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March 19, 2024

उत्तराखंड सरकार ने परिवहन निगम के कर्मियों (Karmchari) के 6 माह तक हड़ताल करने पर लगी रोक

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Karmchari

नवीन समाचार, देहरादून, 4 जनवरी 2024। उत्तराखंड सरकार ने हड़ताल पर सख्त रुख अपनाते हुए परिवहन निगम के कर्मचारियों (Karmchari) की हड़ताल पर रोक लगा दी है। सरकार ने परिवहन कर्मियों की समस्त सेवाओं को आवश्यक सेवा घोषित कर दिया है, और उनकी हड़ताल को आगामी छह माह तक निषिद्ध कर दिया है। गुरुवार को इसका आदेश जारी किया गया।

राज्य सरकार ने परिवहन निगम कर्मियों को देने जा रही होली का तोहफा, वेतन व  मानदेय में होगी वृद्धि - उत्तराखंड जागरणआदेश के अनुसार राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश अतिआवश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम-1966 (उ.प्र. अधिनियम संख्या 30 वर्ष 1966) की धारा 3 की उपधारा (1) सपठित औद्यौगिक विवाद अधिनियम 1947 (उत्तराखण्ड राज्य में यथाप्रवृत्त) की धारा 22 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करके इस अधिसूचना के प्रकाशन की तिथि से छः माह की अवधि के लिये उत्तराखंड परिवहन निगम में कार्यरत कर्मियों (Karmchari) की समस्त सेवाओं को अत्यावश्यक सेवायें घोषित करते हुये उनकी हड़ताल आदि को निषिद्ध करते हैं।

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यह भी पढ़ें : बड़ा समाचार : उत्तराखंड में कर्मचारी (Karmchari) आंदोलनों पर अगले 6 माह के लिये एस्मा लागू…

नवीन समाचार, देहरादून, 22 दिसंबर 2023। राज्य सरकार ने उत्तराखंड में तत्काल प्रभाव से अगले 6 महीने तक हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस आदेश का उल्लंघन करने पर कर्मचारियों या कर्मचारी (Karmchari) संगठनों पर एस्मा लगाया जाएगा।

इस संबंध में सचिव शैलेश बगौली की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार उत्तराखंड में लागू उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम-1966 की धारा 3 की उपधारा (1) के अधीन शक्ति का प्रयोग कर राज्यपाल की ओर से आदेश जारी किया गया है। जिसके तहत आगामी 6 महीने तक राज्य कर्मचारियों के हड़ताल करने पर रोक लगा दी गयी है।

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यह भी पढ़ें : धामी सरकार ने कर्मचारी (Karmchari) हित में उठाये 3 बड़े कदम, कर्मचारी बनेंगे गजटेड अधिकारी…

नवीन समाचार, देहरादून, 13 दिसंबर 2023। उत्तराखंड की धामी सरकार ने कर्मचारी (Karmchari) हित में एक बड़ा बदलाव कर दिया है। मिनिस्टीरियल संवर्ग के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद को राजपत्रित अधिकारी की श्रेणी में शामिल करने का आदेश जारी कर दिया गया है।

सचिव शैलेश बगौली की ओर जारी आदेश में कहा गया है कि सम्यक् विचारोपरान्त श्री राज्यपाल मिनिस्टीरियल संवर्ग के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी पद को एतद् द्वारा राजपत्रित प्रतिष्ठा प्रदान किये जाने की सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं।

इसके अलावा धामी सरकार ने कर्मचारी (Karmchari) हित में एक और बड़ा कदम उठाते हुऐ मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद हेतु अर्हता 22 वर्ष करने का शासनादेश भी जारी कर दिया है। बताया गया है कि उत्तरांचल फैडरेशन आफ मिनिस्ट्रीयल एसोसियेशन लंबे समय से यह दोनों मांगें कर रहा था। दोनों आदेश जारी होने पर कर्मचारी (Karmchari) संगठनों में खुशी का माहौल है। 

इसके अलावा धामी सरकार ने उत्तराखण्ड वित्तीय नियम समिति की संस्तुतियों के अनुसार विभिन्न संवर्ग के कार्मिकों को वाहन भत्ता अनुमन्य किये जाने के सम्बन्ध में सचिव दिलीप जावलकर की ओर से आदेश जारी किए गए हैं।

शासन स्तर पर लिये गये निर्णय के क्रम में विभिन्न संवर्ग के कार्मिकों को वाहन भत्ता अनुमन्य कराये जाने हेतु वाहन भत्ते की दरों एवं शर्तों के सम्बन्ध में पूर्व निर्गत समस्त शासनादेशों को अधिक्रमित करते हुए राज्य सरकार के सरकारी सेवकों को जिन्हें अपने कार्यों को करने के लिए कई बार अल्प दूरी की यात्राऐं करनी पड़ती हैं एवं जिसके लिए यात्रा भत्ता अनुमन्य नहीं है, शासन ने विभिन्न संवर्गों के सभी फील्ड कर्मचारियों का वाहन भत्ता बढ़ा दिया है।

अब वेतनमान के हिसाब से 1200 रुपये से लेकर 4000 रुपये तक वाहन भत्ता मिलेगा। जबकि अभी तक सभी श्रेणियों में वाहन भत्ता 1200 रुपये ही तय था। कर्मचारियों को अब सरकारी काम के लिए निजी वाहन का प्रयोग करने पर भी वाहन भत्ते का लाभ मिलेगा। इसके लिए विभागाध्यक्षों को प्रमाणपत्र देना होगा कि वह निजी वाहन सरकारी कार्य के लिए प्रयोग कर रहे हैं। वाहन भत्ते का लाभ उन सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा जिन्हें अपने कार्यों को करने के लिए कई बार अल्प दूरी की यात्राएं करनी पड़ती हैं और उन्हें यात्रा भत्ता नहीं मिल रहा है।

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यह भी पढ़ें : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने विकलांगता के कारण जबरन सेवानिवृत्त किये रोडवेज कर्मियों (Karmchari) को वेतन सहित सेवा में बहाल करने के दिये आदेश…

नवीन समाचार, नैनीताल, 21 नवंबर 2023। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने उत्तराखंड परिवहन निगम प्रबंधन की ओर से दिव्यांगता की वजह से जबरन सेवानिवृत्त किए गए चालक-परिचालकों (Karmchari) को वेतन सहित नौकरी पर बहाल करने के आदेश दिए हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार शफीक अहमद, सुरेश कुमार, हर्ष मोहन, लाल सिंह, हरीश कुमार, चंद्र पाल सिंह, माया राम भट्ट, फूल सिंह, धन सिंह, सुभाष बडोला, जगमोहन, राजेंद्र कुमार, जगजीत सिंह, भजन सिंह, जितेंद्र सिंह, बृज लाल, केशव दत्त जोशी, मुनव्वर अली, जयपाल सिंह आदि याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि वह रोडवेज में चालक व परिचालक के रूप में कार्य कर रहे थे। उनकी दिव्यांगता की वजह से उनसे चालक-परिचालकों की जगह अन्य काम लिया जा रहा था।

सितंबर 2022 में परिवहन निगम बोर्ड ने उन्हें तीन माह का नोटिस देकर जबरन सेवानिवृत्त करने का निर्णय लिया। याचिकाकर्ताओं ने इस नोटिस को उच्च न्यायालय में चुनौती दी। पूर्व में न्यायालय ने इस मामले में अंतरिम आदेश पारित कर परिवहन निगम बोर्ड के आदेश पर रोक लगा दी थी। इस रोक को रोडवेज ने विशेष याचिका दायर कर चुनौती दी।

इसे विशेष याचिका को तत्कालीन मुख्य न्यायालय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने खारिज करते हुए एकलपीठ को याचिका के जल्द निस्तारण के आदेश दिए थे। इस पर एकलपीठ ने सुनवाई पूरी कर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। अब एकलपीठ ने रोडवेज के नोटिस को अवैध करार देते हुए इसे खारिज कर दिया।

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यह भी पढ़ें : नौकरी से बाहर होने की थी नौबत, लेकिन उत्तराखंड सरकार ने मानवीय आधार पर फैसला ले 2187 कार्मिकों (Karmchari) को दिवाली पर दी बड़ी राहत व तोहफा !

