प्रभारी मंत्री बंशीधर से अस्पताल संचालक ने लड़ाई जुबान, कहा, वह अपराधी नहीं जो खड़े कर किया जा रहा है जवाब तलब….
नवीन समाचार, नैनीताल, 18 मई 2021। राज्य के पीपीडी मोड में चल रहे रामनगर के संयुक्त चिकित्सालय में दल-बल के साथ छापा मारने पहुंचे जनपद के कोविड प्रभारी मंत्री बंशीधर भगत को मंगलवार को चिकित्सालय के संचालक डॉ. दीपक गोयल जुबान लड़ाते हुए अड़ गए। इससे माहौल गरमा गया। संचालक ने यहां तक कह दिया, वह कोई अपराधी नहीं हैं जो उन्हें खड़ा करके जवाब तलब किया जा रहा है।
हुआ यह कि दोपहर करीब 12 बजे थे, कोविड प्रभारी मंत्री बंशीधर भगत लाव लश्कर के साथ पीपीडी मोड संचालित रामनगर संयुक्त अस्पताल में दाखिल हुए। वे सीधे सीएमएस डॉ. मणि भूषण पंत के कमरे में पहुंचे, तभी साथ आये विधायक-नेताओं के अमले ने संचालक डॉ. दीपक गोयल को तलब कर लिया। भगत अभी अस्पताल संबंधी शिकायतों और संचालक की गैरमौजूदगी का हवाला देकर तल्खी दिखाना शुरू ही कर रहे थे कि संचालक फूट पड़े, ‘मैं इस तरीके से बात नहीं करूंगा कि आप मुझे इस तरीके से खड़े करके बात कराएं…। फिर किस तरीके से बात करेंगे आप, भगत भड़क उठे। तभी बात काटकर संचालक दो टूक कहते हैं, ना.. ना.. ना…! मैं कोई अपराधी नहीं हूं, जो इस तरीके से बात करेंगे आप…! इतना सुनकर सभी आवक रह गए। संचालक का जवाब सुनकर गुस्से से लाल भगत ने संचालक को कड़ी फटकार लगाई। इस पर एसडीएम समेत मौके पर मौजूद लोगों ने मामला शांत कराया। यहां विधायक दीवान बिष्ट, एसडीएम विजयनाथ शुक्ल, सीओ बलजीत भाकुनी, ग्रामीण मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र रावत, भावना भट्ट आदि मौजूद रहे।
वहीं, पूरे मामले पर भगत ने कहा कि वह रामनगर अस्पताल में निरीक्षण को पहुंचे थे। तीन माह पहले सरकार ने यहां ब्लड बैंक संचालन की मंजूरी दे दी थी। इसके बावजूद संचालन नहीं किया जा रहा था। उन्होंने अस्पताल के संचालक से पूछा तो वह व्यवस्थाओं को लेकर आनाकानी करते हुए उन्हें गुमराह करने लगे। इसलिए उन्होंने एक सप्ताह के अंदर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की चेतावनी दी है, अन्यथा सख्त कार्रवाई होगी। मामले में एसडीएम को जांच के निर्देश भी दिए गए हैं। व्यवस्थाएं ठीक नहीं होने पर त्वरित कार्रवाई को कहा गया है। रामनगर अस्पताल को सरकार कोविड अस्पताल बनाने की तैयारी कर रही है। अस्पताल में ऑक्सीजन पाइप लाइन बिछ रही हैं। सरकार की प्राथमिकताएं लोगों को बेहतर इलाज देने की हैं। पीपीपी मोड में अस्पताल चला रहे लोगों की सरकार नहीं सुनेगी।
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नवीन समाचार, देहरादून, 15 मई 2021। ऐसा कम ही होता है कि सरकार के मंत्री अपनी ही सरकार के कार्यों पर सवाल उठाएं। लेकिन उत्तराखंड सरकार के मंत्री व राजधानी देहरादून जनपद के प्रभारी मंत्री गणेश जोशी ऐसा कर रहे हैं। जोशी ने तीन दिन पहले पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए थे, तब उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से अनुभवहीन तक कह दिया गया था। उन्होंने त्रिवेंद्र सरकार पर कोरोना संक्रमण रोकने के लिए समय रहते पर्याप्त इंतजाम न करने का आरोप लगाया था। अब जोशी ने तीरथ सरकार की कार्यशैली को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने रायपुर स्टेडियम में बनवाए गए 30 बेड के कोविड केयर सेंटर पर सवाल उठाए हैं। बताया गया है कि इस कोविड केयर सेंटर को पूर्व में कांग्रेस से आए रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ ने बनाया है। काऊ से जोशी की पुरानी अदावत भी बताई जा रही है।
बहरहाल, जोशी का इस मामले में कहना है कि सरकार कोविड संक्रमण के बचाव के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन अधिकारियों को इस बाबत कोई चिंता नहीं हैं। यह अत्यंत गंभीर बात है। रायपुर सेंटर के निर्माण में जो कुछ अनियमितताएं हुई हैं या धन का जो दुरुपयोग हो रहा है, उसकी पूरी रिपोर्ट तैयार कर वह मुख्यमंत्री को देंगे। जो भी दोषी व जिम्मेदार होंगे, उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी। यह भी बोले, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुझे अनुभवहीन बताया है, मैं इस पर कोई टिप्पणीं नहीं करूंगा। ये उनकी अपनी समझ है। मैं दून का कोविड प्रभारी मंत्री होने के नाते कोविड सेंटर का निरीक्षण करने आया था, इसलिए त्रिवेंद्र की टिप्पणी पर मैं कुछ नहीं कहूंगा। वहीं सवालों के घेरे में आए चारधाम अस्पताल के संचालक डा. केपी जोशी का कहना है कि किसी भी सूरत में 71 लाख रुपये में 30 बेड का आइसीयू तैयार करना मुमकिन नहीं है। इसके लिए करोड़ों रुपये की जरूरत होती है। फिर भी किसी तरह संसाधन जुटाए जा रहे हैं। विधायक काऊ का कहना है कि अस्पताल जल्दबाजी में तैयार किया जा रहा है। इसलिए कमियां रह सकती हैं। पर यह नाजुक समय सवाल उठाने का नहीं है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 20 जनवरी 2021। बिना मुद्दों के, सत्तापक्ष के बजाय खुद में ही ‘बिना सूत-कपास-जुलाहों की तरह लट्ठम-लट्ठ’ में व्यस्त कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत अब ‘अपनों’ के ही निशाने पर आ गए हैं। अपने भी वह, जिनके नाम पर उनकी सरकार को ‘रावत सरकार’ की जगह ‘रावत-रावत सरकार’ भी कहा जाता था। यह भी कहा जाता है उन ‘रावत’ ने ही हरीश रावत की ‘फिर रावत सरकार’ की कश्ती को ऐसे डुबोया कि आई तो ‘फिर रावत सरकार’ ही, किंतु हरीश रावत की नहीं, त्रिवेंद्र रावत की। जी हां, कोई संशय नहीं, बात रणजीत रावत की ही हो रही है। सल्ट में चुनावी मैदान सजने के बावजूद रामनगर में राजनीतिक जमीन तलाश रहे रणजीत रावत ने हरीश रावत पर निशाना साधते हुए परोक्ष तौर पर कहा है कि वरिष्ठ नेता का अधिक उम्र की वजह से शरीर और दिमांग के बीच का संतुलन गड़बड़ा गया है, इसलिए वह अपने बयानों से संगठन को नुकसान पहुंच रहा है। इसलिए उन्हें आराम की जरूरत है। उन्होंने यह भी तंज कसा है कि 2017 में कांग्रेस पार्टी ने ‘स्वघोषित’ चेहरे के साथ राज्य की हर दीवार पर ‘सबकी चाहत-हरीश रावत’ लिख दिया था, फिर भी पार्टी कुछ नहीं कर पाई। इसलिए जो फॉर्मूले राज्य में पहले नहीं चले हैं, उन्हें फिर से आजमाने की कोई तुक नहीं है। और राज्य में चेहरे के साथ चुनाव में जाने की कोई परिपाटी भी नहीं रही है।
वहीं रणजीत रावत को जवाब देने के लिए संजय नेगी नाम के वह नेता सामने आए हैं जो पहले से रामनगर से चुनाव लड़ने की कोशिश में हैं। उन्होंने सोशल साइट पर रणजीत को जवाब देते हुए लिखा है, ‘हद हो गयी नेता जी आप इतने निचले स्तर तक गिर जायेंगें ये हमने कभी सोचा भी ना था। एक ऐसे नेता के लिए आप मानसिक संतुलन बिगड़ने की बात कह रहे हो, जिसने अपनी जिंदगी बाल्यकाल से समाजसेवा व जनसमस्याओं के लिए संघर्ष में गुजार दी और इस लंबे राजनीतिक सफर में व समाजसेवा में आप जैसे कई नेताओं को पनपा दिया। 2002 से पहले आपका वजूद क्या था और आप क्या थे ये जगजाहिर है। जिस व्यक्ति ने आपको ताकत सौपी और आप पर भरोसा कर अपनी जिंदगी का सब इन्वेस्टमेंट आपके ऊपर कर दिया। उसका आप अच्छा सिला दे रहे हैं। उस हरीश रावत को घर बैठने की सलाह दे रहे हो जिसने आपको राजनैतिक रूप व आर्थिक रूप से इतना मजबूत कर दिया कि आपका गरूर आज छलकने लगा है। याद रखना समय बहुत बलवान होता है। हरीश रावत जी का मानसिक संतुलन तो एकदम ठीक है पर आपकी बयानबाजी से लगता है कि आपका मानसिक संतुलन जरूर बिगड़ गया है। पार्टी के लिए उनकी सक्रियता को देखकर तो लग रहा है वो कइयों का मानसिक संतुलन बिगाड़ देंगें।’
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नवीन समाचार, देहरादून, 06 जनवरी 2020। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश से माफी मांगी है। माफी मांगते हुए उनका मन्तव्य तो साफ प्रकट होता है, किंतु उन्होंने साफ नहीं किया है कि वे किसलिए माफी मांग रहे हैं। मुख्यमंत्री रावत ने अपने ट्विटर पर लिखा है, ‘आदरणीय इंदिरा हृदयेश बहिन जी, आज मैं अति दुखी हूँ। महिला हमारे लिए अति सम्मानित व पूज्या हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से आपसे व उन सभी से क्षमा चाहता हँ जो मेरी तरह दुखी हैं। मैं कल आपसे व्यक्तिगत बात करूँगा व पुनः क्षमा याचना करूँगा।’
देखें मुख्यमंत्री का ट्वीट:
आदरणीय @IndiraHridayesh बहिन जी आज मैं अति दुखी हूँ । महिला हमारे लिए अति सम्मानित व पूज्या हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से आपसे व उन सभी से क्षमा चाहता हँ जो मेरी तरह दुखी हैं। मैं कल आपसे व्यक्तिगत बात करूँगा व पुनः क्षमा याचना करूँगा। 🙏🏻🙏🏻
— Trivendra Singh Rawat ( मोदी का परिवार) (@tsrawatbjp) January 5, 2021
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उल्लेखनीय है कि एक दिन पूर्व दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रदेश अध्यक्ष जैसे सर्वोच्च पद पर बैठाए नेता बंशीधर भगत ने प्रदेश की नेता प्रतिपक्ष डा. हृदयेश के लिए ऐसे शब्द का प्रयोग किया है कि राज्य की जनता में दलों के बंधन टूट गए हैं। भाजपा के प्रशंशक भी भगत के वक्तव्य की कड़े शब्दों में मजम्मत कर रहे हैं। अब जिस तरह प्रदेश के मुख्यमंत्री का ट्विटर पर डैमेज कंट्रोल के लिए बयान आया है, और उसमें साफ तौर पर भगत का जिक्र नहीं किया गया है, इससे साफ है कि सत्तारूढ़ भाजपा में भी भगत के इस बयान से कितना गहरा आघात लगा है। पहले ही आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसौदिया की चुनौती को स्वीकार न करने के बाद बैकफुट पर आई भाजपा और सरकार के समक्ष भगत के इस झटके से भाजपा को अपना चेहरा बचाने का कोई तरीका नहीं सूझ रहा है।
इधर, ग्वाल सेवा संस्था के संस्थापक अधिवक्ता पंकज कुलौरा ने कहा कि विधायकों के लिए कम से कम स्नातक और सांसदों के लिए स्नातकोत्तर होने की आवश्यक योग्यता तय होनी चाहिए।
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नवीन समाचार, देहरादून, 02 जनवरी 2020। न जाने कांग्रेस में क्या चल रहा है ? क्या पार्टी में दो से बढ़कर तीन धु्रव होने जा रहे हैं। अब तक नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को एक कैंप में माना जाता है। कांग्रेस का यह धड़ा लगातार पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को निशाने पर लिये रहता है। दोनों धड़ों में सत्तारूढ़ में सत्तानशीं पूर्व कांग्रेसी नेताओं को लेकर ‘जुलाहों की तरह बिन सूत-कपास के लट्ठम-लट्ठ’ मची हुई है। इधर इंदिरा ने पुराने साल के अपने बयान को आगे बढ़ाते हुए साल के नए दिन, अपने पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की तर्ज पर हवा में बड़ा गुब्बारा उड़ाने की कोशिश करते हुए कहा ‘2021 में उत्तराखंड की राजनीति में 2016 से भी बड़ा भूचाल आ जाएगा’। यह भी कहा कि उन्होंने भाजपा के एक वरिष्ठ नेता और कुछ विधायकों से बात की है, जो कभी भी भाजपा छोड़ कांग्रेस में आने को तैयार हैं। यह भी दावा किया कि राज्य में भाजपा सरकार के खिलाफ माहौल है। इसलिए 2022 में कांग्रेस का सत्ता में आना तय है। उन्होंने इससे पहले डेढ़ दर्जन भाजपा विधायकों के उनके संपर्क में होने की बात भी कही थी। लेकिन दिन में ही उनके गुब्बारे-भूचाल की हवा खुद उन्हीं के पार्टी अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने निकाल दी। उन्होंने साफ कहा-उनके संपर्क में कोई भाजपा विधायक नहीं है।
इन दो बातों से कई सवाल उठते हैं। यदि इंदिरा का दावा सही है तो वह इसकी जानकारी अपनी ही पार्टी के अध्यक्ष को देने से पहले मीडिया में क्यों आ रही हैं। सवाल यह भी है कि यदि कथित असंतुष्ट भाजपा विधायक कांग्रेस अध्यक्ष के संपर्क में नहीं हैं तो नेता प्रतिपक्ष के संपर्क में क्यों हैं ? क्या नेता प्रतिपक्ष पार्टी में अपना स्वतंत्र कैंप या दबाव समूह या 2022 के लिए खुद को आगे बढ़ाने का प्रयास तो नहीं कर रही हैं ? यदि ऐसा है कांग्रेस के इस आंतरिक त्रिकोणीय संघर्ष का लाभ किसे मिलने वाला है, बताने की आवश्यकता नहीं है।
कांग्रेस मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रही है- भाजपा
इंदिरा हृदयेश के बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रही है। उन्होंने इंदिरा को चुनौती देते हुए कहा है कि विधायक तो दूर भाजपा का बूथ स्तर का कार्यकर्ता भी कांग्रेस नाम के डूबते जहाज में नहीं बैठना चाहेगा। भगत ने दावा किया है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के 57 विधायक विधानसभा पहुंचे थे। यह आंकड़ा 2022 में 60 पर पहुंच जाएगा। उनके अनुसार भाजपा का नारा साफ है-‘अबकी बार 60 के पार’।
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नवीन समाचार, हल्द्वानी, 26 दिसम्बर 2020। प्रदेश की नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश ने शनिवार को हल्द्वानी में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कैमरों पर कहा कि सत्तारूढ़ दल के कई विधायक उनके संपर्क में हैं। बकौल हृदयेश इन विधायकों की सरकार में सुनवाई नहीं हो रही है। इसलिए वे स्वयं सरकार के खिलाफ आवाज भी उठा रहे हैं। उन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ विधानसभा सत्र में भी आवाज उठाई है। उन्हें पता है कि 2022 में उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार आ रही है। उन्हें जब इशारा किया जाएगा वह कांग्रेस में आ जाएंगे।
इस बयान को डा. हृदयेश का बड़ा बयान और सरकार पर खतरा बताया जा रहा है। इस आधार पर मीडिया में छपी खबरों में डा. हृदयेश द्वारा संख्या न बताने के बावजूद उनके हवाले से दो दर्जन भाजपा विधायकों के कांग्रेस के संपर्क में होने का दावा किया जा रहा है। वहीं राजनीतिक विश्लेषक डा. हृदयेश के बयान को मात्र शिगूफा और यह मान रहे हैं कि बयान सरकार की जगह पूर्व सीएम हरीश रावत को चिढ़ाने के लिए है। क्योंकि यदि कांग्रेस के पास यदि दो दर्जन विधायक संपर्क में होते तो कांग्रेस इतने विधायकों की मदद से सरकार पलटने का प्रयास भी कर सकती थी। जबकि ऐसा कोई प्रयास न किया गया है, न ही किए जाने का कोई इशारा ही किया गया है। वरन इंदिरा महज दोहराना चाहती हैं कि पूर्व में कांग्रेस से भाजपा में गए लोग कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं, जबकि ऐसे किसी भी विधायक ने एक बार भी प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर ऐसी कोई बात नहीं कही है। हां,, हरीश रावत एवं उनके पिछलग्गू कांग्रेस नेता जरूर उन्हें कांग्रेस में वापस न लेने की बात कर रहे हैं, और इस मुद्दे पर ‘सूत न कपास-जुलाहों में लट्ठम-लट्ठ’ की तर्ज पर इंदिरा-प्रीतम व हरीश रावत गुट में जरूर ‘लट्ठम-लट्ठ’ हो रही है।
