नवीन समाचार, नैनीताल, 29 फरवरी 2024 (Highlights of Economic Survey Report Uttarakhand)। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2023-24 में उत्तराखंड के विकास की अभूतपूर्व झलक दिखी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश की अर्थव्यस्था ने बड़ी छलांग लगाई है। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में प्रदेश की विकास दर 7.58 फीसदी रही है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। वहीं राज्य बनने के बाद से उत्तराखंड वासियों की प्रति व्यक्ति करीब दो गुनी हो गयी है। अलबत्ता राज्य में पर्वतीय व मैदानी जिलों में हर आर्थिक मोर्चें पर बड़ा अंतर स्पष्ट दिखता है। यहां हम आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2023-24 की और भी खास बातें बताने जा रहे हैं।
ढाई लाख से अधिक हुई उत्तराखंड वासियों की प्रति व्यक्ति आय (Highlights of Economic Survey Report Uttarakhand)
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2023-24 के अनुसार उत्तराखंड में अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर 346.20 हजार करोड़ पहुंच गया है, जबकि 2022-23 में इसका आकार 303.78 हजार करोड़ था। उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति आय में भी 12.64 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 2 लाख 60 हजार 201 रुपये पहुंच गई है जो कि वर्ष 2022-23 में 2 लाख 30 हजार 994 थी।
मैदानी जिलों की अधिक, पर्वतीय जिलों की कम, राज्य बनने के बाद दोगुनी हो गयी प्रति व्यक्ति आय (Highlights of Economic Survey Report Uttarakhand)
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार राज्य में प्रति व्यक्ति आय को जिलावार देखें तो हरिद्वार की प्रति व्यक्ति आय 3,62,688 रुपये, ऊधमसिंह नगर की 2,69,070 रुपये, देहरादून की 2,35,707 रुपये है। वहीं पर्वतीय जिलों की बात करें तो नैनीताल जिले की 1,90,627, चमोली की 1,27,330,पिथौरागढ़ की 1,18,678, चंपावत की 1,16,136, पौड़ी की 1,08,640, उत्तरकाशी की 1,07,281 टिहरी की 1,03,345, अल्मोड़ा की 1,00,844, बागेश्वर की 98,755, रुद्रप्रयाग की 93,160, और रुपये है। वर्ष 2001 के सापेक्ष देखें तो सभी जिलों की प्रति व्यक्ति आय दोगुनी तक हो गई है।
बेरोजगारी दर में भारी कमी, 5 प्रतिशत से नीचे आयी (Highlights of Economic Survey Report Uttarakhand)
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2023-24 के अनुसार उत्तराखंड में बेरोजगारी दर में भी भारी कमी देखने को मिली है। 2021-22 में उत्तराखंड में 8.4 फीसदी बेरोजगारी दर थी, जो 2022-23 में घटकर 4.9 फीसदी रह गई।
बहुआयामी गरीबी में भी भारी गिरावट (Highlights of Economic Survey Report Uttarakhand)
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2023-24 के अनुसार उत्तराखंड में बहुआयामी गरीबी में भी भारी गिरावट आई है। वर्ष 2015-16 में उत्तराखंड में बहुआयामी गरीबी की दर 17.67 प्रतिशत थी जो वर्ष 2019-21 में घटकर 9.67 प्रतिशत रह गई। इन पांच सालों के अंतराल में राज्य के कुल 9,17,299 लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं।
यही नहीं राज्य में बहुआयामी गरीबी की तीव्रता 2015-16 में 44.35 प्रतिशत से 2019-21 में घटकर 41.99 प्रतिशत रह गई है। उत्तराखंड में 125000 लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है। इसके विपरीत अभी तक 68 हजार 579 लखपति दीदी बनाई जा चुकी हैं।
अर्थव्यवस्था में द्वितीयक क्षेत्र का सर्वाधिक योगदान (Highlights of Economic Survey Report Uttarakhand)
