डाक विभाग की दो अच्छी व बुरी खबरें
प्रधान डाकघर में मिलेगी क्यूआर कोड से नगदी रहित लेनदेन की सुविधा
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 9 मई 2022। नगर के मल्लीताल स्थित प्रधान डाकघर में डाक एवं मेल सेवाओं के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत नगदी रहित क्यूआर कोड सेवा शुरू कर दी गई है। इस सेवा के लागू होने से अब उपभोक्ता पोस्ट आफिस में बिना नगदी के ही रजिस्ट्री, पार्सल, स्पीड पोस्ट, टिकट लेने के लिए क्यूआर कोड के माध्यम से ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे। डाकपाल आईके दास ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहह सभी प्रधान डाकघरों में लागू हो रही इस सुविधा के लागू होने से उपभोक्ताओं को कई बार खुले पैंसों की होने वाली दिक्कत भी नहीं होगी, साथ ही समय की बचत भी होगी।
पत्रिकाओं के पतों पर न पहुंचने से खराब हो रही डाक विभाग की छवि
नैनीताल। डाक विभाग जहां एक ओर आधुनिकीकरण की ओर बढ़ रहा है, और पुराने दौर की तरह चिट्ठियां भेजने का काम भी बेहद सीमित हो गया है। इसके बावदजूद डाक विभाग के माध्यम से गैर पंजीकृत चिट्ठियों के गंतव्य तक पहुंचने में काफी समस्याएं आ रही हैं।
खासकर डाक पंजीयन की सुविधा युक्त पत्र-पत्रिकाओं के सामने इस कारण बड़ी समस्या आ रही है। कुमाऊं मंडल से प्रकाशित होने वाली दो प्रमुख पत्रिकाओं कुमगढ़ एवं पहरू डाक विभाग की ओर से आ रही इन समस्याओं के कारण बुरी तरह से परेशान हैं। उनके द्वारा अपने ग्राहकों को नियमानुसार पूरे टिकट लगाकर भेजी जा रही पत्रिकाएं अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पा रही हैं। यहां तक कि अपने ही जनपद में भी पत्रिकाएं नहीं पहुंच पा रही हैं।
कुमगढ़ पत्रिका के संपादक दामोदर जोशी ‘देवांशु’ ने बताया कि काठगोदाम या हल्द्वानी के डाकघरों में डाली जा रही पत्रिकाएं नैनीताल, भवाली, भीमताल या रामनगर के ग्राहकों को भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। उधर अल्मोड़ा से प्रकाशित पहरू पत्रिका के संपादक हयात सिंह रावत ने बताया कि उनकी पत्रिका भी कई बार विभाग में शिकायत दर्ज कराने के बावजूद हल्द्वानी, रामनगर, काशीपुर व रुद्रपुर के ग्राहकों तक नहीं पहुंच पा रही है। इससे पत्रिकाओं के साथ ही डाक विभाग की छवि भी खराब हो रही है। इस बारे में प्रवर अधीक्षक डाकघर हरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि वह मामले की जांच कराएंगे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : नैनीताल में 100 वर्ष से पुरानी ऐतिहासिक धरोहर का किया गया संरक्षण
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 19 अगस्त 2021। डाक विभाग ने जिला व मंडल मुख्यालय में लगी लेटर बॉक्स यानी पत्र पेटियों के जीर्णोद्धार की पहल की गई है। नगर के मल्लीताल स्थित मुख्य पोस्ट ऑफिस के तत्वावधान में नगर में बचे 13 पत्र पेटिकाओं की लंबे समय बाद मरम्मत व रंग-रोगन किया गया है।
नगर के नैनीताल हेड पोस्ट ऑफिस के पोस्टमास्टर इंद्र कुमार दास ने बताया कि नगर में कई पत्र पेटियां अंग्रेजी दौर की एवं 100 वर्ष से भी पुरानी यानी ऐतिहासिक और विरासत महत्व की हैं। पूर्व में नगर में 23 पत्र पेटियां थीं, किंतु कई स्वयं एवं कई असामाजिक तत्वों द्वारा क्षतिग्र्रस्त किए जाने के कारण वर्तमान में केवल 13 पेटियां बची हैं।
इनमें भी लोग पत्रों की जगह कूड़ा व पत्थर डाल देते हैं। पत्रों का चलन कम होने के बावजूद अब भी यदाकदा इनकी उपयोगिता बनी हुई है। श्री दास ने जनता से अपील की है कि वह इन ऐतिहासिक विरासतों का संरक्षण और सदुपयोग करें। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : आज से अस्तित्व में आ गया देश का सबसे बड़ा बैंक, मिलेगा 1.5 फ़ीसद अधिक ब्याज
