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October 18, 2024

नैनीताल के लिए भी गौरवपूर्ण रहा राष्ट्रपति मुर्मू का प्रथम उत्तराखंड आगमन पर स्वागत कार्यक्रम…

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Hemant Bishtनवीन समाचार, नैनीताल, 9 दिसंबर 2022। देश की दूसरी महिला एवं पहली आदिवासी राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का पहली बार उत्तराखंड आगमन पर मुख्यमंत्री आवास के भव्य मैदान में आयोजित स्वागत-सिविक रिसेप्सन एवं उत्तराखंड सरकार की नौ परियोजनाओं के शिलान्यास-लोकार्पण का कार्यक्रम में कार्यक्रम नैनीताल के लिए भी गौरवपूर्ण रहा। इस कार्यक्रम में संचालक (मास्टर ऑफ सेरेमनी) के रूप में नैनीताल के हेमंत बिष्ट दिखे। यह भी पढ़ें : एक चौकी के प्रभारी बदले गए, कारण बताया जा रहा चौंकाने वाला

श्री बिष्ट ने बताया कि इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति मुर्मु को राज्यपाल के हाथों हल्दू की लकड़ी की बनी श्रीकेदारनाथ मंदिर की प्रतिमूर्ति तथा मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों कण्डाली घास से बनी शॉल, एवं भौगोलिक संकेतांक यानी जीआई टैग युक्त उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक कला ऐपण से बनी साड़ी व थापे से युक्त प्रतीक चिन्ह भेंट किये गये। इस दौरान लोक कलाकारों ने उत्तरारवण्ड के सास्कृतिक वैविध्य को दर्शाते हुए सांध्य गीत, जौनसारी नृत्य, रासो नृत्य, रं लोक नृत्य व थारू नृत्य प्रस्तुत किए। यह भी पढ़ें : तीन बच्चों के पिता ने कर ली तीसरी शादी तो दोनों पत्नियां पहुंच गईं थाने, फिर हुआ जमकर हंगामा और…

इन सभी नृत्यों का सधा हुआ प्रभावशाली विवरण हेमंत बिष्ट ने अपने विशिष्ट अंदाज में प्रस्तुत किया। इसकी दर्शकों ने काफी सराहना की। इस दौरान राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने लक्ष्य सेन, शहीद मेजर राजेश अधिकारी, सुमित्रानन्दन पंत, बसंती बिष्ट व बछेन्द्री पाल आदि के नामों का उल्लेख किया तो दर्शक गर्व का अनुभव करने लगे। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : बॉलीवुड कलाकार हेमंत पांडे ने उठाया उत्तराखंड के लुप्त हो रहे वाद्य यंत्रों को बनाने वालों के संरक्षण का बीड़ा

-लोक वाद्यों की प्रदर्शनी लगाने, विद्यालयों में कार्यशालाएं आयोजित करने, इन वाद्यों को बजाने वालों के लिए विशेष आयोजन करने एवं सरकार की ओर से इन लोगों के लिए पूर्व मे घोषित योजनाओं का लाभ दिए जाने की जताई आवश्यकता

Hemant Pandey
सिने कलाकार हेमंत पांडे को प्रतीक चिन्ह भेंट करते आयोजक।

नवीन समाचार, नैनीताल, 17 अक्तूबर 2022। कृष सहित कई बॉलीवुड फिल्मों में पहाड़ की लोक संस्कति को अपने स्तर से बड़े परदे पर लाने वाले पहाड़ के कलाकार हेमंत पांडे ने अब पहाड़ के लुप्त हो रहे लोक वाद्यों को बनाने वाले कलाकारों व उनकी कला के संरक्षण के लिए कार्य करने की बात कही है। इसके लिए उन्होंने लोक वाद्यों की प्रदर्शनी लगाने, विद्यालयों में कार्यशालाएं आयोजित करने, इन वाद्यों को बजाने वालों के लिए विशेष आयोजन करने एवं सरकार की ओर से इन लोगों के लिए पूर्व मे घोषित योजनाओं का लाभ दिए जाने की आवश्यकता जताई है। यह भी पढ़ें : फिर बड़ी वारदात : दिनदहाड़े पुलिस कर्मियों पर बदमाशों ने की फायरिंग, दो पुलिस कर्मी घायल  

सोमवार को नगर के मनु महारानी होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में श्री पांडे ने कहा कि कुमाउनी लोक वाद्यों को बचाने वाले लोग अंतिम पीढ़ी में हैं। वह बचेंगे तो लोक वाद्य आगे भी बनेंगे और हम तक पहुंचेंगे। यह भी कहा कि कोई भी परिवर्तन सरकार से नहीं संस्कार से होता है। बच्चों में कपनी धरोहर, कला व संस्कति के बीज डालने जरूरी हैं। इसके लिए विद्यालयो में संस्कृति विभाग की ओर से बच्चों को इन लोक वाद्यों को खेल-खेल में बनाने व बजाने का ज्ञान देने की कार्यशालाएं आयोजित करने जरूरत है। यह भी पढ़ें : शादी का झांसा देकर युवती से दुष्कर्म करने का आरोपित गिरफ्तार

इस भेंट वार्ता के आयोजक रन टु लिव संस्था के संस्थापक हरीश तिवारी ने कहा कि पारंपरिक वाद्य यंत्र केवल ड्रॉइंग रूम की शोभा बन कर रह गए हैं। गीत-संगीत में इन लोक वाद्यों का अधिक से अधिक प्रयोग हो, इसके प्रयास होने चाहिए। इस विषय पर वृत्त चित्र बनाने वाले पिथौरागढ़ से जुड़े कैलाश ने कहा कि खासकर खाल से इन लोक वाद्यों को बनाने वाले लोग अब गिने-चुने रह गए हैं, और वह भी उम्र के आखिरी पड़ाव पर हैं। इनका डाटाबेस बनाए जाने और सरकार से इनके संरक्षण की जरूरत है। यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग: हल्द्वानी के 2 स्पा सेंटरों से मुक्त कराई गईं 10 युवतियां

‘धाद’ संस्था एवं ‘धाद सुनो’ यूटयूब चैनल के माध्यम से पहाड़ की लोक संस्कृति, लोक गीत आदि के कलाकारों को आगे ला रहे रविकांत राजू ने कहा कि लोक वाद्य बनाने वालों के साथ लोक वाद्य बचेंगे तो इनके साथ लोक संगीत, लोक जीवन, रीति-रिवाज, लोक देवी-देवताओं के प्रति आस्था भी बचेगी। यह भी कहा गया कि केवल लोक वाद्यों को बचाने की एकतरफा मुहिम की जगह लोक बोली को भी बचाने तथा शादी-व्याह में ब्रास बैंड की जगह पारंपरिक छोलिया नर्तकों के साथ लोक वाद्यों को बजाने की परंपरा भी लौटानी होगी। यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग: हल्द्वानी के 2 स्पा सेंटरों से मुक्त कराई गईं 10 युवतियां

इस दौरान सोलन घाटी में 14 घंटे में 4300 मीटर की ऊंचाई वाले ट्रेक पर 60 किमी की दौड़ पूरी करने वाले नगर के एकेश तिवारी व साइकिल पर 15 हजार किमी चलकर देश भर का चक्कर लगाकर एशियन बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करने वाले धावक सागर देवराड़ी को सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर मनु महारानी होटल के राजेंद्र रावत भी मौजूद रहे। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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