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November 24, 2024

फिल्म एवं नाट्य महोत्सव में नुक्कड़ नाटक (Natak) ‘नशा नहीं-कभी नहीं’ एवं ये आदमी (लाटा) फिल्म का प्रदर्शन

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Natak

नवीन समाचार, नैनीताल, 4 जनवरी 2024 (Natak) डा. लीलाधर भट्ट कल्याण समिति व मंच थिएटर नैनीताल के तत्वावधान में नगर के मल्लीताल स्थित बीएम साह ओपन ओपन एअर थिएटर में 3 व 4 जनवरी को फिल्म एवं नाट्य महोत्सव आयोजित किया गया।

डॉ. लीलाधर भट्ट कल्याण समिति व मंच थियेटर नैनीताल द्वारा आयोजित शरद नाट्य  महोत्सव शुरू । 5 नवम्बर तक ए-वन होटल मल्लीताल में होगा नाटकों का ...इस महोत्सव के तहत 3 जनवरी को लघु फिल्म जागते रहो, फाइंडिंग माइसेल्फ, चित्रकार, यात्रा व देवीधुरा बग्वाल पर डॉक्यूमेंट्री तथा 4 जनवरी को मंच थिएटर के कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटक (Natak) ‘नशा नहीं-कभी नहीं’ एवं ये आदमी (लाटा) फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

नुक्कड़ नाटक (Natak) में इदरीश मालिक, अजय पवार, विनोद देशपांडे, मुकेश धस्माना, पवन कुमार, नीरज डालाकोटी, सतीश त्रिवेदी, ओशीन मालिक, बबीता बिष्ट, गीता परगाई, धीरज आर्या, कृष्णा, बाल कलाकार मायरा व अरहान ने अपने अभिनय से और अजय कुमार व कपिल ने संगीत से नाटक में जान डाल दी। सभी कलाकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित एवं उपस्थित विशिष्ठ अतिथियों को शाल ओढाकर सम्मानित किया गया।

मुख्य अतिथि नैनीताल के डीएसबी परिसर के पूर्व छात्र व डा. लीलाधर भट्ट कल्याण समिति के अध्यक्ष राज भट्ट ने कलाकार मुकेश धस्माना जी को 25000 रुपये प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की। कुमाउनी लोक गायक गोविंद डिगारी व उनकी धर्मपत्नी खुशी ने दर्शकों की मांग पर अपने प्रसिद्ध गीत ‘अल्मोड़ा अंग्रेज आयो टेक्सी में’ गाकर दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया।

आयोजन में मंच संस्था की सचिव कमल निज्जर मलिक, निर्देशक इदरीश मलिक, नगर के वरिष्ठ रंगकर्मी राजेश आर्य, हरीश राणा, मंजूर हुसैन, मिथिलेश पांडे, दिलावर सिराज, डॉ.मोहित सनवाल, अनवर रजा, पवन कुमार, जावेद हुसैन, अजय पवार, गीता परगाई, नीरज डालाकोटी, किशन लाल, बबीता बिष्ट, ओशीन मलिक, मारया, अनु, मनोज साह ‘टोनी’, जुल्फिकार सिद्दीकी, हिमांशु चाहिवाल,

पंकज भट्ट, जीविका राज, लीला राज, सुमन कीर्ति, मोहन लाल, सुनील कुमार, फैजान, खुर्शीद हुसैन, अर्चना शाह, भुवनेश्वरी, गोपाल, नवीन, सुरेश बिनवाल मदन मेहरा, डीके शर्मा, कौशल साह, दीपक सहदेव, अनुराधा भट्ट, पाटनी, आदित्य अग्रवाल, दीप पंत व अजय भट्ट आदि कलाकारों ने अपना योगदान दिया।

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यह भी पढ़ें : Natak: शरद नाट्य महोत्सव में पार्क, बैंड मास्टर व बड़े भाई साहब की हुईं प्रस्तुतियां

नवीन समाचार, नैनीताल, 28 अक्टूबर 2023 (Natak)। डॉ. लीलाधर भट्ट कल्याण समिति व मंच थिएटर नैनीताल द्वारा नगर के एवन स्टूडियो में 26 अक्टूबर से दो नवंबर तक शरद नाट्य महोत्सव आयोजित किया जा रहा है।

शनिवार को नाट्य महोत्सव में कानपुर की संस्था ‘नाट्य वस्तु ने ‘पार्क नामक नाटक प्रयागराज से आये विनोद रस्तोगी स्मृति संस्था के परिमल दत्ता द्वारा लिखित ‘बैंड मास्टर नामक नाटक (Natak) एवं मुंबई व स्थानीय कलाकारों ने ‘बड़े भाई साहब नाटकों (Natak) का मंचन किया। दर्शकों ने इन प्रस्तुतियों को काफी सराहा।

शरद नाट्य महोत्सव में पार्क, बैंड मास्टर व बड़े भाई साहब की हुईं  प्रस्तुतियांइस अवसर पर नाटक (Natak) देखने आये स्थानीय विद्यार्थियों को मुंबई से आए बॉलीवुड कलाकार अतुल श्रीवास्तव, हेमंत पांडे, इश्तियाक खान व अन्नपूर्णा ने अभिनय के गुर भी सिखाये। सीखे। साथ में बॉलीवुड कलाकार जी शामिल रहे।

इसके अलावा मुंबई से आए कलाकार सतीश त्रिवेदी व स्थानीय कलाकार मोहम्मद जावेद हुसैन द्वारा संयुक्त रूप से प्रेमचंद द्वारा लिखित नाटक (Natak) ‘बड़े भाई साहब नाटक (Natak) का मंचन किया गया। आज की नाट्य प्रस्तुतियों का शुभारंभ बॉलीवुड के एनएसडी स्नातक अभिनेता ज्ञान प्रकाश ने दीप प्रज्वलित कर किया।

इस अवसर पर मंच संस्था के सचिव कमल निज्जर मलिक के साथ मंच के निर्देशक इदरीश मलिक व नैनीताल के वरिष्ठ रंगकर्मी राजेश आर्य, हरीश राणा, मंजूर हुसैन, अनिल घिल्डियाल, पवन कुमार, अजय पवार, गीता परगाई, किशन लाल, मनोज शाह (टोनी), जुल्फिकार सिद्दीकी, जीविका राज, लीला राज, सुमन कीर्ति, मोहन लाल, सुनील कुमार, फैजान, खुर्शीद हुसैन, आदिल खान, अर्चना साह, भुवनेश्वरी, गोपाल व नवीन आदि कलाकार उपस्थित रहे।

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यह भी पढ़ें : Natak : बाल कलाकारों ने प्रस्तुत की ‘लाख की नाक’, जानें कैसी रही प्रस्तुति ?

-युगमंच के तत्वावधान में आयोजित हुआ सर्वेश्वर दयाल सक्सेना द्वारा लिखित नाटक (Natak)
नवीन समाचार, नैनीताल, 4 अक्टूबर 2023 (Natak) । देश के डेढ़ दर्जन से अधिक एनएसडी यानी राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय स्नातकों की प्रारंभिक नाट्य कर्म की पाठशाला रही, पहाड़ की लोक शैली को भी आगे बढ़ाती रही, अपनी स्थापना के 45 वर्ष पूर्ण कर चुकी नगर की प्रतिष्ठित नाट्य संस्था युगमंच के तत्वावधान में सर्वेश्वर दयाल सक्सेना के नाटक (Natak) ‘लाख की नाक’ का प्रस्तुतीकरण हुआ। देखें पूरा नाटक (Natak) :

युगमंच के अध्यक्ष जहूर आलम के अनुसार यह प्रस्तुति नगर के कलाकारों की नई पौध यानी बाल कलाकारों द्वारा नगर के सबसे पुराने सीआरएसटी इंटर कॉलेज के सभागार में गत दिनों दिवंगत हुये नगर के छायाकार व रंगकर्मी अमित शाह को समर्पित रही।

Natak Lakh ki Naak
नाटक ‘लाख की नाक’ के एक दृश्य में बाल कलाकार।

संगीतकार नवीन बेगाना के निर्देशन एवं युगमंच के सचिव मनोज कुमार के सह निर्देशन में आयोजित हुई इस प्रस्तुति में संगीत पक्ष काबिले तारीफ रहा। अलबत्ता नाटक (Natak) ‘लाख की नाक’ भ्रष्टाचार की बड़ी समस्या को रेखांकित एवं प्रस्तुत करने के बावजूद भ्रष्टाचार को ‘नाक’ या ‘लाख की नाक’ के साथ जोड़े जाने को वर्तमान दौर के लिहाज से स्पष्ट नहीं कर पाया और भ्रष्टाचार पर मारक कटाक्ष-व्यंग्य करने की जगह बच्चों का हास्य नाटक (Natak) अधिक नजर आया। बहरहाल, नाटक ‘नाक को कटने से बचाने’ का संदेश देते हुए सम्पन्न होता है।

अलबत्ता नट-नटी के रूप हर्षित जोशी व योगिता तिवारी, लोहार के रूप में रोहन पवार, राजा के रूप में प्रियांशु बिष्ट व मंत्री के रूप में काव्या जोशी का अभिनय उल्लेखनीय रहा। मोनिका, प्रियांशु बिष्ट, अनन्या शर्मा, कुनुद, आरोही, काव्यांश कुमार, विदिशा जोशी, हिमांशी करायत, वाणी, याशिका, स्तुति, प्रत्यूश अधिकारी, वरदान अधिकारी, जेशमिका बिष्ट, चंद्रिका वर्मा, भूमिका बुधलाकोटी, पंकज आर्या व लवन्या बंगारी ने भी प्रभावित किया।

नाटक (Natak) के प्रस्तुतीकरण में डीके शर्मा, जितेंद्र बिष्ट, भास्कर बिष्ट, मदन मेहरा, रोहित वर्मा, अदिति खुराना के साथ कनिका रावत, संजय कुमार, गौरव कुमार, पूजा, ऋचा, संगीता, भूमिका, रवि, रोहित, निष्कर्ष, मीनाक्षी बंगारी आदि ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। संचालन हेमंत बिष्ट ने किया। पद्मश्री अनूप साह ने शारदा संघ के अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र बिष्ट व राजीव लोचन साह आदि के साथ प्रतिभागी कलाकारों को प्रमाण पत्र व उपहार देकर सम्मानित किया। 

यह भी पढ़ें (Natak) : “नगाड़े खामोश हैं” नाटक (Natak) का युगमंच द्वारा नैनीताल में हुआ भव्य मंचन

नवीन समाचार, नैनीताल, 18 दिसंबर 2022। लोक कथाओं एवं लोक संस्कृति संगीत सामाजिक मुद्दों को अपनी लेखनी से जीवंत करने वाले जनकवि गिर्दा द्वारा नाटक (Natak) “नगाड़े खामोश हैं” का मंचन युग मंच के कलाकारों द्वारा संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से नैनीताल के शैले हॉल में रविवार को किया गया।

(Natak) नाटक का नाट्य रूपांतरण प्रदीप पांडे द्वारा किया गया है। युग मंच के आधार स्तंभ जहूर आलम के निर्देशन में संगीत निर्देशन नैनीताल के प्रसिद्ध संगीतकार नवीन बेगाना तथा सहायक निर्देशक के रूप में जितेंद्र बिष्ट, भास्कर बिष्ट एवं मनोज कुमार द्वारा योगदान दिया गया।

(Natak) नाटक में ऐतिहासिक पात्रों को जीवंत रूप देते हुए महारानी भद्रा की भूमिका में अदिति खुराना, रानी रूपाली की भूमिका में ज्योति धामी, लली दूध केला के ऐतिहासिक किरदार में संगीता बिष्ट, बफौल माता में रिचा सनवाल, सहित लता त्रिपाठी, अवंतिका नेगी का अभिनय देखने योग्य रहा।