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-15 चोटियों पर काबिज हुआ भारत, चीन किंकर्तव्यविमूढ़: भट्ट
-क्षेत्रीय सांसद एवं रक्षा संबंधी समिति सहित कई समितियों के सदस्य अजय भट्ट ने किया खुलासा, कहा-भारत की मजबूत स्थिति से हक्का-बक्का, किंकर्तव्यविमूढ़ हो गया है चीन
नवीन समाचार, नैनीताल, 1 नवम्बर 2020। रक्षा संबंधी समिति सहित कई समितियों के सदस्य, क्षेत्रीय सांसद अजय भट्ट ने कहा भारतीय सेनाएं आज गोला-बारूद, रक्षा उपकरणों एवं रसद सहित 15 चोटियों पर काबिज हो गई हैं। भारत की ऐसी मजबूत स्थिति को देखकर चीन हक्का-बक्का रह गया है, व किंकर्तव्यविमूढ़ सा हो गया है। श्री भट्ट रविवार को मुख्यालय में भाजपा के नगर मंडल के प्रशिक्षण वर्ग में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे और पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत की ऐसी मजबूत स्थिति के आगे चीन को मुंह की खानी पड़ेगी। उन्होंने इस मामले में सरकार को घेरती रही कांग्रेस पार्टी पर तंज कसा कि उनके कार्यकाल में चीन ने भारत के 97 हजार वर्ग किमी क्षेत्रफल पर कब्जा कर लिया था।
इस दौरान भारतीय जनता पार्टी में अनुशासन, देश प्रथम, पार्टी द्वितीय एवं परिवार अंतिम का जिक्र कर रहे श्री भट्ट से जब पार्टी के एक विधायक पर लग रहे बलात्कार जैसे आरोप एवं एक काबीना मंत्री डा. हरक सिंह रावत द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव ही न लड़ने के बयानों पर पूछा गया तो उनका कहना था कि भाजपा में आम पार्टी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों पर लगने वाले आरोपों पर आंतरिक जांच करने, एवं पार्टी के जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई के लिए तय प्राविधान हैं। जनप्रतिनिधियों के खिलाफ कानूनी मामलों में भी पार्टी आंतरिक जांच करती है, और कानूनी तौर पर आरोप साबित होने के बाद ही आंतरिक जांच के निर्णय सार्वजनिक किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि देश में भाजपा ही इकलौती पार्टी है जहां कार्यकर्ता प्रशिक्षित करके तैयार किए जाते हैं। यहां अगले 50 वर्षों के लिए भी युवा मोर्चा आदि इकाइयों से भविष्य के नेता तैयार किए जाते हैं। प्रशिक्षण के बावजूद लोगों के कीचड़ उछालने के बावजूद भाजपा गंगा की तरह अविरल बहती-बढ़ती रही है, और 1951 में जनसंघ के रूप में गठन एवं 1980 में भाजपा की स्थापना के बाद से पार्टी का एक भी विभाजन नहीं हुआ है। प्रदेश भर में चल रहे प्रशिक्षण वर्गों में पार्टी के गठन से लेकर अब तक के इतिहास, पार्टी की सरकारों के कार्यों एवं भावी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। इस मौके पर पार्टी नेता गोपाल रावत, भानु पंत, कुंदन बिष्ट, मोहित साह आदि भी मौजूद रहे।
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शिव सेना के प्रदेश महामंत्री ने की मुख्यमंत्री की सराहना
नवीन समाचार, नैनीताल, 29 अक्टूबर 2020। भले केंद्र एवं शिव सेना की सरकार वाले महाराष्ट्र राज्य में भाजपा व शिव सेना के सुर जुदा-जुदा हों, किंतु नैनीताल नगर पालिका के पूर्व सभासद तथा उत्तराखंड शिवसेना के प्रदेश महामंत्री भूपाल सिंह कार्की ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के द्वारा गत दिवस नैनीताल आगमन पर मुख्यालय स्थित जीबी पंत चिकित्सालय, पूर्व नाम रैमजे हॉस्पिटल को पीपीपी मोड पर देने की घोषणा को ऐतिहासिक करार दिया है। साथ ही अपनी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसे एक सराहनीय व स्वागत योग्य निर्णय बताया है।
उन्होंने कहा कि जिला-मंडल नैनीताल में कोई विशेष आधुनिक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में यहां हमेशा से एक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की अत्यंत आवश्यकता रही है। यहां से अक्सर बीमारों की हल्द्वानी ले जाते समय रास्ते में ही मौत हो जाया करती है। इस कारण जनता में रैमजे अस्पताल को पीपीपी मोड में देने को लेकर बहुत उत्साह व प्रसन्नता है। उन्होंने कहा कि अब जनता को मुख्यमंत्री की घोषणा पर जल्द से जल्द कार्य प्रारंभ होने का इंतजार है। उन्होंने बताया कि गत दो अक्टूबर को वह राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति को सुचारू करने और आधुनिक तौर पर इन्हें तैयार करने के लिए एक दिवसीय उपवास पर बैठे थे।
इसके अलावा पूर्व सभासद संगठन के सदस्य एवं पूर्व सभासद नितेंद्र प्रसाद, मनमोहन सिंह नेगी, भारती साह, सुमित कुमार, अजय भट्ट, डीएन भट्ट, जितेंद्र बिष्ट, किरण साह व रेनू आर्य ने भी मुख्यमंत्री की रैमजे चिकित्सालय संबंधी निर्णय के लिए सराहना करते हुए उन्हें साधुवाद दिया है।
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी पर विश्वास कर इस्तीफा दें मुख्यमंत्री: कुलौरा
नैनीताल। उत्तराखंड ग्वालसेवा संगठन के संस्थापक अधिवक्ता पंकज कुलौरा ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश देने के मामले में कहा है कि ‘जीरो टॉलरेंस’ की बात करने वाले सरकार के मुखिया, मुख्यमंत्री पर ही भ्रष्टाचार के मामले में उन्हीं के राज्य की हाईकोर्ट ने मुकद्दमा दर्ज करने का आदेश दे दिया है, ऐसे में मुख्यमंत्री रावत को नैतिकता के आधार पर पारदर्शिता के लिए तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।
कुलौरा ने कहा कि राज्य में कोई भी काम नहीं हो रहा है। सड़कों में गड्ढे हैं। योजनाओं का काम फाइलों और अखबारों तक सीमित है। पूरे प्रदेश में आवारा कुत्तों का आतंक है। जंगली जानवर किसानों की फसलें बर्बाद कर रहे हैं। सरकारी अस्पतालों की हालत खस्ता है। समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है। राज्य में अभिव्यक्ति की आजादी भी नहीं है। इसीलिए इन कारणों से भी मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए और देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी पर विश्वास करना चाहिए।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 21 सितंबर 2020। नैनीताल नगर पालिका अध्यक्ष सचिन नेगी के सोमवार से शुरू हुए आमरण अनशन पर विधायक संजीव आर्य ने राज्य वित्त आयोग से नगर पालिका को राज्य वित्त आयोग से प्राप्त होने वाली धनराशि के ब्यौरे पेश किये थे। अब इस पर नगर पालिका अध्यक्ष सचिन नेगी ने पलटवार किया है। नेगी का कहना है कि विधायक आर्य ने पालिका को प्रतिमाह 1 करोड़ 21 लाख 76 हजार रुपए प्राप्त होने और वेतन आदि पर खर्च 1 करोड़ 10 लाख बताया है। इस पर उन्होंने स्वयं को प्रधानमंत्री मोदी की तर्ज पर नगर पालिका का ‘प्रधान सेवक’ बताते हुए बताया है कि नगर पालिका का वेतन इत्यादि पर खर्च करीब 1.16 करोड़ रुपए एवं पेंशन पर रुपए 34 लाख तथा आउट सोर्स एवं संविदा कर्मियों का वेतन 15 लाख रुपए है। इसके अलावा उनका कहना है कि पिछले 2 वर्ष में पालिका ने सेवानिवृत्त कार्मिकों को 2.5 करोड़ का भुगतान किया गया है। इस प्रकार नगर पालिका के द्वारा राज्य वित्त के 100 फीसद एवं बोर्ड फंड की 70-80 फीसद राशि कार्मिकों के वेतन एवं पेंशन में खर्च किया जा रहा है।
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नवीन समाचार, हल्द्वानी, 19 जुलाई 2020। उत्तराखंड की राजनीति में पिछले दिनों से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बीच चल रहा वाकयुद्ध ‘राम-रावण’ की सीमा से आगे निकलकर कालनेमि और हनुमान पर आ गया है। पहले हरीश रावत ने बंशीधर के राम का किरदार निभाने का जिक्र करते हुए उन्हें रावण बताया था, अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने हरीश रावत को उनकी ही भाषा में जवाब देते हुए ‘कांग्रेस रूपी रावण’ द्वारा जनता रूपी हनुमान का मार्ग रोकने वाले कालनेमि की संज्ञा दी है और कहा है कि जनता रूपी हनुमान उनका वही हश्र करेगी जो हनुमान ने उनका किया था।
पढ़ें बंशीधर भगत का हरीश रावत को पूरा जवाब :
प्रिय हरीश रावत जी!शायद आपको मेरी बात थोड़ी कड़वी लगी हो, परन्तु मैं आपको बताना चाहता हूँ कि “सच कड़वा होता है” और आप की बौखलाहट इसका परिणाम है ।।लेकिन आपने बिल्कुल ठीक कहा कि मैं रामलीला में दशरथ का पाठ खेलता हूँ अगर आपने रामलीला देखी होगी तो आपको राजा दशरथ का एक वक्तव्य याद होगा “हम नहिं बोले झूठ, पलट जाए चाहे जमीं सारी”।।मुझे गर्व है कि हम इस सनातनी परंपरा का निर्वहन सार्वजनिक जीवन में भी कर रहे हैं, हम तो भगवान श्री राम चंद्र जी के भक्त हैं और पूरी दुनिया ने भी यह देख लिया कि अयोध्या की पावन राम जन्म भूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है, रावण रूपी हम नहीं हैं, वे तो कांग्रेसी नेता व उनकी सरकारें रही हैं, जिन्होंने भगवान श्री राम चंद्र जी के काल्पनिक होने का दावा किया था।आप कांग्रेस के वे कालनेमि हैं जिसे हनुमान जी का रास्ता रोकने के लिए कांग्रेस रूपी रावण ने भेजा है, मगर आपको ये याद तो होगा ही कि कालनेमि हनुमान जी के हाथों मात खाता है, ठीक उसी तरह 2022 में भी ये हनुमान रूपी जनता आप जैसे कालनेमि को फिर से परास्त अवश्य करेगी।उत्तराखंड आंदोलन के समय में मुलायम सिंह जी से आपकी दोस्ती जग ज़ाहिर है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर कांग्रेस ने कितने घोटाले किए सब भली भांति जानते हैं।मान्यवर, आप जनता को जवाब दें कि उत्तराखंड का विशेष पैकेज एवं विशेष राज्य का दर्जा जब केंद्र में आपकी सरकार समाप्त कर रही थी तो आप दिल्ली में धरने पर क्यों नहीं बैठे? आपको धरना देने का बड़ा शौक़ है, तो उस वक़्त आप कैसे भूल गए ??वैसे आप की धरना राजनीति की एक विशेषता यह भी है कि उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनने के लिए आप ने अपने ही मुख्यमंत्रियों की जड़ों में खूब मट्ठा डाला, आप रायता फैलाने में विशेषज्ञ हैं, लेकिन अब आपके ये सारे खेल दुनिया जान चुकी है और आपकी पार्टी के नेता भी इस वक्त आपके इस रायते से बचने की कोशिशों में लगातार दिखते हैं।जहाँ तक IDPL और HMT का सवाल है, रावत जी भूल गए कि ये दोनों केन्द्र सरकार के प्रतिष्ठान थे जिनकी स्थापना 1961 में हुई थी, लेकिन केंद्र में कांग्रेस सरकारों की नीतियों व ख़राब प्रबंधन के कारण ये लगातार डूबती गई और अंततः बंद हो गई, हम तो हमेशा ही इनके पुनर्जीवन के पक्ष में रहे हैं।रावत जी आपमें एक और विशेषता है कि खुद तो कुछ करते नहीं किंतु जब भाजपा सरकार बड़ा काम करती है तो आप तुरंत श्रेय लेने की जुगत में लग जाते हैं, चाहे ऑल वेदर रोड हो या जमरानी बांध का मामला हो, लेकिन यह तो बता दीजिए कि आपने मुख्यमंत्री रहते हुए बिना पैसे स्वीकृत किए जो हज़ारों घोषणाएँ की थी उनका क्या हुआ? कोई एक आध भी पूरी हुई या वह भी नहीं ?? मान्यवर, अब जनता काम व नौटंकी का फ़र्क़ समझती है।मैं प्रदेश की जनता को बताना चाहता हूँ कि कांग्रेस ने काले कारनामों से जो भी काम बिगाड़े हैं, भारतीय जनता पार्टी की सरकारें उन सभी कार्यों को जनहित के लिए दुरस्त करती रही हैं और आगे भी करेंगी और बात रही कांग्रेस की तो इनकी सरकार ने अपने शासनकाल में जिस तरह हिंदू मान्यताओं का अपमान किया, उससे नहीं लगता कि ये कभी सत्ता में अब आ पाएंगे।माननीय रावत जी यह माँ गंगा के प्रति आपकी नफरत भरी राजनीति ही थी कि आप माँ गंगा को नहर और नाला करार दे बैठे, हमारी सरकार आपकी इस गलती का सुधार अवश्य करेगी ।
खैर माँ गंगा आपको सद्बुद्धि दे।
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कहा-दिन में लालटेन जलाने वाले रात में लालटेन जलाते तो…
नवीन समाचार, हल्द्वानी, 27 फरवरी 2020। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कांग्रेस की लालटेन लेकर विकास खोजने के कार्यक्रम पर जबरदस्त पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि दिन में लालटेन जलाने वाले यही लालटेन रात में जलाते तो शायद कुछ भला होता। साथ ही कहा, हल्द्वानी का विकास न होने के लिए नेता प्रतिपक्ष जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी विकास की अवधारणा पर काम नहीं किया, अब त्रिवेंद्र सरकार बेहतरीन काम कर रही है तो कांग्रेस दिन में लालटेन लेकर विकास खोज रहे हैं, रात में भी खोजते तो कोई बात होती। यह आरोप भगत ने बृहस्पतिवार को यहां एक सरकारी कार्यक्रम में लगाया।
उन्होंने कहा कि पिछले चालीस साल में जिस जमरानी बांध परियोजना को कांग्रेस की राज्य एवं केंद्र सरकारें रोकती रही, त्रिवेंद्र एवं मोदी सरकार ने स्वीकृति दिलायी है। इससे तराई व भाबर को नवजीवन मिलेगा। उन्होंने कहा भूमिहीनों को पटटा दिलाने, युवाओं महिलाओं को समूहों के माध्यम से रोजगार को जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस के लोग विकास ही करते तो आज यह स्थिति नहीं होती।
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नवीन समाचार, देहरादून, 26 जनवरी 2020। गणतंत्र दिवस पर एक बार फिर खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चौंपियन और झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के बीच फिर मुलाकात हुई है। इसके बाद दोनों के बीच करीब एक साल से चली आ रही दुश्मनी के पूरी तरह खत्म होने की बात कही जा रही है। रविवार को खानपुर विधायक खुद झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के रुड़की स्थित आवास पर पहुंचे। यहां दोनों विधायकों की ओर से कहा गया कि दोनों के हाथ ही नहीं मिले बल्कि दिल भी मिल गए हैं। हालांकि कुछ जानकार चैंपियन के सिर पर लटकी गिरफ्तारी के बाद उनका गिरफ्तारी से बचने का नया पैंतरा भी बता रहे हैं।
गौरतलब है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से दोनों विधायकों के बीच वार्ता हुई थी तो दोनों ने किसी तरह के मतभेद और मनभेद नहीं होने का दावा किया था। उस समय कर्णवाल के देहरादून स्थित आवास पर चैंपियन पहुंचे थे। दोनों ने एक सुर में मुख्यमंत्री के आदेश का पालन करने की बात कही थी लेकिन कुछ ही दिन बाद फिर से दोनों विधायकों के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई और मामला हाई कोर्ट से लेकर कोतवाली तक पहुंच गया था। यही नहीं कर्णवाल ने खानपुर विधायक के खिलाफ रुड़की कोतवाली में एससीएसटी समेत कई धारा में मुकदमा दर्ज करा दिया था। जिसके बाद माना जाने लगा था कि मामले में खानपुर विधायक की गिरफ्तारी हो सकती है लेकिन इसी बीच जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में खानपुर विधायक चैंपियन ने भाजपा का साथ देकर डैमेज कंट्रोल का प्रयास किया, जिसका परिणाम यह रहा कि एक बार फिर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नए साल की पहली तारीख को दोनों विधायकों को देहरादून बुलाकर वार्ता की। अब 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन शाम करीब 4 बजे खानपुर विधायक चैंपियन, विधायक देशराज कर्णवाल के रुड़की स्थित आवास पर पहुंचे, जहां दोनों ने गरमजोशी से एक दूसरे को गले लगाया। ऐसे में माना जा रहा है कि पिछले एक साल से दोनों के बीच चली आ रही दुश्मनी गणतंत्रता दिवस पर दोस्ती में बदल गई है।