नवीन समाचार, देहरादून, 10 नवंबर 2023। उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के वन विभाग के अंतर्गत उपनल, पीआरडी एवं अन्य बाह्य स्रोत संस्थाओं के माध्यम से वनों और वन्यजीव की सुरक्षा व प्रबंधन में लगे 2187 कार्मिकों (Karmchari) को दीवाली पर्व पर बड़ी राहत दी है।

उन्हें चार माह के मानदेय का भुगतान करने को स्वीकृति दी है। अलबत्ता दूसरी ओर शासन ने यह भी कहा कि बिना पद सृजन के इन कार्मिकों (Karmchari) को अनियमित रूप से रखने वाले अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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विदित हो कि पिछले कई माह से मानदेय नहीं मिलने से ये कार्मिक (Karmchari) नाराज और आंदोलनरत हैं। दूसरी ओर सरकार का कहना था कि यह वन विभाग में बिना पद सृजन के आउटसोर्स के माध्यम से लगे हैं। अलबत्ता अब इन कार्मिकों (Karmchari) के मामले में सरकार ने मानवीय आधार पर यह निर्णय लिया है।

उप सचिव-वन सत्य प्रकाश सिंह ने प्रमुख मुख्य वन संरक्षक को गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी किया है। आदेश में इन कार्मिकों (Karmchari) को जिस माह से मानदेय रोका गया, उससे चार माह या अधिकतम अक्टूबर माह तक मानदेय भुगतान की स्वीकृति दी गई है।

अनुशासनिक कार्रवाई के आदेश भी
आदेश में दूसरी ओर यह भी कहा गया कि बिना पद सृजित किए कार्मिकों (Karmchari) को रखने वाले अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनिक एवं अन्य कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा शासन ने अन्य आदेश में कुल 2187 पदों पर आउटसोर्स से रखे गए कार्मिकों (Karmchari) के पदों को सृजित करने के वन विभाग के प्रस्ताव को आंशिक स्वीकृति दी है। इनमें से 1113 पदों को ही आउटसोर्स के माध्यम से नियोजित करने की स्वीकृति दी गई है।

अधिकारी के वेतन से की जाएगी वसूली
इसके अतिरिक्त विभाग में सृजित पदों से इतर रखे गए 94 वाहन चालकों के सापेक्ष 94 व्यक्तियों की सेवाएं आउटसोर्स के माध्यम से 31 मार्च, 2024 तक करने पर भी शासन ने मुहर लगाई है। वन विभागाध्यक्ष को अनियमित रूप से कार्मिकों (Karmchari) को रखने वाले अधिकारियों का उत्तरदायित्व तय करते हुए कार्रवाई एवं इसका व्यक्तिगत रूप से अनुश्रवण करने के निर्देश भी दिये गये हैं।

शासनादेश जारी होने के बाद श्रमिकों को बिना अनुमति रखने के प्रकरण पर संबंधित अधिकारी एवं आहरण-वितरण अधिकारी के वेतन से वसूली की जाएगी।

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यह भी पढ़ें : उत्तराखंड सरकार ने 6200 कर्मचारियों (Karmchari) को दिया दीपावली से पहले तोहफा ! पुरानी पेंशन के लिये अधिसूचना जारी…

-एक अक्तूबर 2005 से पूर्व प्रकाशित विज्ञापन के तहत नियुक्त हुये कर्मचारियों (Karmchari) को मिला पुरानी पेंशन का विकल्प
नवीन समाचार, देहरादून, 8 नवंबर 2023। उत्तराखंड की धामी सरकार ने एक अक्तूबर 2005 से पूर्व प्रकाशित विज्ञापन के तहत नियुक्त हुये कर्मचारियों (Karmchari) को पुरानी पेंशन का विकल्प दे दिया है। ऐसे 6200 कर्मचारियों (Karmchari) को पुरानी पेंशन के लिए अधिसूचना जारी करते हुए सरकार ने 15 फरवरी तक विकल्प मांगे हैं।

Uttarakhand cabinet reshuffle Karmchariउल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के पिछले दिनों इस संबंध में जारी आदेश की कड़ी में पिछली मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया था और इस संबंध में मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के अनुसार ऐसे कर्मचारियों (Karmchari) को पुरानी पेंशन चुनने का विकल्प मिलेगा, जिनकी नियुक्ति एक अक्तूबर 2005 से पूर्व तक के विज्ञापनों के तहत हुई है।

इन 6200 कर्मचारियों (Karmchari) की भर्ती के विज्ञापन तो पहले जारी हो गए थे लेकिन नियुक्ति एक अक्तूबर 2005 के बाद हुई थी। अब शासन ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार ऐसे सभी कर्मचारी (Karmchari) जो वर्तमान में नई पेंशन योजना के अधीन आ रहे हैं लेकिन उनकी नियुक्ति पूर्व के विज्ञापन से हुई है, वे पुरानी पेंशन के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन सभी को 15 फरवरी तक यह विकल्प चुनना होगा।

इसके साथ एक फार्म भी जारी किया गया है, जिसमें कर्मचारी (Karmchari) का नाम, पदनाम, वेतनमान, विभाग का नाम, विज्ञप्ति जारी करने वाले विभाग का नाम, विज्ञप्ति की तिथि, विभाग में नियुक्ति की तिथि, विभाग में योगदान की तिथि, सेवानिवृत्ति की तिथि आदि की जानकारी देनी होगी।

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यह भी पढ़ें : सुबह का सुखद समाचार: उत्तराखंड में उपनल, आउटसोर्स और संविदा कर्मचारी (Karmchari) भी चाहें तो ले सकेंगे पेंशन

नवीन समाचार, देहरादून, 28 फरवरी 2023। देश भर में पुरानी पेंशन की बहाली के लिए चल रही मुहिम के बीच उत्तराखंड के हजारों उपनल, आउटसोर्स और संविदा कर्मचारियों (Karmchari) के पास ईपीएफ की उच्च पेंशन स्कीम से जुड़ने का मौका है। विभागों और कर्मचारियों (Karmchari) की आपसी सहमति के बाद तीन मार्च तक योजना से जुड़ने के लिए आवेदन किया जा सकता है। यह भी पढ़ें : 7 साल की बच्ची ‘भैया-भैया’ चीखती रही, और नाबालिग किशोर करता रहा दुष्कर्म, लहूलुहान छोड़कर भागा….

उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने ईपीएफ पेंशन के लिए अधिकतम 15 हजार वेतन की सीमा को हटा दिया है। इसके बाद कर्मचारी (Karmchari) अपने पूरे वेतन पर ईपीएफ पेंशन का लाभ ले सकते हैं। हालांकि इसके लिए विभाग और कर्मचारी (Karmchari) की सहमति जरूरी है। ईएफओ के मुख्य कार्यालय के रीजनल पीएफ कमिश्नर-पेंशन अपराजिता जग्गी की ओर से सभी जोनल और रीजनल अधिकारियों को इसके आदेश किए गए हैं। यह भी पढ़ें : दूसरे धर्म का सौतेला पिता कर रहा रिश्तों को तार-तार, नाबालिग बेटी से पिछले 8 माह से कर रहा है दुष्कर्म…

सभी उपनल कर्मियों को मिले लाभ
उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मचारी संघ (Karmchari) के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कवि ने कहा कि राज्य में उपनल के 22 हजार से अधिक कर्मचारी (Karmchari) हैं जो ईपीएफ के दायरे में आते हैं। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय और ईपीएफओ के आदेशों के बाद भी अभी तक उपनल या उनके नियोक्ता विभागों ने कर्मचारियों (Karmchari) को इस संदर्भ में जानकारी नहीं दी है।

उन्होंने मांग की कि उपनल सभी विभागों को इस संदर्भ में निर्देशित करे और उपनल कर्मियों को उच्च पेंशन स्कीम का लाभ दिया जाए। ताकि उनका भविष्य सुरक्षित रह सके। यह भी पढ़ें : होली पर शराब पीने की सोच रहे हैं तो यह समाचार पढ़ें और ऐसी कुछ पहल करें…

ऐसे मिल सकता है फायदा
ईपीएफ में अभी तक अधिकतम 15 हजार वेतन के 12 प्रतिशत का 8.33 प्रतिशत ही पेंशन फंड में जमा होता है। जबकि नए विकल्प में अंतिम समय में मिलने वाले वेतन के 12 प्रतिशत का 8.33 प्रतिशत पेंशन फंड में जमा होगा। इसका सीधा असर कर्मचारी (Karmchari) की पेंशन पर पड़ेगा और उसे ज्यादा पेंशन मिलेगी। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : पंचायत अधिकारियों-कर्मचारियों (Karmchari) का धरना-प्रदर्शन दूसरे दिन भी रहा जारी….

नवीन समाचार, नैनीताल, 24 जनवरी 2023। उत्तराखंड सहायक विकास अधिकारी एसोसिएशन तथा प्रांतीय मिनिस्ट्रियल संघ के आह्वान पर ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी के फंक्शन मर्जर के विरोध में सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी पंचायत, पंचायत उद्योग निरीक्षक तथा मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों (Karmchari) ने मंगलवार को दूसरे दिन भी कार्य बहिष्कार जारी रखा। यह भी पढ़ें : अभी-अभी आया भूकंप का बड़ा झटका, आपको महसूस हुआ

इस दौरान धरना कार्यक्रम में शासन पर पंचायती राज को लगातार एक रेखीय विभाग के दबाव में कमजोर करने की कार्रवाई बताते हुए कड़ी शब्दों में निंदा की गई तथा अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा इस संबंध में जारी किए गए आदेश के स्थगित किए जाने का स्वागत करते हुए इसको पूर्ण रूप से निरस्त करने की मांग की गई।

प्रांतीय उपाध्यक्ष असलम अली ने कहा कि एक ओर जहां केंद्र सरकार पंचायतों के सशक्तिकरण हेतु लगातार कार्य कर रही है, वहीं प्रदेश में पंचायती राज की अवधारणा को समाप्त करने की एक चरणबद्ध साजिश चुनिंदा अधिकारियों एवं एक रेखीय विभाग द्वारा जा रही है। इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह भी पढ़ें : नैनीताल: जुड़वा बच्चे को जन्म देने वाली प्रसूता की अस्पताल ले जाते बच्चे सहित मौत, जिम्मेदार कौन ?

