-400 रुपये में लड़कर जीता था विधानसभा का चुनाव, हेमवती नंदन बहुगुणा की पेशकश पर भी नहीं बदली थी पार्टी
नवीन समाचार, नैनीताल, 11 नवंबर 2023 (Shok Suchana)। नैनीताल के पूर्व विधायक रहे किशन सिंह तड़ागी का शनिवार को 100 वर्ष की आयु में देहावसान हो गया है। वर्ष 1985 और 1989 में वह 2 बार नैनीताल विधानसभा से विधायक और एक बार नैनीताल के नगर पालिकाध्यक्ष तथा 25 वर्षों तक नैनीताल बैंक एवं 3 वर्षों तक बैंक ऑफ बड़ौदा के निदेशक रहे थे। सुबह पौने 9 बजे उन्होंने नगर के लांग व्यू स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार उनकी इच्छा के अनुरूप पाइंस स्थित श्मशान घाट पर किया गया।
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उनके पुत्र विजय तड़ागी ने बताया कि उन्होंने तीन दिन पूर्व ही 3 दिन बाद अपनी मृत्यु होने और पाइंस में अंतिम संस्कार कराने की बात कह दी थी। उनके एक बड़े भाई का निधन हो चुका है, जबकि माता गायत्री तड़ागी 90 वर्ष की हैं। एक बहन का विवाह हो चुका है।
मूल रूप से चम्पावत के मेलाकोट में 17 मई 1923 को जन्मे एवं इसी वर्ष 17 मई को 100वां जन्म दिन बनाने वाले किशन सिंह तड़ागी चंपावत जिले के खेतीखान से मिडिल की पढ़ाई करने के बाद नैनीताल के वीरभट्टी स्थित बिष्ट स्टेट मेें नौकरी कर रहे अपने बड़े भाई के यहां आ गये थे। नैनीताल से हाईस्कूल व आगे लखनऊ से पढ़ाई करने के बाद वह बैंक आफ बड़ौदा के निदेशक चुने गए।
उसके बाद वर्ष 1971 में नैनीताल के पालिकाध्यक्ष चुने गए तथा वर्ष 1985 से 1990 एवं 1990 से 1993 तक दोनों बार उक्रांद के प्रत्याशी, बाद में विधायक बने डॉ. नारायण सिंह जंतवाल को हराकर तत्कालीन संयुक्त नैनीताल विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर विधायक रहे। उल्लेखनीय है कि तब अविभाजित नैनीताल जिला ओखलकांडा से लेकर टनकपुर, और काशीपुर तक तथा नैनीताल विधानसभा धारी, ओखलकांडा, रामगढ़, बेतालघाट, भवाली, नैनीताल से लेकर रामनगर तक थी। उनके निधन पर नगर कांग्रेस कमेटी के साथ अन्य राजनीतिक दलों एवं सामाजिक संगठनों ने भी शोक जताया है।
मात्र 400 रुपये में विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीता
स्वर्गीय तड़ागी ने अपने जीवन काल में बताया था कि उनके पास चुनाव लड़ने के लिये रुपये नहीं थे। उन्होंने नैनीताल मूल का न होने के बावजूद चंपावत से आकर मात्र 400 रुपये में नैनीताल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीता। उन्होंने बताया था कि तब उनके घर दिग्गज नेता हेमवती नंदन बहुगुणा ने आकर उनसे पार्टी बदलने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने सिद्धांतों का हवाला देकर विनम्रता से उनका प्रस्ताव ठुकरा दिया था।
इसी ईमानदारी व सिद्धांतों की राजनीति करके वह नैनीताल के पालिकाध्यक्ष और दो बार विधायक भी बने। यह भी बताया कि एक बार एक इंजीनियर अपना स्थानांतरण कराने के लिये उनके घर लाखों रुपये लेकर लाया था। उन्होंने उसे घर से बाहर निकाल दिया था और कभी रिश्वत लेने या देने की कोशिश न करने की ताकीद की थी। पुराने दिनों को याद करते हुए वह कहते थे, तब सिद्धांत व विचारधारा की राजनीति होती थी।
साथ ही राजनीति में शुचिता, ईमानदारी व निष्ठा का बोलबाला था। आज की तरह दलबदल या पालाबदल की राजनीति नहीं थी। आज की तरह चुनाव में टिकट के लिए सियासी तिकड़म भिड़ाने की जरूरत भी नहीं पड़ती थी। मतदाता भी प्रलोभन देने वाले व दल बदलने वाले प्रत्याशी को वोट नहीं देते थे। पूरे दिन प्रचार में पैदल निकलते थे। खर्चा केवल आने जाने में होता था। जातिवाद पर भी वोट नहीं मांगे जाते थे।
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यह भी पढ़ें : Shok Suchana : शहर के प्रमुख चिकित्सालय के चेयरमैन रमेश पाल का हृदयाघात से निधन