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भाजपा के निलंबित कुंवर प्रणव चैंपियन की गिरफ्तारी पर रोक संबंधी याचिका खारिज
नवीन समाचार, नैनीताल, 18 दिसंबर 2019। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने खानपुर हरिद्वार के भाजपा के निलंबित विधायक कुँवर प्रणव सिंह चैंपियन की गिरफ्तारी पर रोक संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है। इसके बाद चैंपियन की गिरफ्तारी होनी तय मानी जा रही है। उल्लेखनीय है कि हरिद्वार झबरेड़ा से भाजपा के विधायक देशराज कर्णवाल ने चैंपियन व अन्य लोगों पर जाति सूचक शब्द कहने पर एफआईआर दर्ज कराई थी। इस एफआईआर पर अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए चैंपियन ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया है।
मामले के अनुसार झबरेड़ा के विधायक देशराज कर्णवाल ने गत 12 दिसम्बर 2019 को रुड़की थाने में खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के खिलाफ भादंसं की धारा 153 ए, 295ए, 506, 509 व एससी-एसटी एक्ट के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस एफआईआर में चैंपियन का नाम प्रणव सिंह उर्फ पन्नू लिखा है। पन्नू पर अप्रैल 2019 में प्रेस कांफ्रेंस कर उनके व उनकी पत्नी के खिलाफ जाति सूचक व अपमानजनक शब्द बोलने, जान से मारने की धमकी देने के आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों को निराधार बताते हुए चैंपियन ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक के लिये हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। बुधवार को न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद चौंपियन की याचिका खारिज कर दी।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 25 जुलाई 2019। उत्तराखंड उच्च न्यायालय सेे भाजपा केे निष्काषित विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन को सरकार द्वारा सुरक्षा वापस लिये जाने और उनकी लाइसेंसी बंदूकों को भी वापस लेने के मामले में राहत नहीं मिली है। सुरक्षा वापस लेने के खिलाफ दायर याचिका में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आलोक सिंह व न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की खंडपीठ ने मामले को सुनने से इनकार करते हुए दूसरी पीठ को सुनने के लिए भेज दिया है।
मामले के अनुसार याचिकाकर्ता का कहना है कि उनको केंद्र सरकार से पिछले 25 सालों से वाई प्लस सुरक्षा मिली हुई थी परंतु सरकार ने कुछ दिन पहले बिना किसी कारण के यह सुरक्षा वापस ले ली है जिसके चलते उनको व उनके पिछले ढाई सौ सालों से जाने-पहचाने परिवार को जानमाल का खतरा बना हुआ है। यह भी कहा है कि सरकार ने सुरक्षा के साथ ही उनकी लाइसेंसी बंदूकें भी वापस ले ली हैं। याचिकर्ता ने यह भी कहा है कि । उन्होंने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि उनकी शुरक्षा वापस ले ली।
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-6 साल के लिए भाजपा से हुआ निष्कासित
नवीन समाचार, नैनीताल, 17 जुलाई 2019। आखिर हां-नां करते भाजपा ने अपने निरंकुश, मुंहजोर, लाज-शर्महीन विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन को पार्टी से 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। हालांकि पार्टी के पास उसे निष्कासित करने के लिए 20 जुलाई तक का समय था, जब तक कि उसे जवाब देने के लिए समय दिया था, किंतु पार्टी ने बुधवार 17 जुलाई को ही उससे पिंड छुड़ा लिया है। बुधवार को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह ने मात्र 4 लाइन का आदेश जारी कर उसे 6 वर्ष के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है। आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
आगे बताया जा रहा है कि चैंपियन बसपा का दाम थाम सकता है, और उसका उत्तराखंड की राजनीति से तौबा कर अपनी विधानसभा की पड़ोसी सहारनपुर जिले की किसी विधानसभा से चुनाव लड़कर यूपी की राजनीति में जाने की संभावना है। इसके संकेत उसने स्वयं पिछले माह नैनीताल में दिये थे।
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नवीन समाचार, हरिद्वार, 13 जुलाई 2019। ‘काला मुंह’ डांस पर उत्तराखंड को गालियों देने वाले खानपुर से बेलगाम बीजेपी विधायक कुंवर प्रणव सिंह ‘चैंपियन’ के तीन हथियारों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं। इसके साथ ही उन्हें 15 दिन का कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह चौधरी के अनुसार अगर 15 दिन में कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला तो उनके हथियारों के लाइसेंस निरस्त कर दिए जाएंगे।
बता दें कि पुलिस महकमे ने शुक्रवार को चैंपियन के तीन हथियारों के लाइसेंस निरस्त करने की रिपोर्ट जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी को भेजी थी। इसके बाद शनिवार को कार्रवाई करते हुए हथियारों को निलंबित कर दिया गया। अभी वे 15 दिन अपने हथियार कहीं भी इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। हालांकि उनकी पत्नी और बेटे के नाम जारी लाइसेंसी असलहे को लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। वीडियो वायरल होने के बाद हरिद्वार पुलिस सक्रिय हो गई थी। पुलिस ने जब रिकॉर्ड खंगाला तो विधायक के नाम तीन ही लाइसेंसी हथियार होना सामने आया। इसमें दो रिवाल्वर और एक रायफल है।
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-कहा, चैंपियन राज परिवार नहीं सामंत परिवार से है
नवीन समाचार, नैनीताल, 12 जुलाई 2019। इसे ही कहते हैं ‘पड़ी पर दो और’, और ‘मौके पर चौका’। अपनी हरकतों से भाजपा से निष्कासन की दहलीज पर खड़े स्वयंभू चैंपियन विधायक पर उनके सबसे बड़े खुले प्रतिद्वंद्वी झबरेड़ा से भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल ने जोरदार हमला बोला है। उन्होंने चैंपियन को एक शेर के जरिये ‘हंटर को सलाम करने वाला सर्कस का शेर’ करार दिया है। अपने तीन पेज के प्रेस को जारी पत्र का समापन करते हुए कर्णवाल ने चैंपियन के लिए लिखा है, ‘दिखाओ इनको जो हंटर को सलाम करते हैं, ये शेर वो हैं जो सर्कस में काम करते हैं।’
लंबे समय से विवादित विधायक प्रणव सिंह चैंपियन के खिलाफ डटकर खड़े झबरेड़ा से भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल ने चैंपियन पर गिर रही पार्टी की गाज के बीच कड़ा हमला बोला है। संभवतया लोक सभा चुनाव के बाद लिखे पत्र को अब प्रेस को जारी करते हुए उन्होंने आरोप लगाया है कि चैंपियन वर्ष 2005 से उनके पीछे पड़े हैं। वह अपनी पत्नी देवयानी को जिला पंचायत का अध्यक्ष बनाने के लिए तब जिला पंचायत सदस्य रहे कर्णवाल का वोट चाहते थे और वोट न देने पर जाति प्रमाण पत्र का झूठा मामला बनाकर बेवजह उठाया था। इस मामले में कई बार अदालतों से उन्हें मुंह की खानी पड़ी है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि चैंपियन किसी राज परिवार से नहीं वरन मराठा सरदारों ने रुहेला सरदार नजीबुद्दौला को पराजित कर लंढौरा किले का निर्माण कर वहां 50 सैनिकों के साथ एक सामंत को लगान वसूलने के लिए छोड़ा था। चैंपियन इसी सामंत परिवार से हैं। जबकि राजा कुंजा बहादरपुर विजय सिंह ने अपने सेनापति कल्याण सिंह के साथ मिलकर 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष किया और 400 साथियों के साथ फांसी के फंदे को चूमा। कर्णवाल ने चैंपियन को राज परिवार से होने पर भाजपा से स्वयं ही इस्तीफा देने की भी चुनौती दी। कहा प्रधानमंत्री मोदी भाजपा को गरीबों की पार्टी बताते हैं।
चैंपियन को किसी मान्यता प्रापत खेल संघ से चैंपियन होने एवं आईएफएस होने का प्रमाण पत्र दिखाने की चुनौती देते हुए कर्णवाल ने कहा, चैंपियन ने कभी ‘गिल्ली-डंडा’ भी नहीं खेला है। उन्होंने चैंपियन के स्वयं को ‘विकास पुरुष’ बताने पर भी अपने दो वर्ष में कराये गये विकास कार्यों से तुलना करने की चुनौती दी। वहीं चैंपियन की दबंगई की हवा निकालते हुए कहा कि एक जून 2016 को चैंपियन हरीश रावत के समर्थकों द्वारा महल पर चढ़ाई करने पर घर छोड़ कर भाग गये थे, तब कर्णवाल ने चैंपियन का खुला समर्थन कर एक सप्ताह तक धरना-प्रदर्शन किया था। इसी कारण चैंपियन के ताऊ ने चुनाव में चैंपियन के बजाय कर्णवाल के लिए कार्य किया, जिस पर चैंपियन ने अपने निर्दोश ताऊ को पुलिस के हवाले कर दिया। कर्णवाल ने चैंपियन पर पिछले लोक सभा चुनाव में भाजपा को अपने बयानों से नुकसान पहंुचाने का आरोप भी लगाया और जल्द उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की बात भी कही है।
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नवीन समाचार, देहरादून, 11 जुलाई 2019। ‘काला मुंह’ डांस पर उत्तराखंड को गालियों देने वाले खानपुर से बेलगाम बीजेपी विधायक कुंवर प्रणव सिंह ‘चैंपियन’ भाजपा से निकाल दिए गए हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू के अनुसार खानपुर के भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को भाजपा से बाहर का रास्ता दिखाते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। बुधवार को इस संदर्भ में केंद्रीय नेतृत्व को उनके ‘निष्कासन’ की सिफारिश की गई थी, जिसे केंद्रीय नेतृत्व ने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि चैंपियन अब भाजपा के विधायक नहीं है। अलबत्ता, राज्य भाजपा ने उन्हें निलंबित करने की बात कही है। बताया गया है कि उन्हें भविष्य की किसी फजीहत से बचने के लिए निर्धारित प्रक्रिया के तहत 10 दिन में जवाब देने को कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि बीते माह ही दिल्ली में एक पत्रकार के साथ विवाद का उनका वीडियो वायरल हुआ था। इसे देखते हुए पार्टी ने उनकी प्राथमिक सदस्यता तीन माह के लिए निलंबित कर दी थी। अब नये प्रकरण में बुधवार को केंद्रीय नेतृत्व को उनके निष्कासन की सिफारिश की गई थी, जिसे केंद्रीय नेतृत्व ने स्वीकार कर लिया है।
गौरतलब है कि भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन इन दिनों एक वायरल वीडियो को लेकर चर्चाओं में हैं। इस वीडियो में वह बंदूकों के साथ डांस करने के साथ ही राज्य के लिए अत्यंत आपत्तिजनक व अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करते नजर आ रहे हैं। विवादों की कड़ी में यह सबसे नया मामला है।
बेलगाम चैम्पियन के विवादों की लम्बी फेहरिस्त :
राज्य गठन के बाद से ही चैंपियन विवादों में घिरे रहे हैं। नारायण दत्त तिवारी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान चैंपियन को पूरी उम्मीद थी कि निर्दलीय विधायक के रूप में कांग्रेस को समर्थन देने के कारण उन्हें मंत्री बनाया जाएगा। इसके लिए वह पूरी तैयारी के साथ आए थे। नाम न आने पर उन्होंने खासी नाराजगी जताई थी। इसके बाद वर्ष 2003 में चैंपियन पर लक्सर में मगरमच्छ के शिकार के आरोप लगे थे। इस पर वन विभाग ने मुकदमा भी दर्ज किया। हालांकि, इस पर आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई। जनवरी 2009 में चैंपियन पर मंगलौर में हवाई फायरिंग का मामला दर्ज हुआ, लेकिन कोई कारवाई नहीं हुई। वर्ष 2011 में चैंपियन पर तत्कालीन विधायक व मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के समर्थकों ने मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी वर्ष रुड़की के एक होटल के मालिक पर फायरिंग करने का भी आरोप लगा। इस मामले में मुकदमा तो दर्ज हुआ, लेकिन पुलिस ने आगे कार्रवाई नहीं की। वर्ष 2015 में कांग्रेस सरकार के दौरान तत्कालीन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के देहरादून में यमुना कॉलोनी स्थित आवास पर एक पार्टी के दौरान उन पर हवाई फायरिंग के आरोप लगे थे। इसमें कांग्रेस के दो कार्यकर्ता घायल हो गए थे। तब प्रदेश में कांग्रेस सरकार होने के कारण यह मामला भी दब गया। वर्ष 2016 में जब कांग्रेस सरकार में उठापठक चली तो चैंपियन बागी विधायकों के साथ रहे। वर्ष 2017 के चुनावों में भाजपा ने चैंपियन को टिकट दिया। चुनाव जीतने के बाद वह फिर विवादों में रहे। उन पर नामांकन के दौरान हथियारबंद समर्थकों को ले जाने के आरोप लगे। इसी वर्ष भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल से छिड़ी जुबानी जंग ने तो मर्यादाओं की सीमाएं लांघ दी। इस मामले में जांच समिति अपनी रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को सौंप चुकी है, लेकिन अभी फैसला नहीं हुआ है।
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नवीन समाचार, देहरादून, 10 जुलाई 2019। उत्तराखंड के खानपुर से बीजेपी विधायक कुंवर प्रणव सिंह ‘चैंपियन’ एक वायरल हो रहे विडियो में लोगों के साथ शराब पीते, हाथों में राइफल और पिस्टल लहराते व फिल्मी गानों पर झूमते हुए उत्तराखंड राज्य के लिए भी बेहद आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करते नजर आ रहे हैं। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भी उन्होंने ‘चोरी के ऊपर सीनाजोरी’ वाला रुख दिखाया है। उन्होंने इसे एक साजिश करार दिया है। इतना ही नहीं विधायक ने खुद सवाल कर दिया कि क्या शराब पीना और लाइसेंसी बंदूक रखना अपराध है? बता दें कि विधायक चैंपियन को अनुशासनहीनता के आरोप में तीन महीने के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया था। इस बार भी पार्टी ने कहा है कि चैंपियन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
विधायक प्रणव सिंह ने पत्रकारों को बुलाकर अपनी सफाई देते हुए पूरे प्रकरण को अपने खिलाफ षडयंत्र बताया है। उन्होंने कहा कि दो दिन पूर्व उन्होंने खानपुर में सिडकुल की स्थापना के संबंध में पेास्ट की थी, इससे नाराज होकर उनके विरोधियों ने ये वीडियो वायरल किया है। हालांकि उन्होंने कहा कि इस वीडियो में वो खुद ही हैं लेकिन ये आवाज उनकी नहीं है। ये वीडियो पूरी तरह एडीटिंग कर बनाया गया है। वायरल विडियो में नजर आ रहा है कि विधायक ने दोनों हाथों और मुंह में एक-एक रिवॉल्वर ले रखा है। बाद में वह जाम के साथ हथियार लहराते नजर आ रहे हैं। विधायक प्रणव सिंह चैंपियन अपने समर्थकों के साथ बॉलिवुड फिल्म करण-अर्जुन के ‘मुझको राणा जी माफ करना’ गाने पर ठुमके लगाते नजर आ रहे हैं। विडियो में विधायक कई जगह गाली भी देते नजर आ रहे हैं।
चैंपियन बोले- यह साजिश है
विडियो पर फजीहत के बीच सफाई देते हुए चैंपियन ने कहा, ‘यह एक साजिश है। वे लाइसेंसी हथियार थे और लोडेड नहीं थे। मैं किसी की ओर इशारा नहीं कर रहा हूं और न ही किसी को धमकी दे रहा हूं। क्या अपराध है ? क्या शराब पीना और लाइसेंसी बंदूक रखना अपराध है।’