पुरुष पात्रों में डांगरिया की भूमिका में दीपक टम्टा, रमौलिया एवं मल्ल के रूप मे मनोज कुमार एवं डॉ. मोहित सनवाल, राजा काली चंद की भूमिका में दीपक सहदेव, मंत्री के रूप में अमित शाह, देव के रूप मे मनोज कुमार चौनियाल, सैनिक के रूप में सुरेश चंद्र बिनवाल सहित राज कवि की भूमिका में वरिष्ठ कलाकार भास्कर बिष्ट का अभिनय यादगार रहा।

(Natak) नाटक को मूर्त रूप देने में नेपथ्य से संगीत पक्ष में नवीन बेगाना के नेतृत्व में संजय कुमार, रवि नेगी, अमन महाजन, भुवन कुमार राजू आर्या सहित कोरस टीम में संगीता बिष्ट, भूमिका टम्टा, रिचा सनवाल, पूजा आर्या, हर्ष सहदेव, आकाश आदि द्वारा योगदान दिया जा रहा है।

(Natak) प्रस्तुति को उत्कृष्ट बनाने में विभिन्न विभागों में सुनील कुमार, इंतखाब आलम, हेमंत मेहरा, अशोक कंसल, डॉ. हिमांशु पांडे, अभिषेक आदि द्वारा योगदान दिया जा रहा है। जबकि प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से डी एस ए, शारदा संघ, नैनीताल क्लब आदि के पदाधिकारियों एवं सदस्यों का सहयोग मिल रहा है। कार्यक्रम का संचालन राज्य कवि हेमंत बिष्ट द्वारा किया गया।

(Natak) नगाड़े खामोश हैं एक लोक धर्मी एवं प्रयोग धर्मी राजनीतिक नाटक (Natak) है। विख्यात रंग कर्मी गिरीश तिवारी “गिर्दा” ने बफौलो की गाथा को आज के संदर्भ में और सम सामयिक राजनीतिक स्थितियों को केंद्र में रखते हुए लिखा है। सरोवर नगरी में कलाप्रेमी दर्शकों द्वारा दमदार अभिनय एवं अति विशिष्ट संगीत हेतु नाटक (Natak) को विशेष रूप से सराहा गया।

(Natak) नाट्य की प्रस्तुति के दौरान विशिष्ट अतिथियों के रूप में भीमताल की डॉo शबाना अंसारी, राजीव शाह, प्रभात शाह गंगोला, राजेश शाह, त्रिभुवन फर्त्याल, जगमोहन जोशी मंटू, राजेन्द्र खुराना, विनोद, पीयूष, पंकज, सहित विभिन्न रंग मंचों के कलाकार एवं कला प्रेमी उपस्थित थे। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें (Natak) : भारतीय शहीद सैनिकों की ‘बड़े भाई साहब’ और ‘दाज्यू’ से हुई मुलाकात

(Natak) भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय में नाटकों की प्रस्तुति के दौरान बच्चे।नवीन समाचार, नैनीताल, 12 नवंबर 2022 (Natak) । रचनात्मक शिक्षक मण्डल उत्तराखण्ड की पहल पर सांस्कृतिक टीम ‘उज्यावक दगड़ी’ यानी उजाले के साथी रामनगर के तत्वावधान में शनिवार को मुख्यालय के भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय में मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘बड़े भाई साहब’ व शेखर जोशी की कहानी ‘दाज्यू’ का मंचन किया गया। यह भी पढ़ें : प्रमुख होटल व्यवसायी की कार दुर्घटना में मौत, सीएम ने भी जताया शोक

(Natak) उल्लेखनीय है कि कुमाउनी भाषा में दाज्यू शब्द को बड़े भाई साहब के लिए ही प्रयोग किया जाता है। गौरतलब है कि प्रेमचंद लिखित ‘बड़े भाई साहब’ कहानी भारतीय शिक्षा व्यवस्था की सच्चाई को व्यंगात्मक तरीके से सामने रखती है।

जबकि शेखर जोशी की कहानी दाज्यू किसी बड़े शहर में एक ढाबे में नौकरी करने वाले बच्चे के अपने इलाके के एक ग्राहक से दाज्यू यानी बड़े भाई का भावनात्मक रिश्ता बनाने की कहानी है। दोनों कहानियां बाल मनोविज्ञान को बहुत ही बेहतरीन तरीके से सामने रखती हैं। यह भी पढ़ें : नैनीताल : सुबह-सुबह चोरी करता कैमरे में कैद हुआ चोर

उत्तराखंडी मूल के प्रसिद्ध लेखक युवा नाट्यकर्मी ललित बिष्ट द्वारा निर्देशित इन नाटकों (Natak) में सुमित कुमार, जतिन राजपूत, रोहित खत्री, अर्जुन नेगी, शीतल कश्यप, कशिश, महक अंसारी आदि ने विभिन्न भूमिकाएं निभाईं। इससे पूर्व ज्योति फर्त्याल, प्राची बंगारी, हिमानी बंगारी, आकांक्षा सुंदरियाल ने

गत दिवस उत्तराखंड गौरव सम्मान प्राप्त करने वाले प्रदेश के दिवंगत जनकवि गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ के गीत ‘उत्तराखण्ड मेरी मातृभूमि’ सहित वीरेन डंगवाल, बल्ली सिंह चीमा व जहूर आलम के गीत प्रस्तुत किए। यह भी पढ़ें : छात्रा पर युवक डाल रहा धर्म परिवर्तन कर निकाह करने का दबाव, जलाकर मार डालने की भी दे रहा धमकी

(Natak) कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुमाऊं विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के सदस्य एडवोकेट कैलाश जोशी, शिक्षक मण्डल के संयोजक नवेन्दु मठपाल, विद्यालय के प्रधानाचार्य बिशन सिंह मेहता, प्रवीण सती, आलोक कुमार, डॉ. प्रह्लाद, डॉ. नीलम जोशी, डॉ. रेनू बिष्ट, मो. शाहनवाज व गोबिंद बोरा मौजूद रहे। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें (Natak) : नैनीताल नगर पालिका अध्यक्ष ने साफ की ओपन एयर थियेटर में नाट्य कार्यक्रमों को लेकर स्थिति

कहा-ईओ से अभद्रता करने वालों के अलावा ओपन एयर थियेटर में सभी रंगकर्मियों का स्वागत: पालिकाध्यक्ष
नवीन समाचार, नैनीताल, 16 अक्तूबर 2022 (Natak) । ननैनीताल नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी अशोक कुमार वर्मा के साथ गत 13 अक्टूबर को कार्यालय में घुसकर कुछ रंगकर्मियों के द्वारा किए गए अभद्र व्यवहार पर नगर पालिका के अध्यक्ष सचिन नेगी ने प्रेस को अपना बयान जारी किया है।

श्री नेगी ने कहा कि इदरीस मलिक, पवन, जावेद व अन्य ने गत 13 अक्टूबर को पालिका ईओ वर्मा के साथ अभद्र व्यवहार व अभ्रद भाषा का प्रयोग किया गया एवं सरकारी कार्य में बाधा डाली गयी। यह अत्यन्त निन्दनीय व अशोभनीय है। यह भी पढ़ें : बिग ब्रेकिंग: हल्द्वानी के 2 स्पा सेंटरों से मुक्त कराई गईं 10 युवतियां

(Natak) उन्होंने कहा है कि नगर पालिका ने इन लोगोंके विरुद्ध मल्लीताल कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसके क्रम में जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन द्वारा गतिमान कार्यवाही पर यह विचार किया गया है कि इन आरोपितों को छोड़कर किसी भी रंगकर्मी अथवा अन्य कलाकारों के द्वारा बीएम साह ओपन एयर थिएटर में कार्यक्रम किये जाने में नगर पालिका परिषद् नैनीताल को कोई आपत्ति नहीं है।

इन्हें छोड़कर अन्य रंगकर्मियों अथवा अन्य बाहरी कलाकारों के द्वारा यदि ओपन एयर थिएटर मे कार्यक्रम किये जाते हैं तो पालिका उनका स्वागत करती है। यह भी पढ़ें : सड़क पर खड़ी किसी अन्य की कार में नग्नावस्था में मृत मिला अज्ञात व्यक्ति ! 

(Natak) कार्यक्रम करने वाले रंगकर्मी अथवा अन्य कलाकार निर्धारित औपचारिकता पूर्ण कर पालिका की स्वीकृति के उपरान्त बीएम साह ओपन एयर थिएटर में कार्यक्रम कर सकते है, इसमें पालिका पूर्ण रुप से सहयोग करेगी। वहीं पूछे जाने पर श्री नेगी ने साफ किया कि न्यायिक तौर पर यह मामला चलने तक आरोपित रंगकर्मियों को बीएम साह ओपन एयर थिएटर में कार्यक्रम किये जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें (Natak) : थियेटर की नगरी में कल से लगेगा नाटकों का मेला..

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 14 सितंबर 2022(Natak) । थियेटर की नगरी भी कही जाने वाली सरोवर नगरी नैनीताल में आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर सुप्रसिद्ध लेखक अमृत लाल नागर के नवासे एवं लेखिका अमृता नागर के पुत्र, नैनीताल के रंगमंच से भावनात्मक तौर पर लंबे समय से जुड़े रहे स्वर्गीय विमलकांत नागर की स्मृति में अनुकृति रंगमंडल कानपुर की ओर से गुरुवार से चार दिवसीय अमृत नाट्य समारोह शुरू होने जा रहा है।

(Natak) इसमें नैनीताल की युगमंच व मधुबन आर्ट्स रंगमंच संस्थाएं भी सहयोग कर रही हैं। महोत्सव में स्वर्गीय विमलकांत की पत्नी व रंगकर्मी सविता शर्मा नागर और उनकी 22 वर्षीय बेटी मन्नत नागर भी शब्द यात्रा कार्यक्रम में मंचन करेंगीं।

(Natak) नगर के नवनिर्मित बीएम शाह ओपन एयर थिएटर में बुधवार को पत्रकार वार्ता में अनुकृति रंगमंडल के कार्यकारी सचिव डॉ. ओमेंद्र कुमार ने बताया कि 15 से 18 सितंबर तक शैले हॉल में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में दिल्ली, कानपुर सहित स्थानीय कलाकार लोकप्रिय नाटक (Natak) , कविताओं और कहानियों को प्रस्तुत करेंगे।

पहले दिन यानी 15 सितंबर को शब्द यात्रा, ‘बाप रे बाप’, 16 सितंबर को ‘डेढ़ इंच ऊपर’, ‘मैं नर्क से बोल रहा हूं’, ‘सड़क बन रही है’, 17 सितंबर को संबोधन नृत्य और निःशब्द कथासार तथा 18 सितंबर को समापन अवसर पर ‘पुरुष’ नाट्य की प्रस्तुति दी जाएगी।

(Natak) इस दौरान ओमेंद्र कुमार ने बताया कि वह वर्ष 1988 में ‘बाजे ढिंढोरा उर्फ खून का रंग’ नाटक (Natak) की प्रस्तुति देने नैनीताल आए थे। तब से उनका नैनीताल से आत्मीय रिश्ता बना हुआ है। प्रेस वार्ता के दौरान डॉ. मोहित सनवाल, सविता शर्मा नागर, राजेश अमरोही, उमेश शुक्ला, राकेश साह ‘काकू’, नवीन बेगाना, अदिति खुराना, अमित साह, नरेंद्र सिंह व दिलावर खान आदि रंगकर्मी मौजूद रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें (Natak) : बाल कलाकारों ने मंच पर साकार की मुंशी प्रेमचंद की ‘ईदगाह’, हामिद की भूमिका में काव्या ने किया दर्शकों को भावविह्वल

Imageडॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 7 अगस्त 2022 (Natak) । युगमंच एवं शारदा संघ के तत्वावधान में नैनीताल के शैले हाल में प्रेमचंद की अमर कहानी ईदगाह का मंचन बाल कलाकारों काव्या जोशी, विदिशा, संस्कृति पांडे, रिद्धि, संस्कार, अनन्या, काव्यांश, इंशा, शौर्य, वरदान, प्रत्युश, अनुश्री, आयाश, वाणी, आरोही व अंगिका आदि द्वारा बड़े ही मार्मिक अंदाज में किया गया।

