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October 17, 2024

केदारनाथ: भाजपा नेतृत्व चौंका सकता है प्रत्याशी चयन में, कांग्रेस प्रत्याशी चयन के साथ ही प्रभारियों की नियुक्ति पर दोफाड़ की स्थिति में !

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नवीन समाचार, देहरादून, 17 अक्टूबर 2024 (Kedarnath-BJP leadership may surprise-Congress)। केदारनाथ उपचुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस दोनों ओर से तैयारी तेज हो गयी है, किंतु भाजपा के खेमे से जहां समाचार है कि उन्होंने पार्टी के चयन के लिये केंद्रीय संसदीय दल को 6 नाम भेज दिये हैं, वहीं कांग्रेस के खेमे से अच्छा समाचार नहीं सुनाई दे रहा। पहली बात यह सामने आ रही है कि एक ओर प्रत्याशी चयन के लिये कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन महरा की राय नहीं ली गयी, वहीं दूसरी ओर के प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा और प्रदेश अध्यक्ष के बीच दूरियां और बढ़ गयी हैं। दोनों की ओर से केदारनाथ के अलग अलग प्रभारी नियुक्त कर दिये गये हैं।

भाजपा ने 6 नाम केंद्रीय संसदीय बोर्ड को भेजे

BJPसबसे पहले बात भाजपा की, और लंबे समय से केदारनाथ उपचुनाव की तैयारी में जुटी हुई है। बीते मंगलवार को निर्वाचन आयोग द्वारा उपचुनाव का कार्यक्रम जारी होने के बाद पार्टी ने प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर आये नामों पर राज्य संसदीय बोर्ड ने विचार के बाद 6 नाम-पूर्व विधायक आशा नौटियाल, कुलदीप रावत, चंडी प्रसाद भट्ट, ऐश्वर्या रावत, कुलदीप आजाद नेगी, और कर्नल अजय कोठियाल के नाम केंद्रीय संसदीय बोर्ड को भेज दिये हैं, जो इनमें से किसी एक नाम पर मुहर लगाएंगे।

यदि केंद्रीय नेतृत्व चौंकाये तो यह हो सकते हैं छुपे रुस्तम

बहुत संभावना है और यदि केंद्रीय नेतृत्व अधिकांश बारों की तरह चौंकाये नहीं तो दिवंगत विधायक स्वर्गीय शैलारानी रावत की पुत्री ऐश्वर्या रावत भाजपा की प्रत्याशी हो सकती हैं। और भाजपा नेतृत्व यदि चौंकाने की ठान ही ले तो पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत भी बिना चर्चा के अचानक प्रत्याशी घोषित हो जाएं तो आश्चर्य नहीं करना होगा।

बताया गया है कि इससे पहले रुद्रप्रयाग जिले से नौ नाम पैनल में भेजे गए थे, जिनमें पूर्व विधायक आशा नौटियाल, ऐश्वर्या रावत, दायित्वधारी चंडी प्रसाद भट्ट, कुलदीप रावत, कर्नल अजय कोठियाल, पूर्व दायित्वधारी दिनेश बगवाड़ी, राष्ट्रीय संगठन में रहे कुलदीप आजाद नेगी, प्रदेश उपाध्यक्ष शकुंतला जगवाण और पंकज भट्ट के नाम शामिल थे।

भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने बताया कि पार्टी ने रुद्रप्रयाग में संगठन द्वारा भेजे गए नामों पर गहन चर्चा की। पैनल में आये सभी नामों के संदर्भ में क्षेत्रीय, सामाजिक और सांगठनिक पहलुओं पर विचार विमर्श किया गया और सर्वसम्मति से नामों को केंद्रीय संसदीय बोर्ड को भेजने का निर्णय लिया गया।

कांग्रेस में खींचतान

(Kedarnath-BJP leadership may surprise-Congress)दूसरी ओर उत्तराखंड कांग्रेस के खेमे की बात करें तो पार्टी में गुटबाजी सतह पर आ गई है। कांग्रेस के एक खेमे का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस ने जिताऊ प्रत्याशी को लेकर सर्वे पूरा कर रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा को सौंप दी थी, लेकिन प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा की राय नहीं ली गई, जिससे माहरा नाराज हैं।

कांग्रेस के केद्रीय नेतृत्व द्वारा दो नए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति ने पार्टी में खींचतान को और बढ़ा दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माहरा ने दो पर्यवेक्षकों भुवन कापड़ी और वीरेंद्र जाती की नियुक्ति की थी, लेकिन दूसरे ही दिन प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा कुमारी ने प्रदेश अध्यक्ष से कोई विचार विमर्श किये बिना गणेश गोदियाल व लखपत बुटोला को पर्यवेक्षक बनाने के आदेश जारी किए।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले ही लोस चुनाव व बदरीनाथ, मंगलौर उपचुनाव से पहले महरा द्वारा नियुक्त जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को प्रदेश प्रभारी सैलजा ने नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। प्रदेश प्रभारी के ऐसे फैसलों से माहरा भी आहत हैं। वहीं उनके द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक भुवन कापड़ी और वीरेंद्र जाती ने अपना 18-19 अक्तूबर का केदारनाथ दौरा स्थगित कर दिया है। माना जा रहा है कि पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी के कारण यह निर्णय लिया गया है।

यह हैं कांग्रेस से टिकट की दौड़ में (Kedarnath-BJP leadership may surprise-Congress)

कांग्रेस पार्टी से पूर्व विधायक मनोज रावत, जिलाध्यक्ष कुंवर सजवाण व पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के नाम की टिकट के उम्मीदवारों के रूप में चर्चाएं हैं। ऐसे में जो स्थितियां नजर आ रही हैं उनसे बदरीनाथ और मंगलौर उपचुनाव में मिली जीत से उत्साहित कांग्रेस का उत्साह हरियाणा व जम्मू-कश्मीर में मिली हार व कमजोर जनसमर्थन के साथ केदारनाथ उपचुनाव में भी मनोबल गिराने वाला हो तो इसे कांग्रेसियों की अपनी गलतियों का परिणाम ही माना जाएगा। (Kedarnath-BJP leadership may surprise-Congress)

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