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होली के दिन भी उत्तराखंड में भूकंप के कई झटके महसूस किये जाने के दावे, कितने सच्चे-कितने झूठे ?

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नवीन समाचार, उत्तरकाशी, 8 मार्च 2023। उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से बढ़ी भूकंपों की सक्रियता बुधवार को होली के दिन भी जारी रहने का दावा किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि उत्तरकाशी में होली के दिन भूकंप के कई झटके महसूस किए गए।  यह भी पढ़ें : नैनीताल पुलिस ने तत्परता से दर्दनाक सड़क दुर्घटना में एक परिवार के तीन पर्यटकों की बचाई जान

स्थानीय लोगों ने दावा किया कि पहला झटका रात 12 बजकर 40 मिनट पर, दूसरा झटका इसके पांच मिनट बाद 12.45 मिनट पर व तीसरा झटका 1 बजकर 1 मिनट पर महसूस किया गया। वहीं बुधवार को भी सुबह 10 बजकर 7 मिनट पर भी एक झटका महसूस किया गया। इस दौरान कुछ लोगों ने अचानक किचन में रखे कुछ बर्तन गिरने और कुछ ने घरों से बाहर निकलने जैसे दावे भी किये। यह भी पढ़ें : नैनीताल: जिला चिकित्सालय के दो चिकित्सकों सहित राज्य के 92 चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त

हालांकि राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार मंगलवार की मध्य रात्रि के बाद रात्रि 1.40 बजे पहला झटका अफगानिस्तान में 4.2 तीव्रता का, दूसरा 3.08 बजे 2.4 तीव्रता का नेपाल में, तीसरा 3.59 बजे आसाम के कामरूप जिले में 3.2 तीव्रता का, चौथा सुबह 5.27 बजे तजाकिस्तान में 4.3 तीव्रता का, पांचवा सुबह 9.05 मिनट पर संागली महाराष्ट्र में, छठा म्यामार में 10.38 बजे 3.9 तीव्रता का और सातवां झटका अपराह्न 4.12 बजे तजाकिस्तान में 4.4 तीव्रता का आया। यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में यहां होली पर ‘चीर हरण’ की भी है परंपरा…

यानी उत्तराखंड में एक भी झटका नहीं आया। ऐसे में सवाल उठ रहा कि क्या वास्तव में उत्तराखंड में भूकंप के झटके आये और राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र इन्हें रिकॉर्ड नहीं कर पाया या भूकंप की संभावना से आशंकित उत्तराखंडवासी भूकंपों के प्रति इतने डरे हुए हैं कि भूकंप न आने के बावजूद झटके महसूस कर रहे हैं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : बड़ा समाचार उत्तराखंड : रात्रि में फिर भूकंप के झटके, कई बार घरों से बाहर निकले लोग, आप ने महसूस किये…?

Imageनवीन समाचार, उत्तरकाशी, 5 मार्च 2023। बीती रात्रि उत्तराखंड के भूकंपों के दृष्टिकोण से अति संवेदनशील उत्तरकाशी जनपद के लोग सोते हुए कई बार जाग गए और घरों से बाहर निकल आए। कई लोगों ने रात्रि में 5 बार भूकंप के झटके महसूस करने का दावा किया। हालांकि भूकंप के झटके हलके थे। अब तक इनसे किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन लोग बड़े भूकंप की आशंका से सहमे रहे। यह भी पढ़ें : सीएम के गृह क्षेत्र के तीन अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई, तीनों नैनीताल संबद्ध

वहीं नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी यानी राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार रात्रि में उत्तरकाशी जनपद में मध्यरात्रि 12 बजकर 45 मिनट 7 सेकेंड पर भूकंप का एक हल्का, रिक्टर स्केल पर 2.5 तीव्रता का झटका आया। इसका केंद्र 30.75-78.49 अक्षांस-देशांतर पर धरती के भीतर केवल 5 किलोमीटर अंदर था। यह भी पढ़ें : डीजीपी की बड़ी कार्रवाई: चार उप निरीक्षकों पर गिरी गाज….

हालांकि इसके अलावा रात्रि तीन बजकर 51 मिनट 46 सेकेंड पर नेपाल में धरती के भीतर 10 किमी अंदर 2.8 रेक्टर स्केल तीव्रता का और तजाकिस्तान में 11 बजकर 3 मिनट पर 4.1 तीव्रता का और आज सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर 4.3 तीव्रता के भूकंप भी आस-पड़ोस में आए हैं। हो सकता है कि पहले से ही भयग्रस्त उत्तरकाशी वासियों ने इन झटकों को भी महसूस किया हो। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : आज फिर उत्तराखंड के 6 घंटे के भीतर दो जिलों में आए भूकंप के झटके, आपने महसूस किए…

नवीन समाचार, नैनीताल, 2 मार्च 2023। बार-बार भूकंप के बड़े झटके के प्रति आशंकित उत्तराखंड के दो जिलों में आज गुरुवार को 6 घंटों के भीतर दो जिलों में भूकंप के झटके महसूस की गई है। दोनों झटकों का केंद्र धरती के भीतर केवल 5 किलोमीटर अंदर रहा है, लेकिन दोनों झटकों की तीव्रता 3 से कम रही है, इसलिए अभी इससे किसी नुकसान का समाचार नहीं है। यह भी पढ़ें : 2 शादियां कर चुके पिता ने अपने भाई सहित अपनी 9 वर्षीय बच्ची से किया दुष्कर्म, अब बना रहे समझौते का दबाव, हाईकोर्ट नहीं माना…

आज पहला भूकंप का झटका बागेश्वर जनपद में सुबह तड़के 4 बजकर 47 मिनट 47 सेकेंड पर आया। इसका केंद्र बागेश्वर जिले में 29.77 व 79.77 डिग्री अक्षांस-देशांतर पर धरती के केवल 5 किलोमीटर अंदर से आया। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.6 आंकी गई है। यह भी पढ़ें : सप्ताह भर का रिस्क लेकर करें रुपये दोगुने, अब बिना यूएसडीटी में बदले-सीधे मात्र 2000 रुपए से भी जुड़ सकते हैं डोकोडेमो में

