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March 19, 2024

Parvatarohan : नैनीताल के शुभम सहित 11 दिवंगत पर्वतारोहियों के नाम पर होगा चोटियों का नाम

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Parvatarohan : The Nehru Institute of Mountaineering (NIEM) organized a mountain biking rally as part of the ‘Vibrant Village Scheme’ in Nainital. The team reached Nainital and was welcomed at the Deodar Auditorium in the Hermitage campus of Kumaon University. Col. Anshuman Bhadauria, the Principal and Team Leader of NIEM, announced that they will climb 11 unconquered peaks in memory of the 11 apprentices who lost their lives in Draupadi’s Danda. These peaks will be named after the trainees, including Shubham Sanguri, an alumnus of Kumaon University. The program was attended by various dignitaries and members of the institute.

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-निम की माउंटेन बाइकिंग रैली का नैनीताल पहुंचने पर किया गया स्वागत, बताया निम करेगा 11 अविजित शिखरों का आरोहण (Parvatarohan )
नवीन समाचार, नैनीताल, 6 जुलाई 2023।
निम यानी नेहरू इंस्टीट्यूट आफ माउंटेनियरिंग उत्तरकाशी के द्वारा भारत सरकार की ‘वाइब्रेंट विलेज योजना’ के अंतर्गत आयोजित की जा रही माउंटेन बाइकिंग रैली विभिन्न पड़ावों को पार करते हुए गुरुवार को नैनीताल पहुंची। यहां पहुंचने पर कुमाऊँ विश्वविद्यालय के हरमिटेज परिसर स्थित देवदार सभागार में टीम का स्वागत व अभिनंदन किया गया।

इस अवसर पर निम के प्रधानाचार्य व टीम लीडर कर्नल अंशुमान भदौरिया ने यहां उपस्थित एनसीसी कैडेटों को सम्बोधित कर बताया कि वाइब्रेंट विलेज योजना का लक्ष्य चीन की सीमा पर स्थित गांवों का व्यापक विकास करना और सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है। इसी के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए यह माउंटेन टेरेन बाइकिंग एक्सपीडिशन अभियान प्रारम्भ किया गया है। बताया कि ऐसी साहसिक गतिविधियों से नशे की प्रवृत्तियों को दूर करने में और जीवन में संघर्ष करने का जज्बा विकसित करने में मदद मिलती है।

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पर्वतारोही शुभम सांगुड़ी

उन्होंने बताया कि निम द्रोपदी का डांडा में जान गंवाने वाले अपने 11 प्रशिक्षुओं की याद में 11 अविजित शिखरों पर आरोहण करेगा। इन चोटियों का नाम प्राण उत्सर्ग करने वाले प्रशिक्षुओं के नाम पर रखा जायेगा। बताया कि इन 11 प्रशिक्षुओं में कुमाऊँ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शुभम सांगुड़ी भी शामिल थे। उनके नाम पर भी एक शिखर का नाम रखा जायेगा।

कार्यक्रम में कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलसचिव दिनेश चंद्रा, कार्यक्रम संयोजक प्रो.अतुल जोशी आदि ने भी उल्लेखनीय भूमिका निभाई। संचालन सब ले. डा. रीतेश साह ने किया। कार्यक्रम में 79 यूके बटालियन के कमान अधिकारी कर्नल मलागी, निम के उप प्रधानाचार्य मेजन देवल बाजपेयी, प्रो.एचसीएस बिष्ट, डा. विजय कुमार, डा. दीपक कुमार, डा. जीवन उपाध्याय, डा. मनोज, डा. प्रदीप जोशी, अरविंद बंग्यिाल, संस्थान के प्रशिक्षक व टीम के सदस्य राकेश राणा, दीप बहादुर शाही व सौरभ सिंह सहित एनसीसी कैडेट व छात्र उपस्थित रहे।

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यह भी पढ़ें : दुःखद समाचार: उत्तरकाशी में हुए हिमस्खलन हादसे में नैनीताल के पर्वतारोही (Parvatarohan) शुभम सांगुड़ी की भी मौत, शव मिला

नवीन समाचार, उत्तरकाशी, 8 अक्तूबर 2022। उत्तरकाशी के द्रौपदी का डांडा में पिछले दिनों आए एवलांच यानी हिमस्खलन में गायब हुए नैनीताल के युवा पर्वतारोही शुभम सांगुड़ी के बारे में बुरा समाचार है। शुभम का शव बरामद हो गया है। बताया गया है कि उनके शव को मातली ले आया गया है। अब उसे उत्तरकाशी के अस्पताल लाकर वहां परिजनों के सुपुर्द कर दिया जायेगा। इसके बाद शनिवार रात्रि तक उसके शव को हल्द्वानी लाया जायेगा और उसके बाद शव को उनके पैतृक गाँव लमगडा के ग्राम सांगड ले जायेगा।

उल्लेखनीय है कि शुभम ने साहसिक पर्यटन में एमबीए किया है। इसके बाद उसकी निम यानी नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में प्रशिक्षक के तौर पर पहली नौकरी लगी थी। वह बीते 10 सितंबर को पर्वतारोहण का एडवांस कोर्स करने के लिए घर से निकला था और 14 सितंबर को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी पहुंचा था। करीब सप्ताह भर पूर्व शुभम ने अपने परिजनों व खासकर पिता दीवान सिंह से फोन पर बात की थी।

पिता के अनुसार उसने दीपावली पर घर आने की बात कही थी। इसी बीच शुभम के हिमस्खलन की चपेट में आकर लापता होने की खबर आई तो उसके परिजन हक्के-बक्के रह गए। उसकी तलाश के लिए वह देहरादून होते हुए उत्तरकाशी के लिए रवाना हो गए। जबकि शहर में लोग उसकी कुशलता के लिए प्रार्थनाएं की जा रही हैं। नैनीताल पर्वतारोहण क्लब के पर्वतारोहियों ने भी बारापत्थर स्थित पर्वतारोहण स्थल पर उसके सकुशल वापस लौट आने के लिए ईश्वर से प्रार्थना कीं।

उल्लेखनीय है कि शुभम की मां कमला देवी नगर के वसंत वैली पब्लिक स्कूल में कार्यरत थी। करीब दो वर्ष पूर्व उनका बीमारी की वजह से निधन हो गया था। पिता दीवान सिंह होटलों में कुक की नौकरी करते हैं। बहन रुद्रपुर में नौकरी करती है। डीएम धीराज गर्ब्याल ने उसकी सकुशल बरामदगी के प्रयासों के लिए उत्तरकाशी के डीएम डा.अभिषेक रूहेला से बात की है।

अब तक यह है स्थिति
उल्लेखनीय है कि उच्च हिमालय में प्रशिक्षण के लिए निम यानी नेहरु पवर्तारोहण संस्थान का 42 सदस्यीय पर्वतारोहियों का दल 23 सितंबर को द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत पर गया था। वहां 4 अक्टूबर को दल के 29 सदस्य हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। तभी से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, निम और हाई एल्टीट्यूड वार वेलफेयर स्कूल गुलमर्ग की टीम 2 चीता हेलीकॉप्टरों के साथ विपरीत मौसम की चुनौतियों के बीच यहां खोज एवं बचाव अभियान में जुटे हुए थे। इनमें से 4 के शव घटना वाले दिन ही मिल गए थे।

