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December 23, 2024

बिग ब्रेकिंग : उत्तराखंड के लाल ने पैरालंपिक के सेमी फाइनल में पहुंचे…

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नवीन समाचार, रुद्रपुर, 3 सितंबर 2021। बेहतर खेल एवं जबरदस्त स्मैश व ड्रॉप आदि की बदौलत उत्तराखंड के मनोज सरकार टोक्यो पैरा ओलंपिक की बैडमिंटन प्रतिस्पर्धा में जीत हासिल कर सेमीफाइनल में पहुंच गए है। इसके साथ उन्होंने करीब पदक पक्का कर लिया है। शुक्रवार को खेले गए क्वार्टर फाइनल मैच में मनोज ने 28 मिनट में ही यूक्रेन के अलेक्जेंडर चिरकोव को सीधे सेटों में 2-0 से हराकर मैच जीत लिया। रुद्रपुर राइजिंग फाउंडेशन ने मनोज की जीत पर उन्हें बधाई दी है। साथ ही प्रदेश भर से उन्हें बधाइयां देने का सिलसिला शुरू हो गया है। Image

शुक्रवार को भारतीय समयानुसार सुबह 7.30 बजे टोक्यो पैरा ओलंपिक में एसएल-3 कैटेगरी में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी मनोज सरकार का मुकाबला यूक्रेन के अलेक्जेंडर चिरकोव के साथ शुरू हुआ। खेल की शुरुआत में ही मनोज ने चिरकोव से बढ़त ले ली और अंत तक बढ़त बनाए रखी। हालांकि चिरकोव ने मनोज की बढ़त को रोकने की भरसक कोशिश की लेकिन मनोज के जबरदस्त खेल के सामने उसकी एक न चली और सटीक ड्रॉप तथा जबरदस्त स्मैश के बेहतर तालमेल सहारे मनोज ने खेल के पहले 14 मिनट में ही 19-16 की बढ़त बना ली, जो कि मैच के पंद्रहवें मिनट में जीत के रूप में 21-16 तक पहुंच गई ।

मनोज की बढ़त का यह सिलसिला दूसरे सेट में भी जारी रहा और उन्होंने पहले चार मिनट में ही 2-1 की बढ़त बना ली। हालांकि इस बार उनके प्रतिद्वंदी चिरकोव ने एक बार तो मैच को 4-4 की बराबरी पर ला खड़ा किया, किंतु जबरदस्त लय और भरपूर आत्मविश्वास से खेल रहे मनोज ने खेल के छठे मिनट में यूक्रेनी प्रतिद्वंदी से जो बढ़त हासिल की, उसे मैच के सातवें मिनट में 7-5 व ग्यारवें मिनट में 16-8 करते हुए तेरहवें मिनट में 21-9 अंको तक ले जाकर सेट और मैच अपने नाम कर लिया। इस जीत के बाद मनोज टोक्यो पैरा ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं।

मनोज की जीत के बाद लोगों में खुशी की लहर है। रुद्रपुर राइजिंग फाउंडेशन के सचिव हरीश चौधरी ने इस शानदार जीत के लिए मनोज सरकार को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि पैरा ओलंपिक के पहले मैच में मनोज की हार से वो निराश जरूर थे लेकिन उन्हें विश्वास था कि मनोज खेल के मैदान पर दमदार वापसी करेगे और उनका सफर स्वर्ण पदक पर ही रुकेगा। आज की जीत में मनोज ने जिस तरह शानदार खेल का प्रदर्शन किया है, उससे तय है कि इस बार उत्तराखंड का लाल राज्य वासियों को सोने का तमगा भेंट करेगा। उन्होंने कहा कि मनोज के भारत आने पर रुद्रपुर राइजिंग फाउंडेशन उनका शानदार स्वागत करेगा। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

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यह भी पढ़ें : नीरज ने स्वर्ण व बजरंग ने कांश्य के लिए देश के लिए रच दिया सर्वाधिक पदक जीतने का इतिहास