वहीं दूसरा झटका इसके करीब 6 घंटे के बाद पौड़ी गढ़वाल में 10 बजकर 31 मिनट 39 सेकेंड पर आया। इसका केंद्र 30.22-78.79 अक्षांश-देशांतर पर धरती से पांच किलोमीटर अंदर था। इसकी तीव्रता 2.4 आंकी गई है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : आज सुबह से पड़ोस में लगातार 14 भूकंप के झटके, इनमें एक 6.8 तीव्रता का महाभूकंप भी, बड़े नुकसान की संभावना

Imageनवीन समाचार, नैनीताल, 22 फरवरी 2023। आज सुबह जब लोग सुबह उठने जा रहे थे, तब से आज भारत के पड़ोसी देश ताजिकिस्तान, अफगानिस्तान और भारत के अरुणांचल प्रदेश में 14 भूकंप के झटके आ चुके हैं। इनमें एक 6.8 व 7 तीव्रता का भी बताया जा रहा है। सभी झटकों की जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें। यह भी पढ़ें : नैनीताल: 10 बच्चों के पिता पर दूसरी शादी करने का शक, पति-पत्नी आपस में हाथापाई करने के बाद पहुंचे थाने

शुरुवाती जानकारी के अनुसार यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार गुरुवार सुबह 6 बजकर 7 मिनट पर भूकंप से धरती कांप उठी। यह भूकंप बेहद शक्तिशाली था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.8 तीव्रता रही और भूकंप का केंद्र तजाकिस्तान के मुर्घोब शहर के 67 किलोमीटर पश्चिम व अफगानिस्तान के फैजाबाद से 265 किलोमीटर दूर 20 किलोमीटर गहराई में था। यह भी पढ़ें : कोर्ट परिसर में जीजा-साले के बीच चले लात-घूंसे, वजह पुलिस ने बताई….

वहीं चीनी भूकंप नेटवर्क सेंटर ने कहा कि भूकंप की तीव्रता 7.2 थी और इसकी गहराई जमीन के 10 किलोमीटर नीचे थी। गौरतलब है कि विभिन्न भूकंप एजेंसियों द्वारा शुरुआती भूकंपीय माप अक्सर अलग होती है। बताया गया है कि यह क्षेत्र अधिक आबादी वाला नहीं है। फिर भी भूकंप जितना अधिक शक्तिशाली है, आशंका है कि इससे बड़े स्तर पर जान माल का नुकसान हो सकता है। यह भी पढ़ें : नैनीताल: पुलिस ने शराब पीकर दुर्घटना करने वाले चालक को किया गिरफ्तार, वाहन किया सीज, लाइसेंस निरस्त करने की भी कार्रवाई…

इधर नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी के अनुसार आज सुबह पहला भूकंप रात्रि 1.41 बजे अफगानिस्तान में 3.8 तीव्रता का आया। इसके बाद भारत के अरुणांचल प्रदेश के पश्चिमी कामिंग में सुबह 2 बजकर 25 मिनट पर 3.1 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद तजाकिस्तान में सुबह 6 बजकर 7 मिनट पर 6.7 तीव्रता का, 6.36 बजे 4.7 तीव्रता का, 7 बजकर 5 मिनट पर 5.2 तीव्रता का और 7 बजकर 37 मिनट पर 4.8 तीव्रता का आया है। जिस तरह से थोड़ी-थोड़ी में लगातार भूकंप आ रहे हैं, इससे आगे भी भूकंप आने की संभावना जताई जा रही है। विस्तृत विवरण की प्रतीक्षा है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : आज फिर डोली उत्तराखंड से लेकर नेपाल व चीन तक धरती, आपने महसूस की, क्या बढ़ रहा है खतरा ?

नवीन समाचार, नैनीताल, 22 फरवरी 2023। उत्तराखंड में एक बार फिर बुधवार दोपहर एक बजकर 30 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से 143 किलोमीटर पूर्व की ओर नेपाल में धरती के भीतर 10 किमी की गहराई में था तथा इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 मैग्नीट्यूड मापी गई है, जो कि अधिक की श्रेणी में आती है। यह भी पढ़ें : घर से बिन बताए भाग कर आई नाबालिग को अस्मत गंवाकर चुकानी पड़ी होटल में रात्रि बिताने की कीमत, होटल कर्मी ने किया दुष्कर्म

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक इस भूकंप के झटके भारत में पिथौरागढ़ से लेकर राजधानी दिल्ली एवं एनसीआर के साथ चीन और नेपाल में भी महसूस किए गए हैं। गौरतलब है राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान में भूकंप वैज्ञानिक डॉ. एन पूर्णचंद्र राव सहित कई अन्य विशेषज्ञों ने उत्तराखंड में बड़े भूकंप की चेतावनी दी है। नैनीताल : हाल में खुले नए थाने में दर्ज हुआ पहला मामला…

उनका कहना है कि उत्तराखंड के कई क्षेत्र भूकंप के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में आते हैं, और यहां लंबे समय से कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है। इस कारण यहां की जमीन के अंदर भूकंप के लिए अधिक दबाव हो सकता है। इसी कारण उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से जोन पांच में रखा गया है। इसलिए छोटे भूकंपों को बड़े खतरे का संकेत भी माना जा रहा है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : आज सुबह फिर आया भूकंप, आपने महसूस किया…

नवीन समाचार, बागेश्वर, 20 फरवरी 2023। सोमवार की सुबह तड़के उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में भूंकप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप सुबह करीब 4 बजकर 49 मिनट 30 सेकेंड पर आया है। इसका केंद्र जमीन की सतह से मात्र 5 किलोमीटर नीचे था। लेकिन रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मात्र 2.5 मापी गई है, इसलिए इसका बहुत प्रभाव नहीं देखा गया है। यह भी पढ़ें : नैनीताल: यूट्यूब की महिला संचालक पर धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में अभियोग दर्ज

फिर भी बागेश्वर के लोगों को आज सुबह भूकंप के झटकों के साथ जगना पड़ा। जब सुबह 4.49 पर भूकंप के झटके महसूस किए तो लोग अपने घरों से बाहर आए। हालांकि यह झटका थोड़ी देर के लिए था और अधिक तेज नहीं था। झटके से किसी भी तरह की कोई जान माल की कोई हानि की सूचना नहीं है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : अभी-अभी आया भूकंप का बड़ा झटका, आपको महसूस हुआ

नवीन समाचार, हल्द्वानी, 24 जनवरी 2023। मंगलवार अपराह्न दो बजकर 28 मिनट 31 सेकेंड पर उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों से लेकर दिल्ली तक भूकंप का बड़ा झटका महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र नेपाल में 29.41 लेटीट्यूड व 81.68 लॉंगीट्यूड पर धरती से 10 किलोमीटर की गहराई में था और इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.8 थी। यानी यह एक बड़ा व खतरनाक श्रेणी का भूकंप था। यह भी पढ़ें : कोश्यारी ने जताई महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद से हटने की इच्छा, अपनी भविष्य की इच्छा का भी किया खुलासा….