नवीन समाचार, हल्द्वानी, 5 नवंबर 2023 (Shok Suchana)। हल्द्वानी शहर प्रमुख व्यवसायी व उद्योगपति, बृजलाल हॉस्पिटल के चेयरमैन 74 वर्षीय रमेश पाल का रविवार सुबह हृदयाघात से निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि रविवार सुबह वह अपनी कार से बाजार को निकले थे। इसी दौरान अचानक उनके सीने में दर्द उठा। इसके बाद उनका चालक उन्हें अस्पताल ले गया। जहां इलाज के दौरान चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
(Shok Suchana) यह समाचार पता चलते ही पाल ग्रुप सहित शहर की व्यवसायियों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। वहीं आम लोगों में भी शहर के प्रमुख चिकित्सालय के चेयरमैन के इस तरह हृदयाघात होने के बाद न बचाये जा सकने को लेकर चर्चायें हैं। बताया गया है कि सोमवार सुबह 9 बजे राजपुरा श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा।
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यह भी पढ़ें : Shok Suchana : युवा छायाकार, पर्वतारोही, यूट्यूबर, व्लॉगर अमित साह के असामयिक निधन पर सीएम धामी ने जताया शोक…
नवीन समाचार, नैनीताल, 18 सितंबर 2023 (Shok Suchana)। नगर के ख्याति प्राप्त, कई पुरस्कारों से सम्मानित एवं अपार संभावनाओं से युक्त, 41 वर्षीय युवा छायाकार, कलाकार, पर्वतारोही, यूट्यूबर व व्लॉगर अमित साह का सोमवार सुबह तड़के अचानक असामयिक निधन हो गया।
(Shok Suchana) उनके चित्र प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं के प्रथम पृष्ठ एवं विभिन्न कॉफी टेबल बुक्स आदि में छपते रहते थे। फोटोग्राफी के लिये वह अनेकों बार अनेक संस्थाओं से सम्मानित भी हो चुके थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी उनके असामयिक निधन पर शोक जताया है।
माननीय मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami जी ने उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध छायाकार एवं नैनीताल निवासी युट्यूबर श्री अमित साह जी के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
उन्होंने ईश्वर से पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की…
— Office Of Pushkar Singh Dhami (@OfficeofDhami) September 18, 2023
(Shok Suchana) पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मुकेश जोशी ने बताया कि अमित को रात्रि 10 बजे के आसपास कुछ शारीरिक समस्या हुई। इसके बाद उन्हें परिजन बीडी पांडे जिला चिकित्सालय उपचार हेतु ले गये, जहां उन्होंने सुबह 4 बजे के करीब अंतिम सांस ली। उनकी अंतिम यात्रा सुबह 10 बजे उनके आवागढ़ कंपाउंड मल्लीताल से प्रारंभ हुई। इसके उपरांत पाइंस स्थित श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
बताया गया है कि स्वर्गीय साह अविवाहित थे। उन्हें रात्रि में सीने में दर्द की शिकायत होने पर परिजन रात्रि दो बजे बीडी पांडे जिला चिकित्सालय ले गये। यहां उनका ईसीजी किया गया, जिसमें उनके हृदय को खतरा बताया गया। इस दौरान ईएमओ यानी आपातकालीन चिकित्साधिकारी ने उन्हें तत्काल या सुबह अन्य बेहतर चिकित्सालय ले जाने को कहा।
इस पर अमित के कहने पर उनके परिजन उन्हें घर वापस ले गये। लेकिन कुछ देर में ही हालत गंभीर होने पर उन्हें वापस जिला चिकित्सालय लाया गया, लेकिन वहां पहुंचने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस कारण परिजनों में जिला चिकित्सालय की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर आक्रोश भी है। ‘नवीन समाचार’ दिवंगत आत्मा एवं उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी शोक संवेदना प्रकट करता है।
यादों में अमित :
2013 की सर्दियों का वाक़या है. मेरे अन्तरंग मित्र दिवंगत सुनील शाह उन दिनों ‘अमर उजाला’ के कुमाऊँ संस्करण के सम्पादक थे. मोबाइल फोन को आए बहुत समय नहीं हुआ था. और कैमरे वाले मोबाइल तो और भी नई चीज़ थे. फोटो बहुत कम रेज़ोल्यूशन की आती थी लेकिन आम जन के लिए कैमरा सुलभ होता जा रहा था.