वहीं 6 अक्टूबर को पर्वतारोहियों के 17 शव मिले थे। इनके द्वारा आज 7 शव बरामद किए गए। इस प्रकार अब तक 26 सदस्यों के शव बरामद कर लिये गये हैं। जबकि 3 सदस्यों की तलाश जारी है। इनमें से 4 पर्वतारोहियों के शवों को पहले हर्षिल हैलीपैड और वहां से एंबुलेंस से उत्तरकाशी लाया गया। इनकी पहचान निम प्रशिक्षक सविता कंसवाल, नवमी रावत उत्तरकाशी, अजय बिष्ट अल्मोड़ा और शिवम कैंथोला हिमाचल के रूप में हुई है। मौसम खराब होने पर अन्य शवों को आज उत्तरकाशी नहीं लाया जा सका। शवों का पोस्टमार्टम जिला अस्पताल में किया जा रहा है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : नैनीताल के 6 पर्वतारोहियों (Parvatarohan) ने किया बलजुरी चोटी का सफल आरोहण, बिना टेंट गुफा में भी बितानी पड़ी रात

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 7 अक्तूबर 2022। उत्तरकाशी में हिमस्खलन की जानलेवा दुर्घटना के बीच नैनीताल में पर्वतारोहण के क्षेत्र से एक सुखद समाचार है। नगर स्थित नैनीताल पर्वतारोहण क्लब-एनटीएमसी का 6 पर्वतारोहियों का एक दल हिमालय की 5299 मीटर ऊंचे मुश्किल माउंट बलजुरी पर्वत शिखर का सफल आरोहण कर लौट आया है।

दल में शामिल नगर प्रसिद्ध पर्वतारोही अनित साह, केएमवीएन की गंगोत्री बिष्ट, दीपक जोशी, मनमोहन मेहरा, मुरली प्रकाश, संजय मेहरा का शुक्रवार को प्रसिद्ध पर्वतारोही व अंतर्राष्ट्रीय छायाकार पद्मश्री अनूप साह की मौजूदगी में स्वागत किया गया। बताया गया कि यह दल बीती 27 सितंबर को कुमाऊं मंडल विकास निगम के सहयोग से इंटरनेशनल माउंटेनियरिंग फोरम की अनुमति के साथ नैनीताल से रवाना हुआ था।

इस अवसर पर दल के सदस्यों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि गत दो अक्टूबर की रात को उन्होंने पिंडारी ग्लेशियर ट्रेक पर फुरकिया से आगे चढ़ाई शुरू की। इस दौरान वह उच्च हिमालयी क्षेत्र में खराब मौसम और तेज हवाओं के साथ लगभग 5 फीट बर्फ के बीच बिना टैंट के गुफा में रहने को भी मजबूर हुए। उनका संचार संपर्क भी कट गया था। इसके बाद दो अक्टूबर को वह वापस आकर तीन अक्टूबर को फिर से अभियान में शामिल हुए और बलजुरी पर्वत की चोटी का सफल आरोहण करने के बाद सुबह पांच बजे बेसकैम्प फुरकिया लौट आये। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : (Parvatarohan) पहाड़ की बेटी ने फतह की एवरेस्ट चोटी, चार बहनों में सबसे छोटी है सविता, बेटे के बिना ही रोशन किया मां-बाप का नाम..

jagranनवीन समाचार, उत्तरकाशी, 14 मई 2022। जनपद उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लाक के छोटे से गांव लौंथरू की निवासी अपने माता-पिता की चार बेटियों में सबसे छोटी 24 वर्षीय पर्वतारोही सविता कंसवाल ने साबित कर दिया है मां-बाप को नाम रोशन करने के लिए बेटों की ही जरूरत नहीं। बेटियां भी हर मुकाम हासिल कर सकती हैं।

सविता ने दुनिया की सर्वाधिक 8848.86 मीटर ऊंची चोटी एवरेस्ट का सफल आरोहण कर उत्तराखंड व देश का नाम रोशन किया है। सविता को यह सफलता 12 मई की सुबह नौ बजे के करीब मिली। उसके सफल एवरेस्ट आरोहण की जानकारी नेपाल के प्रसिद्ध शेरफा बाबू के द्वारा इंटरनेट मीडिया पर साझा करने के बाद आज सुबह सार्वजनिक हुई है।

उल्लेखनीय है कि अपने बुजुर्ग पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी देवी की चार बेटियों में सबसे छोटी बेटी सविता इससे पूर्व भी कई चोटियां फतह कर चुकी है। उसने मां-बाप को कभी बेटी की कमी महसूस नहीं होने दी। गत वर्ष उसने एवरेस्ट मैसिफ अभियान के तहत दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से (8516 मीटर) का सफल आरोहण कर तिरंगा लहराया था। यह उपलब्धि हासिल करने वाली वहभारत की दूसरी महिला पर्वतारोही है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : विधायक सरिता आर्य का अखिल भारतीय महिला परिषद ने किया अभिनंदन

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 13 अप्रैल 2022। ऑल इंडिया वीमन कांफ्रेंस यानी अखिल भारतीय महिला परिषद की शाखा नैनीताल ने बुधवार को श्रीराम सेवक सभागार में नव निर्वाचित विधायक एवं परिषद की स्टैडिंग कमेटी की सदस्य सरिता आर्या का फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया। इस दौरान परिषद की सचिव तारा बोरा ने संस्था द्वारा निर्धन एवं गरीब परिवार के लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए परिषद द्वारा किये जाने वाले कल्याणकारी कार्यों की जानकारी दी।

संयुक्त सचिव ममता पांडे ने दीप प्रज्वलन के उपरांत वंदना प्रस्तुत की। प्रो. नीता बोरा शर्मा ने श्रीमती आर्य का महिला सशक्तिकरण के साथ महिलाओं की बढ़ती भागीदारी की ओर ध्यान आकर्षित किया। संस्था की अध्यक्ष मुन्नी तिवारी ने मुख्य अतिथि का आभार जताया व संस्था की आर्थिक मजबूती के लिए सबको एकजुट होने का संदेश दिया। आशा फाउंडेसन की अध्यक्ष आशा शर्मा ने स्तन कैसर, सेनेटरी नैपकिन व ड्रग्स जैसी जानलेवा समस्याओं के लिए जागरूकता अभियान चलाने की बात रखी।

मुख्य अतिथि सरिता आर्या ने संस्था के द्वारा किए जाने वाले कार्यों की सराहना की तथा महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं का आह्वान किया कि वह अपने अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति जागरूकता फैलाएं। विश्ना साह ने आभार ज्ञापन करते हुए महिला स्वालम्बन पर एक कविता भी सुनाई। इस अवसर पर मीडिया प्रभारी डॉ. सरस्वती खेतवाल, नीलू एल्हैन्स, मीनू बुधलाकोटी, सावित्री संनवाल, दया, अभिता साह ,रेखा पंत, अजीज, मंजू बिष्ट, चंचला, मंजू रौतेला, रश्मि नेगी, प्रेमा साह, पार्वती, लता पूजारी, अभिषेक मेहरा, हरीश राणा आदि लोग मौजूद रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : ‘कुर्सी’ के लिए दौड़ी महिलाएं… समाज की रुढ़ियों को समाप्त करने पर बल…

-भक्तिधाम में आयोजित हुआ कार्यक्रम

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 8 मार्च 2022। चुनावी दौर में राजनेताओं के बीच कुर्सी प्राप्त करने के लिए मची दौड़ के बीच अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो, नैनीताल द्वारा भक्ति धाम नौकुचियाताल नैनीताल में आयोजित विशेष कार्यक्रम में भी कुर्सी दौड़ देखी गई। यहां महिलाओं ने ‘कुर्सी दौड’ तथा अन्य कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया। विजेता प्रतिभागियों को विभाग द्वारा पुरस्कृत भी किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में धाम के संस्थापक गजेंद्र बिष्ट तथा विशिष्ट अतिथि क्षेत्र के सभासद ललित मेहरा के साथ ही सुपरवाइजर आईसीडीएस विनीता सक्सेना, जिला समन्वयक व बाल विकास रंजीता जी व भीमताल की ग्राम प्रधान हेमा आर्य व अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति में विभागीय कलाकारों ने गीतों, भजनों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में जानकारी दी।