हल्द्वानी में भूकंप का यह झटका खास कर अधिक मंजिल वाले ऊंचे भवनों में करीब 4-5 सेकेंड तक काफी जोर से महसूस हुआ। इस दौरान छत पर लटके पंखे हिलने लगे। लोग दहशत में घर से बाहर निकल आए। नैनीताल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। आपने भी भूकंप का झटका महसूस किया या कमेंट बॉक्स में बतायें। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : सुबह-सवेरे डोली उत्तराखंड में धरती

नवीन समाचार, पिथौरागढ़, 22 जनवरी 2023। उत्तराखंड में रविवार सुबह एक बार फिर धरती डोली है। पिथौरागढ़ जिले में आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप भारतीय समय के अनुसार सुबह 8 बजकर 58 मिनट 31 सेकेंड पर आया है। भूकंप के झटकों से लोग दहशत में आ गए, और अपने घरों से बाहर निकल आए। यह भी पढ़ें : 8वीं कक्षा की छात्रा पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंची अस्पताल, निकली 12वीं के छात्र की हरकत से 9 माह की गर्भवती…

भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.8 मैग्नीट्यूट नापी गई। इसका केंद्र धरती के भीतर 10 किलोमीटर की गहराई पर था। लेकिन, राहत भरी खबर है कि इस भूकंप से किसी जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : बीती रात्रि फिर महसूस किए गए भूकंप के झटके, क्या आपने भी महसूस किए…?

नवीन समाचार, उत्तरकाशी, 19 दिसंबर 2022। उत्तरकाशी में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 3.1 मापी गई है। क्या आपने भी कल रात भूकंप के झटके महसूस किए यदि हां तो हमें बताएं। यह भी पढ़ें : गली के आवारा कुत्ते ने 5 वर्ष की मासूम को नोंचा, मौत, लोगों में आक्रोश…

उल्लेखनीय है कि दस दिन पहले भी उत्तराखंड में धरती डोली थी। इससे पहले उत्तराखंड में 12 दिसंबर को भूकंप आया था। तब भी उत्तरकाशी में धरती डोली थी। भूकंप के झटके दून समेत पूरे राज्य में महसूस किए गए थे। वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वरिष्ठ भूकंप वैज्ञानिक डॉ. अजय पॉल के अनुसार यूरेशियन प्लेट की ओर इंडियन प्लेट हर साल चार से पांच सेंटीमीटर आगे खिसक रही है उससे लगातार भूगर्भीय हलचल जारी है। यह भी पढ़ें : नैनीताल: ढाबे पर शराब पिलाते अवैध देशी शराब के साथ एक गिरफ्तार…

ऐेसे में नेपाल, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर जैसे हिमालयी इलाकों में भूकंप आते रहेंगे। भूगर्भीय हलचल से उससे बड़े पैमाने पर ऊर्जा पैदा हो रही है। इससे बिहार से लेकर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा तक लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। रिक्टर स्केल पर कम तीव्रता वाले भूकंप इस बात का संकेत नहीं है कि भविष्य में बड़े भूकंप नहीं आएंगे। जो सेंट्रल सिस्मिक गैप बिहार से हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा तक है, इस इलाके में बड़े भूकंप की आशंका बरकरार है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : भूकंप : नेपाल से कम खतरनाक नहीं उत्तराखंड…. जानें क्यों ?

-यहां अधिक लंबा है बड़े भूकंप न आने के कारण साइस्मिक गैप, इसलिए लगातार बढ़ती जा रही है बड़े भूकंपों की संभावना
-एमसीटी यानी मेन सेंट्रल थ्रस्ट पर है नेपाल में भूकंप का केंद्र, उत्तराखंड के धारचूला-मुन्स्यारी से होकर गुजरता है यही थ्रस्ट

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डॉ. नवीन जोशी, नैनीताल। नेपाल के उत्तर पश्चिमी शहर लामजुम में शनिवार को आए रिक्टर स्केल पर 7.9 तीव्रता के भूकंप का भले उत्तराखंड के पहाड़ों पर सीधा फर्क न पड़ा हो, लेकिन इससे उत्तराखंड में भी लोग सशंकित हो उठे हैं। चिंताजनक यह भी है कि लोगों की आशंकाओं को वैज्ञानिक तथ्य भी स्वीकार कर रहे हैं। नेपाल और उत्तराखंड दोनों उस यूरेशियन-इंडियन प्लेट की बाउंड्री-मेन सेंट्रल थ्रस्ट यानी एमसीटी पर स्थित हैं, जो शनिवार को नेपाल में आये भूकंप और पूरी हिमालय क्षेत्र में भूकंपों और भूगर्भीय हलचलों का सबसे बड़ा कारण है। और यही कारण है, जिसके चलते उत्तराखंड और नेपाल का बड़ा क्षेत्र भूकंपों के दृष्टिकोण से सर्वाधिक खतरनाक जोन-पांच में आता है। इसके अलावा भी उत्तराखंड में पिछले 200 वर्षों में बड़े भूकंप न आने के कारण साइस्मिक गैप अधिक लंबा है, और इसलिए यहां बड़े भूकंपों की संभावना लगातार बढ़ती जा रही है। यह भी पढ़ें : यूपी में उत्तराखंड के लाखों रुपये में भ्रष्टाचार का आरोप, CM धामी से की गई शिकायत…

