वाहनों की उम्र, सड़कों की बुरी स्थितियाँ व बुरा मौसम नहीं वाहनों की गति और लापरवाही दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण, दुर्घटनाओं के कारणों के चौंकाने वाले आँकड़े आए सामने…
नवीन समाचार, नैनीताल, 13 नवंबर 2024 (Reasons of Accidents and Preventive measures)। अल्मोड़ा के सल्ट क्षेत्र में हाल ही में हुई दर्दनाक सड़क दुर्घटना के गहरे दु:ख के बाद, देहरादून में छह युवक-युवतियों की अत्यधिक गति के कारण हुई मृत्यु ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। राज्य की सड़कों पर दुर्घटनाओं का बढ़ता ग्राफ चिंता का विषय बनता जा रहा है। पिछले 12 वर्षों में राज्यभर में सड़क दुर्घटनाओं में 11,000 से अधिक मौतें हो चुकी हैं।
परिवहन विभाग का अध्ययन
पिछले वर्षों में हुई सड़क दुर्घटनाओं के कारणों का विश्लेषण करने के लिए परिवहन विभाग ने वर्ष 2022 के आंकड़ों का अध्ययन किया। इसके परिणाम बेहद चौंकाने वाले रहे हैं:
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वाहन की आयु:
- पाँच साल से कम आयु के यानी नये वाहनों से 541 दुर्घटनाएं हुईं, और इनमें 364 मौतें दर्ज की गईं।
- जबकि पंद्रह साल से अधिक आयु के यानी पुराने वाहनों से सबसे कम 97 दुर्घटनाएं हुईं, और इनमें 94 मौतें हुईं।
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किनारे से टक्कर:
- किनारे से टक्कर के कारण 495 दुर्घटनाएं हुईं, और इनमें 265 लोगों की जान गई।
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सीधी सड़कों पर अधिक दुर्घटनाएं:
- सीधी सड़कों पर 1,276 दुर्घटनाएं हुईं, और इनमें 807 मौतें हुईं।
- घुमावदार और तीखे ढाल वाली सड़कों पर दुर्घटनाओं की संख्या अपेक्षाकृत कम रही।
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मौसम:
- साफ मौसम में 1,423 दुर्घटनाएं हुईं, और इनमें 917 लोगों की मृत्यु हुई।
- बारिश, धुंध या ओला-वृष्टि जैसे प्रतिकूल मौसम में दुर्घटनाओं की संख्या अपेक्षाकृत कम रही।
तेज गति: सबसे बड़ा कारण
वर्ष 2024 के जनवरी से सितंबर तक राज्य में कुल 1,311 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, और इनमें 770 लोगों की मृत्यु हुई तथा 1,145 लोग घायल हुए। इनमें से 78% दुर्घटनाओं का कारण अत्यधिक गति रही।
- वर्ष 2024 में तेज गति के कारण कुल 1,114 दुर्घटनाएं हुईं, और इनमें 643 लोगों की मृत्यु तथा 954 लोग घायल हुए।
- वर्ष 2023 और 2022 में भी 750 से अधिक मौतों का कारण अत्यधिक गति रही।
प्रशासन और चालकों की जिम्मेदारी
सड़क सुरक्षा के लिए ब्लैक स्पॉट को सुधारने और जागरूकता अभियान चलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। फिर भी वाहन चालकों में आत्मनुशासन की कमी दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में से एक है।
संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह का कहना है, “वाहन चालकों की एक-दूसरे से आगे निकलने की प्रवृत्ति जानलेवा साबित हो रही है। नियंत्रित गति ही सड़क सुरक्षा का सबसे बड़ा बचाव का साधन है।”
कार्रवाई की आवश्यकता
पुलिस द्वारा वर्ष 2024 में 19,957 तेज गति चालकों का चालान किया गया। हालांकि यह आंकड़ा केवल खानापूर्ति जैसा प्रतीत होता है।
- पुलिस का ध्यान तेज गति पर अंकुश लगाने से अधिक अन्य मामलों जैसे नो पार्किंग, बिना हेलमेट या दोपहिया वाहनों पर तीन सवारी पर केंद्रित रहता है।
- खासकर रात के समय सड़कें खाली होने पर तेज गति से वाहन चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
तेज गति पर अंकुश लगाने के लिए जरूरी कदम (Reasons of Accidents and Preventive measures)
- सख्त नियम लागू किए जाने चाहिए।
- जागरूकता अभियान बढ़ाए जाने चाहिए।
- चालकों को आत्मनुशासन अपनाने की आवश्यकता है।
- अंधी खाई वाले मोड़ों पर पैरापिट या क्रैश बैरियर और शीशे लगाए जाने चाहिए।
- वाहनों में अधिक गति को नियंत्रित करने के गवर्नर और टक्कर व खाई में गिरने से रोकने के सेंसर लगाए जाने चाहिए।
सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते आंकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि अगर अब भी सतर्कता नहीं बरती गई, तो हालात और भयावह हो सकते हैं। सड़क सुरक्षा और आत्मनुशासन ही इन दुर्घटनाओं को रोकने का एकमात्र समाधान है। (Reasons of Accidents and Preventive measures, Reasons of Accidents, Preventive measures, Road accidents, Uttarakhand)
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