साथ ही कार्यक्रम में आई हुई ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने होली व कविताएं भी प्रस्तुत कीं। विभाग द्वारा समाज सेवी रमा उप्रेती को महिला दिवस के उपलक्ष में उनकी जीवन के संघर्षों को देखते हुए सम्मानित भी किया गया। साथ ही उपस्थित लोगों को कोरोना से बचाव के बारे में भी जागरूक किया गया।

महिला दिवस पर समाज की रुढ़ियों को समाप्त करने पर बल
नैनीताल। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर में महिला दिवस सप्ताह मनाया गया। इस कड़ी में मंगलवार को डीएसबी परिसर के कला संकाय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मूल्य प्रवाह संयोजक डॉ.लज्जा भट्ट ने महिला दिवस एवं कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. सुचि बिष्ट ने समाज में व्याप्त रूढ़िवादिता को समाप्त करने की आवश्यकता पर बल दिया।

विशिष्ट अतिथि प्रो. चित्रा पांडे ने अपने व्याख्यान में समाज के विविध क्षेत्रों में योगदान देने वाली महिलाओं के व्यक्तित्व पर पीपीटी के माध्यम से प्रकाश डाला। सारस्वत अतिथि प्रो. ज्योति जोशी ने महिलाओं के मानसिक रूप से सशक्त होने की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. मेधा नैलवाल ने समाज में सुधार की शुरुआत स्वयं से करने पर बल दिया। इसके अतिरिक्त कई विद्यार्थियों ने भी महिला दिवस के उपलक्ष्य में अपने विचार व्यक्त किये।

कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को पारितोषिक एवं प्रमाण पत्र वितरित किये गए। कार्यक्रम में डॉ. सुषमा टम्टा, डॉ. नीलू लोधियाल, डॉ. इरा तिवारी, डॉ. पैनी जोशी, डॉ. विजय कुमार, डॉ. प्रियंका रूवाली, डॉ. ममता लोहनी, डॉ. सीमा चौहान, डॉ. दिव्या पांगती, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. हिमांशु लोहनी, डॉ. नंदन बिष्ट, डॉ. प्रदीप कुमार व निर्मला के साथ अनेक शोधार्थी एवम विद्यार्थी भी सम्मिलित रहे। उधर रामगढ़ विकासखंड के रीठा पोखरा में भी महिलाओं ने महिला दिवस ‘महिला मेला’  के साथ हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : अनूठी-रोचक स्थिति: दो बेटियों पर मुख्यमंत्री रहते अपने पिताओं की हार का बदला लेने का दारोमदार

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 27 जनवरी 2022। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ‘खंडूड़ी हैं जरूरी’ के नारे के साथ चुनाव मैदान में थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी कोटद्वार से चुनाव लड़े थे, किंतु चुनाव हार गए। उनकी पार्टी भी चुनाव हार गई। ऐसा ही कुछ 2017 के विधानसभा चुनाव में हुआ जब तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ‘सबकी चाहत हरीश रावत’ के नारे के साथ स्वयं हरिद्वार ग्रामीण व किच्छा विधानसभाओं से चुनाव लड़े और दोनों सीटों से चुनाव हार गए।

अब अनूठा व रोचक संयोग देखिए कि आसन्न 2022 के विधानसभा चुनाव में खंडूड़ी की पुत्री रितु भूषण खंडूड़ी कोटद्वार से और हरीश रावत की पुत्री अनुपमा रावत हरिद्वार ग्रामीण से चुनाव मैदान में हैं। संयोग देखिये कि दोनों का मुकाबला उन्हीं प्रत्याशियों से हैं, जिन्होंने उनके पिता को हराया। रितु का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह नेगी व अनुपमा का मुकाला भाजपा प्रत्याशी स्वामी यतीश्वरानंद से है। अब देखने वाली बात होगी कि यह दोनों बेटियां क्या अपने पिता की हार का बदला अपनी जीत के साथ ले पाएंगी ? इन दोनों ही बेटियों में एक अन्य समानता भी हैं। रितु खंडूरी भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष हैं, तो अनुपमा रावत महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : मां के साथ घास काटते हुए मिली एवरेस्ट फतह करने की प्रेरणाः शीतल

-एवरेस्ट विजेता व सबसे कम उम्र की कंचनजंघा चोटी विजेता तथा हाल ही में राष्ट्रपति के हाथों तेंजिंग नोर्गे साहसिक पुरस्कार जीतने वाली शीतल राज को किया गया सम्मानित

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 19 नवंबर 2021। एवरेस्ट के साथ सबसे कम उम्र की कंचनजंघा चोटी विजेता तथा हाल ही में देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों साहसिक खेलों का सबसे बड़ा तेंजिंग नोर्गे पुरस्कार जीतने वाली ‘माउंटेन गर्ल’ कही जाने वाली शीतल राज का शुक्रवार को मुख्यालय में खेलों व खासकर दौड़ के लिए समर्पित संस्था ‘रन टु लिव’ संस्था के द्वारा अपनी सदस्य के तौर पर भी सम्मानित किया गया।

इस मौके पर ‘नवीन समाचार’ द्वारा पूछे जाने पर कि कमजोर नजर आने वाली कद-काठी के बावजूद उन्होंने पर्वतारोहण जैसा कठिन कॅरियर कैसे चुना, शीतल ने बताया वह बेहद गरीब से परिवार से आई है। पिता वाहन चालक हैं। वह माता-पिता की पहली संतान थी। इसलिए बचपन से ही मां के साथ पशुओं के लिए हाथ बंटाने के लिए घास काटने पहाड़ पर जाती थी। वहां उसे अद्भुत सुकून मिलता था और लगता था कि पहाड़ उसे बुलाते हैं। बाद में पढ़ाई के साथ एनसीसी में रहते एक साहसिक अभियान में शामिल होने के बाद उसने तय कर लिया कि उसे इसी क्षेत्र में जाना है। देखें विडियो :

वहीं अभिनंदन कार्यक्रम में शीतल ने कहा, अपनी गरीबी की वजह से वह कई बार सामान्य कपड़ों में ही कई ऊंची चोटियां चढ़ी। उसकी प्रतिभा को देखकर पहले ओएनजीसी और बाद में 2018 में कुमाऊं मंडल विकास निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक धीराज गर्ब्याल ने उसकी अभिभावक की तरह मदद की। उसकी स्वयं सेवी संस्था ‘क्लाइंबिंग बियोंड द समिट्स’ के संस्थापक योगेश गर्ब्याल ने उसे आगे बढ़ाया और आज वह इस मुकाम पर पहुंची है। आगे उसकी योजना अपनी संस्था के माध्यम से कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण पढ़ न पाई, परंतु पर्वतारोहण में आगे बढ़ने की इच्छुक बालिकाओं को इस क्षेत्र में पूरी मदद करने की है, और ऐसा वह कर भी रही हैं।

इस दौरान उन्हें ‘रन टु लिव’ संस्था के अध्यक्ष पूर्व अंतराष्ट्रीय धावक हरीश तिवारी की अगुवाई में संस्था के मनीष जोशी, हरीश नयाल, हरीश भाकुनी, बालम मेहरा, सुखमय गुहा मजूमदार, सेंट जोसफ कॉलेज के प्रधानाचार्य ब्रदर हैक्टर पिंटो, अदिति खुराना व बीना रावत आदि के द्वारा संस्था का प्रतीक चिन्ह व पुष्पगुच्छ भेंटकर सम्मानित किया गया। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : बेटियों ने फहराया आदि कैलाश की चिप्ये दंग चोटी पर तिरंगा, पहली बार किसी भारतीय समूह ने किया यह कारनामा

