नैनीताल: मध्य रात्रि के बाद तक चला हुड़दंगियों का जश्न, सिर भी फूटे… ऐसी रही बीतते साल की आखिरी शाम और नए वर्ष का पहला दिन…
नवीन समाचार, नैनीताल, 1 जनवरी 2023। आखिर एक वर्ष के इंतजार के बाद नया साल आ गया। सभी को नया वर्ष मुबारक। बहुत लोगों की बीते वर्ष की आखिरी शाम नाचते-झूमते हुए और नए वर्ष का पहला दिन मंदिरों में पूजा-अर्चना के साथ शुरू हुई। यही भारतीय सभ्यता की खूबसूरती है, जो 75 वर्ष पूर्व अंग्रजों को देश से भगाने के बावजूद उनके अंग्रेजी कलेंडर को हल्की झिझक के बावजूद पूरे जोश से मनाते हैं। एक-दूसरे को नए वर्ष की मुबारकबाद देते हैं। नए वर्ष के लिए कुछ पुरानी बुरी आदतों को त्यागने और कुछ नया बेहतर करने के नए संकल्प लेते हैं। यह भी पढ़ें : नैनीताल: 45 अवैध निर्माणों के ध्वस्तीकरण पर अगले आदेशों तक रोक देखें विडिओ :
बहरहाल, पर्यटननगरी नैनीताल की बात करें तो यह भी सच है यहां नए वर्ष के स्वागत के उल्लास का मतलब हुड़दंग भी रहता है, और इसमें उस शराब की भी बड़ी भूमिका रहती है, जिसके बारों को सरकार ने इस वर्ष 24 घंटे के लिए खोल दिया था। कोरोना के दो वर्ष के व्यवधान के बाद बीती एक शाम कितने करोड़ों की शराब गटक ली गई और कितने बकरों और मुर्गों की बलि चढ़ी, इसके सही-सही आंकड़े अभी मिलने मुश्किल हैं, लेकिन यह विचारणीय प्रश्न अवश्य है। यह भी पढ़ें : वह लड़के सामने आए, जिन्होंने दुर्घटना के बाद ऋषभ पंत का नगदी से भरा सूटकेस निकाला था…
यह भी है कि बीते वर्ष की आखिरी रात्रि, मध्य रात्रि के बाद तक उत्साह-उल्लास से इतर हुड़दंग की शक्ल में चला जश्न आम लोगों की शांति भंग करने और डराने वाला था। चला इस दौरान कोई बड़ी अनहोनी नहीं हुई, यह बड़ी राहत की बात है। अबलत्ता छोटी-छोटी कई घटनाएं हुई हैं। नगर के तल्लीताल क्षेत्र में नव वर्ष मनाने घर आए एक युवक का नाबालिग किशोरों ने पत्थरों से सिर फोड़ दिया। उसके सिर में रात्रि दो बजे बीडी पांडे जिला चिकित्सालय में करीब आधा दर्जन टांके लगाने पड़े। उसका महंगा आईफोन भी छीन लिया गया। गनीमत रही कि सुबह मोबाइल क्षतिग्रस्त अवस्था में ही सही वापस लौटा दिया गया। यह भी पढ़ें : क्रिकेटर ऋषभ पंत के स्वास्थ्य पर आई अपडेट, जानें कब तक लौटेंगे मैदान में….
अलबत्ता यह भी सुखद है कि अनेक लोगों ने नए वर्ष की शुरुआत अपने घरों के साथ नगर के, नगर की आराध्य देवी माता नयना के साथ नगर के सबसे पुराने पाषाण देवी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में पूजा-अर्चना से ही। घोड़ाखाल एवं कैंची धाम मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। पूरे दिन लोग सोशल वीडियो के ग्रुपों और ब्रॉडकास्ट्स व अनाउंसमेंट्स के जरिए थोक के भाव आ रहे नए वर्ष के शुभकामना संदेशों के जवाब देने और खास परिचितों को फोन पर बधाई देने में व्यस्त रहे। नगर की मुख्य कार पार्किंग भरी रही, नैनी झील में नौकायन और मॉल रोड में टहलते काफी संख्या में सैलानी नजर आए। अलबत्ता, नगर में शांति महसूस की गई। आसमान में बादलों की मौजूदगी के साथ सूर्यदेव की आंखमिचौली के साथ धूप-छांव का खेल चलता रहा, और ठंड महसूस की गई। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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भारत में अंग्रेजी शिक्षा के प्रवर्तक ‘लॉर्ड मैकाले’ ने कभी अपने पिता को पत्र लिखा था-‘आप आस्वस्त रहें, हमें भारत को छोड़ना भी पड़े तो हम यहां ऐसे काले अंग्रेजों को छोड़ जाएंगे, जो अपनी सभ्यता, संस्कृति, स्वाभिमान और शर्म तक भले छोड़ दें पर अंग्रेजियत नहीं छोड़ेंगे… इसकी जड़ें बहुत गहरी हो चुकी हैं।” जब अंग्रेज भारत छोड़कर गए तो मैकाले को पता नहीं था कि जो काले अंग्रेज, भारत में रहेंगे वे धर्म व संस्कृति के ठेकेदार बन देश को लूटने में बढ़-चढ़ कर भाग भी लेंगे। शायद भारत की ऐसी हालत देख लॉर्ड विलियम वेंटिंग के जमाने में पकड़े गए ठग पिण्डारियों की रूह भी कॉंप रही होगी। इस आंग्ल नव वर्ष पर महाकवि तुलसी की एक चौपाई “बिछुड़त एक प्राण हर लेहीं, मिलत एक दारुण दु:ख देहीं” के साथ यादों के इन्हीं गलियारों से निकली है केसी पंत ‘किसन” सेवानिवृत्त अध्यापक, हरी निवास, सूखाताल, नैनीताल की यह कविता-
नया साल ये नाजिर ये हाजिर है यारो, है गैरत ये गुमसुम शहर पुरसॉं वालो।
मुबालगा नहीं, ये ना बोहतान यारो, हकीकत जो देखा, बयॉं है वो यारो।।
नये साल का जश्न दीवाने देखो, ये तारीख पहली के परवाने देखो।
बेहया बेअदब ये नकलनवीस देखो, कबीले ये ‘काले-मैकालों” के देखो।।
ये घोटाले सरदार सालार देखो, ये मजमा हुम्करानों का मखमूर देखो।
जरा इन रकीबों के औसाफ देखो, नफासत, बंदर नंग नीलाम देखो।।
ये पार्टी में चौबंद चमचों को देखो, थी काकाकशी, आज गुलछर्रे देखो।
‘इनामी पदम” जानी बदारी देखो, गिरह गॉंठ दस्तक ये दिल्ली तक देखो।।
ये उस्ताद नायाब उस्तादी देखो, ये मक्कार नक्काल तालीमी देखो।
सरकार कुमुक भाई मौसेरे देखो, ये तारीख में दर्ज तकदीरी देखो।।
हरियाली हजामत कारोबार देखो, सफाई में जुटते चिरागी ये देखो।
ये गारदगरी झील गारद भी देखो, ये रिश्वत रिसाला की किस्में भी देखो।।
सितारा बुलंद डाकू सरकारी देखो, पुलिसिया सलाम ठाट बंगलों में देखो।
गैर सरकारी डाकू की किस्मत भी देखो, सर पे डंडे पुलिस डेरा कैदखाना देखो।।
दरिया चंबल के वीरान बीहड़ वो देखो, सियासी ये अब इन डकैतों को देखो।
ये ‘जिन सवार” मजहबी ये खुदगर्ज देखो, फितूरी ये मकबूल महफूज देखो।।
मुशायरा, कवि गोष्ठी के बुनकर भी देखो, ये हाकी की मजलिस, फोतेदार देखो।
ये ड्रामा की डफली, डफालची भी देखो, कमाई है गफ्फा, ये गालिब भी देखो।।
ये पुतला जलाते वतनपरस्त देखो, वतनफरोश बेखौफ मंडराते देखो।
ये चौकी पुलिस गश्त सुस्ती भी देखो, जमैयत में गुत्थम, ये जमहूरी देखो।।
साहबा वो फलादी को क्लबों में देखो, ‘किसन” संग हसीना हरफगीर देखो।
खबरगीर नामानिगारों को देखो, है पहचान गुम, जोड़ी असली ये देखो।।
शराब और शबाब, जरा मुड़के भी देखो, चूल्हे जलते कभी ऐसे घर भी तो देखो।
ये बेआब बेहाल वतनी भी देखो, दुआ देंगे ये सब, खबर लेके देखो।
तोबा लत ये बुरी जरा हट के भी देखो, ये ईमान अब और बिगड़ा न देखो।
खुदा का फजल, उसकी फैयाजी देखो, उसकी रहमत दुआगोई खुशहाली देखो।।
कठिन शब्दार्थ: नाजिर-निरीक्षक, गैरत-शर्म, पुरसॉं-खोज-खबर लेने वाला, मुबालगा-अतिशयोक्ति, बोहतान-झूठा अभियोग, मखनूर-नशे में चूर, औसाफ-खूबियां, रकीबों-प्रेमिका के दूसरे प्रेमी, नफासत-निर्मलता, बदर-दरवाजा, नंग-इज्जत, जानिबदारी-पक्षपात, गारदगरी-लूट खसोट, गारद-पुलिस की टुकड़ी, जिन सवार-गुस्सैल, मकबूल-मान्य, महफूज-सुरक्षित, फितरी-शरारती, वतनफरोश-देश द्रोही, जमैयत-विधान या संसद, जमहूरी-प्रजातंत्र, हरफगीर-बात की खाल निकालने वाला, फजल-कृपा, फैयाजी-उदारता, रहमत-करुणा, दुआगोई-दुआ। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : अंग्रेज हमारे कलेंडर से प्रभावित और हम उनके…. बहरहाल ‘नवीन समाचार’ के सभी पाठकों को नूतन कलेंडर वर्ष 2023 की हार्दिक बधाइयाँ… शुभकामनाएं…
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 1 जनवरी 2023। अंग्रेजी ग्रेगोरियन कलेंडर के नए वर्ष पर सभी को बधाई। इस मौके पर यह जानना भी जरूरी है कि पूर्व में अंग्रेजी कलेंडर भी भारतीय कलेंडर जैसा और भारतीय समृद्ध काल गणना ज्ञान से प्रभावित था। 1752 से पहले अंग्रेजी कलेंडर भी भारतीय कलेंडर की तरह अप्रैल माह में शुरू होता था। यह भी पढ़ें : नए वर्ष का जश्न शुरू, एक ओर 24 घंटे खाने-पीने के साथ शराब की दुकानें भी खुलेंगी, दूसरी ओर सुरक्षा के लिए ऐसे कड़े होंगे प्रबंध…
हिन्दी में सात को सप्त, आठ को अष्ट, नौ को नवम् व दस को दसम् कहा जाता है। इनके लिए अग्रेजी में सेप्ट तथा ओक्ट कहा जाता है। इन्हीं शब्दों से सेप्टेम्बर या सितंबर और ऑक्टोबर यानी अक्टूबर माह बने हैं। नवम्बर में तो सीधे-सीधे हिन्दी के नवम् को ले लिया गया है तथा दिसंबर माह भी दस की छवि को दिखाता है। यह भी पढ़ें : नैनीताल में आज नव वर्ष के स्वागत के लिए ऐसी है सैलानियों की आवक व व्यवस्थाएं….
ऐसा इसलिए कि 1752 के पहले दिसंबर दसवाँ महीना ही हुआ करता था। इसका एक प्रमाण और है..
जरा विचार करिए कि 25 दिसंबर यानि क्रिसमस को X-Mas क्यों कहा जाता है?
इसका उत्तर ये है की X रोमन लिपि में दस का प्रतीक है और Mas यानि मास अर्थात महीना चूंकि दिसंबर दसवां महीना हुआ करता था इसलिए 25 दिसंबर दसवां महीना यानि X-Mas से प्रचलित हो गया इन सब बातों से ये निष्कर्ष निकलता है कि या तो अंग्रेज हमारे पंचांग के अनुसार ही चलते थे या उनका वर्ष 12 के बजाय 10 महीनों का ही हुआ करता था। यह भी पढ़ें : क्रिकेटर ऋषभ पंत के स्वास्थ्य पर आई अपडेट, जानें कब तक लौटेंगे मैदान में….
