कार्यक्रम हो रहे हैं। वहीं घरों में भी लोग ढोल मंजीरों के साथ होली का गायन कर रहे हैं। इसी कड़ी में रविवार को दिन में एक बजे से रामलीला मैदान में एक ओर फागोत्सव के तहत सुबह मुहूर्त के अनुसार पयां यानी पद्म वृक्ष की टहनी पर चीरबंधन तथा रंगधारण किया गया वहीं इस दौरान की गई रंगोली भी दर्शनीय रही। आंवल पूजन भी कराया गया। उपस्थित लोगों ने सिद्धि को दाता बिघ्न विनाषन व कैलै बांधी चीर आदि होली गीत प्रस्तुत किए।

उधर, अपराह्न में नगर की प्रतिष्ठित रंगमंच संस्था युगमंच के तत्वावधान में 26वां होली महोत्सव प्रारंभ हो गया। इसकी शुरुआत परंपरागत तौर पर नगर की आराध्य देवी माता नयना देवी के मंदिर से होली गायन से हुई। नगर के दिवंगत शिक्षाविद् नवीन चंद्र साह, अनिल पंत व तुषार कांत त्रिपाठी को समर्पित होली महोत्सव के तहत नयना देवी मंदिर में काली कुमाऊं अंचल के बाराकोट चंपावत के लड़ीधूरा शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मंच के नागेंद्र जोशी की अगुवाई में आए बसंतोत्सव समिति के वरिष्ठ होल्यार बसंत बल्लभ जोशी, लोकमान अधिकारी, रजनीश जोशी, उमेश जोशी, राजेश अधिकारी, केदार जोशी, नवल जोशी व जगदीश अधिकारी आदि के दल ने खड़ी होली गायन की शुरुआत की।

Holi1इस दौरान वरिष्ठ होल्यार बसंत जोशी को संस्था की ओर से सम्मानित भी किया गया। मंदिर में स्थानीय महिलाओं की बैठकी होली भी आयोजित हुई, जिसमें महिलाओं ने थिरकने के साथ स्वांग का प्रदर्शन भी किया। खड़ी होली के उपरांत नयना देवी मंदिर से होली जुलूस भी निकाला गया। आगे रामलीला मैदान में जया पालीवाल की मेविला माउंट रोज महिला समिति, विजय लक्ष्मी थापा की नैनी महिला एवं बाल विकास समिति, संगीता अग्रवाल की समर्पण वूमन, वेलफेयर सोसायटी, संगीता बिष्ट के रंगीलो कुमाऊं, चंद्रा जोशी के नैनीताल क्लब कंपाउंड, मंजू रौतेला की जागृति संस्था व पाषाण देवी महिला समिति की महिला होल्यारों ने होली की प्रस्तुतियां दीं। सभी संस्था प्रमुखों को सम्मानित भी किया गया।

आयोजन में संस्था के प्रमुख जहूर आलम, डॉ. शेखर पाठक, मिथिलेश पांडे, राजीव लोचन साह, चंद्रलाल साह, राजा साह, डॉ. देवेंद्र बिष्ट, भाष्कर बिष्ट, मनोज कुमार, नवीन बेगाना, जितेंद्र बिष्ट, डीके शर्मा, पवन कुमार, अमित साह व अदिति खुराना आदि का सहयोग रहा। 

उधर ज्योलीकोट के समीपवर्ती ग्राम गांजा में धार्मिक अनुष्ठान के साथ चीर बंधन और होली महोत्सव का श्री गणेश किया गया। इस मौके पर गौरांग रघु महाराज, उदय अधिकारी, पुष्कर जोशी, हरीश साह, इंदर नेगी, बनारसी, हीरा लाल साह, चंदन भट्ट, राजेन्द्र कोटलिया, राजन चौहान व प्रकाश भट्ट सहित बड़ी संख्या में युवाओं ने चीर बंधन और होली गायन किया। ग्राम भलयूटी में भी देवी मंदिर प्रांगण में महिलाओं ने होली गायन किया और सुख शांति की कामना के साथ देवी-देवताओं का आह्वान किया। मंजू कांडपाल, गुड्डी, पुष्पा जोशी, गीता, नमिता, ग्रामपधान रजनी रावत, पुष्पा बिष्ट व निशा सहित अन्य महिलाएं उपस्थित रहीं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : आज रंगों की आई है बहार सखी रे मोरे अंगना में… सरोवरनगरी में फागोत्सव की धूम

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 9 मार्च 2022। सरोवरनगरी में फागोत्सव की धूम जारी है। नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में मल्लीताल रामलीला मैदान में आयोजित हो रहे 26वें फागोत्सव में गुरुवार को स्थानीय महिलाओं के समूहों की होली गायन व स्वांग की प्रस्तुतियां हुईं। देखें विडियो :

इस दौरान नगर के संपूर्ण वूमन वैलफेयर सोसायटी, पाषाण देवी महिला ग्रुप, नैनीताल महिला जागृति संस्था, नैनी महिला एवं बाल विकास समिति सूखाताल, महिला होली दल कृष्णापुर, रंगीलो कुमाऊं, सिद्धेश्वर मंदिर, हिमालयन ग्रुप भूमियाधार, मां नयना ग्रुप भूमियाधार व महिला होली समिति गेठिया संस्थाओं की महिलाओं ने आज रंगों की आई है बहार सखी रे मोरे अंगना में, होलिन में चुनर रंगा रे बलम, होली खेलन आए कैलाशपति, आज बिरज में होली रे रसिया-होली भई रंगजोली रे रसिया व भागा रे भागा नंदलाल-राधा ने पकड़ा रंग डाला आदि होली गीतों की प्रस्तुतियां दीं एवं स्वांग विधा से चुटीले कटाक्ष किए।

