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March 19, 2024

दुष्कर्म के आरोप में जेल से जमानत पर छूटने के बाद कांग्रेस नेता ने फिर पीड़िता को दिखाई पिस्टल, किए गंदे इशारे, नया मामला दर्ज

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नवीन समाचार, हल्द्वानी, 1 सितंबर 2022। एक विवाहिता से दुष्कर्म कर बच्चा भी पैदा करने और बाद में लाइसेंसी पिस्टल से धमकाने के आरोप में जेल जाने के बाद भी कांग्रेस नेता तरुण साह की हरकतों में कोई सुधार नहीं आया है। इधर तरुण पर पुनः आरोप लगा है कि उसने जमानत पर बाहर आने के बाद अपनी पत्नी की मौजूदगी में बीती 30 अगस्त की दोपहर करीब दो बजे पीलीकोठी स्थित संस्कृत महाविद्यालय के पास पीड़िता को फिर से कार के भीतर से रिवॉल्वर दिखाकर धमकाया।

आशीष पांडेय ने दिल्ली के पटियाला हाइकोर्ट में सरेंडर किया Ashish Pandey  surrenders in Delhi's Patiala High Court – News18 हिंदी
प्रतीकात्मक चित्र

पीड़िता का कहना है कि वह संस्कृत विद्यालय के पास एक बैट्री की दुकान से निकलकर अपनी गाड़ी में बैठी ही थी कि तभी वहां जेल से जमानत पर छूटा तरुण साह अपनी कार से पहुंचा। कार में उसके साथ उसकी बीवी भी थी। कार के अंदर से ही तरुण ने रिवॉल्वर दिखाकर उसे गंदा इशारा किया और धमकाने लगा।

इस पर पीड़िता से पुनः मुखानी खाने में आरोपित के खिलाफ तहरीर दी। इस पर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ नया मामला दर्ज कर लिया है। मालूम हो कि इस मामले में पूर्व में पीड़िता की शिकायत पर मुखानी के थानाध्यक्ष के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है, और मामले की जांच जारी है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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यह भी पढ़ें : दुष्कर्म के आरोपित एनएसयूआई के पूर्व जिलाध्यक्ष पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत…

Punjab and Haryana high court me Rohtak ke ek couple ne talaq ke liye dali  thi yachika, High court ne kaha wife ne husband ka career barbad karne ka  prayas kiya use

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 22 जुलाई 2022। दुष्कर्म से विवाहिता को बेटा पैदा करने वाले एनएसयूआई के पूर्व जिलाध्यक्ष तरुण साह का अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। इस प्रकार आरोपित पर अभियोग दर्ज होने के करीब 3 माह के बाद गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।

उल्लेखनीय है कि 2013-2014 में एनएसयूआई के नैनीताल जिलाध्यक्ष रह चुके आरोपित तरुण साह पर हल्द्वानी में एक बच्चे की मां से वर्ष 2018 से उसके पति की बीमारी का फायदा उठाकर लगातार कई बार जबर्दस्ती, इच्छा के विरुद्ध, डरा-धमकाकर अवैध संबंध बनाने, उसके द्वारा किए गए दुष्कर्म से उसका बच्चा होने, उसे अपनी लाइसेंसी पिस्टल के बल पर डराने, इससे उसे, उसके बच्चे व पति को जान का खतरा होने के आरोप हैं।

आरोपित पर इस मामले में बमुश्किल 26 अप्रैल 2022 को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 व 506 के तहत थाना मुखानी में अभियोग पंजीकृत किया गया था। तब से करीब 3 माह होने के बावजूद आरोपित किसी न किसी तरह गिरफ्तारी से बचता रहा है। जबकि मामले में संबंधित थानेदार पर पीड़िता से गिरफ्तारी के ऐवज में शारीरिक संबंध बनाने व पांच लाख रुपए मांगने के आरोप में बीते मंगलवार 19 मई को मुकदमा दर्ज कर लिया है, और उसे निलंबित कर दिया गया है। अन्य ताज़ा नवीन समाचार पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : हद हो गई, दुष्कर्म पीड़िता से थानेदार ने की शारीरिक संबंध बनाने व 5 लाख रुपए की मांग, थानेदार निलंबित, मुकदमा भी दर्ज, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष है दुष्कर्म का आरोपित…

