नवीन समाचार, नैनीताल, 19 सितंबर 2023 (Hospital Atikraman)। बीडी पांडे जिला चिकित्सालय में गत 14 सितंबर से यानी पिछले 6 दिनों से चल रहे अतिक्रमित भवनों को ध्वस्त करने का कार्य मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। आज लगातार दूसरे दिन जेसीबी मशीनों ने जिला चिकित्सालय की भूमि पर बने भवनों पर चढ़ाई की। मशीनें पहले दिन ध्वस्त भवनों की पहली मंजिल पर चढ़कर कुछ 3-4 मंजिले भवनों को ध्वस्त करने में जुटी रहीं।
इस दौरान काफी मजबूती से बने इन भवनों को तोड़ने में जेसीबी मशीनों को भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इस कारण आज अपेक्षित संख्या में भवनों का ध्वस्तीकरण नहीं हो पाया। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पूरे अतिक्रमणों को ध्वस्त करने में उम्मीद से कुछ अधिक समय लग सकता है। अलबत्ता प्रशासन ने 50 फीसद अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर लिये जाने और तीन दिनों में समस्त अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर लेने का विश्वास जताया है।
यह भी हुआ कि स्थानीय लोगों की ओर से किसी भी तरह का विरोध न होने के कारण मंगलवार को मौके पर पुलिस एवं प्रशासनिक बलों की संख्या सीमित रही, और बिना किसी समस्या के अभियान चला।
अलबत्ता, ध्वस्तीकरण अभियान से क्षेत्र में भवनों की जगह मलबे का पहाड़ सा बन गया है। पेयजल व सीवर की अनेक लाइनों के साथ क्षेत्र के मार्ग ध्वस्त हो गये हैं। दिन भर बिजली भी काटी जा रही है। इससे क्षेत्रीय लोगों को काफी समस्यायें आ रही हैं। अलबत्ता आज शाम तक इंटरनेट ब्रॉडबेंड सेवा बहाल होने से लोगों ने राहत की सांस ली है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 18 सितंबर 2023 (Hospital Atikraman)। बीडी पांडे जिला चिकित्सालय में पिछले 4 दिनों से चल रहा ध्वस्तीकरण अभियान सोमवार को जेसीबी मशीनों के जोर पकड़ गया और प्रभावित क्षेत्र के साथ पूरा इलाका तीन भीमकाय जेसीबी मशीनों के पीले पंजों की गरज से दहल उठा। इनके घरों की दीवारों, कॉलमों व लिंटरों पर चोट मारने से क्षेत्र के सुरक्षित घरों में भी कंपन और लोगों के दिलों पर थर्राहट महसूस की गयी।
सुबह 8 बजे से एडीएम फिंचा
राम व शिवचरण द्विवेदी की मौजूदगी में एवं भारी पुलिस बलों की उपस्थिति में शुरू हुईं यह मशीनें पूरे दिन में एक-दो बार थमने के अलावा देर शाम तक काम पर डटी रहीं। यहां तक कि अपराह्न में तेज मूसलाधार वर्षा के दौरान भी यह काम में लगी रहीं। इस प्रकार शाम तक इन मशीनों द्वारा करीब एक दर्जन भवनों को ध्वस्त कर लिया गया है। देखें आज पूरे दिन हुई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का वीडियो:
इसके बाद पूरा क्षेत्र घरों की ईंट, लोहे की सरिया, सीमेंट-कंक्रीट व खिड़की-दरवाजों के मलबे से पट गया है। क्षेत्र की बिजली और पानी के साथ ही इंटरनेट, केबिल एवं सीवर की लाइनें भी जेसीबी मशीनों की वजह से क्षतिग्रस्त हो गयी हैं। पुराने रास्ते तो नजर भी नहीं आ रहे हैं। इस कारण यहां से गुजरने वाले अन्य लोग भी अत्यधिक परेशान हैं। आगे प्रशासन मंगलवार तक कार्य पूरा कर लेने की बात कर रहा है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 15 सितंबर 2023 (Hospital Atikraman)। बीडी पांडे जिला चिकित्सालय नैनीताल एवं जिला प्रशासन नैनीताल की पहल पर जिला चिकित्सालय की भूमि पर अतिक्रमित भवनों को ध्वस्त करने के लिये शुक्रवार से प्रशासन के मजदूरों ने घन बरसाने शुरू कर दिये हैं। इससे क्षेत्र के प्रशासन द्वारा चिन्हित लगभग 36 अतिक्रमित भवनों को ध्वस्त करने का अभियान जोर पकड़ गया है। इससे क्षेत्र में मलबे का ढेर लग गया है। क्षेत्र के आसपास की अन्य बसासत के लिए क्षेत्र से आवाजाही का मार्ग होने के कारण लोगों का गुजरना मुश्किल हो गया है। देखें आज पूरे दिन हुई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का वीडियो:
