अलविदा भारतीय फिल्मोद्योग की ‘नगीना’ पाँच फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त पहली सुपरस्टार अदाकारा ‘जूली’, ‘चांदनी’, ‘चालबाज’..
अलविदा भारतीय फिल्मोद्योग की ‘नगीना’ पाँच फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त पहली सुपरस्टार अदाकारा ‘जूली’, ‘चांदनी’, ‘चालबाज’, ‘चांद का टुकड़ा’, ‘चंद्रमुखी’, ‘रूप की रानी’, ‘अक्लमंद’, ‘शेरनी’, ‘मॉम’ पद्मश्री श्रीदेवी बोनी कपूर अयप्पन !
आप 24 फरवरी 2018 की रात्रि ‘सुहागन’ रहते हुए अपने चाहने वालों को ‘मिस्टर इंडिया’ सी दुनिया से ओझल होकर हमेशा के लिए ‘जुदाई’-‘सदमा’ दे गयी हैं। आपको दिल की गहराइयों से असीम अश्रुपूरित श्रद्धांजलि !!!
आपकी मृत्यु का कारण बाथटब में दुर्घटनावश डूबना बताया गया, परन्तु इससे पूर्व चिकित्सकों ने मृत्यु के लिए ‘साइलेंट हार्ट अटैक’ को खौफनाक कारण बताया।
आपकी मृत्यु के साथ ‘साइलेंट हार्ट अटैक’ का खतरा भी विमर्श में आ गया है। यह मौका है जब हम इस खतरे के बारे में गंभीरता से जानें, और इससे बचने का प्रबंध करें।
क्या कहते हैं चिकित्सक :
- दिल के दौरे संबंधी लगभग आधे मामलों में लक्षण प्रकट ही नहीं होते हैं
- जागरूकता, नियमित स्वास्थ्य जांच और जीवन शैली में परिवर्तन से इस स्थिति को शुरुआत में ही रोका जा सकता है
इस बारे में श्री राममूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज बरेली के सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट एवं डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. दीप चंद्र पंत ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि भारत में लगभग 50 प्रतिशत दिल के दौरे 50 साल से कम उम्र वालों को पड़ते हैं, जिनमें से 25 प्रतिशत मामलों में उम्र 40 वर्ष से कम होने का अनुमान है। शहरी क्षेत्रों में रहने वालों को तीन गुना अधिक जोखिम रहता है। इसके अतिरिक्त, कोरोनरी आर्टरी रोग वालों में ‘साइलेंट हार्ट अटैक’ की संभावना 25 से 50 प्रतिशत अधिक होती है।
उन्होंने बताया कि दिल के दौरों के लगभग आधे मामलों में कोई स्पष्ट लक्षण नजर नहीं आते और ऐसे दौरे चुपके से आते हैं। दिल के साइलेंट दौरे में जरूरी नहीं कि सीने में दर्द, ठंडे पसीने और सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण दिखायी दें। दिल का साइलेंट दौरा पड़ने से मृत्यु का जोखिम लक्षणों वाले दिल के दौरे के समान ही होता है। जागरूकता की कमी से यह स्थिति और बिगड़ सकती है। इसका पता तभी चल सकता है जब इलेक्ट्रो कार्डियोग्राम (यानी ECG) लिया जाये और हृदय की मांसपेशियों को हुए नुकसान पकड़ में आ जाये।
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‘साइलेंट हार्ट अटैक’ के लक्षणों में थकान या शारीरिक परेशानी, नींद न आना या कुछ सामान्य उम्र संबंधी दर्द और गले या छाती में हल्का दर्द शामिल हैं। इन्हें अक्सर सामान्य तकलीफ मान कर अनदेखा कर दिया जाता है या गैस्ट्रिक रिफलक्स, अपच और दिल में जलन आदि से जोड़ दिया जाता है। साथ ही लक्षण इतने हल्के होते हैं कि अक्सर उन पर पूरी तरह से किसी का ध्यान नहीं जा पता है। साइलेंट हार्ट अटैक पड़ने के बाद उसी व्यक्ति को एक और दिल का दौरा पड़ने का खतरा बना रहता है, जो घातक साबित हो सकता है। इससे हृदय की विफलता जैसी अन्य जटिलताओं की संभावना भी बढ़ जाती है। दिल का साइलेंट अटैक पुरुषों एवं महिलाओं दोनों में हो सकता है। हालांकि, मृत्यु दर महिलाओं में अधिक पायी गयी है और इसके पीछे वजह यह हो सकती है कि उन्हें कई बार घर और काम दोनों को मैनेज करना होता है जिससे तनाव उत्पन्न हो सकता है। इस कंडीशन के लिए अन्य जोखिम वाले कारकों में हृदय रोग, मधुमेह, मोटापा और उच्च रक्तचाप जैसी लाइफस्टाइल से जुड़ी कमियां और इस रोग संबंधी पारिवारिक इतिहास प्रमुख है।’
डाॅ. पंत ने आगे कहा, ‘दिल के साइलेंट दौरे का सही कारण तो निर्धारित नहीं किया जा सकता है, लेकिन आर्टिरियोस्कलेरोसिस इसका एक प्रमुख कारक है। इस तकलीफ वाले लोगों में, शरीर की रक्त वाहिकाओं में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। शारीरिक या भावनात्मक तनाव की स्थिति में, हृदय सहित अन्य अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन एवं पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते हैं। इससे दिल का दौरा पड़ सकता है (साइलेंट या लक्षणों के साथ)। इस कंडीशन का पता इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम और इकोकार्डियोग्राम जैसे परीक्षणों से चल सकता है।