इससे साफ है कि प्राचीन काल में अंग्रेज भारतीयों के प्रभाव में थे इस कारण सब कुछ भारतीयों जैसा ही करते थे, और इंग्लैंड ही क्या पूरा विश्व ही भारतीयों के प्रभाव में था। इसका और प्रमाण यह है कि नया साल भले ही वे 1 जनवरी को मान लें पर उनका नया वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से ही शुरू होता है। लगभग पूरे विश्व में वित्त-वर्ष अप्रैल से लेकर मार्च तक होता है यानि मार्च में अंत और अप्रैल से शुरू। इस तरह पूरे विश्व को भारतीयों ने वैज्ञानिक काल गणना दी थी। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी में शादीशुदा युवक पर अपनी बिजनेस पार्टनर युवती से शराब पिलाकर दोस्तों सहित दुष्कर्म करने, गर्भपात कराने का आरोप
इसका अन्य प्रमाण भी है, अंग्रेज अपना तारीख या दिन 12 बजे रात से बदल देते है दिन की शुरुआत सूर्योदय से होती है तो 12 बजे रात से नया दिन का क्या तुक बनता है ? तुक इसलिए बनता है भारत में नया दिन सुबह से गिना जाता है, सूर्योदय से करीब दो-ढाई घंटे पहले के समय को ब्रह्म-मुर्हूत की बेला कही जाती है और यहाँ से नए दिन की शुरुआत होती है यानि की करीब 5-5.30 बजे के आस-पास और इस समय इंग्लैंड में समय 12 बजे के आस-पास का होता है। चूंकि वो भारतीयों के प्रभाव में थे इसलिए वो अपना दिन भी भारतीयों के दिन से मिलाकर रखना चाहते थे। इसलिए उन लोगों ने रात के 12 बजे से ही दिन नया दिन और तारीख बदलने का नियम अपना लिया। यह भी पढ़ें : शांत पहाड़ों पर मिला पाकिस्तानी झंडा, राज्य के साथ केंद्रीय एजेंसियां भी जांच में जुटीं..
कमोबेस भारतीय कलेंडर जैसा ही था दुनिया का प्राचीनतम कलेंडर
वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वाधिक प्रचलित कलेंडर को ‘ग्रेगोरियन कलैंडर’ कहा जाता है। इसकी शुरूआत यूनान में प्रचलित ‘ओलम्पियद कलेंडर’ से हुई। रोम नगर की प्रतिष्ठा के दिन से यह कलेंडर ‘रोमन कलेंडर’ कहलाने लगा। इस पारंपरिक रोमन कलेंडर का नव वर्ष भारतीय हिन्दू नववर्ष के चैत्र माह के आस-पास ही मार्च माह से शुरू होता था, जिसमें 304 दिन का वर्ष माना जाता था। इसका पहला माह मार्टियस-Martius (31 दिन), दूसरा अप्रिलिस-Aprilis (30 दिन), तीसरा मेयस-Maius (31 दिन), चौथा लूनियस-Iunius (30 दिन) पांचवां क्विनटिलिस-Quintilis (31 दिन), छठा सेक्सिटिलिस-Sextilis (30 दिन), में 7वां सेप्टेम्बर-September (30 दिन), 8वाँ ऑक्टोबर- October (31 दिन), 9वाँ नवम्बर-November (30 दिन) और 10वाँ दिसंबर-December (31 दिन) थे। इन नामों में आखिरी चार महीनों के नामों की भारतीय अंकों संस्कृत के सप्तम, अष्टम, नवम और दशम से साम्यता रोमांचित करने के साथ ही भारत की तत्कालीन समृद्ध ज्ञान परंपरा की की ओर इशारा करती है। बाद में इसके शुरू में 29 दिन के Ianuarius (वर्तमान जनवरी) और 28 दिन के Februarius (वर्तमान फरवरी) को जोड़ा गया आगे 46 ईशा पूर्व में प्रसिद्ध रोमन सम्राट जूलियस सीजर ने इसमें सुधार कर ‘जूलियन कलेंडर’ तैयार किया, जिसके एक वर्ष में 12 माह और 365 दिन तय किये गए। तब इस कलेंडर का सातवाँ माह लूनियस और आठवां माह क्विनटिलिस ही था, जिसे बाद में उनके सम्मान में उनके नाम पर ही जुलाई और उनके भतीजे व रोम के अगले सम्राट औगस्टस के नाम के आधार पर ‘अगस्त’ किया गया। 1582 में 13वें पोप ग्रेगरी ने उस दौर में प्रचलित के एक वर्ष में 0.002% का संसोधन कर इस कलेंडर को तैयार किया था। तभी से इसे ‘ग्रेगोरियन कलैंडर’ कहा जाता है। उन्होंने इस कलेंडर में ईसवी सन् की गणना ईसा मसीह के जन्म से तीन वर्ष बाद से की गयी। ईसा के जन्म के बाद ही जनवरी को पहला मास माना गया।
बावजूद भारत में अंतरराष्ट्रीय अंक 1,2,3… आदि की तरह भारत सरकार ने 1957 में इसी ग्रेगरियन कलेंडर को स्वीकार किया, और भारतीय लोगों की भावनाओं का ध्यान में रखते हुए चैत्र माह से शुरू होने उज्जयिनी सम्राट महाराज विक्रम के विक्रमी संवत यानी हिन्दू नववर्ष को भी खानापूर्ति के लिये साथ में स्वीकार किया।
समय की शुद्ध गणना नहीं, 1752 में करने पड़े 12 दिन गायब, अब भी आता है हर वर्ष 1 पल का अंतर

क्या हम जानते हैं भारतीय समय गणना दुनिया में सर्वश्रेष्ठ और आधुनिक वैज्ञानिक गणना से कहीं अधिक बेहतर है। वर्तमान में दुनिया में मान्य अंग्रेजी ग्रेगेरियन कलेंडर में लगातार कुछ अंतराल में घड़ियों के समय को पीछे करना पड़ता है। वर्ष 1752 के सितंबर माह में तो 11 दिन यानी करीब एक पखवाड़ा ही कलेंडर से गायब करने पड़े थे, और दो सितंबर के बाद सीधे 14 सितंबर की तिथि आ गई थी, यानी सितंबर 1752 के तीन, चार, पांच से लेकर 13 तक की तिथियों का कोई ऐतिहासिक अस्तित्व ही नहीं है। इसके उलट भारतीय समय गणना एक-एक सेंकेंड का सटीक हिसाब रखती है। यहां तक कि यह भी बताया गया है कि सृष्टि की शुरुआत कब हुई।
पश्चिमी दुनिया से प्रचलित हुए मौजूदा ग्रेगोरियन कलेंडर में समय की गणना के अनुसार हमेशा काफी अशुद्धियाँ प्रकाश में आती रहीं। इसलिए समय-समय पर इसमें कई संसोधन किये जाते रहे। रोमन सम्राट जूलियस सीजर के बाद छठी शताब्दी मे डायोनिसियस ने इसमें फिर संशोधन किये, बावजूद इनमें भारतीय गणनाओं के अनुसार प्रति वर्ष 27 पल, 55 विपल का अन्तर पड़ता ही रहा। सन् 1752 में यह अन्तर बढ़ते-बढ़ते 11 दिन का हो गया। तब पोप ग्रेगरी ने आज्ञा निकाली कि इस वर्ष 2 सितम्बर के पश्चात ठीक अगले दिन यानी 3 सितम्बर को 14 सितम्बर कहा जाय और जो ईस्वी सन् 4 की संख्या से विभाजित हो, वह ‘लीप इयर’ कहा जाये और उसका फरवरी मास 29 दिन का हो। वर्ष का प्रारम्भ 25 मार्च के स्थान पर 1 जनवरी से माना जाय। इस आज्ञा को इटली, डेनमार्क, हॉलैण्ड ने उसी वर्ष स्वीेकार कर दिया। जर्मनी और स्विजरलैण्ड ने सन् 1759 में, इग्लैण्ड ने सन् 1859 में, प्रशिया ने सन् 1835 में, आयरलैण्ड ने सन् 1839 में और रूस ने सन् 1849 में इसे स्वीकार किया। इतना संशोधन होने पर भी इस ईस्वी सन् में सूर्य की गति के अनुसार प्रतिवर्ष एक पल का अन्तर पड़ता है। सामान्य दृष्टि से यह बहुत थोड़ा अन्तर है, पर गणित के लिये यह एक बड़ी भूल है। 3600 वर्षों के बाद यही अन्तर 1 दिन का हो जायेगा और 36,000 वर्षों के बाद 10 दिन का और इस प्रकार यह अन्तर चालू रहा तो किसी दिन जून का महीना वर्तमान दिसंबर-जनवरी के शीत काल में पड़ने लगेगा। इसके इतर भारत के परंपरागत विक्रमी सम्वत् में आज तक कोई अंतर नही पड़ा और न आगे पड़ने की सम्भावना है। अतएव यह आवश्यकता भी महसूस की जा रही है कि विशुद्ध वैज्ञानिक दृष्टिकोण युक्त विक्रमी संवत को भारत का राष्ट्रीय सम्वत् विक्रम सम्वत् घोषित किया जाए। उज्जैन के समय से दिन के समय का निर्धारण हो। घंटा, मिनट, सेकेंड के स्थान पर होरा, बिहोरा, प्रति बिहोरा रखे जाएं। 6 बजे के स्थान पर ‘इष्टकल’ शब्द का प्रयोग हो दिन का प्रारम्भ वर्तमान 7 बजे को 1 मानकर हो और 12 बजे दिन तथा 12 बजे रात्रि की समाप्ति मानी जाय।
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दुनियां के अलग-अलग कलेंडर
अलबत्ता दुनिया भर में तमाम कलेंडर प्रचलित हैं, और हर कैलेंडर का नया साल अलग-अलग होता है। एक मोटे अनुमान के अनुसार अकेले भारत में ही करीब 50 कलेंडर (पंचाग) हैं, और इनमें से कई का नया साल अलग-अलग दिनों पर होता है। एक जनवरी को मनाया जाने वाला नव वर्ष ग्रेगोरियन कलेंडर पर आधारित है, जिसकी शुरूआत रोमन कलेंडर से हुई, जिसका नव वर्ष एक मार्च से शुरू होता है।ईसाइयों का एक अन्य पंथ ईस्टर्न आर्थोडाक्स चर्च तथा इसके अनुयायी ग्रेगरियन कैलेंडर को मान्यता न देकर पारंपरिक रोमन कैलेंडर को ही मानते हैं। इस कैलेंडर की मान्यता के अनुसार जार्जिया, रूस, यरूशलम, सर्बिया आदि में 14 जनवरी को नववर्ष मनाया जाता है।
वहीँ इस्लाम धर्म के कैलेंडर को हिजरी साल के नाम से जाना जाता है। इसका नव वर्ष मोहर्रम माह के पहले दिन होता है। हिजरी कैलेंडर कर्बला की लड़ाई के पहले ही निर्धारित कर लिया गया था। मोहर्रम के दसवें दिन को ‘आशूरा’ के रूप में जाना जाता है। इसी दिन पैगम्बर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन बगदाद के निकट कर्बला में शहीद हुए थे।हिजरी कैलेंडर के बारे में एक दिलचस्प बात है कि इसमें चंद्रमा की घटती-बढ़ती चाल के अनुसार दिनों का संयोजन नहीं किया गया है। लिहाजा इसके महीने हर साल करीब 10 दिन पीछे खिसकते रहते हैं। इसी तरह प्राचीन सभ्यताओं के देश चीन का कलेंडर भी चंद्र गणना पर आधारित है। इसका नया साल 21 जनवरी से 21 फरवरी के बीच पड़ता है। चीनी वर्ष के नाम चीनी ज्योतिष में वर्णित 12 राशियों की तरह 12 जानवरों के नाम पर रखे गए हैं।
भारत भी कलेंडरों अर्थात पंचाग के मामले में कम समृद्ध नहीं हैं। वर्तमान में देश में विक्रम संवत, शक संवत, हिजरी संवत, फसली संवत, बांग्ला संवत, बौद्ध संवत, जैन संवत, खालसा संवत, तमिल संवत, मलयालम संवत, तेलुगु संवत आदि तमाम कलेंडर प्रचलित हैं। इनमें से हर एक के अपने अलग-अलग नववर्ष होते हैं। देश में सर्वाधिक प्रचलित संवत विक्रम और शक संवत है। माना जाता है कि विक्रम संवत गुप्त सम्राट विक्रमादित्य ने उज्जयिनी में शकों को पराजित करने की याद में शुरू किया था। यह संवत 58 ईसा पूर्व शुरू हुआ था। विक्रम संवत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है। इसी समय चैत्र नवरात्र का प्रारंभ होता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन उत्तर भारत के अलावा गुड़ी पड़वा और उगादी के रूप में भारत के विभिन्न हिस्सों में नववर्ष मनाया जाता है। सिंधी लोग इसी दिन चेटीचंड के रूप में नववर्ष मनाते हैं। वहीँ शक सवंत को शालीवाहन शक संवत के रूप में भी जाना जाता है। माना जाता है कि इसे शक सम्राट कनिष्क ने 78 ई. में शुरू किया था। स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने इसी शक संवत में मामूली फेरबदल करते हुए इसे राष्ट्रीय संवत के रूप में अपना लिया। राष्ट्रीय संवत का नववर्ष 22 मार्च को होता है जबकि लीप ईयर में यह 21 मार्च होता है।
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नवीन समाचार, देहरादून, 31 दिसंबर 2022। उत्तराखंड में नव वर्ष का जश्न मनाने बड़ी संख्या में आ रहे पर्यटकों की सुरक्षा के लिए प्रदेश सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी है। मसूरी, नैनीताल, देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार सहित तमाम स्थलों में अधिकांश होटल फुल हो गए हैं। इसे देखते हुए एक ओर सरकार ने सैलानियों की सुविधा के लिए 24 घंटे खाने-पीने की दुकानों, होटल-रेस्टोरेंट व ढाबों के साथ शराब की दुकानें खोलने के आदेश जारी किए हैं तो दूसरी ओर सैीलानियों की सुरक्षा के भी कड़े प्रबंध किए हैं। आसामाजिक और अराजक तत्वों पर नजर रखने और उनसे सख्ती से निपटने की भी तैयारी है। यह भी पढ़ें : क्रिकेटर ऋषभ पंत के स्वास्थ्य पर आई अपडेट, जानें कैसा है उनका हाल….