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उल्लेखनीय है कि नीरज चोपड़ा का यह पदक भारत का ओलंपिक इतिहास में एथलेटिक्स में पहला स्वर्ण पदक ही नहीं पहला पदक भी है। अब तक भारत ओलंपिक में एथलेटिक्स में कोई भी पदक नहीं जीत पाया था। अब सीधे स्वर्ण पदक से भारत की शुरुआत हुई है। ओलंपिक खेलों में ये भारत का 13 साल बाद पहला गोल्ड मेडल है। नीरज चोपड़ा से पहले बीजिंग ओलंपिक-2008 में शूटिंग में अभिनव बिंद्रा ने गोल्ड मेडल जीता था। ये ओलंपिक में भारत का कुल दूसरा व्यक्तिगत गोल्ड है। इससे पहले भारत ने हॉकी में 8 गोल्ड मेडल जीते हैं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी रजत पदक विजेता चेक गणराज्य के खिलाफ वी वेस्ली-86.67 मीटर से करीब एक मीटर अधिक दूर भाला फेंका। गौरतलब है कि इस मुकाबले में पाकिस्तानी खिलाड़ी अशरफ नदीम 84.62 मीटर भाला फेंककर पांचवे स्थान पर रहे।

उल्लेखनीय है कि आज ही बजरंग पूनिया ने कुश्ती में प्रतिद्वंद्वी पहलवान को 8-0 के बड़े अंतर से हराकर अपने लिए कांश्य और देश के लिए छठा पदक जीतकर 2012 के भारत के रिकॉर्ड की बराबरी की थी। गौरतलब है कि अभी भारत को बैडमिंटन में बी साई प्रनीथ के रूप में पदक की एक उम्मीद और बची है।

उल्लेखनीय है कि नीरज चोपड़ा ने ट्विटर पर अपनी पिन की गई पोस्ट में लिखा है, ‘जब सफलता की ख्वाहिश आपको सोने ना दे, जब मेहनत के अलावा और कुछ अच्छा न लगे, जब लगातार काम करने के बाद थकावट ना हो, समझ लेना सफलता का इतिहास रचने वाला है’। और देखिए आज नीरज ने वाकई देश के लिए इतिहास रच ही दिया है।

(डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : ओलंपिक हॉकी में भारत की जीत पर हॉकी के दो ओलंपियन देने वाले मैदान में झूमे खेल प्रेमी

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 5 अगस्त 2021। टोक्यो ओलंपिक में बृहस्पतिवार को भारत को जर्मनी पर जीत के बाद कांश्य पदक मिलने पर मुख्यालय में खेल प्रेमी डीएसए मैदान में झूम उठे। उल्लेखनीय है कि डीएसए मैदान को नाम देश को दो ओलंपियन हॉकी खिलाड़ी राजेंद्र रावत व सैयद अली देने का श्रेय दिया जाता है।

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भारतीय हॉकी टीम की जीत पर जीत का चिन्ह बनाते पूर्व ओलंपियन, पालिकाध्यक्ष व अन्य खेल प्रेमी।

इस मौके पर पूर्व ओलंपियन राजेंद्र रावत ने कहा कि भारत की 41 वर्षों बाद इस पदक प्र्राप्त करने वाली जीत से देश की हॉकी ऊपर जाएगी। क्योंकि वह इतनी नीचे आ चुकी थी कि उसके पास ऊपर जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। उम्मीद करते हैं कि भविष्य में देश को विश्व कप व ओलंपिक आदि में हॉकी में और भी पदक मिलेंगे। उन्होंने कहा कि देश के छोटे शहरों के खेल मैदानों में भी अधिक से अधिक एस्ट्रोटर्फ लगाए जाने और खिलाड़ियों को अधिक से अधिक प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता है। इससे छोटे स्थानों से भी खिलाड़ी निकलकर देश को पदक दिलाने की क्षमता के साथ निकलेंगे।

इधर भारत की जीत की खुशी मनाने वालों में श्री रावत के अलावा नगर पालिका अध्यक्ष सचिन नेगी, पूर्व भारतीय जूनियर हॉकी टीम के खिलाड़ी ललित साह, डॉ. मनोज बिष्ट, आशु बोरा, गोविंद बोरा, देवेंद्र बोरा, संजय कुमार, सन्नी, अनीता बोरा, प्रियंका, रेनू व मानसी आदि खिलाड़ी शामिल रहे। मैदान में हॉकी खेलने वाली महिला खिलाड़ियों ने भी हॉकी स्टिक उठाकर भारतीय पुरुष हॉकी टीम को जीत के लिए बधाई दी। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : ओलंपिक में लवलीना के पदक पक्का करने वाले पंच के पीछे नैनीताल के अभिषेक भी