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 20 जुलाई 2022। हद हो गई। हल्द्वानी में एक बच्चे की मां ने एनएसयूआई के पूर्व जिलाध्यक्ष तरुण साह पर वर्ष 2018 से उसके पति की बीमारी का फायदा उठाकर लगातार कई बार जबर्दस्ती, इच्छा के विरुद्ध, डरा-धमकाकर अवैध संबंध बनाने, उसके द्वारा किए गए दुष्कर्म से उसका बच्चा होने, उसे अपनी लाइसेंसी पिस्टल के बल पर डराने, इससे उसे, उसके बच्चे व पति को जान का खतरा होने के आरोप लगाए। इस मामले में बमुश्किल 26 अप्रैल 2022 को आरोपित के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 376 व 506 के तहत थाना मुखानी में अभियोग पंजीकृत किया गया।

तब से आरोपित की पहले हाईकोर्ट ने प्राथमिकी को निरस्त करने की याचिका खारिज की, फिर निचली अदालत ने अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज की। इसके बावजूद करीब तीन माह से आरोपित के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि दूसरी ओर पीड़िता जिस थानेदार से न्याय की उम्मीद कर रही थी, उसने दुष्कर्म पीड़िता से शारीरिक संबंध बनाने और पांच लाख रुपए देने की मांग की। जनपद पुलिस ने करीब एक माह पूर्व 26 जून को आरोपित थानेदार को थाने से हटा दिया, लेकिन क्यों हटाया इसकी जानकारी नहीं दी। अलबत्ता, ‘नवीन समाचार’ ने इस ओर इशारा तभी जरूर कर दिया था।

बहरहाल, अब मामले में खुलासा हुआ है कि पीड़िता ने थानेदार की शिकायत प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से की। इसके बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। इस पर पीड़िता ने उच्च न्यायालय में आरोपित थानेदार की शिकायत की, तब जाकर आज मामले के जांच अधिकारी, रामनगर के पुलिस क्षेत्राधिकारी बीएस भाकुनी ने उच्च न्यायालय में खुलासा किया कि थानेदार उप निरीक्षक दीपक बिष्ट के विरुद्ध बीते मंगलवार को मुकदमा दर्ज कर लिया है, और जनपद के एसएसपी ने उसे निलंबित कर दिया है।

उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने बुधवार को इस मामले में सुनवाई हुई तो एकलपीठ ने अपराह्न दो बजे तक रिपोर्ट मांगी। दो बजे सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि मुखानी के पूर्व थानाध्यक्ष दीपक बिष्ट को निलंबित कर दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई अब शुक्रवार को होगी।

बताया गया है कि इस मामले में पीड़िता ने तत्कालीन थानेदार दीपक बिष्ट से हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग भी पेश की है। इस मामले में विवेचक को भी बदला जा चुका है। विवेचक पर भी आरोप लगा था कि वह पीड़िता को ही कठघरे में खड़ा कर रही थी। इधर न्यायालय में पीड़िता की उम्र भी बढ़ाकर प्रस्तुत की गई है। मामले में आरोपित की पारिवारिक पृष्ठभूमि के आधार पर उसे राजनीतिक व प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त होने के आरोप भी लगे हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें : दुष्कर्म के आरोपित पर दो माह से बचने के बाद आखिर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, अग्रिम जमानत अर्जी खारिज

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 22 जून 2022। जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जोशी की अदालत ने महिला से दुष्कर्म के आरोपित तरुण साह का अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया है। इसके बाद करीब दो माह पूर्व दर्ज प्राथमिकी के बावजूद अब तक बच रहे आरोपित पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में पूर्व में उच्च न्यायालय भी आरोपित की प्राथमिकी निरस्त करने व अंतरिम राहत देने की याचिका को खारिज कर चुका है। 