बलूनी ने कहा, भाजपा करेगी कार्रवाई
उधर, बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी ने कहा कि उन्होंने यह विडियो देखा है और वह इसकी कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि चैंपियन के खिलाफ इसी तरह की पहले भी शिकायतें आई हैं और उन्हें 3 महीने के लिए निलंबित किया गया है। बलूनी ने कहा कि पार्टी उत्तराखंड यूनिट से बात करेगी और चैंपियन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें पत्रकारों से अभद्रता मामले में बीजेपी ने विधायक प्रणव सिंह चैंपियन को तीन महीने के लिए सस्पेंड कर दिया है। उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। आरोप है कि चैंपियन ने एक निजी न्यूज चैनल के रिपोर्टर को दिल्ली स्थित उत्तराखंड भवन में बुलाकर धमकाया था।
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-जाहिर किया यूपी की राजनीति में जाने और लोक सभा चुनाव लड़ने, उप मुख्यमंत्री बनने का भी जताया इरादा
-कहा शायद वे उत्तराखंड के योग्य नहीं, स्वयं को भाजपा का सिपाही बताया और कहा कोर्ट मार्शल के लिए भी तैयार
नवीन समाचार, नैनीताल, 2 मई 2019। हमेशा अपनी छवि के अनुरूप ‘बड़े बोल’ बोलने वाले खानपुर के विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने बृहस्पतिवार को मुख्यालय स्थित बोट हाउस क्लब में पत्रकार वार्ता की। बोले, उन्हें लगता है कि वे उत्तराखंड के लिए शायद उपयुक्त नहीं हैं, इसलिये वे आगे यूपी की राजनीति में जाने, वहां सहारनपुर से लोक सभा का चुनाव लड़ने का इरादा रखते हैं। उनके लिए मंत्रीपद प्राप्त करना बहुत छोटी बात है। बल्कि वे उप मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। उन्होंने अपना सीना 58 इंच का (प्रधानमंत्री मोदी के कथित 56 इंच से भी बड़ा) बताया। स्वयं को शेर और लक्सर के भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल को उन्होंने गीदड़ बताते हुए दोनों में कोई तुलना न होने की बात भी कही। साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति अपनी पुरानी बहुचर्चित टिप्पणी को बकायदा लिखित तौर पर दोहराते हुए कहा कि यदि गांधी ने ‘नाकाबिल’ नेहरू की जगह यदि जिन्ना को प्रधानमंत्री बना दिया होता तो पाकिस्तान का जन्म न हुआ होता। साथ ही दोहराया कि महात्मा गांधी की जगह भारत रत्न बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर को ‘राष्ट्रपिता’ की उपाधि से अलंकृत किया जाना चाहिए।
‘नवीन समाचार’ द्वारा यह पूछे जाने पर कि इस बार के लोक सभा चुनाव होने के बाद तो उन्हें संसद में जाने का मौका पांच वर्ष बाद ही मिल सकता है, इस पर चैंपियन ने कहा, उम्र बहुत लंबी है। इतना इंतजार करने से उन्हें इंकार नहीं है। वहीं किस पार्टी से संसद में जाना चाहेंगे, इस प्रश्न पर भाजपा का नाम न लेकर उन्होंने कहा, भविष्य बतायेगा। ऐसे में आगे देखने वाली बात होगी कि किसी भी मंजिल को मुकाम न मानने वाले चैंपियन यह सब कहकर क्या इशारा कर रहे हैं।
पत्रकार वार्ता में चैंपियन ने कहा कि उत्तराखंड में उनके केवल 10 फीसद बाहरी शारीरिक डीलडौल को लेकर ही बात की जाती है, लेकिन उनके विचार नहीं सुने जाते हैं। जबकि वे अपने ज्ञान से कई बार विधानसभा में मंत्रियों और अधिकारियों की बोलती बंद कर चुके हैं, और आगे यूपी से संसद जाना चाहते हैं। किस पार्टी से संसद जाएंगे के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि यह भविष्य की बात है, अलबत्ता यह भी कहा कि कांग्रेस में वे बेगानी शादी में दीवाने अब्दुल्ला जैसे थे, लेकिन भाजपा में उन्हें परिवार मिला है। उत्तराखंड को उन्होंने पिछले 19 वर्षों से पूरी तरह से असफल राज्य बताया। कहा यहां लोगों की मानसिकता खाने की है, जबकि हिमांचल में कुछ करने की। यहां लोग छुट्टी ढूंढते हैं। सचिवालय में पांच दिन का सप्ताह कर दिया गया है। बावजूद राज्य हड़ताली प्रदेश बन गया है। दावा किया कि उन्होंने राज्य बनने के बाद अपनी विधानसभा में पहला थाना, पहला आईटीआई, पहला डिग्री कॉलेज, पहला बिजली का सब स्टेशन और पहला रेलवे ओवरब्रिज बनाया।
नैनीताल पर्वतों का राजा
नैनीताल। विधायक प्रणव चैंपियन नैनीताल में शायर की भूमिका में भी नजर आये। इस दौरान कई बार शेरो-शायरी में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मसूरी को पर्वतों की रानी कहा जाता है, जबकि नैनीताल मसूरी से कहीं अधिक सुंदर है। यहां की जैव विविधता अद्वितीय है और मसूरी में नहीं मिलती। यहां सभी धर्मों के लोग मिलकर रहते हैं, और सबसे बड़ी बात, यहां आंखों की गहराई के लिए प्रयुक्त होने वाली झील है, जिसे देखकर कोई भी शायर बन जाये। इसलिये नैनीताल पर्वतों का राजा है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 25 अप्रैल 2019। उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने भाजपा विधायक कुंवर प्रणव चैम्पियन के समर्थकों की गिरफ्तारी से रोक सम्बंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए उनको कोई राहत नही देते हुए मंगलवार तक घटना की वीडियो सीडी की ट्रांसलेशन कॉपी कोर्ट में पेश करने को कहा है।
मामले के अनुसार झबरेड़ा के विधायक देशराज कर्णवाल की पत्नी वैजयंतीमाला ने एक दिन पूर्व 25 मार्च 2019 को रुड़की थाने में कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन के समर्थक पहल सिंह, फुरकान और पप्पू सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। एफआईआर में कहा गया है कि चैम्पियन के इन समर्थकों के द्वारा मार्च में उनके खिलाफ व दलित समाज के लिए सेंटल पॉइंट होटल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जाति सूचक शब्द कहकर उनको बदनाम करने की पूरी कोशिश की गयी, और इसकी सीडी भी बनाई गयी। उनके इस बयान से दलित वर्ग बहुत आहत हुआ है। इनका मुख्य उद्देश्य समाज में जातिवाद फैलाना है। इस एफआईआर के खिलाफ अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने याचियों को कोई राहत नही देते हुए उनके द्वारा बनाई गयी सीडी की ट्रांसलेट कॉपी मंगलवार को कोर्ट में पेश करने को कहा है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 18 अक्तूबर 2019। मुख्यालय में भाजपा व बसपा के नगर अध्यक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप पुलिस एवं उच्चाधिकारियों तक पहुंच गये हैं।
मामले में पहले नगर के पिलग्रिम लॉज मल्लीताल निवासी बहुजन समाज पार्टी के नगर अध्यक्ष रईस अहमद पुत्र बशीर अहमद ने कुमाऊं मंडलायुक्त एवं डीएम नैनीताल को पत्र लिखकर भाजपा नगर अध्यक्ष मनोज जोशी पर उत्पीड़न करने के आरोप लगाए। उनका कहना है कि जोशी ने अपनी अच्छी जान-पहचान के बल पर उनके रजिस्ट्री व दाखिल खारिज शुदा टिन शेड का नक्शा पास कराने के लिए रुपए मांगे थे। रुपए न देने पर जोशी द्वारा उन्हें परेशान किया जा रहा है। इसकी उनके पास रिकॉर्डिंग भी मौजूद है। जोशी के कहने पर ही उनका टिन शेड कई बार तोड़ा जा चुका है। कहा है कि वह 70 साल के वृद्ध हैं और ऐसी मानसिक व शारीरिक यातनाओं से बीमार व अस्वस्थ हो गए हैं। ऐसे में उनके समक्ष मरने के अलावा कोई और रास्ता नहीं रह गया है।
वहीं भाजपा नगर अध्यक्ष मनोज जोशी ने शुक्रवार को मल्लीताल कोतवाली पुलिस में पत्र देकर रईश अंसारी पर झूठे व आधारहीन आरोप लगाकर बदनाम करने का आरोप लगाया है। जोशी का दावा है कि उनकी रईश अंसारी से कोई व्यक्तिगत मुलाकात नहीं हुई है। कहा है कि अंसारी अवैध निर्माण करते व करवाते हैं। इसकी शिकायत उन्होंने कई बार डीएम, कमिश्नर व प्राधिकरण से की है। पिछले कुछ दिनों से उन्हें कुछ अज्ञात लोगों द्वारा इस मामले में न बोलने की धमकी दी जा रही है। उन्होंने इसके पीछे अंसारी को बताते हुए उनसे जान माल की सुरक्षा दिलाने व कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही जिला विकास प्राधिकरण से अंसारी द्वारा किये गये व किये जा रहे निर्माणों के बारे में सूचना के अधिकार के तहत अनेक जानकारियां मांग ली हैं।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 29 सितंबर 2019। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं नैनीताल सांसद ने पूर्व सीएम की ककड़ी-रायता पार्टी पर चुटकी लेते हुए कहा कि हरदा रायता खिलाते कम हैं, फैलाते ज्यादा हैं। भट्ट ने कहा-वे नाटक ज्यादा करते हैं। रविवार को मुख्यालय में मौजूद भट्ट ने कहा कि भाजपा की हरदा की गिरफ्तार होने या उनके जेल जाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। मामले में कानून अपना काम करेगा। कहा, हरदा जेल जाने से बुरी तरह से बौंखलाए व हिले हुए हैं। इसीलिए वे इन दिनों तरह-तरह के बयान दे रहे हैं। यदि वे स्टिंग मामले में पाक-साफ हैं जो घबराएं नहीं और कानूनी प्रक्रिया का पालन करें।
यह भी पढ़ें : कोश्यारी ने पत्र लिख कुरेदे हरीश रावत के जख्म, ‘स्याऊ’ जैसी बुद्धि एवं दूब की तरह अपने परिवार को फैलाने वाला बताया, और रावत ने कहा-शिरोधार्य..
नवीन समाचार, नैनीताल, 25 मई 2019। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को कमोबेश उन्हीं की भाषा में जवाब देने वाले एकमात्र अन्य नेता, भाजपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने हरीश रावत को लोक सभा चुनाव में मिली सबसे बड़ी हार के बाद पत्र लिखकर उनके जख्म कुरेदे हैं। वहीं हरीश रावत ने भी कोश्यारी को जवाब देने में अधिक देर नहीं लगाई है, और अपनी तरह से जवाब देते हुए कहा है कि उन (हरीश रावत) गीदड़ की मौत से ही 2022 में हाथ का परचम लहराएगा।
कोश्यारी ने अपने बुरे और रावत के उत्कर्ष के दिनों में कांग्रेसियों द्वारा उन पर पत्थर बरसाने की घटना को याद करते हुए हरीश रावत को कुछ अलग तरह से शुभकामनाएं दी हैं। उम्मीद जताई है कि रावत मौजूदा स्थितियों में राहुल गांधी को सही सलाह देने के लिए दिल्ली पहुंच गए होंगे। कहा है कि हरीश रावत पहाड़ में दी जाने वाली शुभकामनाओं के अनुरूप ‘स्याऊ’ यानी सियार जैसी तेज बुद्धि के हैं, और पहाड़ की एक अन्य शुभकामना में दूब की तरह फैलने की कल्पना के अनुरूप अपनी पत्नी, बेटी, बेटियों, साले व अन्य रिश्तेदारों को राजनीति में फैला रहे हैं। आगे देखने वाली बात होगी कि रावत कोश्यारी के इस पत्र का क्या जवाब देते हैं। और रावत की प्रकृति के अनुसार ऐसा असंभव नहीं है कि रावत कोश्यारी के इस पत्र का देर-सबेर जवाब नहीं देंगे। देखें कोश्यारी का पत्र :
प्रिय हरीश रावत जी,
आशा करता हूं आप इस समय राहुल गांधी को सही सलाह देने दिल्ली बैठक में पहुंच चुके होंगे। भाई आपकी और हमारी लड़ाई सदा ही विचारों की रही है, जिसका उत्तराखंड का इतिहास साक्षी है। याद कीजिए उस दौर को जब मैं दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में झोला टांगकर संघ का कार्य करता था और आप ताकतवर कांग्रेस के लगातार सांसद चुने जाते थे। एक बार तो सालम पट्टी में जीना जी और मुझ पर कांग्रेसी भाइयों ने पत्थर तक बरसाए थे। अब वक्त ने करवट ली है। आज मेरे वरिष्ठ रहे स्वर्गीय दीनदयाल उपाध्याय जी, स्वर्गीय सोबन सिंह जीना जी व स्वर्गीय गोविंद दा के सपने पूरे हुए हैं, और देश में चारों ओर भाजपा ही भाजपा है।
छोटे भाई पहाड़ में “स्याऊ” शियार जैसे होने का तो आशीर्वाद दिया जाता है और आप ऐसी “शार्प” बुद्धि के हैं भी ! फ़िलहाल आपने दूबे की तरह कांग्रेस के समानांतर अपने परिवार को राजनीति में जो फैलाया है जिसमें पत्नी, बेटे, बेटियां, साले और रिश्तेदार शामिल हैं, उसकी भी शुभकामनाएं।
मां भगवती से प्रार्थना करता हूं आप स्वस्थ और मस्त रहें और दीर्घायु हों।
आपका- भगत दा ।
वहीं कोश्यारी के इस पत्र पर हरीश रावत का जवाब भी देखिए। रावत ने लिखा है, भगत सिंह कोश्यारी जी, भारतीय जनता पार्टी की इस शानदार जीत के मौके पर आपको बधाई। आपने मुझे याद किया, आपने मेरी तुलना गीदड़ से की। बड़े भाई हैं, आपने अपने जीत के क्षण में जो भी कह दिया, शिरोधार्य है। चलिए आपने मुझे लकड़बग्घा तो नहीं कहा जो केवल दूसरों का मारा हुआ खाता है मगर एक बात याद रखियेगा यदि आपने और आपकी पार्टी ने उत्तराखंडियत के लिए और उन पहलों के लिए जो मेरी सरकार ने 3 साल में प्रारंभ की थीं, उनको आगे नहीं बढ़ाया और कुछ विशेष नहीं किया तो इस गीदड़ की मौत से ही 2022 में हाथ का परचम लहरायेगा।
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-लोक सभा चुनाव में प्रचार के लिए कम समय मिला: कुंजवाल
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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>नवीन समाचार, नैनीताल, 1 अप्रैल 2019। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि लोक सभा चुनाव में जिस तरह पर्वतीय क्षेत्रों में बड़े क्षेत्रफल के अनुरूप चुनाव प्रचार के लिए समय नहीं मिला है। साथ ही उन्होंने कहा कि जनता अपना मन पहले से कांग्रेस के पक्ष में बना चुकी है। क्योंकि जनता भाजपा शासनकाल में परेशान हो चुकी है। क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान वह देख रहे हैं कि जनता प्रधानमंत्री मोदी को भी भला-बुरा कह रही है। दावा किया कि राज्य की पांचों सीटों पर जनता कांग्रेस प्रत्याशियों को जिताने जा रही है।
इस दौरान उन्होंने भाजपा नेता पूर्व सीएम व निवर्तमान सांसद भुवन चंद्र खंडूड़ी की इमानदारी को लेकर काफी कसीदे पढ़े लेकिन यह बताये जाने पर कि कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी भाजपा के पांचों सांसदों को नाकारा कह चुके हैं, इस पर कुंजवाल ने कहा कि यदि ऐसा कहा गया है तो गलत कहा गया है। उन्होंने भाजपा पर पार्टी के भीतर एवं देश के लोकतंत्र को खत्म करने का आरोप भी लगाया। हरीश रावत व भगत सिंह कोश्यारी में उज्याड़ि बल्द, एकलू बानर व भिजी घुघुत जैसे उपमानों पर उन्होंने कहा कि दोनों वरिष्ठ नेता है। ऐसी बातों से परहेज किया जाना चाहिए, और ऐसी बातों को अधिक गंभीरता से भी नहीं लिया जाना चाहिए।
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p style=”text-align: justify;”>-उत्तराखंड के मुख्यमंत्री स्तर के नेता एक-दूसरे पर प्रदेश की लोकभाषा में प्रयुक्त शब्दों से कर रहे हैं हमला, यह शब्द जनता में चर्चा का विषय भी बन रहे हैं
नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 30 मार्च 2019। उत्तराखंड की राजनीति में लोक सभा चुनाव की बयार के बीच ‘उज्याड़ खांणी बल्द’ (दूसरों की फसल चरने वाला बैल) व ‘एकलू बानर’ (अकेले रहने वाला बंदर) के बाद अब ‘भिजी घुघुत’ (भीगा हुआ कबूतर प्रजाति का घुघुता नाम का पहाड़ी पक्षी) आ गया है। प्रदेश के एक पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के लिए पहले ‘उज्याड़ खांणी बल्द’ शब्द का प्रयोग किया था तो कोश्यारी ने हरीश रावत को हल्द्वानी में ‘एकलू बानर’ यानी अपने झंुड से अलग रहने वाला बंदर बता दिया था। इसके जवाब में कोश्यारी को भीगा हुआ घुघुता पक्षी कह दिया है। साथ ही एकलू बानर के जवाब में तो बकायदा रावत ने शनिवार को ट्वीट करके जवाब दिया है। रावत ने लिखा है, ‘श्री भगत सिंह कोश्यारी ने ’मुझको एकलुवा बानर कहा है मतलब जो अकेले हैं। हनुमान जी भी जब मिशन पर निकले थे तो अकेले थे मगर रावण की लंका खाक कर दी थी। तो भाजपा के वो दोस्त विश्वास रखें अब उनकी लंका के भी खाक होने के दिन आ गए हैं।’ उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व मौजूदा लोक सभा चुनाव के लिये मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरीश रावत के लिए सामान्यतया प्रयुक्त होने वाले शब्द ‘हरदा’ यानी बड़े भाई हरीश की जगह ‘हारदा’ यानी हारे हुए बड़े भाई शब्द का प्रयोग भी किया था। खास बात यह भी है कि लोकभाषा से जुड़े शब्द होने के कारण यह शब्द ग्रामीण जनता में चर्चा का विषय भी बन रहे हैं।
प्रदेश में चल रहे इस राजनीतिक विमर्श पर कुमाउनी साहित्यकार व संपादक दामोदर जोशी ‘देवांशु’ का कहना है कि कुमाउनी समाज में प्रयुक्त ‘एकलू बानर’ शब्द अकेले नहीं परंतु मजबूत बंदर के लिये प्रयुक्त होता है। वह अकेला व उपेक्षित जरूर होता है परंतु सामान्यतया मजबूत कदकाठी का होता है, और अकेला ही सभी परिस्थितियों का सामना करता है। इस तरह कोश्यारी ने एक तरह से जाने-अनजाने हरीश रावत को ‘मजबूत’ बता दिया है। वहीं हरीश रावत ने कोश्यारी के लिए जिस ‘भीगा हुआ घुघुता’ कहा है वह भी ‘उपेक्षित’ के अर्थ में ही प्रयुक्त होता है, लेकिन इसके साथ बल व सत्ता विहीन जैसे अर्थ भी जुड़ते हैं। हालांकि साहित्यकार इसे इस रूप में अच्छा भी मान रहे हैं कि कम से कम एक पर्वतीय राज्य के चुनावों में ‘पर्वतीय उपमानों’ का प्रयोग किया जा रहा है, जो कि प्रदेश की लोक भाषाओं के संरक्षण के लिए प्रयासरत प्रदेश के साहित्यकारों को सुखद प्रतीत हो रहा है। कम से कम इस तरह से प्रदेश के राजनेता जनता से जुड़ने के लिए लोक संस्कृति के प्रतिमानों का प्रयोग कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि घुघुता पहाड़ पर पाया जाने वाला कबूतर प्रजाति का ही पक्षी है, जो कुमाउनी लोक सभ्यता व संस्कृति के साथ लोकगीतों में गहरा प्रभाव भी रखता है।
हालांकि राजनीतिक विश्लेषक इस बात से चिंतित हैं कि प्रदेश की राजनीति में राजनीतिक विमर्श पीछे छूटता जा रहा है। राज्य के राजनेता इस तरह के मुद्दों को लेकर वास्तविक मुद्दों से भटक रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक अनिल मिश्र ‘कामिल’ बताते हैं कि इस हल्के विमर्श की शुरुआत हरीश रावत की ओर से भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट को ‘बिगड़ा हुआ बैल’ कहने से हुई थी। जिसके जवाब में कोश्यारी ने उन्हें ‘इकलू बानर’ और अब रावत ने वापस कोश्यारी को ‘भीगा हुआ घुघुता’ कहा है। बेहतर होता कि राज्य के राजनेता राज्य की समस्याओं, पलायन, बेरोजगारी, राज्य में औद्योगिक विकास, सड़क, बिजली व पानी आदि के मुद्दों पर बात करते।
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p style=”text-align: justify;”>तो रावत ने अपनी उपमा कोश्यारी को दे दी और कोश्यारी ने रावत का कद बढ़ा दिया
नैनीताल। हालांकि राजनेताओं के द्वारा एक-दूसरे को दी गयी उपमाओं को देखें तो हरीश रावत व कोश्यारी द्वारा एक-दूसरे को दी गयी उपमाएं गलत प्रतीत होती हैं। हरीश रावत ने पहले कोश्यारी को ‘उज्याड़ खांणी बल्द’ कहा। यह उपमा ऐसे बैल के लिये प्रयुक्त की जाती है जो दूसरे की फसल चरता है। तो सवाल उठता है कोश्यारी किस दूसरे की फसल चरने आये हैं। जबकि ऐसा जरूर लगता है डा. महेंद्र पाल के नैनीताल से चुनाव लड़ने की घोषणा होते-होते अचानक कोश्यारी के चुनाव मैदान से हटने पर स्वयं रावत नैनीताल के मैदान में पाल की फसल चरने आ गये हैं। वहीं दूसरे कोश्यारी द्वारा रावत को दी गयी उपमा का विश्लेषण करें तो जरूर एक अर्थ में हरीश रावत अकेले नजर आते हैं और इस अर्थ में उन्हें इकलू बानर कहा जा सकता है। किंतु यह भी ध्यान में रखना होगा कि इकलू बानर स्वयं में काफी मजबूत होता है। ऐसे में जाने-अनजाने कोश्यारी रावत को मजबूत भी बता गये हैं।
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जानें कोश्यारी ने किसे कहा ‘इकलू बानर’, और किसे हनुमान व सुग्रीव…, जानें क्या होते हैं ‘इकलू बानर’
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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>नवीन समाचार, नैनीताल, 29 मार्च 2019। कभी खुद को ‘गधेरू’ कहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोक सभा सीट से सांसद प्रत्याशी हरीश रावत पर अपने ही अंदाज में हमला बोला है। गनीमत रही कि उन्होंने कांग्रेस से भाजपा में आये नेताओं को भी ‘बानर’ नहीं कहा, बल्कि उनके लिए हनुमान व सुग्रीव शब्दों का संबोधन किया।
ठेठ गंवई अंदाज में जनता से ‘कनेक्ट’ करने के अपने चिरपरिचित अंदाज में कोश्यारी ने शुक्रवार को हल्द्वानी में आयोजित एक जनसभा में हरीश रावत को ‘इकलू बानर’ कहकर संबोधित किया है। कोश्यारी ने कहा, जो अपने साथियों को ‘लतिया कर के’ बाहर भेजता है। जो अपने लोगों का सगा नहीं हो सकता वह तुम्हारा (मतदाताओं का) क्या सगा होगा। उन्होंने कहा, ‘अब तो कांग्रेस में केवल ‘इकलू बानर रह गया है, हनुमान-सुग्रीव सब भाजपा में आ गये हैं।’
उल्लेखनीय है कि पहाड़ में ‘इकलू बानर’ ऐसे बंदर को कहते हैं जो अपने झुंड से अलग रहता है। यह भी कहा जाता है कि कि ऐसे इकलू बानर या तो उनके अपने झुंड द्वारा तिरस्कृत किये होते हैं, अथवा वे किसी कारण अपने झुंड से भटक गये होते हैं।
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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>नवीन समाचार, नैनीताल, 28 मार्च 2019। ‘नवीन समाचार’ के समाचार पर चुनाव आयोग की मुहर लग गयी है। ‘नवीन समाचार’ ने 27 मार्च को एक्सक्लूसिव समाचार ब्रेक करते हुए जानकारी दी थी कि नैनीताल में रोड शो के उपरांत नैनीताल-ऊधमसिंह नगर संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत ने ज्योलीकोट में नैनीताल-हल्द्वानी राजमार्ग पर शाम चार से छह बजे के बीच बिना अनुमति के जनसभा की थी। इस पर वे आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन में फंस सकते हैं।
इधर बृहस्पतिवार को कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी हरीश रावत को चुनाव आयोग से आचार संहिता के उल्लंघन का नोटिस जारी हो गया है। उन्हें यह नोटिस नैनीताल विधान सभा के सहायक रिटर्निंग ऑफीसर की ओर से जारी हुआ है। हरीश रावत को उनके निर्वाचन अभिकर्ता पुष्कर राज जैन के माध्यम से जारी नोटिस में कहा गया है कि उन्होंने 27 मार्च को ज्योलीकोट में बिना अनुमति के एक सभा का आयोजन किया, जो कि आदर्श आचार संहिता का ‘घोर उल्लंघन’ है। रावत व उनके निर्वाचन अभिकर्ता से दो दिन के भीतर यानी 30 मार्च की पूर्वाह्न 11 बजे तक नोटिस का जवाब अनिवार्य रूप से देने को कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि यह कार्रवाई ज्योलीकोट के भाजपा मंडल अध्यक्ष पुष्कर जोशी द्वारा की गयी शिकायत के आधार पर की गयी है। एफएसटी यानी निर्वाचन आयोग की फ्लाइंग स्क्वॉड टीम द्वारा भी बिना अनुमति ज्योलीकोट में सभा करने की पुष्टि की गयी है।
पूर्व समाचार : आचार संहिता में फंस सकती है हरीश रावत की जनसभा
नवीन समाचार, नैनीताल, 27 मार्च 2019। बुधवार शाम नैनीताल में रोड शो व जनसभा के लौटने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ज्योलीकोट में जनसभा को संबोधित किया। यह जनसभा नैनीताल-हल्द्वानी राजमार्ग पर शाम करीब 4 से 6 बजे तक आयोजित हुई। यह जनसभा आदर्श चुनाव आचार संहिता में फंस सकती है। भाजपा के ज्योलीकोट मंडल अध्यक्ष पुष्कर जोशी ने चुनाव आयोग के अधिकारियों, ज्योलीकोट चौकी पुलिस व रिटर्निंग ऑफिसर-एसडीएम विनोद कुमार से इस जनसभा की शिकायत करते हुए कहा कि इसकी इज़ाज़त नहीं ली गई थी, लिहाजा यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। आयोग को इस पर कार्रवाई करनी चाहिये। वहीं रिटर्निंग ऑफिसर विनोद कुमार ने शिकायत मिलने की बात स्वीकारते हुए कहा कि इस मामले में संबंधित वीएसटी यानी वीडियो सर्विलांस टीम और एफएसटी यानी फ्लाइंग स्क्वाड टीम से जनसभा की वीडियो रिकॉर्डिंग सहित पूरी रिपोर्ट बृहस्पतिवार तक तलब की है। जनसभा की इजाजत के बाबत उन्होंने कहा कि ऑनलाइन इजाजत लेने की सुविधा भी है। इसलिए जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि इजाजत ली गई थी अथवा नहीं।
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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>कहा-राहुल के मास्टर स्ट्रोक से गरीब रहित होगा देश
-मुख्यालय में रोड शो कर भाजपा पर लगाया नकारात्मक राजनीति का आरोप, कहा कांग्रेस सनातन धर्म की असली ध्वजवाहक, देश में चल रही है परिवर्तन की बहार
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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>नवीन समाचार, नैनीताल, 27 मार्च 2019। कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा पेश की गयी ‘न्यूनतम आय योजना’ कांग्रेस का और देश को ‘गरीब रहित’ करने का मास्टर स्ट्रोक साबित होगी। उन्होंने भाजपा पर नकारात्मक राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वास्तव में कांग्रेस सनातन धर्म की असली ध्वजवाहक है। धर्म के नाम पर जो कृत्य सत्तारूढ़ दल के द्वारा किये गये वे सनातन धर्म का हिस्सा नहीं हैं। साथ ही कहा कि देश में परिवर्तन की बयार चल रही है। इस दौरान उनकी जुबान भी फिसली। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, ‘यह सरकार जो है, ऐसा लगता है यह सरकार धतूरा-वतूरा खाकर नशे में सत्ता के मस्त है…’
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श्री रावत ने यह बातें बुधवार को मुख्यालय में निर्धारित से करीब एक घंटे की देरी से पहुंचने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कही। कहा कि उत्तराखंडियत को जिंदा रखने के लिए उन्हें जिताना जरूरी है। उन्होंने मुख्यमंत्री रहते उत्तराखंडियत के लिए भूमि कानून लागू करने जैसे अनेक कार्य किये किंतु चुनाव नहीं जीत पाये। सत्तारूढ़ दल पर उन्होंने भूकानून एवं उच्च न्यायालय में ठीक से राज्य के मुद्दों की पैरवी न करने के आरोप भी लगाये। इसके उपरांत उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से ठसाठस भरी पिक-अप वैन के लिए नगर में रोड शो के जरिये जनसंपर्क किया एवं तल्लीताल बाजार, माल रोड व मल्लीताल बाजार आदि के सड़क किनारे मौजूद लोगों से हाथ जोड़कर स्वयं को जिताने की अपील भी की।
डा. पाल व इंदिरा नहीं रहे साथ
नैनीताल। कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत के रोड-शो, जनसंपर्क कार्यक्रम में कांग्रेस से टिकट के दावेदार रहे दो बार के पूर्व सांसद डा. महेंद्र पाल व नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश नहीं दिखाई दिये। अलबत्ता नेता प्रतिपक्ष के पुत्र सुमित हृदयेश, प्रदेश उपाध्यक्ष डा. रमेश पांडे, महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सरिता आर्य, जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल, नगर अध्यक्ष अनुपम कबडवाल, नगर पालिका अध्यक्ष प्रयाग भट्ट, जया बिष्ट, हेम आर्या, डा. हरीश बिष्ट, सूरज पांडे, कैलाश मिश्रा, पूर्व पालिकाध्यक्ष मुकेश जोशी व पालिका सभासद गजाला कमाल सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसजन मौजूद रहे।
चार सभासदों ने थामा कांग्रेस का दामन
नैनीताल। बुधवार को नगर पालिका के सभासद पुष्कर बोरा, निर्मला चंद्रा, राजू टांक व रेखा आर्या ने कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया। नगर पालिका अध्यक्ष सचिन नेगी के प्रयासों से सभासदों ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत ने पार्टी की सदस्यता दिलाई।
यह भी पढ़ें : जानें किसने हरदा को बताया ‘हारदा’ और क्यों, और किसने बताया खुद को ‘राणा सांगा’, साथ ही आज पूरे दिन किस नेता ने किसे क्या-क्या कहा…
नवीन समाचार, नैनीताल, 24 मार्च 2019। रविवार को हल्द्वानी आये प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नैनीताल से कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत के लिए सामान्यतया प्रयुक्त होने वाले उपनाम ’हरदा’ की जगह ‘हारदा’ शब्द का इस्तेमाल किया। कहा हरदा अब हरदा नहीं रहे। (मुख्यमंत्री रहते दो सीटों-हरिद्वार ग्रामीण व किच्छा से लड़कर और दोनों से हारकर) ‘हारदा’ हो गये हैं।
उधर हरिद्वार में भाजपा प्रवक्ता ने हरीश रावत के ‘रणछोड़ दास’ शब्द का प्रयोग किया। कहा कि कोई नेता जब खुद ही अपनी जीती हुई सीट छोड़ कर चला जाए तो उसे ‘रणछोड़ दास’ ही कहा जाता है। कहा कि इस तरह हरीश रावत ने भाजपा प्रत्याशी निशंक को हरिद्वार से जीत के लिए ‘वॉक ओवर’ दे दिया है। उधर पौड़ी में कांग्रेस प्रत्याशी मनीष खंडूड़ी ने प्रधानमंत्री मोदी पर उनके पिता का अपमान करने का आरोप लगाया। वहीं पिथौरागढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा ने कहा कि अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सुरक्षित सीट पर मुकाबला टम्टा-टम्टा (प्रदीप व अजय टम्टा) के बीच नहीं वरन देश के प्रति विकास की सोच रखने वालों व समाज को बांटने वालों के बीच है। जबकि इधर हल्द्वानी में भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट ने कहा कि भाजपा-कांग्रेस दोनों प्रत्याशी अपनी पार्टियों के सर्वश्रेष्ठ हैं।
वहीं कांग्रेस पार्टी से टिकट के आखिर तक प्रबल दावेदार डा. महेंद्र पाल ने कहा कि उन्हें राजनीति में हमेशा ‘राणा सांगा’ की तरह गहरे घाव लगते रहे हैं। साथ ही कहा कि यहां कांग्रेस प्रत्याशी हारे तो यह प्रत्याशी की निजी हार होगी।
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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>-साथ ही कहा जिसे भी टिकट मिलेगा, उसके लिये जी-जान से जुटेंगे, भाजपा में ही जिउंगा-भाजपा में ही मरूंगा
-प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के सिटिंग-गेटिंग संबंधी बयान पर कहा-बिना कोर कमेटी की बैठक के भट्ट कैसे ऐसा कह सकते हैं