-2014 से 2019 के बीच गौहाटी में साई के कोच के रूप में दे चुके हैं माध्यमिक कोचिंग
-खुद भी बॉक्सिंग में देश के लिए खेल चुके हैं अभिषेक

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कोच अभिषेक एवं साथी खिलाड़ियों के साथ ओलंपिक में सेमीफाइनल में पहुंची भारतीय बॉक्सर लवलीना।

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 30 जुलाई 2021। टोक्यो में चल रहे विश्व के सबसे बड़े ओलम्पिक खेलों में भारत के असम राज्य की 23 साल की मुक्केबाज लवलीना बोरगोहोन सबको चौंकाते हुए सेमीफाइनल में पहुंच कर एक और पदक पक्का कर चुकी हैं। लवलीना की इस बड़ी सफलता पर नैनीताल और उत्तराखंड में भी खुशी का माहौल है। इसलिए भी कि लवलीना की कड़ी मेहनत और इस सफलता के पीछे नैनीताल के अभिषेक साह का भी योगदान रहा है। अभिषेक लवलीना को गौहाटी में इंटरमीडिएट ट्रेंनिग के दौरान कोचिंग दे चुके हैं। उन्होंने लवलीना के प्रदर्शन पर खुशी के साथ विश्वास जताया है कि वह देश के लिए स्वर्ण पदक भी जीत सकती हैं।

अभिषेक ने कहा कि लवलीना ने जिस तरह पूर्व में दो बार हारने के बाद चीनी ताइपे की खिलाड़ी को हराकर क्वार्टर फाइनल जीता है, उसके बाद सेमीफाइनल में उनका मुकाबला विश्व चैंपियन खिलाड़ी से है। यदि वह सेमीफाइनल मुकाबला भी जीत लेती हैं तो फिर उनका फाइनल जीतना भी तय है।

वर्तमान में राष्ट्रीय कोच तथा पूर्व में सांई सेंटर गौहाटी में असिस्टेंट कोच रहे अभिषेक ने बताया कि 2014 से 2019 के बीच पांच वर्ष लवलीना को उन्होंने इंटरमीडिएट यानी माध्यमिक स्तर की कोचिंग दी है। उनमें काफी क्षमताएं हैं। वह शिवा थापा के बाद गौहाटी क्षेत्र से मैरीकॉम मणीपुर क्षेत्र से आती हैं। उल्लेखनीय है कि अभिषेक नगर के तल्लीताल के निवासी हैं। उनके पिता दीप लाल साह जिला न्यायालय में प्रशासनिक अधिकारी के पद पर कार्यरत रहे। वह देश के लिए खेलते हुए जर्मनी भी गए।

उनकी यूपी पुलिस में नौकरी भी लग गई थी, लेकिन वह नौकरी छोड़ साई यानी स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया से जुड़े। वर्तमान में वह साईं के नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस रोहतक में बॉक्सिंग कोच है। उन्होंने अपना बॉक्सिंग कैरियर 1996 में महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज देहरादून से शुरू किया था। यहां से निकलने वाले अभिषेक पहले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रहे। वह ऑल इंडिया इंटर युनिवर्सिटी के गोल्ड मेडलिस्ट भी रह चुके है। उन्होंने 3 बार एलाइट नेशनल चैंपियनशिप में भी पदक जीते है। वह 2008 में नेशनल कैम्प के कोर ग्रुप में भी भागीदारी कर चुके हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : कुमाऊं विश्वविद्यालय से कर सकते हैं भारतीय ओलम्पिक टीम का उत्साहवर्धन…

-कुमाऊं विश्वविद्यालय ने भारतीय ओलम्पिक टीम के उत्साहवर्धन के लिए बनाया ‘सेल्फी प्वॉइंट’

