‘नवीन समाचार’ के पाठकों के ‘2 करोड़ यानी 20 मिलियन बार मिले प्यार’ युक्त परिवार में आपका स्वागत है। आप पिछले 10 वर्षों से मान्यता प्राप्त- पत्रकारिता में पीएचडी डॉ. नवीन जोशी द्वारा संचालित, उत्तराखंड के सबसे पुराने, जनवरी 2010 से स्थापित, डिजिटल मीडिया परिवार का हिस्सा हैं, जिसके प्रत्येक समाचार एक लाख से अधिक लोगों तक और हर दिन लगभग 10 लाख बार पहुंचते हैं। हिंदी में विशिष्ट लेखन शैली हमारी पहचान है। आप भी हमारे माध्यम से हमारे इस परिवार तक अपना संदेश पहुंचा सकते हैं ₹500 से ₹20,000 प्रतिमाह की दरों में। यह दरें आधी भी हो सकती हैं। अधिक जानकारी के लिये यहां देखें और अपना विज्ञापन संदेश ह्वाट्सएप पर हमें भेजें 8077566792 पर।

 

यहां आपके विज्ञापन को कोई फाड़ेगा नहीं-बारिश से गलेगा भी नहीं, और दिखेगा ही : जी हां, हमें पता है कि आप अपने विज्ञापनों के पोस्टरों-होर्डिंगों के विरोधियों व प्रशासन के द्वारा फाड़े जाने और बारिश से गलने से परेशान हैं। तो यहां ‘नवीन समाचार’ पर लगाइये अपना विज्ञापन। यहां प्रतिदिन आपका विज्ञापन लगभग एक लाख बार लोगों को दिखाई देगा, और इस विश्वसनीय माध्यम पर आपको भी गंभीरता से लिया जाएगा । संपर्क करें: 8077566792 या 9412037779 पर।

October 18, 2024

उत्तराखंड में पिछले 15 वर्षों में 34 प्रतिशत बढ़ गये गुलदार, इसलिये हो रहे हमले, क्या है समाधान ?

0

Leoperd increased by 34 percent in last 15 years

Update on 22 Year old girl Missing from house

नवीन समाचार, नैनीताल 27 फरवरी 2024 (Leoperd increased by 34 percent in last 15 years)। उत्तराखंड में कमोबेश हर रोज गुलदारों द्वारा मानवों पर हमलों की घटनाएं सामने आ रही हैं। इन हमलों के पीछे सबसे बड़ी वजह गुलदारों की लगातार बढ़ रही संख्या है। पिछले 16 सालों में प्रदेश में गुलदार चार गुना बढ़ गए हैं। जो आने वाले वक्त में इंसानों के लिए बड़े खतरे की घंटी है।

वन विभाग के अनुसार प्रदेश में 2008 में गुलदारों की संख्या का आकलन किया गया था। तब राज्य में 2335 गुलदार पाए गए थे। जबकि 15 वर्ष बाद 2023 में गुलदारों की गणना की गई, तो गुलदारों की संख्या 3115 पाई गई है। यानी पिछले 15 साल में प्रदेश में गुलदार की संख्या करीब 34 फीसदी बढ़ गई है। गुलदारों की संख्या में सबसे अधिक वृद्धि पौड़ी, देहरादून, मसूरी, अल्मोड़ा, नैनीताल, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में दर्ज की गई है।

गुलदारों ने पिछले वर्ष 18 लोगों की जान ली (Leoperd increased by 34 percent in last 15 years)

Leoperd increased by 34 percent in last 15 years, Unfortunate, Woman Suicide Dehradun, Hotel men, Maut, Disaster, Youth committed suicide, Youth, Suicide, Aatmhatya, Atmhatya, Yuva ne ki Aatmhatya, Yuvak ne ki Aatmhatya, Yuvti ne ki Aatmhatya, Drowned their Friend in Water,वर्ष 2023 में गुलदारों के हमलों से राज्य में 18 लोगों की जानें गईं। जबकि 98 लोग घायल हुए। इनमें चार वनकर्मी भी शामिल थे। गुलदारों की जनसंख्या नियंत्रण को लेकर पिछले कुछ सालों से वन विभाग व भारतीय वन्यजीव संस्थान मिलकर काम भी कर रहे हैं। लेकिन अभी तक जनसंख्या नियंत्रण का कोई उपाय नहीं निकल पाया है।

50 से अधिक गुलदार हैं कैद (Leoperd increased by 34 percent in last 15 years)

उत्तराखंड में आदमखोर हो चुके या अपंग हो चुके 50 से अधिक गुलदार विभिन्न रेस्क्यू सेंटर व चिड़ियाघरों में कैद हैं। जिनको कभी जंगल में नहीं छोड़ा जाएगा। जबकि पिछले पांच सालों में करीब 20 से अधिक गुलदारों का नरभक्षी घोषित होने के बाद मार डाला गया है।

बाघों की संख्या बढ़ने से जंगलों से दूर हो रहे गुलदार (Leoperd increased by 34 percent in last 15 years)

वन्यजीव विशेषज्ञों की मानें तो जहां बाघ रहता है, उसके आसपास गुलदार नहीं रहते। आंकड़ों के अनुसार बाघों वाले क्षेत्रों में गुलदार की संख्या एक हजार से भी कम आंकी गई है, जो कि इस बात का प्रमाण है। जंगलों में बाघों की संख्या भी राज्य में लगातार बढ़ रही है। इस कारण जंगलों में इनका आधिपत्य होता जा रहा है। जो गुलदारों को जंगलों से बाहर कर आबादी के आसपास धकेल रहा है। इससे गुलदारों के साथ मानव का संघर्ष बढ़ रहा है।

गुलदारों को राज्य के बाहर भेजने की भी उठ रही मांग (Leoperd increased by 34 percent in last 15 years)

उत्तराखंड में गुलदारों की संख्या के साथ इनके द्वारा मानवों की जान लेने की घटनाएं बढ़ने के दृष्टिगत गुलदारों को प्रदेश से बाहर अन्य प्रदेशों-देशों, वहां के चिड़ियाघरों आदि में ले जाने की मांग भी उठ रही हैं। कहा जा रहा है कि जब दूसरे देशों से देश में चीतों को लाया जा सकता है तो गुलदारों को राज्य से बाहर क्यों नहीं ले जाया जा सकता है। वहीं कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि वास्तव में गुलदार मानव बस्तियों में नहीं आ रहे, बल्कि मानव वन्य जीवों के क्षेत्र में अपने लालच की वजह से हस्तक्षेप कर रहा है, और जान गंवाकर इसकी कीमत भुगत रहा है। (Leoperd increased by 34 percent in last 15 years)

आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यहां क्लिक कर हमारे व्हाट्सएप चैनल से, फेसबुक ग्रुप से, गूगल न्यूज से, टेलीग्राम से, कू से, एक्स से, कुटुंब एप से और डेलीहंट से जुड़ें। अमेजॉन पर सर्वाधिक छूटों के साथ खरीददारी करने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें सहयोग करें..। (Leoperd increased by 34 percent in last 15 years)

Leave a Reply

आप यह भी पढ़ना चाहेंगे :

You cannot copy content of this page