इस मामले में बुधवार को आरोपित के अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता-फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने कहा कि गत 26 अप्रैल 2022 को पीड़िता ने आरोपित तरुण साह के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई कि उसने वर्ष 2018 में उससे संबंध बनाए और उसके पति की बीमारी का फायदा उठाकर उसके साथ जबर्दस्ती की। उसे घर में अकेला पाकर उसके साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध सब किया गया, और समाज व लोकलाज का डर दिखाकर बार-बार उसका शोषण किया, चुप कराया, व अपने पास लाइसेंसी पिस्टल होना बताकर धमकाया।

आरोपित से पीड़िता को 2019 में बच्चा भी हुआ। उसने पीड़िता की समाज में बदनामी भी की। यह भी कहा कि आरोपित प्रभावशाली व्यक्ति है। उससे पीड़िता, उसकी बेटी व परिवार को जान का खतरा भी है। उधर बचाव पक्ष की ओर से पूरे मामले को आपसी सहमति से बताने की कोशिश की। यह भी कहा कि यदि उसे गिरफ्तार किया जाता है तो उसकी समाज में छवि खराब होगी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपित के अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें : कांग्रेस नेत्री से वर्ष 2018 से लगातार दुष्कर्म करने और उसके बच्चे का पिता होने के आरोपित को HC से अंतरिम राहत नहीं

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 11 मई 2022। गत 26 अप्रैल को कांग्रेस पार्टी की एक शादीशुदा महिला द्वारा आरोप लगाए जाने के करीब 15 दिन गुजर जाने के बाद भी पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया है। अलबत्ता आरोपित को उच्च न्यायालय से अंतरिम राहत नहीं दी है। उधर पीड़िता ने महिला आयोग की उपाध्यक्ष शायरा बानो को भी मामले में एक शिकायती पत्र भेजा है।

आरोपित तरुण साह की ओर से उच्च न्यायालय में पीड़िता की तहरीर पर दर्ज हुई प्राथमिकी को निरस्त करने एवं अंतरिम राहत प्राप्त करने के लिए याचिका दायर की गई थी। मंगलवार को याचिका पर न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ में सुनवाई के दौरान याची के अधिवक्ता ने तर्क रखा कि प्राथमिकी में घटना की तिथि और समय का जिक्र नहीं है, इसलिए प्राथमिकी कानून की दृष्टि से योग्य नहीं है।

दूसरी ओर तर्क रखा गया कि विवेचना के दौरान पीड़िता ने धारा 161 एवं 164 के तहत अपने बयानों में प्राथमिकी में लगाए गए आरोपों की पुष्टि की है, और यह भी कहा है कि उसे आरोपित से पैदा हुआ बच्चा भी है। इस आधार पर एकलपीठ ने याची को कोई अंतरिम राहत देने से पूर्व प्रतिपक्षी से प्रतिशपथ मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 25 जून को होगी।

उल्लेखनीय है कि महिला नेत्री ने आरोप लगाया है कि आरोपित तरुण साह पीड़िता से वर्ष 2018 से उसके पति की बीमारी का फायदा उठाकर लगातार कई बार जबर्दस्ती, इच्छा के विरुद्ध, डरा-धमकाकर अवैध संबंध बनाए हुए है। आरोपित से पीड़िता को वर्ष 2019 में एक बच्चा भी हुआ है। पीड़िता ने आरोपित के पास पिस्टल होने का हवाला देते हुए उससे अपने बच्चे व परिवार को जान का खतरा भी बताया हैं। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपित के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 376 व 506 के तहत थाना मुखानी में अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग-एक्सक्लूसिव: हल्द्वानी में प्रदेश स्तरीय शादीशुदा महिला नेत्री से दुष्कर्म किए जाने के आरोप में मुकदमा दर्ज

नवीन समाचार, हल्द्वानी, 26 अप्रैल 2022। कांग्रेस पार्टी की युवा इकाई की एक प्रदेश पदाधिकारी ने बेहद संगीन आरोप लगाए हैं। आरोपों के अनुसार आरोपित पीड़िता से वर्ष 2018 से उसके पति की बीमारी का फायदा उठाकर लगातार कई बार जबर्दस्ती, इच्छा के विरुद्ध, डरा-धमकाकर अवैध संबंध बनाए हुए है।