Kumaon Univडॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 06 जुलाई 2021। आगामी 23 जुलाई से 8 अगस्त तक जापान में आयोजित होने जा रहे टोक्यो ओलंपिक में प्रतिभाग करने वाली भारतीय टीम के उत्साहवर्धन के लिए कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सामने क्रीड़ा विभाग द्वारा ‘सेल्फी प्वाइंट’ बनाया गया है। बुधबार को कुलपति प्रो. एनके जोशी ने ओलंपिक सेल्फी प्वाइंट का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. जोशी ने कहा कि भारतीय ओलंपिक खिलाड़ियों को टोक्यो में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए उत्साहवर्धन करने के लिए यह सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है। हमारे खिलाडी सिर्फ अपने लिए ही नहीं जा रहे, बल्कि देश के लिए जा रहे हैं। इन खिलाड़ियों ने भारत का गौरव बढ़ाना है। इसलिए सभी को खुले मन से उनका साथ देकर उत्साहवर्धन करना चाहिए। विश्वविद्यालय के क्रीड़ाधिकारी डॉ. नागेंद्र शर्मा ने सभी से देश के खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करने के लिए सेल्फी प्वाइंट पर आकर सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर शेयर करने की अपील की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वित्त नियंत्रक एलआर आर्या, डीएसबी परिसर के निदेशक प्रो. एलएम जोशी, निदेशक जेसी बोस परिसर प्रो. पीसी कविदयाल, प्रो. अतुल जोशी, प्रो. एससी सती, प्रो. अमित जोशी, उप कुलसचिव दुर्गेश डिमरी, डॉ. संतोष कुमार, सुनील कुमार, भोपाल करायत, नवल बिनवाल, पूरन पाठक, जीएस भंडारी, नवीन जोशी, जीवन रावत एवं विश्वविद्यालय के युवा खिलाडी उपस्थित रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : इसे कहते हैं बड़े मियाँ तो बड़े मियाँ, छोटे मियां सुब्हान अल्लाह, उत्तराखंड के शटलर चिराग सेन ने जीता बैडमिंटन एकल वर्ग का खिताब

Chirag senबरेली, 5 नवंबर 2018 । बड़े भाई के नक़्शे कदम पर चलते हुए  उत्तराखंड के शटलर चिराग सेन ने बरेली में आयोजित सीनियर बैडमिंटन टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए एकल वर्ग का खिताब अपने नाम कर लिया है। खिताबी मुकाबले में चिराग ने हरियाणा के कार्तिक जिंदल को मात दी। बरेली में 30 अक्टूबर से चार नवंबर तक आयोजित आल इंडिया सीनियर प्राइज मनी बैडमिंटन टूर्नामेंट में अल्मोड़ा के शटलर चिराग ने एकल वर्ग में फाइनल मुकाबला जीता।

चिराग ने कार्तिक को 21-19, 25-21, 25-23 से हराया। वहीं, चिराग ने सेमी फाइनल में आंध्र प्रदेश के डी जसवंत को सीधे सेटों में 21-16 व 21-14 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। इससे पहले क्वार्टर फाइनल में चिराग ने गुजरात के एड्रिअन जॉर्ज को 19-21, 21-9, 21-8 से हराया। इसी टूर्नामेंट में अल्मोड़ा के बोधित जोशी ने क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया। लेकिन क्वार्टर फाइनल में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

यह भी पढ़ें : जूनियर एथलेटिक्स में उत्तराखंड को पांच पदक

रांची में चल रही 34वीं नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उत्तराखंड के खिलाडिय़ों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एक स्वर्ण समेत पांच मेडल जीते हैं। उत्तराखंड की अंकिता ध्यानी ने बालिका अंडर-18 वर्ग की 1500 मी. दौड़ में स्वर्ण पदक हासिल किया। दो से पांच नवंबर तक रांची के बिरसा मुंडा स्टेडियम में चल रही चैंपियनशिप में उत्तराखंड के एथलीटों का प्रदर्शन शानदार रहा। उत्तराखंड एथलेटिक्स एसोसिएशन के सचिव केजेएस कलसी ने बताया कि बालिका अंडर-18 वर्ग की 1500 मी. दौड़ में अंकिता ध्यानी ने प्रथम स्थान हासिल करते हुए स्वर्ण पदक जीता।

अंकिता ध्यानी अगस्त्यमुनि बालिका एथलेटिक्स छात्रावास की प्रशिक्षु है। बालिका अंडर-20 वर्ग की 1500 मी. दौड़ में राधा ने कांस्य पदक अपने नाम किया। बालक अंडर-18 वर्ग की शॉटपुट स्पर्धा में आदिश घिल्डियाल ने 18.30 मी. गोल फेंकते हुए रजत पदक अपने नाम किया। इसके अलावा बालक अंडर-20 वर्ग की 1500 मी. दौड़ में राकेश मंडल ने कांस्य और अंडर-16 वर्ग की 5000 मी. वॉक रेस में सचिन एस बोहरा ने द्वितीय स्थान हासिल करते हुए रजत पदक पर कब्जा किया। उन्होंने बताया कि चैंपियनशिप में उत्तराखंड को और पदक मिलने की उम्मीद है।

