नवीन समाचार, नैनीताल, 5 मार्च 2024 (Big leaders of Congress Party dont want contest)। एक दौर था जब कांग्रेस से टिकट मिल जाने का मतलब बिना वोट मांगे भी जीतना होता था। उस दौर में कई अनाम चेहरे भी कांग्रेस के टिकट पर विधायक व सांसद बने। तब कांग्रेस से टिकट पाने के लिये दावेदारों में जर्बदस्त मारामारी होती थी।
लेकिन बदले वक्त में कांग्रेस पार्टी से उसके बड़े नेता ही चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं, ऐसे में कल यानी बुधवार 6 मार्च को कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व उत्तराखंड की कम से कम तीन सीटों पर प्रत्याशियों के रूप में इन नां कहने वाले बड़े नेताओं को जबरन टिकट थमा सकता है।
यह कर चुके हैं नां (Big leaders of Congress Party dont want contest)
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का नाम पिछले काफी समय से अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सुरक्षित सीट के लिए चर्चा में है। लेकिन मीडिया में चल रही चर्चाओं के अनुसार आर्य अल्मोड़ा से चुनाव नहीं लड़ना चाहते। इसी तरह टिहरी लोकसभा सीट के लिए पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह नाम शुरू से आगे रहा है।
यहां तक कि उनके कांग्रेस छोड़कर भाजपा के टिकट पर टिहरी से चुनाव लड़ने की भी चर्चा रही। ऐसे में दो दिन पूर्व भाजपा से माला राज्यलक्ष्मी को भाजपा से टिकट मिलने की घोषणा के बाद प्रीतम कहते सुने गये कि कम से कम अब उनके भाजपा में जाने की अटकलों को विराम लग जाएगा। गौरतलब है कि प्रीतम सिंह दिल्ली जाकर प्रदेश प्रभारी के सामने अपनी चुनाव न लड़ने की इच्छा का इजहार कर चुके हैं।
उधर हरिद्वार से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत शुरू में तो खुद चुनाव लड़ने की बात कहते रहे, लेकिन बाद में उन्होंने खुद की जगह अपने बेटे का नाम हरिद्वार से आगे कर दिया। पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत भी हरिद्वार से अपनी दावेदारी वापस ले चुके हैं। एक बार फिर से भाग्य आजमाना चाहते हैं, लेकिन वो गाहे बेगाहे अपनी दावेदारी पीछे करते हुए अपने बेटे का नाम आगे बढ़ा देते हैं। नेता प्रतिपक्ष आर्य हाल में ही चुनाव लड़ने से इंकार कर चुके हैं। (Big leaders of Congress Party dont want contest)
यही स्थिति अन्य सीटों पर भी है। केवल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा हैं जो कहीं से भी चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं। उनके अलावा जो भी प्रत्याशी विभिन्न सीटों से चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं, जिनमें से कुछ अब तक ग्राम प्रधान या सभासद का चुनाव भी नहीं लड़े हैं। और उनकी मंशा लोकसभा का चुनाव लड़ने से अधिक अपना नाम भविष्य की राजनीति के लिये आगे करने की अधिक है। (Big leaders of Congress Party dont want contest)
अलबत्ता अब बताया जा रहा है कि बुधवार को कांग्रेस का नेतृत्व अपने आंकलन के अनुसार विभिन्न सीटों पर सबसे मजबूत प्रत्याशी को उतारने की घोषणा कर सकती है। (Big leaders of Congress Party dont want contest)
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