इससे बचाव के लिए जरूरी है कि आपका ब्लड प्रेशर उच्चतम रेंज (120 सिस्टोलिक और 80 डाइस्टोलिक एमएमएचजी से कम) में रहे। लोगों को लक्षणों से अवगत होना चाहिए, एक स्वस्थ जीवन शैली को अपनाना चाहिए और नियमित जांच करवाते रहना चाहिए। ऐसा करने से साइलेंट हार्ट अटैक को रोका जा सकता है।’
जानें क्या हुआ था आखिरी पलों में श्रीदेवी के साथ :
जब बोनी कपूर ने श्रीदेवी को बाथरूम में देखा था तो वह उस समय वह बेसुध बाथटब में पड़ी हुई थीं। दुबई के खलीज टाइम्स ने भारतीय दूतावास के हवाले से उस रात की पूरी कहानी बताई है। खलीज टाइम्स के अनुसार बोनी कपूर और श्रीदेवी को दुबई से मुंबई के लिए निकलना था लेकिन मुंबई आने से पहले बोनी कपूर अपनी पत्नी श्रीदेवी को एक स्पेशल सरप्राइज देना चाहते थे। वह श्रीदेवी को डिनर के लिए ले जाना चाहते थे। उन्होंने शाम को श्रीदेवी को अपने प्लान के बारें में बताया, श्रीदेवी तुरंत तैयार हो गईं। दोनों ने 15 मिनट एक-दूसरे से बात की। फिर श्रीदेवी तैयार होने के लिए वॉशरूम में चली गईं। बोनी कपूर उस दौरान श्रीदेवी का इंतजार कर रहे थे। जब वह कुछ देर तक बाहर नहीं आईं, तो बोनी ने दरवाजा खटखटाया। इसके बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला, तो बोनी ने धक्का मारकर दरवाजा खोला।
दरवाजा खुलते ही बोनी ने देखा कि श्रीदेवी बेसुध बाथ टब में पड़ी हुई हैं। उनके शरीर में कोई हरकत नहीं हो रही थी। बोनी ने श्रीदेवी को होश में लाने की कोशिश की, लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद बोनी ने अपने दोस्त को फोन किया। करीब रात 9 बजे पुलिस को इस बारे में सूचना दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस और चिकित्सा सहायक मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक मिस ‘हवा-हवाई’ इस दुनिया को अलविदा कह चुकी थीं।
दिल के दौरे के लिए कई उपचार विकल्प उपलब्ध हैं। खून के थक्के बनने से समस्या बढ़ सकती है, जिसे रोकने में एस्पिरिन जैसी दवा मदद कर सकती है। रक्त के थक्के रोकने के लिए कुछ प्रकार के एंटीप्लेटलेट भी लिये जा सकते हैं। थ्रोम्बोलाइटीक थेरेपी (क्लॉट बस्टर) का उपयोग करके हृदय धमनियों में बने रक्त के थक्के को तोड़ा जा सकता है। अन्य उपचारों में शामिल हैं- एंजियोप्लास्टी (एक स्टेंट डालकर संकरी या अवरुद्ध धमनियों के माध्यम से रक्त का प्रवाह बहाल करने की प्रक्रिया), कृत्रिम हृदय वाल्व सर्जरी (रोगग्रस्त हृदय वाल्व की जगह स्वस्थ वाल्व लगाना), बाईपास सर्जरी (दिल की मांसपेशियों में रक्त प्रवाह के लिए नया मार्ग बना कर अवरुद्ध हृदय धमनियों का इलाज करना), कार्डियोमायोप्लास्टी और हृदय का प्रत्यारोपण (एक रोगग्रस्त दिल को हटा कर दान में मिला एक स्वस्थ मानव हृदय लगाना)।
साइलेंट हार्ट अटैक या हृदय संबंधी अन्य बीमारियों को रोकने के लिए कुछ उपाय : –
- फलों व सब्जियों, साबुत अनाज और ओमेगा-3 फैटी एसिड से समृद्ध आहार का उपभोग करें। नमक, सेचुरेटेड फैट, मिठाई, रेड मीट और ट्रांस फैट का सेवन कम से कम करें। हृदय की सेहत ठीक रखने वाले आहार पर फोकस होना चाहिए।
- मैडिटेशन या योग जैसी विश्राम तकनीकों से तनाव कम करें। हार्ट अटैक के लिए मानसिक तनाव एक प्रमुख कारक है और इससे बचना चाहिए।
- धूम्रपान छोड़ें। अनुसंधान बताता है कि जो लोग दिन में पांच से कम सिगरेट पीते हैं, उनमें दिल की समस्या के शुरुआती लक्षण मिल सकते हैं।
- अपने ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को चेक कराते रहें। प्रारंभिक स्टेज में नियमित जांच कराएं और रोकथाम के उपाय करें।
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई कोई भी जानकारी या संपूर्ण जानकारी डॉ. दीप चंद्र पंत, सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट एवं एचओडी, डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन, श्री राममूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, बरेली के स्वतंत्र विचार हैं। इस लेख को सामान्य जानकारी देने और शैक्षिक उद्देश्यों से प्रकाशित किया गया है।