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2023-24 से स्पष्ट है कि राज्य की अर्थव्यवस्था में सेकेंडरी सेक्टर यानी द्वितीयक क्षेत्र (विनिर्माण, विद्युत, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य उपयोगी सेवाएं, निर्माण) का सबसे अधिक 46.84 प्रतिशत का योगदान रहा है। वहीं दूसरे नंबर पर टर्सरी सेक्टर यानी तृतीयक यानी सेवा क्षेत्र रहा है। सेवा क्षेत्र का अर्थव्यवस्था में 43.17 प्रतिशत योगदान रहा है। वहीं प्राथमिक क्षेत्र यानी कृषि का अर्थव्यवस्था में 9.99 प्रतिशत योगदान रहा है।
प्राथमिक क्षेत्र में ऊधमसिंह नगर की सहभागिता सबसे ज्यादा (Highlights of Economic Survey Report Uttarakhand)
राज्य की अर्थव्यवस्था में प्राथमिक क्षेत्र (कृषि, पशुपालन, वानिकी एवं लठ्ठा बनाना, मत्स्य पालन, खनन एवं उत्खनन) में सहयोग के क्षेत्र में 5408 करोड़ के साथ ऊधमसिंह नगर सबसे ऊपर है। इसके बाद 5388 करोड़ के साथ हरिद्वार दूसरे, 3805 करोड़ के साथ देहरादून तीसरे स्थान पर है। वहीं नैनीताल चौथे, अल्मोड़ा पांचवें, पौड़ी छठे, पिथौरागढ़ सातवें, टिहरी आठवें, चमोली 9वें, उत्तरकाशी 10वें, बागेश्वर 11वें, चंपावत 12वें और रुद्रप्रयाग 13वें पायदान पर है।
द्वितीयक क्षेत्र में हरिद्वार की सहभागिता सबसे ज्यादा (Highlights of Economic Survey Report Uttarakhand)
अर्थव्यवस्था के द्वितीयक क्षेत्र में सहयोग के मामले में 57,925 करोड़ के साथ हरिद्वार पहले, 299,962 करोड़ के साथ ऊधमसिंह नगर दूसरे और 17,847 करोड़ के साथ देहरादून तीसरे स्थान पर है। वहीं, नैनीताल चौथे, पौड़ी पांचवें, टिहरी छठे, अल्मोड़ा सातवें, चमोली आठवें, पिथौरागढ़ 9वें, चंपावत 10वें, उत्तरकाशी 11वें, रुद्रप्रयाग 12वें, बागेश्वर 13वें स्थान पर है।
तृतीयक क्षेत्र में देहरादून सबसे ऊपर (Highlights of Economic Survey Report Uttarakhand)
अर्थव्यवस्था के तृतीयक क्षेत्र (परिवहन, भंडारण, संचार एवं प्रसारण संबंधी सेवाएं, व्यापार, होटल, जलपान गृह, वित्तीय सेवाएं, स्थावर संपदा, आवास का स्वामित्व व व्यावसायिक सेवाएं, लोक प्रशासन व अन्य) में सहयोग 26,328 करोड़ के साथ देहरादून पहले, 19,136 करोड़ के साथ ऊधमसिंह नगर दूसरे और 17,802 करोड़ के साथ हरिद्वार तीसरे पायदान पर है। इसके अलावा, नैनीताल चौथे, पौड़ी पांचवें, अल्मोड़ा छठे, पिथौरागढ़ सातवें, टिहरी आठवें, चमोली 9वें, उत्तरकाशी 10वें, चंपावत 11वें, बागेश्वर 12वें और रुद्रप्रयाग 13वें पायदान पर है।
राज्य बनने के बाद कर संग्रह 52 गुना बढ़ा (Highlights of Economic Survey Report Uttarakhand)
9 नवम्बर 2000 को राज्य के अस्तित्व में आने के दौरान उत्तराखंड का वर्ष 2000-2001 में प्राप्त कर संग्रह 233 करोड़ था, जो कि वर्ष 2022-23 तक लगभग 52 गुना बढ़कर 12,028.68 करोड़ (2,135.60 करोड़ प्रतिकर धनराशि सहित) हो गया है। वर्ष 2023-24 के दिसम्बर 2023 तक कुल राजस्व संग्रह 8,496.82 करोड़ (476.62 करोड़ प्रतिकर धनराशि सहित) रहा है।
सीएम धामी ने क्या कहा (Highlights of Economic Survey Report Uttarakhand)
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2023-24 पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि राज्य की वित्तीय स्थिति एवं विकास की प्रगति को आर्थिक सर्वेक्षण में दर्शायी गई प्रगति राज्य के समग्र विकास की झलक प्रस्तुत करती है। यह सुशासन एवं वित्तीय अनुशासन का भी स्पष्ट प्रमाण है। कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के हमारे प्रयासों में भी इससे गति मिलेगी। (Highlights of Economic Survey Report Uttarakhand)
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