आयोजन में आयोजक संस्था के अध्यक्ष मनोज साह, महासचिव जगदीश बवाड़ी, मुकेश जोशी व डॉ. ललित तिवारी सहित अनेक पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में नगर के गणमान्य एवं आमजन मौजूद रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : हैलो, मैं बंशीधर बोल रहा हूं, हरी तुम ‘कुर्सी-कुर्सी मंत्र जपो’, ‘हम तो थाली केे बैगन ठैरे…’ महिलाओं ने चुनाव पर किए जोरदार कटाक्ष

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 9 मार्च 2022। कुमाउनी होली अपने आप में अनूठी है। यहां केवल उत्श्रृंखलता नहीं, वरन सामाजिक मुद्दों पर गहरे कटाक्ष किए जाते हैं। नैनीताल में चल रहे फागोत्सव में भी यह परंपरा आगे बढ़ी है। खासकर इस दौरान हो रहे चुनाव को लेकर यहां महिला होल्यारों ने कुमाउनी होली की सुप्रसिद्ध ‘स्वांग’ विधा के जरिए जो प्रदर्शित किया, उससे यह भी पता चला कि भले समाज कई मामलों में सामने से मौन दिखता हो, लेकिन उसकी गहरी प्रतिक्रिया उसके अंतर्मन तक होती है, और जब कुमाउनी होली मौका देती है तो वह चुटीले अंदाज में झकझोर देती है।

ऐसा ही हुआ मंगलवार को नगर के रामलीला मैदान में श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में चल रहे 26वें फागोत्सव-2022 के दौरान। यहां महिलाओं ने समाज में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति सहित अनेक सामाजिक मुद्दों को चुटीले अंदाज में प्रस्तुत करने के साथ कुछ राजनेताओं के बीच स्वांग प्रस्तुत करते हुए कहा, वह दल-बदलू हैं, थाली के बैगन हैं, किसी भी ओर पलट सकते हैं। उल्लेखनीय है कि इस बार नैनीताल विधानसभा से तीन प्रमुख दलों के प्रत्याशी अपनी पार्टी बदलकर चुनाव लड़े थे।

वहीं एक अन्य स्वांग में महिलाएं जगरिए के रूप में ‘हरी’ नाम के व्यक्ति को उसके दाने/चावल की जगह खीले देखते हुए सलाह देने लगी कि वह ‘कुर्सी-कुर्सी’ मंत्र जपे। उल्लेखनीय है कि चुनाव के दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत एवं पूर्व मंत्री हरीश दुर्गापाल के साथ किसी ओझा को चावल दिखाते हुए फोटो वायरल हुआ था, और हरीश रावत ने एक तरह से ‘कुर्सी न मिली तो घर बैठूंगा’ जैसा बयान भी दिया था।

इसके अलावा सर्वाधिक चुटीला व्यंग्य वह रहा, जिसमें स्वांग करता हुआ व्यक्ति फोन पर खास अंदाज में कहता सुना गया, ‘मैं बंशीधर बोल रहा हूं….’ उल्लेखनीय है कि चुनाव में इसी वाक्य के साथ एक नेता का एक महिला से अश्लील बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ था। इस प्रकार साफ दिखता है कि जनता में किन नेताओं ने किस तरह से जनता को छुवा है। अब देखने वाली बात होगी कि कल 10 मार्च को आने वाले चुनाव परिणामों में जनता के दिल को लगी यह बातें परिणामों में किस तरह नजर आती हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : सरोवरनगरी में पहली बार खास अंदाज में होली जुलूस के साथ हुआ रंगों के पर्व होली का आगाज

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीातल, 8 मार्च 2022। सरोवरनगरी में 26वें फागोत्सव का भव्य आगाज हो गया है। दो वर्ष से चल रही कोरोना काल की पाबंदियों के बाद हो रहे इस फागोत्सव में होल्यार नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक-सांस्कृतिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में भारी जोश के बीच होल्यार नगर में पहली बार शुरुआत में होली जुलूस निकाल रहे हैं। जुलूस पर अबीर-गुलाल की फुहार हो रही है। लोग, खासकर महिला होल्यारों का होली गीत गाते हुए और होली के पारंपरिक वस्त्रों के साथ कुमाउनी होली की अनूठी स्वांग विधा के साथ निकलते जोश देखते ही बन रहा है।

तल्लीताल धर्मशाला से शुरू हुए और तल्लीताल बाजार से होते हुए मॉल रोड होकर मल्लीताल की ओर बढ़ते जुलूस के आगे चल रहे बैंड की धुन पर होल्यार होली गीतों पर थिरक रहे हैं। अबीर-गुलाल की पिचकारियां माहौल में अलग-अलग रंग भर रही हैं। सैलानी भी इस आयोजन का आनंद लेते देखे जा रहे हैं।