जश्न के दौरान सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर भी खुफिया एजेंसियों की कड़ी नजर रहेगी। ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के साथ उन पर मुकदमे दर्ज किए जा सकते हैं। अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी ने इस संबंध में पुलिस महानिदेशक व सभी एसएसपी और पुलिस अधीक्षक को दिशा-निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों के अनुसार : यह भी पढ़ें : शांत पहाड़ों पर मिला पाकिस्तानी झंडा, राज्य के साथ केंद्रीय एजेंसियां भी जांच में जुटीं..
1. शराब, ड्रग्स का सेवन कर वाहन चालकों की जांच व उनके विरुद्घ कठोर कार्रवाई होगी।
2. ऐसे मामलों में दंड के संबंध में फलैक्सी बोर्ड के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा।
3. होटल, बार, पब और रेस्टोरेंट में ध्वनि प्रदूषण के संबंध में न्यायालयों के आदेश का पालन करना होगा।
4. मोटरसाइकिल व अन्य वाहनों से स्टंट्स पर नियंत्रण किया जाएगा।
5. पर्यटक स्थलों पर सैलानियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात होगा।
6. ट्रैफिक के सुचारु रूप से संचालन के लिए सड़कों व चौराहों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती होगी। यह भी पढ़ें : प्रतिष्ठित पीसीएस-जे का परीक्षा परिणाम घोषित…
7. सिनेमाघरों व शॉपिंग माल में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात होगा।
8. अग्निशमन सेवा को विशेष रूप से सक्रिय एवं तत्पर रखा जाएगा।
9. अराजक व अवांछित तत्वों के राज्य में प्रवेश को रोकने के लिए सीमाओं पर बैरिकैटिंग की पर्याप्त व्यवस्था होगी।
10. अवांछित तत्वों पर कड़ी नजर रखने के लिए एलआईयू को अलर्ट पर रखा जाएगा।
11. कोविड महामारी के नियंत्रण के लिए केंद्र व राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन कराया जाएगा।
12. सोशल मीडिया पर अराजक तत्वों पर कड़ी नजर होगी। सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाले पोस्ट को सोशल मीडिया प्रकोष्ठ तत्काल हटाएगा और अराजक तत्वों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करेगा। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 29 दिसंबर 2022। सरोवर नगरी नैनीताल में नए वर्ष के स्वागत हेतु सैलानियों की भीड़ बढ़ने के दृष्टिगत नैनीताल पुलिस ने नयी यातायात योजना बनाई है। इनमें से कुछ प्रतिबंध शुक्रवार से ही लागू हो जाएंगे। इस योजना के तहत नगर में केवल होटलों की बुकिंग करके आने वाले सैलानियों को ही प्रवेश करने दिया जाएगा। दोपहिया वाहनों को भी रूसी बाइपास पर रोका जाएगा। इस संबंध में जनपद के एसपी-यातायात एवं अपराध डॉ. जगदीश चंद्र ने विस्तार से जानकारी दी। यह भी पढ़ें : नैनीताल: चिकित्सकों द्वारा मृत घोषित महिला को वापस ला रहे थे परिजन, तभी उसने पकड़ लिया एक का हाथ, और….देखें वीडियो:
डॉ. चंद्र ने बताया कि नैनीताल आने वाले पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा एवं जाम की स्थिति का सामना ना करना पड़े इस हेतु आगामी 31 दिसंबर एवं नववर्ष 2023 के अवसर पर नैनीताल पुलिस एवं प्रशासन द्वारा नयी यातायात योजना बनायी है। इसके अनुसार नैनीताल के जिन होटलों में पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है और जिनकी बुकिंग है उन होटलों की पार्किंग क्षमता के अनुकूल आगंतुक पर्यटकों को बिना किसी प्रतिबंध के नगर में आने दिया जाएगा। यह भी पढ़ें : महिला से दहेज न मिलने पर पति ने की दरिंदगी, अप्राकृतिक संबंध बनाकर और एक साथ दे दिया तीन तलाक….
चूंकि सरोवर नगरी नैनीताल शहर में समस्त स्थाई वाहन पार्किंग की क्षमता लगभग 1200 के मध्य है अतः उक्त समस्त स्थाई पार्किंग स्थल फुल होने की स्थिति में हल्द्वानी रोड से नैनीताल आने वाले समस्त पर्यटक वाहनों को रूसी बाईपास-2 की अस्थाई पार्किंग स्थल में पार्क कराया जाएगा। जहां से पर्यटकों को शटल सेवा वाहनों के माध्यम से नैनीताल लाया एवम वापस पार्किंग स्थलो तक छोड़ा जायगा। यह भी पढ़ें : उत्तराखंड के स्कूलों में कोरोना को लेकर शिक्षा महानिदेशक ने दिए नए निर्देश, जरूरी होगा नियमों का पालन…
इसी प्रकार भवाली रोड से आने वाले समस्त पर्यटक वाहनों को भवाली रोड मस्जिद के पास से डायवर्ट कर ज्योलीकोट के नंबर 1 बैंड से हल्द्वानी रोड स्थित रूसी बाईपास-2 यानी बल्दियाखान की ओर की अस्थाई पार्किंग में पार्क करवाकर शटल सेवा वाहनों के माध्यम से ही नैनीताल लाया जाएगा। यह भी पढ़ें : नैनीताल : सैलानियों ने टैक्सी चालकों से मारपीट, महिलाओं ने लगाए छेड़छाड़ के आरोप
कालाढूंगी रोड से नैनीताल आने वाले समस्त पर्यटक वाहनों को रुसी बाईपास-1 यानी नारायण नगर की अस्थायी पार्किंग के पास पार्क कराकर पर्यटकों को शटल सेवा के माध्यम से नैनीताल लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि कालाढूंगी रोड स्थित नारायण नगर पार्किंग रूसी-1 एवं हल्द्वानी रोड तल्लीताल स्थित रूसी-2 अस्थाई पार्किंग में लगभग 5000 वाहनों को पार्क करने की क्षमता है। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी में शुरू हुआ रेलवे व प्रशासन का अतिक्रमण हटाओ अभियान, क्षेत्रवासियों के विरोध के बीच पीलर हदबंदी की कोशिश
इसके अलावा उन्होंने भवाली स्थित कैंची धाम मंदिर, अल्मोड़ा, मुक्तेशर में जाने वाले पर्यटकों हेतु विशेष यातायात प्रबंध की जानकारी देते हुए बताया कि कालाढूंगी रोड से आने वाले पर्यटक वाहनों को मल्लीताल रूसी बाईपास से डायवर्ट करते हुए तल्लीताल रूसी बायपास-2 नंबर 1 बैंड ज्योलीकोट से कैची धाम भवाली, अल्मोड़ा एवं मुक्तेश्वर के गंतव्य को भेजा जाएगा। फर्जी नौकरी का झांसा देकर एक करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी के आरोप में कांग्रेस नेत्री व उसके भाई सहित 4 गिरफ्तार…
इसी प्रकार हल्द्वानी रोड से भीमताल, मुक्तेश्वर, भवाली, कैंची धाम मंदिर एवम अल्मोड़ा जाने वाले पर्यटक वाहनों को सर्वप्रथम एचएमटी भीमताल तिराहा से डायवर्ट एवं द्वितीय चरण में नंबर 1 बैंड ज्योलिकोट कोट से बाया मस्जिद तिराहा भवाली होते हुए भवाली, मुक्तेश्वर, कैंचीधाम मंदिर एवम अल्मोड़ा को भेजा जाएगा। बताया कि इस यातायात योजना में नैनीताल हेतु प्रतिदिन आवाजाही करने वाले स्थानीय नागरिकों, व्यापारियों, कार्यालय कर्मचारियों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए उन्हें इस यातायात योजना से मुक्त रखा गया है। यह भी पढ़ें : सुबह का पठनीय समाचार : यमुना ही थी सरस्वती नदी, शोध में बड़ा दावा
यह भी बताया कि नैनीताल शहर की आंतरिक यातायात व्यवस्था के तहत प्रतिदिन की भांति शाम 6 से 8 बजे के मध्य अपर माल रोड में किसी भी प्रकार के वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। साथ ही आगामी 31 दिसंबर एवं 1 जनवरी को नैनीताल शहर में यातायात दबाव के कारण जू रोड में चलने वाले सभी प्रकार के मालवाहक वाहन पिकअप, छोटा हाथी इत्यादि प्रातः 9 से रात्रि 9 बजे के मध्य प्रतिबंधित रहेंगे। साथ ही नगर की लोअर माल रोड एवं अपर माल रोड में किसी भी प्रकार के वाहनों को पार्क करना प्रतिबंधित रहेगा। प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर वैधानिक कार्रवाई की जा सकेगी। यह भी पढ़ें : पति को महंगा पड़ा प्रेमिका बनी पत्नी का मायके जाने पर अनजान महिला से चैटिंग करना, राज खुला तो वह निकली अपनी ही पत्नी और
उधर रामनगर में काशीपुर से गढ़वाल, रानीखेत, भतरोंजखान जाने वाले वाहन शिवलालपुर चुंगी, चोरपानी, कोटद्वार रोड, लखनपुर चौराहा से आमडंडा होते हुए अपने गन्तव्य को जायेंगे। काशीपुर से हल्द्वानी-नैनीताल जाने वाले वाहन शिवलालपुर चुंगी, भवानीगंज, किंगडम तिराहा से कोसी नया पुल होते हुये अपने गन्तव्य को जाएंगे। जबकि रानीखेत रोड से काशीपुर जाने वाले वाहन ट्रैफिक लखनपुर से कोसी बैराज, भवानीगंज, शिवलालपुर चुंगी होते हुए अपने गन्तव्य को जायेंगे। वहीं रानीखेत रोड से हल्द्वानी जाने वाले वाहन लखनपुर चुंगी से कोसी बैराज होते हुये अपने गन्तव्य को जायेंगे। साथ रामनगर शहर में बड़े वाहनों का प्रवेश 31 दिसंबर व 1 जनवरी को प्रातः 9 बजे से रात्रि 9 बजे तक प्रतिबंधित रहेगा। शहर में बड़े वाहनों के प्रतिबंध के समय काशीपुर रोड से आने वाले वाहन हल्दुआ बैरियर सड़क किनारे एवं हल्द्वानी से आने वाले वाहन छोई सड़क किनारे व रानीखेत रोड से आने वाले वाहन आमडंडा में सड़क किनारे पार्क किये जायेंगे। यह भी पढ़ें : नैनीताल में चलते-चलते धू-धू कर जली कार…
जबकि हल्द्वानी शहर में 30 दिसंबर से एक जनवरी तक प्रातः 9 से रात्रि 9 बजे तक यातायात प्रतिबंध लागू रहेंगे। इस दौरान शहर में रामपुर रोड व बरेली रोड से आने वाले एवं पर्वतीय क्षेत्रों को जाने वाले समस्त बड़े वाहनों को शीतल होटल तिराहा होते हुए बरेली रोड से तीनपानी बाईपास तिराजा से गौला बाईपास होते हुए काठगोदाम की ओर भेजा जायेगा। कालाढूंगी की ओर से आने वाले समस्त बड़े वाहनों को लालडॉट तिराहा से होते हुए पनचक्की से हाईडिल-कॉलटैक्स तिराहा होते हुए नैनीताल रोड की ओर भेजा जायेगा। वहीं भीमताल-नैनीताल रोड की ओर से आने वाले समस्त बड़े वाहनों को नारीमन तिराहा काठगोदाम से डायवर्ट कर गौला बाईपास से बरेली रोड की ओर भेजा जायेगा एवं रामपुर रोड की ओर जाने वाले शेष वाहनों को मण्डी बाईपास से टीपी नगर तिराहा होते हुए रामपुर रोड को भेजा जायेगा। गौलापुल-रेलवे कासिंग से शहर के अन्दर बड़े वाहनों का प्रवेश वर्जित रहेगा। यह भी पढ़ें : पति को महंगा पड़ा प्रेमिका बनी पत्नी का मायके जाने पर अनजान महिला से चैटिंग करना, राज खुला तो वह निकली अपनी ही पत्नी और…
