‘नवीन समाचार’ के पाठकों के ‘2 करोड़ यानी 20 मिलियन बार मिले प्यार’ युक्त परिवार में आपका स्वागत है। आप पिछले 10 वर्षों से मान्यता प्राप्त- पत्रकारिता में पीएचडी डॉ. नवीन जोशी द्वारा संचालित, उत्तराखंड के सबसे पुराने, जनवरी 2010 से स्थापित, डिजिटल मीडिया परिवार का हिस्सा हैं, जिसके प्रत्येक समाचार एक लाख से अधिक लोगों तक और हर दिन लगभग 10 लाख बार पहुंचते हैं। हिंदी में विशिष्ट लेखन शैली हमारी पहचान है। आप भी हमारे माध्यम से हमारे इस परिवार तक अपना संदेश पहुंचा सकते हैं ₹500 से ₹20,000 प्रतिमाह की दरों में। यह दरें आधी भी हो सकती हैं। अधिक जानकारी के लिये यहां देखें और अपना विज्ञापन संदेश ह्वाट्सएप पर हमें भेजें 8077566792 पर।

 

यहां आपके विज्ञापन को कोई फाड़ेगा नहीं-बारिश से गलेगा भी नहीं, और दिखेगा ही : जी हां, हमें पता है कि आप अपने विज्ञापनों के पोस्टरों-होर्डिंगों के विरोधियों व प्रशासन के द्वारा फाड़े जाने और बारिश से गलने से परेशान हैं। तो यहां ‘नवीन समाचार’ पर लगाइये अपना विज्ञापन। यहां प्रतिदिन आपका विज्ञापन लगभग एक लाख बार लोगों को दिखाई देगा, और इस विश्वसनीय माध्यम पर आपको भी गंभीरता से लिया जाएगा । संपर्क करें: 8077566792 या 9412037779 पर।

October 18, 2024

हाय री व्यवस्था: भारत-पाक युद्ध में योगदान दिया, दो बेटे भी देश को सोंपे, फिर भी अस्थायी केबल ट्रॉली से वीर योद्धा को निकलना पड़ा अंतिम यात्रा पर

Problem Navin Samachar Hay ri Vyavastha

नवीन समाचार, हल्द्वानी, 13 सितम्बर 2024 (Indo-Pak Warriors last journey in Cable Trolley)। देश में विधायकों को सर्वाधिक वेतन-भत्ते देने वाले राज्य उत्तराखंड के नैनीताल जनपद में काठगोदाम-रानीबाग के निकट नैनीताल रोड के दूसरी ओर गौला नदी के पार नजर आने वाले दानीजाला गांव में एक वीर योद्धा की अंतिम यात्रा में आज उस समय बेहद भावुक और राज्य की आर्थिक स्थिति को आईना दिखाने वाला दृश्य उत्पन्न हो गया जब गांव में पुल न होने के कारण वीर योद्धा के शव को अस्थायी केबल ट्रॉली के माध्यम से गांव से गौला नदी के पार सड़क की ओर लाया गया। देखें वीडिओ :

हमेशा बरसात के मौसम में शेष दुनिया से कट जाता है दानीजाला गांव (Indo-Pak Warriors last journey in Cable Trolley)

उल्लेखनीय है कि यह गांव हमेशा ही बारिश के दिनों में शेष दुनिया से कट जाता है। आज भी मूसलाधार बारिश के कारण जहां  उफनती गौला नदी को पार करना असंभव हो गया था। इस कारण 1971 के भारत-पाक युद्ध में प्रतिभाग करने वाले 78 वर्षीय गोपाल जंग बसनेत का अंतिम संस्कार करने में मुश्किल खड़ी हो गयी। इस पर उनकी अर्थी को अस्थायी केबल ट्रॉली के माध्यम से सड़क तक पहुंचाया गया।

(Indo-Pak Warriors last journey in Cable Trolley) Big breaking :-भारत पाक वॉर के वीर योद्धा ने केबल ट्रॉली से की अंतिम यात्रा,  सिस्टम को आइना दिखाता यह वीडियो - News Heightउल्लेखनीय है कि दानीजाला ग्राम वासी दशकों से और आज भी गांव के लिये सड़क नहीं, बल्कि पैदल झूला पुल निर्माण की मांग कर रहे हैं। पुल न होने पर ग्रामीणों में सरकार के प्रति नाराजगी है और आंव की उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं।

दिवंगत वीर योद्धा के दो बेटे सहित गांव के कई युवा देश की सेवा में (Indo-Pak Warriors last journey in Cable Trolley)

गौरतलब है कि आज दिवंगत हुए स्वर्गीय बसनेत के दो बेटे भी भारतीय सेना में सेवारत हैं, और गांव के अन्य कई युवा भी देश की सेवा में हैं। इसके बावजूद दानीजाला गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। (Indo-Pak Warriors last journey in Cable Trolley)

आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे उत्तराखंड के नवीनतम अपडेट्स-‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यहां क्लिक कर हमारे व्हाट्सएप चैनल से, फेसबुक ग्रुप से, गूगल न्यूज से, टेलीग्राम से, एक्स से, कुटुंब एप से और डेलीहंट से जुड़ें। अमेजॉन पर सर्वाधिक छूटों के साथ खरीददारी करने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें यहाँ क्लिक करके सहयोग करें..। 

(Indo-Pak Warriors last journey in Cable Trolley, Problem News, Nainital News, Uttarakhand News, Haldwani News, Kathgodam, Danijala Village, Village Without Road, Alas, Indo-Pak war, last journey in a temporary cable trolley, last journey, temporary cable trolley, the system, He contributed in the Indo-Pak warrior, also gave his two sons to the country, yet the brave warrior had to go on his last journey in a temporary cable trolley,)

आप यह भी पढ़ना चाहेंगे :

You cannot copy content of this page