आयोजन में आयोजक संस्था के महासचिव जगदीश बवाड़ी, प्रो. ललित तिवारी, वैष्णो देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष मनोज साह, तल्लीताल व्यापार मंडल अध्यक्ष मारुति नंदन साह, मुकेश जोशी, विमल चौधरी, हिमांशु जोशी, देवेंद्र लाल साह, मिथिलेश पांडे, हरीश राणा व उमेश जोशी सहित कई सदस्य सदस्य भी शामिल हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नैनीताल के फागोत्सव में इस बार मेले जैसा रहेगा माहौल, कुमाउनी लोक संस्कृति के साथ कव्वाली भी

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 7 मार्च 2022। सरोवरनगरी में 1918 में स्थापित श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में मंगलवार से शुरू होने जा रहे 26वें फागोत्सव में इस वर्ष नंदा देवी मेले जैसा माहौल रहेगा। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में अबीर गुलाल वाले पटाखे चलाए जाएगें, साथ ही दो से चार कुंतल तक हर्बल रंग भी उड़ेंगे। साथ ही पहली बार होली में स्थानीय कुमाउनी लोक भाषा व लोक संस्कृति के साथ अमीर खुसरो की कव्वाली के रंग भी मिलेंगे।

सोमवार को आयोजक संस्था श्रीराम सेवक सभा के महासचिव जगदीश बवाड़ी ने आयोजन की जानकारी देते हुए बताया कि आज मार्च को महोत्सव की शुरुआत नगर एवं बाहर की 10-10 यानी कुल 20 महिला होल्यारों की टीमों के साथ आम नगरवासियों की नंदा देवी मेले जैसी शोभायात्रा-होली जुलूस से होगी। सुबह 11 बजे से अपराह्न एक बजे तक तल्लीताल धर्मशाला से तल्लीताल बाजार, मॉल रोड होते हुए मल्लीताल बाजार तक चलने वाले होली जुलूस में अबीर गुलाल वाले पटाखे छोड़े जाएंगे।

इसके बाद 10-10 महिला टीमों की मंगल व बुधवार को रामलीला मैदान में होली की प्रस्तुतियां होंगी। 14 मार्च को स्कूली बच्चों की होली प्रस्तुतियां दिवंगत शिक्षाविद् नवीन चंद्र साह की एवं 16 को एकल होली गायन स्वर्गीय लेफ्टिनेंट अंशुमन नयाल की स्मृति में होगा। इससे पहले 15 मार्च को अपुण भाषा अपुण बोलि कार्यक्रम में कुमाउनी कवि सम्मेलन व वार्ता तथा अमीर खुसरो के रंग नाम से कव्वाली का आयोजन भी किया जाएगा।

आगे 17 मार्च को करीब 2 से 4 कुंतल हर्बल रंगों से बच्चों के स्वांग व होली जुलूस आयोजित होगा। इस दौरान सभा के अध्यक्ष मनोज साह, डॉ. ललित तिवारी, मुकेश जोशी, देवेंद्र लाल साह, किशन नेगी, मिथिलेश पांडे, वैष्णो देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष मनोज साह, विमल चौधरी व राजेंद्र बजेठा आदि मौजूद रहे।

फोटोग्राफी प्रतियोगिता भी होगी
नैनीताल। फागोत्सव के दौरान 8 से 17 मार्च तक फोटोग्राफी प्रतियोगिता आयोजित होगी। इसमें शामिल होने के लिए 17 की शाम छह बजे तक 200 रुपए शुल्क के साथ पंजीकरण कराना होगा। प्रतिभागी 20 मार्च तक अपनी चार फोटो ऑनलाइन भेज सकते हैं। विजेताओं को 7.5, 5 व 3.5 हजार के तीन पुरस्कार एवं चार सांत्वना पुरस्कार दिए जाएंगे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : होली महोत्सव पर सरोवरनगरी में छाएगी रंगों की बौछार के साथ, कुमाउनी होली के विविध रूपों की बहार, कार्यक्रम तय

holi2डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 28 फरवरी 2022। नगर की प्रसिद्ध सांस्कृतिक संस्था युगमंच के 26वें होली महोत्सव के कार्यक्रम तय कर लिए गए हैं। सोमवार को नयना देवी मंदिर के सभाकक्ष में राजीव लोचन साह की अध्यक्षता में हुई युगमंच, शारदा संघ, नयना देवी मंदिर प्रबंधन अमर उदय ट्रस्ट, नैनीताल समाचार, नैनी महिला जागृति संस्था के पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक में तय किया गया कि होली महोत्सव 13 मार्च से 19 मार्च तक चलेगा।

इस दौरान रंगों की बौछार के साथ पर्वतीय कुमाउनी होली के खड़ी होली, बैठ होली व महिला होली के अनेक आयोजन होंगे। 13 मार्च को रंग्वाली एकादशी पर नयना देवी मंदिर के प्रांगण में अपराह्न एक बजे से परंपरागत खड़ी होली तथा अपराह्न 3 बजे से रामलीला मंच मल्लीताल में विधिवत् उद्घाटन होगा, और खड़ी व महिला होली का आयोजन व वरिष्ठ होल्यारों का सम्मान किया जाएगा।