(Natak) खासकर कहानी के मुख्य चरित्र हामिद की भूमिका में नगर के सेंट मेरीज कॉन्वेंट कॉलेज की 9वीं कक्षा की छात्रा काव्या जोशी ने ईद के मेले में भी पूरे दिन कुछ न खाकर अपनी दादी के लिए चिमटा लाकर दर्शकों को भाव विह्वल कर दिया।

(Natak) उल्लेखनीय है कि ईदगाह नाटक को बीते दो माह की बाल नाट्य कार्यशाला के बाद भास्कर बिष्ट के निर्देशन एवं नवीन बेगाना के संगीत निर्देशन में तैयार किया गया था। जबकि कहानी का नाट्य रूपांतरण राज्य कवि एवं उद्घोषक हेमंत बिष्ट द्वारा किया गया।

(Natak) नाटक के मंचन में बच्चों की प्रस्तुति को मुंबई से आये प्रसिद्ध निर्देशक अनिल दुबे, छोटे पर्दे के बड़े कलाकार मनोज जोशी, शारदा संघ के महासचिव घनश्याम लाल साह, राजीव लोचन शाह, मिथिलेश पांडे, उमेश तिवारी ‘विश्वास’, चारु तिवारी, आकाश नेगी, मदन मेहरा, दिलावर खान, डॉ. शेखर पाठक, राजा साह, डीके शर्मा, प्रभात गंगोला, मंजूर हुसैन, संजय कुमार, मुन्नी बानो सहित बड़ी संख्या में लोग बहुत दूर-दूर से लोग पहुचे।

(Natak) नाट्य प्रस्तुति सह निर्देशक के रूप में मनोज कुमार, अजय कुमार, जितेंद्र बिष्ट, अमित साह, अदिति खुराना, पवन कुमार, सुनील कुमार व हिमांशु पांडे आदि ने भी योगदान दिया। नाटक (Natak) के प्रस्तोता युगमंच के अध्यक्ष जहूर आलम ने सभी बाल कलाकारों को बधाई देते हुए सभी अभिभावकों एवं आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें (Natak) : युगमंच के प्रयासों से मंच पर जीवंत हो उठी कुमाऊं की प्रसिद्ध पौराणिक लोकगाथा ‘राजुला मालूशाही’

राजुला-मालूशाही प्रेमगाथा,Love story of Rajula-Malushahi,Uttarakhand Gk  ,उत्तराखंडसामान्यज्ञान, #Utt - YouTubeडॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 28 दिसंबर 2021 (Natak) । नैनीताल की नाट्य संस्था युग मंच द्वारा कुमाऊं की प्रसिद्ध पौराणिक लोक गाथा ‘राजुला मालूशाही’ को नाट्य रूपांतरण कर आकर्षक रूप में प्रस्तुत किया। ‘ख्वाब एक उड़ता हुआ परिंदा था’ नाम से डॉ. हरीश सुमन द्वारा लिखित नाट्य कृति को जहूर आलम के निर्देशन एवं संगीतकार नवीन बेगाना के संगीत निर्देशन में शैले हॉल में प्रस्तुत किया गया। सह निर्देशक के रूप में जितेंद्र बिष्ट, भास्कर बिष्ट एवं मनोज कुमार ने योगदान दिया।

(Natak) संगीत नाटक अकादमी के सहयोग से प्रस्तुत इस नाटक (Natak) में राजुला की भूमिका में कल्याणी गंगोला एवं मालूशाही के किरदार में रोहित वर्मा की दमदार अदाकारी सराहनीय रही। सुनपति की भूमिका में डीके शर्मा, दुलाशाही की भूमिका में भास्कर बिष्ट, रानी धर्मा के रूप में खुशी सहदेव,

विक्की पाल की भूमिका में मोहित सनवाल, सिदुवा-बिदुवा के रूप में कौशल शाह एवं पवन कुमार, मंत्री के रूप में विकास भट्ट, नरहरि सचदेव की भूमिका में अमित साह, गुरु गोरखनाथ के रूप में नीरज डालाकोटी, अनुचर के रूप में मनोज कुमार के साथ ही आयुशी नेगी, ऋचा सनवाल व विश्वेश गंगोला ने भी जीवंत अभिनय किया।

(Natak) उद्घोषक के रूप में हेमंत बिष्ट सहित आयोजन में प्रदीप पांडे, सुनील बोरा, राजा साह, हिमांशु पांडे, संगीत में संजय आर्या, रवि नेगी, भुवन चंद्रा, संगीता बिष्ट, कामाक्षी अलचौनी, अशोक कंसल, रफत आलम आदि ने भी आयोजन में योगदान दिया। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें (Natak) : कलाकारों ने की ओपन एयर थियेटर के डिजाइन के साथ रंगमंच के उन्नयन पर हुई चर्चा…

-राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय दिल्ली के तत्वावधान में बाल नाट्य कार्यशाला आयोजित करने पर भी विचार
नवीन समाचार, नैनीताल, 22 मई 2021 (Natak) नगर के मल्लीताल में स्थित बीएम शाह ओपन एयर थिएटर के काफी समय से रुके नननिर्माण को लेकर नगर के रंगकर्मियों थिएटर का डिजाइन तैयार करने वाले आर्किटेक्ट से वार्ता की और थियेटर के निर्माण में आवश्यक जरूरतों की ओर ध्यान आकृष्ट किया।

(Natak) रंगकर्मी इदरीस मलिक ने सुझाव दिया कि थिएटर के साथ कलाकारों के लिये ड्रेसिंग रूम, मेक अप रूम, लाइट-साउंड बूथ तथा स्टेज की छत बहुत महत्वपूर्ण हैं, लिहाजा इन्हें भी डिजाइन में शामिल किया जारा आवश्यक है। अर्किटेक्ट की ओर से कहा कि इन सुझावों को डीएम के समक्ष रखा जाएगा एवं उनकी सहमति के पश्चात् अमली जामा पहनाया जायेगा। श्री मलिक ने ओपन एयर थिएटर में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय दिल्ली द्वारा आयोजित होने वाली बाल नाट्य कार्यशाला का निर्देशन करने की बात भी कही। इस पर भी विचार हुआ।

(Natak) इस दौरान रंगकर्मियों ने लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये राज्य के लोक कलाकारों के लिए तकनीकी प्रशिक्षण की कार्यशाला आयोजित करने सहित कला के कई आयामों पर चर्चा भी की। वरिष्ठ रंगकर्मी डीके शर्मा, किशन लाल व रोहित वर्मा ने परम्परागत वाद्य यंत्रों, लोक गाथाओं का मंचन, लोक परिधानों को संजोने, लोक एवं आधुनिक तकनीक को मिलाकर उसका मंचीकरण करने पर, अजय पवार व अमित साह ने ओपन थिएयर में साप्ताहिक लघु फिल्म शो आयोजित करने तथा

(Natak) उत्तराखंड की कहानियों का फिल्मांकन, स्क्रिप्ट, अभिनय, कैमरा आदि पर, मो. खुर्शीद हुसैन ‘आजाद’ ने स्क्रिप्ट राइटिंग व शॉट डिवीजन पर, मो. जावेद हुसैन, अनवर रजा व नीरज डालाकोटी ने स्टेज क्राफ्ट व परिधान के विषय पर, नासिर अली व अनमोल नेगी ने उत्तराखंड की पेंटिंग, ऐपण व परिधानों को मंच पर प्रस्तुत करने पर विचार रखे। इस मौके पर प्रशासन की ओर से आर्किटेक्ट रक्षित जोशी, ठेकेदार सर्वप्रिय कंसल, गोपाल बिष्ट आदि लोग उपस्थित रहे।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 18 फरवरी 2021 (Natak) नैनीताल के बेटे, दिवंगत सिने अभिनेता निर्मल पांडे ‘नानूदा’ को बृहस्पतिवार को उनकी 11वीं पुण्यतिथि पर ‘कविता-नाटक’ के नए माध्यम से श्रद्धांजलि दी गई। उनके पैतृक घर के पास मल्लीताल श्रीरामसेवक सभा के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में इस अवसर पर हमेशा की तरह ‘प्रयोगांक’ संस्था के कलाकारों ने मदन मेहरा के निर्देशन में सुप्रसिद्ध साहित्यकार धर्मवीर भारती की कविता ‘मुनादी’ का नाट्य प्रस्तुतीकरण किया।

(Natak) इसके अलावा नरेश चम्याल ने गणेश वंदना और सतीश पांडे ने भजन प्रस्तुत किए। साथ ही अजय कुमार, सोनी जंतवाल, सीआरएसटी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य मनोज पांडे और वरिष्ठ होलियार राजा साह आदि होली गायन किया। इस मौके पर अनिल घिल्डियाल, जहूर आलम, मंजूर हुसैन, हरीश राणा, डीके शर्मा व स्व. नानुदा के बड़े भाई मिथिलेश पांडे ने स्व.निर्मल पांडे को उनके जीवन के अनछुए पहलुओं को याद कर श्रद्धांजलि दी।

(Natak) इस मौके पर रामसेवक सभा के अध्यक्ष मनोज साह, महासचिव जगदीश बवाड़ी, व्यापार मंडल अध्यक्ष किशन नेगी, पूर्व चेयरमैन मुकेश जोशी, इदरीश मलिक व मुकेश धस्माना आदि नगर के रंगकर्मी, लेखक और वरिष्ठ नागरिक भी श्रद्धांजलि देने को मौजूद रहे।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 22 जनवरी 2021 (Natak) नैनीताल में लंबे समय से की जा रही ओपन थियेटर की मांग अब पूरी होने जा रही है। क्षेत्रीय विधायक संजीव आर्य ने बताया कि शहर के रंगमंच एवं नाट्य कला से जुड़े रंगकर्मियों की ओर से निरंतर ओपन थियेटर की मांग की जा रही थी। इस मांग को अमलीजामा पहनाते हुए शीघ्र ही नगर के मल्लीताल स्थित बीएम शाह पार्क में 36 लाख की लागत से शहर का पहला ओपन एयर थियेटर बनाया जाएगा।

(Natak) उन्होंने बताया कि कार्यदायी संस्था पेयजल निर्माण निगम ने इसके निर्माण के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई पूरी कर ली है। इसकी ड्रॉइंग बना ली गई है। निविदा हो चुकी है। इसी माह के आखिर से काम शुरू होने और चार माह में ओपर एयर थियेटर के अस्तित्व में आने की उम्मीद है। इसमें कलाकारों के लिए चेंजिंग रूम तथा कला का प्रदर्शन करने के लिए फैब्रिकेटेड छत एवं दर्शकों के बैठने के लिए सीढ़ी नुमा प्रबंध होगा।

(Natak) उन्होंने बताया कि अधिकतर कार्य फैब्रिकेटेड होंगे। मंच पर रोशनी की बेहतर प्रभाव युक्त व्यवस्था होगी। इसके लिए उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री का हार्दिक आभार जताया है, एवं रंगकर्मियों को बधाई दी है। उल्लेखनीय है कि 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शरदोत्सव के मंच से नगर में निर्मल पांडे के नाम से थियेटर बनाने की घोषणा की थी, लेकिन अपने कार्यकाल में वे यह कार्य शुरू भी नहीं कर पाए।

यह भी पढ़ें (Natak) : पहाड़ में बाघ से भी खतरनाक हैं कई, जिनसे आती है ‘बाघैन’, नवीन जोशी की कहानी का प्रस्तुतीकरण कल

नवीन समाचार, नैनीताल, 20 नवम्बर 2020(Natak) सांस्कृतिक संस्था युगमंच’ की पहल पर हर शनिवार ’कोरोना काल का रंगमंच’ के नाम से संचालित कहानी श्रृंखला के तहत इस शनिवार सुप्रसिद्ध लेखक नवीन जोशी की कहानी ’बाघैन’ को प्रस्तुत किया जाएगा। कहानी का ’निर्देशन और अभिनय’ युगमंच के बहुमुखी कला के धनी कलाकार भास्कर बिष्ट के द्वारा किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भास्कर युगमंच द्वारा आयोजित कई बाल नाट्य शिविरों तथा कई नाटकों का निर्देशन कर चुके हैं।