वही बरेली रोड की ओर से आने वाले एवं पर्वतीय क्षेत्रों को जाने वाले समस्त छोटे वाहनों को तीनपानी तिराहे से डायवर्ट कर गौला बाईपास से नारीमन तिराहा काठगोदाम की ओर भेजा जायेगा तथा शेष छोटे वाहनों को गाँधी इण्टर कॉलेज तिराहे से डायवर्ट कर एफटीआई तिराहा से आईटीआई तिराहा होते हुए मुखानी चौराहे से हाइडिल तिराहे से कालटैक्स होते हुए नैनीताल रोड-भीमताल रोड की ओर भेजा जायेगा। जबकि रामपुर रोड की ओर से आने वाले एवं पर्वतीय क्षेत्रों को जाने वाले समस्त छोटे वाहनों को शीतल होटल से डायवर्ट कर गोरापड़ाव, तीनपानी, होते हुए गोला बाईपास रोड से नारीमन काठगोदाम को भेजा जायेगा। यह भी पढ़ें : संचार, समाचार लेखन, संपादन, विज्ञापन, टेलीविजन, रेडियो, फीचर व ब्रांड प्रबंधन
वहीं कालाढूंगी रोड की ओर से आने वाले एवं पर्वतीय क्षेत्रों को जाने वाले समस्त छोट वाहनों को मुखानी चौराहा-नवाबी रोड तिराहे से कुल्यालपुरा चौराहा होते हुए नैनीताल रोड से कॉलटैक्स तिराहे व हाईडिल तिराहे से होते हुए नैनीताल रोड की ओर भेजा जायेगा। नैनीताल रोड की ओर से आने वाले एवं बरेली रोड की ओर जाने वाले समस्त छोटे वाहनों को पनचक्की तिराहे से नारीमन तिराहा काठगोदाम से गौला बाईपास होते हुए तीनपानी बरेली रोड की ओर तथा रामपुर रोड-कालाढूंगी रोड की ओर जाने वाले शेष वाहनों को कॉलटैक्स तिराहे-हाइडिल तिराहे से पनचक्की मुखानी चौराहा’लालडाँट तिराहे की ओर भेजा जायेगा। यह भी पढ़ें : कलयुगी पुत्र ने मां-पिता दोनों को धमकी देकर, मारपीट कर, जबरन सगी मां से किया दुष्कर्म
शेष वाहनों को डिग्री कॉलेज तिराहे से मुखानी की और भेजा जायेगा एवं शेष अन्य बचे वाहनों को नैनीताल कॉ बैंक तिराहे से डायवर्ट कर जेल रोड तिराहे, मुखानी चौराहा कालाढूंगी रोड से आईटीआई तिराहा रामपुर रोड की ओर भेजा जायेगा।
यह भी बताया कि वाहनों का दबाव अधिक होने की स्थिति में रामपुर रोड से आने वाले सभी प्रकार के वाहन पंचायत घर तिराहे से डायवर्ट होकर आनन्दपुर तिराहे से आरटीओ रोड होते हुए हनुमान मंदिर से लामाचौड़, नैनीताल तिराहा (कालाढूंगी) होते हुए नैनीताल, भवाली, अल्मोड़ा को तथा बरेली रोड से आने वाले सभी प्रकार के वाहन मोतीनगर तिराहे से डायवर्ट होकर जयपुरवीसा से गन्ना सेंटर से पंचायत घर तिराहा होते हुए आनन्दपुर तिराहे से आरटीओ रोड होते हुए हनुमान मंदिर से लामाचौड़, नैनीताल तिराहा (कालाढूंगी) होते हुए नैनीताल, भवाली, अल्मोड़ा को जायेंगे। यह भी पढ़ें : सोशल मीडिया के जरिए जिससे शादी की, वह निकली लिंग परिवर्तन कर युवती बनी किन्नर, अगले ही दिन लाखों के जेवर लेकर चलती बनी…
जबकि अनन्या होटल काशीपुर से आने वाले अन्य राज्य व जनपदों के सभी प्रकार के वाहन बाजपुर होते हुए गडप्पू, नया गांव व नैनीताल तिराहा (कालाढूंगी) होते हुए नैनीताल को और रुद्रपुर की ओर से आने वाले अन्य राज्य व जनपदों के सभी प्रकार के वाहन टांडा तिराहा से पन्तनगर से बरेली रोड से लालकुआँ होते हुए तीनपानी तिराहा से गौला बाईपास होते हुए नारीमन तिराहा काठगोदाम से नैनीताल को जायेंगे। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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नवीन समाचार, देहरादून, 29 दिसंबर 2022। उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों-खासकर नैनीताल व मसूरी में आगामी 31 दिसंबर को नए वर्ष के स्वागत के लिए सैलानी केवल होटल की अग्रिम बुकिंग करके ही आ सकेंगे। इस दौरान सैलानियों के उमड़ने की संभावना को देखते हुए गुरुवार को प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने गुरुवार को संबंधित जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। यह भी पढ़ें : अजब-गजब : मूंगफली-लहसुन खाने वाली मुर्गी ने एक दिन में दिए 31 अंडे, विश्व रिकॉर्ड खंगाला जाने लगा…
इस बीच सोशल मीडिया में उत्तराखंड पुलिस की और से जारी किया गए एक मैसेज जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें कहा गया है, ‘नया साल स्पेशल ऑफर: गाड़ी दौड़ाओ, हुड़दंग मचाओ, खुद को हमारे साथ पाओ, नए साल की रात फर्श पर बिताओ, मेहमान बनो हमारा, लॉकअप से दिखेगा, पहाड़ों का नजारा….’ यह भी पढ़ें : महिला से दहेज न मिलने पर पति ने की दरिंदगी, अप्राकृतिक संबंध बनाकर और एक साथ दे दिया तीन तलाक….
डीजीपी अशोक कुमार ने गुरुवार को नववर्ष की तैयारियों और सुरक्षा को लेकर देहरादून, पौड़ी, टिहरी व नैनीताल के पुलिस अधिकारियों के साथ यातायात व्यवस्था के सम्बन्ध में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने पुलिस अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि पर्यटकों के साथ मित्र पुलिस की तरह व्यवहार करें और हुड़दंगियों से सख्ती से निपटें। पर्यटन के लिहाज से सबसे अधिक आकर्षण वाले नैनीताल और मसूरी में होटलों की अग्रिम बुकिंग वाले पर्यटकों को ही जाने की अनुमति दी जाए। यह भी पढ़ें : नैनीताल : सैलानियों ने टैक्सी चालकों से मारपीट, महिलाओं ने लगाए छेड़छाड़ के आरोप
पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों की सुविधा के अनुसार ट्रैफिक प्लान यानी यातायात की योजना बनाएं। भीड़ को देखते हुए पहले ही अतिरिक्त पार्किंग स्थलों, रूट डायवर्जन आदि की तैयारी कर लें और आम जन को इसकी समय से सूचना दें ताकि यातायात व्यवस्था बनी रहे और जनता को असुविधा न हो। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी में शुरू हुआ रेलवे व प्रशासन का अतिक्रमण हटाओ अभियान, क्षेत्रवासियों के विरोध के बीच पीलर हदबंदी की कोशिश
यह भी कहा कि यातायात प्रबन्धन के लिए देहरादून, हरिद्वार से लेकर ऋषिकेश एवं मसूरी में अतिरिक्त यातायात कर्मी एवं हॉक मोबाइल तैनात किये जाएं। यातायात व्यवस्था के लिए घुड़सवार पुलिस, सीपीयू यूनिट, क्रेन यूनिट का भी उपयोग किया जाए। नो-पार्किंग में खड़े वाहनों पर टोइंग और क्लैंपिंग की कार्यवाही की जाए। जश्न के नाम पर हुड़दंग करने वालों, ओवर स्पीड एवं नशे की हालत में वाहन चलाने वाले चालकों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए। यह भी साफ किया कि अपने क्षेत्र की सुदृढ़ एवं सुव्यवस्थित यातायात व्यवस्था की जिम्मेदारी सम्बन्धित थाना-चौकी प्रभारी की भी होगी। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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-चार साल के बाद नए वर्ष के स्वागत में ‘डांसिंग फ्लोर’ बन जाएगी नैनीताल की मॉल रोड…
नवीन समाचार, नैनीताल, 28 दिसंबर 2022। पर्यटन नगरी सरोवरनगरी नैनीताल की मॉल रोड को कोरोना के दो वर्ष और उससे भी दो वर्ष पहले 2018 की तरह, बल्कि उससे भी बेहतर स्वरूप में सजाया गया है। नगर की मॉल रोड को नए वर्ष के स्वागत के लिए बिजली की रंग-बिरंगी रोशनी की लड़ियों के साथ चिनार एवं अन्य पेडों को जगह-जगह रंग-बिरंगी फोकस लाइटों से सजाया गया है। आगे मॉल रोड पर लाउड स्पीकरों के माध्यम से गीत-संगीत के प्रबंध भी किए गए हैं। आगे 31 दिसंबर को मॉल रोड पूर्व की तरह ‘डांसिंग फ्लोर’ बनने जा रही है। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी में शुरू हुआ रेलवे व प्रशासन का अतिक्रमण हटाओ अभियान, क्षेत्रवासियों के विरोध के बीच पीलर हदबंदी की कोशिश
नैनीताल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट ने बताया कि नए वर्ष के स्वागत के लिए मॉल रोड को तल्लीताल से लेकर मल्लीताल गोल घर चौराहे तक मॉल रोड पर और चिड़ियाघर रोड पर रंग-बिरंगी बिजली की लड़ियां और जगह-जगह रंग-बिरंगी फोकस लाइटों से सजाया गया है। सभी प्रबंध पहले से बेहतर करने का प्रयास किया गया है। यह भी पढ़ें : प्राधिकरण की बड़ी कार्रवाई, एक व्यवसायिक निर्माण सील, दो कॉलोनियों में जमीनों की खरीद-फरोख्त तथा खतौनी में नाम दर्ज किए जाने पर रोक
नैनीताल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी रुचिर साह ने बताया कि राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कोरोना के शोर के बावजूद नए वर्ष के स्वागत के लिए नैनीताल पहुंचने के लिए सैलानियों में काफी आकर्षण है। नगर के होटलों में समूहों में सैलानी बुकिंग कर रहे हैं। अभी से अधिकांश होटलों की ऑनलाइन माध्यम से बुकिंग हो गई हैं। माना जा रहा है कि पहले से होटलों की बुकिंग करने वाले सैलानी ही अधिक भीड़ बढ़ने पर नगर में प्रवेश कर पाएंगे। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 30 दिसंबर 2021। नववर्ष 2022 हमारे भावी सपनों को संजोए हुए अपनी तारीखों व दिनों के नवीन समन्वयों के साथ एक कैलेंडर के रूप में हमारे सम्मुख आया है। नववर्ष 2022 का कैलेंडर शनिवार से शुरू होकर शनिवार के दिन को ही समाप्त होगा। ऐसी तारीखों और उन पर पड़ने वाले दिनों के सयोगों से युक्त ऐसा कैलेंडर इस शताब्दी में पहली बार नहीं वरन तीसरी बार आया है।