आगे 14 व 15 मार्च को शाम 6 बजे से शारदा संघ में कुमाऊं की परंपरागत बैठ होली में मूर्धन्य होल्यारों की प्रस्तुतियां, 16 मार्च को नैनीताल समाचार के प्रांगण में दोपहर 12 बजे से बैठ होली व सम्मान समारोह तथा 19 मार्च को छलड़ी के दिन शारदा संघ से सुबह 10 बजे से आशीष होली जुलूस निकाला जाएगा। बैठक में चंद्र लाल साह, डॉ. देवेंद्र बिष्ट, मंजू रौतेला, दिनेश उपाध्याय, भाष्कर बिष्ट, नवीन बेगाना, मनोज कुमार, राजेंद्र लाल साह, डीके शर्मा, जितेंद्र बिष्ट, पवन कुमार, हिमांशु पांडे व जहूर आलम आदि उपस्थित रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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-नगर के साथ बाहरी नगरो के महिला जुलूस भी शामिल होंगे
holi taiyariडॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 20 फरवरी 2022। पौष माह के पहले रविवार से ही कुमाउनी होली गायन की परंपरा का निर्वाह कर रही सरोवरनगरी आगामी 8 मार्च से पूरी तरह से रंगों के पर्व-फागोत्सव के रंग में सराबोर रहेगी। नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक व सांस्कृतिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में नगर में 8 से 19 तक फागोत्सव-2022 का आयोजन किया जाएगा।

रविवार को फागोत्सव के कार्यकमों को अंतिम रूप देने के लिए मनोज साह की अध्यक्षता एवं जगदीश बवाड़ी के संचालन में आयोजित हुई सभा की बैठक में तय किया गया कि फागोत्सव में नगर के साथ ही हल्द्वानी, भवाली, भीमताल, ज्योलीकोट व नौकुचियाताल आदि स्थानों के महिला होल्यारों के दल शामिल होंगे। 8 मार्च को नगर में तल्लीताल वैष्णो देवी मंदिर से नंदा देवी महोत्सव के दौरान कदली दलों के साथ निकलने वाले पारंपरिक सांस्कृतिक जुलूस की तर्ज पर होली जुलूस का आयोजन किया जाएगा।

आगे सभा के प्रांगण में नगर के साथ ही बाहरी होली दलों की प्रस्तुतियां होंगी, जिसमें दलों को 15-15 मिनट में दो होली एवं एक स्वांग की प्रस्तुतियां देनी होंगी। आगे 12 मार्च को बैठकी होली, 13 को चीर बंधन एवं रंग धारण, 14 को आंवल एकादशी, 15 को श्रीराम सेवक सभा के कलाकारों की होलियां, 16 को एकल महिला एवं पुष्प होली, 17 को पुरुष बैठकी होली, 18 को बच्चों के स्वांग एवं रंगों की होली का जुलूस तथा 19 को सभा भवन में छलड़ी का आयोजन किया जाएगा।

बैठक में मुकेश जोशी, राजेंद्र लाल साह, किशन नेगी, डॉ. ललित तिवारी, मिथिलेश पांडे, विमल चौधरी, सतीश पांडे, हरीश राणा, प्रेमा अधिकारी, मीनाक्षी कीर्ति, दिव्या साह, रानी साह दीपिका बिनवाल, रेखा जोशी, रमा भट्ट, हेमा जोशी, रुचि बिनवाल, संगीता बिष्ट, तारा बोरा, दिनेश गुरुरानी, कलावती असवाल, मीनू बुधलाकोटी, दीपा, मंजू रौतेला, विजयलक्ष्मी थापा, सुमन साह, हेमा कांडपाल, वंदना पांडे व हेमा सुयाल आदि उपस्थित रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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पहली कुमाउनी होली बैठक में होली गीतों में मगन होल्यार।

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 20 दिसंबर 2021। देश भर में जहां होली का त्योहार बसंत ऋतु में फाल्गुन के माह में मनाया जाता है, लेकिन उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में अनेक खाशियतों के लिए देश भर में प्रसिद्ध कुमाउनी होली की शुरुआत पौष माह के पहले सोमवार से हो जाती है।

इसी कड़ी पौष माह के पहले रविवार की रात्रि नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा में पूर्व विधायक डॉ. नारायण सिंह जंतवाल, पूर्व शिक्षाधिकारी नवीन चंद्र साह, जहूर आलम तथा सभा के अध्यक्ष मनोज साह, महामंत्री जगदीश बवाड़ी, पूर्व पालिकाध्यक्ष मुकेश जोशी, विमल चौधरी ने पहली कुमाउनी बैठकी होली का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। इस मौके पर सतीश पांडे, राजा साह, प्रभात साह गंगोला, अजय, सानू, अमर साह व वीरेंद्र आदि होल्यारों ने राग यवन, काफी व धमार आदि पर आधारित गणपति गाइये नंदन, भव भंजन गुण गाऊं, जित देखूं उत श्याम व होली खेलत कहां जाऊं आदि भक्ति रस के होली गीतों का गायन कर रंग जमाया।

तबले पर राहुल जोशी, कमल जोशी व अजय महाजन ने संगत दी। संचालन डॉ. ललित तिवारी ने किया। इस अवसर पर प्रकाश पांडे, वंदना पांडे, समर साह, राजेंद्र बमेठा, सुनील साह, मुकेश धस्माना, भुवन बिष्ट, मनोज जोशी, चंद्र प्रकाश साह, किशन गुरुरानी व चंदन जोशी सहित अनेक अन्य संस्कृति प्रेमी जन भी मौजूद रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 28 मार्च 2021। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच सरोवरनगरी में इस बार राग-फाग व रंगों के साथ ही फूलों की होली भी होली खेली गई। वहीं सैलानी भी उन्मुक्त हो होली खेलते दिखे। लोगों ने मास्क का प्रयोग भी किया और कुछ हद तक सामाजिक दूरी भी बनाई लेकिन फिर भी होली का उत्साह कोरोना पर भारी पड़ता दिखा। खासकर महिलाओं ने होली के पारंपरिक उत्साह को बने रहने दिया।