(Natak) युगमंच के जहूर आलम ने बताया कि देश की पहाड़ी बोलियों में हर स्थिति व हर गंध के लिए अद्भुत खास शब्द हैं जो इन्हीं नागर भाषाओं में मिलते हैं। जैसे पहाड़ में कपड़ा जलने की गंध को किडैन, कुत्ते की गंध को कुकरैन और इसी प्रकार बाघ के आने पर उसके शरीर की गंध को कुमाउनी में बाघैन कहते हैं। पहाड़ वासियों को बाघ से खतरा तो है लेकिन उस जानवर से भी ज्यादा खतरनाक कौन है इसी को बाघैन कहानी चिन्हित करती है।

(Natak) बहुचर्चित रचनाकार नवीन जोशी की नई कहानी बाघैन अपने शशक्त कथ्य के साथ ही पहाड़ की मिट्टी की सुगंध भी महसूस कराती है। कहानी के प्रस्तुतीकरण में युगमंच के जहूर आलम, जितेन्द्र बिष्ट, प्रदीप पांडे, हेमंत बिष्ट, नवीन बेगाना, मनोज कुमार, हिमांशु पांडे, बृजेश जोशी, अशोक कुमार, रफत आलम, विनीता यशस्वी व दीपा पांडे, आदि द्वारा भी योगदान दिया जा रहा है।

यह भी पढ़ें (Natak) : ‘कोरोनाकाल का रंगमंच’ के तहत प्रस्तुत हुई हरिशंकर परसाई की कहानी.

नवीन समाचार, नैनीताल, 10 अक्टूबर 2020 (Natak) साहित्यिक संस्था युगमंच की पहल कर ‘कोरोना काल का रंगमंच’ के नाम से संचालित कहानी श्रृंखला के चौथे पड़ाव की प्रस्तुति में जन सरोकारों को अपनी रचनाओं में उकेरने वाले महान साहित्यकार हरिशंकर परसाई की कहानी ‘सड़क बन रही है’ को प्रस्तुत किया गया।

(Natak) कहानी का निर्देशन और अभिनय युगमंच के अनुभवी कलाकार मनोज कुमार ‘मनु’ ने करते हुए सम सामयिक परिस्थितियों पर करारा कटाक्ष करते हुए सजीव भावाभिव्यक्ति की। देखें नाटक(Natak) -‘सड़क बन रही है’ :

(Natak) ‘सड़क बन रही है’ कहानी के माध्यम से समाज की बहुत सारी विद्रूपताओं व भ्रष्टाचार को बहुत ही सरल लहजे व चुटीले अन्दाज में प्रस्तुत किया गया। कहानी प्रारंभ से अंत तक दर्शकों को बांधे रखती है। कहानीकार का परिचय हेमंत बिष्ट ने किया। कहानी को प्रस्तुत करने में युगमंच के जहूर आलम व जितेन्द्र बिष्ट के मार्गदर्शन में हिमांशु पांडे ‘मित्र,’ भास्कर बिष्ट, नवीन बेगाना, बृजेश जोशी, ध्रुव, हिमांशु पांडे, अशोक कुमार, रफत आलम आदि द्वारा भी योगदान दिया गया।

यह भी पढ़ें (Natak) : ‘जागो रे जिन जागणा’ के साथ शुरू हुई युगमंच की कहानी श्रृंखला की दमदार शुरुआत

सैकड़ों लोगों ने ऑनलाइन सराही प्रस्तुति, अगली प्रस्तुति होगी ‘क्वारंटीन’
नवीन समाचार, नैनीताल, 20 सितंबर 2020 (Natak) ’कोरोना काल का रंगमंच, द शो मस्ट गो आन उर्फ नाटक (Natak) जारी है’ के नाम से नैनीताल की सुप्रसिद्ध नाट्य-रंगमंच संस्था युगमंच की पहल पर ऑनलाइन माध्यम पर एक नया प्रयोग करते हुए कहानी श्रृंखला की दमदार शुरुआत शनिवार से हुई।
देखें नाटक (Natak) : ‘जागो रे जिन जागणा’

(Natak) युगमंच के वरिष्ठ कलाकार डीके शर्मा जी ने सशक्त अभिनय व गीतों द्वारा गिर्दा द्वारा निर्देशित नाटक (Natak) ‘नगाड़े खामोश हैं’ के साथ पहाड़ की ‘जागर’ विधा सहित विभिन्न प्रस्तुतियों को जोड़ कर ‘जागो रे जिन जागणा’ नाम से भावपूर्ण प्रस्तुतीकरण किया।

युगमंच के फेसबुक पेज द्वारा आनलाइन प्रस्तुत की जा रही इन कहानियों के प्रस्तुतिकरण में जहूर आलम व जितेन्द्र बिष्ट के मार्गदर्शन में राजा शाह, डा. अशोक कुमार, हेमंत बिष्ट सहित भास्कर बिष्ट, नवीन बेगाना, मनोज कुमार, रफत आलम आदि द्वारा योगदान दिया गया।

(Natak) युगमंच के इस प्रयोग के संयोजक जहूर आलम ने बताया कि कोरोना काल में रचनात्मक साहित्यिक अभिव्यक्ति के इस प्रयास को लोगों ने काफी पसंद किया। कहानी श्रृंखला के दूसरे पायदान पर अब शनिवार को राजेन्द्र सिंह बेदी द्वारा लिखित कहानी ‘क्वारंटीन’ का मंचन विकास भट्ट द्वारा किया जायेगा।

यह भी पढ़ें (Natak) : युगमंच की कहानी श्रृंखला-19 से सजेगा कोरोना काल का रंगमंच

नवीन समाचार, नैनीताल, 17 सितंबर 2020 (Natak) कोरोना काल में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सांस्कृतिक गतिविधियों को निरंतरता प्रदान करते हुए युगमंच द्वारा नामचीन लेखकों की कहानियों की श्रृंखला शुरू की जा रही है। हिंदी सप्ताह के दौरान शनिवार 19 सितम्बर से आनलाइन डिजिटल माध्यम से शुरू होने जा रहे इस नवाचारी प्रयास हेतु युगमंच के कलाकारों द्वारा आयोजित एक बैठक में समस्त तकनीकी पक्षों की तैयारियां पूर्ण कर ली गयी हैं।

(Natak) युगमंच द्वारा इस समय शुरू किये जा रहे इस महत्त्वाकांक्षी प्रयास के बारे में कार्यक्रम संयोजक जहूर आलम ने बताया कि इसके तहत हर शनिवार को युगमंच के कलाकारों द्वारा एक नयी कहानी का एकल अभिनय प्रस्तुत किया जायेगा। कार्यक्रम के प्रचार प्रसार प्रभारी नवीन बेगाना ने प्रथम चरण में ग्यारह सप्ताह की ग्यारह कहानियों का पोस्टर जारी किया।

(Natak) कहानी श्रृंखला के उद्घाटन पर इस शनिवार 19 सितम्बर को सायं 7 से युगमंच के वरिष्ठ कलाकार डीके शर्मा द्वारा ‘जागो ये जिन जागणा’ शीर्षक से गिर्दा के नाटक (Natak) नगाड़े खामोश हैं का नाट्यांश एवम गीतों को आकर्षक अन्दाज में प्रस्तुत किया जायेगा।

(Natak) वरिष्ठ कलाकार व युगमंच के पदाधिकारी भास्कर बिष्ट ने बताया कि कहानियों को युगमंच के फेसबुक पेज-‘युगमंच रंगयात्रा के चार दशक, व यू ट्यूब चौनल के माध्यम से देखा जा सकेगा। कार्यक्रम के आयोजन में टेक्निकल डायरैक्टर के रूप में मनोज कुमार, डिजिटल सपोर्ट में हिमांशु पाण्डे आदि द्वारा योगदान दिया जा रहा है। बैठक में यह भी तय किया गया कि कहानियों का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।
इस दौरान प्रस्तुत की जाने वाली कहानियां –

(Natak) जागो ये जिन जागणां, गिर्दा के नाटक (Natak) नगाड़े खामोश हैं का नाट्यांश व गीत, अभिनय – डीके शर्मा।
कहानी क्वारंटीन, लेखक- राजेन्द्र सिंह बेदी, अभिनय- विकास भट्ट।
कहानी गोपुली बूबू, लेखक- शेखर जोशी, निर्देशक- जहूर आलम, अभिनय- दिव्या पाठक।
कहानी मैं नरक से बोल रहा हूं, लेखक- हरिशंकर परसाई, अभिनय- नवीन बेगाना।
कहानी सड़क बन रही है, लेखक- हरिशंकर परसाई, अभिनय- मनोज कुमार।

(Natak) कविता कोलाज, लेखक- भवानी प्रसाद मिश्र, केदारनाथ, फैज व अन्य, प्रस्तुति- बृजेश जोशी।
कहानी बाघैन, लेखक- नवीन जोशी, अभिनय- भास्कर बिष्ट।
कहानी ग्रीटिंग कार्ड और राशन कार्ड, लेखक- हरिशंकर परसाई, अभिनय- हिमांशु पाण्डे मित्र।
कहानी घर जमाई, लेखक- प्रेमचंद अभिनय- एस सी शर्मा।
कहानी पिशाचों की उर्वशी, लेखक- दीपक श्रीवास्तव, अभिनय- जावेद हुसैन।
कहानी सत्ताइस साल की सांवली लड़की, लेखक- दीपक श्रीवास्तव, अभिनय- खुशी सहदेव।

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-रोहित वर्मा को मिला सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार
नवीन समाचार, नैनीताल, 1 फरवरी 2020(Natak) जनपद के रामनगर में बसंत पंचमी के अवसर पर आयोजित हुए तीन दिवसीय बसंतोत्सव में द्वितीय पुरस्कार जीतकर नगर के प्रयोगांक संस्था के कलाकारों का दल शनिवार को मुख्यालय लौट आया है।

दल ने प्रगतिशील सांस्कृतिक पर्वतीय समिति रामनगर द्वारा आयोजित बसंतोत्सव में संस्था के प्रमुख भारतेंदु नाट्य अकादमी के स्नातक मदन मेहरा द्वारा निर्देशित, रामायण के प्रसंगों पर आधारित कुमाउनी लोक विधा को शामिल करते हुए नाटक (Natak) ‘नीति चरित्रम’ का मंचन किया।

(Natak) नाटक में अभिनय के लिए रोहित वर्मा को रावण का चरित्र सशक्त संवाद एवं विशेष भाव-भंगिमाओं के साथ निभाने के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार से नवाजा गया है। नाटक (Natak) में मुकेश धस्माना, मदन मेहरा, पवन कुमार, उमेश कांडपाल, कौशल साह जगाती, नीरज डालाकोटी, अनवर रजा, वैभव जोशी, आर्यन राज, राहुल सागर, भुवन, धीरज, रवि, पुनीत, सोनी जंतवाल, लता त्रिपाठी, चंद्र रश्मि, रितु व रक्षिता आदि ने भी अभिनय किया। नगर के वरिष्ठ रंगकर्मियों ने प्रयोगांक संस्था को इस पुरस्कार के लिए बधाई दी है।

यह भी पढ़ें (Natak) : रामनगर व पटना में अभिनय के जलवे बिखेरेंगे उत्तराखंड की ‘थियेटर नगरी’ के कलाकार

नवीन समाचार, नैनीताल, 30 जनवरी 2020 (Natak) थियेटर की नगरी भी कही जाने वाली सरोवरनगरी के कलाकार अगले कुछ दिनों में रामनगर और पटना में अपने अभिनय के जलवे बिखेरने वाले हैं। नगर की नाट्य संस्था-प्रयोगांक का दल रामनगर में आयोजित होने जा रहे बसंतोत्सव के लिए रवाना हो गया है।