अध्यक्ष विनोद कुमार भट्ट ने भी विचार रखे। राज्य कर्मचारी (Karmchari) संयुक्त परिषद के पूर्व प्रांतीय उपाध्यक्ष पीके शर्मा ने भी आंदोलन का समर्थन करते हुए कर्मचारियों (Karmchari) की मांग को न्यायोचित बताया। धरना स्थल पर जिला अध्यक्ष विनोद कुमार भट्ट, महामंत्री प्रकाश कांडपाल, राजेंद्र प्रसाद टम्टा, गोपाल वर्मा, संजय देव सत्येन्द्र रावत, प्रकाश चंद, रश्मि बाला अर्जुन सिंह तथा अशोक जोशी सहित कई सदस्यों ने प्रतिभाग किया। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नगर पालिका कर्मियों ने दी बुधवार से हड़ताल की धमकी

नवीन समाचार, नैनीताल, 16 जनवरी 2023। नगर पालिका के कर्मचारियों (Karmchari) ने पिछले तीन माह का वेतन व सेवानिवृत्त कर्मियों को पेंशन न मिलने पर आगामी 18 जनवरी से हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी (Karmchari) संघ के महासचिव सोनू सहदेव एवं नगर पालिका कर्मचारी (Karmchari) संघ के अध्यक्ष गोपाल नेगी व सचिव रितेश कपिल की ओर से पालिकाध्यक्ष को भेजे गए ज्ञापन भेजा गया है। यह भी पढ़ें : बड़ी कार्रवाई : उत्तराखंड के 20 दरोगा एक साथ निलंबित…

ज्ञापन में कहा गया है कि नगर पालिका कर्मचारियों (Karmchari) व सेवानिवृत्त कर्मचारियों (Karmchari) को तीन माह के वेतन एवं पेंशन के सम्बन्ध मे गत 7 जनवरी को लिखित में आश्वासन दिया गया था कि 17 जनवरी तक तीन माह का वेतन एवं पेंशन का भुगतान कर दिया जायेगा, परन्तु अब तक आश्वासन पूरा नहीं किया गया है।

इसी क्रम में कहा गया है कि यदि मंगलवार 17 जनवरी तक बैंक खातों में वेतन एवं पेंशन का भुगतान नही किया जाता है तो 18 जनवरी से समस्त पालिका कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे। हड़ताल में आउटसोर्स एवं संविदा कर्मचारी भी सम्मिलित होंगे। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय के आंदोलित बर्खास्त कर्मचारियों (Karmchari) के खिलाफ मुकदमा दर्ज

-विधानसभा अध्यक्ष के विशेष कार्याधिकारी के खिलाफ साजिश के तहत षडयंत्र रच कर व्हाट्सएप चैट में अपशब्दों का प्रयोग करने और उनकी ख्याति को क्षति पहुंचाने की धमकी देने का आरोप

नवीन समाचार, देहरादून, 8 जनवरी 2023। उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय के अपनी बहाली की मांग पर आंदोलित बर्खास्त कर्मचारियों (Karmchari) के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर विधानसभा अध्यक्ष के विशेष कार्याधिकारी के खिलाफ साजिश के तहत षडयंत्र रच कर व्हाट्सएप चैट में अपशब्दों का प्रयोग करने और उनकी ख्याति को क्षति पहुंचाने की धमकी देने का आरोप लगाया गया है।

देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में इस संबंध में विधानसभा के अज्ञात नाम-पते वाले पदच्युत कर्मियो के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 वी 504, 506 तथा 507 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। यह भी पढ़ें : पूरी रात जलता रहा मकान, सुबह पता चला, कई मवेशी जिंदा जले…

प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखंड विधान सभा सचिवालय के प्रभारी सचिव हेमचंद्र पंत ने इस मामले में नेहरू कॉलोनी थाने में अपनी लिखित तहरीर दी है। तहरीर में आरोप लगाए गए हैं कि बर्खास्त कर्मचारी (Karmchari) एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर उस पर विधानसभा के अधिकारियों के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग कर रहे हैं।

साथ ही वह विधानसभा अध्यक्ष के विशेष कार्याधिकारी के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। इस तहरीर पर ही मुकदमा दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि विधानसभा से बर्खास्त होने के बाद कर्मचारी (Karmchari) लगातार विधानसभा के आसपास धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें : पेंशनरों की अनिवार्य कटौती पर हाईकोर्ट से आया बड़ा निर्णय, कहा-अनिवार्य कटौती नहीं कर सकते, वर्ष में एक बार मौका दें….

नवीन समाचार, नैनीताल, 4 जनवरी 2023। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने 15 दिसंबर 2021 के उच्च न्यायालय के उस अंतरिम आदेश पर मुहर लगा दी है, जिसमें कहा गया था कि सरकार पेंशन से अटल आयुष्मान योजना के तहत अनिवार्य कटौती नहीं कर सकती।

गौरतलब है कि सरकार ने केवल एक बार योजना से बाहर जाने का विकल्प दिया था। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई-आंदोलन, कितने सही-कितने गलत और जिम्मेदार कौन ?

ऐसे में वर्तमान केवल योजना से जुड़ने का विकल्प उपलब्ध है। अब खंडपीठ के आदेश के बाद सरकार को हर वर्ष योजना से जुड़े रहने या बाहर जाने का विकल्प देना होगा। इसके आधार पर ही जुड़ने का विकल्प देने वालों से कटौती की जा सकेगी। इसके अलावा उच्च न्यायालय ने जुड़ने का विकल्प न देने के बावजूद कटौती वाले पेंशनरों की कटी हुई धनराशि की प्रतिपूर्ति करवाने के लिए अलग से याचिका दाखिल करने की बात भी कही है।

यह भी पढ़ें : निजी चिकित्सालय में फिल्म गब्बर जैसी शर्मनाक हरकत, 7 माह के मृत बच्चे को गंभीर बताते हुए थमा दिया सवा दो लाख का बिल…

उल्लेखनीय है कि पूर्व में उच्च न्यायालय ने कहा था कि जो पेंशनर इस योजना का लाभ नहीं उठा रहे है, उनसे अनिवार्य कटौती नहीं की जा सकती है। सरकार को सभी पेंशनरों को इस योजना में बने रहने या न बने रहने का विकल्प देना चाहिए। इस पर सरकार ने सात जनवरी 2022 को विकल्प सम्बन्धी एक विज्ञप्ति निकाली थी।

(Karmchari) इसके बावजूद 25 अगस्त 2022 से सरकार ने उन पेंशनरों से भी कटौती कर ली, जिन्होंने यह विकल्प पत्र नहीं भरा था, और इस स्वास्थ्य सेवा का लाभ नहीं उठाया था। यह भी पढ़ें : नैनीताल में साहूकार की करतूत: 7 हजार देकर 27 हजार रुपए वसूले, गर्भवती महिला से की मारपीट…

इस पर देहरादून निवासी गणपत सिंह बिष्ट ने उच्च न्यायालय को प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया कि सरकार ने योजना में बने रहने या ना बने रहने का केवल एक बार विकल्प दिया था, जो गलत है। जबकि योजना में आने या बाहर जाने का विकल्प इच्छानुसार देने की व्यवस्था होनी चाहिए।

(Karmchari) अब न्यायालय ने आदेश दिया है कि कोई पेंशनर योजना में बने रहना चाहते है या नहीं, सरकार को वार्षिक रूप से एक बार सभी नागरिकों को यह विकल्प देने का मौका देना होगा, जिसके बाद ही विकल्प देने वालों से कटौती की जा सकेगी। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें : हद हो गई, किराया न देने से आंगनबाड़ी केंद्रों पर लगा ताला, जिला कलक्ट्रेट नैनीताल में प्रदर्शन

नवीन समाचार, नैनीताल, 16 दिसंबर 2022। जनपद नैनीताल में संचालित आगनवाडी केंद्रों के संचालकों के द्वारा शुक्रवार को जिला कलक्ट्रेट के समक्ष भारतीय मजदूर संघ की अगुवाई में प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि जनपद नैनीताल में संचालित आगनवाडी केंद्रों को भवन स्वामियों द्वारा किराया नहीं मिलने के कारण ताला लगाकर बंद कर दिया है।