नवीन समाचार, नैनीताल, 11 मार्च 2019। लोक सभा चुनाव की दुंदुभि बजने के साथ ही सत्तारूढ़ भाजपा में टिकट के लिए संघर्ष तेज होता नजर आ रहा है। पूर्व काबीना मंत्री बंशीधर भगत ने सोमवार को मुख्यालय में यह कहकर इस संघर्ष को हवा दे दी कि वे नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट से सबसे वरिष्ठ और जिताऊ दावेदार हैं। वे यूपी के दौर से सात बार विधायक रहे हैं और संयुक्त नैनीताल जनपद (वर्तमान नैनीताल-ऊधमसिंह नगर जनपद) के जिलाध्यक्ष भी रहे हैं। साथ ही उनका लगातार क्षेत्र की जनता से जुड़ाव रहा है। इसलिए भाजपा उन्हें टिकट दे और जीत प्राप्त करे।
श्री भगत सोमवार को नगर के वरिष्ठ पत्रकार प्रयाग भट्ट के पुत्र के विवाह समारोह में शामिल होने आये थे और इस दौरान पत्रकारों से बात कर रहे थे। खुद के लिये टिकट की मांग करने के साथ ही उन्होंने कहा कि यदि उन्हें टिकट न मिला तो भी किसी तरह की बगावत नहीं करेंगे। भाजपा में जियेंगे-भाजपा में ही मरेंगे। जिसे भी टिकट मिलेगा उसे जिताने के लिए जी-जान से जुटेंगे। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के सिटिंग सांसदों को टिकट दिये जाने से संबंधित कथित बयान पर भगत ने कहा, भट्ट ऐसा कह सकते हैं। इस संबंध में निर्णय पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में ही लिया जाएगा और कोर कमेटी की बैठक अभी हुई नहीं है। हो सकता है प्रदेश अध्यक्ष हेाने के नाते यह उनका निजी विचार हो।
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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>-कांग्रेस का नुकसान कराना हो तो जरूर आएं राहुल: कोश्यारी
-कहा चुनाव नहीं लड़ूगा पर ताउम्र जनता की सेवा करता रहूंगा
नवीन समाचार, नैनीताल, 10 मार्च 2019। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नैनीताल-ऊधमसिंह नगर से सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने विपक्षी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी के जल्द उत्तराखंड आगमन से संबंधित विषय पर अपने विचार रखे। कहा, यदि राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी का नुकसान करना चाहते हैं तो जरूर उत्तराखंड आएं। कांग्रेस से अधिक भाजपा को राहुल का अधिक इंतजार है। क्योंकि वे जितनी बार भी उत्तराखंड आये हैं, हर बार अपनी फटी जेब दिखाने जैसी हरकतों से अपनी ही पार्टी को नुकसान पहुंचाते हैं। वहीं अपनी दावेदारी पर एक बार फिर उन्होंने दोहराया कि उनकी कोई दावेदारी नहीं है। वे चाहते हैं कि युवाओं को मौका मिलना चाहिए। वहीं इस संपूरक प्रश्न पर कि उन्होंने पूर्व में भी नैनीताल में चुनाव न लड़ने की घोषणा की थी तथा जनता की सेवा करने की बात कही थी। इस पर कोश्यारी ने कहा, अभी भी जनता की सेवा ही कर रहा हूं और आगे जीवन भर भी जनता की सेवा करता रहूंगा। माना जा रहा है कि इस तरह उन्होंने न कहते हुए भी साफ कर दिया है कि चुनाव में वे ही नैनीताल सीट से दावेदार होंगे। क्योंकि जैसी ‘सेवा’ वे अभी कर रहे हैं, वैसी दुबारा सांसद बन कर ही कर सकेंगे।
भाजपा उत्तराखंड में देश के मुद्दों पर लड़ेगी चुनाव: भट्ट
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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>-कहा राष्ट्रवाद होगा भाजपा का प्रमुख चुनावी मुद्दा
नैनीताल। देश में चुनावों की घोषणा से ठीक पहले सत्तारूढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने बड़ा बयान दिया है। राज्य की पांचों सीटों पर चुनाव जीतने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भाजपा देश के मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी। क्योंकि यह चुनाव देश का भविष्य तय करने के लिए हो रहे हैं। राज्य में पार्टी के कार्यों पर उन्होंने टिप्पणी की, ‘त्रिवेंद्र रावत सरकार के कार्य सबको पता हैं।’ उन्होंने प्रदेश में टिकटों के लिए ‘सिटिंग-गेटिंग’ का फॉर्मूला लागू होने यानी मौजूदा सांसदों को टिकट दिये जाने की बात भी कही।
रविवार को नगर में वरिष्ठ पत्रकार प्रयाग पांडे के विवाह समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे भट्ट ने पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवालों के जवाब में खुलासा किया कि राष्ट्रवाद भाजपा का प्रमुख चुनावी मुद्दा होगा। पार्टी कार्यकर्ता जी-जान से जुटकर सभी पांचों सीटें जिताएंगे। भाजपा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में अटल आयुष्मान भारत योजना के तहत क्रांतिकारी कार्य किया है। आगे अगले कार्यकाल में शिक्षा के क्षेत्र में भी इसी तरह के क्रांतिकारी कार्य किये जाएंगे। लोकसभा चुनाव के लिए अपनी दावेदारी को उन्होंने फिर इंकार किया। माना जा रहा है कि इस प्रकार भट्ट ने एक तरह से साफ कर दिया है कि भाजपा का प्रदेश की सरकार के कार्यों पर भरोसा नहीं है और मोदी ही उत्तराखंड में भी भाजपा के तारणहार होंगे।
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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>नवीन समाचार, लक्सर, 26 फरवरी 2019। उत्तराखंड के एक विधायक संजय गुप्ता ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के सिर की बोली लगाई है। उनका कहना है कि जो भी मसूद अजहर का सिर काटकर लाएगा उसे दस लाख का इनाम दिया जाएगा।
लक्सर के भाजपा विधायक संजय गुप्ता ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए सेना की कार्रवाई का स्वागत किया। कहा कि इस कार्रवाई से वायु सेना ने अपने रण कौशल का परिचय दिया है। साथ ही यह भी बता दिया है कि वह जब चाहे इसी तरह पूरे पाकिस्तान को नेस्तनाबूद कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का सिर काटकर लाने वाले को दस लाख रुपए ईनाम दिए जाने की घोषणा भी की। यह भी कहा कि इस कार्रवाई से मोदी सरकार का रुख साफ हो गया है। पाकिस्तान को इस कार्रवाई से सबक लेना चाहिए। अगर अब भी वो अपने यहां आतंक की फसल तैयार करना बंद नहीं करेंगे, तो सेना को मजबूर होकर इससे भी बड़ी कार्रवाई करनी पड़ेगी। विधायक ने ये भी कहा कि अब जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का वक्त आ गया है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 3 फरवरी 2019। उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति मार्कण्डेय काटजू ने मोदी सरकार के खिलाफ बने महागठबंधन को सांप, बिच्छू और कौवों की जमात करार दिया। उन्होंने कहा कि महागठबंधन का हाल 1977 की जनता पार्टी जैसा होगा। इसके सभी पदों के लिए लड़ेंगे। इसके बाद राजनीतिक अस्थिरता का माहौल 15 साल चलेगा। उन्होंने मंदिर मामला, गौमाता, शरिया कानून और मतदान की प्रासंगिकता की बात की। उन्होंने बताया कि 73 साल की आयु तक उन्होंने जीवन में केवल एक बार वोट दिया है। उन्होंने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में किसी की दल की सरकार नहीं बनेगी। भाजपा एवं कांग्रेस को 125-125 और शेष सीटें महागठबंधन को जाएंगी।
शनिवार को उत्तरांचल विविद्यालय के लॉ कॉलेज में संविधान एवं भारत का भविष्य विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए पूर्व न्यायाधीश काटजू ने देश में समान नागरिक संहिता का पुरजोर समर्थन किया। उन्होंने शरीया कानून और बुर्का प्रथा की आलोचना की। उन्होंने छात्रों से कहा कि वकालत इतनी सहज नहीं है। हालांकि इस क्षेत्र में नवीन अवसरों के चलते भविष्य सुनहरा है। उन्होंने कहा कि संविधान संशोधन का कोई औचित्य नहीं है, बल्कि संविधान में आमूलचूल परिवर्तन करने की जरूरत है। यह किसी क्रान्ति के बिना संभव नहीं है। सेमिनार में देश के कई विविद्यालयों से आये 400 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भागीदारी की। उन्होंने जातिवाद को देश की बड़ी समस्या बताते हुए कहा कि देश का पढ़ा लिखा वर्ग आजादी के 71 साल बाद भी इससे बाहर नहीं निकल सका है।
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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>नवीन समाचार, नैनीताल, 30 जनवरी 2019। महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक सरिता आर्य ने आर्य पिता-पुत्र यानी काबीना मंत्री यशपाल आर्य व विधायक संजीव आर्य पर कांग्रेस शासनकाल में उनके कार्यकाल के कार्यों पर झूठा श्रेय लगाने का आरोप लगाया है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को सांसद भगत सिंह कोश्यारी के हाथों आर्य पिता-पुत्र की उपस्थिति में बेतालघाट क्षेत्र में करीब सवा 15 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण किये गये थे। इस पर ही सरिता ने आपत्ति जताई है। साथ ही उन्होंने आशंका जताई कि लोक सभा चुनाव के बाद कांग्रेस से भाजपा में गये कई ‘दल-बदलू’ फिर से कंाग्रेस में लौट सकते हैं।
बुधवार को मुख्यालय में आयोजित पत्रकारों से बात करते हुए सरिता ने दावा किया कि जिन कार्यों का पिता-पुत्र के द्वारा श्रेय लिया जा रहा है। उन्होंने खासकर बेतालघाट की बारगल लिफ्ट पेयजल योजना, मझेड़ा ब्यासी लिफ्ट पेयजल योजना, धारी-खैरनी लिफ्ट पेयजल योजना, बिनकोट चंद्रकोट प्रधानमंत्री सड़क योजना, ऊंचाकोट रिखोली, बारगल कफल्टा, खिमराड़ खलाड़ व शहीद बलवंत सिंह मोटर मार्गों के डामरीकरण, जोशीखोला-हल्दयानी मोटर मार्ग, आईटीआई, डॉनपरेवा, कोटाबाग भवन निर्माण, टांडा फफड़िया कोटाबाग मोटरमार्ग निर्माण की स्वीकृति के लिए दावा किया कि वे पूर्व सीएम विजय बहुगुणा एवं हरीश रावत की सरकार में उनके द्वारा स्वीकृत कराये गये थे, जिनका मंगलवार को फिर से शिलान्यास कर जनता को गुमराह किया गया है। दावा किया कि भाजपा के शासनकाल में क्षेत्र में कोई भी विकासकार्य नहीं हुए हैं।
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कहा-फिर जीती तो संविधान संशोधन कर देश को कंपनियों को सोंप देगी मोदी सरकार: सिंह
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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>नैनीताल, 4 सितंबर 2018। उत्तराखंड प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह की अगुवाई में कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोल दिया है। सिंह ने बृहस्पतिवार को मुख्यालय में मोदी सरकार पर जनता से किये वादों और जनता के भरोसे से विश्वासघात करने, किसानों, युवाओं सहित शोषित वर्ग की उपेक्षा करने, जीएसटी व नोटबंदी से ‘निचोड़ ही देने’ के साथ ही केवल कंपनियों के लिए कार्य करने के आरोप लगाये, साथ ही जनता में अगली बार भाजपा के फिर जीतने पर देश में ‘कंपनियों की सरकार’ ही गठित करने का बड़ा डर दिखाने के कांग्रेस के इरादे भी जाहिर कर दिये। कहा कि मोदी यदि दुबारा जीते तो संविधान को बदलकर देश को कंपनियों को सोंप देंगे।
नैनीताल क्लब में करीब दो दर्जन लोगों को पार्टी की सदस्यता दिलाने के कार्यक्रम में सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता के सवालों पर संसद में लगाये गये आरोपों के भी जवाब नहीं दे रहे हैं। सरकार केवल कुछ बड़ी कंपनियों के लिए चल रही है। संसद में पूछे जाने पर भी विमानों की कीमत न बताना संदेहास्पद है। राफेल लड़ाकू विमानों का निर्माण भी एक अनुभवहीन प्राइवेट कंपनी के हाथ में सोंप दिया है। कहा, ऐसी स्थितियों में देश खतरे में है। कांग्रेस के गांधी जैसे नेताओं को मोदी अपना आदर्श बताते हैं, पर उनके सच बोलने के आदर्श का पालन नहीं करते हैं। सेना का उपयोग भी सीमा के बजाय सरकार के बचाव में बयान दिलाने के लिए किया जा रहा है। इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश, महिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सरिता आर्य, पूर्व सांसद डा. महेंद्र पाल, सुमित हृदयेश, सतीश नैनवाल, मारुति नंदन साह, डीडी रुबाली, किशल लाल साह कोनी, डा. भूपाल भाकुनी, जया बिष्ट, महेश शर्मा, मुकेश जोशी, त्रिभुवन फर्त्याल, कैलाश मिश्रा व संजय नेगी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी मौजूद रहे।
अनुग्रह के प्रयासों से उनकी सहपाठी शिक्षिका सहित करीब दो दर्जन कांग्रेस से जुड़े
नैनीताल। नैनीताल क्लब में आयोजित कार्यक्रम में नगर की पूर्व शिक्षिका डा. भावना भट्ट सहित करीब दो दर्जन लोगों, खासकर महिलाओं ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। डा. भट्ट ने बताया कि वे इलाहाबाद विवि से पढ़ने के दौरान से तब के छात्र संघ अध्यक्ष, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अनुग्रहण नारायण सिंह को जानती हैं। उनसे एवं कांग्रेस पार्टी की विचारधारा से प्रभावित होकर कांग्रेस से जुड़ रही हैं। कहा कि गंगा-यमुना के संगम से इनके उद्गम यानी उत्तराखंड आये सिंह अपनी कार्यशैली से जरूर पार्टी को सभी चुनाव जितायेंगे। सिंह ने भी कहा कि डा. भावना जैसे भी पार्टी के लिए योगदान देना चाहेंगी, उन्हें वह जिम्मेदारी दी जायेगी। अलबत्ता इस दौरान पार्टी के बड़े नेताओं द्वारा पहनी गयी बड़ी माला में भावना को शामिल न करना उनके समर्थकों को खलता भी नजर आया। इसके साथ ही इस दौरान पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष प्रकाश जोशी, भूपेंद्र कोहली व नितिन जाटव आदि युवाओं को भी फूल माला पहनाकर कांग्रेस में शामिल करने की घोषणा की गयी, अलबत्ता इन युवाओं ने ही कहा कि वह ‘तीसरी’ बार नैनीताल क्लब में ही कांग्रेस पार्टी की ओर से माला पहन रहे हैं। पूर्व में एनएसयूआई से जुड़े हुए हैं। कुछ बीच में संगठन छोड़ भी चुके हैं।
भय, सुविधाविहीन स्थितियों में कैसा इंवेस्टर्स समिट: इंदिरा
नैनीताल। नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश ने राज्य में आयोजित होने जा रहे इंवेस्टर्स समिट पर कहा कि बिना यातायात की असुविधाओं, सड़क के गड्ढों के पटे होने, हवाई सुविधा न होने तथा दूसरी ओर उच्च न्यायालय में अधिवक्ताओं की पूरी फौज के बावजूद जनहित याचिकाओं के भय जैसी स्थितियों में इंवेस्टर्स समिट का कोई अर्थ नहीं है। इंवेस्टर्स समिट में अडानी समूह के शामिल होने पर कहा कि उनके अलावा कोई बड़ी कंपनी आये तो ही इंवेस्टर्स समिट की सार्थकता है।
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-आगे लोकसभा-विधानसभा सहित कोई भी चुनाव न लड़ने के दिये संकेत