(Natak) दल गत वर्ष 2019 में रामनगर में आयोजित हुए बसंतोत्सव का विजेता रहा है। इस वर्ष पुनः दल के कलाकार भारतीय नाट्य अकादमी के स्नातक मदन मेहरा के निर्देशन में तैयार रामायण की पृष्ठभूमि पर तैयार नाटक (Natak) नीति चरित्रम के कुमाउनी संस्करण का प्रदर्शन करने जा रहे हैं।

(Natak) दल में रोहित वर्मा, पवन कुमार, उमेश कांडपाल, मुकेश धस्माना, अनवर रजा, लता, कौशल साह जगाती, संतोख बिष्ट, वैभव जोशी व आर्यन राज सहित अन्य कलाकार शामिल हैं। वहीं नगर के सबसे पुरानी व ख्यातिप्राप्त नाट्य संस्था युगमंच के कलाकारों का दल पटना में फरवरी माह की शुरुआत में प्रांगण द्वारा आयोजित होने जा रहे पाटलीपुत्र महोत्सव में शामिल होने के लिए जाने वाले है।

(Natak) बताया कि दल के जहूर आलम, जीतेंद्र बिष्ट, भाष्कर बिष्ट, नवीन बेगाना, हिमांशु पांडे, वैभव जोशी, आर्यन राज व स्मृति पांडे आदि कलाकार इस महोत्सव में भारतेंदु हरिश्चंद के सुप्रसिद्ध नाटक (Natak) ‘अंधेर नगरी’ की पृष्ठभूमि पर राजीव कुमार द्वारा पुर्नलिखित व जहूर आलम द्वारा निर्देशित नाटक ‘नाटक (Natak) जारी है’ की प्रस्तुति देंगे। इस आयोजन के दौरान जहूर आलम को ‘पाटलीपुत्र सम्मान’ भी दिया जाएगा।

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-उत्तराखंड उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश सुधांशु धूलिया सहित हजारों लोगों ने लिया कुल आठ शो में आनंद
नवीन समाचार, नैनीताल, 3 अक्तूबर 2019 (Natak) शिक्षा नगरी के प्रख्यात कांन्वेंट कॉलेजों में शामिल सेंट जोसफ कॉलेज में दो घंटे के ओपेरा यानी बिना संवाद के केवल गीतों व नृत्य युक्त नाटक (Natak) -‘जोसेफ एंड द अमेजिंग टेक्नीकलर ड्रीमकोट’ का आठ शो के जरिये भव्य मंचन किया गया।

(Natak) विद्यालय के नये बने विशाल सभागार में उत्तराखंड उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश सुधांशु धूलिया सहित हजारों लोगों ने इस ‘स्कूल म्यूजिकल कंसर्ट-2019’ का आनंद लिया। ओपेरा में विद्यालय के प्रधानाचार्य ब्रदर हैक्टर पिंटो की पहल पर करीब 300 छात्र-छात्राओं व शिक्षक-शिक्षिकाओं की करीब दो महीने की कड़ी मेहनत पर दर्शकों ने अनेकों पर जमकर तालियां बजायीं।

(Natak) ओपेरा ‘जोसेफ एंड द अमेजिंग टेक्नीकलर ड्रीमकोट’ बाइबिल से ली गई एक कहानी पर आधारित है, जिसके जरिये विद्यालय ने बच्चों में सपने देखने, अनुशासित रहने व टीम भावना को भी सीखा। ओपेरा की कहानी जैकब के जोसेफ, बेंजामिन, जूडा, रूबेन, सिमोन, लेवी आदि 12 बेटों पर आधारित है। जैकब अपने सबसे प्रिय बेटे जोसफ को एक रंगीन कोट देता है, जो उसके अन्य भाइयों को इतना अखरता है कि पहले वे उसे मारने की कोशिश करते हैं और विफल रहने पर रोम में किसी अमीर को गुलाम की तरह बेच देते हैं।

(Natak) आखिर में कई झंझावातों के बाद जैकब का बिछड़ा परिवार फिर मिल जाता है। ओपेरा में जोसेफ के रूप में आकर्ष सिंह के साथ ही शिक्षिका मेबेल इक्का, अभ्युदय नयाल, वैभव जोशी, अर्हत तिवारी, मोहम्मद उमर शम्शी, हर्ष बिष्ट, उज्जवल विशाल जोशी, कोशिश बिक्रम जैरू, अनमोल गुप्ता, विशेष मजूमदार, नकुल बिष्ट, अर्णव, विनायक, उज्जवल, क्रिश, प्रांजल, पारस, दिशा अधिकारी, कामाक्षी जोशी, रिबेका बीनलेंड, मानसी मैसी आदि का अभिनय उल्लेखनीय रहा।

(Natak) निर्देशक के रूप में रोशन डिकूना, प्रलोभ रॉय, कार्तिकेय शर्मा, क्रिस जायसवाल, वंश ओबेरॉय, उदयवीर सिंह गिल, ए तोमर, जे सोलोमन, पंकज चंद्रा व रोजलिंड लंगन आदि का भी उल्लेखनीय योगदान रहा।

यह भी पढ़ें (Natak) : ‘प्रयोगांक’ ने दिवंगत सिने अभिनेता निर्मल पांडे को उनकी जयंती पर दिया ‘रिफंड’, नैनीताल को मिलेगा नया ऑडिटोरियम…

नवीन समाचार, नैनीताल, 10 अगस्त 2019 (Natak) नैनीताल से अभिनय का ककहरा सीखकर कान्स फिल्म महोत्सव जैसे बड़े मंच पर, एक अभिनेता होते हुए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीतने जैसा अनूठा कारनामा करने वाले स्वर्गीय निर्मल पांडे से नगर के कई कलाकार प्रेरित हुए और अभिनेता बने।

(Natak) आज इन्हीं में से कुछ कलाकारों ने अपने प्रिय नानूदा यानी निर्मल पांडे को उनसे प्रेरित होकर सीखकर कला का ‘रिफंड’ प्रस्तुत किया, तो उपस्थित लोगों ने निर्मल को तो याद किया ही, इन कलाकारों के अपने दिवंगत अग्रज के प्रति दिखाये गये प्रेम को भी जमकर सराहा।

(Natak) हुआ यह कि आज 10 अगस्त को स्वर्गीय निर्मल पांडे की जन्म जयंती थी। इस मौके पर नगर के सबसे पुराने सीआरएसटी इंटर कॉलेज के मंच पर प्रयोगांक संस्था के कलाकारों ने संस्था के प्रमुख, मदन मेहरा के निर्देशन में द्वारा कॉरिंथी लिखित नाटक ‘रिफंड’ को प्रस्तुत किया।

(Natak) एक परिकल्पना पर आधारित नाटक ‘रिफंड’ प्रत्यक्षतः शिक्षा व्यवस्था पर तंज कसता हुआ अप्रत्यक्ष तौर पर पूरी व्यवस्था पर व्यंग्य करता है। नाटक में एक नया प्रयोग यह भी किया गया कि नाटक के पात्रों के नाम उन्हें निभा रहे कलाकारों के नाम से पुकारे गये।

(Natak) नाटक के मुख्य पात्र मदन मेहरा को नौकरी से निकाले जाने के बाद एक मित्र यह अहसास दिलाता है कि उसे दुनिया का सामान्य ज्ञान भी नहीं है। यह उसकी नहीं उसे मिली शिक्षा व्यवस्था की कमी है। लिहाजा उसे अपने स्कूल को दी गयी फीस को रिफंड यानी वापस मांगना चाहिए। वह स्कूल जाकर अपनी पूरी ट्यूशन फीस वापस मांगता है, जहां प्रधानाचार्य व शिक्षक तय करते हैं कि उसकी परीक्षा लेकर साबित किया जाये कि उसे विषयों का उत्कृष्ट ज्ञान है, ताकि उसे रिफंड न देना पड़े।

(Natak) इस कोशिश में वे मेहरा से ऐसे सरल सवाल पूछंे जिनके उत्तर मिल ही जाएं, लेकिन उनकी इस मंशा को भांप कर मेहरा भी तय कर लेता है कि वह जानबूझकर गलत उत्तर देकर रिफंड लेकर ही छोड़ेगा। आखिर नाटक यह संदेश भी देता जाता है कि बच्चों पर शिक्षा थोपी नहीं जानी चाहिए। नाटक में मेहरा के साथ ही उमेश कांडपाल, मुकेश धस्माना, अनवर रजा व सम्राट सिंह ने विभिन्न चरित्र निभाए।

(Natak) इस मौके पर पूर्व विधायक डा. नारायण सिंह जंतवाल, जहूर आलम, मंजूर हुसैन, जगमोहन बिष्ट, स्वर्गीय निर्मल पांडे के भाई मिथिलेश पांडे, डीके शर्मा, कौशल साह जगाती, रोहित वर्मा, डा. मनोज बिष्ट, चारु तिवारी, मो. खुर्शीद व अदिति खुराना सहित बड़ी संख्या में कलाप्रेमी मौजूद रहे।

(Natak) नगर को मिलेगा जल्द ही नया ऑडिटोरियम
नैनीताल। (Natak) नगर के कला प्रेमियों की ऑडिटोरियम की आस जल्द पूरी होने जा रही है। यह खुशखबरी सीआरएसटी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य मनोज पांडे ने दी। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान बताया कि अगले तीन चार माह में विद्यालय में एक बड़ा ऑडिटोरियम अस्तित्व में आ जाएगा, जिसमें थियेटर के जरूरी ईको, लाइट एंड साउंड सिस्टम, कलाकारों के लिए ग्रीन रूम एवं दर्शकों के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध कराये जाएंगे।

(Natak) यह नगर के अब तक ऑडिटोरियम के रूप में प्रयुक्त होने वाले नैनीताल क्लब के शैले हॉल के हालिया दिनों में शुल्क काफी बढ़ने के बाद विकल्प साबित होगा। इधर नैनीताल क्लब के प्रबंधक का भी दायित्व देखने वाले स्वर्गीय निर्मल पांडे के भाई मिथिलेश पांडे के भाई ने खुलासा किया कि इधर गैर लाभप्रद कार्य सामाजिक कार्य करने वाली पंजीकृत स्वयं सेवी संस्थाओं के लिए शैले हॉल का किराया घटाकर प्रतिदिन का 3000 रुपए कर दिया गया है।

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-भ्रष्टाचार की पोल खोल गयी ‘जांच पड़ताल’
-अमिताभ बच्चन ने इसी मूल नाटक (Natak) से नैनीताल के शेरवुड कॉलेज से की थी अभिनय की शुरुआत

नवीन समाचार, नैनीताल, 8 जून 2019 (Natak) नगर के बीएम शाह ओपन एयर थियेटर में चल रहे 12वें ग्रीष्म नाट्य महोत्सव में शनिवार को अनुकृति रंगमंडल कानपुर के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया नाटक (Natak) ‘जांच पड़ताल’ देश-दुनिया में व्याप्त भ्रष्टाचार की कलई खोलता है।

मूलतः रूसी नाटककार निकोलई गोगोल द्वारा 180 वर्ष पूर्व 1836 में लिखित नाटक ‘द इंस्पेक्टर जनरल’, जिससे ही सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने नैनीताल के शेरवुड कॉलेज में अभिनय की शुरुआत की थी और अपने जीवन में अभिनय के लिए पहला, प्रतिष्ठित कैंडल कप जीता था, ‘जांच पड़ताल’ उसी का नाट्य रूपांतर है।

इस नाटक (Natak) पर हिंदी फीचर फिल्म ‘साहब बहादुर’ व ‘अपना देश’ भी बन चुकी हैं। नाटक (Natak) की कहानी एक युवक के इर्द-गिर्द घूमती है जो भ्रष्टाचार के दलदल में डूबे शहर में पहुंचता है। यहां उसे गलती से दिल्ली से जांच के लिए पहुंचा एक शीर्ष शासकीय अधिकारी मान लिया जाता है। लिहाजा उसकी खूब आवभगत होती है। उसे भ्रष्ट अधिकारी तरह-तरह से रिश्वत देते हैं। शहर के मेयर की पुत्री और पत्नी भी उसे अपने प्रेम के वश में करने की कोशिश करते हैं।

