जिसे पिछले 70 साल से नहीं देखा, उसकी जमीन को जालसाजों ने बेच डाला, मंडलायुक्त ने पकड़ा जमीन घोटाला…

नवीन समाचार, हल्द्वानी, 26 अक्टूबर 2024 (Commissioner IAS Deepak Rawat Caught Land Scam)। जिसे लोगों ने पिछले 70 साल से नहीं देखा, उसकी जमीन का कुछ जालसाजों ने सौदा कर दिया। मामला मंडलायुक्त दीपक रावत की जन सुनवाई में पहुंचा तो धोखाधड़ी की परत-दर-परत खुलने लगी। पता लगा कि जमीन बेचने वालों ने रजिस्ट्री में अपना जो आधार कार्ड लगाया, वह भी फर्जी था। मामले की तह तक जाने के लिए मंडलायुक्त ने इसे लैंड फ्रॉड समिति में रखने के निर्देश दिए हैं। देखें वीडिओ :
आज हुई जन सुनवाई में बसगांव नैनीताल का यह मामला सामने आया। बसगांव के मनोज सिंह ने लगभग 13 नाली 7 मुट्ठी भूमि मुरलीधर जोशी और जयकिशन जोशी से खरीदी है। मनोज सिंह ने बताया कि भूमि के असली मालिक से वह कभी नहीं मिले। खुद को मालिक बताने वाले व्यक्ति से इसी साल 16 अगस्त को नैनीताल सब-रजिस्ट्रार के यहां रजिस्ट्री के लिए मिले। उन्होंने रजिस्ट्री में 14 लाख का चेक सबूत के तौर पर लगाया।
आधार कार्ड-मोबाइल नंबर फर्जी पाए गए
गांव वालों का कहना है कि जिनके नाम पर भूमि दर्ज है, उन दो व्यक्तियों को पिछले 70 सालों में कभी नहीं देखा गया। मामले की संदिग्धता को देखते हुए मंडलायुक्त ने रजिस्ट्री में बेचने वालों के आधार कार्ड की मौके पर ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर से जांच कराई। जांच में दोनों के आधार कार्ड नंबर फर्जी पाए गए।
जो मोबाइल नंबर खरीदार मनोज सिंह ने रजिस्ट्री में दिया है, वह भी हरीश पांडेय नामक व्यक्ति का निकला। जिसके नाम पर उसी दिन जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी हुई है, जो सीधे तौर पर जमीनों की खरीद-फरोख्त में धोखाधड़ी को दर्शाता है। इस पर आयुक्त ने मामले को लैंड फ्रॉड समिति में रखने, मामले की तह तक जाने और गहन जांच-पड़ताल की बात कही।
हरीश पांडेय और भगवंत भंडारी ने रचा पूरा षडयंत्र
इस बीच इस मामले में मनोज सिंह ने कहा है कि हरीश पांडेय और भगवंत भंडारी नामक व्यक्तियों ने पूरा षडयंत्र रचा। विक्रेताओं को भी वही लाए थे। हरीश भंडारी पेयजल योजना में लाइनमैन है।
विदेश भेजने के नाम पर ठगा, मौके पर दिलवाए पैसे
जन सुनवाई में धोखाधड़ी का एक अन्य मामला विदेश भेजने के नाम पर आया। पिथौरागढ़ थल के अशोक दिल्ली में एक होटल में काम करते थे। लगभग एक साल पहले गुरजिंदर सिंह नामक व्यक्ति से होटल में मुलाकात हुई। गुरजिंदर ने उन्हें मॉस्को भेजने का वादा किया और इसके एवज में एक लाख 73 हजार रुपये लिए, लेकिन मॉस्को नहीं भेजा। गुरविंदर सिंह ने आयुक्त के सामने गलती स्वीकार की और मौके पर अशोक को 40 हजार रुपये गूगल पे के माध्यम से लौटाए। शेष धनराशि 10 दिन के भीतर देने की बात कही।
जिसे मंडलायुक्त ने पकड़ा, उस पर एआरटीओ ने जुर्माना लगाया (Commissioner IAS Deepak Rawat Caught Land Scam)
दो दिन पहले मंडलायुक्त ने एमबीपीजी कॉलेज के पास 7:30 बजे के करीब जावेद नामक व्यक्ति को स्कूटी से चार लोगों के साथ पकड़ा था। इस पर आयुक्त ने शनिवार को एआरटीओ के साथ सभी को कार्यालय में तलब किया। एआरटीओ ने बताया कि जावेद के पास ड्राइविंग लाइसेंस व वाहन का इंश्योरेंस भी नहीं था। परिवहन विभाग ने उस पर 6,000 रुपये का जुर्माना लगाया और जावेद की स्कूटी भी एक माह के लिए सीज कर दी है।
इसके अलावा एक अन्य मामले में देवलचौड़ बंदोबस्ती कॉलोनीवासियों ने बताया कि उनकी कॉलोनी में 12 फीट का रास्ता था, लेकिन अतिक्रमण के कारण रास्ता 3 फीट हो गया है। आयुक्त ने कहा कि उक्त की जांच के उपरान्त ही कार्यवाही की जाएगी। (Commissioner IAS Deepak Rawat Caught Land Scam)
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