चिंता के बढ़ने का कारण इसलिये भी अधिक है कि उत्तराखंड में पिछले 200 वर्षों में इस श्रेणी के ‘ग्रेट अर्थक्वेक” नहीं आए हैं। इस क्षेत्र में सबसे बड़ा भूकंप 1905 में कांगड़ा (हिमांचल प्रदेश) में आया था। उत्तराखंड को इस लिहाज से ‘लॉक्ड सेगमेंट” भी कहा जाता है। भूवैज्ञानिक 1905 में कांगड़ा में आये भूकंप के बाद से उत्तराखंड में बड़ा भूकंप न आने के कारण यहां केंद्रीय कुमाऊं (अल्मोड़ा व बागेश्वर जनपद) एवं देहरादून में बड़े भूकंप आने की संभावना लगातार जताते रहे हैं। इस भूकंप को जबकि 120 वर्षों का समय हो चुका है, और औसतन 100 वर्ष में भूकंप आने की बात कही जाती है, इसलिये ऐसे भूकंप की आशंका वैज्ञानिकों द्वारा जताई जा रही है। यह भी पढ़ें : हल्द्वानी : महिला 10 दिनों से गायब, पति के निधन के बाद से थी परेशान

1991 में उत्तरकाशी व 1999 के चमोली के भूकंपों को इस लिहाज से छोटा बताया जाता है। कुमाऊं विवि के भूविज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. चारु चंद्र पंत के अनुसार नेपाल और उत्तराखंड की भूगर्भीय परिस्थितियां, चट्टानें देशों की सीमाओं से इतर भूगर्भीय दृष्टिकोण से बिलकुल एक जैसी हैं। ऐसी स्थितियों का सामना घबराने के बजाय आवश्यक सुरक्षा प्रबंधों के जरिये करने की जरूरत है। यह भी पढ़ें : नैनीताल: मंदिरो में लगे होर्डिंग चर्चा में….

हिमालय के युवा होने के कारण है गतिशीलता

नैनीताल। भू वैज्ञानिकों के अनुसार मध्य हिमालय में स्थित उत्तराखंड में अधिकतम 3800 मिलियन वर्ष पुरानी चट्टानें पाई गई हैं। वैसे मध्य हिमालय का क्षेत्र 560 मिलियन वर्ष पुराना बताया जाता है। यहां यह भी एक अनोखी बात यहां दिखती है कि अपेक्षाकृत पुराना मध्य हिमालय अपने से नये केवल 15 मिलियन वर्ष पुराने शिवालिक पहाड़ों के ऊपर स्थित हैं। भारतीय प्लेट अपने से मजबूत यूरेशियन प्लेट में हर वर्ष 55 मिमी की दर से समा रहा है, तथा स्वयं उठने के साथ-भूस्खलनों का शिकार भी होता रहता है। ऐसे में यहां कठोर व कमजोर पहाड़ों का एक-दूसरे के अंदर समाना एक सतत प्रक्रिया है। यह भी पढ़ें : प्रमुख होटल व्यवसायी की कार दुर्घटना में मौत, सीएम ने भी जताया शोक

समाने की यह प्रक्रिया धरती के भीतर लीथोस्फेरिक व ऐस्थेनोस्फियर परतों के बीच होती है। इससे भू गर्भ में अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा एकत्र होती है, जो ज्वालामुखी तथा भूकंपों के रूप में बाहर निकलती है। चूंकि भारतीय व तिब्बती प्लेटें उत्तराखंड के करीब से एक-दूसरे में समा रही हैं, इसलिये यहां भूकंपों का खतरा अधिक बढ़ जाता है। इधर यह खतरा इसलिये भी बढ़ता जा रहा है कि बीते 200 वर्षों में वर्ष 1905 के कांगड़ा व 1934 के ‘ग्रेट आसाम अर्थक्वेक” के बाद के 120 वर्षों में यहां आठ मैग्नीटूड से अधिक के भूकंप नहीं आऐ हैं, लिहाजा धरती के भीतर बहुत बड़ी मात्रा में ऊर्जा बाहर निकलने को प्रयासरत है। यह भी पढ़ें : शादी के एक वर्ष बाद ही तांत्रिक के साथ फरार हुई महिला, पति की शराब की लत छुड़ाने गई थी…

अपेक्षा से कहीं अधिक है भूगर्भ में ऊर्जा : भूवैज्ञानिकों के अनुसार अकेले एमसीटी ही अरुणांचल प्रदेश के नामचा बरुआ पर्वत से पाक अधिकृत कश्मीर के नंगा पर्वत तक करीब 2500 किमी लंबाई और करीब 60-65 किमी चौड़ाई में अनेकों दरारों के रूप में है। इतने बड़े क्षेत्रफल के एक-दूसरे में धंसने-समाने के फलस्वरूप कितनी अधिक मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती होगी, इसका अंदाजा लगाना भी आसान नहीं है। इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि रिक्टर स्केल पर एक और दो तीव्रता के भूकंपों के बीच 31.5 गुना अधिक भूगर्भीय ऊर्जा बाहर निकलती है, जबकि एक से तीन तीव्रता के भूकंपों के बीच ऊर्जा का अंतर 31.5 गुणा 31.5 गुणा होता है। इसी प्रकार एक और आठ तीव्रता के भूकंप की ऊर्जा का अंतर ज्ञात करने के लिए 31.5 को आपस में आठ बार गुणा करना होगा। यह भी पढ़ें : पहले लड़की ने फौजी पर लगाया था यौन शोषण, 16 लाख ठगने का आरोप, अब फौजी की शिकायत पर लड़की के खिलाफ 44 लाख रुपए ठगने व यौन उत्पीड़न में फंसाने का 