(Natak) आखिर में वह अपनी पोल खुलने की डर से भाग जाता है और इसके बाद वास्तविक अधिकारी भ्रष्टाचार की जांच के लिए पहुंचता है। नाटक (Natak) में जॉली घोष, दीपिका सिंह, राजीव तिवारी, शुभी मेहरोत्रा, शिरीष सिन्हा, विजय भाष्कर, महेंद्र धूरिया, कमल गौतम आदि का अभिनय उल्लेखनीय रहा। इससे पूर्व शुक्रवार को इन्ही कलाकारों ने संबोधन एवं पुरुष नाम के नाटकों (Natak) का मंचन भी किया।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 31 मई 2019 (Natak) नगर के बीएम शाह ओपन एयर थियेटर में शनिवार एक जून को ‘आज का काबुली’ और रविवार दो जून को ‘अत्याचारी नारी’ नाटकों (Natak) का मंचन किया जाएगा। बताया गया गया है कि बीती 15 मई से मंच आर्ट एंड थियेटर डेवलपमेंट सोसायटी के तत्वावधान में यहां चल रही स्वर्गीय निर्मल पांडे को समर्पित 12वें ग्रीष्म नाट्य महोत्सव में ‘भाव आर्ट प्रोडक्शन’ के द्वारा प्रस्तुत किये जाने वाले इन दोनों नाटकों (Natak) का लेखन, निर्देशन विरल आर्य के द्वारा किया गया है।

(Natak) आज का काबुली नाटक (Natak) रबींद्र नाथ टैगोर के काबुलीवाला को समर्पित किया गया है। वहीं दूसरे कॉमेडी नाटक (Natak) की टैगलाइन है, ‘हमारा समाज एक पुरुष प्रधान समाज है। लेकिन क्या होगा अगर हमारा पुरुष समाज नारी प्रधान समाज बन जाए और नारी हो जाए अत्याचारी नारी’।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 27 मई 2019। नगर के बीएम शाह ओपन थियेटर में गत 15 मई से चल रहे 17वें ग्रीष्म नाट्योत्सव में सोमवार को अलिफ थियेटर के तत्वावधान में स्वयं देश विभाजन की पीड़ा झेलने वाले भीष्म साहनी द्वारा लिखे गये ‘पाली’ नाटक (Natak) का मंचन किया गया। देश विभाजन के दौर की विभीषिका को प्रदर्शित करती इस कहानी में पाली नाम का एक हिंदू लड़का विभाजन के समय अपने परिवार से अलग पाकिस्तान में छूट जाता है।

उसे वहां एक संतानविहीन मुस्लिम परिवार गोद लेता है। मौलाना और समाज के दबाव में उसका धर्म परिवर्तन कर उसे वहां मुस्लिम बना दिया जाता है। बाद में एक समाज सेविका एवं न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद वह भारत में अपने परिवार के पास आ पाता है। लेकिन यहां भी वह वैसी ही समस्याएं झेलता है, जैसी पाकिस्तान में झेली थीं, और इस तरह वह एक धार्मिक मुद्दा बन जाता है। नाटक में पाली सहित सभी चरित्र दिल्ली के प्रसिद्ध थियेटर कलाकार सैफ अंसारी ने दमदार अभिनय करते हुए निभाए।

कई भावपूर्ण दृश्यों में उन्होंने खुद के साथ ही दर्शकों की आंखें भी नम कर दीं, और आखिर में नगर के वरिष्ठ कलाकार डीके शर्मा, मिथिलेश पांडे व इदरीश मलिक से काफी प्रशंसा बटोरीं। निर्देशक के रूप में भारत के साथ ही चीन, आष्ट्रेलिया, ताइवान व यूरोप में 50 से अधिक नाटक कर चुके रौनक खान का काम भी सराहनीय रहा। नाटक में अलग-अलग कुर्तों, लाठी, पत्रों एवं लाल रंग के गुलाल आदि की मदद से अलग-अलग दृश्यों को सफलतापूर्वक प्रभावोत्पादक बनाया गया।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 22 मई 2019। थियेटर की नगरी भी कही जाने वाली सरोवरनगरी के बीएम शाह ओपन थियेटर में चल रहे 17वें ग्रीष्म नाट्योत्सव के तहत मंगलवार से मंच संस्था के तत्वावधान में प्रसिद्ध साहित्यकार शरद जोशी के नाटक ‘एक था गधा’ का मंचन किया गया। नाटक व्यवस्था के चारों स्तंभों यानी कार्यपालिका, न्यायपालिका एवं व्यवस्थापिका के साथ स्वयंभू चौथे स्तंभ प्रेस पर भी जोरदार तरीके से कटाक्ष करता है।

(Natak) नाटक में नवाब साहब की रियासत में अलादात खां नाम के एक गधे की मृत्यु हो जाती है, किंतु अपनी शक्ति के नशे में उन्मत्त कोतवाल नवाब के दरबार में देरी से पहुंचने का कारण बहाना बनाते हुए अलादात खां नाम के किसी गरीब की मृत्यु बताकर वहां सांत्वना प्रदान करना बताता है। नवाब को भी लगता है कि एक गरीब की मृत्यु पर झूठे आंसू बहाकर व उसकी अंतिम यात्रा में उसके शव को कंधा देने व भाषण देने का निर्णय लेता है। राज्य में तीन दिन का शोक व बाजारें बंद करा दी जाती हैं।

(Natak) बाद में पता चलने पर कि कोई इंसान नहीं बल्कि कुत्ता मरा है, अलादात खान नाम के एक सीधे, सरल व्यक्ति को बिना किसी कारण के मारकर उसकी शवयात्रा निकालकर संवेदना बटोरी जाती हैं। नाटक में नवाब साहब के चरित्र में डा. मोहित सनवाल एवं आईएएस अधिकारियों के किरदार में पुनीत कांत व कार्तिक पंत तथा दुकानदार के किरदार में नीरज डालाकोटी उल्लेखनीय रहे।

(Natak) नाटक के निर्देशक इदरीश मलिक, पवन कुमार, मुकेश धस्माना, जावेद हुसैन व अनवर रजा आदि ने भी विभिन्न चरित्र निभाए। अलबत्ता नाटक में भाषा के स्तर पर कभी हिंदी तो कभी उर्दू के शब्दों का बेतरतीब उपयोग खला।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 21 मई 2019। 1968 में आई सुनील दत्त, सायरा बानो, किशोर कुमार व महमूद के चरित्रों वाली प्रसिद्ध हिंदी फीचर फिल्म ‘पड़ोसन’ सरोवरनगरी में मल्लीताल बीएम शाह ओपन थियेटर के रंगमंच पर प्रदर्शित की गयी। किसी 3 घंटे की फिल्म को रंगमंच पर देखने का थियेटर की नगरी कहे जाने वाले नैनीताल नगर वासियों के लिए यह पहला अवसर था, और इसे नगरवासियों ने जमकर सराहा।

(Natak) नगर में आगामी 30 जून तक हर शाम सात बजे से आयोजित हो रहे अपनी तरह के 45 दिवसीय अनूठे ग्रीष्म नाट्योत्सव के 12वें संस्करण नाट्योत्सव में राखी मानव एवं मानव मेहरा द्वारा ‘5 एलीमेंट्ज थियेटर प्रोडक्शन’ के लिए निर्देशित नाटक में मानव मेहरा, राखी मानव, समृद्धि सिंह, अनुज चिकारा, दीपक कुमार, अक्ष अलोनिया व सागर दहिया आदि ने बेहतरीन अभिनय करते हुए पूरी फिल्म को मंच पर प्रस्तुत कर नगर के कलाकारों एवं कलाप्रेमियों के समक्ष अनुकरणीय प्रस्तुतीकरण किया।

(Natak) इस अवसर पर आयोजक मंच संस्था के प्रमुख इदरीश मलिक, युगमंच के जहूर आलम, मिथिलेश पांडे, पवन कुमार, मुकेश धस्माना, डा. मोहित सनवाल, अनवर रजा सहित अनेक कला प्रेमी मौजूद रहे।

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-भगवान बुद्ध के काल के ‘नियोग’ के विषय पर आधारित है नाटक ‘सूर्य की आखिरी किरन ने सूर्य की पहली किरन तक’, अगले दो दिन भी होगा नाटक का प्रदर्शन

नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 15 मई 2019। सिने कलाकार एवं एनएसडी स्नातक इदरीश मलिक के निर्देशन में पिछले 12 वर्षों से मुख्यालय स्थित बीएम शाह ओपन थियेटर में आयोजित हो रहे ग्रीष्म नाट्योत्सव के 12वें संस्करण का बुधवार को ‘सूर्य की आखिरी किरन ने सूर्य की पहली किरन तक’ नाटक के साथ शुभारंभ हो गया।

(Natak) आगामी 30 जून तक हर शाम सात बजे से आयोजित होने वाले अपनी तरह के इस 45 दिवसीय अनूठे नाट्योत्सव की पहली प्रस्तुति सुरेंद्र वर्मा द्वारा लिखित एवं राखी मानव द्वारा ‘5 एलीमेंट्ज थियेटर प्रोडक्शन’ के लिए निर्देशित नाटक ‘सूर्य की आखिरी किरन ने सूर्य की पहली किरन तक’ भगवान गौतम बुद्ध के दौर के मल्ल राज की स्थितियों को बोल्ड तरीके से प्रदर्शित करता है।

(Natak) नाटक में राजा की मंत्रिपरिषद महाभारत तथा अन्य प्रसंगों का उल्लेख कर संतानोत्पत्ति में अक्षम मल्ल नरेश ओकाक को राज्यवासियों में भरोसे, विश्वास व सुरक्षा के लिए ‘नियोग’ यानी आज के दौर में प्रचलित ‘वन नाइट स्टेंड’ जैसे रानी को एक रात्रि के लिए पर पुरुष से पुत्र प्राप्ति हेतु गर्भधारण करने के लिए प्रेरित करता है।

(Natak) इस कोशिश में रानी शीलवती कैसे धर्मवती से कामवती बन जाती है, यह दुःखद पक्ष भी नुमाया होता है। खुले रंगमंच पर प्रस्तुति के कारण नाटक के कुछ अधिक बोल्ड दृश्यों को हटा लेने के बावजूद नाटक कहीं स्त्री-पुरुष के अनैतिक संबंधों की भी पैरवी करता प्रतीत होता है। नाटक में विशुद्ध काव्यमय हिंदी भाषा के संवाद प्रशंसनीय है। अलबत्ता, संगीत के उतार-चढ़ाव एवं माइक के बीच पात्रों का सामंजस्य न बैठा पाना कई बार दर्शकों को अखरता है।

(Natak) बताया गया कि वर्ष 2000 से इस नाटक का प्रदर्शन किया जा रहा है। वर्ष 2003 में कनाडा में भी इसकी प्रस्तुति दी गयी। मंच पर मल्लराज ओकाक की भूमिका में मानव मेहरा सहित राखी चौहान मेहता, समृद्धि सिंह, अनुज चिकारा, दीपक कुमार, अक्ष अलोनिया व सागर दहिया ने बेहतरीन अभिनय किया। पवन कुमार, मुकेश धस्माना, डा. मोहित सनवाल आदि का भी सहयोग रहा।

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-नैनीताल विंटर कार्निवाल के तहत हुआ धर्मवीर भारती रचित नाटक का मंचन
नवीन समाचार, नैनीताल, 22 दिसंबर 2018। नैनीताल विंटर कार्निवाल के तहत शनिवार की शाम नैनीताल क्लब में धर्मवीर भारती रचित नाटक ‘अंधा युग’ का मंचन प्रयोगांक संस्था के कलाकारों के द्वारा भारतेंदु नाट्य अकादमी लखनऊ के स्नातक मदन मेहरा के निर्देशन में किया गया।

