उत्तराखंड में ईद पर गरीबों को मिलेगी विशेष किट की ‘ईदी’: वक्फ बोर्ड का निर्णय, क्या है मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रिया… ?

नवीन समाचार, देहरादून, 21 मार्च 2025 (Poor Muslim People will get Eidi from UK Govt)। उत्तराखंड में ईद के अवसर पर गरीब और जरूरतमंद मुस्लिम परिवारों को विशेष किट यानी एक तरह से ‘ईदी’ देने का निर्णय लिया गया है। यह घोषणा उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की हालिया बैठक में की गई, जिसमें बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने बताया कि रमजान के पवित्र महीने के बाद ईद को खुशी से मनाने के लिए यह पहल शुरू की जा रही है।
इस किट का नाम “मोदी-धामी विशेष किट” रखा गया है। इसे भाजपा सरकार की ओर से कमोबेश पहली बार मुस्लिमों को रिझाने की पहल भी बताया जा रहा है। इस आधार पर जहां मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग इस योजना की प्रशंसा कर रहे हैं, वहीं कुछ सवाल भी उठा रहे हैं।
बैठक में लिया गया निर्णय

प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते गुरुवार को देहरादून में वक्फ बोर्ड की बैठक हुई। इसमें तय हुआ कि ईद के मौके पर गरीबों को सहायता पहुँचाने के लिए विशेष किट वितरित की जाएगी। शादाब शम्स ने कहा कि यह किट उन परिवारों के लिए है, जो 30 दिन तक रोजे रखने के बाद आर्थिक रूप से ईद की तैयारी करने में सक्षम नहीं हैं। इस पहल का उद्देश्य शोषित, वंचित, अनाथ बच्चों, बेसहारा लोगों और विधवाओं तक मदद पहुँचाना है। बोर्ड ने मस्जिदों और मदरसों की प्रबंधन समितियों से आग्रह किया है कि वे जरूरतमंदों की सूची तैयार करें। जिनके पास संसाधन नहीं होंगे, उनकी व्यवस्था बोर्ड करेगा और खर्च का भुगतान भी सुनिश्चित किया जाएगा।
किट में शामिल सामग्री
शादाब शम्स के अनुसार इस विशेष किट में 2 लीटर दूध, 1 किलोग्राम चावल, 1 किलोग्राम चीनी, सेवई का एक पैकेट और सूखे मेवे शामिल होंगे। यह सामग्री गरीब परिवारों को घर पर शीर बनाने और ईद का त्योहार मनाने में मदद करेगी। बोर्ड का मानना है कि यह किट गरीबों के चेहरों पर मुस्कान लाएगी और उन्हें त्योहार का हिस्सा बनने का अवसर देगी। इस पहल को “मोदी-धामी सरकार की मुस्लिमों को रिझाने की पहल” भी माना जा रहा है, और इसे केंद्र और राज्य सरकार की ओर से एक संदेश के तौर पर भी देखा जा रहा है।
योजना की पृष्ठभूमि
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने इस कदम को गरीबों के कल्याण के लिए उठाया है। शादाब शम्स ने कहा कि वक्फ का गठन मूल रूप से जरूरतमंदों की मदद के लिए हुआ था, लेकिन पिछले कई दशकों से इसका लाभ सही लोगों तक नहीं पहुँच पाया। इस योजना के जरिए बोर्ड गरीब मुस्लिम परिवारों को मुख्यधारा से जोड़ने और उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने की कोशिश कर रहा है। हाल ही में रमजान के महीने में भी बोर्ड ने विभिन्न क्षेत्रों में सहायता पहुँचाई थी, जिसे इस किट वितरण योजना का आधार माना जा रहा है।
मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रिया
इस घोषणा के बाद मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने अपनी राय व्यक्त की है। देहरादून के स्थानीय निवासी फैजान ने कहा कि रमजान और ईद के दौरान समुदाय पहले से ही एक-दूसरे की मदद करता है। उनका मानना है कि सरकार को किट बाँटने की बजाय रोजगार के अवसर पैदा करने पर ध्यान देना चाहिए। फैजान ने तंज कसते हुए कहा कि “1-2 किलोग्राम राशन देकर गरीबों का मखौल उड़ाने से बेहतर है कि उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत की जाए।” कई अन्य लोगों ने भी इस विचार का समर्थन किया और कहा कि सरकार का असली काम विकास और रोजगार देना है, न कि छोटी-मोटी सहायता बाँटना।
स्थानीय परिप्रेक्ष्य
उत्तराखंड में मुस्लिम समुदाय की आबादी मुख्य रूप से देहरादून, हल्द्वानी, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जैसे क्षेत्रों में केंद्रित है। यहाँ के लोग परंपरागत रूप से रमजान और ईद को आपसी भाईचारे के साथ मनाते हैं। स्थानीय स्तर पर मस्जिदें और सामुदायिक संगठन पहले से ही जरूरतमंदों की मदद करते हैं। ऐसे में वक्फ बोर्ड की यह पहल कुछ लोगों को सरकारी हस्तक्षेप के रूप में लग रही है। वहीं अन्य लोगों का कहना है कि यह योजना शायद सरकार की “सबका साथ, सबका विकास” नीति का हिस्सा हो सकती है, जिसके तहत विभिन्न समुदायों तक लाभ पहुँचाने की कोशिश की जा रही है।
व्यापक प्रभाव
यह पहल केवल ईद तक सीमित नहीं है। बोर्ड ने संकेत दिए हैं कि भविष्य में अन्य त्योहारों पर भी ऐसी योजनाएँ शुरू की जा सकती हैं। हालाँकि इस किट के नामकरण पर भी चर्चा छिड़ गई है। “मोदी-धामी विशेष किट” नाम को लेकर कुछ लोग इसे राजनीतिक लाभ पाने का माध्यम भी मान रहे हैं। दूसरी ओर समर्थकों का कहना है कि यह सरकार की सक्रियता और गरीबों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है। इस बीच, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने भी देशभर में 32 लाख गरीब मुस्लिम परिवारों तक “सौगात-ए-मोदी” किट पहुँचाने की योजना बनाई है, जो इस पहल से प्रेरित हो सकती है।
आगे की राह (Poor Muslim People will get Eidi from UK Govt)
वक्फ बोर्ड ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे गरीबों की पहचान करें और किट वितरण को सुचारु बनाएँ। इस योजना के लिए बजट और संसाधनों की व्यवस्था भी शुरू कर दी गई है। लेकिन समुदाय के एक वर्ग की नाराज़गी को देखते हुए सरकार और बोर्ड को इस दिशा में संतुलित कदम उठाने होंगे। यह देखना बाकी है कि यह पहल कितनी प्रभावी साबित होती है और क्या यह वास्तव में गरीबों की जरूरतों को पूरा कर पाती है। (Poor Muslim People will get Eidi from UK Govt, Dehradun News, Uttarakhand News, Communal News, Modi-Dhami Vishesh Kit)
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