रुला देंगी और प्रेरणा भी देंगी उत्तराखंड के टॉपरों की कहानियां….
नवीन समाचार, नैनीताल, 1 मई 2024 (Inspiring Stories of Uttarakhand Board Toppers)। उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाओं में पहाड़ की कई छुपी प्रतिभाओं, गुदड़ी के लालों और उनके संघर्ष की बड़ी कहानियां सामने आयी हैं। यह कहानियां इसलिये भी महत्वपूर्ण और प्रेरणादायी हैं, क्योंकि उत्तराखंड बोर्ड से खासकर प्रदेश के सरकारी और अपेक्षित छोटे स्तर के प्राइवेट विद्यालयों ही जुड़े होते हैं, और इन विद्यालयों में अधिकांश बच्चे आर्थिक तौर पर कमजोर, मध्यम या निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चे हैं।
10वीं के यूपी-उत्तराखंड के रिकॉर्ड तोड़ने वाली टॉपर प्रियांशी रावत (Inspiring Stories of Uttarakhand Board Toppers)
सबसे पहले हाईस्कूल की टॉपर प्रियांशी रावत की बात करें। पिथौरागढ़ जिले की गंगोलीहाट जेबीएसजी इंटर कॉलेज की छात्रा प्रियांशी ने सभी विषयों में शत-प्रतिशत यानी 100 में 100 और 5 विषयों में 500 में से पूरे 500 अंक लाकर न केवल प्रदेश में टॉप किया है, बल्कि यूपी और उत्तराखंड की बोर्ड परीक्षाओं में अब तक के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पिछले साल टिहरी गढ़वाल के सुशांत चंद्रवशी 99 प्रतिशत अंक के साथ टॉप किया था।
प्रियांशी की माता शिक्षिका हैं, जबकि पिता राजेश रावत सेना से सेवानिवृत्ति के बाद बेरीनाग में एक छोटी सी दुकान चलाते हैं। उन्होंने एक साल पहले से ही हाईस्कूल की परीक्षा के लिए किसी भी कार्यक्रम में जाना और सोशल मीडिया का प्रयोग बंद कर दिया था। अपना पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई पर लगाया था। साथ ही खुद पर बोर्ड परीक्षा के दबाव हावी नहीं होने दिया और पूरी रुचि के साथ पढ़ाई की। प्रियांशी बड़ा होकर एनडीए के माध्यम से सैन्य अधिकारी बनना चाहती हैं।
पिता सिक्योरिटी गार्ड और बेटी कंचन (वाकई कंचन यानी सोना) इंटर की प्रदेश टॉपर (Inspiring Stories of Uttarakhand Board Toppers)
उत्तराखंड बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में हल्द्वानी की कुसुमखेड़ा निवासी व हरगोविंद सुयाल एसवीएम इंटर कॉलेज की छात्रा कंचन जोशी ने 97.60 प्रतिशत अंक प्राप्त कर संयुक्त रूप से प्रदेश में पहला स्थान पाया है। कंचन के पिता धर्मेंद्र जोशी खेती-किसानी के साथ सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं जबकि मां खष्टी जोशी गृहिणी हैं। कंचन वर्तमान में जेईई एडवांस की तैयारी कर रहीं हैं। उनका सपना इंजीनियर बनना है।
12वीं के टॉपर पीयूष खोलिया (Inspiring Stories of Uttarakhand Board Toppers)
वहीं 12वीं की बोर्ड परीक्षा के प्रदेश के टॉपर विवेकानंद इंटर कॉलेज रानीधारा अल्मोड़ा के सुनारीनौला निवासी छात्र पीयूष खोलिया का जीवन भी संघर्षमय रहा है। छह साल पहले उन्होंने कक्षा 5 में पढ़ाई के दौरान अपने शिक्षक पिता केएस खोलिया को खो दिया था। उनकी माता भावना खोलिया विवेकानंद बालिका विद्या मंदिर जीवनधाम में शिक्षिका हैं। उन्हें भौतिक व रसायन विज्ञान में शत प्रतिशत अंक मिले हैं। खास बात यह भी है कि उन्होंने यह सफलता बिना ट्यूशन के खुद की पढ़ाई से प्राप्त की है।
पीयूष का कहना है, अंकों से खुद का आकलन करना गलत है। पढ़ाई रटने के लिए न करें। विषयों को समझना जरुरी है। गणित और भौतिक विज्ञान विषयों के सवालों का पूर्वाभ्यास करें। जो सवाल नहीं आता है उसे बार-बार हल करें। सुबह जागने से लेकर एक्सरसाइज, खाना, पढ़ाई और अच्छी नींद सभी कुछ समय से होना चाहिए। पढ़ाई के समय के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने इस सफलता के लिये रोजाना सात से आठ घंटे पढ़ाई की। वह रात में 12 से तीन बजे तक पढ़ते थे।
पीआरडी जवान के बेटे आयुष ने हासिल की 12वीं में तीसरी रेंक (Inspiring Stories of Uttarakhand Board Toppers)
12वीं कक्षा में गोस्वामी गणेश दत्त सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज उत्तरकाशी के आयुष अवस्थी ने 96 प्रतिशत अंकों के साथ राज्य स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त किया है। आयुष सिविल सर्विस में जाना चाहते हैं। मूल रूप से डुंडा ब्लाक के जसपुर (ब्रह्मखाल) के आयुष अवस्थी के पिता द्वारिका प्रसाद अवस्थी की दो माह पहले ही द्वारिका प्रसाद अवस्थी की पीआरडी जवान में तैनाती हुई है। वर्तमान में द्वारिका प्रसाद अवस्थी की ड्यूटी सिलक्यारा सुरंग के पास लगी है। आयुष की मां पार्वती देवी गृहिणी हैं।