(Natak) नाटक की कहानी महाभारत के उत्तरार्द्ध की घटनाओं पर आधारित होने के बावजूद इसमें आज का समसामयिक परिदृश्य भी नजर आया कि किस तरह तब भी और आज भी हर चरित्र अपने दौर की परिस्थितियों में स्वयं की क्षमताओं के अनुरूप प्रदर्शन न कर पाने की कुंठाओं में जी रहा है। इस तरह उस दौर का ‘अंधा युग’ भी कहीं न कहीं आज से ही जुड़ता हुआ नजर आया।

(Natak) नाटक के मंचन में मंच सज्जा एवं गदा, धनुष, भाले, ढाल ढाल व कवच बनाने पर पात्रों एवं दल के जुड़े सदस्यों की मेहनत साफ दिखाई दी। नाटक में जावेद हुसैन, रोहित वर्मा, कौशल साह जगाती, उमेश कांडपाल, मोहित सनवाल, अनवर रजा, चारु तिवारी, पुनीता कांत, मदन मेहरा, नासिर अली, पवन कुमार, लता त्रिपाठी, अनुष्का, वैभव जोशी, आर्यन, विनीता, नीरज डालाकोटी, सुनील कुमार व संतोष बिष्ट आदि का अभिनय दर्शकों को काफी पसंद आया।

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-प्रयोगांक संस्था के कलाकारों ने दिखाई गजब की प्रतिभा, अपने पुराने नाटकों को नाटक में शामिल करने का प्रयोग भी रहा दिलचस्प
नैनीताल, 10 अगस्त 2018 (Natak) । कला व थियेटर की नगरी भी कहे जाने वाली सरोवरनगरी नैनीताल का नाम सात समुंदर पार कांस फिल्म फेस्टिवल में, एक पुरुष कलाकार होते हुए ‘सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री’ का अद्वितीय पुरस्कार जीतने वाले दिवंगत सिने अभिनेता निर्मल पांडे को उनके 56वें जन्म दिवस पर अलग तरह से याद किया गया।

निर्मल के बड़े भाई साहब मिथिलेश पांडे ने अपने ठीक एक दिन बाद होने वाले जन्म दिन की तैयारियों को भुलाकर निर्मल का जन्म दिन प्रेमचंद की कहानी ‘बड़े भाई साहब’ पर आधारित नाटक (Natak) का मंचन करके मनाया।

(Natak) प्रयोगांक संस्था के कलाकारों ने इस सुप्रसिद्ध कहानी में अपने पुराने नाटकों-उरुभंगम और निठल्ले की डायरी के दृश्यों को पिरोकर दिलचस्प प्रयोग किया। वहीं नाटक में खासकर मुख्य पात्र व निर्देशक तथा प्रयोगांक के अध्यक्ष मदन मेहरा ने कहानी के बीसियों वाक्यों के लंबे संवादों को कमोबेश बिना गलती के मंचित कर अपनी प्रतिभा का अच्छा प्रदर्शन किया, वहीं बड़े भाई साहब के रूप में अनवर रजा व कलाकार के नये प्रयोग रूप में कौशल साह जगाती ने नाटक को अपने मंचन से चार चांद लगा दिये।

(Natak) नाटक के दौरान रंगकर्मी पूर्व शिक्षक केपी साह, पूर्व विधायक डा. नारायण सिंह जंतवाल, डीके शर्मा व मंजूर हुसैन ने निर्मल को अपने-अपने अंदाज में श्रद्धांजलि देकर माहौल को भावुक भी कर दिया। इस अवसर पर उमेश कांडपाल, मुकेश धस्माना, डा. मोहित सनवाल, महेश जोशी व राजेश आर्य सहित अनेक अन्य रंगकर्मी भी मौजूद रहे।

मिथिलेश व कला प्रेमियों का दर्द भी उभरा

नैनीताल। नाटक बड़े भाई साहब का मंचन सीआरएसटी इंटर कॉलेज के सभागार में किया गया। इस पर निर्मल पांडे के बड़े भाई मिथिलेश पांडे सहित अन्य कला प्रेमियों का दर्द इस रूप में उभरा कि हाईकोर्ट के आदेशों और कई मुख्यमंत्रियों की निर्मल के नाम से ऑडिटोरियम निर्माण की घोषणाओं के बावजूद नगर में नाटकों के मंचन के लिए कोई स्थान-ऑडिटोरियम नहीं है।

(Natak) निर्मल पांडे स्वयं नगर में ऑडिटोरियम के लिए प्रयासरत थे। उल्टे इधर नगर के नाटकों के मंचन स्थल शैले हॉल का किराया 600 रुपए से 25 गुना बढ़ाकर 15 हजार रुपए कर दिया गया है।

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वाह, कितना सुंदर है अपना यह नैनीताल नगर। पर्यटन नगरी, सरोवरनगरी के रूप में है इसकी वैश्विक पहचान। आज से नहीं, 18 नवंबर 1841 को अंग्रेज व्यापारी पीटर बैरन के द्वारा दुनिया के सामने लाए जाने और उससे भी पहले अंग्रेज कमिश्नर जी.डब्ल्यू. ट्रेल द्वारा देखे जाने से ही शताब्दियों पहले, जब कहा जाता है कि माता सती के दांये नेत्र के यहां गिरने अथवा तीन ऋृषियों अत्रि, पुलस्य और पुलह द्वारा पवित्र मानसरोवर झील के जल के आह्वान से इस झील और स्थान का निर्माण हुआ होगा।
(Natak) खैर, आज मैंने बहुत सैर-तफरीह की इस खूबसूरत शहर की, तल्ली से मल्ली, मल्ली से तल्ली, फ्लैट्स, और नैनी झील में चांदनी रात में नौकायन। वाह मजा आ गया। इस शहर की स्मृतियों को मैं कभी भूल नहीं पाऊंगा। नींद बहुत आ रही है। चलो सो जाऊं। (सुबह उठते हुए)
बड़ी गर्मी है। यह कहां हूं मैं ? यह ए.सी., पंखा, कूलर क्यों नहीं चल रहे ? गर्मी से दम घुटा जा रहा है। बिजली नहीं है शायद। (खिड़की से बाहर की ओर देखकर) ओह! मैं दिल्ली में हूं। कौन सी तारीख है आज ? (सामने कलेंडर की ओर देखकर) जून 2050। बड़ी गर्मी है। कैसे इस गर्मी से बचूं ? क्यों ना किसी हिल स्टेशन की सैर पर निकलूं। कहां जाऊं।

(फोन मिलाता है)
हलो, टूर ऑपरेटर। किसी हिल स्टेशन के लिए आज ही बुकिंग करो बाबा। यहां तो गर्मी से दम घुंटा जा रहा है।
(उधर से हल्की आवाज) कहां चलेंगे सर। एक नया हिल स्टेशन बना है-नैनी। वहां चलेंगे ?
कहीं भी ले चलो यार, और यह नाम तो कुछ सुना-सुना सा भी लग रहा है। बताओ, कहां पहुंचना है ? तुरंत ले चलो।
(उधर से हल्की आवाज) एयरपोर्ट पहुंचिए सर।
ओ.के.। (फोन रखता है)

(हवाई जहाज में) चलिए सर, हवाई जहाज की पेटियां बांध लीजिए, हम नैनी की ओर उड़ रहे हैं।
(थोड़ी देर में) पेटियां फिर बांध लीजिए सर, हम नैनी पहुंच रहे हैं। वह देखिए, वह विशाल मैदान, वहीं नैनी का दुनिया का पहाड़ों पर स्थित सबसे बड़ा एयरपोर्ट है। इस शहर की हमेशा से यह खाशियत है यहां हमेशा से जो भी होता रहा है, दुनिया भर से अनूठा, सबसे बड़ा-सबसे अलग ही होता रहा है।

यहां कभी बहुत छोटा सा फ्लैट मैदान हुआ करता था। वह भी बेहद पथरीला था, बावजूद वहां आस-पास के शहरों की छोटी-मोटी खेल या सांस्कृतिक प्रतियोगिताऐं भी होती थीं तो एक-दो बाहर की टीमों को शामिल कर राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय से कम के स्तर की नहीं होती थीं।

लेकिन, अब तो इस शहर में इतना बड़ा मैदान जो है। पहले यहां ऐसे हवाई जहाज से नहीं, टूटी-फूटी सड़कों से उल्टियां करते हुए आना पड़ता था। और यहां, इस छोर को तल्लीताल और उस ऊपर वाले सिरे को मल्लीताल कहा जाता था। टूरिस्ट इस तल्ली-मल्ली के चक्कर में बड़ा कन्फ्यूज होते थे। इस गफलत में बड़ा सिर दर्द होता था। अब आप चिंता न कीजिए सर, कोई टेंशन नहीं। मजे से जहां चाहे घूमिए।-ठीक है भाई, लौटते हुए मिलता हूं।

(आगे बढ़ता है) लेकिन घूमूं कहां ? हर ओर भीड़-भाड़, पैदल चलने को भी जगह नहीं, शोर-शराबा, ऊपर-नीचे, चारों ओर ऊंचे-नीचे मकानों का जंगल। (सोचता है, मन ही मन में) इससे अपना दिल्ली ही क्या अलग है ? ऐसी भीड़-भाड़, शोर-शराबा, ऊंची बिल्डिंग-झुग्गियां ही देखनी थीं तो अपनी दिल्ली ही क्या बुरी थी ?
(सामने हवाई जहाज वाला व्यक्ति ही आता दिख जाता है। उसे रोककर) अरे भाई, ये मुझे किस नरक में लेकर आ गए, मैं तो किसी स्वर्ग की कल्पना में यहां आया था।

कभी स्वर्ग ही था सर यह शहर, यह जिस बड़े झुग्गियों युक्त बड़े हैलीपैड पर हम उतरे हैं, यहां कभी एक बड़ा ताल होता था। इस शहर को प्रकृति का स्वर्ग नैनीताल कहा जाता था। कहते थे-तालों में नैनीताल, बांकी सब तलैया। इस हवाई जहाज को आप टाइम मशीन ही मानिए। और चलिए, मैं आपको कुछ पीछे के नैनीताल में लिए चलता हूं।
-चलो।

(दोनों वापस हवाई जहाज में बैठते हैं, और इस बार उतरते हैं गंदगी-दुर्गंध से बजबजाते एक पहाड़ी शहर में, वहां हर कोई नीचे स्थित ताल को गंदगी से भरने में लगा हुआ है)
-अरे भाई यह क्या कर रहे हों, क्यों इस सुंदर ताल में यह कूड़ा-करकट डाल रहे हो।

-यह कूड़ा इसी झील से निकाला गया है, बिल का भुगतान हो गया है। आगे अगला बिल बनाने के लिए कहां से गंदगी ढूंढूं ? इसलिए इसे वापस झील में डाल रहा हूं।
-(दूसरी ओर एक महिला घर की गंदगी सड़क पर फेंक रहीं है, उसे रोकते हुए) अरे बहन जी, यह क्या कर रही हैं ? क्यों गंदगी सड़क किनारे फेंक रही हैं ?

महिला- तो क्या करूं ? कहां फेंकूं कूड़ा ? यूं तो यहां कूड़ा घर से ले जाने की व्यवस्था भी है। पर बड़ी अजीब व्यवस्था है। उन्हें कूड़ा भी दो , और (जोर देकर) पच्चीस रुपये भी दो। ऊपर से इतनी महंगाई ! (आंखें और हाथ प्रश्न की मुद्रा में नचाकर) रुपये क्या पेड़ पर उगते हैं ?
-नहीं जी, रुपये पेड़ पर तो नहीं उगते। पर आप खुद ही बता रही हैं कि बड़ी महंगाई है। इतनी महंगाई में क्या अपने स्वर्ग सरीखे घर के साथ अपने स्वर्ग सरीखे ही शहर को साफ रखने के लिए क्या पच्चीस रुपये इतने अधिक हैं ?