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 5 अक्टूबर 2021। ‘क्लाइम्बिग बियौड द समिट्स’ की 6 महिलाओं-शीतल, मीनाक्षी राठौर, कला बढाल, यादनीकी भिलेरे, ध्रुवी मोदी व द्रौपदी रौंकली की टीम ने मंगलवार को आदि कैलाश रेंज की चिप्ये दंग चोटी को फतह कर भारत का राष्ट्रध्वज झंडा फहरा दिया है। बताया गया है कि देश में पहली बार किसी भारतीय समूह द्वारा यह कारनामा किया है, जबकि इससे पहले 2002 से 2014 तक 4 बार आदि कैलाश रेंज आ चुके मशहूर ब्रिटिश पर्वतारोही मार्टिन मोरन ने 2014 मे माइकल पेज व गॉर्डन स्कॉट के साथ इस चोटी पर आरोहण किया गया था। देखे वीडियो:

उल्लेखनीय है कि गत 8 सितंबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड की ‘द माउंटेन गर्ल’ के नाम से विख्यात शीतल के नेतृत्व में 12 सदस्यीय दल को नैनीताल से हरी झंडी दिखाकर आदि कैलाश चोटी के लिए रवाना किया था। शीतल छोटी उम्र में ही एवरेस्ट, कंचनजंगा और अन्नपूर्णा जैसे देश-दुनिया के कई दुर्गम पर्वतों पर देश का झंडा फहराकर कई रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज करा चुकी हैं।

बताया गया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड में पर्वतारोहण और साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देना और ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को प्रोत्साहित करना था। इस अभियान को नैनीताल जिला प्रशासन, कुमाऊं मंडल विकास निगम लिमिटेड, महिन्द्रा एंड महिंद्रा और द हिमालयन गोट्स के सहयोग के आयोजित किया गया।

टीम लीडर शीतल ने बताया की 20 सितंबर को 4750 मीटर की ऊचाई पर बेस कैंप और 26 सितंबर को 5400 मीटर की ऊचाई पर पहला कैंप 1 स्थापित किया गया था। इस दौरान उन्होंने 25 सितंबर को 5150 मीटर ऊंचे सेलापास पर, 29 सितंबर की सुबह साढे़ 11 बजे उन्होंने आदि कैलाश की दूसरी सबसे ऊंची पीकॉक पीक के नाम से पहचानी जाने वाली चिपेदं चोटी पर और चार अक्टूबर को 5495 मीटर ऊंचे स्येनो ला पास पर पहुंच कर तिरंगा लहराया। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : बेटियों ने छू लिया आसमान ! पहली बार महिलाओं के समूह ने फहराया उत्तराखंड के सेला पास पर तिरंगा

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 28 सितंबर 2021। ‘क्लाइम्बिग बियौड द समिट्स’ की 9 सदस्यीय महिलाओं की टीम ने समुद्र तल से 5150 मीटर की ऊंचाई पर स्थित उत्तराखंड की व्यास और दारमा घाटियों को जोड़ने वाले सेला पास पर भारत का झंडा फहरा दिया है। सदस्यों ने सुबह आठ बजे 4750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बेस कैंप से चलकर केवल 5 घंटे मे दिन में एक बजे सफलतापूर्वक सेला दर्रे मे तिरंगा लहराकर जश्न मनाया। यह पहला मौका है कि पूर्णतः महिलाओं की टीम ने यह कारनामा कर दिखाया है। यह तब है, जबकि विगत वर्षो के मुकाबले इस वर्ष यहां अत्यधिक बर्फबारी के कारण 5 फीट से अधिक बर्फ मौजूद थी।

उल्लेखनीय है कि गत 8 सितंबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड की ‘द माउंटेन गर्ल’ के नाम से विख्यात शीतल राज के नेतृत्व में 12 सदस्यीय दल को नैनीताल से हरी झंडी दिखाकर सेला पास के लिए रवाना किया था। शीतल छोटी उम्र में ही एवरेस्ट, कंचनजंगा और अन्नपूर्णा जैसे देश-दुनिया के कई दुर्गम पर्वतों पर देश का झंडा फहराकर कई रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज करा चुकी हैं।

बताया गया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड में पर्वतारोहण और साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देना और ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को प्रोत्साहित करना था। इस अभियान को नैनीताल जिला प्रशासन, कुमाऊं मंडल विकास निगम लिमिटेड, महिन्द्रा एंड महिंद्रा और द हिमालयन गोट्स के सहयोग के आयोजित किया गया।

‘क्लाइम्बिग बियौन्ड द समिट्स’ के संस्थापक और पर्वतारोही योगेश गर्ब्याल ने बताया कि इस अभियान मे शामिल महिलाओं के लिए विगत दो वर्षो से दारमा और व्यास घाटी क्षेत्रों में विभिन्न अवसरों पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये गये थे। इस अभियान से जुड़े महिलाओं को साहसिक पर्यटन में आजीविका की दृष्टि से भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है और उन्हें सक्षम और सशक्त किया जा रहा है। संस्था आगे भी प्रति वर्ष पहाड़ी क्षेत्रों मे ऐसे युवाओं को चिह्नित कर उन्हें प्रशिक्षण देकर साहसिक खेलों को उनके आजीविका के साथ जोड़ने तथा नए-नए स्थलों को पर्यटन के मानचित्र में जोड़ने की कोशिश करेगी।

टीम की नेतृत्वकर्ता शीतल ने बताया कि टीम ने 6220 मीटर ऊंचे फिस्ना पीक के 5400 मीटर ऊंचे कैंप 1 तक रूट खोलने में भी सफलता पायी है। आगे एक दो दिनों मे मौसम को देखते हुए टीम फिस्ना पीक पर भी तिरंगा फहराने की कोशिश करेगी। इसके बाद टीम 5495 मीटर ऊंचे स्येनो ला पास पर भी देश का झंडा फहराने के लिए निकलेगी। टीम में शीतल के अलावा मीनाक्षी राठौर, कला बढाल, यादनीकी भिलेरे, ममता बिष्ट, अनामिका दताल, द्रौपदी रौंकली, दीपिका करान्दे, ध्रुव मोदी व गीता ठाकुर शामिल रहीं। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : मंत्री की बेटी और भाजपा नेत्री को तीलू रौतेली पुरस्कार देने पर उठे सवाल

तीलू रौतेली पुरस्कारनवीन समाचार, देहरादून, 7 अगस्त 2021। उत्तराखंड की वीरबाला तीलू रौतेली के नाम पर हर साल दिए जाने वाले राज्यस्तरीय तीलू रौतेेली पुरस्कार इस बार विवादों में आ गए हैं। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से जारी सूची के अनुसार इस बार जिन 22 महिलाओं को यह पुरस्कार दिए जाने हैं, उनमें राज्य के काबीना मंत्री बिशन सिंह चुफाल की बेटी दीपिका चुफाल और भाजपा महिला मोर्चा की वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराधा वालिया का नाम भी शामिल है।

सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं कि तीलू रौतेली पुरस्कार सामाजिक, शिक्षा, साहित्य, वीरता एवं साहस, कोविड काल में मदद, खेल, पर्यावरण आदि के क्षेत्र में कार्य पर महिलाओं को दिये जाने का प्राविधान है। लेकिन इस बार सत्तारुढ़ पार्टी से संबंधित राजनीतिक क्षेत्र की महिलाओं के नाम भी सूची शामिल है। लेकिन जिन लोगों को पुरस्कार के लिए चयनित करने पर सवाल उठ रहे हैं उन्हें सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में कार्य के लिए चयनित करने की बात कही जा रही है, जबकि राजनीतिक क्षेत्र में यह पुरस्कार देने का प्राविधान नहीं है।

बताया गया है कि काबीना मंत्री चुफाल की बेटी दीपिका चुफाल को पिथौरागढ़ में सामाजिक एवं राजनैतिक क्षेत्र में विशेष कार्य करने के लिए यह पुरस्कार दिया जाना है। जबकि सामाजिक एवं राजनैतिक क्षेत्र में विशेष कार्य करने के लिए देहरादून की भाजपा महिला मोर्चा की वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराधा वालिया का नाम भी सूची में शामिल है।