इससे पूर्व 2005 एवं 2011 में भी ऐसे ही कैलेंडर का संयोग आया था। जबकि इस सदी के आगामी वर्षो 2033, 2039, 2050, 2061, 2067, 2078, 2089 एवं 2095 में भी यानी ककुल 11 बार इसी कैलेंडर का पुनः संयोग आएगा। गौरतलब है कि विगत शताब्दी में भी इस कैलेंडर का संयोग कुल 10 बार 1910, 1921, 1927, 1938, 1949, 1955, 1966, 1977, 1983 तथा 1994 में भी आया था।
कैलेंडर से जुड़ी हुई ऐसी रोचक जानकारियां एवं तथ्यों को लखनऊ पब्लिक स्कूल, लखीमपुर खीरी के गणित के शिक्षक अतुल सक्सेना ने अपनी स्वनिर्मित सैकड़ों वर्षों के लिए कैलेंडर-कोड तालिकाओ के आधार पर बताया है। उनके अनुसार कैलेंडर कुल 14 प्रकार के ही होते हैं। सात सामान्य वर्षों के लिए तथा सात लिपि वर्षों के लिए होते हैं। एक ही शताब्दी में कैलेंडर के पुनः संयोग की स्थिति एक निर्धारित अवधि के पश्चात क्रमशः चक्रीय क्रम में 11, 11 एवं 6 वर्षों के बाद ही आती है। इस तरह किसी वर्ष के कैलेंडर का पुनःसंयोग होना एक सामान्य गणितीय प्रक्रिया ही होती है।
वर्ष 2022 का अंकीय-कोड कैलेंडर, जनवरी से दिसंबर तक 12 महीनों के लिए क्रमशः 511 462 403, 513 है। किसी दिनांक में इस महीने का कोड जोड़कर सात से भाग करने पर जो शेषफल आता है, वही उसके दिन को दर्शाता है। शून्य से छः तक के आए शेषफल क्रमशः रविवार से शनिवार के दिनों को दर्शाते हैं।
जैसे 26 जनवरी 2022 का दिन जानने के लिए 26 में जनवरी का अंक कोड 5 जोड़ने पर आये योगफल 31 को 7 से भाग देने पर भागफल 4 तथा शेषफल 3 आएगा। शेषफल 3 दिन बुधवार का होना दर्शाता है। इसी तरह से 1 फरवरी 2022 के लिए, 1 में फरवरी का माह कोड 1 जोड़ने पर आये योगफल 2 को 7 से भाग करने पर भागफल शून्य तथा शेषफल दो आएगा। शेषफल ‘दो’ मंगलवार का दिन होने को दर्शाता है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
॥ॐ॥ इस उम्मीद व आशाओं के साथ कि हमारी हर सुबह नव वर्ष की तरह आशाओं व उम्मीदों के नए सूरज और हर शाम अभीष्टों व सफलताओं के नए चाँद के साथ आये.. हम आगे बढ़ने के साथ अपनी समृद्ध परंपराओं की जड़ों से भी जुड़े रहें… और अपना भारतीय नव वर्ष-संवत्सर भी मनाएं..
सभी मित्रों को हिन्दू नव वर्ष, नव समवत्सर, गुड़ी पड़वा, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत 2075, ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि की रचना करने, प्रभु श्री राम के राज्याभिषेक एवं कलयुग के शुरू होने सहित अनेक विशिष्टताओं युक्त दिन की सुख,शान्ति एवं समृध्दि की मंगलकामनाओं सहित अग्रिम शुभकामनाएं.. भगवान आपको और आपके पूरे परिवार को हमेशा सुख, शांति, समृद्धि व ख़ुशी प्रदान करें, आपकी सभी मनोकामनाएं इस वर्ष पूर्ण होवें… 
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यह भी पढ़ें : स्वागत नव वर्ष
नव वर्ष सुहृद प्रिय मंगलमय,
हो राष्ट्र सबल सुजन निर्भय।
मनसा वाचा मति हों सहृदय,
कर्मणा हताश्रय के आश्रय।।
चहुं दिशि प्रवाह सुख शांति मलय,
घर घर ऐसा हो अरुणोदय।
हो शक्ति पुंज भारत जय-जय,
सुख शांति जगत में, युद्ध न भय।।
चहुंमुखी प्रगति धन धान्य धरा,
हर हृदय स्नेहिल प्रेम भरा।
दलगत मतभेद भुला सारा,
रक्षा हित देश की सदा खड़ा।।
आतंक और नक़सलवाद जाल,
क्योंकर अपने ये हुये ब्याल।
कर आत्मनिरीक्षण किसन आज,
निर्माण राष्ट्र श्रम कोटि हाथ।।
संगठित स्वस्थ हो यह समाज,
है चाह किसन शुभ बने काज।
प्रभु यही प्रार्थना यही साध,
साकार स्वप्न हो राम राज।।
यह भी पढ़ें : नैनीताल-मसूरी आ रहे हैं तो जरूर जान लें व्यवस्थाएं
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 30 दिसंबर 2021। 31 दिसंबर को नए वर्ष के स्वागत के लिए जश्न मनाने मसूरी और नैनीताल जैसे पर्यटन स्थलों पर आने वाले सैलानियों के लिए जरूरी समाचार है। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने यहां आने वाले पर्यटकों से अपील की है कि बिना होटल बुकिंग कराए इन पर्यटक स्थलों में यात्रा करने से बचें ताकि उन्हें असुविधा का सामना ना करना पड़े क्योंकि ऐसे पर्यटकों को रास्ते पर ही रोक दिया जाएगा। यहां आने पर कोरोना की गाइड लाइन का पालन करना भी अनिवार्य किया गया है। दोनों टीके लगे होने अथवा कोरोना की 72 घंटे पूर्व की आरटीपीसीआर रिपोर्ट भी देखी जा रही है। मास्क भी अनिवार्य तौर पर पहना जाना आवश्यक है।
इसका अर्थ यह है कि नैनीताल व मसूरी में केवल होटलों में बुकिंग करके आने वाले सैलानियों को ही प्रवेश दिया जाएगा। इसके अलावा नैनीताल में पुलिस ने नगर की सड़कों को स्थायी तौर पर खड़े होने वाले सैलानियों के वाहनों को हटवा दिया है। पुलिस लाइन सहित कुछ नए वैकल्पिक पार्किंग स्थल भी तैयार किए गए हैं। इन पार्किंग स्थलों को भरने के बाद वाहनों को रूसी बाइपास व नारायण नगर में रोकने की व्यवस्था की गई है। अलबत्ता सैलानी अन्य पर्यटक स्थलों की ओर वहां की व्यवस्थाओं के अनुसार जा सकते हैं।
इधर नैनीताल में 31 दिसंबर की रात्रि नए आए आरा होटल ग्रुप के आरा क्लासिक लाइमवुड के साथ मनु महारानी और शेरवानी होटलों में खास बड़े प्रबंध किए गए हैं। नगर में पिछले सप्ताह से ही सैलानियों की अच्छी भीड़भाड़ बनी हुई है। नगर की प्रमुख डीएसए कार पार्किंग पहले ही भर गई है। सैलानियों का नगर में आना जारी है। यूं उत्तराखंड शासन ने प्रदेश में रात्रि 11 बजे से नाइट कर्फ्यू भी लागू किया हुआ है, अलबत्ता इस नियम पर अधिक सख्ती नहीं देखी जा रही है। नैनीताल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने अलग से सैलानियों के लिए कोई प्रबंध नहीं किए हैं। मां नयना देवी व्यापार मंडल ने जरूर सैलानियों के स्वागत के लिए होर्डिंग लगाई हैं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
यह भी पढ़ें : नैनीताल एसएसपी ने बताया क्रिसमस-नववर्ष के लिए कैसी रहेंगी पुलिस की व्यवस्थाएं
डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 21 नवंबर 2021। आगामी क्रिसमस एवं नव वर्ष के स्वागत के लिए भारी संख्या में सैलानियों के वाहनों सहित पर्यटननगरी-सरोवरनगरी नैनीताल में उमड़ने की संभावना है। इसके दृष्टिगत कुमाऊं एवं नैनीताल पुलिस विशेष तैयारियों में जुटी हुई है। एक ओर जहां कुमाऊं परिक्षेत्र के डीआईजी डॉ. नीलेश आनंद भरणे की अगुवाई में पूरे मंडल में ‘मिशन अतिथि’ चलाया जा रहा है, वहीं नैनीताल जनपद के एसएसपी पंकज भट्ट ने अपनी योजना का खुलासा किया।
श्री भट्ट ने मंगलवार को पुलिस लाइन में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि जनपद की सीमाओं के चेकपोस्ट पर सैलानियों के दोनों टीके लगाने की जांच करेगी। इसके अलावा उन्होंने नैनीताल नगर के प्रवेश द्वारों पर नगर के पार्किंग वाले होटलों के नाम व नंबरों के बैनर चस्पा करने, यातायात की ड्यूटी पर लगे पुलिस कर्मियों का ह्वाट्सएप ग्रुप बनाकर उनके माध्यम से सैलानियों को पार्किंग की सही स्थिति की जानकारी देने, नगर के सभी पार्किंग स्थल भर जाने पर पर्यटक वाहनों को रूसी बाइपास एवं नारायण नगर की अस्थायी पार्किंग में रोकने व वहां से सैलानियों को शटल टैक्सियों से उनके गंतव्य तक लाने की बात कही।
यह भी बताया कि सैलानियों को ओमिक्रॉन के दृष्टिगत सीमा पर ही मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में जागरूक करने तथा जरूरत पड़ने पर उन्हें मास्क उपलब्ध कराने की बात भी कही। बताया कि पुलिस कर्मियों को सैलानियों से बेहतर व्यवहार के लिए मिशन अतिथि के तहत प्रशिक्षित किया जा रहा है। एसएसपी ने सभी थाना स्तरों पर नशे के तस्करों की धरपकड़ कर कानूनी कार्रवाई करने की बात भी कही। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 19 दिसंबर 2021। आगामी क्रिसमस व नए वर्ष के स्वागत के दौरान नगर में अत्यधिक पर्यटकों के आगमन पर यातायात व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाने को लेकर तल्लीताल थानाध्यक्ष रोहतास सागर ने थाना क्षेत्र के टैक्सी यूनियन व चालकों के साथ गोष्ठी की।
नगर क्षेत्राधिकारी संदीप सिंह नेगी के निर्देशन में हुई इस गोष्ठी में इस दौरान नगर के अंदर पार्किंग फुल होने व अत्यधिक भीड़भाड़ होने की स्थिति होने पर पर्यटकों के वाहन रूसी बाईपास में पार्क करने पर वहां से पर्यटकों को शहर तक लाने हेतु शटल सेवा शुरू करने के लिए टैक्सी यूनियन को आवश्यक वाहनों व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त अनुरोध किया गया कि नगर में कही पर भी अवैध नशे से सम्बंधित कोई अवैधानिक गतिविधि देखने पर वह इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दें। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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-लोगों ने मंदिरों में जाकर की नए वर्ष की शुरुआत