महिला- चलिए जी चलिए आप, आप जैसे पता नहीं कितने आए और गए हमें समझा कर। हम ऐसे नहीं समझने वाले।
(उधर पहाड़ी पर जेसीबी चलाकर खुदाई चल रही है) अरे भाई यह क्या कर रहे हो ? मैंने सुना है जोन चार में हैं यह शहर। क्यों पहाड़ सरीखी मशीन से इसकी नींव को हिला रहे हो ?
-चलिए जी, बड़े आए समझाने वाले। करोड़ों रुपए देकर जमीन खरीदी है तो जंगल उगाने के लिए नहीं खरीदी है। और लाखों देकर नक्शा पास करवाया है यहां बहुमंजिला भवन बनाने को।

-भैया, खरीदी होगी करोड़ों में आपने जमीन और लाखों में ली होगी भवन बनाने की इजाजत। पर क्या यह पहाड़ सरीखी मशीन चलाने की इजाजत भी ली है ? पहाड़ का सीना चीर कर क्यों अपने साथ इस स्वर्ग के वासियों को जीते जी स्वर्गवासी बनाने पर तुले हो ?
-चलिए जी, अपना रास्ता नापिए। हम नहीं सुनने वाले, और आप की सुन कर इतने बड़े प्रोजेक्ट को मैन्युअली करके हम वर्षों में नहीं खींच सकते।

-टूर ऑपरेटर-सर जी, उधर तो देखिए। वहां लोग खुदाई में निकले मलवे को नाले के पास इकट्ठा किए हुए हैं।
-ऐसा क्यों ?
-चलिए उन्हीं से पूछते हैं।
(वहां जाकर) अरे भाई, यह क्या कर रहे हो, क्यों मलवे को नाले के किनारे इकट्ठा कर रहे हो ? ऐसे तो यह बारिश आते ही नाले ही बह जाएगा, और झील को पाट डालेगा……

-(ठेकेदार बीच में ही रोककर) अरे साहब, नाले में खुद-ब-खुद बहे ना बहे, नाले में बहाने के लिए ही इसे यहां इकट्ठा किया जा रहा है। जब पास में नाला है तो क्यों हजारों रुपए इसे शहर से बाहर फिंकवाने में खर्च किए जाएं। अपने शहर का माल अपने शहर में ही रहना चाहिए कि नहीं ?
-लेकिन इससे तो झील भर जाएगी ?
ठेकेदार- फिकर नॉट सर। इतने सालों से मलवा इसमें डाला जा रहा, तब से नहीं भरी। इतने शहर भर के लोग इसमें मलवा डाल रहे हैं, तब नहीं भरा तो क्या हमारे डालने से ही भरेगा।

टूर ऑपरेटर-यही सोच कर तो सब डाले जा रहे हैं झील में मलवा, कोई मानने वाला नहीं है सर। चलिए बहुत हुआ, चलिए कुछ चाय-वाय ही पी लें।
-चलो।
(चाय वाले से) भैया दो चाय बनाना।
-अभी लीजिए सर।
-ओफ्फोह, कितनी गंदगी है, (चाय वाले से, चाय लेकर पीते हुए) चाय तो अच्छी बनी है, पर भैया, ये तुम्हारी गंदगी तो सीधे झील में जा रही है, तुम खयाल नहीं रखते ?

चाय वाला- खयाल रखते हैं साहब (धीरे से) इसी गंदगी के कारण तो चाय टेस्टी बनती है….
-क्या कहा ?
-(अचकचाकर) कुछ नहीं साहब। मैंने कहा, चाय बनाएं, या गंदगी साफ करें।
-लेकिन इसी झील से तो तुम्हारी जीवन नैया चलती होगी।
चाय वाला- हमारी तो जीवन नैया चलती है, (झील में चलती नौकाओं की ओर इशारा कर) उनकी तो नैया ही चलती है, वह करें ना झील की फिक्र।
-(नाव वालों के पास जाकर, वह नावों की मरम्मत कर रहे हैं) अरे भाई यह क्या कर रहे हो ?

नाव वाला- देखते नहीं, नावों की मरम्मत चल रही है।
-वह तो मैं भी देख रहा हूं। पर यह क्या, यह नावों की सतह को घिस-घिस कर उनका रेजिन, गंदगी झील में ही डाल रहे हो। तुम्हें तो झील के पास की गंदगी भी साफ करनी चाहिए।

नाव वाला-आप भी हमें ही टोकिए। यही चलन है। समरथ को नहीं दोष गुसांई। हम तो नावों में भी कूड़ेदान रखते हैं। वहां देखिए, उन में से कई होटलों का सीवर सीधे झील में आता है, कहो तो उसे भी हम ही साफ करें। ये नगर पालिका, पीडब्लूडी वाले हैं, इन्हें तो तनख्वाह मिलती है सफाई करने के लिए, फिर भी नहीं करते हैं। लोग बड़े-बड़े घर बनाते हैं, और मलवा झील में डालते हैं। मकान बनाने के लिए जंगल काट डाले हैं, और कंक्रीट का जंगल बना डाला है।

दूसरा नाव वाला-वहां सूखाताल झील को तो सुखा ही चुके हैं ये लोग शहर भर की गंदगी और मलवा डालकर, अब नैनी झील को सुखाने की कोशिश में लगे हैं। सुना है वहां तो एक विभाग ने सूखाताल में मलवा डालने का बकायदा टेंडर भी करवाया था।
-वाह भाई, तुम लोग तो बड़े जागरूक लगते हो शहर के बारे में।

भीड़ में से एक व्यक्ति-यह शहर ही जागरूक लोगों का है सर। यहां हर कोई बड़ी जागरूकता की बातें करता है। आप जिससे बात करेंगे वहीं बड़ी जागरूकता की बातें करेगा, लेकिन सिर्फ बातें ही करेगा। लेकिन जब कुछ करने की बात कहोगे, कहेगा दूसरे शुरू करेंगे-तब करेगा।
-तो क्या होना चाहिए, कुछ सुझाव तो दीजिए।

भीड़ में से दूसरा व्यक्ति-यह अच्छी कही सर आपने, जितने चाहिए, उतने लीजिए सुझाव। सब से बढ़िया तो इस शहर को खाली कराकर वापस उन अंग्रेजों को सोंप दीजिए, जिन्होंने इसे बसाया, सजाया और संवारा था। और अपना शहर कहीं बाहर खुर्पाताल, गेठिया, मेहरागांव या भवाली में बसा लीजिए।

तीसरा व्यक्ति-शहर में एक सिरे से शुरू कर दूसरे सिरे तक एक-एक घर को जांचिए, और जो भी नियम विरुद्ध बना है, उसे ढहा दीजिए।
चौथा-पुराने निर्माण ढहाने से तो मुसीबत हो जाएगी, जितने बने हैं, उन्हें छोड़ दीजिए, और आज से एक भी ना बनने दीजिए।

पांचवां-मैं तो कहता हूं साहब इसी तरह एक अवैध घर मुझे भी बनाने दीजिए, उसके बाद जो मर्जी चाहे कीजिए।

टूर ऑपरेटर- चलिए सर, आगे चलते हैं। आप भी क्या सुझाव लेने लगे। मैं बताता हूं। ये जो दूसरे शख्श थे, बाहर शहर बसाओ कहने वाले, सुना है ये बिल्डर हैं, और इनकी बाहरी क्षेत्रों में काफी जमीनें हैं। और वो तीसरा व्यक्ति, सारे अवैध घरों को ढहाने का सुझाव देने वाला, ऊंची पहुंच वाला है। उसका खुद का घर भी अवैध तरीके से बना है, लेकिन उसे पता है, कुछ नहीं होने वाला है।

वह चौथा व्यक्ति, उसकी पहुंच ऊंची नहीं है, उसे डर है उसका अवैध निर्माण गिरा दिया जाएगा, इसलिए अब तक के निर्माणों को बख्श दिए जाने की सलाह दे रहा है, और उस पांचवे व्यक्ति ने तो अपनी मंशा खुद ही साफ कर दी है।
यार, हमें कुछ करना चाहिए। इस तरह तो यह शहर बर्बाद हो जाएगा, हमें इसे बचाने के लिए कुछ करना चाहिए, लोगों को जागरूक करना चाहिए।

टूर ऑपरेटर-छोड़िए सर, आप यहां आनंद लेने आए हैं, जितना हो सकता है, मजे लीजिए, क्यों खुद के लिए मुसीबत मोल लेते हैं ?
नहीं यार, हमें कुछ करना चाहिए (जनता के बीच जाकर) भाइयो, और बहनो……
टूर ऑपरेटर-भाई साहब, मैं फिर कहता हूं, दूसरों की फटी में टांग ना अड़ाइए….
लोग-(भाषण पर तालियां बजा रहे हैं….)

एक-बहुत खूब कहा सर, हम आज से ही स्कूल-स्कूल जाकर आपकी बातों को बच्चों के बीच ले जाएंगे, क्योंकि वही तो हमारा भविष्य हैं, एक बच्चा भी जाग गया तो समझो पूरी एक पीढ़ी जाग गई….

दूसरा-हम आज ही मीडिया को खबर कर देते हैं, और कल से ही शहर में अवैध निर्माणों, कूड़े, पॉलीथीन, झील की सफाई आदि के बारे में अभियान चलाते हैं। सुनिश्चित करते हैं कि इस अभियान की मीडिया में अच्छी कवरेज आए…. (दबी जुबान में) जो काम कभी पूरा न करना हो, उसके लिए अभियान ही चलाए जाते हैं जनाब…चलिए इस बहाने कुछ दिन अपनी फोटो तो अखबारों में देखने को मिलेगी…बहुत खर्चा होता है रोज-रोज की अखबारी तलब में, कुछ तो खर्चा वसूलेगा।

टूर ऑपरेटर-सर, मैं फिर कहता हूं, इस शहर के लोग सिर्फ बातें करते हैं, और अच्छे कार्यों के लिए वह खुद की भी नहीं सुनते। हां, बाहर वालों ने बसाया है ना ये सफर, इसलिए कभी सुनते हैं तो सिर्फ बाहर वालों की, इसलिए शायद आपकी भी सुन रहे हैं। पर याद रखिए, ठंडी आबो-हवा वाला है यह शहर, शायद इसीलिए इस शहर के लोग बहुत देर से जागते हैं, और जल्दी सो भी जाते हैं…..
(तभी पुलिस की एक टुकड़ी वहां आती है) पुलिस का अधिकारी-क्या चल रहा है भई यहां, क्यों तमाशा मचा रखा है ? कौन है यह नया नमूना, क्या सिखा-पढ़ाकर शहर के लोगों को शासन-प्रशासन के खिलाफ भड़का रहा है।

(पकड़ लेते हैं, भीड़-तितर-बितर हो जाती है, खूब पिटाई करने लगते हैं) अरे भाई, मुझे छोड़ो, मुझे क्यों बेवजह मार रहे हो ?
पुलिस का अधिकारी-बेवजह ? ऊपर से आदेश हैं, सीधे जंगल में ले जाकर इनकाउंटर करने के। बताया गया है कोई आतंकवादी हो। मैंने भी देखा है शहर वालों को भड़काकर आतंक ही फैला रहे हो….(खींच कर ले जाते हैं)

टूर ऑपरेटर-साहब मैंने पहले ही कहा था, दूसरों की फटी में…..
बचाओ-बचाओ, अरे कोई तो बचाओ……ये लोग तो मुझे मार ही डालेंगे…..
(बिस्तर पर सोया हुआ है, अचकचाकर उठते हुए….) बचाओ-बचाओ, अरे कोई तो बचाओ……ये लोग तो मुझे मार ही डालेंगे…..
हुं… मैं कहां हूं, (बाहर देखता है, सामने नैनी झील है, कलेंडर देखता है 2014 का कलेंडर लटका है, माथा पीटता है )                                                                                       :नवीन जोशी, नैनीताल

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