इस पर काबीना मंत्री चुफाल का कहना है कि उनकी बेटी क्षेत्र में जैविक मसालों का उत्पादन कर रही है। साथ ही उनकी बेटी ने पलायन रोकने के लिए फसलों को नुकसान पहुंचा रहे जंगली जानवरों को रोकने की दिशा में काम किया है। उसने कई युवाओं को भी इस काम से जोड़ा है।
वहीं, भाजपा महिला मोर्चा की वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराधा वालिया का कहना है कि उन्होंने कोविड काल में कई लोगों की मदद की है। कोविड काल में पार्टी का आदेश था कि लोगों की मदद करनी है, इसके अलावा वह एनजीओ से भी जुड़ी हैं। उन्होंने कई लोगों के लिए भोजन एवं मास्क की व्यवस्था की। अनुराधा ने बताया कि वह भाजपा में दो बार प्रदेश महामंत्री रह चुकी हैं। अगर यह सही भी है तो यह ऐसा विशेष कार्य नहीं है। कोरोना काल में इससे बेहतर कई महिलाएं व राजनीतिक दलों से जुड़ी अन्य महिलाएं भी कर चुकी हैं। इसलिए सवाल उठने लाजिमी हैं। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : राज्यपाल ने की एसएचजी समूहों की महिलाओं को ऋण आदि में सहायता दिए जाने के निर्देश…

-राज्यपाल बेबी रानी मौर्या से मिली नैनीताल जनपद के स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 18 जून 2021। उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से शुक्रवार को नैनीताल जनपद के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने ग्रामीण विकास विभाग की सहायक परियोजना निदेशक संगीता आर्य के साथ नैनीताल राजभवन में भेंट की। इस दौरान राज्यपाल ने इन महिलाओं से उनके गांवों की महिलाओं की वर्तमान में आर्थिक स्थिति तथा एसएचजी यानी स्वयं सहायता समूहों के प्रति महिलाओं की जागरूकता की जानकारी ली और महिलाओं को गांवों में एसएचजी के प्रति और अधिक जागरूक बनाने के लिए कार्यक्रम चलाकर सजग बनाने तथा अधिक से अधिक महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़े जाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने एपीडी को समूहों के संचालन के लिए महिलाओं को समय पर बैंको से ऋण, स्थान, उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चत किये जाने के निर्देश भी दिये।

राज्यपाल ने समूह संचालिकाओं से गांव की ऐसी महिलाओं और परिवारों की भी जानकारी ली जिनको राहत सामग्री, राशन किट दिये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने राजभवन की ओर से गांवों में 200 राशन किट, किशोरी बालिकाओं के लिए दो हजार सैनेटरी नैपकिन वितरित किये जाने की बात कही। राज्यपाल से मिलने वालों में विकासखण्ड हल्द्वानी की स्वयं सहायता समूह एकता की सदस्य पुष्पा पडालनी, वैष्णवी की बसंती राणा, कोटाबाग के समूह पूजा की उषा, ओखलकांडा से अम्बेडकर व नारी शक्ति की विमला देवी तथा बसंती देवी, रामगढ के शीतल समूह की दीपा लोधियाल तथा बेतालघाट के समूह हरीकृष्ण की पुष्पा देवी शामिल रहीं। इस असवर पर राज्यपाल के परिसहाय मेजर मूदित सूद एवं पुलिस रचिता जुयाल भी उपस्थित रहे। आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

यह भी पढ़ें : लेक सिटी वेलफेयर क्लब की नई कार्यकारिणी गठित, दिव्या, रानी, प्रेमा को मिली बड़ी जिम्मेदारी

नवीन समाचार, नैनीताल, 15 मार्च 2021। नगर की महिलाओं के संगठन लेक सिटी वेलफेयर क्लब की नई कार्यकारिणी का गठन कर लिया गया है। गीता साह की देखरेख में हुई संस्था की मनोनयन प्रक्रिया में सर्वसम्मति से दिव्या साह को अध्यक्ष, रानी साह को सचिव, प्रेमा अधिकारी को उपाध्यक्ष, सोनू साह को कनिष्ठ उपाध्यक्ष, दीपिका बिनवाल को उपसचिव, कविता त्रिपाठी को कोषाध्यक्ष मनोनीत किया गया। इसके अलावा ज्योति ढोंढियाल व हेमा भट्ट को संरक्षक, प्रगति जैन सांस्कृतिक सचिव, रमा भट्ट को सोशल मीडिया प्रभारी तथा गीता साह, ज्योति वर्मा, कविता गंगोला व रेखा पंत को कार्यकारिणी सदस्य चुना गया। वहीं क्लब की सदस्यों ने आगामी 21 मार्च को नगर के सेंट्रल होटल में बैठकी होली करने का आयोजन तय किया, जिसमें विधायक संजीव आर्य, एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी व जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया मुख्य अतिथि होंगी।

यह भी पढ़ें : महिला दिवस पर स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता को आयोजित हुई साइकिल व बाइक रैली

नवीन समाचार, नैनीताल, 08 मार्च 2021। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मंगलवार को मुख्यालय स्थित ऐतिहासिक डीएसए मैदान में आशा फाउंडेशन के तत्वावधान में दूसरी बार स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से साइकिल एवं बाइक रैली आयोजित हुई। खासकर बाइक रैली में प्रमुख रूप से छत्तीसगढ़ की डा. नम्रता सिंह, दिल्ली की पल्लवी फौजदार, उज्जवला सोती, सुजाता सहगल, अंकिता सहगल, लखनऊ की बुलेट गर्ल निया ठाकुर, अलीगढ़ से आई ईरान की सारा जब्बारी, तल्लीताल व्यापार मंडल की उपाध्यक्ष ममता जोशी, नगर पालिका सभासद अधिकारी आदि प्रमुख रहीं। जबकि साइकिल दौड़ में अभी हाल में कर्नाटक में आयोजित 17वीं राष्ट्रीय माउंटेन बाइकिंग प्रतियोगिता में उत्तराखंड राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए 15 किलोमीटर की स्पर्धा में कांश्य पदक प्राप्त करने वाले मात्र 12 वर्ष के बाइकर शिवांश साह सहित कई बालिकाएं भी शामिल हुईं।

आयोजन में एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी, एसडीएम प्रतीक जैन, बिडला विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य अनिल शर्मा, लांग व्यू पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य भुवन त्रिपाठी, मुन्नी तिवारी, नीलू एल्हेंस, ईशा साह, मंजू गुप्ता, मारुति साह, सुलोचना नेगी सहित जीएनएम नर्सिंग स्कूल की छात्राएं, आशा कार्यकत्रियां व लेक सिटी वेलफेयर क्लब सहित अन्य संगठनों की महिलाएं भी शामिल हुईं। नैनीताल बैंक, स्टेट बैंक आदि ने भी आयोजन में योगदान दिया। इतिहासकार डा. अजय रावत ने नैनीताल में रहीं डा. एल्सीमोर इंग्लिश के योगदान को याद किया। आयोजक आशा शर्मा ने आयोजन की सफलता पर आभार ज्ञापन के साथ स्तन कैंसर की संभावनाओं पर समय से जांच कराने का आह्वान किया, ताकि समय से इस महामारी से बचा जा सके। संचालक प्रो. ललित तिवारी, मीनाक्षी कीर्ति व दीपक कुमार ‘भोलू’ ने संयुक्त रूप से किया।

महिला दिवस पर आयोजित स्तन कैंसर जागरूकता कार्यक्रम में शामिल नर्सिग कॉलेज की छात्राएं।