नवीन समाचार, नैनीताल, 01 जनवरी 2020। कोरोना के जानलेवा भय एवं अनेक समस्याओं के बावजूद नैनीताल नये वर्ष का जश्न मनाने के लिए देश भर, खासकर उत्तर भारत के सैलानियों का पहला पसंदीदा पर्यटन स्थल बना रहा। इस दौरान नगर की माल रोड एवं नैनी झील किनारे लोग मध्य रात्रि तक झूमते, मनोरंजन करते रहे। वहीं मनु महारानी, शेरवानी, नैनी रिट्रीट व विक्रम विंटेज आदि होटलों में निर्धारित समय में कोविद-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सैलानियों के मनोरंजन के लिए आंतरिक कार्यक्रम हुए, जहां लोग सर्दी में भी गर्मी का अहसास कराते हुए आनंद लेते देखे गए। कुछ लोगों ने केक भी काटे। नगर में पहुंचे सैलानी यह कहते भी सुने गए कि नैनीताल की 31 दिसंबर की शाम काफी गर्म रही। यहां आराम से घूम पाए, जबकि बरेली, मुरादाबाद व दिल्ली में इस दौरान काफी ठंड रही। वहीं निकटवर्ती खुर्पापाल के एक होटल में निर्धारित अवधि के बाद तक डीजे बजाने की खबरें आईं। वहीं इस दौरान कई मायनों में ग्रीष्मकालीन पर्यटन सीजन की यादें भी ताजा हो गईं।
नगर में नए वर्ष का जश्न मनाने के लिए हजारों सैलानी जुटे। सैलानियों की संख्या पिछले वर्षों की अपेक्षा कम आंकी गई। लेकिन यह भी सच्चाई है कि बीते कुछ वर्षों से माल रोड पर रोशनी एवं संगीत का प्रबंध न होने से लोग स्पीकर व अलाव वाले स्थानों की तरह नहीं जुटते हैं, इसलिए पूर्व वर्षों की तरह 31 दिसंबर पर भीड़ तभी से नजर नहीं आ रही है। वैसे ही इस वर्ष कोरोना के वैश्विक भय के बीच जैसी भीड़ दिखी, उससे यह संदेश भी गया कि नैनीताल का आकर्षण अब भी पूर्व की तरह बना हुआ है। तमाम असुविधाओं, सैलानियों को शहर से बाहर ही रोके जाने व कोरोना जांच कराए जाने की खबरों एवं खासकर दिल्ली के मीडिया में आई नकारात्मक खबरों के बावजूद नगर में सैलानियों की भीड़ बेहद उत्साहजनक रही। अलबत्ता, कोरोना के नाम पर केवल चेहरों पर आधे-पूरे लटके मास्क ही कोरोना का आभास करा रहे थे। सामाजिक दूरी का खयाल बिल्कुल भी नहीं रखा गया। प्रशासन भी सामाजिक दूरी बनाने के मामले में बिल्कुल उदासीन रहा। माल रोड पर सीमित स्थानों पर ही अलाव की व्यवस्था देखी गई। हाल ही में नैनी झील किनारे लगी कई लाइटों के खराब हो जाने से कई जगह अंधेरा भी रहा। खासकर नगर की हृदय स्थली पंत पार्क पूरी तरह से अंधकार में डूबा रहा। बीते वर्षों में नगर पालिका द्वारा यहां फव्वारे लाखों रुपए खर्च कर रंगबिरंगी रोशनी के साथ सुचारू किए गए थे, जो कि अब बंद ही हो गए हैं। अलबत्ता नगर पालिका का भवन जरूर नए रंगरोगन व कलेवर के साथ नई रोशनियों से जगमगा रहा है।
इधर मल्लीताल की बाजार मां नयना देवी व्यापार मंडल द्वारा लगाई गई मल्लीताल पंत पार्क से ही जगमग रंग बदलती रोशनी में नहाई रही और यह सैलानियों के लिए आकर्षण बना रहा। अलबत्ता 31 दिसंबर की शाम भी नगर के अधिकांश प्रतिष्ठान अपने समय पर ही बंद हो गए, इसलिए व्यापारी रोशनियों की वजह से उमड़ कर आए सैलानियों से यथासंभव लाभ नहीं उठा पाए। व्यापार मंडल के द्वारा संस्थापक पुनीत टंडन की अगुवाई में सैलानियों को मास्क वितरित किए गए एवं बाजार के प्रवेश द्वार पर सैनिटाइज किया गया। इस पहल की दूसरे व्यापारिक संगठन के पदाधिकारी भी खुलकर तारीफ करते देखे गए। सैलानी मध्य रात्रि के बाद तक नगर की माल रोड आदि प्रमुख स्थानों पर घूमते एवं खाना खाते, घूमते, मस्ती करते देखे गए। मध्य रात्रि में जैसे ही घड़ी की सुइयां आपस में मिलीं, लोगों ने नगर में आतिशबाजी की एवं एक दूसरे को नए वर्ष की बधाइयां देने का सिलसिला शुरू हो गया।
इधर शुक्रवार को नये वर्ष की शुरुआत सुखद रही। लोगों ने धार्मिक स्थलों-मंदिरो आदि में जाकर नए वर्ष की शुरुआत की। कई लोग एवं सैलानी एवं नगर वासी नैना पीक, टिफिन टॉप व कैमल्स बैक के पैदल ट्रेकों पर भी निकले। वहीं नगर में आने वाले वाहनों का आवागमन संयत बना रहा। अलबत्ता चीना बाबा मंदिर से बीडी पांडे जिला चिकित्सालय तथा लोवर माल रोड आदि स्थानों पर कई बार वाहनों की कतारें भी लगी रहीं। रूसी बाइपास व नारायण नगर से वाहनों को नगर में आने दिया गया। नगर में सैलानियों के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र नैनीताल जू खुला रहा। केव गार्डन, लेक व्यू प्वॉइंट, हिमालय दर्शन, लवर्स प्वॉइंट, लैंड्स इंड, टिफिन टॉप आदि स्थानों पर भी सैलानियों की भीड़भाड़ बनी रही। नैनी झील में भी नौकाओं का मेला सा लगा रहा।
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-वाहनों को नारायण नगर में रोककर शटल टैक्सियों से शहर में भेजा गया
नवीन समाचार, नैनीताल, 25 दिसम्बर 2020। पर्यटन नगरी सरोवरनगरी में शुक्रवार को क्रिसमस के अवसर पर आने वाले सैलानियों की भीड़भाड़ बढ़ गई। खासकर कालाढुंगी की ओर से बड़ी संख्या में सैलानी अपने वाहनों से नगर में आने के लिए पहुंचे। अपराह्न करीब दो बजे ही नगर की मुख्य डीएसए कार पार्किंग भर जाने पर इन वाहनों को नगर से करीब पांच किमी पहले नारायण नगर में ही रोककर प्रस्तावित पार्किंग के मैदान में खड़ा करवाया गया, एवं सैलानियों को वहीं कोरोना के दृष्टिगत तापमान लेते हुए स्क्रीनिंग एवं जरूरत पड़ने पर कोरोना जांच हेतु नमूना लेने के बाद शटल टैक्सियों के माध्यम से शहर में भिजवाया गया। इससे नगर में वाहनों की संख्या नियंत्रित रही। अलबत्ता, नगर में सैलानियों की अच्छी खासी संख्या रही। नैनी झील में नौकाओं एवं नगर की माल रोड व मल्लीताल क्षेत्र में सैलानियों का मेला जैसा लगा रहा। इधर क्रिसमस एवं नए वर्ष पर व्यवस्थाओं पर डीएम सविन बंसल ने स्थिति साफ करते हुए बताया कि नगर में सैलानियों के आवाजाही पर कोई रोक-टोक नही है।
उधर हल्द्वानी की ओर से आने वाले वाहनों की संख्या अपेक्षित कम बताई गई। वहां से आ रहे वाहनों की रूसी बाइपास पर रोककर यात्रियों की वहीं रेंडम आधार पर थर्मल स्कैनिंग एवं कोविड जांच स्क्रीनिंग की गई। साथ ही थर्मल स्कैनिंग एंव रैडम कोविड जांच का पंजिका में विधिवत नाम, पता, मोबाईल नंबर आदि का पंजीकरण किया जा रहा है। जबकि भवाली की ओर से आने वाले वाहनों के लिए पाइंस में ऐसी ही व्यवस्था की गई थी, परंतु वहां से सीमित संख्या में आने की वजह से वाहनों को रोकने की जरूरत नहीं पड़ी। एडीएम टोलिया ने बताया कि डीएम के निर्देशों पर आदेशानुसार निर्धारित समय पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ धारा 144(1) के तहत कार्यवाही करने के निर्देश एसडीएम को दिये गए हैं। उन्होंने बताया कि रूसी बाईपास, नारायणनगर व पाईन्स में कोविड बूथों पर थर्मल स्कैनिंग व कोविड रैडम जांच की गई। निरीक्षण के दौरान सभी प्रकार की व्यवस्थाएं दुरुस्त पायी गई। नारायणनगर में एडीएम, एसडीएम विनोद कुमार, सीओ विजय थापा, ईओ अशोक कुमार वर्मा, एसआई हरीश सिंह व आरटीओ राजीव मेहरा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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नवीन समाचार, नैनीताल, 23 दिसंबर 2020। उत्तराखंड सरकार ने नैनीताल में क्रिसमस व 31 की रात्रि आठ बजे से रात्रि के कर्फ्यू लगाने के जिला निगरानी कमेटी के सुझाव को खारिज कर दिया है। सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने स्पष्ट किया कि रात्रि कर्फ्यू संभव नहीं है। सरकार की ओर से कोविड संक्रमण रोकने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। इस हेतु जिला प्रशासन की ओर से पर्यटकों की कोविड जांच को अनिवार्य किया जा रहा है। साथ ही शारीरिक दूरी के अनुपालन, मास्क की अनिवार्यता, सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ नहीं होने देने के लिए अतिरिक्त पुलिस फोर्स की तैनाती की जाएगी। बुधवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली व सच्चिदानंद डबराल की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। उल्लेखनीय है कि जिला निगरानी कमेटी द्वारा कोर्ट को सुझाव दिया गया था कि क्रिसमस व 31 दिसंबर को नैनीताल में शाम आठ बजे से लेकर सुबह 10 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लगाया जाये।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से पूछा कि नैनीताल, मसूरी व देहरादून में क्रिसमस व 31 दिसंबर को होने वाली पार्टियों को रोकने के लिए सरकार ने क्या इंतजाम किए हैं। इस पर सरकार की तरफ से कहा गया कि देहरादून व मसूरी में जिलाधिकारी द्वारा सभी होटलों, सार्वजनिक स्थानों, ढाबों में पार्टियां करने पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी गई है। जो ऐसे आयोजन कराएगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने जब नैनीताल के बारे में पूछा तो सरकार ने कहा कि इस पर जिलाधिकारी निर्णय लेंगे। हाईकोर्ट ने सरकार से नैनीताल के मामले में जिला निगरानी समिति के उस सुझाव पर अमल कराने को कहा है, जिसमें समिति ने नैनीताल में क्रिसमस और 31 दिसंबर की शाम आठ बजे से अगली सुबह 10 बजे तक कर्फ्यू लगाने की बात कही है। साथ ही सरकार से पूछा है कि उसने नैनीताल, मसूरी और देहरादून में क्रिसमस और 31 दिसंबर को होने वाली पार्टियों को रोकने के लिए सरकार ने क्या इंतजाम किए हैं। मामले में अगली सुनवाई 30 दिसंबर को होगी।
यह भी पढ़ें : नये साल के जश्न में चिकन-मटन संग झूमे 12 करोड़ के जाम…