यह हैं उत्तराखंड में भूगर्भीय संवेदनशीलता के कारण

ऐसा होता है मूल भूकंप मापी यन्त्र

ऐसा होता है मूल भूकंप मापी यन्त्र

नैनीताल। भारत देश में भूकंपों और भूगर्भीय हलचलों का मुख्य कारण भारतीय प्लेट के उत्तर दिशा की ओर बढ़ते हुए तिब्बती प्लेट में धंसते जाने के कारण है। बताया जाता है कि करीब दो करोड़ वर्ष पूर्व भारतीय प्लेट तिब्बती प्लेट से टकराई थी, और इसी कारण उस दौर के टेथिस महासागर में इन दोनों प्लेटों की भीषण प्लेट से आज के हिमालय का जन्म हुआ था। आज भी दोनों प्लेटों के बीच यह गतिशीलता बनी हुई है, और इसकी गति करीब 55 मिमी प्रति वर्ष है। इसके प्रभाव में ही गंगा-यमुना के मैदानों को शिवालिक पर्वत श्रृंखला से अलग करने वाले हिमालया फ्रंटल थ्रंस्ट, शिवालिक व लघु हिमालय को अलग करने वाले मेन बाउंड्री थ्रस्ट (एमबीटी), इसी तरह आगे रामगढ़ थ्रस्ट, साउथ अल्मोड़ा थ्रस्ट, नार्थ अल्मोड़ा थ्रस्ट, बेरीनाग थ्रस्ट व मध्य हिमालय से उच्च हिमालय को विभक्त करने वाले मेन सेंट्रल थ्रस्ट (एमसीटी) जैसे विभिन्न टैक्टोनिक सेगमेंट्स भी आपस में उत्तर दिशा की ओर खिसक रहे हैं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : अभी-अभी फिर डोली धरती, नैनीताल में भी किया गया महसूस

Imageनवीन समाचार, नैनीताल, 12 नवंबर 2022। उत्तराखंड में क्या कोई बड़ा भूकंप आने वाला है। यह सवाल इसलिए कि अभी-अभी उत्तराखंड में एक बार फिर धरती डोली है। शाम सात बजकर 57 मिनट के करीब कुछ सेकेंड के अंतर में नैनीताल में भी दो झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके महसूस करने पर लोग घरों से बाहर निकल आए और आपस में चर्चा करने लगे। यह भी पढ़ें : छात्रा पर युवक डाल रहा धर्म परिवर्तन कर निकाह करने का दबाव, जलाकर मार डालने की भी दे रहा धमकी

हल्द्वानी में भी इसी समय भूकंप महसूस किए जाने की सूचना आ रही है। हालांकि बाद में जानकारी के अनुसार दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। बताया गया है कि रिक्टर स्केल पर 5.4 तीव्रता के इस भूकंप का केंद्र नेपाल में 10 किमी की गहराई में था।  तीव्रता हालिया समय में आ रहे सभी भूकंपों में सर्वाधिक रही। यह भी पढ़ें : नैनीताल : सुबह-सुबह चोरी करता कैमरे में कैद हुआ चोर

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व शाम 4 बजकर 25 मिनट पर भी प्रदेश में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.4 थी और इसका केंद्र पौड़ी जिले में धरती के भीतर 5 किलोमीटर की गहराई पर था। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : पूर्णिमा-चंद्रग्रहण की रात्रि से सुबह तक 5 झटकों से डोली भारत सहित 3 देशों की धरती, 6 की मौत, उत्तराखंड में भी झटके

नवीन समाचार, नैनीताल, 9 नवंबर 2022। मंगलवार की पूर्णिमा की रात चंद्रग्रहण के बाद भूकंपों (https://riseq.seismo.gov.in/riseq/earthquake) की रात रही। रात्रि में भारत के पड़ोसी देश नेपाल में भूकंप के चार बड़े झटके आए, इनसे नेपाल के साथ भारत और चीन यानी तीन देशों की धरती डोल उठी। पूरे उत्तर भारत खासकर उत्तराखंड में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। यह भी पढ़ें : उत्तराखंड हाईकोर्ट के नैनीताल से संभावित स्थानांतरण के विरोध में निकला जुलूस, शामिल हुए विभिन्न संगठनों के लोग देखें विडियो : मंगलवार रात्रि ज्योलीकोट-नैनीताल की एक दुकान के CCTV कैमरे में कैद हुआ भूकंप का जोरदार झटका

भूकंप से खासकर उत्तराखंड के नेपाल से लगे सीमांत पिथौरागढ़ व चंपावत जिलो में घरों की दीवारों में दरारें आने की भी सूचना है, जबकि हल्द्वानी, रुद्रपुर में खासकर ऊंचे बहुमंजिला भवनों में पंखे-खिड़कियां खड़खड़ाने लगे। ऐसे में लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए। इधर नैनीताल में गिने-चुने लोग ही भूकंप को महसूस करने की बात कह रहे हैं। बताया जा रहा है कि होटलों में रह रहे कुछ सैलानी दूसरे शहरों से परिजनों के फोन आने के बाद अपने कमरों से बाहर निकल आए। यह भी पढ़ें : बदलता दौर: हद है, लड़की ने लड़के द्वारा दिया लहंगा पसंद न आने पर कर दिया शादी से इंकार !

प्राप्त जानकारी के अनुसार बीती मंगलवार रात को भूकंप का पहला झटका करीब रात 8 बजकर 52 मिनट पर रिक्टर पैमाने पर 4.9 तीव्रता का आया। जिसे दिल्ली एनसीआर से लेकर लखनऊ, कानपुर, मुरादाबाद, बरेली आदि शहरों के लोगों ने महसूस किया गया। इसके बाद दूसरा झटका सुदूर पश्चिम नेपाल के डोटी में रात लगभग 9 बजकर 41 मिनट पर रिक्टर पैमाने पर 3.5 तीव्रता का आया। इसका प्रभाव नेपाल के करनाली और लुंबिनी जिले में सर्वाधिक रहा। यह भी पढ़ें : फिर शुरू हुआ फड़-पालिका वालों के बीच चूहे-बिल्ली का खेल, कई का सामान जब्त

इसके बाद देर रात एक बजकर 57 मिनट पर भूकंप का सबसे बड़ा 6.3 तीव्रता का झटका भी नेपाल में ही आया। धरती के भीतर करीब 10 किमी की गहराई से आया यह झटका करीब 6 से 8 सेकेंड तक रहा। यह इतना तेज था कि गहरी नींद में सोए लोगों की आंखें खुल गईं। दीवारें-खिड़कियां सब हिलने लगीं। दहशत में लोग घरों से बाहर की ओर भागे। इसके बाद एक और झटका नेपाल में 3 बजकर 15 मिनट पर 3.6 तीव्रता का रिकॉर्ड किया गया। इधर बुधवार सुबह भी 6 बजकर 27 मिनट पर फिर से 4.3 रेक्टर का भूकंप आया। जिसका केंद्र नेपाल सीमा से 26 किमी दूरी पर धारचूला का सुवा क्षेत्र बताया गया है। इसके झटके पूरे पिथौरागढ़ में महसूस किए गए। यह भी पढ़ें : जनहित संगठन ने बताया-क्यों खूंखार होकर लोगो को नोंच रहे हैं आवारा कुत्ते….