(Karmchari) इससे नन्हें बच्चों व अभिभावकों में निराशा उत्पन्न हो गयी है। यह भी पढ़ें : लिव-इन साथी महिला अपने ही अंतरंग पलों के वीडियो से शिक्षक को एक करोड़ के लिए कर रही ब्लेकमेल, फ्लैट पर भी कर लिया कब्जा

इस दौरान एसडीएम के माध्यम से डीएम को ज्ञापन भी भेजा गया। ज्ञापन में इन स्थितियों का जिक्र करते हुए शीघ्र ही आंगनबाड़ी केंद्रों के भवनों का किराया सरकार द्वारा दिलाये जाने और किराया मिलने तक ताला लगने से बंद हुए आगनवाड़ी केन्द्रों की वैकल्पिक व्यवस्था अन्य केन्द्रों या प्राथमिक विद्यालयों में किये जाने की मांग की गई।

(Karmchari) इसके अलावा राज्य में संचालित आगनवाड़ी केंद्रों में कार्यरत बहनों को सितम्बर-अक्टूबर 2021 माह का वेतन नहीं दिये जाने की जानकारी देते हुए रुका वेतन दिलाने की मांग भी की गई। यह भी पढ़ें : नैनी झील से एक महिला का शव बरामद

इस दौरान भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री बिरेन्द्र खकरियाल ने कहा कि उनकी ओर से उठाई गई समस्याओं का समाधान नहीं होने पर भारतीय मजदूर संघ अपने बैनर तले आगनवाड़ी बहनों को लेकर धरना-प्रदर्शन का नोटिस देने मजबूर होगा। इसकी पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें : केएमवीएन कर्मियों (Karmchari) ने मांगों पर किया विरोध प्रदर्शन

नवीन समाचार, नैनीताल, 30 नवंबर 2022। कुमाऊं-गढ़वाल मंडल विकास निगम संयुक्त कर्मचारी (Karmchari) महासंघ के तत्वावधान में कर्मचारियों (Karmchari) ने बुधवार को अपनी नियमितीकरण व निगम स्तर की समस्याओं का समाधान वार्ता के माध्यम से ना होने की दो सूत्रीय मांगों पर निगम मुख्यालय नैनीताल में दूसरे दिन भी प्रदर्शन किया। कर्मचारियों (Karmchari) ने इस दौरान अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की। यह भी पढ़ें : कल मां-बेटे पर हमला हुआ था, आज वहीं एक वृद्ध का आधा खाया हुआ शव बरामद…

महासंघ के अध्यक्ष दिनेश गुरुरानी ने कहा कि केएमवीएन में तृतीय श्रेणी व अधिकारियों की तथा जीएमवीएन में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों (Karmchari) पदोन्नतियां कर दी गई हैं, जबकि अन्य समस्याएं जस की तस है। अन्य श्रेणियों में पदोन्नतियों सहित अन्य प्रकरणों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। शासन स्तर पर लंबित नियमितीकरण की कार्यवाही अभी तक नहीं की गई है। निगम के कर्मचारियों (Karmchari) ने कोरोना काल में अग्रिम पंक्ति में कार्य किया। यह भी पढ़ें : पुलिस को देखकर भागने लगीं दो महिलाएं, दौड़कर पकड़ा तो..

लेकिन अभी तक उन्हें कोरोना योद्धा घोषित नहीं किया गया और मानदेय भी नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि महासंघ दोनों निगमों के एकीकरण का विरोध नहीं करता है, लेकिन एकीकरण से पूर्व नियमितीकरण सहित दोनों निगम में व्याप्त वेतन विसंगतियों को दूर किया जाना चाहिए। वरिष्ठ उपाध्यक्ष कंचन चंदोला ने कहा कि निगम की किसी भी इकाई को निजी क्षेत्र में नहीं जाने दिया जाएगा। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : बड़ा समाचार: सीएम धामी का कर्मचारियों (Karmchari) को बड़ा तोहफा, निकायों-निगमों के दैनिक वेतन भोगी व तदर्थ कर्मियो को भी मिलेगा दिवाली का बोनस

नवीन समाचार, देहरादून, 20 अक्तूबर 2022। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी कर्मचारियों (Karmchari) को दिवाली का तोहफा देने का ऐलान किया है। उत्तराखंड सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए दीवाली बोनस मंजूर कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को दीवाली बोनस की फाइल को मंजूरी दी। शुक्रवार से कर्मचारियों (Karmchari) (Karmchari) के खातों में दीवाली बोनस के रूप में धनराशि पहुंचने की उम्मीद है। यह भी पढ़ें : नवविवाहिता बहु से 65 वर्षीय ससुर ने किया दुष्कर्म….

विदित हो कि कर्मचारियों (Karmchari) के दीवाली बोनस का प्रस्ताव कुछ दिन पूर्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में रखा गया था। जिसमें दीवाली बोनस के लिए कैबिनेट ने मुख्यमंत्री धामी को अधिकृत कर दिया था। यह भी पढ़ें : बड़ा शातिर निकला छोटा खान, 5 साल से शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध एक से बनाए, शादी दूसरी से कर ली….

इसके बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री धामी ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। वित्त विभाग के सूत्रों ने बताया कि कर्मचारियों (Karmchari) के दीवाली बोनस के लिए बजट जारी होने के बाद शुक्रवार से कर्मचारियों (Karmchari) के खातों में बोनस की राशि पहुंचना शुरू हो जाएगी। यह भी पढ़ें : दो अधिकारियों के खिलाफ विजीलेंस जांच के आदेश

वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में दैनिक वेतन भेगी कर्मचारियों (Karmchari) के साथ ही 4800 ग्रेड तक के समूह ग और अराजपत्रित श्रेणी के समूह ख के करीब डेढ़ लाख सरकारी और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों (Karmchari) को बोनस मिलता है। उन्होंने बताया कि सरकारी कर्मचारियों को अधिकतम सात हजार रुपये तक दीवाली बोनस के रूप में दिया जाता है।

इससे नीचे ग्रेड के अनुसार बोनस का निर्धारण किया जाता है। दैनिक वेतन और संविदा कर्मचारियों (Karmchari) को सरकार 1200 रुपये दीवाली बोनस के रूप में देती है। यह भी पढ़ें : हंगामे की भेंट चढ़ी उच्च न्यायालय के स्थानांतरण के मुद्दे पर आयोजित बार की बैठक, समर्थन में आए पूर्व में रहे विरोधी….

राज्य के सरकारी कर्मचारियों (Karmchari) के साथ ही सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थान, प्राविधिक शिक्षण संस्थान, स्थानीय निकायों, जिला पंचायत कर्मचारियों (Karmchari) के साथ ही तदर्थ और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों (Karmchari) को दीवाली बोनस का लाभ मिलेगा। ऐसे कर्मचारियों (Karmchari) की संख्या डेढ़ लाख के करीब है। यह भी पढ़ें : दीपावली पर कार्मिकों को 4000 रुपए अतिरिक्त मानदेय देगा केएमवीएन…

डीए की फाइल भी सीएम को भेजी
वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार कर्मचारियों (Karmchari) को दीवाली बोनस देने के बाद अब सरकार ने कर्मचारियों (Karmchari) को चार प्रतिशत डीए देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इसके तहत वित्त विभाग की ओर से फाइल मंजूरी के लिए उच्च स्तर पर भेजी गई है। इसके बाद उच्च स्तर से मंजूरी के बाद कर्मचारियों (Karmchari) को चार प्रतिशत डीए का भी भुगतान होना शुरू हो जाएगा।

विदित है कि केंद्र सरकार ने कर्मचारियों (Karmchari) को चार प्रतिशत डीए देने का निर्णय लिया था। इसके तहत अब केंद्र सरकार ने भी डीए देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कैबिनेट पूर्व में ही सीएम को डीए के लिए अधिकृत कर चुकी है। इसके बाद कर्मचारियों (Karmchari) का डीए बढ़कर कुल 38 प्रतिशत हो जाएगा। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग : 72 कर्मचारियों (Karmchari) की बर्खास्तगी पर भी हाईकोर्ट ने लगाई फौरी रोक

नवीन समाचार, नैनीताल, 19 अक्तूबर 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय से उत्तराखंड विधानसभा से निकाले गए वर्ष 2021 के 72 कर्मचारी (Karmchari) को राहत मिल गयी है। उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने बुधवार को इन कर्मचारियों (Karmchari) की याचिका पर सुनवाई करते हुए अगले आदेशों तक उनकी बर्खास्तगी पर रोक लगा दी है, और उन्हें पूर्व की तरह कार्य जारी रखने के आदेश दिए हैं।

यह भी पढ़ें : सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो के बाद तीन पुलिस कर्मियों पर डीआईजी ने की प्रशासनिक कार्रवाई…

न्यायालय ने आज मीनाक्षी शर्मा, राजेन्द्र रावत व अन्य की याचिका को सुनते हुए सेवा समाप्ति की कगार पर खड़े कर्मचारियों (Karmchari) को बड़ी राहत दी है। याची ने न्यायालय से कहा कि उन्हें बिना नोटिस दिए बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी न्यायालय 2016 के बाद की भर्तियों पर 27, 28 और 29 सितम्बर के बर्खास्तगी के आदेश पर भी रोक लगा चुका है।

एकलपीठ ने विधानसभा प्रशासन से कहा है कि अगर वो नई कार्यवाही करना चाहते हैं तो इन लोगों को भी सम्मिलित किया जा सकता है। न्यायालय ने विधानसभा को जवाब दाखिल करने को कहा है। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड सचिवालय से हटाए गए कर्मचारियों (Karmchari) की बर्खास्तगी के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 15 अक्टूबर 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने विधानसभा सचिवालय के विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण द्वारा सचिवालय से हटाए गए 100 से अधिक कर्मचारियों (Karmchari) की बर्खास्तगी के 27, 28 व 29 सितंबर को दिए बर्खास्तगी के आदेश पर अग्रिम सुनवाई तक फौरी रोक लगा दी है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 दिसंबर की तिथि नियत की गई है। यह भी पढ़ें : दूसरी के चक्कर में गर्भवती पत्नी की गला घोंटकर हत्या की, एक साथ दो की गई जान..