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अनेक जगह घर-घर महिलाओं की टोलियां सीमित संख्या में ही सही पर होली गायन व ‘द्वि ढाइ लटक’ शैली में झोड़े की तरह नृत्य करती भी नजर आईं। वहीं पुरुषों ने अपने परिचितों-रिश्तेदारों के घर जाकर होली की बधाइयां दीं व अबीर-गुलाल लगाया। होली गायन व होली की बधाइयां देने आने वालों को गुझिया, आलू के गुटके व चिप्स आदि खिलाए गए। लोग सोशल मीडिया पर लोगों को बधाइयां देने और दूसरों की बधाइयों का प्रतिउत्तर देने में भी व्यस्त रहे। नगर में आए सैलानी भी कई जगह उन्मुक्त होकर होली मनाते नजर आए। नगर के होटलों में पर्यटकों के लिए होली मनाने का विशेष प्रबंध भी किया गया था। नैनी रिट्रीट होटल में सैलानियों ने किए गए प्रबंधों से अबीर-गुलाल के साथ ही फूलों की होली भी खेली।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 28 मार्च 2021। सरोवरनगरी में नगर की सबसे पुरानी 1916 में स्थापित धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में शनिवार को हर्बल रंगों-अबीर गुलाल से जमकर होली खेली गई। सभा के सदस्यों व आम लोगों ने एक-दूसरे पर रंग लगाते व उड़ाते हुए पूरे मल्लीताल बाजार क्षेत्र में हर वर्ष की तरह होलियां गाते हुए सांस्कृतिक जुलूस निकाला और लोगों को होली की बधाइयां देते हुए पूरे विश्व में शांति एवं खुशहाली की कामना की गई। इस मौके पर सभा भवन के प्रांगण में चीर बंधन के पास भीम सिंह कार्की, हीरा सिंह व गोधन सिंह ने सुंदर रंगोली बनाई। कैलाश जोशी, विमल चौधरी, गिरीश जोशी व भुवन नेगी आदि ने गणपति की होली-गणपति आयो, मारो ना पिचकारी नयना लाल भये, शहर में आयो व्यौपारी, झनकारो, झनकारो, बुरूंशी को फूलो, कृष्ण खेलें होली राधा के साथ तथा आशीष होली जुग-जुग जीवें मित्र हमारे बारादरी में रंग बनो है आदि होली गीत प्रस्तुत किए और पूरे विश्व की समृद्धि व स्वस्थ रहने की कामना की।

जुलूस की शुरुआत अबीर-गुलाल उड़ाने से हुई और आगे मल्लीताल बाजार से होते हुए निकले होली जुलूस में लगातार होली गायन व अबीर-गुलाल का उड़ना जारी रहा। इस दौरान इतनी होली खेली गई कि बाजार की सड़कें भी विभिन्न रंगों से रंग गईं। जुलूस में कैलाश जोशी, गिरीश जोशी, चंद्रशेखर जोशी, कमलेश ढोंढियाल, भुवन नेगी, चंदन जोशी नृत्य शैली में अबीर-गुलाल को हवा में उड़ा रहे थे। होली जुलूस में सभा के अध्यक्ष मनोज जोशी, महासचिव जगदीश बवाड़ी, विमल साह, राजेंद्र बजेठा, किशन गुरुरानी, सुरेश बिनवाल, भुवन बिष्ट सहित बड़ी संख्या में होल्यार शामिल रहे। पहली बार नगर के पत्रकार भी होली जुलूस में होली के रंगों में सराबोर नजर आए। इधर शाम को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश भी फागोत्सव में शामिल हुए।Holi 5 1 Holi

 

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नवीन समाचार, नैनीताल, 27 मार्च 2021। सरोवननगरी में होली की बैठकें पूरे शबाब में हैं। इसी कड़ी में शनिवार को श्रीराम सेवक सभा एवं नैनीताल समाचार में पुरुषों की बैठकी होली का आयोजन किया गया। इस दौरान नैनीताल समाचार की होली में वरिष्ठ होल्यार अतुल साह को सम्मानित किया गया। अतुल ने आयो नवल वसंत सखी ऋतुराज कहायो होली गाकर शमां बांधा। इसी तरह राजू त्रिपाठी ने जोशीले अंदाज में लाल रंग डालो, गुलाबी रंग डालो, रंग केसर छिड़काओ री होली आई रे रसिया…. और निधि जोशी ने सजन मोरे अंगना में आना रे पहन वसंती बाना की प्रस्तुतियां दीं। इनके अलावा अल्मोड़ा से आए प्रभात गंगोला, राजा साह, मनोज पांडे, मनोज चनियाल आदि ने भी होली की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दीं। आयोजन में नवीन बेगाना, जहूर आलम, राजीव लोचन साह, मनोज कुमार, हिमांशु पांडे ‘मित्र’, लता कांडपाल, हेमलता तिवारी, विनीता यशस्वी, डा. मोहित सनवाल व चंदन जोशी सहित बड़ी संख्या में शास्त्रीय राग-रागिनियों में बंधी-सजी पारंपरिक कुमाउनी होली के रसिक मौजूद रहे।