(Shok Suchana) शाह जी ने एक शाम मुझे बताया कि उन्होंने अपने अखबार में पाठकों द्वारा मोबाइल से खींचे गए फोटो छापने का फैसला किया है. अगले दिन के अखबार में इस बाबत सूचना जारी की गई और शाम तक अखबार का मेलबॉक्स सैकड़ों फोटुओं से अट गया.
पाठकों के इस रिस्पांस से उत्साहित सुनील शाह मुझे दिखाने को उनमें से एक फोटो विशेष रूप से लेकर आए. नैनीताल के एक तीस वर्षीय युवा अमित साह के उस फोटो में पतझड़ के मौसम में नैनीताल की मॉल रोड को कैद किया गया था. जिस कोण से फोटो लिया गया था, मैंने बीसियों बरसों में नैनीताल को कभी वैसे नहीं देखा था. बेहद साधारण फोन से खींची गई वह तस्वीर बताती थी कि फोटो खींचने वाले के पास विजुअल इमेज को पकड़ने की असाधारण कला-दृष्टि है. ज़ाहिर है ‘अमर उजाला’ ने उस सीरीज की शुरुआत अमित की उसी फोटो से ही करनी थी.
यह अमित और उसकी कला से पहला परिचय था. फिर एक दफा सुनील शाह और मैं ख़ास उसी से मिलने नैनीताल गए. फ्लैट्स किनारे जनवरी की धूप में चाय पीते हुए वह एक बेहद शर्मीला और संकोची युवा नज़र आया. जब उससे मॉल रोड वाली फोटो के बारे में पूछा तो उसने बताया कि एक सुबह जिम की तरफ जाते हुए उसने अपने फोन से वह फोटो यूं ही क्लिक कर लिया था. अखबार से मिले प्रोत्साहन के बाद उसने अपना पहला कैमरा खरीदा और अगले दस सालों में वह इलाके के सबसे शानदार फोटोग्राफरों में शुमार हो गया.
(Shok Suchana) वह नैनीताल से बेपनाह प्यार करता था सो शुरू के सालों में उसने केवल नैनीताल की तस्वीरें खींचीं. जब वह हर रोज़ नैनीताल की तस्वीरें सोशल मीडिया में लगाता, मैं अक्सर सोचता था कि बित्ते भर के नैनीताल की तस्वीरें कोई आखिर कितने कोनों-कोणों से खींच सकता है. एक न एक दिन ऐसा आएगा कि नैनीताल को कैमरे में दर्ज करने को कोई नया फ्रेम मिलेगा ही नहीं. अमित ने मेरे इस विचार को झूठा साबित करते हुए इस शहर की ऐसी-ऐसी अकल्पनीय तस्वीरें निकालीं कि उसके जीनियस को देख कर सिर्फ हैरानी होती थी.
(Shok Suchana) रसूल हमज़ातोव की ‘मेरा दागिस्तान’ में युवा लेखक को सीख दी गयी है – यह मत कहो – ‘मुझे विषय दो’. यह कहो – ‘मुझे आँखें दो’. जन्मजात कलाकार अमित की नैनीताल की तस्वीरें बताती हैं कि वह ऐसी आँखें लेकर जन्मा था जो लाखों में एक के पास होती है. उसे अपनी कला के लिए विषय चाहिए ही नहीं था. उसकी निगाह जहां जिस चीज पर पड़ी वह उसकी कला का विषय बन गई.