राष्ट्र निर्माण में महिलाओं के योगदान पर आयोजित हुआ वेबीनार

नवीन समाचार, नैनीताल, 08 मार्च 2021। भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत फील्ड आउटरीच ब्यूरो नैनीताल द्वारा सोमवार को महिला दिवस के उपलक्ष में ’राष्ट्र निर्माण में महिलाओं के योगदान’ विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबीनार में विषय प्रवेश करते हुए भारतीय सूचना सेवा के अधिकारी राजेश सिन्हा ने कहा कि हालांकि भारतीय परंपरा में सनातन काल से महिलाओं का बहुत ऊंचा स्थान रहा है, पर कालांतर में इसमें आई गिरावट और वर्तमान में मौजूद चुनौतियां महिलाओं के सशक्तिकरण के कार्य करने को प्रेरित करती हैं। काशीपुर की उप शिक्षा अधिकारी गीतिका जोशी ने कहा कि नारी शक्ति का स्वरुप है। जब तक महिलाओं को लेकर मानसिकता में सकारात्मक बदलाव नहीं होता राष्ट्र निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो सकता। समाजसेवी तथा लिटिल फ्लावर स्कूल हल्द्वानी की प्रधानाचार्य शांति जीना ने कहा कि राधा का नाम कृष्ण से पहले लिया जाता है। आज भी महिलाएं परिवार तथा व्यवसाय के कार्यों में सफलता पूर्वक कार्य कर रही हैं। उन्हें शिक्षा के माध्यम से और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता है।

अल्मोड़ा के पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष शोभा जोशी, शिक्षाविद मंजू पांडे ने भी विचार रखे। वेबीनार का संचालन फील्ड आउटरीच ब्यूरो की अधिकारी कलाकार श्रद्धा गुरुरानी तिवारी, शर्मिष्ठा बिष्ट, डॉ. दीपक पांडे और शोभा चातक ने सम्मिलित रूप से किया। उन्होंने वक्ताओं और श्रोताओं को उनके समय के लिए व विभाग के अपर महानिदेशक नरेंद्र कुमार कौशल को उनके मार्गदर्शन के लिए तथा विभाग के अधिकारी व कर्मियों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।

यह भी पढ़ें : महिलाओं ही नहीं पुरुषों में भी स्तन कैंसर का खतरा

-जागरूकता के लिए 8 को 9 बजे महिला बाइकर निकालेंगी पिंक रैली

नवीन समाचार, नैनीताल, 04 मार्च 2021। महिलाओं की नहीं पुरुषों में भी स्तन कैंसर का खतरा बढ़ रहा है। 29 महिलाओं में से एक महिला और 400 पुरुषों में से एक पुरुष को स्तन कैंसर हो सकता है। पहले 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को स्तन कैंसर होता था, किंतु अब बदलती जीवन शैली व खान पान, देर से शादी, बच्चे कम पैदा करने व उन्हें छाती का दूध न पिलाने जैसी प्रवृत्तियों के साथ 20 से 50 वर्ष की महिलाओं में सर्वाधिक स्तन कैंसर के मामले पाए जा रहे हैं। इससे बचाव के लिए 40 की उम्र के बाद महिलाओं को हर वर्ष स्तन कैंसर की जांच करानी चाहिए।

यह बात आशा फाउंडेशन की अध्यक्ष आशा शर्मा ने बृहस्पतिवार को पत्रकार वार्ता में कही। बताया कि स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता के लिए आगामी 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन सुबह नौ बजे से मल्लीताल डीएसए मैदान से माल रोड इंडिया होटल होते हुए वापस डीएसए मैदान तक बाहर से आ रही महिला बाइकरों की रैली आयोजित की जाएगी। इसमें स्थानीय महिलाएं भी शामिल हो सकेंगी। उन्हें गुलाबी टी शर्ट व प्रतिभागिता प्रमाणपत्र दिया जाएगा। पत्रकार वार्ता में मुन्नी तिवारी, नीलू एल्हेंस, ईशा साह व ममता जोशी के साथ तल्लीताल व्यापार मंडल अध्यक्ष मारुति नंदन साह व मल्लीताल व्यापार मंडल अध्यक्ष किशन सिंह नेगी भी मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें : नैनीताल जनपद की कैंटीनों में मिल रहा महिलाओं के हाथ के व्यंजनों का स्वाद, महिलाओं द्वारा संचालित कैंटीनें हो रही हैं लोकप्रिय..

-डीएम सविन बंसल के प्रयासों से महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से हो रहा है संचालन

नवीन समाचार, नैनीताल, 27 अक्टूबर 2020। घर पर महिलाएं ही परंपरागत तौर पर परिवार के लिए भोजन तैयार करती हैं, और उनके हाथों के स्वाद का कोई जवाब नहीं होता। फिर भी न जाने क्यों होटलों-रेस्टोरेंटों, कैंटीनों में महिलाएं भोजन पकाने के कार्य में नहीं हैं। लेकिन नैनीताल जनपद में डीएम सविन बंसल के प्रयासों से एक नया प्रयोग हो रहा है। जनपद के सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों में डीएम बंसल के प्रयासों से कैंटीनों की स्थापना की गई है। खास बात यह है कि इन कैंटीनों में चाय, जलपान तथा लजीज व्यंजनों एवं शुद्व भोजन पकाने व परोसने तथा संचालन की जिम्मेदारी महिलाओं के हाथों में है।

डीएम बंसल का इस मामले में कहना है कि ग्रामीण परिवेश की महिलाओं के हाथों से बने राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्टीय स्तर पर लोकप्रिय खीरे का रायता, पकौडी, भांग की चटनी, लालू के गुटके, भट्ट के डुबके, झुंगरे की खीर, मडुवे की रोटी, गहत की दाल, भट्ट की चुड़कानी, पहाडी झोली व अन्य लजीज पहाडी व्यंजन विश्वविख्यात हैं। महिलाओं को सही मार्गदर्शन एवं तकनीकी जानकारी दी जाए तो वह और बेहतर तरीके से अपने आसपास हो रहे उत्पादों तथा अपनी अद्भुत पाक कला से लजीज व्यंजनों के माध्यम से अपना आर्थिक विकास कर सकती हैं। इसी उद्देश्य को लेकर उन्होंने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओ को आगे लाने के लिए तहसील हल्द्वानी में जय मां भवानी बजूनिया हल्दू विकास खंड हल्द्वानी, विकास भवन भीमताल में गीतांजलि स्वयं सहायता समूह भूमियाधार विकास खंड भीमताल, कलेक्ट्रेट परिसर नैनीताल में पूजा स्वयं सहायता समूह बिदरामपुर कोटाबाग तथा बीडी पांडे जिला चिकित्सालय नैनीताल में वंदना स्वयं सहायता समूह घुग्गु सिगड़ी विकास खंड कोटाबाग द्वारा हिलांस कैंटीनो का संचालन किया जा रहा है। इनका उद्घाटन हाल में मुख्यमत्री त्रिवेंद्र सिह रावत ने किया था। इन कैंटीनों में लजीज व्यंजनों का स्वाद एवं आकर्षक स्वरूप लोगो को लुभा रहा है। बताया गया है कि यह समूूह कैंटीन के जरिये औसतन पांच हजार रुपये प्रतिदिन की ब्रिकी कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें : बड़ा समाचार: उत्तराखंड में नवरात्र पर ‘तीन देवियों’ को मिला राज्य मंत्री का दर्जा…

Shayara Bano slapped her husband In the presence of sub inspectorनवीन समाचार, देहरादून, 20 अक्टूबर 2020। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नवरात्र के अवसर पर तीन महिलाओं को दायित्व से नवाजकर नवरात्र का तोहफा दिया है। राज्य महिला आयोग में तीन महिला कार्यकर्ताओं को दायित्व के साथ ही राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है।