देखें आज की नैनीताल समाचार की होली का विडियो :

यह भी पढ़ें : सरोवरनगरी में होली पर सर्वधर्म सम्भाव की मिसाल, पिछले 25 वर्षों से जहूर करा रहे हैं होली

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 25 मार्च 2021। सर्वधर्म की नगरी सरोवरनगरी की अनेक खाशियतें हैं, और इनमें से एक है यहां पिछले 25 वर्षों से हो रहे फागोत्सव व होली महोत्सव। 1976 में इन महोत्सवों की नैनीताल से शुरुआत से होने के बाद वर्तमान में प्रदेश के अनेक स्थानों पर ऐसे महोत्सव आयोजित हो रहे हैं, इस तरह नैनीताल पूरे प्रदेश के ऐसे आयोजनों का प्रणेता भी है। इसके अलावा भी नैनीताल के होली महोत्सव की एक और खाशियत यह भी है कि यहां होने वाले होली महोत्सव के पीछे जहूर आलम नाम के रंगकर्मी हैं, जो सरोवरनगरी की होली में सर्वधर्म सम्भाव का रंग भी भर देते हैं।
Jahoor Alam

जहूर बताते हैं 70 के दशक में नैनीताल सहित पहाड़ों की होली में मैदानी क्षेत्रों की होली के कपड़े फाड़ने, कीचड़ फैंकने व मुंह पर जले तेल आदि की कालिख पोतने जैसे दुर्गुण आ गए थे। इस पर उनके साथ ही उनकी नाट्य संस्था युगमंच के वरिष्ठ सदस्य स्वर्गीय गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’, विश्वंभर नाथ साह ‘सखा’, राजीव लोचन साह, डॉ. विजय कृष्ण आदि के साथ श्रीराम सेवक सभा व शारदा संघ आदि संस्थाओं के लोग जुटे और कुमाउनी होली को उसके पारंपरिक स्वरूप में बचाने के लिए 1976 से फागोत्सव-होली महोत्सव की शुरुआत हुई।

इसके तलत पहली बार गांवों में अपने घरों व पटांगणों तक सीमित महिलाओं व पुरुष होल्यारों की खड़ी व बैठकी होलियां आयोजित हुईं। बाहर से आने वाले होल्यारों के दलों को कलाकारों के रूप में पहली बार न केवल प्रतिष्ठा दी गई, बल्कि उन्हें इसका पारिश्रमिक भी दिया गया। कुमाऊं विश्वविद्यालय के संगीत विभाग में कुमाउनी होली को विषय में रूप में शामिल किया गया। साथ ही कुमाउनी होली को प्रतिष्ठित करने के लिए दो-तीन वर्ष संगोष्ठियां भी आयोजित हुईं और नई पीढ़ी को पारंपरिक कुमाउनी होली पहुंचाने के लिए कार्यशालियां भी लगातार आयोजित की जाने लगीं, जोकि अब भी होती हैं। जहूर कहते हैं उनकी इस पहल का ही प्रभाव है कि आज यहां पारंपरिक तरीके से ही होली का आयोजन होता है, और उसमें मैदानी क्षेत्रों से आए दुर्गुण नहीं दिखाई देते हैं।

यह भी पढ़ें : चीरबंधन व रंगधारण के साथ बढ़ी होली की मस्ती

नवीन समाचार, नैनीताल, 24 मार्च 2021। सरोवरनगरी में बुधवार को चीरबंधन व रंगधारण के साथ होली का रंग व मस्ती बढ़ने लगी है। मुख्यालय में जगह-जगह होली के कई सार्वजनिक कार्यक्रम हो रहे हैं। वहीं घरों में भी लोग ढोल मंजीरों के साथ होली का गायन कर रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को नगर की प्रतिष्ठित रंगमंच संस्था युगमंच के तत्वावधान में 25वां होली महोत्सव प्रारंभ हो गया। इसकी शुरुआत काली कुमाऊं अंचल के खेतीखान के डॉ. देवेंद्र ओली की अगुवाई में आए बसंतोत्सव समिति के ललित मोहन, महेश जोशी, बद्रीदत्त भट्ट, विजय मनराल, किशोर जुकरिया, आलोक वर्मा, मुकुल मनराल, प्रदीप ओली, किशन देव सहित 40 सदस्यीय होल्यारों के दल द्वारा नगर की आराध्य देवी माता नयना देवी के मंदिर में ‘हो रही जै जैकार कालिका, कलियुग में अवतार भयी, तुम तो भयी तपवान कालिका कलियुग में अवतार भये’ व ‘जय बोलो यशोदा नन्दन की, विनती करत हूं पइयां पड़त हूं, सुखदायक दुखभंजन की, जय बोलो यशोदा नन्दन की’ के होली गायन से हुई। उल्लेखनीय है कि सर्वप्रथम होली मंदिरों में ही गाये जाने की परंपरा है।

इसके अलावा नगर की महिलाओं ने भी नयना देवी मंदिर में होली गायन किया। साथ ही कुमाउनी होली की एक अन्य विशिष्टता ‘स्वांग’ का भी प्रदर्शन किया। उल्लेखनीय है कि स्वांग के जरिए समाज की विदू्रपताओं पर कटाक्ष किए जाते हैं, किंतु अब कहीं-कहीं यह एक तरह से ‘फैंसी ड्रेस’ प्रतियोगिता जैसा भी नजर आने लगा है। फिर भी कई बार स्वांग के जरिए समाज को उपयोगी संदेश भी दिए जाते हैं।