फिर उसने यात्राएं करनी शुरू कीं. वह अक्सर कुमाऊँ-गढ़वाल के सुदूर इलाकों की तरफ निकल जाता था और हर बार अपने काम से चमत्कृत कर दिया करता. उसके काम को मोहब्बत करने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही थी और देश-विदेश के सम्मान उसकी झोली में आ रहे थे. अपने नैसर्गिक स्वभाव के अनुरूप उसने हर सफलता को विनम्रता से ग्रहण किया.
15 जनवरी 1982 के दिन नैनीताल में जन्मे अमित साह ने नैनीताल के ही सीआरएसटी इंटर कॉलेज और उसके बाद डीएसबी कैंपस से अपनी पढ़ाई पूरी की. बी. कॉम. और एम.ए. की डिग्रियां हासिल कीं. कुल दस बरस की अवधि में बिना किसी तरह की पेशेवर ट्रेनिंग के उसने अपनी कला के बूते एक ऐसा मुकाम हासिल कर लिया था जिस पर कोई भी गर्व करेगा.
अमित ने अपनी कला के माध्यम से बताया कि अच्छी फोटो खींचने के लिए महँगा कैमरा या लेंस नहीं चाहिए होते. उसके लिए आँख में पानी और दिल में मोहब्बत की दरकार होती है. कभी उसके खींचे गरीबों के पोर्ट्रेट्स देखिये. उन सबकी निश्छल आँखों में आपको अमित की आँख दिखेगी. ज्यादा गौर से देखेंगे तो उन आँखों का पानी आपकी अपनी आँखों में उतरता महसूस होगा.
एक आर्टिस्ट के तौर पर वह अपनी प्रतिभा के चरमोत्कर्ष पर था. कल उसने अपने यूट्यूब चैनल पर नैनीताल में जाड़े के आगमन की खबर दी थी. कल शाम ही एक कार्यक्रम में उसे उसके काम के लिए फिर से सम्मानित किया गया था. रात को उसकी तबीयत बिगड़ी और आज सुबह के किसी शुरुआती पहर में उसकी आख़िरी सांस आई. स्तब्ध कर देने वाली इस खबर से समूचा नैनीताल ग़मज़दा है.
लिखने की हिम्मत तो मेरी भी नहीं पड़ रही थी पर किसी न किसी ने तो लिखना ही होगा. ज़माना बहुत तेज़ी से खराब हुआ है. लोग बहुत जल्दी भूलने लगे हैं. सो वीरेन डंगवाल की पंक्तियाँ दोहराता हूँ और अमित से कहता हूँ:
“घाट से नाव खुल रही है भाई
हम रुलाई दबाते हुए हाथ हिलाएंगे
और जहाँ तक होगा
किनारे-किनारे तेरे साथ दौड़े चले जाएंगे”
अभी तुमने नैनीताल की दस लाख तस्वीरें और खींचनी थी. काम अधूरा छोड़कर ऐसे कौन जाता है! यह तुम्हारे जाने की उम्र नहीं थी अमित, मेरे भाई.
फिर भी अलविदा.