उल्लेखनीय है कि इससे पहले गुरुवार सुबह से बिना किसी विरोध के लोगों ने अपने भवनों को स्वयं खाली कर तोड़ना शुरू कर दिया था। इस प्रकार अब लोगों के घरों का पूरा सामान खाली हो चुका है, और अब लोग घरों के मलबे से दरवाजे, खिड़कियां व टिन की चादरें आदि बटोर रहे हैं। जबकि क्षेत्र में कबाड़ी सक्रिय हो गये हैं, और मलबे से लोहे की रेलिंग-सीढ़ियां, लिंटर की सरिया व टिन की चादरें आदि बटोर या कौड़ियों के दाम पर खरीद रहे हैं।
इधर अभियान की अगुवाई एडीएम शिव चरण द्विवेदी के निर्देशन में एसडीएम प्रमोद कुमार द्वारा की जा रही है। श्री कुमार लगातार मौके पर मौजूद रहे। अलबत्ता आज जरूरत के अनुसार पुलिस व प्रशासनिक बलों की गुरुवार के मुकाबले कम संख्या मौजूद रही।
अनसुनी का आरोप
नैनीताल। उधर क्षेत्रवासी अब भी प्रशासन पर उनका पक्ष न सुनने का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना व दावा है कि जिला चिकित्सालय के पास अपनी जमीन के नक्शे व दाखिल खारिज न होने तथा क्षेत्र में काबिज लोगों के पास दाखिल खारिज होने तथा उनके द्वारा समस्त तरीके से करों का भुगतान करने के बावजूद उनके आशियानों को ढहाया जा रहा है। वहीं अन्य लोगों का कहना है जब सरकारी भूमि पर अतिक्रमण होता है, तब प्रशासन कहां सोया रहता है। खासकर जिला चिकित्सालय की भूमि पर अतिक्रमण तो 1992 से यानी करीब 31 वर्षों से हुआ है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 14 सितंबर 2023 (Hospital Atikraman)। बीडी पांडे जिला चिकित्सालय नैनीताल एवं जिला प्रशासन नैनीताल की पहल पर जिला चिकित्सालय की भूमि पर अतिक्रमित भवनों को हटाने का कार्य गुरुवार सुबह से बिना किसी विरोध के तेजी से शुरू हो गया है। लोग बीती शाम से ही घरों को खाली करने में जुट गये थे, और पूरी रात्रि घरों के सामान को अन्यत्र ले जाने का कार्य चलता रहा। देखें वीडियो:
जबकि सुबह से लोगों ने स्वयं ही अपने घरों को तोड़ना शुरू कर दिया। पुलिस व प्रशासनिक बलों के पहुंचने के बाद कार्य में और तेजी आ गयी। ड्रोन कैमरों से ध्वस्तीकरण अभियान पर लगातार नजर रखी जा रही थी। इस दौरान अपनी जीवन भर की पूंजी लगाकर बनाये गये घरों से बेदखल हो रहे लोगों का दर्द रह-रहकर फूटता रहा।
कई महिलाएं दहाड़ें मार-मारकर रोने लगीं, जबकि कई बेहोश भी हो गयीं। पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी उन्हें ढांढस बंधाते देखे गये। वहीं सामाजिक सरोकारों से जुड़े कई इस दौरान प्रभावितों को चाय, पानी और भोजन के पैकेट भी उपलब्ध करा रहे हैं।
आज ही नोटिस-आज ही ध्वस्तीकरण
नैनीताल। ध्वस्तीकरण अभियान में यह बात उल्लेखनीय रही कि जिला प्रशासन की ओर से एक दिन पूर्व लोगों से 15 सितंबर की शाम तक घरों को खाली करने की मुनादी करायी गयी थी, लेकिन आज 14 सितंबर को बीडी पांडे जिला चिकित्सालय की ओर से अतिक्रमित भवनों पर नोटिस चिपकाकर तत्काल हटने के आदेश दिये गये। साथ ही प्रशासन की ओर से आज ही अपनी देखरेख में ध्वस्तीकरण अभियान शुरू कर दिया गया।
इनके दुःख-समस्याएं भी देखिये सरकार