नेपाल में भूकंप से छह लोगों के मौत
बताया गया है कि रात 1.57 बजे आए भूकंप से नेपाल के डोटी जिले में एक घर गिरने से छह लोगों की मौत हो गई है, जबकि पांच लोग घायल हो गए। नेपाल सेना को भूकंप प्रभावित इलाकों में तलाशी और बचाव अभियान के लिए भेजा गया है। (डॉ. नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : ब्रेकिंग: पौने घंटे के भीतर 3 से अधिक मैग्नीट्यूड के दो झटकों से डोली उत्तराखंड की धरती

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 8 अक्तूबर 2022। 8 अक्तूबर 2022। उत्तराखंड में शनिवार को बारिश के बीच भूकंप के दो झटकों ने डरा दिया। इस दौरान धरती की धड़कन कुछ इतनी बढ़ी कि खासकर पिथौरागढ़़ व बागेश्वर जनपदों के सीमांत क्षेत्र के लोगों की डर के मारे धड़कन बढ़ गई और लोग बारिश के बावजूद घरों के बाहर निकल आए।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप का पहला झटका तीन बजकर 47 मिनट 31 सेकेंड पर  और दूसरा 4 बजकर 34 मिनट 3 सेकेंड पर यानी करीब पौने घंटे के बाद आया। पहला झटका रिक्टर स्केल पर 3.9 मैग्नीट्यूड का था और इसका केंद्र बागेश्वर जनपद में जमीन की सतह से करीब 10 किलोमीटर की गहराई पर था (https://riseq.seismo.gov.in/riseq/interactive/index/RmRCZmFXdEhnNGF0MWYwT0VmMnViUT09/Reviewed)। जबकि दूसरा झटका 3.4 मैग्नीट्यूड का था और इसका केंद्र पिथौरागढ़ जिले में 10 किलोमीटर की गहराई पर था (https://riseq.seismo.gov.in/riseq/interactive/index/MFRwSVA0REowaTNhbm1jSWp1cHFqUT09/Reviewed)। इन दोनों भूकंपों से समाचार लिखे जाने तक किसी नुकसान की सूचना नहीं है। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड: भूकंप के झटकों से डोली धरती, लोग घरों से बाहर निकले, घरों में दरारें आईं !

नवीन समाचार, उत्तरकाशी, 2 अक्तूबर 2022। रविवार की सुबह उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले भूकंप के झटके से धरती के कांपने की खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि सुबह भारतीय समय के अनुसार करीब 10 बजकर 43 मिनट 11 मिनट पर उत्तरकाशी में भूकंप का झटका महसूस किया गया। इसे लोगों ने इस कदर महसूस किया कि वह डरकर घरों से बाहर निकल आए। भूकंप की वजह से तीन घरों में दरारें आने की भी प्रारंभिक खबरें हैं। देखें आज के भूकंप की पूरी जानकारी : https://riseq.seismo.gov.in/riseq/interactive/index/OUhYdHdjWE1FVmliRmxtVnNGWk9lZz09/Reviewed

अलबत्ता, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर मात्र 2.5 बताई गई है, जो कि कम ही मानी जाती है। संभवतया भूकंप का केंद्र करीब आने की वजह से यहां इसे अधिक तीव्रता से महसूस किया गया होगा। ऐसे में नुकसान की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। बताया गया है कि भूकंप का केंद्र बाड़ाहाट रेंज के ग्राम उत्तरों के जंगलों के मुकता टॉप में था। उल्लेखनीय है कि उत्तरकाशी जिला भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। उत्तरकाशी भूकंप जोन पांच में आता है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : आज दो बार डोली पर्वतीय क्षेत्र में धरती, एक का केंद्र उत्तराखंड में

नवीन समाचार, रामनगर, 28 जून 2021। उत्तराखंड के सीमावर्ती पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में सोमवार दोपहर भूकंप के झटकों से लोग दहशत में आ गए। दोपहर करीब 12 बजकर 18 मिनट पांच सेकेंड पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इससे लोग घरों से बाहर निकल गए। फिलहाल किसी नुकसान की सूचना नहीं है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.7 दर्ज की गई है। इसका केंद्र पिथौरागढ़ में जमीन के भीतर करीब दस किलोमीटर रहा।

भूकंप से पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी और बागेश्वर जिले के कपकोट आदि स्थानों पर लोगों को ज्यादा झटके महसूस किए गए। झटके से फिलहाल कोई नुकसान नहीं हुआ है। सूचनाएं एकत्र की जा रही है। उल्लेखनीय है कि इससे कुछ देर पहले सोमवार को ही सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर देश के लद्दाख में भी इससे बड़ा, रिक्टर स्केल पर 4.6 तीव्रता का झटका महसूस किया था। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

देखें आज के भूकंप की पूरी जानकारी : https://seismo.gov.in/MIS/riseq/earthquake/event/RTIvSThDUnZHamx4MUpQNjc4WngyZz09/Reviewed

यह भी पढ़ें : अभी-अभी भूकंप से डोली उत्तराखंड की धरती, मात्र 8 किमी नीचे था केंद्र

नवीन समाचार, पिथौरागढ़, 19 फरवरी 2021। शुक्रवार को उत्तराखंड में भूकंप के झटके महसूस किए गए। सीस्मो डॉट जीओवी डॉट इन के अनुसार भूकंप पिथौरागढ़ जिले में भारतीय समय के अनुसार चार बजकर 38 मिनट 32 सेकेंड पर आया। इसका केंद्र  (Lat, Long : 29.88, 80.29) जमीन की सतह से मात्र आठ किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने में चार आंकी गई। 

देखें आज के भूकंप की पूरी जानकारी : https://seismo.gov.in/MIS/riseq/nearby_seismicity/index/R1YyTHg4aTF0MHZTSzgxM1VUQ1cvdz09/Reviewed

पिथौरागढ़ के मुनस्यारी सहित तल्ला जोहार, डीडीहाट अस्कोट, थल, पांगला व जौलजीबी में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। उधर रामगंगा नदी घाटी के मुवानी तक के क्षेत्र में लोग भूकंप के डर के मारे घरों से बाहर निकल आए। वहीं बागेश्वर के कपकोट में कई क्षेत्रों भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। सामा, गोगिना, समडर आदि इलाकों में लोग सहम गए। जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि फिलहाल किसी नुकसान की सूचना नहीं है।

यह भी पढ़ें : 24 घंटों में दूसरी बार आया 6 से अधिक तीव्रता का भूकंप, उत्तराखंड से अफगानिस्तान तक डोली धरती..

