शुभ समाचार : केवल 3 दिन में एमआई-17 से हो सकेंगे आदि कैलाश, ॐ पर्वत व कैलाश पर्वत के दर्शन
नवीन समाचार, देहरादून, 19 सितंबर 2024 (Adi Kailash-Om Parvat-Kailash Parvat Heli Yatra)। देवाधिदेव महादेव भगवान शिव के धाम आदि कैलाश, ॐ पर्वत के साथ कैलाश पर्वत के दर्शनों की इच्छा रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए शुभ समाचार है। अब उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित इन स्थानों की कठिन पहाड़ों और जोखिम भरे रास्तों से होने वाली यात्रा के साथ हेलीकॉप्टर से सुगम यात्रा का विकल्प एक बार पुनः खुलने जा रहा है। इस यात्रा में समय भी कम लगेगा, लेकिन किराया अधिक वहन करना पड़ेगा।
यह भी अच्छी बात है कि यदि आप उत्तराखंड से हैं तो राज्य सरकार से इस यात्रा के लिये आपको अनुदान भी मिलेगा। फिर भी यात्रा पर करीब दो गुना खर्च आएगा। पर्यटन विभाग श्रद्धालुओं के लिए एमआई-17 हेलीकॉप्टर सेवा शुरू कर रहा है। इस नई सेवा के माध्यम से श्रद्धालुओं को आसानी से आदि कैलाश व ॐ पर्वत के साथ दूर से चीन में स्थित कैलाश पर्वत के दर्शन भी कराए जाएंगे।
हवाई सेवा के लाभ (Adi Kailash-Om Parvat-Kailash Parvat Heli Yatra)
पहले श्रद्धालुओं को पैदल कठिन रास्तों से यात्रा करनी पड़ती थी, जिसमें समय और जोखिम दोनों अधिक हैं। इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलाश दौरे के बाद से यात्रा की लोकप्रियता में तेजी से वृद्धि हुई है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि नवंबर से इस हवाई सेवा की शुरुआत हो जाएगी। एमआई-17 हेलीकॉप्टर से श्रद्धालु ॐ पर्वत और कैलाश व्यू प्वाइंट के दर्शन भी कर सकेंगे।
किराया और यात्रा की अवधि
आदि कैलाश की यह हेलीकॉप्टर सेवा 3 दिन का पैकेज है, जिसका किराया 1,20,000 रुपये तय किया गया है। हालांकि उत्तराखंड सरकार इस यात्रा पर 30,000 रुपये का अनुदान भी दे रही है, जिससे श्रद्धालुओं को केवल 90,000 रुपये खर्च करने होंगे। दर्शन स्थलों की ऊंचाई 14,000 फीट से अधिक होने के कारण यात्रियों की आयु सीमा 55 वर्ष तक तय की गई है। यात्रा से पहले यात्रियों की स्वास्थ्य जांच भी कराई जाएगी।
यात्रा ऐसे होगी
हेलीकॉप्टर सेवा पिथौरागढ़ से शुरू होगी, जहां से एक बार में 15 यात्रियों को गुंजी पहुंचाया जाएगा। गुंजी से चार पहिया वाहन द्वारा श्रद्धालु नाभीढांग पहुंचेंगे, और वहां से ॐ पर्वत के दर्शन करेंगे। इसके बाद सेना और आईटीबीपी के जवानों की सुरक्षा में 9 किमी की यात्रा के बाद ओल्ड लिपुलेख दर्रे पर पहुँचेंगे, जहाँ से चीन में स्थित कैलाश पर्वत के दर्शन किए जा सकेंगे। इसके अलावा वापस गूंजी लौटकर अगले दिन जौलिंगकोंग से आदि कैलाश पर्वत के दर्शन भी किए जाएंगे। हालांकि यह भी है कि वाहन से भी पिथौरागढ़ से 1 से 2 दिन में आराम से कम खर्च में गुँजी पहुँचा जा सकता है।
सड़क यात्रा में फिलहाल बाधा, रुके इनर लाइन परमिट
इधर 16 सितंबर को तवाघाट के पास हुए भूस्खलन में बड़े पत्थरों के गिरने के कारण अभी आदि कैलाश यात्रा के लिए इनर लाइन पास जारी नहीं हो पा रहे हैं। धारचूला के प्रभारी उप जिलाधिकारी श्रेष्ठ गुनसोला ने बताया कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की गश्ती टीम द्वारा रास्ते की सुरक्षा की रिपोर्ट के बाद ही परमिट जारी किया जाएगा।
फिलहाल, धारचूला में 150 से ज्यादा श्रद्धालु रास्ता साफ होने का इंतजार कर रहे हैं। भूस्खलन में फंसे तमिलनाडु के 30 श्रद्धालुओं समेत 46 तीर्थयात्रियों को हेलीकॉप्टर की मदद से सुरक्षित निकाला गया। प्रशासन ने तब से इनर लाइन परमिट जारी करने का काम अस्थायी रूप से रोक दिया है। आगे पर्यटन विभाग के अधीन कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा यात्रा की व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान किसी प्रकार की कठिनाई न हो। (Adi Kailash-Om Parvat-Kailash Parvat Heli Yatra)
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