जी हां, आज से देश का सबसे बड़ा बैंक ‘इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक’ अस्तित्व में आ गया है। भारतीय डाक विभाग केे अधीन इस बैंक की स्वतः ही देश भर में मौजूद डाक घरों के रूप मेंं सर्वाधिक 650 बड़े केंद्र व 1.55 लाख डाकघर विरासत में मिलने जा रही हैं। इसके अलावा इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की एक तय समय के अंदर 5,000 एटीएम भी शुरू करने की भी योजना है।
ख़ास बात यह भी है कि इस बैंक में सामान्य बचत जमा से 1.5 फीसदी ज्यादा ब्याज मिलेगा, और यह पेटीएम के बाद तीसरा ऐसा पेमेंट बैंक होगा। अप्रैल से पूरे देश में इसका नेटवर्क काम करना शुरू करेगा।
पूर्व आलेख: उत्तराखंड के डाकघरों में भी अब मिलेंगी अत्याधुनिक ‘ई-बैंकिंग’ सुविधाएं
-राज्य के हर जिले में मार्च तक ‘इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक’ खोलने की तैयारी
-राज्य भर में 2700 से अधिक डाकघरों के जरिए दूरस्थ गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को भी मिलेगी मोबाइल व इंटरनेट बैंकिंग तथा डेबिट कार्ड के साथ आधुनिक बैंकिंग सुविधाएं
-अधिकतम एक लाख रुपए तक रखे जा सकेंगे इस ‘खर्चे वाले खाते’ में
नवीन जोशी, नैनीताल। एक दौर में ‘मनीऑर्डर अर्थव्यवस्था’ के दौर में राज्य की आर्थिकी को अपने कंधों पर थामने वाले उत्तराखंड के डाकघर एक बार उसी संदर्भ में मुख्य भूमिका में आने जा रहे हैं। राज्य के समस्त बैंकों से अधिक संख्या में मौजूद डाकघर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वित्तीय समावेशन यानी हर व्यक्ति तक अत्याधुनिक डिजिटल तकनीक युक्त मोबाइल व इंटरनेट बैंकिंग और डेबिट कार्ड के जरिए बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने का माध्यम बनने जा रहे हैं। योजना के तहत आगामी मार्च माह से उत्तराखंड के सभी जिलों में एक-एक यानी कुल 13 शाखाएं खुलने जा रही हैं, जो आगे ग्रामीण डाकघरों से जुड़कर अपने खाताधारकों को उनके घर पर अत्याधुनिक डिजिटल ई-बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराएंगी।उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी की ‘डिजिटल इंडिया’ की मुहिम के तहत केंद्रीय दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय मार्च 2017 से ‘इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक’ कंपनी के माध्यम से पेटीएम पेमेंट बैंक की तर्ज पर देश भर में 650 शाखाओं युक्त ‘इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक’ खोलने जा रहा है। उत्तराखंड सौभाग्यशाली है कि देश के सभी जिलों में नहीं, किंतु राज्य के हर जिले में इसकी एक-एक यानी कुल 13 शाखाएं खुलने जा रही हैं। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत आगे 30 सितंबर 2018 तक राज्य के सभी डाकघरों के उपभोक्ताओं को अत्याधुनिक सुविधाओं युक्त बैंकिंग सुविधाएं घर बैठे दी जानी हैं। अन्य पेमेंट बैंकों से इतर डाक विभाग के पेमेंट बैंक में जमा धन पर ब्याज भी मिलेगा, तथा अधिकतम एक लाख रुपए तक जमा किए जा सकेंगे, और इस ‘खर्चे वाले’ कहे जा रहे खाते में जमा धन पर ब्याज भी देय होगा। इस खाते से धनराशि जमा करने या निकालने के लिए अन्य बैंकों की तरह एटीएम से मुफ्त ‘ट्रांजेक्शन्स’ तथा न्यूनतम धनराशि जमा रखने की सीमा भी सीमित नहीं होगी, तथा अगले चरण में इस खाते के जरिए अन्य बैंकों की मदद से ऋण लेने की सुविधा भी प्रदान की जा सकती है। वरिष्ठ डाक अधीक्षक एसएस कंडवाल ने बताया कि छह चरणों में शुरू हो रही इस योजना के तहत खाते से एटीएम से धन के आहरण के साथ ही बिजली, पानी व डीटीएच आदि के बिल जमा करने, मोबाइल रिचार्ज व दूसरों के खाते में धनराशि ‘ट्रांसफर’ करने की सुविधा भी उपलब्ध होंगी। साथ ही डाकिये अपने पास मौजूद मशीन के जरिए गांव में ही चलते-फिरते एटीएम जैसी सुविधा भी देंगे।