नैनीताल। ध्वस्त हो रहे घरों में कई ऐसे लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने कुछ ही महीनों पहले लाखों रुपये खर्च कर यह घर खरीदे थे और उनके मूल मालिक रुपये लेकर जा चुके हैं, वहीं अनेक लोग 30 वर्षों से यहां संजोयी अपनी यादें आज बीत रहे एक दुःस्वप्न की तरह भुलाना चाहकर भी न भूल सकने योग्य दुःख के साथ आंखों में आंसुओं की धारा लेकर जाने को मजबूर हैं।
घर छोड़कर जाने वालों में कई नवजात व छोटे बच्चे भी हैं जो हालातों को समझ नहीं पा रहे हैं, तो कई ऐसे उम्रदराज बुजुर्ग भी शामिल हैं, जो अपने पैरों पर चलकर अपने घर छोड़कर जाने की स्थिति में नहीं हैं। वहीं क्षेत्र के हजारों लोग इन घरों के खाली होने के बाद जिला चिकित्सालय की भूमि पर मौजूद परंपरागत रास्तों के बंद होने को लेकर आशंकित हैं।
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यह भी पढ़ें : Hospital Atikraman : जिला चिकित्सालय की भूमि पर काबिज लोगों की बिजली-पानी काटे, 2 दिन में खाली करने के आदेश, बिलख पड़ी महिलाएं….
नवीन समाचार, नैनीताल, 13 सितंबर 2023 (Hospital Atikraman)। जिला मुख्यालय स्थित बीडी पांडे जिला चिकित्सालय की भूमि पर अतिक्रमण के मामले में बुधवार को अतिक्रमणकारियों की उत्तराखंड उच्च न्यायालय से आखिरी उम्मीद भी समाप्त हो गयी। बुधवार को उत्तराखंड उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने मामले की सुनवायी करने के बाद अतिक्रमणकारियों को किसी तरह का स्थगनादेश दिये बिना सिविल न्यायालय जाने को कह दिया।
इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेशों पर बीडी पांडे जिला चिकित्सालय की चार्टन लॉज कंपाउंड के अंतर्गत अतिक्रमित भूमि को कब्जे में लेने के प्रयास तेज हो गये हैं। प्रशासन की ओर से अतिक्रमण की जद में चिन्हित लोगों के घरों की बिजली और पानी काटने की कार्रवाई प्रारंभ कर दी गयी है।
साथ ही क्षेत्र में मुनादी कर लोगों को 15 सितंबर की शाम तक घर खाली करने को कह दिया गया है। क्षेत्र में आज करीब 40 अतिक्रमित भवनों के ध्वस्तीकरण के लिए पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी, एसडीएम प्रमोद कुमार व राहुल शाह, एसपी-अपराध जगदीश चंद्रा, सीओ नितिन लोहनी, नगर कोतवाल धर्मवीर सोलंकी आदि घूम-घूमकर तैयारियां करते रहे।
बिजली-पानी कटने से आक्रोश
नैनीताल। घरों को खाली करने से पहले ही बिजली-पानी काटने पर स्थानीय लोगों, खासकर महिलाओं ने कड़ा आक्रोश जताया। घरों के टूटने व बेदखल होने के अहसास से महिलाएं बिलख पड़ीं। उनका अधिकारियों से कहना था कि जब उन्होंने यहां घर बनाये तब जिला चिकित्सालय ने यहां अपनी संपत्ति होने का कोई बोर्ड नहीं लगाया था। वह 30-35 वर्षों से यहां रहते हुए बिजली, पानी व सीवर आदि के साथ भवन कर दे रहे हैं। उनके यह कर लौटाए जायें, तब वह घर खाली करेंगे।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 12 सितंबर 2023 (Hospital Atikraman)। जिला प्रशासन की ओर से उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेशों पर बीडी पांडे जिला चिकित्सालय की चार्टन लॉज कंपाउंड के अंतर्गत अतिक्रमित भूमि को कब्जे में लेने के प्रयास तेज हो गये हैं। प्रशासन की ओर से घरों को चिन्हित कर स्वयं खाली करने के आदेश दिये गये हैं। बिजली एवं पानी के संयोजनों को भी काटने के लिए चिन्हित किया जा रहा है।