लेखक अशोक पांडे की फेकबुक वॉल से…
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यह भी पढ़ें : Shok Suchana : एनयूजे-आई के कुमाऊं मंडल के अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार दिनेश जोशी को पितृशोक
नवीन समाचार, नैनीताल, 2 अगस्त 2023 (Shok Suchana)। देश के पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया यानी एनयूजेआई के कुमाऊं मंडल के अध्यक्ष व प्रदेश के मान्यता प्राप्त पत्रकार दिनेश जोशी के पिता सीएम जोशी जी का देहावसान हो गया।
(Shok Suchana) उन्होंने बुधवार प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में 4 बजे अपने बड़ी मुखानी भगत देशराज कॉलोनी हल्द्वानी स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। तत्कालीन उत्तर प्रदेश में डिप्टी जेलर के पद से सेवानिवृत्त हुए स्व. जोशी बीते दो-तीन वर्षों से कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे। वह अपने पीछे अपनी धर्मपत्नी तथा दिनेश जोशी व कैलाश जोशी सहित चार बच्चों का भरा पूरा परिवार रोता-बिखलता हुआ छोड़ गये है।
(Shok Suchana) उनकी अंतिम यात्रा उनके अंतिम दर्शनों के उपरांत उनके आवास से चित्रशिला घाट रानीबाग के लिए निकली, जहां उनकी अंत्येष्टि की गई। इस अवसर पर पत्रकारिता जगत के साथ ही शासन-प्रशासन तथा राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र के अनेक लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे और गहरा शोक व्यक्त करते हुए दिवंगत पुण्यात्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिवार को इस दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करने की कामना की है।
(डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य एवं अधिक पढ़े जा रहे ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यदि आपको लगता है कि ‘नवीन समाचार’ अच्छा कार्य कर रहा है तो हमें सहयोग करें..यहां क्लिक कर हमें गूगल न्यूज पर फॉलो करें। यहां क्लिक कर यहां क्लिक कर हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से, हमारे टेलीग्राम पेज से और यहां क्लिक कर हमारे फेसबुक ग्रुप में जुड़ें। हमारे माध्यम से अमेजॉन पर सर्वाधिक छूटों के साथ खरीददारी करने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें Shok Suchana : पत्रकार नवीन तिवारी को मातृशोक
नवीन समाचार, नैनीताल, 11 जुलाई 2023। (Shok Suchana) नगर के पत्रकार एवं व्यवसायी नवीन तिवारी की माता प्रेमा तिवारी का असामयिक देहावसान हो गया है। वह 75 वर्ष की थीं। बीते दिनों अस्वस्थ होने के बाद वह अस्पताल से घर लौट आई थीं और बेहतर स्वास्थ्य लाभ ले रही थीं, लेकिन रात्रि करीब 1 बजे उनका स्वास्थ्य बिगड़ा और उनका देहांत हो गया।
(Shok Suchana) स्वर्गीय प्रेमा तिवारी अपने पीछे एकमात्र पुत्र नवीन सहित चार पुत्रियों का भरा पूरा परिवार छोड़ गई हैं। उनके पति डीडी तिवारी का कुछ वर्ष पूर्व स्वर्गवास हो गया था। उनकी अंतिम यात्रा दिन में एक-डेढ़ बजे के आसपास उनके आवास मेविला कंपाउंड से पाइंस स्थित श्मशान घाट से रवाना होगी। स्वर्गीय तिवारी के देहांत पर नगर के पत्रकारों एवं व्यवसायियों तथा सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों में शोक की लहर छा गई है।
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नवीन समाचार, हल्द्वानी, 9 फरवरी 2023 (Shok Suchana) । उत्तराखंड उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी के पिता नंदा बल्लभ तिवारी का असामयिक निधन हो गया है। इससे न्यायिकत जगत में शोक की लहर छा गई है। यह भी पढ़ें : एक और महिला को बाघ ने बनाया निवाला, तीन माह में दूसरी महिला बनी शिकार…
(Shok Suchana) बताया गया है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थायी अधिवक्ता एवं उत्तराखंड उच्च न्यायालय में मुख्य स्थायी अधिवक्ता एवं अपर महाधिवक्ता रहे स्वर्गीय तिवारी 87 वर्ष के थे। वह बीते कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। इस पर उनक एम्स नई दिल्ली में उपचार चल रहा था।