एकलपीठ ने इस मामले में यह भी कहा है कि बर्खास्त कर्मचारी (Karmchari) अपने पदों पर कार्य करते रहेंगे। यदि सचिवालय चाहे तो नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। इस मामले में विधानसभा सचिवालय को चार सप्ताह में जवाब देने को भी कहा गया है। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी में 15 स्पा सेंटरों में की गई छापेमारी, सभी में मिलीं अनियमितताएं, मात्र 70….

उल्लेखनीय है कि श्रीमती खंडूड़ी ने पूर्व प्रमुख सचिव डीके कोटिया की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति की सिफारिशों के आधार पर इन तदर्थ आधार पर काम कर रहे कर्मचारियों (Karmchari) को बर्खास्त कर दिया था। बर्खास्तगी आदेश के विरुद्ध बबिता भंडारी, भूपेंद्र बिष्ट व कुलदीप सिंह सहित 55 से अधिक कर्मचारियों (Karmchari) ने याचिका दायर की गई थी। यह भी पढ़ें : नैनीताल ब्रेकिंग : रात्रि में खाई में गिरा युवक, सुबह पता चलने पर बचाया, पर हुई मौत

उल्लेखनीय है कि इस मामले में गत दिवस उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने इन कर्मचारियों (Karmchari) को सुनवाई का मौका नहीं देने पर नाराजगी जताते हुए विधानसभा से इस बिंदु पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। यह भी पढ़ें : युवा हैं, और नौकरी चाहिए तो नैनीताल बैंक में करें आवेदन…

याचिकाकर्ताओं की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता देवी दत्त कामत सहित अन्य अधिवक्ताओं ने न्यायालय को बताया कि विधानसभा अध्यक्ष ने लोकहित का हवाला देकर उनकी सेवाएं समाप्त कीं, जबकि इतने सारे कर्मचारियों (Karmchari) की एक साथ बर्खास्तगी लोकहित नजर नहीं आती है। यह भी कहा कि बर्खास्तगी आदेश में उन्हें किस आधार पर व किस कारण की वजह से हटाया गया, इसका उल्लेख नहीं किया गया और उन्हें सुना भी नहीं गया।

जबकि उनसे सचिवालय में नियमित कर्मचारियों (Karmchari) की भांति कार्य लिया जा रहा था। यह आदेश विधि विरुद्ध है। विधान सभा सचिवालय में 396 पदों पर पिछले दरवाजे से नियुक्तियां 2002 से 2015 के बीच भी हुई है, जिनको नियमित किया जा चुका है। यह भी पढ़ें : नैनीताल से कुमाऊं मंडल की भ्रष्टाचार को सुनने वाली अदालत हल्द्वानी स्थानांतरित (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : एरीज कर्मचारी (Karmchari) संघ ने एरीज में भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू किया आंदोलन, लिया एरीज को भ्रष्टाचार मुक्त करने का प्रण

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 7 अक्तूबर 2022। गुरुवार से पदोन्नति की मांग पर आंदोलन की राह पर चले एरीज कर्मचारी (Karmchari) संघ का आंदोलन शुक्रवार को भी जारी रहा। बताया गया कि इससे पूर्व उनकी गुरुवार को एरीज प्रबंधन के साथ वार्ता हुई और वार्ता विफल रही।

इसके बाद आज शुक्रवार को प्रदर्शन के दूसरे दिन भी संघ का विरोध जारी रहा। बताया गया कि यह विरोध एरीज प्रशासन द्वारा ग्रुप बी एवं सी यानी वैज्ञानिकी एवं तकनीकी वर्ग के प्रोन्नति में अनियमितताओं व संस्थान में हो रहें अन्य भ्रष्टाचारों के खिलाफ किया जा रहा है।

इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि संघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार मुक्त भारत की शुरुवात की पहल एरीज में व्याप्त अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार को समाप्त करने का प्रण करने से की है। इसके लिए संघ ने सुझाव एवं शिकायत पेटिका एक सार्वजनिक स्थान पर रख दिया है।

साथ ही एक ईमेल भी जारी किया है, और कहा है कि इसके माध्यम से कोई भी एरीज कर्मचारी (Karmchari) या नागरिक भ्रष्टाचार अनियमिततायों से सम्बन्धित अपने सुझावों व शिकायतों को संघ को दे सकता है। कहा है कि संघ इन माध्यमों से प्राप्त सुझावों एवं शिकायतों को उचित पटल पर रखेगा।

पूर्व महा सचिव संजय सिंह व पूर्व अध्यक्ष प्रदीप चक्रवर्ती ने कहा कि भारत सरकार कभी नही चाहता है कि किसी कर्मचारी (Karmchari) की पेशेवर जीवन की क्षति हो। भारतीय संविधान में भी इसका उल्लेख है। जैसे एक छात्र अच्छे से अध्ययन करके नई कक्षा में जाते है वैसे ही सभी कर्मचारीयों (Karmchari) को कार्य क्षमता के अनुसार प्रोन्नति मिलनी चाहिए।

एशिया की सबसे बड़ी 3.6 मीटर दूरबीन स्थापित करने के बाद कर्मचारियों (Karmchari) को भी कार्य क्षेत्र में प्रोन्नति के रुप में स्वभाविक तौर पर मिलना चाहिए था। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : कमोबेश पहली बार एरीज में कर्मचारियों (Karmchari) ने फूका आंदोलन का बिगुल….

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 6 अक्तूबर 2022। कमोबेश पहली बार नैनीताल स्थित एरीज यानी आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के कर्मचारी (Karmchari) आंदोलन की राह पर आ गए हैं। एरीज कर्मचारी (Karmchari) संघ ने एरीज प्रबंधन पर कई गंभीर आरोपों के साथ ग्रुप बी एवं सी की प्रोन्नति बाधित करने का आरोप लगाया है, और इसके के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है।

बताया गया है कि शुरुआत गुरुवार को शांति पूर्वक विरोध प्रर्दशन के साथ गई है। लेकिन आगे अन्य गंभीर अनियमितताओं के खिलाफ भी आंदोलन करने का इरादा जताया है। गुरुवार को संघ के सभी सदस्यों ने बाह में काली पट्टी बाँधकर एरीज प्रशासन के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया।

(Karmchari) संघ के महासचिव उदय सिंह रावत ने बताया कि एरीज प्रशासन की अनियमितताओं के खिलाफ जिन कार्मिकों ने भी आवाज उठाई उनकी प्रोन्नति को प्रपंच करके रोक दिया गया व उसे शोषण करके किसी न किसी तरह से प्रताडित किया जा रहा है।

संघ के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने बताया कि एरीज कर्मचारी (Karmchari) संघ एरीज प्रशासन के खिलाफ अपने हित के लिए वर्ष 2013 से अब तक निरंतर प्रयासरत है। एरीज में उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद कार्मिकों की समस्याओं का कोई समाधान न कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। कहा कि उनका विरोध प्रदर्शन अनियमितताओं के समाधान होने तक जारी रहेगा। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : अंकिता हत्याकांड के दृष्टिगत राजकीय कर्मचारियों (Karmchari) की चेतना रैली स्थगित…

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 25 सितंबर 2022। उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी (Karmchari) शिक्षक समन्वय समिति अपनी बीस सूत्रीय मांगों के लिए चल रहे आंदोलन के तहत आगामी 27 सितम्बर को प्रस्तावित चेतना रैली को स्थगित कर दिया है, अलबत्ता आंदोलन को व्यापक रूप प्रदान करने के लिए जनपद नैनीताल हेतु 21 सदस्यीय संयोजक मंडल गठित किया गया।