इन स्थितियों के बीच प्रभावित लोगों ने देश के प्रधानमंत्री से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री, राज्यपाल व मानवाधिकार आयोग आदि को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है। साथ ही आरोप लगाया है कि उनके पास अपनी जमीनों की रजिस्ट्री के साथ दाखिल खारिज तक हैं, जबकि जिला चिकित्सालय जिस भूमि को अपना बता रहा है, उसके पास उसके नक्शे और दाखिल खारिज नहीं हैं। आरोप लगाया है कि असली नक्शे की बजाय अमोनिया प्रिंट द्वारा तैयार ब्लू प्रिंट नक्शे से जमीन की अमान्य तरीके से नपायी की जा रही है। उन्होंने मामला अभी तक सिविल कोर्ट में लंबित भी बताया है।
पत्र में क्षेत्रवासियों ने कहा है कि वह चार्टन लॉज नैनीताल की निजी संपति पर चार्टन लॉज स्वामी खरीदी गई और रजिस्ट्री व दाखिल खारिज करायी गयी भूमि पर अपनी मेहनत की कमाई से बनाये गये आशियानों में रहते हैं। इन भूमि की सरहद बीडी पांडे जिला चिकित्सालय की भूमि की सरहद से मिलती है।
जिस भूमि को जिला चिकित्सालय अपना बताता है वह भूमि इम्पीरियल बैंक द्वारा वर्ष 1949 में अपनी 4.1 एकड़ भूमि में से 2.76 एकड़ भूमि जिला चिकित्सालय को दान में मिली थी। इसकी रजिस्ट्री जिला चिकित्सालय के नाम दर्ज है, लेकिन इसका असली नक्शा जिला चिकित्सालय के पास मौजूद नहीं है, और वर्ष 1949 से आज तक इस भूमि का दाखिल खारिज भी जिला चिकित्सालय के नाम नहीं चढ़ा है।
यह भी बताया कि सर्वप्रथम 1992 में चार्टन लॉज कंपाउंड में महबूब आलम द्वारा जिला चिकित्सालय की सरहद से लगा एक प्लाट खरीदा। इसकी रजिस्ट्री वर्ष 1993 में हुई और दाखिल खारिज भी हुआ। इस पर जिला चिकित्सालय द्वारा आपत्ति जताये जाने पर महबूब आलम ने एसडीएम को पत्र लिख कर जिला चिकित्सालय और चार्टन लॉज की सरहद का सीमांकन करने का अनुरोध ताकि उनको पता चले की उनके द्वारा खरीदी गयी भूमि किसकी है।
इस पर जिला प्रशाशन ने इम्पीरियल बैंक के वास्तविक नक्शे से नपाई करायी, जिसमें महबूब आलम की भूमि चार्टन लॉज में पायी गयी। जबकि महबूब आलम के घर के बराबर में स्थित नाला के बगल में जिला चिकित्सालय के स्टाफ क्वार्टरों का 70 प्रतिशत हिस्सा भी 1992 की नपती में चार्टन लॉज की जमीन में होना पाया गया।
इस पर जिला चिकित्सालय व महबूब आलम के बीच समझौता हुआ और समझौते की रिपोर्ट और नक्शा तहसीलदार ऑफिस में जमा हुआ। साथ ही वर्ष 1994 में जिला चिकित्सालय द्वारा महबूब आलम को एनओसी यानी अनापत्ति प्रमाण पत्र देकर साफ किया गया कि महबूब आलम की जमीन जिला चिकित्सालय की सरहद में नही आती है।
इस प्रकार जिला चिकित्सालय की संतुष्टि के बाद अन्य लोगों ने चार्टन लॉज में जमीन खरीदी और मकान बनाए और अपने-अपने मकानों की रजिस्ट्री और दाखिला खारिज कराया। लेकिन इधर वर्ष 2009 में जिला चिकित्सालय में सुविधाओं की कमी के संबंध में एक जनहित याचिका उच्च न्यायालय में दायर की गयी। इस पर जिला चिकित्सालय द्वारा कहा गया कि उनकी 1.49 एकड़ भूमि में लोगों ने कब्जा किया हुआ है।
जिला चिकित्सालय की इस रिपोर्ट के आधार पर 2014 में उच्च न्यायालय नैनीताल ने करीब 40 लोगों को अतिक्रमणकारी बताते हुए उनको भवनों को तोड़ने का आदेश कर दिया। तब से लेकर अब तक वह कानूनी लड़ाई लड़ते आ रहे हैं, लेकिन उन्हें किसी भी न्यायालय से न्याय नही मिल रहा है। जबकि जिला चिकित्सालय के पास अपनी 2.76 एकड़ भूमि का मानचित्र उपलब्ध नहीं है। यह भी कहा है कि जिला चिकित्सालय की ओर से जो नपाई की जाती है वह असली नक्शे की बजाय अमोनिया प्रिंट द्वारा तैयार ब्लू प्रिंट नक्शे से की जाती है, जो की अमान्य है।
