नैनीताल में 10 माह बाद भी नहीं हुआ हाईकोर्ट के आदेश का पालन, कोर्ट ने सरकार पर लगाया 20 हजार का जुर्माना
नवीन समाचार, नैनीताल, 17 मई 2023। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करीब 10 माह बाद भी न होने पर सरकार पर नाराजगी जताई है और सरकार पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। यह जुर्माना संबंधित इंजीनियर को भुगतना होगा। यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में बड़ा हाई प्रोफाइल दहेज-तलाक संबंधी मामला, विवाहिता के अपने आरोप, पर विवाहिता पर 100 करोड़ रुपए व विधानसभा की सीट मांगने के बड़े आरोप..
प्राप्त जानकारी के दरअसल नैनीताल के कृष्णापुर वार्ड के पूर्व सभासद डीएन भट्ट ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर कहा था कि कृष्णापुर को नैनीताल से जोड़ने वाला मार्ग रईस होटल के पास हुए भूस्खलन में बह गया था। इस कारण क्षेत्र के स्कूली बच्चे, कर्मचारी सहित सभी लोग जेल की ओर से पैदल नैनीताल को आ रहे हैं, लेकिन वरिष्ठ नागरिकों, अस्वस्थ जनों व गर्भवती महिलाओं को वीरभट्टी, ज्योलीकोट होते हुए नैनीताल आना पड़ रहा है। यह भी पढ़ें : ‘सा…कु…’ ऐसे शब्दों ने ले ली आंटी की बेहद वीभत्स तरीके से जान, हल्द्वानी के चर्चित मामले का सनसनीखेज खुलासा
यह भी कहा कि कृष्णापुर और वीरभट्टी के बीच भी मार्ग बारिश में बंद हो जाता है। इससे आपातकालीन स्थिति में सड़क मार्ग तक पहुंचना मुश्किल होता है। जबकि, इस क्षेत्र की आबादी 4 हजार से ज्यादा है। उच्च न्यायालय के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने हल्द्वानी रोड के कूड़ा खड्ड से कृष्णापुर को संपर्क मार्ग से जोड़ने का प्रस्ताव बनाया था। यह भी पढ़ें : युवती का शव मिलने से सनसनी..
याचिकाकर्ता के अनुसार बीते साल 29 जून को उच्च न्यायालय ने सरकार (लोक निर्माण विभाग) नैनीताल से इस बारे में चार सप्ताह के भीतर स्टेटस रिपोर्ट न्यायालय में पेश करने के निर्देश दिए थे, लेकिन यह रिपोर्ट अब तक भी पेश नहीं हुई है। इस पर मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने लोक निर्माण विभाग के संबंधित इंजीनियर पर 20 हजार का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि जुर्माना जमा होने के बाद स्टेटस रिपोर्ट न्यायालय में पेश की जाए। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।