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December 21, 2024

हाय री व्यवस्था: भारत-पाक युद्ध में योगदान दिया, दो बेटे भी देश को सोंपे, फिर भी अस्थायी केबल ट्रॉली से वीर योद्धा को निकलना पड़ा अंतिम यात्रा पर

Problem Navin Samachar Hay ri Vyavastha

नवीन समाचार, हल्द्वानी, 13 सितम्बर 2024 (Indo-Pak Warriors last journey in Cable Trolley)। देश में विधायकों को सर्वाधिक वेतन-भत्ते देने वाले राज्य उत्तराखंड के नैनीताल जनपद में काठगोदाम-रानीबाग के निकट नैनीताल रोड के दूसरी ओर गौला नदी के पार नजर आने वाले दानीजाला गांव में एक वीर योद्धा की अंतिम यात्रा में आज उस समय बेहद भावुक और राज्य की आर्थिक स्थिति को आईना दिखाने वाला दृश्य उत्पन्न हो गया जब गांव में पुल न होने के कारण वीर योद्धा के शव को अस्थायी केबल ट्रॉली के माध्यम से गांव से गौला नदी के पार सड़क की ओर लाया गया। देखें वीडिओ :

हमेशा बरसात के मौसम में शेष दुनिया से कट जाता है दानीजाला गांव (Indo-Pak Warriors last journey in Cable Trolley)

उल्लेखनीय है कि यह गांव हमेशा ही बारिश के दिनों में शेष दुनिया से कट जाता है। आज भी मूसलाधार बारिश के कारण जहां  उफनती गौला नदी को पार करना असंभव हो गया था। इस कारण 1971 के भारत-पाक युद्ध में प्रतिभाग करने वाले 78 वर्षीय गोपाल जंग बसनेत का अंतिम संस्कार करने में मुश्किल खड़ी हो गयी। इस पर उनकी अर्थी को अस्थायी केबल ट्रॉली के माध्यम से सड़क तक पहुंचाया गया।

(Indo-Pak Warriors last journey in Cable Trolley) Big breaking :-भारत पाक वॉर के वीर योद्धा ने केबल ट्रॉली से की अंतिम यात्रा,  सिस्टम को आइना दिखाता यह वीडियो - News Heightउल्लेखनीय है कि दानीजाला ग्राम वासी दशकों से और आज भी गांव के लिये सड़क नहीं, बल्कि पैदल झूला पुल निर्माण की मांग कर रहे हैं। पुल न होने पर ग्रामीणों में सरकार के प्रति नाराजगी है और आंव की उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं।

दिवंगत वीर योद्धा के दो बेटे सहित गांव के कई युवा देश की सेवा में (Indo-Pak Warriors last journey in Cable Trolley)

गौरतलब है कि आज दिवंगत हुए स्वर्गीय बसनेत के दो बेटे भी भारतीय सेना में सेवारत हैं, और गांव के अन्य कई युवा भी देश की सेवा में हैं। इसके बावजूद दानीजाला गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। (Indo-Pak Warriors last journey in Cable Trolley)

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