यह भी कहा है कि वर्ष 2014 में भी कुछ लोगों द्वारा उच्च न्यायालय में कानूनी लड़ाई लड़ी गयी। वहां से उनकी याचिका खारिज होने पर वह 2015 में सर्वोच्च न्यायालय गये। वहां से उन्हें स्थगनादेश प्राप्त हुआ और जिलाधिकारी को सुनने को कहा गया। जिलाधिकारी द्वारा कहा गया कि उनकी जमीन कहीं और है और कब्जा कहीं और किया गया है। फिर से उन्हें नोटिस दिए गए। इस पर उन्होंने फिर से उच्च न्यायालय की शरण ली। वहां से उन्हें वर्ष 2021 में जनहित याचिका से बाहर करते हुए सिविल कोर्ट भेजा गया।
सिविल कोर्ट में मामला अभी तक लंबित है। जबकि इधर इस वर्ष मई 2023 में एक नयी जनहित याचिका में उच्च न्यायलय के द्वारा फिर से 40 मकानों को तोड़ने का आदेश पारित कर दिया गया। इस पर वह सर्वोच्च न्यायालय गए, लेकिन वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली और उन्हें वापस उच्च न्यायालय भेज दिया गया। इसलिए वह प्रधानमंत्री से अपने आशियानों को बचाने के लिये न्याय की गुहार लगाते हैं। पत्र में विवेक शुक्ला, बी जोशी, रक्षंदा, गयासुद्दीन, आसमां खातून, सायमा, राहुल, नसीम अहमद, नंदन राम, गौरव, संजय सहित बड़ी संख्या में प्रभावितों के हस्ताक्षर हैं।
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यह भी पढ़ें : Hospital Atikraman : बीडी पांडे जिला चिकित्सालय की भूमि पर 30 से अधिक अतिक्रमणों का किया गया चिन्हीकरण, ड्रोन कैमरे की भी ली गई मदद
नवीन समाचार, नैनीताल, 2 सितंबर 2023 (Hospital Atikraman)। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेशों के क्रम में जिला प्रशासन की ओर से शनिवार को बीडी पांडे जिला चिकित्सालय की चार्टन लॉज क्षेत्र में अतिक्रमित भूमि के अतिक्रमण के चिन्हीकरण का कार्य प्रारंभ किया गया। चिन्हीकरण के कार्य में जिला चिकित्सालय तथा नगर पालिका के कर्मी भी शामिल रहे। चिन्हीकरण के कार्य में ड्रोन कैमरे की भी मदद ली गई।
बताया गया है कि उच्च न्यायालय के आदेशों के क्रम में जिला चिकित्सालय की कुल 4.96 एकड़ भूमि में से अतिक्रमित 1.49 एकड़ भूमि पर अतिक्रमणों को चिन्हित किया जा रहा है। चिन्हित अतिक्रमणों पर लाल रंग से काटे के निशान और नंबर लिखे जा रहे हैं।
चिन्हीकरण के कार्य की अगुवाई कर रहे एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया कि पूर्व में चिन्हित 15 भवनों की वर्तमान स्थिति की टीम के माध्यम से जांच की गई है। इनके अलावा 21 लोगों को भी तत्कालीन एसडीएम की ओर से नोटिस दिए गए थे, उनके भवनों की भी नक्शों के आधार पर जांच की जा रही है। देर शाम तक जांच टीम की रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है। इसके उपरांत बैठक कर निर्णय लिया जाएगा कि कितने घरों को हटाया जाना है।
चिन्हीकरण के कार्य में तहसीलदार संजय कुमार, राजस्व उप निरीक्षक सुरेश सनवाल व हेम जोशी कानूनगो हेम राम ममगाई व नायब तहसीलदार नंदन सिंह नेगी, अवर अभियंता चयन तिवारी प्रमुख रूप से शामिल रहे।
Hospital Atikraman : चिकित्सालय ने इंपीरियल बैंक से और लोगों ने चार्टन लॉज स्वामी से खरीदी थी भूमि
नैनीताल (Hospital Atikraman)। 24 फरवरी 2020 की संयुक्त जांच आख्या के अनुसार बीडी पांडे जिला चिकित्सालय की भूमि के इतिहास की बात करें तो 1949 में 2.76 एकड़ यानी 1.18 लाख वर्ग फिट से अधिक भूमि इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया (वर्तमान भारतीय स्टेट बैंक) से खरीदी गई थी। इसमें से 3500 वर्ग मीटर यानी 37,660 वर्ग फिट भूमि केएमवीएन को रोपवे के निर्माण के लिए दी गई थी, जबकि 16,314 वर्ग फिट भूमि पर 27 लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया था। शेष भूमि 64,816 वर्ग फिट भूमि चिकित्सालय के स्वामित्व में थी।