पहला बड़ा तोहफा 10 दिन पूर्व ही गत 10 अक्टूबर को भाजपा में शामिल हुई, तीन तलाक के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाने वाली ऊधमसिंह नगर जिले के गोपीपुरा पांडे कॉलोनी काशीपुर निवासी महिला शायरा बानो को महिला आयोग में उपाध्यक्ष (प्रथम) के साथ दर्जा राज्य मंत्री बनने के साथ मिला है। वहीं रानीखेत की ज्योति शाह को उपाध्यक्ष (द्वितीय) और चमोली की पुष्पा पासवान को उपाध्यक्ष (तृतीय) के साथ राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है। इस मौके पर शायरा बानो ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की नीतियों से प्रेरित होकर पार्टी में शामिल हुई हैं। महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए वह निरंतर संघर्ष करती रहेंगी।

यह भी पढ़ें : नैनीताल: मां को कमरे में बंद कर भागी दो बेटियां पुलिस ने बरामद कीं

नवीन समाचार, नैनीताल, 18 अक्टूबर 2020। मां की हल्की झिड़कियां भी अब युवा पीढ़ी को रास नहीं आ रही हैं। रविवार सुबह नगर के मल्लीताल निवासी परिवार की 17 व 19 वर्षीया दो बेटियां मां के किसी बात पर हल्का डपटने से ही इतनी आक्रोशित हो गईं कि अपनी मां को कमरे में बंद कर घर से टैक्सी पकड़ कर भाग गईं। बेटियों के इस तरह घर छोड़कर भागने से बदहवास मां किसी तरह कमरे का कुंडा खुलवाकर उनकी तलाश में उनके पीछे तल्लीताल तक भागी और तल्लीताल डांठ पर पुलिस को सूचना दी। इस पर पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए तल्लीताल पुलिस ने डीआरसी को सूचित किया और अपने स्तर पर दोनों किशोरियों की तलाश शुरू की। इस पर पता चला कि दोनों कार से हल्द्वानी की ओर भागी हैं। इस पर डीसीआरसी से वायरलेस पर मिली जानकारी पर सक्रिय हुई ज्योलीकोट चौकी पुलिस ने दोनों को ज्योलीकोट में कार से बरामद कर लिया। ज्योलीकोट चौकी प्रभारी जोगा सिंह ने बताया कि के बाद उनकी सीडब्लूसी यानी चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के द्वारा काउंसिलिंग भी की गई। बावजूद वह अपनी मां के साथ जाने को राजी नहीं हुईं। इस पर उन्हें उनके ताऊ के सुपुर्द किया गया।

यह भी पढ़ें : 2500 महिलाओं, 4000 किशोरियों के लिए कार्य कर चुकी हैं नैनीताल की कंचन, कल मिलेगा तीलू रौतेली पुरस्कार..

नवीन समाचार, नैनीताल, 07 अगस्त 2020। उत्तराखंड सरकार के द्वारा शनिवार को वीरांगना तीलू रौतेली के जन्म दिन पर 21 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार देने की घोषणा की गई है, इनमें नैनीताल निवासी कंचन भंडारी भी शामिल हैं। कंचन अपनी संस्था विमर्श महिला सशक्तीकरण, किशोरी शिक्षा एवं बाल सुरक्षा व कन्या भ्रूण हत्या रोकने के कार्यों में लगी हैं। वे अब तक करीब 2500 महिलाओं के 120 महिला संगठनों का गठन कर चुकी हैं। उनकी संस्था के द्वारा जनपद में चाइल्ड हेल्प लाइन-1088 का संचालन भी किया जा रहा है, जिसके माध्यम से अब तक 5233 जरूरतमंद बच्चों को सहायता उपलब्ध कराई जा चुकी है। इसके अलावा वे 4000 किशोरियों में माहवारी के दौरान स्वच्छता की समझ बनाने का कार्य भी कर चुकी हैं। 170 किशोरियों को फेलोशिप भी दी गई है। इसके अलावा से जनपद की पीसीपीएनडीटी कमेटी, निर्भया कमेटी, सेवा प्रदाता डीवी एक्ट, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न समिति, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ व परिवर्तक पालन पोषण देखभाल अनुमोदन समिति आदि समितियों में भी शामिल हैं।

यह भी पढ़ें : कल 21 महिलाओं को मिलेगा इस वर्ष का वीरांगना तीलू रौतेली पुरस्कार, 22 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां भी होंगी पुरस्कृत

नवीन समाचार, देहरादून, 7 अगस्त 2020। महिलाओं को बहादुरी के लिए वर्ष 2019-20 के वीरांगना तीलू रौतेली पुरस्कार की घोषणा हो गयी है। इस वर्ष 21 महिलाओं को इस पुरस्कार से नवाजा जाएगा। इन महिलाओं को 22 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कल वीरांगना तीले रौतेली की जयंती आठ अगस्त को पुरस्कृत किया जाएगा। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्या ने दिए जाने वाले इन पुरस्कारों के नामों की घोषणा की। अल्मोड़ा जिले से प्रीति भंडारी व शिवानी आर्य, बागेश्वर से गुंजन बाला, चंपावत से जानकी चंद, चमोली से शशि देवली, देहरादून से उन्नति बिष्ट, संगीता थपलियाल व गीता मौर्या, हरिद्वार से पुष्पांजलि अग्रवाल, नैनीताल से कंचन भंडारी, माया उपाध्याय व मालविका, पिथौरागढ़ से सुमन वर्मा व शीतल, पौड़ी गढ़वाल से मधु खुगशाल, टिहरी गढ़वाल से कीर्ति कुमारी, रुद्रप्रयाग से बबीता रावत व सुमति थपलियाल, ऊधमसिंह नगर से ज्योति उप्रेती अरोड़ा, मीनू लता गुप्ता, चंद्रकला राय और उत्तरकाशी से हर्षा रावत को इस वर्ष के पुरस्कार मिलेंगे।
साथ ही अल्मोड़ा से नीता गोस्वामी व गीता देवी, बागेश्वर से पुष्पा, चंपावत से हेमा बोरा, चमोली से अंजना रावत, देहरादून से हयात फातिमा, सुधा व सीमा, हरिद्वार से पूनम, सुमनलता यादव व असमा, नैनीताल से गंगा बिष्ट, समारेज व निर्मला पांडे, पिथौरागढ़ से चंद्रकला, पौड़ी से अर्चना देवी व रोशनी, रुद्रप्रयाग से सुशीला देवी, टिहरी गढ़वाल से लक्ष्मी देवी व ललिता देवी तथा उत्तरकाशी से कुसुम मेहर और बीना चौहान को भी पुरस्कृत किया जाएगा।

यह भी पढ़ें : पहाड़ की महिलाओं ने कहा-जमीन विक्रय करने पर उनकी सहमति हो अनिवार्य

-जमीनें जिस प्रयोजन के लिए खरीदी जाती हैं, उसके इतर अन्य प्रयोजन के लिए की जा रही हैं उपयोग, इससे सरकार को होता है राजस्व का भारी नुकसान, उप जिलाधिकारी धारी को सौंपा ज्ञापन..
दान सिंह लोधियाल, नवीन समाचार, धानाचूली, 6 अगस्त 2020। क्षेत्र के ज्येष्ठ उप प्रमुख के नेतृत्व में महिला जनप्रतिनिधियों ने बृहस्पतिवार को उप जिलाधिकारी धारी को एक ज्ञापन सौंपकर महिलाओं को जमीन विक्रय में उनकी सहमति होना अनिवार्य करने और क्षेत्र में सरकारी व वन विभाग की भूमि पर अवैध तरीके से कब्जा कर रहे लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने की भी मांग की। पत्रों की प्रतिलिपियाँ जिलाधिकारी नैनीताल, कुमाऊं कमिश्नर नैनीताल और निबंधक नैनीताल को भी प्रेषित की गई है। उप जिलाधिकारी अनुराग आर्य ने महिलाओं को आश्वासन दिया कि वह अपने स्तर से इन सभी मुद्दों पर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे ।

