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October 7, 2024

‘गुरु’ की सलाह के बाद उत्तराखंड के राजनीतिक व प्रशासनिक हलकों में..

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पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी |  Devbhoomi Mediaनवीन समाचार, देहरादूनः, 24 अप्रैल 2023। उत्तराखंड में कई बार अधिकारियों के जनप्रतिनिधियों के साथ ढुलमुल रवैये और नौकरशाही के सरकार पर हावी रहने को लेकर सवाल उठते रहते हैं। प्रदेश सरकार के कई वरिष्ठ मंत्री भी इस पर सवाल उठा चुके हैं। लेकिन अब प्रदेश के मुख्यमंत्री के राजनीतिक गुरु और मूलतः पेशे से भी गुरु रहे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एक कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों पर नकेल कसने को लेकर सीएम धामी को नसीहत दी है। इसके बाद से ही प्रदेश के सियासी गलियारों में हलचल देखी जा रही है, और इसका प्रभाव आगे प्रशासनिक मशीनरी पर भी पड़ना तय माना जा रहा है।

उत्तराखंड एक छोटा राज्य है, यहां राजनेताओं और अधिकारियों दोनों स्तरों पर समय से पूर्व, अपेक्षित अनुभव लिए बिना बड़े पद मिलने की बात हमेशा से उठती रहती है। अनुभव की कमी के बावजूद अधिक पढ़े-लिखे नौकरशाह राजनीति व नौकरशाही की रस्साकस्सी में मजबूत माने जाते हैं। आरोप लगते हैं कि राज्य में राजनेता नौकरशाहों के पिछलग्गू बन कर रह गए हैं।

कई मंत्री इस बात पर नाराजगी जता चुके हैं कि अधिकारी उनकी बात नहीं सुन रहे हैं। यही वजह है कि प्रदेश में कई बार ऐसी स्थिति देखी गई है कि मंत्री अपने विभागीय सचिव को बदलते रहते हैं। वर्तमान स्थिति ये है कि न सिर्फ कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज बल्कि, कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य सहित कई मंत्री अधिकारियों के जनप्रतिनिधियों के साथ रवैये को लेकर सवाल उठा चुके हैं।

इतना ही नहीं सीएम धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव की ओर से सभी अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों के साथ अच्छा व्यवहार करने के निर्देश भी दिए जा चुके हैं। बावजूद इसके वर्तमान स्थिति यह है कि अधिकारियों और मंत्रियों, विधायकों के साथ तालमेल बैठता नजर नहीं आ रहा है। इन्हीं स्थितियों को लेकर बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एक कार्यक्रम के दौरान सीएम धामी को इस बात को लेकर नसीहत दे दी है। सीएम को नसीहत देते हुए भगत दा ने कहा कि वह अधिकारियों पर नकेल कसें। जिससे अधिकारी धरातल पर उतरे और आम जनता की सुध लें।

भगत सिंह कोश्यारी ने यहां तक कह दिया कि जो अधिकारी धरातल पर काम नहीं कर रहे हैं, उन अधिकारियों को घर बिठाने का काम करें, ताकि राज्य में विकास की योजनाएं भी तेज गति से आगे बढ़ सके और उन योजनाओं का लाभ जनता को भी मिल सके।

यही नहीं, कोश्यारी ने धामी सरकार के अधिकारियों को धरातल पर जाकर आम जनता से रूबरू होने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि उनके ऐसा करने से जनता की समस्याएं भी दूर होंगी और सरकार की ओर से जो विकास की योजनाएं चल रही है, वह धरातल पर तेज गति से आगे बढ़ पाएंगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने खासतौर पर कृषि बागवानी और उद्यान से जुड़े हुए अधिकारियों को टारगेट करते हुए कहा कि उनकी तरफ से कोई काम धरातल पर उतर कर नहीं किया जाता है। ऐसे में जिन किसानों को लाभ देने के बाद सरकार करती है। उन किसानों को कैसे लाभ मिल पाएगा?

कोश्यारी की इस सलाह पर भाजपा भी समर्थन कर रही है और धामी सरकार की योजनाओं में अधिकारियों को पूरा सहयोग देने की नसीहत भी दे रही है। ताकि, सरकार जो आम जनता के विकास के लिए योजनाएं चला रही है। उन सभी योजनाओं से जनता लाभान्वित हो सके। जबकि, दूसरी ओर कांग्रेस भी भगत दा की इस सलाह को राज्य हित का बता रही है और सरकार को उस सलाह पर अनुसरण कर चलने की नसीहत दे रही है। ताकि न सिर्फ अधिकारियों का जनप्रतिनिधियों के साथ रवैया ठीक हो, बल्कि योजनाओं का सही लाभ जनता को मिल सके। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य नवीन समाचार पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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