रविवार को आयोजित हुई बैठक में अंकिता हत्याकांड की कड़ी निंदा की गई, तथा प्रदेश की जनता की जनभावनाओं को देखते हुए चेतना रैली को स्थगित करने का निर्णय लिया। बैठक की अध्यक्षता कर रहे समिति के मुख्य संरक्षक बहादुर सिंह बिष्ट ने बताया कि आंदोलन को सफल बनाने के लिए समिति द्वारा प्रांतीय पदाधिकारियों की संस्तुति के परिपेक्ष में 21 सदस्यीय संयोजक मंडल का सर्वसम्मति से गठन किया है।

संयोजक मंडल में कमल प्रताप सिंह भाकुनी को मुख्य संयोजक तथा असलम अली को संयोजक सचिव मनोनीत किया है। इनके अतिरिक्त भूपाल सिंह करायत को सह मुख्य संयोजक, त्रिलोक सिंह रौतेला, कमल रौतेला, लता पांडे, जगदीश पपनै, हिमेश सनवाल, महेंद्र बिष्ट, इसरार बक्श, जीवन कांडपाल, राजेंद्र बिष्ट, मनोज बिष्ट, रितेश जोशी, केपीएस मेहता, कुंवर सिंह बगड़वाल, तारा सिंह मेहरा, मीनाक्षी कीर्ति, रमेश लाल, विजय शाह तथा महेश सिंह को संयोजक मनोनीत किया गया है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : 20 सूत्रीय मांगों पर राज्य कर्मचारियों (Karmchari) ने जिला कलक्ट्रेट व विकास भवन में प्रदर्शन कर सीएम को भेजा ज्ञापन

विकास भवन में धरना-प्रदर्शन करते राज्य कर्मचारी। डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 20 सितंबर 2022। उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी (Karmchari) शिक्षक समन्वय समिति नैनीताल के तत्वावधान में मंगलवार को विकास भवन भीमताल में धरना प्रदर्शन कर 20 सूत्रीय मांग पत्र का ज्ञापन मुख्य विकास अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्रेषित किया गया। सरकार से मांग की गई कि इन मांगों पर यथाशीघ्र सकारात्मक कार्यवाही करें।

धरना कार्यक्रम में राज्य कर्मचारी (Karmchari) संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष असलम अली ने कहा कि कर्मचारी विगत 15 दिनों से गेट मीटिंगो के माध्यम से आंदोलनरत हैं फिर भी सरकार द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही है। इससे कर्मचारियों में रोष उत्पन्न हो रहा है। सरकार कर्मचारियों के डाउनग्रेड वेतन के अन्याय पूर्ण निर्णय को तुरंत वापस ले। प्रदेश के समस्त राज्य कार्मिकों को पूर्व की भांति 10, 16, तथा 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति ना होने की दशा में पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जाए, तथा पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाये।

ग्राम विकास मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के केपी मेहता ने भी विचार रखे। संचालन कुंवर सिंह बगडवाल ने किया। प्रदर्शन में रमेश कनवाल, कैलाश गोस्वामी, आरपी टम्टा, महेश राम, रमेश पंत, गणेश सिंह, बीएस नेगी, योगेश रिखाड़ी, संजय वर्मा, महेश पांडे, राहुल कुमार, डीसी तिवारी, प्रताप सिंह, एमयू खान, हिमांशु मठपाल, दीपा रावत, जेके पांडे, एसआर अधिकारी, एचएस नेगी, संजय जोशी, मंजुला जोशी तथा हेमा कन्याल सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

इधर, मुख्यालय स्थित जिला कलेक्ट्रेट परिसर में भी राज्य कर्मचारियों ने इस मुद्दे पर धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान संगठन के जिलाध्यक्ष कमल प्रताप सिंह भाकुनी ने कहा कि उनकी मांगें माने जाने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। इस दौरान उन्होंने राज्य कार्मिकों के ग्रेड वेतन के निर्णय को वापस लेने, पुरानी पेंशन बहाल करने, प्रोन्नत वेतनमान दिए जाने और गोल्डन कार्ड की विसंगति दूर करने सहित 20 सूत्रीय मांगों को दोहराया।

कहा कि इन मांगों पर कर्मचारी लंबे समय से आंदोलनरत हैं। लेकिन सरकार ने कर्मचारियों की मांगों पर कोई विचार नहीं किया है। विरोध प्रदर्शन में दिनेश जोशी, हयात आर्या, कमल उपाध्याय, हेमंत सेमवाल, लता पांडे, हेमंत पांडे, याचना कोरंगा, राम चंद्र सुयाल, पूजा कडाकोटी व दीक्षा सैनी सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट का बड़ा आदेश: 4 वर्ष पूर्व बर्खास्त कर्मचारी नौकरी पर वापस बहाल होंगे

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 3 अगस्त 2022। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने एकलपीठ द्वारा पूर्व में पारित आदेश व उसके खिलाफ दायर विशेष अपील को खारिज करते हुए जिला सहकारी बैंक अल्मोड़ा के 2018 में बर्खास्त किये गए कर्मचारियों को दो सप्ताह के भीतर बहाल करने के निर्देश दिए हैं।

मामले के अनुसार, जिला सहकारी बैंक अल्मोड़ा में चतुर्थ श्रेणी के दो दर्जन पदों पर भर्ती के लिये वर्ष 2014 में बैंक की ओर से विज्ञप्ति जारी हुई थी। इस पर साक्षात्कार के आधार पर कर्मचारियों की भर्ती हुई थी। इसे मनोज कुमार व ललित प्रसाद ने चुनौती देते हुए कहा कि साक्षात्कार से भर्ती निष्पक्षता से नहीं हो सकती। इस आधार पर वर्ष 2015 में एकलपीठ ने इस विज्ञप्ति को रद्द कर दिया।

इस पर बैंक ने एकलपीठ के आदेश को उच्च न्यायालय की खंडपीठ में चुनौती देते हुए कहा कि जिस अभ्यर्थी ने यह याचिका दायर की है उनमें से स्वयं साक्षात्कार में शामिल हुआ था और परिणाम भी घोषित नहीं हुआ है जबकि दूसरे व्यक्ति का इस मामले से कोई सरोकार नहीं है।

इस आधार पर खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को रद्द कर दिया। इधर बैंक में नियुक्तियांे को कुछ अभ्यर्थियों ने सर्वोच्च न्यायालय में भी चुनौती दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द करते हुए पुनः सुनवाई के लिये उच्च न्यायालय भेजा था।

जिसके बाद वर्ष 2018 में ये कर्मचारी बर्खास्त हो गए। इस मामले में बर्खास्त कर्मचारी प्रमोद सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर मामले को सुनने का आग्रह किया था। इस पर आज बड़ा फैसला आया है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : कुमाऊं मंडल विकास निगम संयुक्त कर्मचारी महासंघ के रिकॉर्ड 27वीं बार अध्यक्ष चुने गए गुरुरानी

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 4 जुलाई 2022। दिनेश गुरुरानी कुमाऊं मंडल विकास निगम के संयुक्त कर्मचारी महासंघ के लगातार 27वीं बार अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। सोमवार को मुख्यालय स्थित पर्यटक आवास गृह सूखाताल में आयोजित हुए महासंघ के अधिवेशन में श्री गुरुरानी के साथ नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। इसके बाद नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बतौर मुख्य अतिथि निगम के प्रबंध निदेशक विनीत तोमर ने शपथ दिलाई।

इस अवसर पर रिकॉर्ड 27वीं बार अध्यक्ष चुने गए श्री गुरुरानी ने कहा कि निगम में सबसे बड़ी समस्या बनी लंबे समय से संविदा में कार्य कर रहे कर्मियों का नियमितीकरण किए जाने, निगम को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए महासंघ की ओर से संघर्ष करने की बात कही। महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कंचन चंदोला ने कहा कि अब नियमितीकरण की लड़ाई के लिए सभी संविदा कर्मचारियों को आगे आना होगा। इस दौरान पर्यटक आवास गृह परिसर में श्री गुरुरानी के ‘एक पौधा धरती मां के नाम’ अभियान के तहत पौधरोपण किया गया।

इससे पूर्व कार्यकारिणी के चुनाव का संचालन महामंत्री गुमान सिंह कुमटिया ने किया। नई कार्यकारिणी में दिनेश सांगुड़ी को संयोजक, दिनेश गुरुरानी को अध्यक्ष, कंचन चंदोला, रमेश कपकोटी व गणेश रियाल को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, महिमन सिंह कफलिया, पीतांबर दुम्का, रमेश पंत, अमर शाह, मंजुल सनवाल व गौतम कुमार को उपाध्यक्ष, गुमान सिंह कुमल्टिया को महामंत्री, तारा दत्त भट्ट को कोषाध्यक्ष, कैलाश आर्य व महेश चंद्र को सचिव, त्रिभुवन पुनेठा को प्रचार मंत्री तथा दीपक पांडे व धर्मानंद जोशी को मीडिया सलाहकार मनोनीत किया गया है।