नवीन समाचार, नैनीताल, 1 जनवरी 2019। बीते साल की विदाई और नये साल के स्वागत के जश्न में एक दिन में 12 करोड़ रुपये की शराब पिये जाने और हजारों बकरों व मुर्गों के बलि चढ़ने का सोचनीय समाचार है। 31 दिसंबर की शाम से ही जिले की 29 विदेशी और 31 देसी शराब की दुकानों के साथ ही जिले में अस्थायी लाइसेंस पर चल रहे बारों में जिले की किसी भी अन्य दुकान या मॉल से अधिक, पियक्कड़ों का तांता लगा हुआ था, यहां तक कि कई जगह शराब लेने के लिए धक्का-मुक्की तक हुई। वहीं इसके बाद शराब पीने-पिलाने का सिलसिला पुराने साल ही मध्य रात्रि के नये साल में प्रवेश करने के बाद भी जारी रहा। वहीं शराब के अलावा इस दौरान कोई अन्य चीज सर्वाधिक बिकी तो वह था चिकन व मटन। यानी इस दौरान बकरों व मुर्गों की शामत रही। और यह भी सच्चाई है कि जो लोग शराब तथा चिकन-मटन से दूर रहे, उनमें नये वर्ष का उत्साह भी उस स्तर का नहीं रहा। यानी कह सकते हैं कि नये साल का उत्साह तो केवल शराब और चिकन-मटन के दम पर था।
यह भी पढ़ें : नैनीताल में ‘फ्लॉप शो’ रहा नये वर्ष के स्वागत का उत्सव, होती रही बत्ती गुल…
नवीन समाचार, नैनीताल, 31 दिसंबर 2018। सरोवरनगरी में बीतते वर्ष 2018 को विदाई एवं नये वर्ष के स्वागत का पिछले करीब दो दशकों से होने वाला उत्सव इस वर्ष पूरी तरह से ‘फ्लॉप शो’ सरीखा रहा। नगर में ना ही पिछले वर्षों की तरह नैनीताल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन की ओर से माल रोड पर लाइटिंग का प्रबंध था ना ही लाउडस्पीकर पर गीत-संगीत का ही प्रबंध था। ना ही प्रशासन द्वारा किये जा रहे दावे के अनुरुप बैंड स्टेंड पर पीएसी का बैंड ही बजा। नगर के पंत पार्क व सेंचुरी पेपर मिल द्वारा गोद लिये गये बोट हाउस क्लब के सामने के कंपनी गार्डन में भी रोशनी का कोई प्रबंध नहीं था और न ही यहां फव्वारे ही चले। ऐसे में यहां पूरी तरह सन्नाटा रहा। कैपिटॉल सिनेमा के सामने के पार्क में भी सैलानी कम पत्थरों के ढेर अधिक नजर आये। वहीं बिना अलाव की अपेक्षित व्यवस्था के बाहर से आये सैलानियों को नये वर्ष के उत्साह की गर्मी की जगह हाड़ कंपाती ठंड में मुंशी प्रेम चंद की ‘पूस की रात’ याद आती रही। उल्टे कई बार बिजली भी गुल होकर रही-सही कसर पूरी करती रही। ऐसे में अनेक सैलानी यह कहते सुने गये कि मीडिया में बहुप्रचारित ‘थर्टी फर्स्ट’ के नाम पर नैनीताल आकर ठगे से रह गये।
उल्लेखनीय है कि दो वर्ष पूर्व तक नगर में थर्टी फर्स्ट यानी 31 दिसंबर की रात्रि यादगार रहती थी। लेकिन गत वर्ष 2017 में प्रशासन द्वारा वाहनों के नैनीताल में प्रवेश पर अत्यधिक सख्ती बरतने से नगर में नये वर्ष का स्वागत नैनीताल नागरिक मंच के बैनर तले आंदोलन-मशाल जुलूस आदि के साथ बीता। ऐसे में नैनीताल होटल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने प्रशासन के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए लाइटिंग और गीत-संगीत की व्यवस्था नहीं की। बावजूद गत वर्ष सैलानियों की भारी भीड़ रही। संभवतः इसे देखते हुए इस वर्ष एसोसिएशन को लगा कि जब बिना प्रबंधों के भी सैलानी नगर में पहुंच ही रहे हैं तो क्यों ना इस वर्ष ही इन प्रबंधों पर होने वाला खर्च बचा लिया जाए। सो बिना प्रशासन से अनुमति मांगे ही मान लिया कि 10 बजे के बाद गीत-संगीत की अनुमति नहीं मिलेगी और इसी बात पर यह प्रबंध नहीं किये गये।
वहीं मीडिया द्वारा पूछे जाने पर अनेक होटलों ने होटलों के पैक होने की भी जानकारी दी। लेकिन असलियत आज इस रूप में खुलती दिखी कि अधिकांश होटल खाली रहे। नगर में सार्वजनिक गीत-संगीत के कार्यक्रम न होने पर 31 दिसंबर की रात्रि कई सैलानी अपने वाहनों के म्यूजिक सिस्टम को ही जोर से बजाकर नाच रहे थे। वहीं नगर पालिका द्वारा कुछ स्थानों पर किये गये अलाव के आसपास भी सैलानियों के झुंड नजर आ रहे थे। खासकर निचले दर्जे के होटल तो पर्यटकों के लिये तरसते दिखे। पुलिस ने वाहनों को यहां-वहां रोकने के प्रबंध किये थे, जो आवश्यकता से अधिक ही महसूस हुए। उल्टे वाहनों को नैनी झील की मुख्य जल प्रदाता सूखाताल झील में खड़ा कर एक नयी परंपरा शुरू कर दी गयी।
कुछ होटलों ने बचाई इज्जत
नगर में नये वर्ष के स्वागत के कोई प्रबंध न होने के बीच नगर के प्रमुख मनु महारानी होटल में दिल्ली से आई डीजे टीना बहल के गीत-संगीत पर मध्य रात्रि तक सैलानी थिरकते एवं ‘अनलिमिटेड फूड एंड ड्रिंक्स’ का आनंद लेते रहे, वहीं शेरवानी होटल में इस दौरान ‘पेपर कपल डांस’ खासा पसंद किया गया। साथ ही टेबल टेनिस व म्यूजिकल चेयर जैसे रोचक कम्पटीशन एवं ‘सरप्राइज गिफ्ट’ सैलानियों को रोमांचित किये रहे। रात्रि 12 बजे घड़ी की सभी सुइयों के मिलन के साथ जैसे ही साल बदला। यहां लोगों ने एक-दूसरे को नये वर्ष की बधाइयां दीं, और यह सिलसिला देर रात्रि तक जारी रहा।
पूर्व समाचार : शराबी खबरदार ! 31 को नैनीताल न शराब पीकर आ सकेंगे, न ला सकेंगे-न ही पीकर लौट सकेंगे
-नगर में एक कंपनी पीएसी रखेगी नगर के भीड़भाड़ वाले स्थानों पर नजर

नवीन समाचार, नैनीताल, 29 दिसंबर 2018। आगामी 31 दिसंबर को नये वर्ष के स्वागत के लिए सरोवरनगरी में उमड़ने वाले सैलानियों की सुरक्षा एवं नये वर्ष के स्वागत के उत्साह में हुड़दंग मचाने वालों से निपटने के लिए मुख्यालय में मुख्यालय पुलिस के साथ ही एक कंपनी पीएसी भी तैनात रहेगी। 31 दिसंबर को ही सेवानिवृत्त होने जा रहे जनपद के एएसपी हरीश चंद्र सती ने बताया कि इस मौके के लिए जनपद पुलिस पूरी तरह से सतर्क है।
इस हेतु नगर एवं नगर के बाहर हर भीड़भाड़ संभावित क्षेत्र में पुलिस की पिकेट की व्यवस्था की जा रही है। बताया कि 31 को नगर में आने वाले वाहनों की काठगोदाम, रानीबाग, कालाढुंगी व ज्योलीकोट आदि में रोककर जांच की जाएगी कि उन्हें शराब पीकर तो नहीं चलाया जा रहा है, अथवा शराब तो नहीं लायी जा रही है। वहीं आगे नगर की पार्किंग भरने एवं अत्यधिक भीड़ उमड़ने पर ही नगर के बाहर रूसी बैंड, नारायण नगर आदि में बनायी जा रही अस्थाई पार्किंग में रोका जाएगा। इसके अलावा रात्रि में शराब पीकर लौटने वालों को विभिन्न स्थानों पर संभावित दुर्घटनाओंओं के दृष्टिगत लौटने से रोका जाएगा। इधर यातायात पुलिस ने शनिवार से ही नगर में स्पीडोमीटर से वाहनों की गति एवं एल्कोमीटर से शराब पीकर वाहन चलाने वालों की निगहबानी शुरू कर दी है।
31st मनाने नैनीताल आ रहे हैं तो जरूर पढ़ें यह समाचार, लगातार दूसरे वर्ष नहीं होगा माल रोड पर लाइटिंग और लाउडस्पीकर पर गीत-संगीत का कार्यक्रम,पर चिंता की बात नहीं
नवीन समाचार, नैनीताल, 25 दिसंबर 2018। इस वर्ष भी लगातार दूसरे वर्ष सरोवरनगरी में लगातार दूसरे वर्ष 31 दिसंबर को पूर्व वर्षों की तरह माल रोड पर लाइटिंग और लाउडस्पीकर पर गीत-संगीत का कार्यक्रम नहीं होगा। अलबत्ता नगर में आने वाले सैलानी इस जानकारी के बाद नगर में आने के अपने कार्यक्रम को बदलने से पहले जान लें कि नगर में भले गीत-संगीत के कार्यक्रम नहीं होंगे, किंतु नगर का आकर्षण अपनी जगह बरकरार रहेगा। नगर के मनु महारानी व शेरवानी हिल टॉप सहित कई होटलों में इस दौरान अपने मेहमानों के लिए खास कार्यक्रम गत वर्षों की तरह होंगे।
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यह भी जान लें कि पिछले वर्ष भी गीत-संगीत के कार्यक्रम नहीं हुए थे, बावजूद नगर में सैलानियों की संख्या में कोई कमी नहीं आई थी। यही स्थिति इस बार भी नहने की पूरी उम्मीद है। और संभवतया यही बात है कि पूर्व वर्षों में नैनीताल होटल रेस्टोरेंट एसोसिएशन लगातार पिछले वर्ष बिना लाइटिंग व गीत-संगीत के भी सैलानियों के भरपूर संख्या में आने के कारण इस बार भी लाइटिंग व गीत-संगीत की व्यवस्था नहीं कर रहे हैं।
इसके साथ ही एक बात और यह भी जान लें कि इस बार पुलिस 31 दिसंबर को बाहर से वाहनों के जरिये नैनीताल आने वालों से पिछले वर्षों की तरह अधिक सख्ती नहीं दिखाने वाली है। अलबत्ता नियमों का पालन जरूर करना होगा। खासकर शराब पीकर नगर में आने वालों के साथ पुलिस पूरी सख्ती बरतेगी।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष 31 दिसंबर से पूर्व नगर में पुलिस-प्रशासन द्वारा बाहर से वाहनों से आने वाले सैलानियों के प्रति काफी सख्ती दिखाई थी। इसके खिलाफ पूरे नगर में नाराजगी थी। कई जुलूस भी निकले थे। इस कारण ही नैनीताल होटल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने नाराजगी में लाइटिंग व गीत-संगीत का प्रबंध नहीं किया गया था। किंतु इस वर्ष ऐसी स्थिति नहीं है। बावजूद यह प्रबंध नहीं करने पर नैनीताल होटल रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश साह का कहना है कि नये वर्ष का स्वागत रात्रि 12 बजे तक होता है। लेकिन प्रशासन 10 बजे तक ही गीत-संगीत की इजाजत देता है। इसलिए यह प्रबंध नहीं किये जा रहे हैं। अलबत्ता पूछने पर उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने गीत-संगीत के लिए प्रशासन से अनुमति भी नहीं मांगी है।
पिछले वर्ष यह रही थी स्थिति : आज पार्किंग नहीं तो गाड़ी रुकवाओगे, कल गेहूं नहीं तो जहर दिलाओगे….