अलबत्ता अतिक्रमित भूमि पर रह रहे लोगों के अनुसार यह भूमि मूलतः चार्टन लॉज की स्वामी महारानी शीला प्रसाद की 9 एकड़ भूमि थी। उनके द्वारा दी गई पावर ऑफ अटॉनी से मोहन सिंह रावत एवं अन्य लोगों ने इस भूमि को बेचा था। कई लोगों के पास अपनी जमीन की रजिस्ट्री व दाखिल-खारिज भी होने के दावे किए जा रहे हैं। जबकि कई लोग चिन्हीकरण को गलत आधार बिंदुओं से किया जा रहा बता रहे हैं।
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यह भी पढ़ें Hospital Atikraman : बीडी पांडे जिला चिकित्सालय की भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश
नवीन समाचार, नैनीताल, 22 अगस्त 2023 (Hospital Atikraman)। बीडी पांडे जिला चिकित्सालय की सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के मामले में उत्तराखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश की विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने तत्काल प्रभाव से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए हैं। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने जिला चिकित्सालय की 1.49 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश जिलाधिकारी और एसडीएम को दिए हैं।
(Hospital Atikraman) बताया जा रहा है कि इस क्षेत्र में 30 से अधिक अतिक्रमण किए गए हैं जिन्हें तत्काल हटाया जाना है। आगे देखने वाली बात होगी कि इस मुद्दे पर अतिक्रमणकर्ताओं का क्या रुख रहता है। क्योंकि उनके पास अभी राहत पाने के कुछ विकल्प शेष बताए जा रहे हैं।
(Hospital Atikraman) उल्लेखनीय है कि नैनीताल निवासी याचिकाकर्ता अशोक साह ‘गुरुजी’ ने स्थानीय बीडी पांडे जिला चिकित्सालय में सुविधाओं को लेकर एक जनहित याचिका दायर की हुई है। इस पर पूर्व में सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने सरकार से बीडी पांडे जिला चिकित्सालय की भूमि और उस पर हुए कब्जे की विस्तृत जानकारी देने को कहा। इस दौरान खंडपीठ को बताया गया कि चिकित्सालय की चार एकड़ भूमि में से एक एकड़ भूमि पर अवैध कब्जे हैं।
(Hospital Atikraman) यह भी कहा था कि जिला मुख्यालय का चिकित्सालय होने के बावजूद अभी भी चिकित्सालय के कर्मचारियों के द्वारा छोटी सी जांच करने के लिए मरीजों हल्द्वानी भेज दिया जाता है। लिहाजा इस चिकित्सालय में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए, जिससे स्थानीय और दूरदराज से आने वाले लोगों को सही समय पर इलाज मिल सके।
इस पर उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने पिछली सुनवाई पर वरिष्ठ अधिवक्ता वीके कोहली, हाईकोर्ट बार के पूर्व महासचिव विकास बहुगुणा और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अकरम परवेज से औचक निरीक्षण कर 3 अगस्त को रिपोर्ट पेश करने को कहा था। यह रिपोर्ट न्यायालय में पेश होने के बाद से ही चिकित्सालय की एक एकड़ भूमि में अतिक्रमण की जानकारी से खंडपीठ का कड़ा रुख नजर आया।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में वर्ष 2015 में तत्कालीन जिलाधिकारी दीपक रावत के समय में जिला चिकित्सालय पर अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरू हुई थी।
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