(Shok Suchana) वहां बुधवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। इसके बाद उनकी पार्थिव देह हल्द्वानी स्थित उनके आवास पर लायी गई है, और अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है। अंतिम यात्रा कुछ ही देर में रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट के लिए निकलने जा रही है। यह भी पढ़ें : नाबालिग ने जमानत पर छूटे आरोपित के भय से स्कूल जाना छोड़ा…
(Shok Suchana) इस दौरान उनके आवास पर सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश पीसी पंत व उत्तराखंड उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बीएस वर्मा, नैनीताल व हरिद्वार के जिला न्यायाधीश, डीएम धीराज गर्ब्याल, एसएसपी पंकज बिष्ट सहित बड़ी संख्या में न्यायाधीश, प्रशासनिक अधिकारी एवं अधिवक्ता मौजूद हैं।
(Shok Suchana) उनके निधन पर महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर, मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभाकर जोशी, सचिव विकास बहुगुणा, पूर्व अध्यक्ष अवतार सिंह रावत, एमसी पांडे, डीके शर्मा, देवेंद्र सिंह पाटनी सहित अनेक लोगों ने गहरा शोक प्रकट किया है।
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यह भी पढ़ें : (Shok Suchana) नगर पालिका अध्यक्ष सचिन नेगी के पिता का निधन, शोक की लहर
नवीन समाचार, नैनीताल, 25 जनवरी 2023 (Shok Suchana)। नैनीताल नगर पालिका के अध्यक्ष सचिन नेगी के पिता प्रेम सिंह नेगी का बुधवार दोपहर असामयिक निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार 69 वर्षीय स्वर्गीय नेगी पिछले काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनका दिल्ली के निजी चिकित्सालयों में उपचार चल रहा था। दो दिन पूर्व ही वह दिल्ली से लौटे थे। उनके निधन से नगर में नगर पालिका एवं राजनीति व व्यवसाय सहित विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों में शोक की लहर है। यह भी पढ़ें : फिल्म की शूटिंग के बहाने नैनीताल की नाबालिग छात्रा की अश्लील फिल्म बनाई
(Shok Suchana) प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार दोपहर 12 बजे स्वर्गीय नेगी ने तल्लीताल पायल होटल स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। वह अपने पीछे पत्नी तथा दो पुत्र, होटल व्यवसायी संदीप एवं पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी व कुमाऊं विवि के कृषि विभाग में कार्यरत बहु डॉ. वंदना नेगी सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
(Shok Suchana) काफी मिलनसार प्रवृति के ‘मुन्ना मामू’ के नाम से लोकप्रिय रहे स्वर्गीय नेगी की गिनती नगर के प्रमुख होटल व्यवसायियों में होती थी। उनके असामयिक निधन का समाचार मिलने के बाद उनके आवास पर नगर के आम एवं गणमान्य लोगों, राजनीतिक दलों के लोगों एवं पालिका के अधिकारियों व सभासदों का जमावड़ा लग गया। यह भी पढ़ें : देर शाम व्यवसायी के भतीजे को नुकीली वस्तु के वार से लहूलुहान किया
(Shok Suchana) अपराह्न करीब तीन बजे उनकी अंतिम यात्रा उनके आवास से रानीबाग के लिए प्रारंभ हुई। विधायक सरिता आर्य, डीएम धीराज गर्ब्याल, पूर्व सांसद डॉ. महेंद्र पाल, पूर्व विधायक डॉ. नारायण सिंह जंतवाल, पूर्व पालिकाध्यक्ष मुकेश जोशी, कॉंग्रेस नगर अध्यक्ष अनुपम कबड़वाल सहित नगर पालिका के सभासदों, पालिका कर्मियों एवं विभिन्न राजनीतिक एवं गैर राजनीतिक सामाजिक संगठनों के लोगों ने स्वर्गीय नेगी के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में और महंगा होगा जमीन खरीदना, कैबिनेट में प्रस्ताव की तैयारी
(Shok Suchana) इधर रॉयल बास्केटबॉल कलब द्वारा नगर पालिका स्वर्गीय नेगी के आकस्मिक निधन पर शोक सभा आयोजित की गयी, जिसमें आनन्द खम्पा, राजीव गुप्ता, हरीश जोशी, विनोद कनारी, दिनेश वर्मा इत्यादि सदस्यों ने शोक सवेदना व्यक्त की। कूटा यानी कुमाऊं विवि शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी, डॉ. नीलू लोधियाल, डॉ. विजय कुमार, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. दीपिका गोस्वामी, डॉ. सीमा चौहान, डॉ. दीपक कुमार व डॉ. दीपाक्षी जोशी आदि ने भी स्वर्गीय नेगी के निधन पर शोक जताया है।