नवीन समाचार, नई दिल्ली, 12 फरवरी 2021। उत्तराखंड, दिल्ली, एनसीआर सहित समूचा उत्तर भारत शुक्रवार रात को भूकंप के तेज झटकों से कांप उठा। ये झटके 10 बजकर 31 मिनट पर राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर सहित समूचे उत्तर भारत के साथ ही पाकिस्तान व अफगानिस्तान में भी महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता से घबराकर कई इलाकों में लोग घरों से बाहर निकल आए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 मापी गई है। जो कि काफी अधिक है। ग़नीमत रही कि अब तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है।
उल्लेखनीय है कि आज ही राजस्थान के बीकानेर में भी रिक्टर पैमाने पर 4.3 तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र बीकानेर से लगभग 420 किलोमीटर उत्तरपश्चिम में था। यह भूकंप भारतीय समयानुसार सुबह 8:01 बजे आया था।

यह भी पढ़ें : आज फिर डोली कुमाऊं-उत्तराखंड की धरती

नवीन समाचार, बागेश्वर, 08 जनवरी 2020। भूगर्भीय कमजोरी के दृष्टिकोण से जोन चार व पांच में आने वाले उत्तराखंड राज्य शुक्रवार सुबह एक बार फिर धरती डोली है। आज सुबह 10 बजकर पांच मिनट 19 सेकेंड पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी से प्राप्त जानकारी के अनुसार भूकंप का केंद्र राज्य के कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ जनपद के 52 किलोमीट उत्तर पश्चिम में यानी बागेश्वर के पास धरती के भीतर 10 किलोमीटर की गहराई में बताया गया है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.3 बताई गई है। भूकंप से फिलहाल किसी तरह के नुकसान का समाचार नहीं है।

देखें पूरी जानकारी : https://seismo.gov.in/MIS/riseq/interactive/index/V2VINjkraXNPTENRV2dWS3p3VXF4QT09/
उल्लेखनीय है कि राज्य के खासकर सीमांत जनपदों में छोटे भूकंपों के आने का सिलसिला बरसों से जारी है। यह भी कहा जाता है कि राज्य बड़े भूकंप के मुहाने पर खड़ा है। हालांकि यह कब आएगा इस बारे में कोई सटीक अनुमान नहीं है। वहीं छोटे भूकंपों के बारे में कहा जाता है कि यह बड़े भूकंप आने की संभावना को कम नहीं कर पाते हैं, तथा कई बार यह बड़े भूकंप के आने का पूर्वानुमान हो सकते हैं। इसलिए छोटे भूकंपों पर भी वैज्ञानिकों एवं आम लोगों की नजर लगी रहती हैं।

यह भी पढ़ें : ब्रेकिंग : सुबह-सुबह उड़ीसा के बाद उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ जिले में भूकंप के झटके…

नवीन समाचार, पिथौरागढ़, 4 दिसंबर 2020। देश के 2 राज्यों में शुक्रवार सुबह की शुरुआत भूकंप के झटकों के साथ हुई।करीब 1 घंटे के अंतराल पर भूकंप के झटके 2 अलग-अलग राज्यों में महसूस किए गए। पहला भूकंप ओडिशा के मयूरभंज जिले में आया और इस झटके के 57 मिनट बाद अगला भूकंप उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ जिले में आया। हालांकि इन दोनों ही जगहों पर भूकंप से किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ओडिशा के मयूरभंज जिले में शुक्रवार तड़के 2.13 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 3.9 आंकी गई। इस झटके के 57 मिनट बाद उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में सुबह 3.10 बजे भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार इसकी तीव्रता 2.6 आंकी गई। विदित हो कि बीते मंगलवार की सुबह हरिद्वार में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र बहादराबाद ब्लॉक के औरंगाबाद क्षेत्र का डालूवाला कलां गांव था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई थी, हालांकि उससे भी कोई नुकसान नहीं हुआ था। उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले वैज्ञानिकों ने हिमालय क्षेत्र में बड़े भूकंप की आशंका व्यक्त करते हुए कहा था कि हिमालय पर्वत श्रृंखला में सिलसिलेवार भूकंपों के साथ बड़ा भूकंप कभी भी आ सकता है। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर आठ या उससे भी अधिक हो सकती है। वैज्ञानिकों का दावा है कि हिमालय के आसपास घनी आबादी वाले देशों में इससे भारी तबाही मच सकती है। हालांकि ये भूकंप कब आएंगे इसका अनुमान फिलहाल नहीं लगाया गया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगले 100 साल में इनके आने की आशंका है। 

पूर्व समाचार : कुमाऊं में भूकंप के झटके…

नवीन समाचार, अल्मोड़ा, 8 फरवरी 2020। उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा, बागेश्वर व पिथौरागढ़ में शनिवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। पिथौरागढ़ में तो कुछ लोग डर के कारण घरों से बाहर निकल आए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4 बताई जा रही है। सुबह करीब 6:32 पर ये झटके महसूस किए गए। भूकंप का केन्द्र गोगिना (पिथौरागढ-बागेश्वर सीमा) बताया जा रहा है। फिलहाल भूकंप से किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड सहित नेपाल-उत्तर भारत में अभी-अभी भूकंप के झटके..

