उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं के जानें कारण और राज्य में हुई सबसे बड़ी और अब तक हुई सड़क दुर्घटनाओं के रिकॉर्ड देखें
नवीन समाचार, नैनीताल, 4 नवंबर 2024 (Records of Big Road Accidents in Uttarakhand)। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में सोमवार सुबह हुई दर्दनाक सड़क दुर्घटना में अब तक 36 लोगों की मौत हो चुकी है, और 27 लोग घायल हैं। ऐसे में मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका भी बनी हुई है। इस दुर्घटना ने 2018 में पौड़ी के धूमाकोट में हुई उस बड़ी बस दुर्घटना की यादें ताजा कर दीं, जिसमें 48 लोग काल के गाल में समा गए थे। ऐसे में आइये जानते हैं उत्तराखंड में हाल के वर्षों में हुई बड़ी सड़क दुर्घटनाओं की भयावहता के आंकड़े:
हल्द्वानी के सूचना अधिकार कार्यकर्ता हेमंत गौनिया द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गयी सूचना के अनुसार उत्तराखंड बनने के बाद से अब तक यानी पिछले 24 वर्षों में राज्य में लगभग 20,000 लोग जबकि बीते छह वर्षों में 5504 लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें 4670 पुरुष और 834 महिलाएं शामिल हैं। वहीं एक अन्य स्रोत से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024 में उत्तराखंड में जून से लेकर 17 सितंबर तक सड़क दुर्घटनाओं में 59 व्यक्तियों की मृत्यु हुई और 226 व्यक्ति घायल हुए।
परिवहन विभाग के दुर्घटनाओं के आंकड़े
परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार पर्वतीय प्रदेश उत्तराखंड में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं शाम छह बजे से रात 9 बजे के बीच हुई हैं। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 में उत्तराखंड में 1468 सड़क दुर्घटनाएं घटित हुई, और इनमें 1,047 लोगों की जान चली गई।
वहीं 2019 में 1300 से अधिक दुर्घटनाओं में 868 लोगों की मौत हुई जबकि वर्ष 2020 में 1041 सड़क दुर्घटनाओं में 674 लोगों ने अपनी जान गंवाई। आगे 2021 में प्रदेश में लगभग 1400 सड़क दुर्घटनाओं में 820 मौतें हुई। जबकि 2022 में भी लगभग 1500 सड़क दुर्घटनाएं हुईं और इनमें 1022 लोगों की मौत हुईं।
2018 में हुई उत्तराखंड की सबसे बड़ी दुर्घटना:
पौड़ी के धूमाकोट में हुई बस दुर्घटना उत्तराखंड की सड़क दुर्घटनाओं में हुई यात्रियों की मृत्यु के दृष्टिकोण से सबसे बड़ी दुर्घटना है। भौन पीपली मोटर मार्ग पर हुई इस दुर्घटना में 61 सवारियों से खचाखच भरी 30 सीटर बस के गहरी खाई में गिरने से उसमें सवार 48 लोगों की मौत हो गई थी और 13 लोग घायल हुए थे। मरने वालों में 16 महिलाएं, 22 पुरुष और 10 छोटे बच्चे शामिल थे।
उत्तराखंड में हाल की बड़ी सड़क दुर्घटनाएं:
1 अगस्त 2018: पौड़ी गढ़वाल जिले के धूमाकोट में हुई बस दुर्घटना में एक ही गांव के 48 लोगों की मृत्यु व 13 लोग घायल।
4 नवंबर 2024: अल्मोड़ा जिले में जीएमओयू की बस के खाई में गिरने से 36 लोगों की मौत, 27 घायल।
4 अक्टूबर 2022: पौड़ी गढ़वाल जिले के धूमाकोट में बारात की बस खाई में गिरने से 33 लोगों की मौत।
15 जून 2024: रुद्रप्रयाग जिले में टेम्पो ट्रैवलर नदी में गिरने से 16 लोगों की मौत।
22 फरवरी 2022: चंपावत जिले में सुखीढांग-रीठा साहिब रोड पर वाहन खाई में गिरने से 14 लोगों की मौत।
19 नवंबर 2023: नैनीताल जनपद के ओखलकांडा विकासखंड में छीड़ाखान-रीठासाहिब मार्ग पर वाहन दुर्घटना में 9 लोगों की मौत, 2 घायल।
8 अप्रैल 2024: नैनीताल जनपद के बेतालघाट में मैक्स वाहन के चलते ही पीछे की ओर फिसलकर गिरने से 7 नेपालियों सहित 8 लोगों की मौत
20 अगस्त 2024: उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री एनएच पर गंगनानी के पास बस खाई में गिरने से 8 लोगों की मौत, 27 घायल।
8 अक्टूबर 2023: नैनीताल जनपद के कालाढुंगी में हिसार हरियाणा के न्यू मानव इंटरनेशनल स्कूल की बस दुर्घटना में 7 लोगों की मौत, 24 घायल।
5 जून 2024: नैनीताल जनपद के ओखलकांडा विकासखंड के पतलोट में मैक्स वाहन के खाई में गिरने से एक ही परिवार के तीन लोगों, पति-पत्नी व बेटी सहित 6 की मौत, 5 घायल
17 नवंबर 2023: नैनीताल जनपद के ओखलकांडा विकासखंड में 3 महिलाओं व एक बच्चे सहित 7 लोगों की मौत
12 जून 2024: उत्तरकाशी में गंगोत्री नेशनल हाईवे पर बस के खाई में गिरने से 3 महिलाओं की मौत, 26 घायल।
लगातार बढ़ रही दुर्घटनाओं के कारण (Records of Big Road Accidents in Uttarakhand)
प्रदेश में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं के कारण शासन-प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। राज्य में खराब मौसम, मानवीय लापरवाही, सड़कों में गड्ढों के साथ बुरी हालत, पैरापिट व क्रेश बैरियर खासकर दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सब जगह न होने, वाहनों की स्थिति के खराब होने, वाहन चालकों के नशे का प्रयोग करने और वाहन चलाने में सुरक्षा के प्रति लापरवाही बरतने के कारण होती हैं।
साथ ही राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में सार्वजनिक यातायात के वाहनों की कमी व कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण वाहनों में क्षमता से अधिक यात्रियों का वाहनों में ठुस-ठुस कर जाना, वाहनों की फिटनेस आदि की ठीक से जांच न होना और खासकर आरटीओ की व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण माने जा सकते हैं।
हाल ही में सड़क सुरक्षा को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कई बार बैठकें की गईं, जागरूकता अभियानों का आयोजन भी किया गया, लेकिन इसके बावजूद दुर्घटनाओं की संख्या में कमी नहीं आई। (Records of Big Road Accidents in Uttarakhand, Uttarakhand News, Uttarakhand Accident Records and Causes, Accidental Deaths, Uttarakhand Accident Records)
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