आरोपित से पीड़िता को एक बच्चा भी हुआ है। पीड़िता ने आरोपित के पास पिस्टल होने का हवाला देते हुए उससे अपने बच्चे व परिवार को जान का खतरा भी बताया हैं। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपित के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 376 व 506 के तहत थाना मुखानी में अभियोग पंजीकृत कर लिया है।

पीड़िता ने पुलिस को दी तहरीर में कहा है कि तरुण साह नाम के आरोपित ने उससे 2018 में सबंध बनाए और उसके पति की बीमारी का फायदा उठाकर उसके घर में ही उसे अकेला पाकर उसकी इच्छा के विरुद्ध समाज का डर दिखाकर उसका बार-बार शारीरिक शोषण किया। लोक-लाज का हवाला देकर चुप कराया और बार-बार धमकाया। वर्ष 2019 में पीड़िता का आरोपित से बच्चा भी हुआ।

इसके साथ ही आरोपित ने पीड़िता को समाज में बदनाम और बार-बार परेशान भी किया। आरोपित पीड़िता को शारीरिक संबंध न बनाने पर समाज में सब बना देने की और कई बार जान से मारने की धमकी भी दे चुका हैं यह भी कहा है कि आरोपित के पास लाइसेंसी पिस्टल है, लिहाजा उसे, उसके पति, बच्चे व परिवार को आरोपित से जान का खतरा है। पीड़िता की तहरीर पर मंगलवार शाम मुखानी पुलिस ने अभियोग दर्ज कर लिया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें : महिला से ‘रसभरी’ बातें करते पकड़े गए उत्तराखंड के बुजुर्ग मंत्री !!

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 10 फरवरी 2022। उत्तराखंड में एक पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर एक निवर्तमान मंत्री तथा एक निवर्तमान विधायक सहित कई राजनेताओं का सैक्स-स्कैंडलों में फंसने की कड़ी में एक और नाम जुड़ता नजर आ रहा हैं। हम इन ऑडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करते।

सोशल मीडिया एक नेता के कई ऑडियो तेजी से वायरल हो रहे है, जिसमें आशिक मिजाज नेता महिलाओं से रसभरी बातें कर रहे हैं। एक ऑडियो में तो ऐसी बातें हैं, जिन्हें दोहराया भी नहीं जा सकता। आप भी सुनें नेता जी के यह ऑडियो :

ऑडियो काफी पुरानी बताई जा रही है, और अभी ठीक चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर लीक व वायरल की गई हैं। बताया जा रहा है कि यह ऑडियो चुनाव लड़ने की कतार में खड़े संबंधित नेता के विरोधियों ने ही चार दिन बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत लीक और वायरल की हैं। मामले के आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति के केंद्र में आने की संभावना हैआज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : दुष्कर्म के मामले में आरोपित भाजपा विधायक को डीएनए जांच संबंधी याचिका में बड़ी राहत

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 10 दिसंबर 2021। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने आसन्न विधान सभा चुनाव से ठीक पहले द्वाराहाट के भाजपा विधायक महेश नेगी को दुराचार के आरोप से मुक्त कर दिया है। उच्च न्यायालय का यह आदेश तब आया, जब देहरादून सीजेएम कोर्ट से उनके डीएनए का नमूना लेने के आदेश को चुनौती देने वाले याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कोर्ट में दाखिल शपथपत्र में मामले की विवेचक द्वारा फाइनल रिपोर्ट लगाने की जानकारी दी गई। फाइनल रिपोर्ट में विधायक व उनकी पत्नी के खिलाफ किसी तरह का अपराध नहीं पाया गया है। कोर्ट ने सरकार के शपथपत्र के आधार पर विधायक की याचिका को निस्तारित कर दिया।

