फिर आंदोलित हुईं आशा कार्यकत्रियां, किया प्रदर्शन, प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन…

नवीन समाचार, नैनीताल, 16 फरवरी 2024। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एवं संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आशा कर्मियों सहित सभी योजनाओं की कमियों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने तथा अन्य लंबित मांगों को लेकर आशाओं ने शुक्रवार को नैनीताल में प्रदर्शन किया, और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही डीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा। इस दौरान आशाएं एक दिवसीय हड़ताल पर भी रहीं।
यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने कहा कि राज्य के ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य सेवा की बुनियाद के रूप में आशा कार्यकत्रियां सेवा देती आ रही हैं। आशाओं की सेवाओं का ही प्रतिफल है, कि सरकारी संस्थागत प्रसव और जन्म मृत्यु की दर में उल्लेखनीय स्तर तक उपलब्धि हासिल हुई है। मातृ शिशु मृत्यु दर में भी राष्ट्रीय स्तर पर प्रसंशनीय कमी के अलावा कई उपलब्धियां हासिल हुई हैं। कोरोना महामारी के समय महामारी संबंधी विभिन्न निरोधात्मक कार्यक्रम को भी आशाओं ने अपनी जान जोखिम में डाल कर पूरी मुस्तैदी व लगन के साथ पूरा पूरा किया। लेकिन सरकार ने पिछले एक दशक से से आशाओं की मेहनताना राशि (प्रोत्साहन राशि) व सेवा शर्तों में कोई वृद्धि नहीं की है।
पिछले दिनों सरकार की ओर जारी बजट में भी आशाओं की अनदेखी की गई। उन्होंने कहा कि आशाओं की मुख्य मांगों में आशा वर्कर्स को नियमित मासिक वेतन देने, राज्य कर्मचारी का दर्जा व सेवानिवृत्त होने पर सभी आशाओं को अनिवार्य पेंशन का प्रावधान किया जाए। सेवानिवृत्त होने वाली आशा वर्कर्स को जब तक पेंशन योजना का लाभ नहीं दिया जाता तब तक रिटायरमेंट के समय एकमुश्त 10 लाख का भुगतान किया जाए। पल्स पोलियो अभियान के दौरान आशाओं को मेहनताना दिया जाए, आदि शामिल हैं।
प्रदर्शन करने वालों में हेमा, दीपा, बबीता, गीता, मुन्नी बिष्ट, दुर्गा टम्टा, भगवती, प्रभा, ममता, नीलम, अनीता, सुनीता आदि शामिल रहीं।
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