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बुधवार को नयना देवी मंदिर में होली गायन करते खेतीखान चंपावत के होल्यार।

इधर बुधवार को रामलीला मैदान में एक ओर फागोत्सव के तहत सुबह मुहूर्त के अनुसार पयां यानी पद्म वृक्ष की टहनी पर सुबह 10 बजकर 24 मिनट पर चीरबंधन तथा रंगधारण किया गया वहीं इस दौरान बृज मोहन जोशी, भीम सिंह कार्की व हीरा सिंह द्वारा बनाई गई रंगोली भी दर्शनीय रही। आचार्य भगवती प्रसाद जोशी ने मनोज साह, जगदीश बवाड़ी व विमल साह के माध्यम से पूजन संपन्न कराया। सोनी जंतवाल, प्रियंका कांडपाल, अनुष्का कोहली, कुणाल एवं बृजमोहन जोशी आदि ने सिद्धि को दाता बिघ्न विनाषन व कैलै बांधी चीर आदि होली गीत प्रस्तुत किए। वहीं अपराह्न में वरिष्ठ होल्यार नवीन चंद्र साह, श्याम नारायण, मुकेश जोशी ‘मंटू’, अरविंद पडियार, राजीव लोचन साह, मनोज जोशी, डा. नारायण सिंह जंतवाल, राजा साह, जहूर आलम व डीके शर्मा आदि गणमान्यों की उपस्थिति में चम्पावत के होल्यार देवेंद्र ओली, गोपाल मनराल, तथा महिला होली के लिए नैनीताल की रजनी चौधरी को सम्मानित किया गया।

इस दौरान धूम मची ब्रजमंडल में, सखी धूम मची ब्रजमंडल में तथा संगीत शिक्षिका डिम्पल जोशी द्वारा सिद्धि करो महाराज होलिन के दिन में व कृति जोशी के साथ रंग देख जिया ललचाये, देखो कान्हा ब्रज में होली मचाए की प्रस्तुति की। इस दौरान भारतीय शहीद सैनिक स्कूल के शिक्षकों प्रेमा त्रिपाठी, मुक्ता व नेहा आर्या के नेतृत्व में हेमा बिष्ट, किरन जोशी, गीता भट्ट, भूमिका आर्या, हर्षिता, अंजली कोमल, काजल, बबिता, निकिता, भास्कर, कैफ, हर्षित आदि बाल कलाकारों की टीम ने भी पैलागों कर जोरी कन्हैया मो संग खेलो ना होरी, होली आई रे आई रे होली आई रे, कान्हां तेरी बांकी चितवनिया ओ रे सांवरिया काहे मारे नैनों से नजरिया ओ सावरिया, आदि होलियां गायीं। कार्यक्रम का संचालन हेमन्त बिष्ट ने किया। आयोजन में भास्कर बिष्ट, नवीन बेगाना, मनोज कुमार, पंकज बिष्ट, व हिमांशु पांडे आदि द्वारा भी योगदान दिया गया।

यह भी पढ़ें : फागोत्सव में बाल होल्यारों ने दी प्रस्तुतियां

नवीन समाचार, नैनीताल, 21 मार्च 2021। नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में रविवार को दूसरे दिन 25वें फागोत्सव के तहत बाल होल्यारों ने होली की प्रस्तुतियां दी। इस दौरान पारस जोशी, रक्षित साह, अनुभव जोशी, अभय कुमार, कुणाल तिवारी, राहुल जोशी, भावेश चम्याल, अनुष्का कोहली, सोनी जंतवाल, लता तिवारी, श्रुति कोहली, प्रियंका कांडपाल व प्रियंका जोशी आदि बाल होल्यारों ने नरेश चम्याल के निर्देशन एवं गिरीश भट्ट के लोटे के संगीत व राहुल जोशी के तबले की थाप पर मेरी चुनरी पर ऐसो चटक रंग, होली खेलत अपने श्याम, रंग डारूंगी व धमार राग में होली मोपे करत इतरार मुरार आदि होलियां प्रस्तुत कीं। लवण्या साह ‘परी’ ने फागुन रे फागुन होली प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकत्री डा. सरस्वती खेतवाल ने बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहीं। संचालन प्रो. ललित तिवारी ने किया। इस मौके पर सभा के अध्यक्ष मनोज साह, महासचिव जगदीश बवाड़ी, मनोज जोशी, विमल चौधरी, विमल साह, अशोक साह सहित अनेक अन्य लोग मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें : 25वां फागोत्सव शुरू, स्वांग के जरिये बताया कोरोना प्रवासियों को पहाड़ लौटाने को आया

नवीन समाचार, नैनीताल, 20 मार्च 2021। नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक-सामाजिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के माध्यम से नगर में पिछले 25 वर्षों से आयोजित हो रहे फागोत्सव का शनिवार को शुभारंभ हो गया। विधायक संजीव आर्य ने फागोत्सव का औपचारिक शुभारंभ करते अपने संबोधन में होलिका की कथा सुनाते हुए होली में जीवन की सारी नकारात्मकताओं को होम करने की बात कही। इस मौके पर नगर की 6, हल्द्वानी की 4, भवाली की 2 व भीमताल की 1 महिला होल्यारों के कुल 12 महिला होली दलों ने अपनी प्रस्तुतियांे से जहां कुमाउनी होली की मंचीय प्रस्तुतियां दीं वहीं स्वांग के माध्यम से मौजूदा स्थितियों पर भी अलग अंदाज में संदेश दिए एवं कटाक्ष किए।