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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>नैनीताल, 3 सितंबर 2018। पार्टी की कद्दावर नेत्री नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश को लगातार चुनौती देने वाले और इधर अपनी सक्रियता से लोक सभा चुनाव में दावेदारी का संकेत दे रहे राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी ने नैनीताल में इस बारे में पत्रकारों द्वारा कुरेदे जाने पर आगे भविष्य में कोई चुनाव न लड़ने के संकेत दिये। कहा कालाढुंगी से पहला विधानसभा चुनाव करीब 2300 वोटों से हार जाने के बाद वे पिछले विस चुनाव में यूपी में संगठन की मजबूती में जुटे हुए थे, और उनका चुनाव लड़ने का इरादा नहीं था। लेकिन यूपी में सपा-बसपा से कांग्रेस के गठबंधन के बाद वहां कांग्रेस के कम सीटों पर चुनाव लड़ने की बनी स्थितियों में उन्होंने दुबारा कालाढुंगी से चुनाव लड़ा। साफ कहा कि यह चुनाव उन्हें नहीं लड़ना चाहिये था। इस चुनाव के दौरान का एक अनुभव बताते हुए उन्होंने कहा कि एक गांव में उन्होंने एक करोड़ से अधिक की सड़क बनायी थी, लेकिन चुनाव के दौरान इसी गांव से फोन आया कि एक उम्मीदवार 8-10 हजार रुपए से साड़ी-कंबल जैसी कोई चीज बांट रहा है। उनसे पूछा गया कि ऐसे में वह क्या करेंगे। साथ ही अपनी एक आदत बताते हुए कहा कि वे अन्य नेताओं की तरह अपने क्षेत्र में किसी के निधन पर परिवार को सांत्वना देने तेरहवीं के बजाय अन्य दिनों में जाते हैं। क्योंकि उनका मानना है कि वह दुःख का मौका नेताओं के लिए अपना जनसंपर्क का माध्यम नहीं होना चाहिए। ऐसे में उन्हें लगता है कि वह चुनावी राजनीति के योग्य नहीं हैं। इससे बेहतर वे संगठन में कार्य करके पार्टी को अधिक योगदान दे सकते हैं। जोशी के इस बयान से उनकी विधानसभा और नैनीताल लोकसभा से उनकी पार्टी के दावेदार नेता राहत की सांस ले सकते हैं।
मोदी सरकार से हुआ जनता का मोह भंग: जोशी
नैनीताल। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी ने दावा किया कि जनता का केंद्र की मोदी सरकार से मोह भंग हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 के लोस चुनावों में जनता से बड़े-बड़े वादे किये थे। खासकर युवा इन वादों के धोखे में आ गये थे। सरकार ने अपने वादों के अनुरूप कोई कार्य नहीं किया है। इसलिए वे स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं। इसका प्रभाव आगामी लोक सभा चुनावों के साथ ही मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनावों में कांग्रेस पार्टी को बढ़त के रूप में दिखाई देगा। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर राफेल विमानों पर कांग्रेस के आरोपों के जवाब न देने, नोटबंदी के फेल होने और जीएसटी के अस्पष्ट होने तथा भाजपा सरकार की नीति शोषित वर्ग विरोधी होने के आरोप लगाये। वहीं राज्य की भाजपा सरकार में भी मंत्रियों में समन्वय न होने, सरकार की नीति स्पष्ट न होने के आरोप भी लगाये। कहा कि पहाड़ के जिला मुख्यालयों में कॉल सेंटर जैसे यातायात की सुविधा के बिना भी चलने वाले कार्य खोले जाने तथा सिडकुल में लगे उद्योगों के लिये जरूरी कौशल के पाठ्यक्रम स्थानीय संस्थानों में चलाने के विचार भी दिये। इस दौरान उन्होंने महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य एवं नगर अध्यक्ष मारुति नंदन साह सहित अन्य कार्यकर्ताओं के साथ संगठन की बैठक भी ली।
यह भी पढ़ें: अब इस कांग्रेसी क्षत्रप ने हरीश रावत को बताया ‘कीचड़ में धंसा कर्ण’, कहा राहुल गांधी से करेंगे शिकायत
- कहा-निजाम थे तो गला काट दिया, खुद दो सीटों से चुनाव लड़े, दूसरों को कुछ नहीं दिया…
- कांग्रेस पार्टी को बनाया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, राहुल गाँधी से करेंगे शिकायत
पिछले चुनावों में भाजपा छोड़कर निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद गत दिनों तीसरी कोशिश में कांग्रेस में शामिल हो पाये हेम आर्या पहले से धड़ों में बंटी कांग्रेस पार्टी की दरारों को अनचाहे भी और चौड़ी करते नजर आ रहे हैं। ऐसे में एक स्थानीय भाजपा नेता की सोची-समझी अथवा अनजाने की गई टिप्पणी भी सही साबित होती नजर आ रही है कि पूर्व में आरएसएस से जुड़े हेम को जानबूझकर कांग्रेस में ‘प्लांट’ किया गया है। हेम के पार्टी में शामिल करने के साथ कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री डा. इंदिरा हृदयेश और उनकी देखा-देखी प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह साफ तौर पर महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्या और उनके अगुवा पूर्व सीएम हरीश रावत के खिलाफ हमलावर हुए हैं, वहीं रावत के पलटवार का अब उन्हीं की भाषा में पार्टी के एक वरिष्ठ क्षत्रप ने कड़ा जवाब दिया है।
सोशल मीडिया फेसबुक पर लिखी ताजा पोस्ट में स्वयं को महाभारत का ‘अभिमन्यु’ बताते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं राज्य आंदोलनकारी पुष्कर सिंह मेहरा ने हरीश रावत की तुलना ‘महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण से अर्जुन को स्वयं पर बाण न चलाने की गुहार लगाते कीचड़ में धंसे उस निहत्थे कर्ण’ से की है, जिसने कभी ‘चक्रव्यूह में घिरे निहत्थे अभिमन्यु को घेर कर मार डाला था।’ इस उपमा-अलंकार की कथावस्तु में अभिमन्यु स्वयं पुष्कर मेहरा हैं। उन्होंने अपने हृदय के उद्गार मार्मिक तरीके से व्यक्त करते हुए हरीश रावत के दो सीटों से चुनाव लड़ने को लेकर भी करारा प्रहार करते हुए उन्हें एक तरह से साफ शब्दों में चेताया है, 2019 में नैनीताल से लोकसभा की दावेदारी करना भूल जाएं। इस चुनाव में मेहरा निश्चित तौर पर अपनी दावेदारी करेंगे।
‘तू-तू, मैं-मैं’ में : किसने बताया वनाग्नि को मानवजनित बताना दुर्भाग्यपूर्ण व सरकार का जिम्मेदारियों से भागना
-पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र नेगी ने स्वास्थ्य तथा अधिकारियों के जनप्रतिनिधियों की न सुनने पर सरकार को घेरा, कहा-निकाय चुनाव व वनाग्नि के मुद्दों पर अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है सरकार
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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>नैनीताल, 2 मई 2018। वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं उत्तराखंड के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने निकाय चुनाव एवं वनाग्नि के मुद्दों पर राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है। कहा कि सरकार निकाय चुनाव अभी भी जल्दी नहीं कराना चाहती है, क्योंकि उसे हारने का डर सता रहा है। इसलिए वह उच्च न्यायालय में सही तरह से पक्ष नहीं रख रही है। इस कारण ही 18 वर्ष के राज्य में पहली बार निर्वाचन आयोग को न्यायालय की शरण लेकर कहना पड़ा कि सरकार निकाय चुनाव कराने के प्रति गंभीर नहीं है। साथ ही वनाग्नि के मुद्दे पर सरकार द्वारा उच्च न्यायालय में वनाग्नि के मानवजनित यानी जनता को दोषी बताने को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच रही है।
श्री नेगी शनिवार को निजी प्रवास पर नैनीताल पहुंचे थे, और कांग्रेस नेता त्रिभुवन फर्त्याल के प्रतिष्ठान पर पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं के मुद्दे पर राज्य सरकार को अपनी आरबीएसके, संविदा पर सेवानिवृत्त चिकित्सकों को रखने तथा ब्लॉक स्तर तक सर्जिकल कैंप लगाने की योजनाओं को बंद करने को लेकर नाराजगी जताई। साथ ही घरेलू गैस के आने के बाद से 35 वर्षों में सर्वोच्च स्तर पर जाने और पेट्रोल-डीजल के भी आसमान चढ़ने को पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने का प्रयास बताया। बताया कि 2014 में यूपीए के सत्ता छोड़ते समय कच्चा तेल 133 डॉलर प्रति बैरल के दाम पर था और 88 रुपए लीटर बिकता था। आज इससे कहीं सस्ता होने के बावजूद इसी दाम पर बिक रहा है। उन्होंने देहरादून में राजपुर विधायक विनोद चमोली के अधिकारियों द्वारा न सुनने को लेकर बिफरने पर भाजपा सरकार में नौकरशाही के बेलगाम होने का आरोप भी लगाया।
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-कहा, 2014 के बाद हर चुनाव में जीती और आगे बढ़ी है भाजपा
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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>नैनीताल, 1 मई 2018। राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी ने विपक्ष एवं खासकर कांग्रेस के बृहस्पतिवार को आये उपचुनाव के नतीजों के बाद जताये जा रहे जोश पर करारा प्रहार करते हुए कहा, विपक्ष उप चुनाव पर ही पूरा जश्न मना ले, क्योंकि आगे उसे जश्न मनाने का मौका मिलने वाला नहीं है। 2019 का चुनाव भाजपा ही जीतने जा रही है।
शुक्रवार को नैनीताल क्लब में पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए बलूनी कहा कि वर्ष 2014 के बाद से भाजपा हर चुनाव जीत रही है। कर्नाटक में भले ही भाजपा 5-6 सीटों से बहुमत से पीछे रह गयी हो, लेकिन वास्तव में वह ही जीती है। दिल्ली और बिहार में भी मत-प्रतिशत बढ़ने के आंकड़ों के साथ उन्होंने भाजपा को आगे बढ़ता हुआ बताया। वहीं उपचुनाव में हार पर कहा कि उपचुनाव कभी भी राष्ट्रीय नहीं, बल्कि स्थानीय मुद्दों पर लड़े जाते हैं। साथ ही एक और तर्क देते हुए कहा कि लोक सभा चुनावों में 70 फीसद के आसपास मतदान हुआ था, जबकि उपचुनाव में 53 फीसद के करीब। कम मतदान भाजपा के खिलाफ गया है। आगे भाजपा जिस तरह हर जीत की समीक्षा करती है, उसी तरह हार की भी समीक्षा करेगी, और 2019 के लिए भाजपा के पास अभी एक वर्ष और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे हर पल कार्य करने वाले नेता हैं, जिसका लाभ भाजपा को मिलेगा। 2019 में एकजुट विपक्ष की चुनौती को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि भाजपा हमेशा से पूरे विपक्ष के साथ लड़ती रही है। देश में किसान आंदोलन पर उन्होंन कहा कि मोदी सरकार ने किसानों की सर्वाधिक चिंता की है। फिर भी यदि दिक्कतें होंगी तो सरकार किसानों से बात करेगी। उन्होंने दोहराया कि कंडी रोड की बाधाएं हर हाल में दूर की जाएंगी। इस मौके पर स्थानीय विधायक संजीव आर्या, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज साह, विवेक साह, मनोज जोशी आदि भी मौजूद रहे।
बलूनी ने नैनीताल में पेयजल व्यवस्था के लिए कही यह बड़ी बात
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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>-नैनी झील से इतर कोसी-गौला से व्यवस्था करने के दिये अधिकारियों को निर्देश
नैनीताल। उत्तराखंड के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने सरोवरनगरी की विश्व प्रसिद्ध नैनी झील के गिरते जल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुये झील संरक्षण एवं नैनीताल में पेयजल की नैनी झील से इतर वैकल्पिक व्यवस्था के लिए सर्वे कराने के निर्देश दिये। इस संबंध में उन्होंने कोसी अथवा गौला नदी से नैनीताल के लिए पेयजल की पम्पिंग योजना की व्यवहार्यता का सर्वे करने को कहा।
शुक्रवार को सांसद बनने के बाद पहली बार मुख्यालय स्थित राजभवन में अधिकारियों की बैठक लेते हुये सांसद बलूनी ने कहा कि नैनी झील उत्तराखण्ड ही नहीं बल्कि विश्व पटल पर विख्यात है। इसे देखने विश्व भर के पर्यटक नैनीताल आते हैं। नैनी झील को लेकर ही नैनीताल शहर का अस्तित्व है। इसलिये नैनी झील को बचाने हेतु सभी विकल्पों पर विचार किया जाय व भविष्य को देेखते हुये शहर के पेयजल आपूर्ति हेतु झील के अलावा अन्य वैकल्पिक व्यवस्थाओं को खोजा जाये। उन्होंने इस कार्य हेतु भारत सरकार द्वारा पूर्ण सहयोग का भरोसा भी दिलाया। बैठक में डीएम विनोद कुमार सुमन ने बताया कि नैनी झील के नालों की नियमित सफाई के साथ ही शहर के घरों का वर्षाजल भी नालों के द्वारा नैनी झील में लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सूखाताल को रिचार्ज करने का 9.50 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। वहीं नैनीताल शहर में पेयजल की रोस्टिंग की जा रही है, जिसके फलस्वरूप इस वर्ष झील का जल स्तर 1 जून को 1.55 ऋणात्मक है, जबकि गत वर्ष 6.65 ऋणात्मक था। बैठक में एसएसपी जन्मेजय खण्डूरी, डीएफओ टीआर बीजूलाल, एडीएम हरबीर सिंह, सिंचाई विभाग के एसई डीएस पतियाल, ईई हरीश चन्द्र सिंह, लोनिवि के सीएस नेगी, पालिका के ईओ रोहिताश शर्मा आदि मौजूद रहे।
अब उत्तराखंड में हर रोज सीडी व भ्रष्टाचार की खबरें नहीं आतीं
नैनीताल। उत्तराखंड के बाबत पूछे जाने पर सांसद बलूनी ने कहा कि उत्तराखंड पिछली हरीश रावत के सरकार में हर रोज एक नयी सीडी और भ्रष्टाचार की खबरों के लिये कुख्यात हो गया था, जबकि भाजपा की त्रिवेंद्र रावत सरकार आने के बाद बिना भ्रष्टाचार के साफ-सुथरा कार्य हो रहा है। यह ही अपने आप में बड़ी उपलब्धि है।
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‘उत्तराखंडियत’ के साथ ‘सनातन धर्म’ को 2019 के चुनावों का अस्त्र बनाएंगे
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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>नैनीताल, 30 मई 2018। प्रतीकों की राजनीति के माहिर प्रदेश के पूर्व सीएम हरीश रावत अब तक ‘उत्तराखंडियत’ की बात करते हैं, और उनकी ‘काफल पार्टियां’ इसी का एक हिस्सा है। ऐसी ही काफल पार्टी वह अब बृहस्पतिवार को दिल्ली में करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, वह काफल से उत्तराखंडियत के प्रतीक के प्रतीक के रूप में उत्तराखंड के आम आदमी से प्राकृतिक, सामाजिक संदर्भों से जुड़े होने का संदेश देते हैं। इसके साथ ही वे मंदिरों में बीते दिनों से भजन और हालिया केदारनाथ दौरे के साथ वे एक नया प्रतीक भी गढ़ने में जुटे हैं, जो है ‘सनातन धर्म’। बुधवार को नैनीताल क्लब में पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने साफ संकेत दिये कि 2019 के चुनावों में वे उत्तराखंडियत के साथ सनातन धर्म को भी चुनावी अस्त्र बनाएंगे। उन्होंने कहा, आज स्वामी विवेकानंद द्वारा परिभाषित सनातन धर्म और इसकी सहिष्णुता व उदारता खतरे में हैं। लिहाजा इस सनातन धर्म, सहिष्णुता व उदारता आदि को बचाने के लिए वे 2019 में कांग्रेस की जीत का व्यूह रच रहे हैं। इसके लिए कांग्रेसियों के साथ ही बाहर के लोगों को भी एकत्र किया जा रहा है।
उन्होंने राज्य को यूपी से मिली परिसंपत्तियों पर दावा किया कि जो भी परिसंपत्तियां मिली हैं, उनकी सरकार के समय ही इनकी पृष्ठभूमि बन गयी थी। वहीं अलकनंदा होटल मिलने पर उन्होंने टिप्पणी की कि करीब 3.15 करोड़ के इस होटल को 4-5 गुना अधिक कीमत की संपत्तियां देकर एक तरह से पगड़ी देकर प्राप्त किया गया है। उन्होंने केदारनाथ में किये गये मौजूदा सरकार के कार्यों को अपने कार्याें को छुपाने का उपक्रम और मंदिर की सुरक्षा के लिये खतरा बताया। पलायन के प्रश्न पर बोले, उनकी सरकार के कार्यों को ही सरकार को आगे बढ़ाना चाहिये था। थराली के चुनावों पर कहा कि भाजपा मोदी, मंत्रियों, अधिकारियों, पैंसा व शराब आदि की एक तरह से ‘बमवर्षा’ कर लोकतंत्र को हड़पने का प्रयास कर रही है। भाजपा लोकतंत्र की कीमत पर भी जीत चाहती है। निकाय चुनावों पर बोले, सरकार शुरू से समय पर चुनाव नहीं चाहती थी। पहले थराली तक इसे लटकाने का प्रयास किया, और थराली चुनाव के बाद भी चुनाव कराने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। इससे पंचायती राज अधिनियम के निरर्थक होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। उन्होंने प्रदेश के सीमए त्रिवेंद्र सिंह रावत पर प्रधानमंत्री की तरह कोरी गप्पें मारने का आरोप भी लगाया।