उत्तराखंड में बैंकिंग से बड़ा है डाक विभाग का नेटवर्क
नैनीताल। उत्तराखंड में सभी बैंक और उनकी शाखाएं एक ओर और अकेले डाक विभाग की शाखाएं एक ओर रखी जाएं तो डाक विभाग भारी बैठता है। राज्य में जहां सभी बैंकों की कुल शाखाएं जहां 2215 बताई जाती हैं, वहीं डाक विभाग की 205 शाखाएं शहरों में व 2513 शाखाएं ग्रामीण क्षेत्रों में मिलाकर कुल 2718 शाखाएं हैं। इसके साथ ही यह भी है कि बैंकों की शाखाएं जहां शहरी, अर्ध शहरी और अधिकतम सड़कों के किनारे के ग्रामीण क्षेत्रों तक हैं, वहीं डाकघर की शाखाएं कई किमी पैदल मार्गों पर भी स्थित हैं।
अब सिर्फ 300 रुपए में डाक टिकटों पर छपवाइए अपनी ‘सेल्फ़ी’
जानें सेल्फी का पूरा इतिहास यहाँ क्लिक करके
-जनता की घटती रुचि के मद्देनज़र आम जन को विभाग से जोड़ने के लिए डाक विभाग शुरू कर रहा अनूठी पहल
नवीन जोशी, नैनीताल। सामान्यतया डाक टिकटों पर देश की महान हस्तियों, अवसरों, इमारतों आदि की फोटो देखकर कई बार मन में चाह उठती है कि काश, हमारे फोटो, हमारी अपनी सेल्फ़ी भी डाक टिकटों पर छपती। इस चाह को सच साबित करने की राह अब आसान हो गई है। अब कोई भी व्यक्ति मात्र 300 रुपए में अपनी खुद की, बच्चों, परिजनों अथवा परिचितों की और यहां तक कि अपनी खींची हुई किसी स्थान, प्राकृतिक दृश्य, अवसर आदि किसी भी प्रकार की फोटो को बकायदा डाक विभाग के माध्यम से डाक टिकट पर छपवा सकते हैं। और ऐसा करना कुछ अधिक महंगा भी नहीं है। केवल 300 रुपए देकर अपने मनचाहे फोटो युक्त डाक टिकट छपवाए जा सकते हैं। इस धनराशि में पांच-पांच रुपए के 12 यानी कुल 60 रुपए के टिकट की एक शीट भी विभाग से प्राप्त होगी। व्यवसायिक कंपनियों के लिए भी यह सुविधा उपलब्ध होगी। अलबत्ता उन्हें इसके लिए कम से कम 500 शीटें छपवानी हांेगी, यानी कम से कम डेढ़ लाख रुपए खर्च करने होंगे।
उल्लेखनीय है कि डाक विभाग से भले आम जन का जुड़ाव कम हुआ हो, लेकिन आज भी अनेक लोग अलग-अलग प्रकार के डाक टिकटों का संग्रह करते हैं। लोगों की इसी चाह को केंद्रित कर केंद्रीय डाक विभाग ने गत दिवस नागपुर से इस अनूठी योजना की शुरुआत की थी, जो कि अब उत्तराखंड में भी लागू होने जा रही है। इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति चयनित बड़े डाकघरों में जाकर वहां मौजूद सुविधा के जरिए खुद की फोटो खिंचवा सकता है, अथवा पहले से खींची फोटो दे सकता है। योजना के लिए शर्तें भी कुछ खास नहीं हैं। केवल अपनी पहचान के प्रमाण पत्र विभाग को उपलब्ध कराने हैं। उपलब्ध कराए जाने वाले पांच रुपए के सभी डाक टिकटों में एक ओर उपलब्ध कराई गई फोटो और दूसरी ओर किसी फूल, पंछी आदि के फोटो भी प्रकाशित किए जाएंगे।
इस आकर्षक योजना के पीछे डाक विभाग का उद्देश्य खुद से दूर कोरियर कंपनियों की ओर जाते आम जन को वापस अपने पास लाना है। साथ ही अपनी फोटो डाक टिकट पर छपवाने के पीछे विभाग का कहना है कि अब तक देश के हीरो, आदर्श व्यक्तियों की फोटो ही डाक टिकटों पर छपती है, लेकिन खुद के लिए हर व्यक्ति हीरो होता है। लिहाजा हर कोई चाहेगा कि उसकी फोटो डाक टिकटों पर छपे। इस तरह जहां एक ओर सीधे योजना के जरिए विभाग की आय होगी, वहीं लोग उपलब्ध कराए गए डाक टिकटों का पत्र भेजने में भी उपयोग करेंगे। एक व्यक्ति यदि अपनी फोटो युक्त डाक टिकटों से कोई डाक अपने परिचितों को भेजेगा, तो वह भी योजना के प्रति आकर्षित होंगे, और इस प्रकार योजना का स्वतः ही प्रचार होता जाएगा। नैनीताल मुख्यालय के बड़े डाकघर में भी शीघ्र ही यह योजना शुरू होने जा रही है। पोस्टमास्टर जीएस बर्गली ने बताया कि योजना की जानकारी लेने के लिए उनके एक कर्मचारी मुख्यालय गए हुए हैं।