बृहस्पतिवार को ज्येष्ठ उप प्रमुख धारी संजय बिष्ट के नेतृत्व में कुछ जनप्रतिनिधियों ने उपजिलाधिकारी से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा गया है कि तहसील क्षेत्र के अंतर्गत पिछले कई वर्षो से जमीन की खरीद फरोख्त चली आ रही है। जिसमें जमीन बेचने वाले परिवार की महिला सदस्यों की सहमति नहीं ली जाती है। उन्होंने मांग की कि अब महिलाओं की सहमति के बिना जमीनें ना बेची जाएं। जमीन बेचे जाने से उन्हें आर्थिक नुकसान के साथ आजीविका चलाने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने एसडीएम से लिखित सहमति करने के लिए अपने स्तर से कार्यवाही करने की मांग की। पत्र में यह भी कहा कि जिन बाहरी व्यक्तियों द्वारा क्षेत्र में जमीन जिस प्रयोजन के लिए खरीदी जाती है। उसका उपयोग बाद में भवन निर्माण होने के बाद नहीं किया जाता है। वहीं सरकार को चूना लगाते हुए यह बिल्डर व बाहरी लोग होमस्टे अथवा होटल बनाकर आर्थिक लाभ उठा रहे है। उन्होंने कहा जिस प्रयोजन के लिए जमीन खरीदी जाती है। उसी प्रयोजन पर उसको कार्य में लेना चाहिए। ऐसा न करने से लाखों का राजस्व नुकसान सरकार को हो रहा है। साथ ही कहा बाहरी लोगों द्वारा अपनी जमीन से लगी हुई सिविल भूमि अथवा वन पंचायतों पर अवैध रूप से कब्जा कर निर्माण कार्य किया गया है। कुछ स्थानों पर तो जमीनों की रजिस्ट्री कही और की है ,जबकि निर्माण कार्य कही और किया गया है। उन्होंने इसकी भी जांच कराने की मांग की है। ज्ञापन सोंपने वालों में ग्राम सरपंच हंसा लोधियाल, तुलसी बिष्ट, महेश बिष्ट, राजेंद्र सिंह व पंकज बिष्ट आदि लोग मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें : रक्षाबंधन पर आशा बहनों-आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 1-1 हजार रुपए का तोहफा…

-किशोरियों के लिए सरकार जल्द लाएगी सैनेटरी नैपकिन योजना
नवीन समाचार, देहरादून, 2 अगस्त 2020। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रक्षाबंधन के पर्व पर पूर्व की तरह महिलाओं की सुविधा के लिये रक्षाबंधन के अवसर पर उन्हें उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा के साथ ही आशा बहनों एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को उनके खातों में एक-एक हजार रुपए देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री रावत ने रविवार को कहा कि महिलाओं की सुविधा के लिये रक्षाबंधन के अवसर पर उन्हें उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा करने की सुविधा के साथ ही किशोरियों के लिए बहुत जल्दी सेनेटरी नैपकिन योजना लाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सैकड़ों बहनों को बद्रीनाथ, केदारनाथ, जागेश्वर धाम, गर्जिया मन्दिर, चंडी देवी मंदिर सहित अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में प्रसाद बनाकर अपनी आजीविका चलाने का मौका दिया गया है। सरकार ने उन्हें मौका दिया है कि उनके द्वारा तैयार किये गये प्रसाद को ही श्रद्धालु भगवान को भोग के रूप में चढ़ाएं। इसी राज्य की महिलाओं व महिला समूहों को 5 लाख रूपये तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है।

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यह भी पढ़ें : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: ‘हल्लोरी’ से बयां हुआ पहाडी़ महिलाओं का दर्द, लड़कियों ने बताया-क्यों हैं वह ‘बेबाक, बकैत व घुमंतू’…

-भकार व हुड़का प्रोडक्शन के बैनर तले बनी वीडियो फिल्म ‘हल्लोरी’ का हुआ शुभारंभ

नवीन समाचार, नैनीताल, 8 मार्च 2020। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर रविवार को पहाड़ की परंपरागत लोरी ‘हल्लोरी’ की वीडियो लांच की गई। खास बात हल्लोरी की वीडियो में है, जिसमें पहाड़ के गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी की वजह से झेली जा रही समस्याओं का हृदयस्पर्शी चित्रण किया गया है। खास बात यह भी रही कि महिला दिवस के आयोजन में महिलाओं से अधिक पुरुषों की मौजूदगी रही।

देखें पूरी फिल्म :

रविवार को नगर पालिका सभागार में भकार व हुड़का प्रोडक्शन के बैनर तले बनी वीडियो फिल्म ‘हल्लोरी’ के शुभारंभ के अवसर को महिला दिवस के रूप में आयोजित किया गया। गीत के गायक व संगीतकार कमल जोशी ने बताया कि हल्लोरी गीत की परिकल्पना मूलतः पहाड़ के ‘सातूं-आठूं’ पर्व पर महिलाओं द्वारा परंपरागत तौर पर गाए जाने वाले हल्लोरी से ली गई है। करीब नौ महीने की अवधि में तैयार हुए गीत का फिल्मांकन भारती जोशी के निर्देशन में निकटवर्ती गांव-भवालीगांव में किया गया है। वीडियो फिल्म की शुरुआत प्रसव पीड़ा से बिलखती एक महिला को चारपाई पर पहाड़ी पगडंडियों व गाड़-गधेरों के रास्तों से ‘जीते जी चार कंधों पर’ ढोकर अस्पताल ले जाते दृश्य से होती है। महिला एक बच्ची को जन्म देकर मर जाती है। बच्ची को उसका पिता अकेले खुद हल्लोरी गीत के बीच पालता है। बच्ची डॉक्टर बन कर घर आती है। तभी एक अन्य महिला को प्रसव के लिए उसी तरह चारपाई पर अस्पताल ले जाते देखकर पिता अपनी पत्नी को याद करता हुआ बेटी से प्रसव कराने को कहता है। आखिर कल्पना की गई है कि बेटी अपनी ही मां का प्रसव कराकर स्वयं को पैदा कराती है। पूरी फिल्म दर्शकों की आंखों को कई बार नम कर देती हैं, अलबत्ता 9 मिनट से अधिक लंबी वीडियो गीत के लिहाज से अधिक है। इस लघु फिल्म के रूप में भी बनाया जा सकता था। फिल्म का शुभारंभ फिल्म में प्रसूता की मुख्य भूमिका निभाने वाली भवालीगांव की ग्रामीण कंचन बिष्ट के हाथों फिल्म की कलाकार उनकी बेटी रश्मि बिष्ट, पंकज भट्ट, प्रियंका बिष्ट आदि के साथ किया। इस दौरान महिला छायाकार विनीता यशस्वी व अदिति खुराना के छायाचित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। विनीता, डीएसबी परिसर की शोधार्थी कविता व प्रो. नीरजा टंडन आदि ने भी विचार रखे एवं कहा कि महिलाएं देवी नहीं मनुष्य के रूप में बराबरी चाहती है, जिन्हें दर्द व कष्ट भी होते हैं। वे स्वच्छंदता नहीं स्वतंत्रता चाहती हैं। साथ ही बताया कि क्यों वे ‘बेबाक, बकैत व घुमंतू’ लड़कियां हैं। क्यों महिलाओं की छवि उनके परिधानों, घरेलू होने और न बोलने तक सीमित है। उनसे आवाज उठाने का आह्वान भी किया गया। इस मौके पर पूर्व विधायक डा. नारायण सिंह जंतवाल, कैलाश जोशी, सिने कलाकार ललित तिवारी, महेश जोशी, जहूर आलम, इदरीश मलिक, मिथिलेश पांडे, मदन मेहरा, हरीश राणा, मुकेश धस्माना व प्रमोद प्रसाद सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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