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November 8, 2024

भाजपा नेता से जुड़े दुष्कर्म मामले में आरोपित मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर रोक संबंधी याचिका खारिज

High Court of Uttarakhand Nainital Navin Samachar

नवीन समाचार, नैनीताल, 18 सितंबर 2024 (Petition of Mukesh Bora seeking stay dismissed) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने लालकुआं के भाजपा नेता से जुड़े दुष्कर्म मामले में आरोपित दुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर रोक संबंधी प्रार्थनापत्र को खारिज कर दिया है। न्यायालय का कहना है कि ऐसे गंभीर अपराध के आरोपित को अंतरिम राहत देने से जांच में बाधा उत्पन्न हो सकती है और वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है।

उत्तराखंड हाईकोर्ट का सख्त रुख: आरोपित को नहीं मिली अंतरिम राहत, गिरफ्तारी की संभावना (Petition of Mukesh Bora seeking stay dismissed)

(Petition of Mukesh Bora seeking stay dismissed)पीड़िता की ओर से उपस्थित अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की एकलपीठ में 17 सितंबर को हुई सुनवाई के बाद न्यायालय ने मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर रोक के प्रार्थनापत्र पर आदेश सुरक्षित रखा था। आज अदालत की वेबसाइट पर अपलोड हुए निर्णय में एकलपीठ ने कहा कि आरोपित किसी भी प्रकार की अंतरिम राहत के योग्य नहीं है। इसलिए उनकी गिरफ्तारी पर रोक संबंधी याचिका को खारिज किया जाता है। इस आदेश के बाद पुलिस अब मुकेश बोरा के विरुद्ध जारी गैर-जमानती वारंट के आधार पर उसे गिरफ्तार कर सकती है।

उल्लेखनीय है कि 13 सितंबर को उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर 17 सितंबर तक की रोक लगाई थी। न्यायालय ने बोरा को जांच में सहयोग करने और प्रतिदिन अल्मोड़ा कोतवाली में उपस्थिति दर्ज कराने का निर्देश दिया था। 17 सितंबर को न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान मुकेश बोरा के अधिवक्ता की ओर से बताया गया कि उन्हें झूठा फंसाया गया है और वे जांच में सहयोग कर रहे हैं।

सरकार और पीड़िता की ओर से यह भी कहा गया कि आरोपित ने अब तक वह मोबाइल फोन प्रस्तुत नहीं किया है जिसमें उसकी पीड़िता से बातचीत होती थी। इसके अलावा काठगोदाम के होटल में किये गए हस्ताक्षरों का मिलान किया जाना शेष है, इसलिए आरोपित की गिरफ्तारी आवश्यक है। अदालत ने इन सभी आधारों पर मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर रोक और लालकुआं थाने में दर्ज अभियोग को निरस्त करने की याचिका खारिज कर दी। (Petition of Mukesh Bora seeking stay dismissed)

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