अलबत्ता न्यायालय ने इसी मामले से जुड़े एक अन्य मामले में महिला का यौन शोषण किये जाने मामले की सीबीआइ जांच कराने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार व विधायक महेश नेगी को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी। गौरतलब है कि इस मामले में पीड़िता की ओर से याचिका दायर कर कहा गया कि नेगी उसकी बेटी के पिता हैं। इसलिए उनकी डीएनए जांच कराई जाए। उच्च न्यायालय के ताजा फैसले और सरकार की फाइनल रिपोर्ट के बाद लगता है कि इस मामले में भी विधायक को राहत मिल सकती है।  आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग : दुराचार के आरोपों में फंसे भाजपा विधायक को राहत नहीं….

-अगली सुनवाई 19 जून को राज्य सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 12 जुलाई 2021। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनएस धानिक की एकलपीठ ने हरिद्वार जिले की ज्वालापुर विधानसभा सीट के भाजपा विधायक सुरेश राठौर को दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तारी पर रोक व प्राथमिकी को निरस्त करने संबंधी याचिका पर कोई राहत नहीं दी है। अलबत्ता, राज्य सरकार से अगली सुनवाई की तिथि 19 जुलाई तक मामले में शपथपत्र पेेेश करने को कहा है। साथ ही पीड़िता के खुद को विधायक से खतरा बताने पर हरिद्वार के एसएसपी को पीड़िता को सुरक्षा उपलब्ध कराने के आदेश भी दे दिए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि विधायक सुरेश राठौर ने याचिका दाखिल कर कहा है कि उनके खिलाफ महिला की ओर से बदले की नीयत से दुराचार करने के झूठे आरोप लगातते हुए पहली जुलाई 2021 को दी गई तहरीर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 156(3) के तहत थाना बहादराबाद में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस मामले में वह पुलिस की जांच में सहयोग करने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि 2020 में महिला के खिलाफ उन्होंने शिकायतकर्ता महिला पर ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में पुलिस ने जांच के बाद आरोपी महिला को पति सहित दो अन्य साथियों को जेल भेज दिया था परंतु पिछले साल कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखर कर इन लोगों को निचली अदालत ने रिहा कर दिया था। इस पर जेल से बाहर आने के बाद महिला ने उनके खिलाफ बदले की भावना से कई बार दुराचार करने का झूठा आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : भाजपा विधायक के खिलाफ भाजपा नेत्री की शिकायत पर दुष्कर्म के आरोप में मुकदमा दर्ज..

नवीन समाचार, हरिद्वार, 02 जुलाई 2021। उत्तराखंड भाजपा के लिए एक और बुरी खबर है। सैंक्स स्केंडल में फंसे भाजपा के द्वाराहाट विधायक महेश नेगी के बाद हरिद्वार के ज्वालापुर से भाजपा विधायक सुरेश राठौर के खिलाफ भाजपा नेत्री की तहरीर पर न्यायालय के आदेशों पर बहादराबाद थाने में दुष्कर्म की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। महिला ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि वह किसी काम के सिलसिले में विधायक से मिलने गई थी। इसी दौरान विधायक ने उसे अपने झांसे में लेकर उसके साथ दुराचार किया। उल्लेखनीय है कि आरोप लगाने वाली महिला, उसका पति व दो कथित पत्रकार विधायक से इस मामले में एक करोड़ की फिरौती मांगने के आरोप में जेल जा चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि बीते दिनों भाजपा विधायक सुरेश राठौर ने ज्वालापुर कोतवाली पुलिस को बताया था कि कुछ लोग कथित अश्लील वीडियो वायरल कर उन्हें ब्लैकमेल कर रहे हैं। विधायक की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। जिसके बाद पुलिस ने दो पत्रकारों सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने मीडिया को बताया था कि आरोपी भाजपा विधायक को कथित आपत्तिजनक वीडियो वायरल करने के नाम पर डेढ़ करोड़ रुपए मांग रहे थे। गिरफ्तार आरोपितों में एक रुड़की तथा दूसरा सहारनपुर का रहने वाला था। इसके बाद पुलिस ने इसी मुकदमे में एक भाजपा नेत्री और उसके पति सहित तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों में रणवीर गौतम, सतीश दास, एसडी गौतम, निवासी बेगमपुर बहादराबाद और विजेंद्र के नाम सामने आए थे। इसी प्रकरण में अब पीड़िता ने शुक्रवार को विधायक सुरेश राठौर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर सनसनी मचा दी है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें : भाजपा विधायक पर बलात्कार के आरोप के बाद अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर मांगे 1.5 करोड़, करीबी भाजपा नेत्री व दो कथित पत्रकारों सहित 5 गिरफ्तार

