नैनीताल में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और धेनु मानस गौ कथा का आयोजन

अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में ऊर्जा, कार्यात्मक सामग्री-अणु और नैनो प्रौद्योगिकी पर गहन वैश्विक-वैज्ञनिक चिंतन
नवीन समाचार, नैनीताल, 20 मार्च 2025 (International Conference-Dhenu Manas Gau Katha। कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रो. राजेंद्र सिंह नैनोसाइंस और नैनोटेक्नोलॉजी केंद्र एवं रसायन विज्ञान विभाग तथा कोरिया के विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान के रैम्प कन्वर्जेंस रिसर्च सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में ऊर्जा, कार्यात्मक सामग्री-अणु और नैनो प्रौद्योगिकी (आईसीईएफएन एवं एनडब्लूएसडब्लूएम) विषय पर तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन प्रारंभ हो गया है। 20 से 22 मार्च 2025 तक नैनीताल के एमएमटीटीसी में आयोजित सम्मेलन में विज्ञान, नवाचार और शोध के क्षेत्र में नए संवाद और संभावनाओं को स्थापित करने पर गंभीर वैश्विक-वैज्ञानिक मंथन किया जा रहा है।

समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्वलन, कुमाऊं विवि के कुलगीत और राष्ट्रगान के साथ हुआ। मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई के कुलाधिपति प्रो. धीरेंद्र पाल सिंह ने ऊर्जा, नैनो प्रौद्योगिकी और कार्यात्मक सामग्री के महत्व को रेखांकित किया। विशिष्ट अतिथि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने ‘जेनेटिकली इंजीनियर वैक्सीन और थेरेप्यूटिक एंटीबॉडीज एजेंट एंथ्रेक्स’ विषय पर व्याख्यान दिया।
कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत ने अपने मुख्य भाषण में ‘एक अणु की खोज की कहानी जो असाध्य रोग पार्किंसन के लिए दूसरे मानव क्लीनिकल ट्रायल तक पहुँचा’ विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि यदि यह अणु क्लीनिकल ट्रायल में सफल रहता है, तो यह पार्किंसन जैसी असाध्य बीमारी का प्रभावी उपचार बन सकता है। कोरिया विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान के रैम्प कन्वर्जेंस रिसर्च सेंटर के प्रोफेसर प्रो. योंग चेई जंग ने पॉलीमर आधारित शोध पर व्याख्यान देते हुए कहा कि पॉलीमर आधारित शोध विकास को नई दिशा प्रदान कर सकता है।
पुणे से आये प्रो. स्वामीनाथन शिवराम ‘छिद्रयुक्त बहुलक संरचनाः गुणधर्म और अनुप्रयोग’ विषय पर व्याख्यान देते हुए छिद्रयुक्त बहुलकों की संरचना, वर्गीकरण और ऊर्जा भंडारण, बैटरियों और औद्योगिक अनुप्रयोगों में उनकी भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि हाईप और एक्रेलिक पॉलिमराइजेशन से उन्नत छिद्रयुक्त बहुलकों का निर्माण होता है, जो ऊर्जा भंडारण और गैस पृथक्करण में उपयोगी होते हैं।
सम्मेलन के अवसर पर अतिथियों ने सम्मेलन में प्रस्तुत किए जाने वाले अनुसंधान पत्रों और प्रमुख विषयों के सार की पुस्तिका का भी विमोचन किया। सम्मेलन में प्रो. गणेश पांडे, प्रो. एबी मेलकानी, प्रो. केबी मेलकानी, प्रो. ललित तिवारी, प्रो. एंथनी, प्रो. विमलेश, डॉ. विजय कुमार, प्रो. मोहंती, प्रो. हाजरा, डॉ. ललित मोहन, डॉ. सोहेल जावेद, डॉ. मनोज धूनी, डॉ. अंचल अनेजा, डॉ. पैनी जोशी, डॉ. भावना पंत, डॉ. दीपशिखा जोशी,
डॉ. आकांक्षा रानी, प्रो. एच. मिश्र, प्रो. मोहन सिंह मेहता, डॉ. गिरीश खर्कवाल, डॉ. चेतना तिवारी, डॉ. कुंदन सिंह, डॉ. सुनील ढाली, डॉ. गौरव, डॉ. भास्कर बोरा, डॉ. शाहिद हुसैन सहित देश-विदेश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और शोधकर्ता शामिल हुए। समापन सत्र में डॉ. महेश आर्य ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. गीता तिवारी ने किया।
50 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुतियां
सम्मेलन में तीन समानांतर सत्रों में 50 से अधिक शोधार्थियों ने अपने शोध प्रस्तुत किए। इस दौरान शोधकर्ताओं ने ऊर्जा, कार्यात्मक सामग्री, अणु और नैनो प्रौद्योगिकी से जुड़े नवीन अनुसंधान और तकनीकी विकास पर प्रकाश डाला। सम्मेलन में 250 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए, जिनमें कई प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, शोधकर्ता और विद्वान उपस्थित रहे।
गौ सेवा श्रेष्ठतम कर्म, गौ रक्षकों को मिलती है मुक्ति: गोपाल मणि
नैनीताल। सरोवरनगरी नैनीताल के डीएसए मैदान में चार दिवसीय धेनु मानस गौ कथा का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर कथा व्यास गोपाल मणि महाराज ने गौ माता की महिमा का वर्णन किया और गौ सेवा को श्रेष्ठतम कर्म बताया। उन्होंने कहा कि जो फल तपस्या, योग, पूजा-पाठ और सत्कर्म से भी नहीं मिलता, वह गौ सेवा से सहज प्राप्त हो जाता है।

कथा के दौरान उन्होंने एक प्रसंग सुनाते हुए कहा कि एक मगरमच्छ ने गाय का पैर पकड़कर पानी में खींच लिया था। एक व्यक्ति ने गाय को बचाने के लिए पानी में छलांग लगाई और मगरमच्छ पर प्रहार करने लगा। मगरमच्छ ने गाय को छोड़कर उस व्यक्ति को पकड़ लिया और खा गया। तभी एक दिव्य ज्योति पानी से निकली और सूर्य में समा गई। महाराज ने कहा कि जो व्यक्ति गौ माता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करता है, उसे अवश्य मुक्ति मिलती है।
कथा में मुख्य यजमान नीरज पंत व उनकी पत्नी रेनू पंत, कमला रावत, भगवती बिष्ट, लीला पार्वती, पवन बिष्ट, चंदन बिष्ट, महेंद्र भंडारी, पूजा भंडारी, कमल मुन्नी भट्ट, प्रेम भंडारी और केशव उद्धव आदि शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन कुमाऊं प्रभारी विशंभर दयाल पांडे ने करते हुए बताया कि कथा का समापन कार्यक्रम शुक्रवार प्रातः 9 बजे से हवन-यज्ञ के साथ प्रारंभ होगा। दोपहर 12 बजे आरती के बाद भंडारे का आयोजन होगा और कथा का समापन किया जाएगा।
गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा देने की माँग (International Conference-Dhenu Manas Gau Katha)
महाराज ने कहा कि संसार में सबसे प्रभावशाली शब्द ‘माँ’ है, जिससे संजीवनी मिलती है। उन्होंने कहा कि गौ माता तभी अपना प्रभाव दिखाएंगी, जब उसे माता का सम्मान दिया जाएगा और उसे राष्ट्र माता का दर्जा मिलेगा।
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