कार्यक्रम में महासंघ के संयोजक दिनेश सागुडी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कंचन चंदोला, रमेश कपकोटी, पीतांबर दुम्का, गौतम कुमार, कैलाश आर्य, गणेश चन्याल, त्रिभुवन पुनेठा, संदीप सहाय, धर्मानंद जोशी, महेंद्र आर्य, मंजुल सनवाल, रमेश पंत, कोषाध्यक्ष तारा दत्त भट्ट, वेद प्रकाश भट्ट, संदीप सहाय, दीपक पांडे, महिमन कफलिया, सुरेंद्र नेगी, गिरीश भट्ट, ललित सहाय और हरीश पांडे आदि मौजूद रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने की 30 जून तक डीपीसी कराने व शिथिलीकरण का लाभ देने की मांग…

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 17 जून 2022। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद नैनीताल की बैठक में कर्मचारियों की विभिन्न मांगों पर व्यापक विचार विमर्श किया गया, तथा शासनादेश के बावजूद भी विभिन्न विभागों की लापरवाही के कारण शिथिलीकरण के लाभ नहीं दिए जाने पर कडा रोष व्यक्त किया गया।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष असलम अली ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा गत वर्ष कर्मचारियों की डीपीसी में एक वर्ष के शिथिलीकरण का शासनादेश जारी किया था। लेकिन कुछ विभागों की लापरवाही के कारण इस शिथिलीकरण का लाभ कर्मचारियों को नहीं मिल पा रहा है, और ना ही इस शासनादेश की किसी भी प्रकार की समीक्षा की जा रही है।

(Karmchari) विभिन्न विभागों में पदोन्नति के प्रस्ताव लंबित पड़े हैं। शासनादेश के अनुसार 30 जून को शिथिलीकरण की अंतिम तिथि है। जिसके चलते 15 जून तक सैकड़ों कर्मचारी पदोन्नति से वंचित हो गए हैं। इससे कर्मचारी जगत में अत्यंत आक्रोश की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

बैठक में शासन से मांग की गई कि तत्काल 30 जून तक विभिन्न विभागों की डीपीसी करा कर शिथिलीकरण का लाभ कर्मचारियों को दिया जाए। साथ ही राज्य कर्मचारियों को 10, 16 व 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति ना होने की दशा में एसीपी के अंतर्गत पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किए जाने, गोल्डन कार्ड के आधार पर राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनरों को शासनादेश के अनुसार कैशलेस चिकित्सा अनुमान किए जाने, पुरानी पेंशन की बहाली व वेतन विसंगति को दूर किए जाने की मांग भी जोर-शोर से उठाई गई।

बैठक में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिला संरक्षक बहादुर बिष्ट, राजेंद्र प्रसाद, एएस जलाल, विरेंद्र सिंह, रणजीत सिंह, इशरार बेग, गोपाल सिंह, हरीश चंद्र, संतोष कुमार, आन सिंह, दीपक चंद, गोपाल राम तथा दिनेश चंद्र आदि कर्मचारी उपस्थित रहेे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : डीएसबी शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ ने कुलसचिव को भेजा 11 सूत्रीय मांग पत्र

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 16 जून 2022। कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ ने विश्वविद्यालय के कुलसचिव को 11 सूत्रीय मांगपत्र सोंपा है। अध्यक्ष जगदीश पपनै व महासचिव जय प्रकाश मिश्रा के हस्ताक्षरों से भेजे गए मांगपत्र में सेवानिवृत्त कर्मचारियों की जीपीएफ राशि सेवानिवृत्ति के दिन या 10 दिन के भीतर भुगतान करने तथा पेंशन पत्रावली एक माह के भीतर संबंधित विभाग को भेजने का कार्यालय आदेश जारी करनेकी मांग की है।

इसके अलावा मांग पत्र में सेवानिवृत्त होने जा रहे कर्मचारियों के स्थान पर एक माह पूर्व दूसरे कर्मचारी की नियुक्ति की व्यवस्था करवाने, कर्मचारियों के आवासों में आवश्यक मरम्मत कार्य को प्राथमिकता के आधार पर नियमानुसार करवाने, कर्मचारियों को समस्त प्रकार की जांचों, दवाइयों व परीक्षणों सहित चिकित्सा सुविधा बढ़ाने, प्रयोगात्मक परीक्षा के लिए नया पारिश्रमिक तय करने, विभागीय कर्मचारियों की कैडर प्रोन्नति स्वयमेव विभागीय प्रोन्नति समिति द्वारा करने व एसीपी का लाभ नियुक्ति माह से प्रदान करने की मांग की है।

इसके अलावा मांग पत्र में तृतीय श्रेणी लिपिक संवर्ग, प्रयोगशाला संवर्ग, तकनीकी संवर्ग, चतुर्थ श्रेधी के नियमित, दैनिक व संविदा कर्मियों की वरिष्ठता सूची जारी करने, दैनिक व संविदा कर्मियों को उनकी योग्यता के अनुसार रिक्त पदों के सापेक्ष समायोजित करने व उन्हें सीपीएफ व इंश्योरेंस की सुविधा देने, वर्ष 2010 से मुख्य, पूरक व प्रयोगात्मक परीक्षा, अग्रसारण व अन्य पारिश्रमिकों में यथोचित वृद्धि करने तथा कर्मचारियां की गोपनीय आख्या के उचित रखरखाव के लिए संबंधित कार्यालय को आदेशित करने की मांगें भी शामिल हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : संविदा एएनएम को सता रही भविष्य की चिंता, सीएम से लगाई गुहार…

Good news: ANM on contract in UP will get the desired deployment - खुशखबरी:  यूपी में संविदा पर तैनात एएनएम को मिलेगी मनचाही तैनातीडॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 16 जून 2022। उत्तराखंड में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत संविदा पर एएनएम के रूप में कार्यरत एएनएम अपने भविष्य के प्रति चिंतित हैं। खासकर संविदा पर एएनएम के रूप में कार्यरत आशा मेहता, मीता फर्त्याल, मुन्नी अधिकारी, ललिता अधिकारी, माया पांडेय, हेमा जोशी, नवलीन कौर, दीपा जलाल, अंबिका रौतेला,

अंजु कंडारी, मंजू नेगी, रश्मि बिष्ट, संगीता रावत, रश्मि भट्ट, विनीता गैरौला, गीता तिवाड़ी, अंतेश्वरी उनियाल, अंजना बिष्ट, पुष्पा अवस्थी आदि का कहना है कि विभाग में 10 से 12 वर्षों से संविदा पर कार्य करने के बाद स्थायी नियुक्ति हेतु आयु निकल जाने के कारण वह अपने भविष्य के प्रति चिंतित हैं। लिहाजा, उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उन्हें न्याय दिलाने की मांग की है।

उनका कहना है कि विभाग ने वीएचडब्लू महिला एएनएम के 824 पदों के लिए स्थायी नियुक्ति हेतु 2016 में विज्ञप्ति निकाली थी। लेकिन कुछ अन्य प्रदेशों से प्रशिक्षण प्राप्त एएनएम प्रशिक्षितों ने उच्च न्यायालय में वाद दायर कर नियमावली को चुनौती दी। इस पर विभाग ने अपनी त्रुटि मानते हुए 2022 में स्थायी नियुक्ति हेतु नई विज्ञप्ति निकाली। किंतु 2018 में प्रशिक्षण प्राप्त एएनएम प्रशिक्षित आयु सीमा को पार करने के कारण बाहर हो गए।

जबकि एएनएम नियमावली में प्रत्येक वर्ष खाली पदों पर भर्ती करने का नियम है, और अन्य विभागों में भी स्थायी नियुक्ति हेतु उम्र सीमा में छूट दी जाती है। उनका कहना है कि 2016 से एएनएम की स्थायी नियुक्तियां नहीं हुई हैं। ऐसे में उन्हें पिछले 10 से 12 वर्षों से संविदा में कार्य करने के बाद स्थायी नियुक्ति हेतु उम्र निकलने के कारण अपने भविष्य की चिंता सता रही है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : डीएसबी परिसर के शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ में सभी पदों पर निर्विरोध निर्वाचन तय

डीएसबी नैनीताल यानी उत्तराखंड में आधुनिकता का प्रवेश द्वार - Kafal Treeडॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 8 जून 2022। कुमाऊं विश्वविद्यालय के सर्वप्रमुख डीएसबी परिसर के शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ की नई कार्यकारिणी के लिए चुनाव की प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो गई। इस दौरान अध्यक्ष सहित सभी पदों के लिए एक-एक कर्मचारी ने ही नामांकन किया तथा जांच में सभी नामांकन पत्र वैध पाए गए।