-उल्टे विधायक ने बातों में फंसाकर दर्ज कराया था मुकदमा
नवीन समाचार, हरिद्वार, 26 मई 2021। पिछले दिनों महामंडलेश्वर बनने वाले ज्वालापुुर के भाजपा विधायक सुरेश राठौर पर बलात्कार के गंभीर आरोप लगाते हुए कथित वीडियो वायरल करने की धमकी देकर डेढ़ करोड रुपये मांगने वाली भाजपा विधायक की ही करीबी भाजपा महिला नेत्री, उसके पति व दो कथित पत्रकारों सहित पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन सभी के खिलाफ विधायक सुरेश राठौर ने ही मुकदमा दर्ज कराया था।

प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले रणवीर गौतम निवासी ग्राम बेलड़ा, निवासी रुड़की, सतीश दास निवासी नागल सहारनपुर, एसडी गौतम निवासी नागल सहारनपुर, सुरेखा निवासी बेगमपुर बहादराबाद और उसके पति विजेंद्र ने विधायक सुरेश राठौर के नंबर पर एक वीडियो भेजकर वीडियो को वायरल करने की धमकी दी थी। वायरल करने से बचने के लिए विधायक से डेढ करोड रुपए मांगे गए। इस पर विधायक सुरेश राठौर आरोपियों से बात कर रहे और लगातार बात करने पर पूरी डील तीस लाख रुपए में फाइनल हो गई थी और डील फाइनल होते ही भाजपा विधायक सुरेश राठौर ने सुरेखा सहित अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज करा दिया था। जिसके बाद पुलिस ने सुरेखा सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

बताया गया है कि पकड़ी गई भाजपा नेत्री सुरेखा भाजपा विधायक सुरेश राठौर को बहुत अच्छे से जानती है और उसका घर भी आना-जाना है। सुरेखा भी खुद को भाजपा नेत्री बताती है। आरोप है कि सुरेखा ने भाजपा विधायक से पार्टी में अच्छा पद दिलाने और मकान में पत्थर लगाने का आश्वासन पूरा ना होने पर अपने दूसरे साथियों से मिलकर उनके खिलाफ बलात्कार का षडयंत्र रचा। लेकिन, विधायक राठौर की समझबूझ और आरोपियों को बातों में लगाकर डील डेढ़ करोड से तीस लाख तक लाने के चलते पांचों आरोपित जाल में फंस गए और गिरफ्तार हो गए। (डॉ.नवीन जोशी)

यह भी पढ़ें : सैक्स स्कैंडल में फंसे विधायक को हाईकोर्ट ने फिर दी राहत

नवीन समाचार, नैनीताल, 06 अप्रैल 2021। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एक महिला द्वारा अपनी बच्ची का पिता के रूप में आरोपित किए जा रहे चर्चित भाजपा विधायक महेश नेगी को डीएनए जांच के लिए न्यायालय में पेश होने के मामले में फिर बड़ी राहत दे दी है। उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की एकलपीठ में विधायक नेगी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी डीएनए जांच कराए जाने पर निचली अदालत के फैसले पर पूर्व में लगाई गई रोक को बरकरार रखा है, और राज्य सरकार से तीन सप्ताह के भीतर जवाब तलब करते हुए अगली सुनवाई 27 अप्रैल को नियत कर दी।