-सरोवनगरी में नये वर्ष के स्वागत की जगह भारी आक्रोश के साथ निकली जन आक्रोश रैली
नैनीताल। आज पार्किंग नहीं तो गाड़ी रुकवाते हो-कल गेहूं न होगा तो जहर दिलाओगे.., जाम तो एक बहाना है, अंग्रेजी शासन लाना है, रोडवेज बस शहर में आ सकती है तो पर्यटक बस क्यों नहीं, नैनीताल पर्यटन स्थल है-इसे पर्यटन स्थल रहने दो, हड़पो नहीं, नैनीताल में वीवीआईपी जमावड़ा क्यों, टैक्सी से नैनीताल प्रतिबंधित मोहर हटाओ, रोजी-रोटी पर तकरार-यह कैसा मौलिक अधिकार सरीखे नारे लिखी पट्टियों के साथ रविवार को नव वर्ष के स्वागत की जगह सरोवरनगरी ऐसे ही नारों से शाम ढलते गूंज उठी, और अंधेरा घिरने के साथ दिन में भी आंख मूंदे हुक्मरानों को रोशनी दिखाने को हाथों में मोमबत्तियां जल उठीं। लोग कदम से कदम मिलाते हुए गहरी नाराजगी के साथ मल्लीताल रामलीला मैदान से एकत्र होकर तल्लीताल तक आक्रोश के साथ गए और वापस लौटे। नैनीताल नागरिक मंच के तत्वावधान में आयोजित हुए इस प्रदर्शन में मल्लीताल व्यापार मंडल अध्यक्ष किशन सिंह नेगी, टैक्सी-ट्रेवल एसोसिएशन अध्यक्ष नीरज जोशी, होटल एसोसिएशन अध्यक्ष दिनेश साह, तल्लीताल व्यापार मंडल अध्यक्ष भुवन लाल साह, विवेक वर्मा, ओमवीर सिंह, नरेंद्र नैनवाल, महावीर बिष्ट, दर्शन भंडारी, चंदन जोशी, सोनू बिष्ट, जीवंती भट्ट, जीत सिंह आनंद, कैलाश अधिकारी, भाजपा नगर अध्यक्ष मनोज जोशी व त्रिभुवन फर्त्याल सहित बड़ी संख्या में नगर वासी शामिल रहे।
यह भी देखें : स्थानीय स्तर पर तमाम नकारात्मकताओं, नाराजगी व सैलानियों के स्वागत के लिए दशकों से नगर को नववर्ष की पूर्व संध्या पर सजाने और सवा किमी लम्बी माल रोड को संगीत व अलाव के प्रबंध के साथ ‘दुनिया के सबसे बड़े डांसिंग फ्लोर’ में तब्दील करने जैसे प्रबंध न करने के बावजूद नैनीताल में कितनी संख्या में उमड़े सैलानी और वाहन.. क्योंकि कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी….
पहली बार उत्तराखंड के सीएम ने ‘इस’ मौके पर बधाई दे कर मारा ‘मास्टर स्ट्रोक’
उत्तराखंड राज्य कहने को देवभूमि कहा जाता है,अलबत्ता यह अलग बात है कि यहाँ सप्ताह के दिन विशेष को एक धर्म विशेष को अवकाश देने जैसे तुष्टिकरण के कदम तो कथित ‘धर्मनिरपेक्ष’ सरकार द्वारा उठाये जाते रहे हैं, परन्तु पहली बार राज्य के किसी मुख्यमंत्री ने राज्य वासियों को हिंदू नर्व वर्ष विक्रमी संवत के मौके पर बाकायदा कार्ड छपवाकर नये वर्ष की बधाई देने की पहल की है।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व राज्य के मुख्यमंत्री वर्ष में केवल एक बार दीपावली के मौके पर ही इस तरह से बधाई देते रहे हैं। लेकिन इस हिंदू नव वर्ष के मौके पर राज्य की त्रिवेंद्र रावत सरकार ने जिस तरह राज्य के गणमान्य जनों को बधाई दी है, उसे सरकार के ‘मास्टर स्ट्रोक’ के रूप में देखा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष अभी हाल में होली पर केवल एक दिन का ही अवकाश मिलने और कई त्योहारों की छुट्टियों में कटौती किये जाने से सरकार के प्रति लोगों में नाराजगी देखी गयी थी।
क्योंकि राज्य में निकाय चुनाव सिर पर हैं, और जिस तरह मौजूदा दौर में छोटे चुनावों को भी खासकर भाजपा की जीत-हार से तथा 2019 की संभावनाओं के तौर पर जोड़कर देखा जा रहा है, ऐसे में सत्तारूढ़ दल पर इस चुनाव में जीत दर्ज करने का बड़ा दबाव है। गौरतलब है कि बीते वर्षों में केवल भाजपा ही निकाय चुनावों में अध्यक्ष व मेयर पदों के अलावा सभासदों-पार्षदों के प्रत्याशियों को भी टिकट देती रही है, जबकि कांग्रेस केवल अध्यक्ष पद पर ही टिकट देती है।
सभासदों-पार्षदों को पार्टी का टिकट देने का नफा-नुकसान यह होता है कि हर वार्ड के समस्त मतदाता भाजपा व अन्य में बंट जाते हैं। यह भी होता है कि यदि किसी वार्ड में 10 सभासद या पार्षद के प्रत्याशी खड़े होते हैं तो भाजपा के एक प्रत्याशी के अलावा अन्य 9 प्रत्याशियों के वोट एक तरह से भाजपा के खिलाफ माने जाते हैं, तथा इनमें से कोई भी निर्दलीय प्रत्याशी जीतता है तो उसे विपक्षी व खासकर कांग्रेस का मान लिया जाता है। इसके साथ ही कई बार शेष नौ सभासदों को वोट देने वाले मतदाताओं के अध्यक्ष या मेयर के पद के लिए भी विरोधी उम्मीदवारों को वोट देने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए इस बार भाजपा सभासदों-पार्षदों को पार्टी टिकट न देने पर भी विचार कर रही है।
ऐसे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा हिंदू नव वर्ष की बधाइयां देने को निकाय चुनावों से जोड़कर, मतदाताओं से जुड़ने के प्रयासों के तौर पर देखा जा रहा है।
‘समय’ पर भारत का समृद्ध ज्ञान :
श्रीमद्भागवत् के तृतीय सर्ग के एकादश अध्याय के अनुसार-सृष्टि का सबसे सूक्ष्मतम अंश परमाणु होता है, दो परमाणु मिलकर एक अणु बनाते है। तीन अणुओं के मिलने से एक ‘त्रसरेणु’ तथा तीन त्रसरेणु को पार करने में सूर्य को जितना समय लगता है उसे ‘त्रुटि’ कहते है। त्रुटि का सौ गुना काल ‘बेध’ कहलाता है। तीन बेध का एक ‘लव’ होता है। तीन लव से एक ‘निमेष’ तीन निमेष से लव का ‘क्षण’ पाँच क्षण का एक ‘लघु’ तथा 15 लघु की एक ‘नाड़िका’ दो नाड़िकाओं का एक ‘मुहूर्त’ होता है। छः या सात नाड़िकाएँ मिलकर ‘प्रहर’ बनाती है। यह प्रहर ‘याम’ कहलाता है, जो मनुष्य के दिन-रात का चौथा भाग होता है। चार-चार प्रहर के दिन-रात होते है। 15 दिन-रात का एक ‘पक्ष’ होता है। यह ‘कृष्ण-पक्ष’ एवं ‘शुक्ल पक्ष’ यानी दो प्रकार का होता है। दो पक्षों का एक ‘मास’ होता है। दो मास की एक ‘ऋतु’ होती है। छः मास अर्थात तीन ऋतुओं का एक ‘अयन’ होता है। यह अयन ‘उत्तरायण’ एवं ‘दक्षिणायन’ यानी दो प्रकार का होता है। दो अयन मिलकर एक ‘वर्ष’ बनाते हैैं। इसके अलावा ‘विष्णु पुराण द्वितीय अंश’ में वर्णित प्राचीन भारतीय काल-गणना के अनुसार ‘15 निमेष की एक काष्ठ, 30 काष्ठ की एक कला, 30 कला का एक मुहूर्त एवं 30 मुहूर्त का एक सम्पूर्ण दिन-रात्रि बनता है। सूर्याेदय से लेकर तीन मुहूर्त की गति के काल को प्रातः काल कहते है। यह सम्पूर्ण दिन का पाँचवा भाग होता है। इस प्रकार प्रातः काल के तीन मुहूर्त का समय सग्ङव कहलाता है तथा संग्ङवकाल के तीन मुहूर्त का मध्याह्न होता है। अपराह्न के बीतने पर सायंकाल आता है।’ समय ज्ञात करने के लिए भारत में सदियों पूर्व जल घड़ी का प्रयोग किया जाता था। जिसके लिए तांबे के बर्तन में छेद कर दिया जाता था, जिसमें सोने की 4 अंगुल लम्बी सलाई से बर्तन के पैंदे में छेद कर दिया जाता था तथा जब वह पूरी तरह भर जाता, जल में डूब जाता, उतने समय को एक नाड़िका कहा जाता था। जबकि वर्तमान मानव सभ्यता 1500-1300 ईसवी पूर्व मिश्र में सूर्य घड़ी का और सन् 1325 में मिश्र में ही पहली घड़ी का अविष्कारकर पाई। कहने की जरूरत नहीं कि जब शेष विश्व के लोग दिन, रात, मास, तक के नाम नही जानते थे, भारतीय मनीषियों ने काल गणना के सुक्ष्म रूप से लेकर ब्रह्माण्ड से प्रलय तक की दीर्घतम गणना कर ली थी। समय गणना में सौर मण्डल को 360 अंशों में बाँटा गया और फिर इन 360 अंशों को 30-30 अंशों की बारह राशियाँ समय गणना के लिए तीन शब्द घंटा, मिनट, सेकेेड प्रचलित है। जिन्हें संस्कृत भाषा में ‘अहोरात्र’ के नाम से जाना जाता है। अहोरात्र का अर्थ-दिन-रात से है। जबकि घंटे के लिए ‘होरा’, मिनट के लिए ‘निमेज’ तथा सेकेंड के लिए ‘अनिमेष’ शब्द का प्रयोग किया गया है। एक अहोरात्र का मान 60 घड़ी या 24 घंटे होता है। दिनों का नाम सौर मण्डल मे स्थित ग्रहोें के आधार पर रखा गया, जो उनकी गति से निर्धारित होता है। सूर्य सौर मंडल का मुख्य ग्रह है, इसलिए प्रथम दिन रविवार कहलाता था इसी प्रकार मंगल, बुध, गुरू, शुक्र, व शनिवार निर्धारित होते है। चार सप्ताह को मिलाकर एक मास, बारह महीनों को मिलाकर एक वर्ष बनता है। भारत में मासों (माह) का नामकरण चन्द्रमा के बारह भ्रमण अवधि वृत्तों पर आधारित है, जो यूरोपीय मासों की अपेक्षा कई अधिक वैज्ञानिक है। प्रत्येक मास की पूर्णिमा तिथि को चन्द्रमा जिस नक्षत्र का भोग करता है उसी के अनुसार उस मास का नाम पड़ जाता है जैसे-चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा ‘चित्रा’ नक्षत्र में रहता हैं अतः उस मास का नाम पड़ गया ‘चैत्र’ इसी प्रकार शेष ग्यारह मासो की पूर्णिमा तिथि को चन्द्रमा क्रमशः विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा श्रावण, पूर्वभाद्रपद अश्विनी, कृतिका, मृगशिरा, पुण्य, मघा, तथा पूर्वाफाल्गुनी में स्थित होता है। अतः इन मासों का नाम- चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़ श्रावण, भाद्रपद, अश्विनि, कार्तिक, मार्गाशीर्ष, पौष, माघ तथा फाल्गुन पड़े। अग्नि पुराण के अनुसार-60 सम्वत्सर का पहला मण्डल समाप्त हो जाने के पश्चात अलग मण्डल पुनः इन्ही नामों से जाना जाता है।
इस प्रकार देखा जाए तो भारतीय संस्कृति सबसे प्राचीन तथा इसकी काल गणना अत्यन्त सूक्ष्म है। जबकि वर्तमान समय में लोक प्रचलित-‘‘ग्रेगोरियन कलैंडर’’ को वर्तमान स्वरूप 1752 ई॰ में ‘पोप ग्रेगरी’ ने दिया था। तभी से इसे ‘ग्रेगरियन कलैंडर’ कहा जाता है। इसके पहले इसमें समय-समय में संशोधन होते रहे। ईसा के जन्म के बाद ही जनवरी को पहला मास माना गया, जबकि इसके पूर्व ईस्वी कलैंडर भी मार्च से प्रारम्भ होता था जो भारतीय चैत्र के समकालीन था। ग्रेगोरियन कलेंडर में आज भी सितम्बर (7वां) अक्टूबर (8वाँ) आदि नाम वैसे ही हैं, जब कि वे अब नवें तथा दसवें माह हैं।