चुनाव अधिकारी डीएस नेगी ने बताया कि इस प्रकार अध्यक्ष पद पर जगदीश पपनै, महिला उपाध्यक्ष पद पर भावना राणा, उपाध्यक्ष पद पर मनीष कुमार, सचिव पद पर जयप्रकाश मिश्रा, उप सचिव पद पर राजेंद्र कुमार एवं कोषाध्यक्ष पद पर हेमंत प्रसाद का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया। नामांकन प्रक्रिया में आनंद रावत, राजेंद्र ढैला, देव सिंह राजपूत व गणेश राम आदि सदस्यों ने योगदान दिया। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : सरकारी कर्मियों के लिए खुशखबरी : जारी हुआ डीए में वृद्धि का शासनादेश

कर्मचारियों को झटका : कोरोना काल में रोकी गई महंगाई भत्ते की पिछली तीन  किस्त जारी करने से केंद्र सरकार का इनकार - shasnadesh.com शासनादेश डॉट कॉम  ...नवीन समाचार, देहरादून, 31 मई 2022। उत्तराखड सरकार ने राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानो तथा शहरी स्थानीय निकायों के नियमित एवं पूर्णकालिक कर्मचारियों, कार्य प्रभारित कर्मचारियों तथा यूजीसी वेतनमानों में कार्यरत सातवां पुनरीक्षित वेतनमान अनुमन्य पदधारकों को एक जनवरी 2022 से बढ़ी हुई दरों पर महंगाई भत्ते का भुगतान करने का शासनादेश जारी कर दिया है।

बताया गया है कि इन कर्मियों को पूर्व निर्धारित शर्तो एवं प्रतिबंधों के अधीन 31 प्रतिशत की जगह 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता देय होगा। गौरतलब है कि शासनादेश जारी होने की तारीख 31 मई 2022 की जगह 31 मई 2021 लिखी गई है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड कलक्ट्रेट मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ ने किया कार्य बहिष्कार

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 23 मई 2022। जिला कलक्ट्रेट के कार्यरत मिनिस्ट्रियल संवर्ग के कार्मिकों ने उनकी संबद्धता निरस्त करने की एक सूत्रीय मांग उठाई है। इस मांग पर सोमवार को उत्तराखंड कलक्ट्रेट मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ की जनपद शाखा नैनीताल के पदाधिकारियों व सदस्यों ने जिला कलक्ट्रेट एवं संबद्ध सभी एसडीएम एवं तहसील कार्यालयों में सुबह 11 से 1 बजे तक दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया।

अध्यक्ष कमल उपाध्याय की अध्यक्षता एवं संरक्षक जय कृष्ण कांडपाल के संचालन में आयोजित हुए कार्य बहिष्कार के दौरान एक सूत्रीय मांग पर महामंत्री कमल भाकुनी, उपाध्यक्ष अरविंद कुमार, संयुक्त मंत्री मोत्र अकरम, संगठन मंत्री हिमाशु नेगी सहित प्रकाश पांडे, पूजा कड़ाकोटी, लता पांडे, रेखा पाडे, याचना कोरंगा, शांति जोशी, मनोज कबडोला व भूपेश तिवारी आदि ने विचार रखे।

साथ ही निर्णय लिया कि यदि उनकी मांग पर विचार नहीं किया जाता है तो 24 मई को आपातकालीन बैठक बुलाकर कठोर कदम उठाने हेतु आगे की रणनीति बनाई जाएगी। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : कर्मचारी नेता के संबद्धीकरण पर भड़के कर्मचारी संगठन…

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 8 मई 2022। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की जनपद इकाई ने पिथौरागढ़ शाखा के अध्यक्ष कैलाश पंत को पिथौरागढ़ से हटाकर चौखुटिया स्थित निदेशालय में संबद्ध किए जाने की घोर निंदा की है। रविवार को आयोजित संगठन की बैठक में

बैठक की अध्यक्षता करते हुए परिषद के जिला अध्यक्ष असलम अली ने कहा कि श्री पंत को सेवानिवृत्ति के मात्र छः माह ही शेष रहते अधिकारियों ने मनमाने तरीके से नियम विरुद्ध निदेशालय में संबद्ध किया है। यदि शीघ्र ही आदेश को वापस नहीं लिया गया तो राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद लामबंद होकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ आंदोलन करने को बाध्य होगी।

बैठक में प्रांतीय उपाध्यक्ष गिरजेश कांडपाल ने इस मामले में शीघ्र ही प्रांतीय नेतृत्व की ओर से भी आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। इसके अतिरिक्त बैठक में सरकार से गोल्डन कार्ड ,वेतन विसंगति, पुरानी पेंशन आदि अन्य मांगो को यथाशीघ्र पूर्ण करने की मांग भी की गई।

बैठक में उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के जिला संयोजक जगदीश बिष्ट, इसरार बेग, रणजीत थापा, विवेक सिंह, आनंद सिंह, एनडी भट्ट, गोपाल राम, भोपाल सिंह, आनंद बल्लभ पांडे, संजय कुमार व डीएन कांडपाल सहित कई कर्मचारी उपस्थित रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : समस्या: अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों-कर्मचारियों को तीन माह से वेतन नहीं

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 28 अप्रैल 2022। राज्य के अशासकीय विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों को फरवरी माह से वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। अप्रैल माह समाप्त होने को है, इस प्रकार शिक्षकों व कर्मचारियों को वेतन मिले करीब 3 माह होने जा रहे हैं।

उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक सगठन के जिला मंत्री शैलेंद्र चौधरी ने शिक्षा विभाग एवं उत्तराखंड शासन से आग्रह किया है कि इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करते हुए शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन की व्यवस्था कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष मार्च माह में वेतन के भुगतान में समस्या आती है। विभागीय अधिकारी बजट की कमी की बात करते हैं, इसलिए समय से बजट की व्यवस्था किए जाने की आवश्यकता है।

संगठन के जिलाध्यक्ष पीसी जोशी ने भी वेतन भुगतान की त्वरित व्यवस्था कर शिक्षकों व कर्मचारियों को आर्थिक संकट से उबारने की व्यवस्था करें। अन्यथा संगठन के सदस्य कार्यालय में धरना देने के लिए बाध्य होंगे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग-एक्सक्लूसिव: धाकड़ सीएम के राज में यह हाल: दिन में एक बजे पूरा कार्यालय मिला खाली, एक भी कर्मचारी कार्यालय में नहीं मिला

दान सिंह लोधियाल @ नवीन समाचार, धानाचूली-नैनीताल, 8 अप्रैल 2022। जहाँ से विकास की सीढ़ी शुरू होती है, अगर वहीं पर अधिकारी व कर्मचारियों की जगह खाली कुर्सियां व मेजें मिलेंगी तो क्या गांव का विकास हो सकेगा। यह सवाल धारी विकास खंड कार्यालय में उठा है। यहां शुक्रवार को एसडीएम द्वारा की गई छापेमारी में कार्यालय में एक भी कर्मचारी मौजूद नहीं मिला। यह तब है जब प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दो दिन पहले ही राज्य की मशीनरी को कड़ा संदेश दिया था।

प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को एक बजे के करीब धारी के ज्येष्ठ उप प्रमुख संजय बिष्ट व कनिष्ठ प्रमुख कृपाल सिंह पहुंचे तो विकास खंड कार्यालय में कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। करीब एक घंटा इंतजार के बाद भी जब कोई कर्मचारी व अधिकारी नही पहुंचा, तो दोनों जनप्रतिनिधियों ने विधायक रामसिंह कैड़ा एवं सीडीओ डॉ. संदीप तिवारी को दूरभाष पर इसकी जानकारी दी। इस पर सीडीओ डॉ. तिवारी ने तत्काल एसडीएम धारी योगेश मेहरा को निरीक्षण कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए।

इस पर श्री मेहरा जांच के लिए पहुंचे। जांच के बाद उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान नदारद कर्मचारियों की सूची बनाकर मुख्य विकास अधिकारी को प्रेषित कर दी गई है, साथ ही उनके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही किये जाने की संस्तुति भी की गई है।

कार्यालय में सहायक खंड विकास अधिकारी महेश्वर सिंह, एडीओ पंचायत दिनेश जोशी,एडीओ कोऑपरेटिव अरविंद सिंह, लेखाकार आनंद नगरकोटी, लेखाकार गोविंद गिरी गोस्वामी, वरिष्ठ लेखाकार कुंदन बिष्ट, कनिष्ठ सहायक रूप लता दास अनुपस्थित पाए गए। बताया गया कि यह सभी समय से पूर्व कार्यालय छोड़कर चले गए थे।

इस कार्यवाही से ब्लॉक के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। बताया गया है कि विकास खंड कार्यालय में आये दिन यही हाल रहता है, जो आज पकड़ में आ गया। इस पर ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों में ब्लॉक कर्मचारियों व अधिकारियों के प्रति भारी आक्रोश व्याप्त है। लोगों का कहना है कि सभी कार्यालयों में औचक निरीक्षण करने चाहिए, जिससे कर्मचारी अपना कार्य ठीक से कर जनता की सेवा कर सकें। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

‘नवीन समाचार’ में पूर्व में प्रकाशित कर्मचारियों से संबंधित समाचार पढ़ने को यहाँ क्लिक करें।

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