उल्लेखनीय है कि नेगी ने देहरादून के सीजेएम कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उन्हें डीएनए सैंपल देने के लिए कोर्ट में पेश होने व सीएमओ को सैंपल लेने के लिए बुलाने का आदेश पारित किया था। उच्च न्यायालय ने 11 जनवरी को सीजेएम कोर्ट के इस आदेश पर रोक लगा दी थी। याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि शिकायतकर्ता ने शामली के जिस चिकित्सक की डीएनए टेस्ट रिपोर्ट का जिक्र किया है, वह फर्जी है। इस मामले में स्वयं चिकित्सक ने विवेचक को बयान दिया है कि उनके यहां किसी का डीएनए सैंपल नहीं लिया गया। डीएनए की जांच बिना अदालत के आदेश के नहीं हो सकती।

लिहाजा पीड़िता ने अदालत में जो डीएनए रिपोर्ट दाखिल की है, वह फर्जी है और उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए फर्जी तरीके से तैयार की गई है। यह भी सवाल उठाया कि आज तक शिकायतकर्ता के पति की ओर से सक्षम अधिकारी के समक्ष या कोर्ट में बच्ची के पिता होने के संबंध में किसी तरह का सवाल नहीं उठाया गया। एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद निचली कोर्ट के आदेश पर रोक बरकरार रखते हुए अगली सुनवाई 27 अप्रैल को नियत कर दी। साथ ही सरकार को मामले में तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

बिग ब्रेकिंग : सैक्स स्कैंडल में फंसे भाजपा विधायक को और मिली डीएनए नमूने देने अनौपचारिक राहत

नवीन समाचार, नैनीताल, 13 जनवरी 2021। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनएस धानिक की एकलपीठ ने सैक्स स्कैंडल में फंसे अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट से विधायक महेश नेगी की डीएनए नमूने प्रस्तुत करने के सीजेएम देहरादून के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। इसके बाद अब मुख्य न्यायाधीश को मामले को नई बेंच को भेजना होगा।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों एकलपीठ ने सीजेएम कोर्ट के आदेश पर फिलहाल रोक लगाते हुए सरकार व अन्य विपक्षी को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे। देहरादून की निचली अदालत ने डीएनए रिपोर्ट पेश करने के लिए अंतिम समय दिया था, जिसे विधायक द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गई है। आज इस मामले में सुनवाई होनी थी। आज सुनवाई न हो पाने से विधायक को अगली सुनवाई तक की और मोहलत मिल गई है।

यह भी पढ़ें : सैक्स स्कैंडल में फंसे भाजपा विधायक को डीएनए जांच कराने से दो दिन की फौरी राहत

नवीन समाचार, नैनीताल, 11 जनवरी 2021। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने द्वाराहाट के भाजपा विधायक महेश नेगी को डीएनए के लिए प्रस्तुत होने के सीजेएम देहरादून के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए विपक्षी व सरकार को अगली सुनवाई 13 जनवरी तक जवाब दाखिल करने के निर्देश देते फौरी तौर पर 48 घंटे यानी दो दिन की राहत दे दी है। उल्लेखनीय है कि सीजेएम देहरादून ने विधायक नेगी को डीएनए जांच कराने के आदेश दिये थे। इस आदेश के क्रम में शासन ने विधायक को सोमवार को डीएनए के लिए प्रस्तुत होने का अंतिम समय दिया था। इसी आदेश को विधायक ने अधिवक्ता के माध्यम से सोमवार को हाईकोर्ट में चुनौती दी। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एनएस धनिक की एकलपीठ में हुई।

मामले के अनुसार गत पांच सितंबर को उत्तराखंड के इस चर्चित सेक्स स्कैंडल में पीड़ित महिला ने विधायक महेश नेगी व उनकी पत्नी को भी आरोपित बनाते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और 506 के तहत बलात्कार का मुकदमा दर्ज करवाया था, और पीड़िता ने विधायक को अपनी बेटी का पिता बताते हुए उसके डीएनए टेस्ट की मांग भी की है। पीड़िता का कहना है कि विधायक ने एक दिसम्बर 2018 और उसके बाद कई महीने तक उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए। शादी के बाद डरा धमका कर उसको कई जगह ले जाकर बलात्कार किया। मामले की अब तक हुई पुलिस जांच में पीड़िता के बताए स्थानों विधायक निवास, मसूरी, सिनर्जी अस्पताल और दिल्ली के होटल में दोनों के रहने की तथ्यात्मक पुष्टि भी होने की भी सूचना पुलिस सूत्रों के अनुसार हो चुकी है।