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- दावा किया कि उत्तराखंड, गुजरात व कर्नाटक के विस चुनावों के लिए कर चुके हैं सटीक भविष्यवाणी
- कहा, गांधी, मुखर्जी व उपाध्याय के रास्ते पर चलने वाली पार्टी है भाजपा
नैनीताल। स्थानीय सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने 2019 के लोक सभा चुनावों में भाजपा के ही जीतने का दावा किया, साथ ही राहुल गांधी से निजी मुलाकातों का जिक्र करते हुए उन्होंने यहां तक कह दिया कि (कांग्रेस पार्टी की कमान) राहुल गांधी के रहने तक भाजपा ही देश में चुनाव जीतती जाएगी। नगर के मनु महारानी होटल में श्री कोश्यारी ने सोमवार को पत्रकारों से अनौचारिक वार्ता करते हुए कहा कि आजादी के पूर्व के दौर से देश की जनता के लिए महात्मा गांधी का सत्य, अहिंसा का रास्ता अधिक सुगम था, इसलिए देश की आजादी में बड़ा योगदान देने के बावजूद लोग भगत सिंह, चंद्रशेखर व राजगुरु के रास्ते पर अधिक लोग नहीं चले। इसी कारण गांधी की पार्टी के तौर पर कांग्रेस भी आजादी के बाद चुनाव जीतती रही। कहा कि भाजपा भी महात्मा गांधी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी व पं.दीन दयाल उपाध्याय के रास्ते पर चलने वाली पार्टी है। साथ ही भाजपा के पास अपना कैडर एवं देश के आम लोगों को जोड़ने वाली विचारधारा है। कांग्रेस के पास भी अपना कैडर व विचारधारा है, किंतु राहुल गांधी वह नहीं कर सकते, जो भाजपा मौजूदा दौर में कर पा रही है। थराली में पार्टी की जीत पर उन्होंने कहा कि शीघ्र ही थराली जा रहे हैं, उसके बाद ही कोई भविश्यवाणी करेंगे। बताया कि उन्होंन 2017 में उत्तराखंड में भाजपा की बंपर जीत के साथ ही गुजरात व कर्नाटक में ‘किसी तरह जीत हासिल करने’ की भविष्यवाणी की थी, जो सही भी साबित हुई। कर्नाटक की स्थितियों पर उन्होंने कहा, भाजपा को सबसे बड़े दल के रूप में सरकार बनाने को आमंत्रित करने सहित कुछ भी गलत नहीं हुआ। बोले, भाजपा यदि बहुमत जुटा लेती, तब भी बहुत कुछ कहा जाता। नहीं जुटाया, तब भी कहा जा रहा है। इसलिए जो हुआ, ठीक हुआ।
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-जमरानी बांध का अपने कार्यकाल में भी शिलान्यास कराने का जताया विश्वास
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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>नैनीताल। क्षेत्रीय सांसद एवं पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि हल्द्वानी में रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हर हाल में हटाया जाएगा, और इसकी जगह पर रेलवे के यार्ड बनाए जाएंगे। बताया कि हल्द्वानी-काठगोदाम से देहरादून के लिए जल्द ही सुबह के समय इंटरसिटी ट्रेन चलाने की योजना है, परंतु हल्द्वानी व काठगोदाम में स्थान न होने से बाधा आ रही है। ऐसे में फिलहाल लालकुआं से यह इंटरसिटी ट्रेन शुरू की जा सकती है। इसके अलावा यातायात-आवागमन सुविधाओं के विकास के लिए उन्होंने छोटे-छोटे हैलीपैड बनाये जाने की बात भी कही।
बुधवार को नगर में एक भाजपा कार्यकर्ता की पुत्री के विवाह में शामिल होने पहुंचे कोश्यारी ने यह बात नैनीताल क्लब में पत्रकारों के पूछे गये सवालों के जवाब में कही। उन्होंने हल्द्वानी व भाबर क्षेत्र की पेयजल समस्या के समाधान के लिए जमरानी बांध के निर्माण का शिलान्यास अगले वर्ष पूरे हो रहे अपने कार्यकाल के भीतर ही कराने का विश्वास जताया। उच्च न्यायालय में सरकार को लगातार कमजोर पैरवी के कारण मिल रही निराशा की स्थितियों पर पूछे जाने पर उन्होंने विश्वास जताया कि अधिवक्ता सीखेंगे और सुधार करेंगे। अलबत्ता, पूर्व में अपने खुलकर दिये गये बयान के विपरीत इस बार उन्होंने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के उत्तराखंड उच्च न्यायालय से संबंधित बयान पर टिप्पणी करने से भी इंकार कर दिया।
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- पूर्व सीएम ने कहा गैरसेंण में विधानसभा निर्माण व सत्र आयोजित होने से हो गयी है राजधानी निर्माण की शुरुआत, वहां राजधानी बनाने से पहले विभिन्न विभाग भी ले जाए जाएं
नैनीताल, 19 फरवरी, 2018। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नैनीताल सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने दूसरे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को मंदिरों के साथ ही तीर्थयात्रा पर जाने की सलाह दी है। कोश्यारी ने पत्रकारों द्वारा हरीश रावत की ‘मंदिर-पॉलीटिक्स’ पर पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि हरीश रावत ने सत्ता में रहते जितना भ्रष्टाचार किया, और अपनी ही पार्टी कांग्रेस के टुकड़े-टुकड़े कर दिये, उसके बाद वे मंदिर क्या (प्रायश्चित के लिए) तीर्थयात्रा पर भी जाएं तो भी पूरा नहीं होगा (पाप नहीं कट पाएंगे)। उन्होंने कहा, हरीश रावत ने इतना भ्रष्टाचार किया, कि पूरी कांग्रेस के लोग उनकी देखा-देखी भ्रष्टाचार करते रहे, और अब भाजपा में आकर वे सभी लोग भी ठीक हो गए हैं।
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- कोश्यारी ने कहा नैनीताल से हाईकोर्ट हटाओ
उन्होंने गैरसेंण में स्थायी राजधानी के प्रश्न पर कहा कि गैरसेंण में राजधानी बनने की शुरुआत वहां विधानसभा भवन के निर्माण तथा विधानसभा के सत्र चलने से हो गयी है। आगे उन्होंने मुख्यमंत्री को परामर्श दिया है कि गैरसेंण में शिक्षा, स्वास्थ्य आदि विभागों को ले जाया जाए। इससे वहां अधिकारी तथा लोग पहुंचेंगे, तो अन्य विकासपरक कार्य भी पूरे होंगे तो कि राजधानी के लिए जरूरी हैं। इस दौरान कोश्यारी ने खुलासा किया कि गैरसेंण व रामनगर आदि में राजधानी के योग्य सुविधाएं न होने के कारण राजधानी नहीं बनाई गयी, जबकि नैनीताल तो उच्च न्यायालय का दबाव ही नहीं झेल पा रहा है। उन्होंने नगरों के परिसीमन पर रोक लगने के प्रश्न पर कहा कि इस पर न्यायालय में पक्ष रखा जाएगा। उनका मानना है कि गांवों को दो-तीन वर्षों तक बिना कोई शुल्क लिये व्यवस्थित विकास की योजनाओं का लाभ देते हुए जिला-तहसील से जोड़ा जाना चाहिए, जिससे उन गांवों के लोग भी गर्व कर सकें।
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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा-ठुकराल की जुबान पर रावण, बगल में विभीषण
-कहा, धर्म-आस्था के स्थल पर ड्रामा-नौटंकी ठीक नहीं, पहले देखते तो नहीं जाती हजारों लोगों की जान, नहीं हारते दो सीटों से
नैनीताल। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के केदारनाथ में दूरबीन व खुर्दबीन लेकर विकास को ढूंढने जाने के प्रश्न पर सत्तारूढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कड़े शब्दों में सबक सुनाते हुए कहा कि हरीश रावत हवा से नहीं जमीनी रास्ते से केदारनाथ जा रहे हैं। ऐसे में जमीन पर चलते हुए विकास को देखने के लिए दूरबीन की नहीं, अच्छी नजर की जरूरत होती है। बेहतर है कि वे अपने करीब का भी देख पाने के लिए चश्मे का नंबर बढ़ाएं। साथ ही कहा कि धर्म-आस्था के स्थल पर ड्रामा-नौटंकी ठीक नहीं होती है। पहले कांग्रेस शासनकाल के दिनों में केदारनाथ में इस तरह दूरबीन लेकर जाते तो बिना किसी सहायता के जंगलों में सहायता न मिलने से जान गंवाने वाले हजारों लोगों की जान नहीं जाती, और विधानसभा चुनावों में दो सीटों से नहीं हारते। चुनाव हारने के बिंदु पर निजी तौर पर भट्ट यह भी बोल बैठे, रावत उन्हें (भट्ट को रानीखेत से) हराने के लिए अपने लोगों को लगाए रहे, और खुद हार गए।
श्री भट्ट मंगलवार को नैनीताल क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में विपक्ष भाजपा के दलित विरोधी होने का दुष्प्रचार कर रहा है, जबकि भाजपा ने ही दलितों के विरुद्ध अपराधों की श्रेणियां 22 से बढ़ाकर 123 कीं। बाबा साहेब आंबेडकर को भारत रत्न दिया व उनसे संबंधित स्थलों को पंच महातीर्थ बनाया। कहा कि ग्राम स्वराज अभियान के तहत गांव-गांव जाकर इसका जवाब दिया जा रहा है। पूर्व अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत के राज्य में 50 फीसद तक कमीशन चलने के दावे पर कहा कि यह किन्हीं मामलों में आंकलन हो सकता है, परंतु राज्य में भ्रष्टाचार घटा है। सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है। यूपी निर्माण निगम को नये कार्य नहीं दिये जा रहे हैं। कहा कि निकाय चुनाव के लिए अप्रैल माह से ही सरकार तैयार थी। पार्टी ने भी टिकटों के लिए पूरा होमवर्क-रायशुमारी आदि कर ली है। इस दौरान वे आरएसएस व एबीवीपी नेता हरीश राणा के घर उनकी माता की मृत्यु तथा पूर्व नगर अध्यक्ष दया बिष्ट के घर उनकी देवरानी के निधन पर श्रद्धांजलि देने भी पहुंचे। पत्रकार वार्ता में भुवन हरबोला, मनोज जोशी, गोपाल रावत, भानु पंत, अरविंद पडियार, विवेक साह व जीवंती भट्ट सहित बड़ी संख्या में खासकर निकाय चुनाव में टिकट के दावेदार भाजपाई मौजूद रहे।
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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>ठुकराल की जुबान पर रावण, बगल में विभीषण
नैनीताल। भाजपा को कानून का पालन करने वाली पार्टी बताने पर विधायक देशराज कर्णवाल व राजकुमार ठुकराल के बाबत पूछे गये प्रश्न के उत्तर में भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि कर्णवाल पर ग्राम स्वराज अभियान के दौरान गोली चलाकर जान से मारने की कोशिश हुई थी। ठुकराल भी गफ्फार कंपनी के बिना एनएच बनाए ही टॉल वसूलने की शिकायत पर विरोध करने गए थे। कहा कि ठुकराल रावण का अभिनय भी करते हैं, और कलाकार हैं। इसलिए कभी-कभी उनकी जुबान पर तेजी के साथ रावण आ जाता है, साथ ही उनके ही साथी (विभीषण) उनकी वीडियो बना लेते हैं। उन्हें अपनी जुबान पर नियंत्रण रखने की चेतावनी दे दी गयी है।
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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>अनुशासनहीनता पर बाहर का रास्ता दिखाएंगे
नैनीताल। थराली में भाजपा में शामिल हुए गुड्डू लाल के निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा के बाबत पूछे जाने पर भट्ट ने कहा कि गुड्डू को पार्टी में बुलाया नहीं गया था, बल्कि वे खुद आए थे। सोमवार को उन्होंने कहा कि टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय लड़ेंगे। इस पर उन्हें कह दिया गया कि पार्टी दबाव में आने वाली नहीं है। बोले, गुड्डू जैसे ही निर्दलीय नामांकन कराएंगे, उन्हें अनुशासनहीनता पर पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। आगे निकाय चुनाव में भी जो पार्टी कार्यकर्ता निर्दलीय उतरेंगे, उनके साथ भी यही कार्रवाई की जाएगी।
भाजपा ने राज्य को दो वर्ष पीछे धकेल दिया: हरीश रावत
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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>-खजाना खाली छोड़ने के आरोपों को भी नकारा, कहा ऐसा होता तो कहां से दिया तीन माह का वेतन
नैनीताल। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आरोप लगाया कि भाजपा ने राज्य को दो साल पीछे धकेल दिया है। दावा किया कि उनकी सरकार के दौर में राज्य जन कल्याण एवं महिला कल्याण में खर्च करने वाले राज्यों में चौथे स्थान पर था जबकि अब 14वें पायदान पर चला गया है। कहा कि उनके द्वारा राज्य का खजाना खाली छोड़ने के भाजपा के आरोप अपनी नाकामी छुपाने का बहाना बनाना, 10 महीने बाद भी रावत ने बर्बाद कर दिया कहना गलत है। उन्होंने स्वस्थ सरकार भाजपा को सौंपी थी। उनकी सरकार द्वारा छोड़े खजाने से ही भाजपा सरकार जून यानी तीन माह तक बिना किसी व्यवधान के वेतन दे पायी। लेकिन इसके बाद ठीक से वसूली न कर पाने व सरकार की गलतियों की वजह से सरकार का राजस्व 3 गुना नीचे आ गया है। कहा कि सरकार को शराब व खनन से मिलने वाले राजस्व में 30 फीसद की गिरावट आई है। कहा कि उनके दौर में 40 रुपये कुंटल बिक रही बजरी आज 125 कुंटल के भाव क्यों बिक रही है, सरकार को बताना चाहिए। कहा भाजपा उन पर शराब की डेनिस ब्रांड लाने का आरोप लगाती रही, और स्वयं दबंग ब्रांड ले आयी। कहा कि सूखे और बाढ़ की आपदा में उनकी सरकार ने सभी प्रभावितों को राहत राशि दी। राज्य सरकार से अपील की कि उत्तराखंड में बन रही सूखे की स्थिति के लिए समय रहते लिए योजना बनाएं। कहा कि उनकी सरकार ने गरीबों लिए करीब 3300 योजनाएं बनाई थीं, जिनमें से कई को भाजपा सरकार ने बंद कर दिया है। उन्होंने सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओ से कोंग्रेस को मजबूत करने की अपील की, और कहा कि आने वाले समय में कांग्रेस फिर उभर कर आएगी। इसके लिए हर चुनाव में पार्टी कार्यकर्ता निष्ठावान रहें। इससे पूर्व महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सरिता आर्य की अगुवाई में पार्टी कार्यकर्ताओं ने पूर्व सीएम का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस मौके पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, नगर अध्यक्ष मारुति साह व पूर्व सांसद डा. महेंद्र पाल सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।
बेहद खराब आर्थिक हालात मिले हैं भाजपा सरकार को विरासत में
भाजपा सरकार को विरासत में बेहद बुरे वित्तीय हालात मिले हैं, जिन्हें यदि ठीक न किया गया तो राज्य से 2019 में शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर विकास तक किसी भी मोर्चे में जनाकांक्षाओं पर खरा उतरने की उम्मीद बेमानी होगी। राज्य का वार्षिक बजट करीब 30 हजार करोड़ रुपये का है, और राज्य करीब 40 हजार करोड़ रुपये के कर्ज के बोध से दबा हुआ है। वार्षिक बजट में से करीब 14 हजार करोड़ रुपये अकेले सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत वेतन मद में सहित 83 फीसद हिस्सा गैर विकास मदों में खर्च हो रहा है, तथा विकास कार्यों के लिये 17 फीसद धनराशि भी नहीं बच रही है। राज्य कर्ज लेकर वेतन बांटने की स्थिति में है, और बाजार से लिये गये कर्ज के केवल ब्याज को चुकता करने में ही 2500 से 3000 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। वहीं राज्य की कर्ज लेने की 5700 करोड़ की सीमा केवल 250 करोड़ रुपये ही दूर है, और आरबीआई पिछले दिनों राज्य की 1000 करोड़ रुपये कर्ज लेने की अर्जी में 250 करोड़ की कटौती कर चुका है। ऐसे में भाजपा सरकार को समझना होगा कि राज्य को केवल केंद्रीय मदद से अधिक समय चलाना संभव नहीं है, वरन इन विषम हालातों से राज्य को उबारने की जरूरत है। इसके लिये राज्य में अब तक आय के प्रमुख श्रोतों खनन, आबकारी व सरकारी जमीनों आदि में मची लूट को बंद करना होगा।