यह भी पढ़ें : युवा ओलंपिक के लिए भारतीय दल का हिस्सा बने उत्तराखंड के यह खिलाड़ी, अर्जेंटीना को हुए रवाना

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नैनीताल, 2 अक्टूबर 2018। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के निवासी अंतराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन अर्जेंटीना में होने वाले तीसरे यूथ ओलंपिक गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। वे 46 खिलाडियों, 22 कोच और ऑफीशियलों सहित 68 सदस्यीय भारतीय दल के साथ मंगलवार को अर्जेंटीना रवाना हो गए हैं। आगे वह अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में छह अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक आयोजित होने जा रहे युवा ओलंपिक खेलों में खेलेंगे, जिसमें भारत 13 खेलों में प्रतिभाग कर रहा है। हाल ही में शूटिंग में सबसे कम उम्र में विश्व चौंपियन बनने का रिकॉर्ड बनाने वाली और एशियन चौंपियनशिप में पदक विजेता मनु भाकर (16 वर्ष) इन खेलों में भारतीय दल की ध्वज वाहक रहेंगी। वहीं, एशियन गेम्स के 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में स्वर्ण पदक विजेता सौरभ चौधरी और एशियन जूनियर बैडमिंटन चौंपियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता लक्ष्य सेन इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले प्रमुख खिलाड़ी हैं।
खिलाड़ियों के अर्जेंटीना रवाना होने से पहले आयोजित एक समारोह में खेल मंत्री राज्य वर्धन सिंह राठौर ने खिलाड़ियों को देश के एम्बेसडर बताते हुए उनसे अधिक से अधिक पदक जीतकर देश का सम्मान बढ़ाने की अपील की। वहीं भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा और महासचिव राजीव मेहता ने कहा कि यह युवा खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा प्लेटफॉर्म है। बीजिंग ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज विजेंद्र सिंह ने भी खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया।

यह भी पढ़ें : एशियाई जूनियर चैंपियनशिप: उत्तराखंड के इस खिलाडी ने 53 साल बाद स्वर्ण जीत रचा इतिहास, ओलंपिक है ‘लक्ष्य’

छठी सीड भारत के अल्मोड़ा उत्तराखंड निवासी लक्ष्य सेन ने रविवार 22 जुलाई 2018 को इतिहास रच दिया। उन्होंने एशियाई जूनियर चैंपियनशिप के खिताबी मुकाबले में थाइलैंड के कुनलावुत वितिदसरन को सीधे गेम में 21-19 और 21-18 से हरा दिया। वह यह खिताब जीतने वाले दूसरे पुरुष और ओवरऑल तीसरे भारतीय खिलाड़ी हैं।  पुरुष वर्ग में 53 साल पहले 1965 में गौतम ठक्कर ने गोल्ड मेडल जीता था। उनके बाद पीवी सिंधु ने 2012 में महिला वर्ग का खिताब अपने नाम किया था। उल्लेखनीय है कि लक्ष्य सेन खेल मंत्रालय की टारगेट ओलंपिक पोडियम (टॉप्स) योजना में भी शामिल है। उनका चयन 2020 ओलंपिक गेम्स की तैयारी के लिए पुरुष ओपन वर्ग में किया गया है। ओलंपिक गोल्डक्वेस्ट फाउंडेशन भी 13 साल से कम उम्र से ही लक्ष्य को ओलंपिक की तैयारी के लिए मदद कर रही है।
जकार्ता में खेले गए इस टूर्नमेंट के खिताबी मुकाबले में लक्ष्य ने पहला गेम 21-19 से जीता। दोनों ही खिलाड़ियों के बीच जोरदार टक्कर देखने को मिली, लेकिन भारतीय शटलर ने टॉप सीड कुनलावुत को हराने में सफलता हासिल कर ली। पहले की ही तरह दूसरा गेम भी कांटे भरा रहा। एक वक्त दोनों 14-14 से बराबर पर थे, लेकिन भारतीय स्टार ने 21-18 से गेम जीतते हुए खिताब अपने नाम कर लिया। इससे पहले लक्ष्य ने सेमीफाइनल में चौथी सीड इंडोनेशिया के इखसान लियोनार्डो इमानुएल रुमबे को 21-7, 21-14 से हराया। दूसरी ओर, थाइलैंड के खिलाड़ी ने तीसरी सीड चीन के यूपेंग बेई को 21-14, 21-12 से मात दे फाइनल में प्रवेश किया था। यह दोनों ही खिलाड़ियों के बीच पहली भिड़ंत थी। 