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यह भी पढ़ें : (Shok Suchana) वरिष्ठ पत्रकार पालीवाल बंधुओं को मातृशोक
नवीन समाचार, नैनीताल, 5 जनवरी 2023 (Shok Suchana)। नगर के वरिष्ठ पत्रकार माधव पालीवाल एवं भीमताल में कार्यरत पत्रकार पूरन पालीवाल की माता 78 वर्षीय चंद्रा पालीवाल का गुरुवार को पैतृक गांव अल्मोड़ा के पाली गुणादित्य में असामयिक निधन हो गया।
(Shok Suchana) वह लंबे समय से बीमार थीं। उनका अंतिम संस्कार के पैतृक श्मशान घाट पर शुक्रवार को सुबह 9 बजे होगा। वह अपने पीछे पांच बेटे व एक बेटी का भरा-पूरा परिवार छोड़ गई हैं। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी के बनभूलपुरा मामले में आया सर्वोच्च न्यायालय का अंतरिम आदेश…
(Shok Suchana) उनके शिव दत्त पालीवाल का पूर्व में निधन हो चुका है। उनके सबसे बड़े पुत्र दयाकिशन पालीवाल सूचना निदेशालय देहरादून में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हैं। स्वर्गीय चंद्रा पालीवाल शुभ कार्यों में शगुन आंखर गाने गाते हुए लोक संस्कृति से भी जुड़ी थीं, साथ ही क्षेत्र में दाई के रूप में भी उनकी ख्याति थी। यह भी पढ़ें : 11 वर्ष की बच्ची के घर से भागने पर पुलिस के हाथ पांव फूले, वजह चिंताजनक…
(Shok Suchana) उनके निधन पर प्रदेश के सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, विधायक सरिता आर्य, पूर्व विधायक संजीव आर्य, पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी, पूर्व पालिकाध्यक्ष मुकेश जोशी के साथ ही नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया के डा. गिरीश रंजन तिवारी, डॉ. नवीन जोशी, अफजल हुसैन फौजी, रवि पांडे, किशोर जोशी, राजू पांडे, रितेश सागर, तेज सिंह, कंचन वर्मा, गौरव जोशी व संगीत बोरा के साथ नगर के समस्त पत्रकारों ने गहरा दुःख व्यक्त किया है।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 25 अक्तूबर 2022 (Shok Suchana)। कुमाऊं विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के पूर्व प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष तथा डी लिट की मानद उपाधि एवं शास्त्री, राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान (मानव संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा शास्त्रचूड़ामणि विद्वान उपाधि, यूजीसी वृहत शोध परियोजना में कुमाऊं में ज्योतिष परंपरा के प्रधान अन्वेषक, कई पुस्तकों के रचयिता, व्याख्याकार और संपादक प्रो. जगन्नाथ जोशी का सोमवार को बेंगलुरु में असामयिक देहावसान हो गया। यह भी पढ़ें : दीपावली पर पहाड़ के लाल-सेना के सूबेदार की असामयिक मौत की सूचना से शोक की लहर…
(Shok Suchana) उनके निधन से अकादमिक जगत में शोक की लहर छा गई है। कूटा यानी कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने प्रो. जोशी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है तथा उन्हें श्रद्धांजलि दी है। यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग: पूर्व डीजीपी सहित आठ लोगों पर मुकदमा दर्ज
(Shok Suchana) उल्लेखनीय है कि प्रो. जोशी ने अनेक ग्रंथों का मूल लेखन, व्याख्या और संपादक के रूप में पुस्तकें लिखी। प्रो. जोशी का नैनीताल के तल्लीताल तथा हल्द्वानी में आवास है। उनकी पुत्री प्रो कमला पंत एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी में संस्कृत की प्रोफेसर है, तथा पुत्र बेंगलुरु में रहते हैं। प्रो जोशी 1998 में सेवा निवृत हुए। यह भी पढ़ें : बड़ा समाचार: दीपावली के रोज 22 वर्षीय युवक की गोली मारकर हत्या, पहले भी किया था हमला…
(Shok Suchana) उनका बेंगलुरू में निधन हुआ तथा वही अंतिम संस्कार किया गया। कूटा अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी, डॉ. विजय कुमार, डॉ. सोहेल जावेद, डॉ. दीपक कुमार, डॉ. दीपिका गोस्वामी, डॉ. प्रदीप, डॉ. पैनी जोशी, डॉ. गगन होती, डॉ. मनोज धूनी व डॉ. सीमा चौहान ने शोक व्यक्त किया है।
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