खेतीबाड़ी करते हुए सीता ने प्राप्त की 10वीं रेंक (Inspiring Stories of Uttarakhand Board Toppers)
उत्तराखंड बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा में उत्तरकाशी जनपद के राजकीय इंटर कालेज सबदरखाल की सीता नेगी ने 10वीं रैंक प्राप्त कर परचम लहराया है। ग्रामीण परिवेश वाले क्षेत्र में पली सीता ने गरीबी को करीब से देखा है लेकिन इस गरीबी को कभी अपनी लगन के आगे आने नहीं दिया।
विकासखंड कोट के नौगांव की रहने वाली सीता के पिता मुकेश सिंह मजदूरी और खेतीबाडी करते हैं और मां सुन्नी देवी गृहणी है। सीता भी खेतीबाड़ी के कामों में हाथ बंटाती है। घर से करीब एक किमी की पैदल दूरी तय कर स्कूल पहुंचती है। ऐसे में नौकरी कर मां बाप की सेवा करने के उद्देश्य को लेकर उन्होंने कड़ी मेहनत की तो नतीजा सामने है। आगे वह सिविल सर्विसेज की तैयारी करना चाहती है।
रोज चार से पांच किमी की पैदल दूरी तय करती थी पूजा (Inspiring Stories of Uttarakhand Board Toppers)
विकासखंड कल्जीखाल के जीआइसी दयूसी में कक्षा दस में अध्यननरत पूजा ने भी विषम परिस्थितियों में बोर्ड परीक्षा में 90 प्रतिशत अंक प्राप्त कर अच्छा प्रदर्शन किया है। खास बात यह है कि यह मुकाम उसने गांव ठंगरधार से हर रोज अपने विद्यालय पहुंचने के लिए चार से पांच किमी की पैदल दूरी तय कर प्राप्त किया है। (Inspiring Stories of Uttarakhand Board Toppers)
प्रवेंद्र ने पढ़ाई के साथ बकरी चराई, खेत में हल जोता और 19वीं रेंक हासिल की (Inspiring Stories of Uttarakhand Board Toppers)
प्रवेंद्र सिंह चमोली जिले के सबसे दूरस्थ गांव ईराणी में रहते हैं। आज भी इस गांव तक पहुंचने के लिये करीब 10 किमी की चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। इतना दूरस्थ गांव होने की वजह से उन्हें परीक्षा परिणाम आने के काफी देर तक भी उन्हें इस बारे में पता नहीं चल पाया। जब उन्हें मेरिट लिस्ट में होने की जानकारी दी गयी उस वक्त वह खेत में गुड़ाई का काम कर रहे थे।
प्रवेंद्र ने पढ़ाई के साथ बकरी चराई, खेत में हल लगाया और जब परीक्षा परिणाम आया तो प्रवेंद्र प्रदेश के टॉप 25 की सूची में 92.80 प्रतिशत अंकों के साथ 19वें स्थान पर आए। प्रवेंद्र के पिता देवेंद्र सिंह बकरी पालन का काम करते हैं जबकि मां हेमा गृहणी हैं और अक्सर बीमारी रहती है। ऐसे में पढ़ाई के साथ वह घर के काम में हाथ बंटाते हैं।
जुड़वा भाई-बहन ने मेरिट सूची में बनाई जगह (Inspiring Stories of Uttarakhand Board Toppers)
उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा में इंटरमीडिएट में रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि निवासी अगस्त्य पब्लिक इंटर कॉलेज के जुड़वा भाई-बहन ने प्रदेश की मेरिट सूची में स्थान बनाया है। अंशुल नेगी ने 97 फीसदी अंकों के साथ प्रदेश में दूसरा स्थान और उनकी बहन अंशिका ने 95 फीसदी अंकों के साथ आठवें स्थान प्राप्त किया है। अंशुल जेईई मेंस की परीक्षा में भी पास कर चुके हैं और अब वह एडवांस की तैयारी में जुट गए हैं।
प्राइवेट नौकरी करते हैं पिता, बेटे ने हासिल की 17वीं रेंक (Inspiring Stories of Uttarakhand Board Toppers)
कोटद्वार भाबर क्षेत्र के अंतर्गत रोहित अग्रवाल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज उमरावनगर पदमपुर मोटाढांक के छात्र सौरभ भारद्वाज ने हाईस्कूल की परीक्षा में 96.2 फीसदी अंक हासिल कर वरीयता सूची में 17वीं रैंक हासिल की है। सौरभ भविष्य में इंजीनियर बनना चाहते हैं। सौरभ के पिता मुकेशचंद्र प्राइवेट नौकरी करते हैं। जबकि माता सरोजनी देवी गृहिणी हैं। (Inspiring Stories of Uttarakhand Board Toppers)
आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यहां क्लिक कर हमारे व्हाट्सएप चैनल से, फेसबुक ग्रुप से, गूगल न्यूज से, टेलीग्राम से, कू से, एक्स से, कुटुंब एप से और डेलीहंट से जुड़ें। अमेजॉन पर सर्वाधिक छूटों के साथ खरीददारी करने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें सहयोग करें..। (Inspiring Stories of Uttarakhand Board Toppers)