जैसे नगर के होली दल की ओर से कहा गया कि कोरोना पहाड़ में नहीं आ सकता था। पर्वतीय लोक देवताओं की इसे आने देने के पीछे मंशा रही कि इससे पहाड़ छोड़ कर प्रवास पर रह रहे लोग अपनी जड़ों की ओर लौटें और यहीं रोजगार करें। कार्यक्रम में सांसद अजय भट्ट की धर्मपत्नी पुष्पा भट्ट, आयोजक संस्था के अध्यक्ष मनोज साह, महामंत्री जगदीश बवाड़ी, पूर्व अध्यक्ष गिरीश जोशी व विमल चौधरी सहित अनेक पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में आमजन व खासकर महिलाएं मौजूद रहीं। संचालन डॉ. ललित तिवारी व मीनाक्षी कीर्ति ने किया।

देखें आज की होली का विडियो :

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ऑल इंडिया वीमन कांफ्रेंस की होली में मस्ती में झूमती महिलाएं।

नवीन समाचार, नैनीताल, 19 मार्च 2021। सरोवरनगरी में रंगों के पर्व होली के रंग सजने लगे हैं। पुरुषों की होली की बैठकों के बाद अब महिलाओं की होली, हंसी-ठिठोली, मस्ती भी नजर आने लगी है। बीती शाम के बाद शुक्रवार दोपहर नगर के शारदा संघ सभागार में महिला होल्यारों की मस्ती देखी गई। ऑल इंडिया वीमन कांफ्रेंस में नगर की भाजपा-कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों एवं सर्वधर्म से जुड़ी महिलाएं एक मंच पर होली की मस्ती में झूमती थिरकती नजर आईं। यहां संस्था की अध्यक्ष मुन्नी तिवारी, सचिव गौरा देवी देव की अगुवाई में सावित्री सनवाल, तारा बोरा, सभासद गजाला कमाज, रेखा आर्या व निर्मला चंद्रा, भाजपा की पूर्व दायित्वधारी शांति मेहरा, ममता पांडे, डॉ. सरस्वती खेतवाल, दया बिष्ट, रेखा त्रिवेदी, विनीता पांडे, हेमा कांडपाल, दीपा जोशी, अश्की व आफरीन आदि महिलाएं ‘कामिनी भर-भर मारत, मलत-मलत नैना भये लाल, जल भरन चलीं दोनों बहना व भर पिचकारी मारी कुंज गलिन में…’ आदि होली गीतों की मस्ती में झूमती व नाचती नजर आईं।

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-महिला, पुरुष व बाल होल्यारों की खड़ी व बैठकी होलियों के साथ स्वांग एवं हर्बल रंगों का जुलूस भी होगा

नवीन समाचार, नैनीताल, 17 मार्च 2021। जिला व मंडल मुख्यालय में नगर की सर्वप्राचीन धार्मिक-सांस्कृतिक संस्था श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में वर्ष 1996 से लगातार मनाए जा रहे फागोत्सव का 25वां संस्करण आगामी 20 से 30 मार्च तक हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। बुधवार को आयोजकों ने आयोजन से संबंधित जानकारियां पत्रकार वार्ता में साझा कीं।

सभा के महासचिव ने बताया कि फागोत्सव की शुरुआत 20 मार्च को महिला होली जुलूस व स्वांग प्रतियोगिता के साथ होगी। इसी दिन गत वर्ष की आठ के मुकाबले 4 अधिक यानी 12 महिला होली दल भी अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इनमें नगर की 6, हल्द्वानी की 4, भवाली की 2 व भीमताल की 1 महिला होल्यारों के दल शामिल हैं। वहीं 21 को आयोजक संस्था के बाल कलाकारों की प्रस्तुतियां, 22 को महिला बैठकी होली, 23 को नगर के विद्यालयों के बच्चों की छह टीमों की होली प्रस्तुतियां, 24 को चीर बंधन व रंगधारण तथा इस दौरान पहली बार पुरुषों की खड़ी होली, 25 को आमल एकादशी पूजन, 26 को महिला-पुरुष होल्यारों का एकल होली गायन, 27 को पुरुषों की बैठकी होली, 28 को बच्चों के स्वांग व हर्बल रंगों से रंगारंग होली जुलूस तथा चीर दहन, 29 को छलड़ी एवं 30 को टीके का आयोजन किया जाएगा।

सभा के हिमांशु जोशी ने बताया कि इस दौरान लिये जाने वाले चित्रों की फोटो प्रतियोगिता भी आयोजित होगी, जिसमें सर्वश्रेष्ठ चित्रों को आठ, पांच व तीन हजार के एक-एक तथा एक-एक हजार के तीन पुरस्कार दिए जाएंगे। पहली बार सर्वश्रेष्ठ चित्रों का निर्णय बाहरी विशेषज्ञ छायाकारों द्वारा ऑनलाइन कराया जाएगा। पत्रकार वार्ता में सभा के अध्यक्ष मनोज साह, पूर्व अध्यक्ष मुकेश जोशी, प्रो. ललित तिवारी, किशन नेगी, विमल चौधरी व राजेंद्र बजेठा आदि सदस्य भी मौजूद रहे।