नवीन समाचार, नैनीताल, 19 नवंबर 2019। पड़ोसी देश नेपाल तथा उत्तराखंड सहित दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में अभी-अभी आये भूकंप के हलके झटके नैनीताल में भी महसूस किये गये हैं। मंगलवार की देर शाम करीब 7.05 बजे पर भूकंप के झटके महसूस किए गए भूकंप की रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 5.3 मापी गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भूकंप का केंद्र भारत-नेपाल सीमा पर भारत के लखनऊ से 288 किमी उत्तर, नेपाल के बीरेंद्रनगर से 100 मिकी उत्तर पश्चिम एवं नेपाल के डडेलधूरा से 65 किमी पूर्व में धरती की 14 किमी की गहराई में था। इसलिए इसका प्रभाव कम रहा। फिलहाल भूकंप से किसी तरह के नुकसान की जानकारी नहीं मिली है। अलबत्ता नैनीताल में भी कुछ लोगों ने इसे महसूस किये जाने का दावा किया है।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में आया भूकंप का झटका

नवीन समाचार, देहरादून, 18 मई 2019। शुक्रवार रात जिस वक्त लगभग सभी लोग गहरी नींद में सो रहे थे उसी समय उत्तराखंड की धरती भूकंप के झटकों से डोलने लगी। प्राप्त सूचना के मुताबिक उत्तराखंड के चमोली और उत्तरकाशी जिले में शुक्रवार को देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए।

इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.8 मापी गई है। शुक्रवार की रात करीब एक बजे चमोली जिले में भूकंप के झटके महसूस हुए। इसका केंद्र जमीन में दस किमी अंदर रहा। उत्तरकाशी जनपद के गंगोत्री हर्षिल क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस हुए।

भूकंप आने से भयभीत स्थानीय लोग व यात्री घरों से बाहर निकल आए। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल ने बताया कि भूकंप का केंद्र उत्तरकाशी की सीमा से लगे चमोली जनपद में था। भूकंप की तीव्रता 3.8 माफी गई है। जिले में भूकंप से किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है।

यह भी पढ़ें : भारत-नेपाल सीमा पर धारचूला के पास झटका हुआ महसूस

नैनीताल, 11 नवंबर 2018। मीडिया में कुछ दिनों से उत्तराखंड में बड़े भूकंप के आने की संभावनाएं जताते हुए आ रही खबरों के बीच रविवार अपराह्न 12 बजकर 37 मिनट पर भारत-नेपाल सीमा पर भूकंप के झटके पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय को छोड़कर जिले के सीमांत धारचूला, मुन्स्यारी, डीडीहाट व थल आदि क्षेत्रों में महसूस किये गये। इससे लोग आशंकित हो उठे। साथ ही किसी भूकंप के कुछ देर बाद भी भूकंप के झटके दुबारा भी आने की भूतकाल की घटनाओं के मद्देनजर लोगों में आगे बड़ा झटका आने को लेकर चिंता देखी जा रही है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 थी, और इसका केंद्र उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में धारचूला से 4 किमी उत्तर में 29.88 अंश उत्तरी अक्षांश एवं 80.52 डिग्री दक्षिणी देशांतर के मध्य धरती से 20 किमी की गहराई पर था। अलबत्ता, अभी तक इस भूकंप से जान-माल के किसी तरह के नुकसान का कोई समाचार नहीं है।

पूर्व समाचार: उत्तरी भारत में अभी-अभी 6.2 तीव्रता के भूकंप के हलके झटके महसूस किये गए

बुधवार 31 जनवरी 2018 को उत्तर भारत में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। इसका केंद्र हिंदुकुश हिमालय क्षेत्र में अफगानिस्तान में 36.55 अंश उत्तरी अक्षांस व 70.87 अंश देशांतर के बीच काबुल से 272 किमी उत्तर में स्थानीय समय के अनुसार 11 बजकर छह मिनट 59 सेकेंड यानी भारतीय समय के अनुसार दोपहर 12 बजकर 6 मिनट 59 सेकेंड पर महसूस किया गया। नैनीताल में कुछ ही सेकेंड के लिए जमीन पर बैठे लोगों ने बहुत मामूली रूप से महसूस किया। बताया गया है कि इसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.1 थी।

इसके उपरांत भी अपराह्न में अफगानिस्तान के हिंदुकुश क्षेत्र में अपराह्न 3 बजकर 31 मिनट 38 सेकेंड यानी भारतीय समयानुसार 4 बजकर 31 मिनट 38 सेकेंड पर भूकंप का एक और झटका महसूस किया गया। इसका केंद्र काबुल से 240 किमी उत्तर में यानी पहले झटके के करीब ही, तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4 और धरती की सतह से 212 किमी की गहराई में बताई गयी है।

केदारनाथ के पास था 6 दिसंबर 2017 को रात्रि आये 5 magnitude के भूकंप का केंद्र

बुधवार 06 दिसंबर 2017 को रात्रि 8 बजकर 49 मिनट 54 सेकण्ड पर आये 5 मैग्नीट्यूड तीव्रता के भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग क्षेत्र में केदारनाथ के पास कालीमठ घाटी स्थित स्वानसू में 30.71 N ; 79.27 E पर (मेरठ से 244 किमी उत्तरपूर्व, देहरादून से 126 किमी पूर्व व जोशीमठ से 33 किमी उत्तर पश्चिम में धरती से 10 किमी की गहराई पर था।

फिलहाल भूकंप से किसी तरह के नुक्सान की खबर नहीं है। अलबत्ता, रुद्रप्रयाग में कुछ घरों में दरारें आने की खबरें आ रही हैं। वैसे भी भूकंप के केंद्र का क्षेत्र निर्जन एवं संचार सुविधाओं के दृष्टिकोण से काफी दूर बताया जा रहा है। भूकंप पूरे उत्तराखंड के साथ ही दिल्ली व राजधानी क्षेत्र में महसूस किया गया है।

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार
‘नवीन समाचार’ विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी नैनीताल से ‘मन कही’ के रूप में जनवरी 2010 से इंटरननेट-वेब मीडिया पर सक्रिय, उत्तराखंड का सबसे पुराना ऑनलाइन पत्रकारिता में सक्रिय समूह है। यह उत्तराखंड शासन से मान्यता प्राप्त, अलेक्सा रैंकिंग के अनुसार उत्तराखंड के समाचार पोर्टलों में अग्रणी, गूगल सर्च पर उत्तराखंड के सर्वश्रेष्ठ, भरोसेमंद समाचार पोर्टल के रूप में अग्रणी, समाचारों को नवीन दृष्टिकोण से प्रस्तुत करने वाला ऑनलाइन समाचार पोर्टल भी है।
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