पीड़िता की ओर से दर्ज मुकदमे में विधायक नेगी और पीड़िता के एक साथ नेपाल, हिमाचल, हल्द्वानी और बिनसर (अल्मोड़ा) में भी ठहरने का जिक्र है। वहीं विधायक की पत्नी रीता नेगी ने पीड़िता पर ब्लैकमेलिंग और 5 करोड़ की रंगदारी का देहरादून के नेहरू कॉलोलोनी थाने में सबसे पहले मुकदमा दर्ज करवाया। इस मुकदमे के दर्ज होने के बाद पीड़िता को भी गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट से स्टे लेना पड़ा था। इधर पीड़िता ने यह भी कहा गया है कि इस मामले जांच कर रहे दो आईओ को भी सरकार द्वारा बदला जा चुका है। पीड़िता ने विधायक के सत्तारूढ़ पार्टी के होने का हवाला देते हुए मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। यह भी आरोप लगाया है कि देहरादून पुलिस इस मामले की जांच करने में पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रही है। इसमें सही तरीके से जांच भी नहीं की जा रही है। वहीं सोमवार को हुई सुनवाई में विधायक के अधिवक्ता ने बताया कि शासन ने 18 दिसंबर 2020 को आदेश जारी कर विधायक को डीएनए के लिए प्रस्तुत करने को कहा था, जिसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। न्यायालय ने 13 जनवरी को सुनवाई की तिथि नियत कर विपक्षी व सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

यह भी पढ़ें : बड़ा समाचार : अब विधायक व उनकी पत्नी के खिलाफ बलात्कार व धमकाने के आरोपों में मुकदमा दर्ज

कलाकार BJP विधायक: पत्नी संग मिलकर दबा दिया दुष्कर्म मामला, अब हुआ ये हालनवीन समाचार, देहरादून, 06 सितंबर 2020। अल्मोडा की द्वाराहाट सीट से विधायक महेश नेगी एवं उन पर एक महिला द्वारा अपनी बेटी का जैविक पिता होने का आरोप लगाकर डीएनए जांच की मांग कर रही महिला के मामले में एक बार फिर नया मोड़ आ गया है। पहले पीड़िता पर ही मुकदमा दर्ज होने, फिर उच्च न्यायालय के पीड़िता की गिरफ्तारी पर रोक लगने तथा पीड़िता के बिना न्यायालय के आदेश के बेटी व पति की डीएनए जांच कराने तथा राज्य महिला आयोग के समक्ष उपस्थित न होने के साथ मामला पीड़िता के खिलाफ जाता दिख रहा था। किंतु बीती शनिवार की देर रात्रि देहरादून के एसीजेएम पंचम की अदालत के आदेशो के बाद नेहरू कालोनी थाना पुलिस ने विधायक महेश नेगी और उनकी पत्नी रीता नेगी के विरूद्ध बलात्कार व धमकाने् की धाराओ में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पीडिता के प्रार्थना पत्र एवं एफआईआर विधायक पर पीडिता के साथ दुष्कर्म करने और समय-समय पर धमकी देते हुये मुंह बंद रखने को धमकी देने का आरोप लगाया गया है। जबकि विधायक की पत्नी पर इस मामले में चुप रहने के एवज में बड़ी धनराशि का लालच देने का आरोप लगाया गया है। उल्लेखनीय है कि कि पीडिता लगातार विधायक पर उसकी बेटी का जैविक पिता होने का आरोप लगाकर डीएनए जांच की मांग कर रही है। मामले में नेहरू कॉलोनी के थाना प्रभारी ने बताया है कि न्यायालय के आदेशों पर देर रात मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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