कुहू ने एक स्वर्ण और एक रजत पदक जीता

कुहू ने एक स्वर्ण और एक रजत पदक जीता
लेगोस, नाइजीरिया में 18 से 21 जुलाई तक चले लेगोस बैडमिंटन इंटरनेशनल में कुहू गर्ग ने एक स्वर्ण व एक रजत पदक जीता। कुहू ने वुमन डबल्स के फाइनल में भारतीय जोड़ी करिश्मा वाडेकर व हरिका की जोड़ी को 21-10 व 21-18 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। मिश्रित युगल के फाइनल में कुहू ने रोहन कपूर के साथ खेलते हुए भारतीय जोड़ी मनु अत्रि व मनीषा की जोड़ी को जबरदस्त टक्कर दी, लेकिन उनको 17-21 व 20-22 से हार का सामना कर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। उत्तरांचल राज्य बैडमिंटन संघ के सचिव बीएस मनकोटी सहित सभी पदाधिकारियों व खेल प्रेमियों ने कुहू के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर खुशी व्यक्त की है।

कोहली, साइना व मैरीकॉम के क्लब में शामिल हुआ उत्तराखंड का यह युवा खिलाड़ी

उत्तराखंड के युवा बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर विराट कोहली तथा ओलंपियन साइना नेहवाल और मैरी कॉम के क्लब में शामिल हो गए हैं। देश के इन तीन दिग्गज खिलाड़ियों सहित 100 से अधिक विश्व स्तरीय खिलाड़ियों को स्पांसर करने वाली न्यूट्रीशनल फूड प्रोडेक्ट बनाने वाली अंतरराष्ट्रीय कंपनी ‘हर्बल लाइफ’ ने लक्ष्य को अपने साथ जोड़ लिया है।

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हर्बल लाइफ के मंच पर साइना नेहवाल व मैरीकॉम के साथ लक्ष्य सेन

उल्लेखनीय है कि बुल्गारिया ओपन व इंडिया इंटरनेशनल बैडमिंटन टूर्नामेंट के विजेता उत्तराखंड के अल्मोड़ा निवासी बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन को ओलंपिक 2020 के लिए तैयार किया जा रहा है। ‘हर्बालाइफ न्यूट्रीशन’ कंपनी ने जून महीने से एक साल के लिए में लक्ष्य सेन के साथ करार किया है। जिसके तहत उन्हें अपने खेल के साथ कंपनी को भी कुछ समय देना होगा। बीती 9 जून को बेंगलुरु में आयोजित एक कार्यक्रम में कंपनी ने लक्ष्य का सार्वजनिक रूप से स्वागत किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने देश की शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी ओलंपिक मेडलिस्ट सायना नेहवाल और ओलंपिक मेडलिस्ट बॉक्सिंग खिलाड़ी मैरी कॉम के साथ मंच भी साझा किया। कार्यक्रम में लक्ष्य सेन का वीडियो प्रोमो भी चलाया गया, जिसमें लक्ष्य सेन के खेल और अभ्यास सत्र के दृश्य प्रदर्शित थे, साथ ही इस प्रोमो में लक्ष्य अपना परिचय देते भी नजर आए हैं। उत्तरांचल स्टेट बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव बीएस मनकोटी ने लक्ष्य के नये करार की पुष्टि की है।

यह भी पढ़ें : चार गुने से अधिक बढ़कर पांच अरब हुआ टोकियो ओलंपिक का बजट, पदक पहुंचेंगे दहाई में

51 करोड़ बढ़कर 1592 करोड़ हुआ देश में खेलों का बजट, साई व नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन का बजट भी बढ़ा

Rajiv Mehtaनवीन जोशी, नैनीताल। देश में पहली बार केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्री विजय गोयल खेलों के प्रति इतने अधिक गंभीर नजर आ रहे हैं। केंद्र सरकार की पहल पर भारतीय ओलंपिक संघ ने अभी से 2020 के ओलंपिक खेलों की तैयारी शुरू कर दी है। पहली बार ओलिंपिक खेलों का बजट एक बार में पिछले 120 करोड़ की जगह चार गुना से अधिक बढ़ाते हुए 500 करोड़ कर दिया है, वहीं देश में खेलों का कुल बजट भी पिछले वर्ष से 50.87 करोड़ बढ़ाकर 1592 करोड़ कर दिया गया है। इससे उत्तराखंड सहित अभी भी खेलों की मूलभूत ढांचागत सुविधाओं से वंचित एक दर्जन से अधिक राज्यों में खेल सुविधाओं का विस्तार हो सकेगा। बढ़े हुए खेल बजट से देश में खेल सुविधाएं बढ़ेंगी और आगे टोकियो ओलिंपिक में पदक कम से कम दहाई में पहुचेंगे। उत्तराखंड में 2018 में राष्ट्रीय खेल अपने नियत समय पर होंगे। इनके तहत नैनीताल की नैनी झील में देश की करीब एक दर्जन टीमों को शामिल कर सेलिंग की राष्ट्रीय प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी।

यह बात भारतीय ओलिंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता ने बुधवार को नैनीताल में बोट हाउस क्लब में एक विशेष भेंट में कही। कहा कि अभी भी 1947 में आजाद हुए सवा अरब से अधिक की जनसंख्या वाले भारत देश में करीब 20 लाख की जनसंख्या पर एक स्टेडियम है, जबकि हर एक लाख पर एक स्टेडियम होना चाहिए। वहीं देश में एस्ट्रोटर्फ युक्त मैदानों की संख्या केवल 117 है, जबकि एक-डेढ़ करोड़ की जनसंख्या वाले और भारत के साथ ही ही आजाद हुए हॉलेंड में 1200 एस्ट्रोटर्फ वाले मैदान हैं। यही स्थिति अर्जेटीना सहित अनेक देशों में है।

भारत में अब तक पूरे ओलंपिक खेलों का बजट 120 करोड़ था, जबकि इतना बजट तो विदेशों में प्रेक्टिस करने के लिये एक खेल के लिये जरूरी है। इन्ही समस्याओं की वजह से भारत को ओलंपिक में पदकों के लिये तरसना पड़ता है। बताया कि इधर केंद्र सरकार ने ओलंपिक के साथ ही स्पोर्ट्स एथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी साई का बजट भी 12 करोड़ बढ़ाकर 381 करोड़, नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन का 185 से बढ़ाकर 545.90 करोड़ कर दिया है, जिससे खेलों की तैयारियों व नीचे से खिलाड़ियों को आगे लाने में मदद मिलेगी। कहा कि भारत को सुविधाओं में अन्य देशों के बराबर आना पड़ेगा, तभी उनकी तरह पदकों की उम्मीद की जा सकती है। भारत के साथ ही आजाद हुआ दक्षिण कोरिया 2017-18 में शीत ओलिंपिक करा रहा है, और आगे ओलिंपिक कराने की कोशिश में है, जबकि भारत अभी यह सोचने की स्थिति में भी नहीं है। उन्होंने ओलंपिक में खेल मंत्री विजय गोयल के खेल एरीना में पहुंचने संबंधित विवाद में संबंधित खेल अधिकारियों की गलती बताई, वहीं पहलवान नर सिंह यादव के डोपिंग टेस्ट में फंसने के मामले में उम्मीद जताई कि मामले की जांच कर रही सीबीआई दूध का दूध-पानी का पानी करेगी।

भारत का ओलंपिक में अब तक प्रदर्शन

नैनीताल। भारत ने इस वर्ष रियो में हुए ओलंपिक खेलों में केवल एक स्वर्ण व एक रजत सहित कुल दो पदक जीते, जिसके साथ भारत के वर्ष 1900 से शुरू हुए ओलंपिक खेलों में नौ स्वर्ण पदकों सहित कुल 26 पदक हो गये। जबकि अमेरिका के एक दिग्गज खिलाड़ी तैराक माइकल फेल्प्स अकेले ही 25 पदक जीत चुके हैं। इससे पहले भारत ने वर्ष 2012 में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुये दो रजत व चार कांश्य पदक सहित कुल छह पदक जीते थे,  जबकि इससे पूर्व 2008 के बीजिंग ओलंपिक में एक स्वर्ण व दो रजत सहित कुल तीन और 2004 में एथेंस ओलंपिक में केवल एक रजत पदक जीता था । वहीं ओलंपिक में भारत ने सर्वाधिक आठ स्वर्ण, एक रजत व दो कांश्य सहित सर्वाधिक 11 पदक हॉकी में जीते हैं।

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